RE: Desi Kahani अनोखा रिश्ता... अनोखी चाहत
समीना का बेडरूम अजीब मंज़र पेश कर रहा था। समीना जैसी खूबसूरत औरत अपने खूबसूरत जिस्म के साथ बिल्कुल नंगी... सिर्फ़ ऊँची पेन्सिल हील की सैंडल पहने अपने कमरे के कार्पेट पर पड़ी हुई थी और उसका वफ़ादार कुत्ता उसके करीब ही बैठा हुआ था। चूत का पानी निकलने के बाद समीना ने अपना सिर घुमा के टॉमी की तरफ़ देखा और फ़िर मुस्कुरा के अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसके मुँह को सहलाने लगी। कुत्ता भी अपनी मालकिन की तरफ़ से अपने काम को... अपनी करकरदगी को पसंद किये जाने पर खुश हो रहा था। समीना आहिस्ता-आहिस्ता उसके सिर को सहला रही थी। समीना मुस्कुराते हुए उसको देखते हुए अपनी उंगली को उसके नोकीले दाँतों पर फिराने लगी। उसे थोड़ा अजीब लग रहा था मगर उसे ये भी पता था... ये भी एहसास था कि उसके उन दाँतों ने उसे किस तरह मज़ा दिया था... उसके मम्मों को काटते हुए।
टॉमी के मुँह पर से समीना का हाथ उसकी गर्दन पर आ गया और फिर उसके पेट को सहलाने लगी। जब समीना की नज़र टॉमी की खुली और फ़ैली हुई टाँगों पर पड़ी... और उसे वहाँ वो ही चीज़ नज़र आयी जिसे वो थोड़ी देर पहले अपने पांव और सैंडल से सहला रही थी। समीना की नज़र उसी पर जम कर रह गयी... टॉमी के लंड पर! वो उसे देखे जा रही थी... बिना किसी और तरफ़ देखे... बिना अपनी पलकें झपकाये। वो सुर्ख रंग का लंबा सा... चमकता हुआ किसी हड्डी की तरह ही लग रहा था। मगर इस वक़्त बहोत ज्यादा अकड़ा हुआ नहीं था फ़िर भी काफ़ी लंबा लग रहा था। करीब-करीब आठ इंच तो होगा वो इस वक़्त भी। आगे से बिल्कुल पतला सा नोकदार और पीछे को जाते हुए मोटा होता जाता था... फैलता जाता था। उसके लंड के अगले सुराख में से भी हल्का-हल्का पानी रिस रहा था। समीना का हाथ अभी भी टॉमी के जिस्म पर था और उसकी पसलियों को सहला रहा था। समीना का हाथ आहिस्ता-आहिस्ता आगे को सरकने लगा... टॉमी के लंड की तरफ़! उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। वो खुद को रोकना चाह रही थी मगर उसका जिस्म उसके काबू में नहीं था। हाथ आहिस्ता-आहिस्ता सरकता हुआ आगे को बढ़ रहा था। चंद लम्हों में ही समीना का हाथ टॉमी के लंड के करीब पहुँच चुका हुआ था। अपने धड़कते हुए दिल के साथ समीना ने अपनी उंगली से उसके लंड की नोक को छुआ और फ़ौरन ही अपना हाथ वापस खींच लिया... जैसे उसमें कोई करंट हो... या जैसे उसका लंड उसकी उंगली को काट लेगा... या उसे डंक मार देगा! मगर टॉमी के लंड में ज़रा सी हरकत पैदा होने के सिवा और कुछ भी नहीं हुआ। उसका लंड वैसे का वैसे ही उसकी रान के ऊपर पड़ा रहा।
कुछ ही देर के बाद समीना ने दोबारा से अपनी उंगली से टॉमी के लंड को छूना शुरू कर दिया। इस पोज़िशन में लेटे हुए समीना का हाथ बड़ी ही मुश्किल से टॉमी के लंड तक पहुँच रहा था। कुछ सोच कर समीना थोड़ा सी हरकत करते हुए टॉमी के जिस्म के निचले हिस्से की तरफ़ सरक गयी। अब उसकी उंगली बड़ी आसानी के साथ टॉमी के पूरे लंड पर सरक रही थी... उसे सहला रही थी। समीना ने टॉमी के चेहरे की तरफ़ देखा मगर उस जानवर ने कौनसा