Desi Kahani अनोखा रिश्ता... अनोखी चाहत
12-14-2017, 12:38 AM,
#12
RE: Desi Kahani अनोखा रिश्ता... अनोखी चाहत
मुज़ाहमत और इंकार... ये तो वहाँ होते हैं ना जहाँ इंसान को मज़ा नहीं आ रहा हो जबकि यहाँ... यहाँ तो समीना को इस सब में पूरा-पूरा मज़ा आ रहा था। टॉमी की ज़ुबान समीना की चूत पर चल रही थी और उसके पूरे जिस्म को जला रही थी उसमें पैदा होने वाली आग के साथ। समीना तो अपनी रानों को पूरा खोले हुए टॉमी के आगे पड़ी हुई थी और वो उसकी दोनों टाँगों के बीच में खड़ा... अपना सिर झुकाये... अपना मुँह समीना की चूत पर रखे हुए... अपनी लंबी ज़ुबान के साथ समीना की चूत को चाटता जा रहा था। टॉमी की लंबी ज़ुबान तेज़ी के साथ चल रही थी। कभी वो उसकी पूरी की पूरी चूत को अपनी ज़ुबान से एक साथ ही चाटने लगता और कभी उसकी चूत के ऊपरी हिस्से पर अपनी पूरी तवज्जो लगा देता। समीना की चूत के दोनों लबों के दर्मियान... बिल्कुल ऊपर के हिस्से में उसकी चूत का दाना... टॉमी की बेरहम खुरदरी ज़ुबान के रहम-ओ-करम पर था... जिसे टॉमी की ज़ुबान मुसलसल रगड़ रही थी... चाट रही थी और कुछ ही देर पहले तक टॉमी को रोकने का इरादा करने वाली समीना अब अपनी आँखें बंद किये हुए उसके सामने सिर्फ सैंडल पहने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी... तड़प रही थी... सिसक रही थी। मगर ये तड़प और सिसक किसी तकलीफ या दर्द के मारे नहीं थी बल्कि लज़्ज़त की वजह से थी और उसके मुँह से निकलने वाली तेज़ सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं। उसके दोनों हाथ टॉमी के सिर पर थे... उसे अपने से दूर करने के लिये नहीं बल्कि उसके मुँह को और भी अपनी तरफ़ खींचने के लिये।

कुछ ही देर में समीना ने अपनी दोनों टाँगें उठायीं और उनको टॉमी की कमर के ऊपर रखते हुए उसके हेवानी जिस्म को अपनी गोरी-गोरी नाज़ुक और सैक्सी टाँगों के बीच में दबाने लगी ताकि वो कहीं भाग ना जाये। समीना अपने सैंडल के तलवों और गोरे-गोरे पैरों के ऊपरी हिस्से के साथ टॉमी की नरम-नरम फ़र को सहला रही थी। उसके पैर उसकी पूरी कमर पर सरक रहे थे और कभी वहाँ से नीचे उसकी टाँगों को सहलाने लगती... कुछ भी ना सोचते हुए... बस आँखें बंद किये हुए। अपनी चूत पर उसकी ज़ुबान के मज़े लेते हुए उस जानवर के जिस्म को अपने पैरों से सहलाना उसे अच्छा लग रहा था। टॉमी के जिस्म और उसकी टाँगों को अपने सैंडल और पैरों के साथ सहलाते हुए पता नहीं कब और कैसे उसका पैर नीचे जाने लगा... टॉमी के पेट के नीचे की तरफ़ और ऐसे ही उसका पैर किसी सख्त सी चीज़ से टकराया... जिसकी समीना को फौरी तौर पे कुछ समझ नहीं आयी। वो उसे भी उसकी टाँग की कोई हड्डी ही समझी... सख्त सी लंबी सी। 

आँखें बंद थीं समीना की मगर दिमाग जैसे किसी नशे से बाहर आ रहा था और अपने पैरों के साथ इस चीज़ को जाँचने की कोशिश कर रहा था। जानने की कोशिश में था कि ये क्या है जो उसके पैरों के साथ टकरा रहा है। दोनों पैर अब उसके दिमाग की मदद कर रहे थे... इस चीज़ को कोई नाम देने के लिये और फ़िर समीना के दिमाग में एक छनका सा हुआ... लंड... लौड़ा... लन्न... एक साथ ही इस चीज़ के कईं नाम उसके दिमाग में आये और अचानक से ही उसके दोनों पैर इस चीज़ से दूर हट गये। मगर टॉमी की ज़ुबान की उसकी चूत पर रगड़ और चूत से बहते हुए चिकने पानी ने उसे सब कुछ एक बार फ़िर से भूलने पर मजबूर कर दिया और वो फ़िर से सिसकने लगी। थोड़ी ही देर में उसका पैर एक बार फ़िर से टॉमी के पेट के नीचे उसके लंड की तरफ़ बढ़ा और अगले ही लम्हे उसके पैरों ने एक बार फ़िर से टॉमी के लंड को छूना शुरू कर दिया... आहिस्ता-आहिस्ता... टॉमी को डिस्टर्ब किये बिना। फ़िर वो आहिस्ता-आहिस्ता टॉमी के लंड को अपने दोनों पैरों के बीच में ले कर... एक सैंडल के तलवे से दूसरे पैर के ऊपर दबाते हुए... सहलाने लगी। टॉमी की ज़ुबान के लम्स के साथ ही वो अपनी मंज़िल को पहुँच रही थी। उसकी चूत के अंदर गर्मी बढ़ती जा रही थी और वो पानी छोड़ने वाली थी। 

अगले ही लम्हे समीना ने मज़बूती से टॉमी के सिर को अपने हाथों से जकड़ लिया और फ़िर उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। चंद लम्हों में ही समीना का जिस्म ढीला पड़ने लगा। उसकी साँसों की रफ़्तार तेज़ हो गयी। वो लंबे-लंबे साँस लेती हुई अब खुद को नॉर्मल कर रही थी और टॉमी अपनी ज़ुबान के साथ समीना की चूत से निकलने वाला गाढ़ा-गाढ़ा पानी चाटता जा रहा था। चूत का पानी निकलने के बाद समीना ने टॉमी को खुद से आहिस्ता से पीछे को ढकेला और इस बार टॉमी उसको छोड़ कर उससे दूर हो गया... मगर उसके सिर की तरफ़... उसके हाथों की पहोंच में ही उसके करीब बैठ कर हाँफने लगा। उसका जिस्म भी हिल रहा था और ज़ुबान भी बाहर लटक रही थी। समीना उसी की तरफ़ देख रही थी... बड़े ही प्यार से... बड़ी ही चाहत से... क्योंकि आज जिस कदर इस जानवर ने उसे मज़ा दिया था वो उसे कभी पहले नहीं आया था और इस मज़े के लिये वो दिल से टॉमी की शुक्र गुज़ार थी। वहाँ क़लीन पर से उठने को उसका दिल भी नहीं कर रहा था... चेहरे पर सुकून ही सुकून था... और एक मुस्कान...!
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Kahani अनोखा रिश्ता... अनोखी चाहत - by sexstories - 12-14-2017, 12:38 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 2,114 5 hours ago
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 1,498 5 hours ago
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 15,358 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 7,360 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 5,028 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,758,821 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,743 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,344,669 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,879 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,806,631 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 4 Guest(s)