11-20-2017, 11:51 AM,
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RE: Desi Kahani ग्रेट गोल्डन जिम
गतान्क से आगे....
दीपा राइ की चिकनी गुलाबी मस्त चूत
थोड़ी ही देर मे उनकी आँखें सॅटिस्फॅक्षन से बंद हो गई और वो थोड़ी देर के लिए सो गई. मैं वही करीब पड़े सोफे पे बैठ गया और उसी मॅगज़ीन के पन्ने पलटने लगा जिस्मै चुदाई के फोटोस थे. फोटोस देखते देखते मेरा लंड एक बार फिर से अंगड़ाई ले के खड़ा हो गया. मैं ने देखा के दीपा गहरी नींद सो रही थी पर मैं क्या करता मेरा लंड तो जाग गया था. मैं सोफे से उठा और उनकी चूत को किस करने लगा. मेरा मूह उनकी चूत से लगा और उनका हाथ इन्वोलंटराइली मेरे सर पे आ गया और अपनी टाँगें मेरी बॅक से लपेट ली. मैं उनकी चूत को बड़ी मस्ती से चाट रहा था और वो भी अपनी गंद उचका उचका कर मेरे जीभ के मज़े ले रही थी. थोड़ी ही देर मे वो इतनी उत्तेजित हो गई के मेरे बालो को पकड़ के ऊपेर की ओर खेचने लगी तो मैं समझ गया के अब इस चूत को लंड चाहिए. मैं उनके ऊपेर झुक गया और अपने लंड को उनकी बे-हाल लाल चूत के सुराख मे लंड का सूपड़ा अटका दिया और. उनके मूह मे अपनी जीभ डाल के किस करने लगा और फिर एक ही धक्के मे उनकी चूत के अंदर लंड को पूरा जड़ तक पेल दिया.
ऐसा झटका लगने से उनकी आँखें पूरी तरह से खुल गई और मेरे बॅक को अपने हाथो से और मेरे चूतदो को अपनी टाँगो से अपनी ओर दबाने लगी. मैं घचा घच चोदने लगा और उनकी चूत से रस टपकता रहा. शाएद 20 या 25 मिनिट के पवरफुल चुदाई के बाद मैं भी उनकी चूत के अंदर ही झाड़ गया और थोड़ी देर तक उनके ऊपेर ही आँखें बंद करके गहरी गहरी साँसें लेता पड़ा रहा.
मैं अपने ख्यालो मे था के मेरे हाथ पे आनी ने चुटकी ली तो मैं अपने सपनो से वापस आ गया. दीपा से मुलाकात और उनकी चुदाई का सोचते सोचते मैं ने जो टवल लपेटा था उसमे से मेरा लंड टेंट बना चुका था. आनी कभी मुझे देखती तो कभी मेरे आकड़े हुए लंड से बने टेंट को. मैं ने पूछा क्या हुआ वॉट डू यू वॉंट. तो उसने बोला के आक्च्युयली कॉलेज मे मेरा पैर स्लिप हो गया था, मैं
स्टेर्स से गिर गई थी तो कमर लचक गई है और आगे और पीछे से थाइस के मसल्स स्ट्रेन कर रहे है तो मैं ने बोला के कही कोई हड्डी ना फ्रॅक्चर हुई हो तो उसने बोला के नही हड्डी मे कुछ नही मस्क्युलर पेन है बॅस मुझे थोड़ा मालिश करदो तो ठीक हो जाउन्गी. मुझे उसके सामने वाले थाइस के पास जो स्पंद्रेल शॉर्ट था वाहा मुझे रगर के निशान नज़र आए तो मैं समझ गया के थाइ के सामने की हिस्से मे भी मार लगी है. मैं ने उसको बोला के अरे बेबी आप खड़ी क्यों है बैठिए ना तो उसने बोला के अरे मिसटर मैं बेबी नही हू 12थ क्लास मे हू बड़ी हो गई हू और तुम मुझे अभी भी बेबी समझ रहे हो तो मैं हंस पड़ा और बोला के ओके मिस आनी आप खड़ी क्यों है बैठिए ना सोफे पे तो उसने बोला के मुझे दरद ज़ियादा हो रहा है प्लीज़ जल्दी से मालिश करदो ना. तो मैं ने बोला के ठीक है प्लीज़ वेट करे मैं अभी कर देता हू. मैं ने पूछा के वो तुम्हारे साथ कॉन थी तो उसने बोला के वो मेरी कज़िन है सुनीता राइ उसको सोनी कहते है. मैं ने पूछा कोन्सि कज़िन फर्स्ट या अभी मैं सेंटेन्स भी पूरा नही कर पाया था के उसने बोला के वो मेरी मौसी (खाला) की बेटी है मेरी मोम और उसकी मोम सग़ी बहने है और हम दोनो के डॅड एक दूसरे के भाई है. मुझे याद आ गया के उसकी मौसी का नाम रूपा राइ था. मैं एक बार फिर से अपने फ्लश बॅक मे चला गया.