कोई अपने चेहरे से तासुरात देने थे जो वो समीना की हरकत से खुशी का इज़हार करता। लेकिन एक बात की समीना को तसल्ली थी कि टॉमी कोई नापसंदीदगी भी नहीं दिखा रहा था और उसी की तरफ़ देखते हुए समीना के हाथ की पूरी उंगलियाँ उसके लंड के गिर्द लिपट गयीं। बहोत ही गरम... चिकना-चिकना और सख्त और लंबा और मज़बूत महसूस हो रहा था उसे टॉमी का लंड। समीना ने उसे अपने हाथ में ले कर आहिस्ता-आहिस्ता अपनी मुठ्ठी के अंदर ही उसे आगे पीछे करना शुरू कर दिया। टॉमी का लंड उसकी मुठ्ठी में आगे पीछे को सरक रहा था और उसके लंड के चिकनेपन से समीना का हाथ भी चिकना हो रहा था। उसके लंड को महसूस करती हुई वो उसका मवाज़ना इंसानी लंड के साथ भी कर रही थी यानी अपने शौहर के लंड के साथ और बिना किसी चीज़ को नापे वो आसानी से कह सकती थी कि टॉमी का लंड उसके शौहर के लंड से लंबा और मोटा है।
समीना के सहलाने से... उसकी मुठ मारने से... टॉमी को भी शायद मज़ा आने लगा था। वो पहले तो उसी तरह लेटा रहा मगर फ़िर अपनी जगह से उठ कर खड़ा हो गया। समीना अभी भी टॉमी के करीब नीचे कार्पेट पर ही लेटी हुई थी और अब टॉमी उसके सामने खड़ा था। मगर अब समीना को उससे कोई भी... किसी किस्म का भी खौफ़ महसूस नहीं हो रहा था। उसके अचानक उठ कर खड़ा होने से उसका लंड समीना के हाथ से निकल गया था मगर उसे अपनी जगह से कहीं आगे ना जाते हुए देख कर समीना ने एक बार फ़िर से उसका लंड पकड़ लिया और आहिस्ता-आहिस्ता उसे सहलाने लगी। टॉमी अगर अपने लंड को अभी भी समीना के हाथ में दिये रखना चाहता था तो समीना का दिल भी उसके लंड को अपने हाथ से छोड़ने को नहीं चाह रहा था। अब वो नीचे कार्पेट पर पड़ी हुई टॉमी के पेट के नीचे उसके फ़र में से खाल में हो रहे हुए सुराख में से निकालते हुए लंड को देख रही थी... उसे छू रही थी और अपने हाथ में ले कर एक बार फ़िर से उसे आगे-पीछे कर रही थी। टॉमी के लंड में से निकलने वाला कोई लेसदार सा मवाद... साफ़ ज़ाहिर है कि... टॉमी की मनी ही थी वो... निकल-निकल कर समीना के हाथ पर लग रही थी। मगर वो अपनी ही इस नयी दुनिया में मगन... उसे अपने हाथ आयी हुई ये नयी चीज़ अच्छी लग रही थी। समीना को महसूस हुआ कि अब टॉमी का लंड पहले की निस्बत अकड़ चुका हुआ है... और भी सख्त हो चुका है! समीना का हाथ उसके लंड पर पीछे को जाने लगा... उसकी जड़ तक... और पीछे उसे कुछ और ही चीज़ महसूस हुई... कुछ मोटी सी... गोल सी... बहोत बड़ी सी! समीना अब थोड़ा और भी टॉमी के लंड की तरफ़ सरक आयी। काफ़ी करीब पहुँच चुकी थी वो उसके लंड के और अब वो उसकी तरफ़ देखने लगी। ये टॉमी के लंड का आखिरी हिस्सा था जोकि किसी गेंद की तरह मोटा और फूला हुआ था... मुर्गी के अंडे के जितना मोटा और बड़ा। अब बहोत करीब से टॉमी का लंड देखने पर उसे और भी ये अजीब लग रहा था। लंबा सा मोटा सा हथियार था कुत्ते का जिस पर छोटी-छोटी रग़ें ही रग़ें थीं.... गहरे नीले रंग की! उन गहरी नीली रग़ों की तादाद इतनी ज्यादा थी उसके लंड पर कि उसके लंड का सुर्ख रंग अब जामुनी सा हो रहा था।
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