RE: Desi Kahani अनोखा रिश्ता... अनोखी चाहत
अब टॉमी की आवाज़ में कोई गुर्राहट नहीं थी। बल्कि वो तो बहोत ही प्यार के साथ समीना की रानों को चाट रहा था। समीना को जो थोड़ी देर पहले टॉमी से थोड़ा-सा खौफ़ महसूस हो रहा था वो भी जाता रहा था। बल्कि अब उसके मुँह से हल्की हल्की सिसकारियाँ निकल रही थीं। उसकी टाँगें खुद-ब-खुद ही खुलती जा रही थीं... टॉमी की ज़ुबान को अपनी रानों के दर्मियान का हिस्सा दिखाने के लिये कि वो वहाँ भी अपनी ज़ुबान का जादू चलाये। और टॉमी ने भी अपनी प्यारी सी खूबसूरत सी मालकिन को मायूस नहीं किया था। वो अब समीना की रानों का अंदर का हिस्सा भी चाट रहा था। उसकी ज़ुबान समीना की चूत के करीब हरकत कर रही थी मगर एक बार भी उसकी ज़ुबान समीना की चूत से नहीं टकरायी थी। समीना की चूत ने गरम होते हुए थोड़ा-थोड़ा पानी छोड़ना शुरू कर दिया था। उसकी चूत के पानी की मखसूस महक टॉमी को भी आ रही थी और फ़िर उसने अपनी थूथनी समीना की पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पे रखी और समीना की चूत को सूँघने लगा।
जैसे ही टॉमी का मुँह समीना की चूत से टकराया तो समीना को बहोत ही अजीब सा मगर बहोत ही अच्छा लगा। उसका दिल चाहा कि जैसे टॉमी अपना मुँह उसके पैरों पर हमेशा रगड़ता है वैसे ही यहाँ उसकी चूत को भी अपने मुँह से ज़ोर ज़ोर से रगड़ दे। टॉमी ने अपना मुँह समीना की चूत के ऊपर उसकी पैंटी के ऊपर से ही रगड़ा। अपनी लंबी सी ज़ुबान बाहर निकाली और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत के फूले हुए हिस्से को दो-तीन बार चाटा और फ़िर उसके नंगे पेट की तरफ़ बढ़ा। समीना की चूत उसकी मोटी ज़ुबान के चाटने से फड़कने लगी थी। उसके अंदर जैसे पानी-पानी सा होने लगा था। जैसे ही टॉमी ने अपना सिर हटाया तो समीना का दिल चाहा कि वो उसकी चूत को और भी कुछ देर के लिये चाटे मगर टॉमी ने इस बार अपनी मालकिन की ख्वाहिश का एहतराम नहीं किया और अपने मुँह को समीना की चूत पर से हटा कर आगे ऊपर की तरफ़ बढ़ गया।
टॉमी अब बेड पर ही चलता हुआ समीना के मुँह के करीब आ चुका था। उसने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और समीना के गाल को चाट लिया। टॉमी ने आज तक सिर्फ़ समीना के पैरों को ही चाटा था मगर आज वो उसके पैरों से आगे बढ़ आया था और उसके चेहरे... उसके गालों तक पहुँच गया था और अपनी लंबी गुलाबी खुरदरी ज़ुबान से समीना के गाल को चाट रहा था। समीना भी कोई मुज़ाहमत नहीं कर रही थी... उसे रोकने की कोई कोशिश नहीं कर रही थी। शायद इसलिये कि उसे खुद भी मज़ा आ रहा था टॉमी की ज़ुबान को अपने गालों पर महसूस करते हुए ।
टॉमी ने अपनी ज़ुबान को समीना के होंठों पर फेरते हुए उसके होंठों को चाटने की कोशिश करने लगा। आज पहली बार ऐसा हो रहा था कि टॉमी उसके होंठों को चाटना चाह रहा था, जोकि समीना के लिये नयी बात थी और थोड़ी मुश्किल भी। इसी लिये समीना उसका मुँह परे हटाने की कोशिश करने लगी ताकि टॉमी की ज़ुबान उसके होंठों को नहीं चाटे और वो अपना थूक उसके होंठों पर नहीं लगा दे। मगर टॉमी कहाँ मानने वाला था। उसने अपने अंदाज़ में ही समीना के साथ खेलते-खेलते अपनी पोज़िशन तबदील की और समीना के नाज़ुक से जिस्म को अपनी टाँगों के दर्मियान ले लिया... वो ऐसे कि अब समीना का जिस्म टॉमी की दोनों तरफ़ की टाँगों के बीच में था। टॉमी की अगली टाँगें समीना के सीने और उसकी दोनों बाज़ुओं के दर्मियान थीं और पिछली टाँगें उसके गोरे-गोरे चूतड़ों के गिर्द। टॉमी अब पूरी तरह से समीना के जिस्म पर छाया हुआ था। बिल्कुल ऐसा नज़र आ रहा था कि जैसे कोई मर्द समीना के जिस्म पर सवार हो उसे रौंदने के लिये... उसका रेप करने के लिये। अब दोबारा से टॉमी ने अपना मुँह नीचे ला कर समीना के होंठों को चाटना चाहा।
समीना टॉमी की इस पोज़िशन से घबरा गयी थी। वो डर गयी थी कि टॉमी जैसे सेहतमंद और भारी जिस्म के कुत्ते के नीचे थी वो। उसे डर लगने लगा के कहीं टॉमी उसे कोई नुकसान ही ना पहुँचा दे... कहीं अपने बड़े-बड़े नोकीले दाँतों के साथ उसे काट ही ना दे। इसी लिये वो थोड़ी सहम सी गयी और अब की बार जब टॉमी ने अपना मुँह नीचे ला कर समीना के होंठों को चाटने की कोशिश की तो समीना अपना मुँह उसके आगे से नहीं हटा सकी और अपने चेहरे को टॉमी के सामने बिल्कुल एक ही जगह पर रखते हुए खौफ़ज़दा नज़रों से उसकी आँखों में देखती रही। टॉमी ने जब देखा कि उसकी मालकिन अब कोई मुज़ाहमत नहीं कर रही है तो उसने अपनी लंबी सी ज़ुबान निकाली और समीना के गुलाबी पतले-पतले होंठों को चाटने लगा। उसकी लंबी खुरदरी गुलाबी ज़ुबान एक ही बार में उसके दोनों होंठों को और पूरे मुँह को चाट लेती और वो उसके होंठों को अपने थूक से गीला करने लगा।
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