एक टाइम रात मे जब सब मेंबर्ज़ और मसाजार लड़किया अपने अपने घर चले गये तो मैं जिम बंद करने की तय्यारी कर रहा था. अभी लास्ट लाइट बंद कर के डोर लॉक करने ही वाला था के मेरा मोबाइल बजने लगा. मैं नाम देख के मुस्कुरा दिया स्क्रीन पे फ्लश हो रहा था दीपा कॉलिंग. मैं ने आन्सर किया “यस दीपा डार्लिंग” उस दिन की चुदाई के बाद दीपा ने कहा था के अब तुम मुझे सिर्फ़ दीपा, डार्लिंग, माइ लव, मेरी जान, स्वीटहार्ट कह सकते हो और कुछ नही तो मैं ने मान लिया था. दूसरी तरफ से आवाज़ आई “क्या कर रहे हो” मैं ने कहा कुछ नही अभी जिम बंद को लॉक कर रहा हू तो उन्हो ने बोला के मुझे तुम्हारी बोहोत याद आ रही है, मैं यहा अकेली हू मेरे पास चले आओ, आज मेरे पास कोई नही है मुझे
मसाज करवाना है. मैं समझ गया के यह तो रुटीन था मसाज तो क्या खाक होता, मसाज का नाम तो एक बहाना था बॅस चुदाई होती हर स्टाइल मे. मैं ने कहा ओके जानू अभी आया. खाना खा लिया ? तो मैं ने बोला के नही तो उसने पूछा के भूक लगी है तो मैं ने बोला के हा बड़े ज़ोर की लगी है तो उसने कहा के ठीक है जल्दी आओ मैं तुम्है सब कुछ खिला दूँगी और मैं भी खा लूँगी तो मैं समझ गया के अपनी चूत खिलाएगी और मेरा लंड खाएगी. मैं मुस्कुरा दिया और फोन कट कर दिया.
मैं जैसे ही वाहा पहुचा मेरी आँखें फटी की फटी रह गई. मैं ने उनका घर देखा ज़रूर था लैकिन बाहर से ही देखा था वैसे जब कभी उनको मसाज या चुदाई की ज़रूरत होती तो मुझे वो अपने फार्महाउस ले जाती जहा हम चुदाई करते. आज घर पे आया था. घर क्या था शानदार हवेली थी. बड़े बड़े हाल जहा बोहोत ही कॉस्ट्ली चांडलियर्स लगे हुए थे, घर का बोहोत बड़ा लॉन था जहा घास उगी हुई थी. घर मे बोहोत ही मस्त खुश्बू आ रही थी. रात का समय था इसी लिए धीमे पवर के लाइट्स लगे हुए थे. वो मुझे ले के अंदर ड्रॉयिंग रूम मे आ गई. बहुत ही बड़ा था उनका ड्रॉयिंग रूम जहा 4 सोफा सेट पड़े हुए थे. फ्रिड्ज भी रखा था. स्ट्न्ट्र टेबल पे बड़े सलीके से रखे फॅशन के मॅगज़ीन्स रखे थे और घर मे बड़े बड़े फ्लवर वेस बोहोत ही आछे ढंग से रखे हुए थे जिन्मै फ्रेश फ्लवर्स थे.
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11-20-2017, 11:52 AM,
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RE: Desi Kahani ग्रेट गोल्डन जिम
गतान्क से आगे....
मेरे लंड से गरम गरम लावा निकल रहा था और उसकी चूत से गरम गरम अमृत. लंड को बड़ी मस्त चूत की मस्त गर्मी मिल रही थी. मैं दीपा के ऊपेर ही ढेर हो गया. मेरा लंड उसकी चूत मे घुसा पड़ा था और मैं उसकी पीठ पे पड़ा गहरी गहरी साँसें ले रहा था.
