RE: Desi Kahani अनोखा रिश्ता... अनोखी चाहत
दूसरी तरफ़ समीना को अपनी कैफ़ियत का अंदाज़ा अपने जिस्म के हौले-हौले गरम होने और उसकी चूत के अंदर पैदा होने वाले गीलेपन से हो रहा था। उसे इस तरह नंगी हालत में अपने किसी दूसरे के सामने अपने खूबसूरत जिस्म की नुमाइश करना अच्छा लग रहा था। उसे इस बात से भी कोई फ़र्क़ महसूस नहीं हो रहा था कि उसके इस खूबसूरत जिस्म का नज़ारा करने वाला कोई इंसान नहीं बल्कि एक जानवर... एक कुत्ता था। उसे तो बस यही पता था कि उसे ये सब कुछ अच्छा लग रहा था... और उसका जिस्म एक बार फ़िर से टॉमी की ज़ुबान को महसूस करना चाहता था... फ़िर से उसकी ज़ुबान से मिलने वाले मज़े को हासिल करना चाहता था... मगर कैसे... कैसे वो टॉमी के दोबारा बुलाये... उसकी इस में हिम्मत नहीं पैदा हो रही थी।
लेकिन समीना को ज्यादा देर इंतज़ार और फिक्र नहीं करनी पड़ी क्योंकि बे-ज़ुबान मगर समझदार टॉमी शायद अपनी मालकिन की ख्वाहिश और झिझक को समझ गया था। इसी लिये वो अपनी जगह पे उठ के खड़ा हुआ... सोफ़े पर ही... अपने जिस्म को खींचते हुए एक अंगड़ायी ली और फ़िर सोफ़े से नीचे उतर आया और अपनी चारों टाँगों पर आहिस्ता-आहिस्ता बेड की तरफ़ चलने लगा। ये देख कर समीना का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। उसे थोड़ी घबड़ाहट सी होने लगी मगर फ़िर भी वो बिना कोई हरकत किये बेड पर अपनी जगह लेटी रही... टॉमी की तरफ़ उसकी आँखों में देखती हुई।
समीना सारा दिन घर पर रहते हुए अपना इंटरनेट भी इस्तेमाल करती रहती थी और अपने वक़्त गुज़ारी के लिये इंटरनेट पर नंगी फ़िल्में भी देखती थी और कईं बार तो जमाल भी उसके साथ ये सब कुछ देखता था। इसलिये ऐसी बात भी नहीं थी कि समीना को इंसानों के जानवरों के साथ चुदाई करने का इल्म नहीं था बल्कि वो इंटरनेट पर कईं बार खूबसूरत लड़कियों को कुत्तों, घोड़ों, गधों, बकरों और दूसरे जानवरों से चुदते हुए और उनके लौड़े चूसते हुए देख चुकी थी। लेकिन उसे यक़ीन था कि ये कुत्ता उसके साथ वैसा कुछ नहीं करेगा और ना ही उसने खुद ऐसा कुछ करने का सोचा था कि वो कुत्ते के साथ इस हद तक जायेगी। वो तो बस अपने जिस्म पर टॉमी की लंबी और खुरदरी ज़ुबान की रगड़ का मज़ा लेना चाहती थी... और इससे आगे कुछ नहीं।
समीना की नज़रें टॉमी की नज़रों से मिली हुई थीं और वो उसे अपनी तरफ़ आता हुआ देख रही थी। टॉमी समीना के बेड के करीब आकर खड़ा हो गया। समीना का पैर बेड के किनारे पर था। टॉमी ने अपना बड़ा सा मुँह आगे ला कर उसके सैंडल और पैर को अपनी नाक के साथ ज़ोर-ज़ोर से सूँघा तो समीना के पूरे जिस्म में सनसनाहट फैल गयी। अगले ही लम्हे टॉमी ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और अपनी लंबी ज़ुबान से समीना के सैंडल के तलवे और फिर उसके पैर के ऊपर एक बार लंबा चाटा। समीना का पूरा जिस्म काँप सा गया। उसने अपना पैर थोड़ा पीछे खींच लिया... बेड के किनारे से दूर। जैसे ही समीना का सैंडल पहना हुआ गोरा-गोरा पैर टॉमी के मुँह से दूर हुआ तो उसने एक बार समीना की तरफ़ देखा। उसके मुँह से हल्की सी गुर्राहट निकली... जैसे उसे समीना की ये हरकत पसंद नहीं आयी हो और अगले ही लम्हे टॉमी ने एक छलांग लगायी और समीना के बेड पर चढ़ गया। समिना!
टॉमी समीना के नरम-नरम बिस्तर पे चढ़ा हुआ था। उसका भारी भरकम जिस्म जैसे पूरे बेड को कवर कर रहा था। उसके सामने बेड पर सिर्फ़ ब्रा, पैंटी और ऊँची हील वाले सैंडल पहने लेटी हुई समीना को अपना जिस्म उसके मुकाबले में बहोत छोटा लग रहा था। सच मनो तो समीना को अब टॉमी से थोड़ा-थोड़ा खौफ़ सा भी महसूस होने लगा था। खौफ़ आता भी क्यों नहीं। एक तो वो जानवर था... इतने नोकीले लंबे-लंबे दाँतों वाला... और फ़िर उसका जिस्म भी समीना के नाज़ुक जिस्म से ज्यादा ताक़तवर और वज़नी था। समीना हौले से आवाज़ निकालती हुई कसमसायी, “ट...ट...टॉमी ये... ये... ये क्या कर रहे हो... चलो नीचे उतरो बेड से!”
समीना की आवाज़ में अपने पालतू जानवर के लिये हुक्म नहीं था। बल्कि उसकी आवाज़ से तो ऐसा लग रहा था कि जैसे वो टॉमी की मिन्नत कर रही हो बिस्तर से नीचे उतरने के लिये। मगर वो दरिंदा तो इस वक़्त अपनी मालकिन की कोई भी बात सुनने और मानने को तैयार नहीं था। उसने दोबारा से अपना मुँह नीचे किया और अपनी ज़ुबान बाहर निकाल कर समीना के सैंडल कि पट्टियों में से उसके पैर को चाटने लगा। कभी उसके सैंडल के तलवे को चाटता और कभी पैर के ऊपरी हिस्से को। आहिस्ता-आहिस्ता टॉमी की ज़ुबान समीना के पैर से ऊपर को आने लगी और उसकी टाँग के निचले हिस्से को चाटने लगी। टॉमी की ज़ुबान तेज़ी के साथ उसके मुँह के अंदर-बाहर हो रही थी और वो तेज़ी से समीना की टाँग को चाट रहा था। आहिस्ता-आहिस्ता वो और ऊपर को जाने लगा और उसके घुटने को चाटते हुए उसकी नंगी गोरी रान पर आ गया और उसकी ज़ुबान अब समीना की रानों का चाटने लगी... कभी एक रान तो कभी दूसरी रान को चाटती।
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