RE: Desi Kahani अनोखा रिश्ता... अनोखी चाहत
ज़हरा: “अरे लेकिन-वेकिन कुछ नहीं... बस मज़े लो... कुछ भी नहीं होगा... किसी को कुछ पता नहीं चलेगा...!!”
समीना: “ओके... बाय... फ़िर बात करेंगे!”
समीना ने फोन बंद कर दिया। उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था मगर ज़हरा से बातें करके और ये जान कर उसे काफ़ी सुकून मिला था कि वो अकेली नहीं है... किसी और ने भी टॉमी के साथ चुदाई की हुई है... और वो भी ज़हरा ने... जो इतने सालों से अमेरिका में जरूर रहती है लेकिन है तो उसी की तरह पाकिस्तानी ही... ये जान कर उसके चेहरे पर सुकून वाली मुस्कुराहट फैल गयी।
अब समीना का अंदाज़ ही कुछ अलग था। वो कुछ अलग ही सोच में थी। अपने शौहर जमाल के साथ नाश्ता करते हुए भी वो पास ही ज़मीन पर बैठे हुए टॉमी को देख-देख कर मुस्कुरा रही थी। जमाल अपने नाश्ते में मगन था और साथ-साथ अपनी हसीन-ओ-जमील बीवी से बातें भी कर रहा था। उस बेचारे को क्या पता था कि उसकी इतनी खूबसूरत बीवी एक कुत्ते से चुदवा रही है! कुछ ही देर में जमाल खान ने नाश्ता किया और अपने दफ़्तर चला गया। जमाल के जाते ही समीना ने घर का अंदर का दरवाज़ा लॉक किया। फिर लाऊँज में अलमारी में से शराब... वोडका की बोतल और एक गिलास लेकर अपने कमरे में आ गयी। इस वक़्त भी टॉमी दरवाजे के करीब ही खड़ा था... अंदर आने के लिये। मगर समीना ने मुस्कुरा कर उसे देखते हुए दरवाज़ा बंद कर लिया और कमरे का भी अंदर से लैच लगा लिया ताकि टॉमी अंदर ना सके। शायद आज वो अपने इस महबूब को कुछ तड़पाना चाहती थी। अंदर कमरे में आकर समीना ने अपने जिस्म पर पहना हुआ नाइट गाऊन उतार कर बेड पर फेंक दिया... सैंडल भी उतार दिये और नंगी... बिल्कुल नंगी हालत में शराब की बोतल और गिलास लेकर बाथरूम में घुस गयी। आलीशान बाथरूम में बड़ा सा बाथ-टब था। समीना ने उसमें पानी भरा और साबुन डाल कर झाग बना के बबल-बाथ तैयार किया और फिर उसमें बैठ कर गिलास में शराब भर कर के पीते हुए नहाने लगी। वैसे तो इतनी सुबह वो शराब नहीं पीती थी लेकिन आज वो नशे में मदहोश होकर.. मस्त होकर... अपने टॉमी... अपने कुत्ते... अपने महबूब... के साथ चुदाई का पूरा मज़ा लेना चाहती थी।
करीब आधे घंटे तक वो नहाती रही और इस दौरान उसने काफी शराब.. करीब आधी बोतल पी ली थी। जब वो बाथ-टब से बाहर निकली तो नशे की हालत में थी जो उसे बेहद खुशनुमा लग रहा था... काफी हल्का महसूस कर रही थी...। तौलिये से जिस्म सुखा कर वो बाथरूम से बाहर आयी और हस्ब-मामूल सबसे पहले पैरों में ऊँची पेंसिल हील के सैंडल पहने। फिर वैसे ही बिल्कुल नंगी आईने के सामने बैठ गयी और नशे की मस्ती में हल्का-हल्का गुनगुनाते हुए मेक-अप करने लगी... खुद को बनाने संवारने लगी। उसके दिल की हालत भी अजीब सी हो रही थी ये सोच-सोच कर कि वो... उस जैसी खूबसूरत और जवान औरत... एक कुत्ते को अपना महबूब मानती हुई उसके लिये तैयार हो रही है... उससे चुदने के लिये... उसको सुकून पहुँचाने के लिये... और उसके जिस्म से अपने जिस्म को सुकून देने के लिये! मगर ये सब कुछ सोचते हुए भी उसे बुरा नहीं लग रहा था बल्कि एक मुस्कुराहट थी जो उसके होंठों पर खेल रही थी। मेक-अप करके... अपने होंठों पर लिपस्टिक लगा कर तैयार हुई और खुद को आईने में देखने लग। अपनी तैयारी और अपनी खूबसूरती को देख कर वो खुद भी शरमा गयी... और फिर शोखी से मुस्कुराते हुए अपने निचले होंठ दाँतों में दबा लिये।
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