दीपा राई मेरे लंड का मूठ मार के फव्वारे का मज़ा ले रही थी
जैसे ही मेरे लंड से लावा निकलना बंद हुआ, मैं ने दीपा को पलटा लिया और फिर से उसके ऊपेर लेट गया. दीपा ऐसी मस्त चुदाई से बोहोत ही मस्ती मे आ आ गई थी. मैं दीपा के ऊपेर लेटा हुआ था मेरा लंड उसके पेट पे था और हमारे बदन के बीच सॅंडविच बना हुआ पड़ा था.. दीपा ने मुझे टाइट पकड़ा हुआ था और मुझे चूम रही थी के इतने मे कमरा ऐसे रोशन हो गया जैसे दिन निकल आया हो. हम दोनो की आँखें चुन्धिआ गई.
देखा तो किसी ने शॅनडेलियर की लाइट्स ऑन कर दी थी. मैं एक झटके से दीपा के ऊपेर से उठ गया और अपने हाथो से अपने भीगे लंड को छुपाते हुए अपने कपड़े देखने लगा. अरे ऐसी भी क्या जल्दी है कुछ मुझे भी तो देखने दो ना यह आवाज़ सुनते ही मेरे पसीने छ्छूट गये. देखा तो एक और दीपा खड़ी थी. मेरा सर चकरा गया. मैं हैरानी से कभी एक दीपा को देखता तो कभी दूसरी दीपा को. दोनो ही एक साथ हंस पड़ी और बोली के क्यों क्या हुआ तो मैं कुछ बोला नही क्यॉंके मेरी समझ मे कुछ भी नही आ रहा था के मैं यह क्या देख रहा हू और मेरी दीपा जान कोन है. मुझे ऐसे हैरानी से देखते हुए उस दीपा ने जिसने शॅनडेलियर ऑन किया था उसने बोला के हे राज यार तुम्हारी जान तो मैं हू यह मेरी बहन है रूपा राई. मेरा सर चकराने लगा. मैं तो जैसे पागल हो गया. आक्च्युयली जिसे मैं अब तक दीपा समझ के चोद रहा था वो दीपा नही बलके उसकी जुड़वा बहेन रूपा थी, रूपा राई. दीपा राई और रूपा राई मे प्रॅक्टिकली कोई डिफरेन्स नही था. एक ही हाइट, एक जैसा रंग, एक जैसे बॉल, एक जैसी आँखें, एक जैसा फिगर मुझे लगता था के शाएद किसी के पति किसी को भी चोद के समझते होंगे के उन्हो ने अपनी वाइफ को चोदा है और यह भी हो सकता है के यह दोनो बहने आपस मे हज़्बेंड्स को स्वप भी कर लेती होगी. दोनो की आवाज़ भी एक जैसी थी, फेस कट एक जैसा था, दोनो का बदन एक जैसा था, दोनो के बूब्स का साइज़ और शेप भी एक जैसा था अरे और तो और दोनो की चूते भी एक जैसी ही थी.. सच मे, मैं तो जैसे पागल हो गया. सच मानो मुझे यकीन नही आ रहा था के मैं ने दीपा को चोदा था या रूपा को. इतनी सिमिलॅरिटी तो शाएद किसी भी ट्विन्स मे नही होती होगी. यह सोचते सोचते मैं कभी एक को देखता तो कभी दूसरे को. मैं कमरे मे नंगा खड़ा था अब तो मेरा हाथ भी कब मेरे लंड से हट गया खबर ही नही हुई. मैं इस बात को समझ ही नही सका. फिर बाद मे हम तीनो ने मिलके 3सम किया. मुझे वो एग्ज़ाइट्मेंट अभी भी याद है के मैं दो सग़ी ट्विन्स बहनो को एक साथ चोद रहा हू. इस एग्ज़ाइट्मेंट मे मेरा लंड झटके खाने लगा.
रूपा राई कैसे मज़े से चुदवा रही है
रूपा राई की गुलाबी फूली हुई चूत.
अबकी बार चितकी मेरी गंद पे ले गई तो मैं चोंक पड़ा और घबरा के इधर उधर देखने लगा तो आनी ने चुटकी बजा के पूछा हे मिसटर किन्न ख़यालो मे खो जाते हो तुम, मैं कब से खड़ी हू और तुमको पता है के मुझे मस्क्युलर पेन हो रही है मैं ठीक से खड़े भी नही हो सकती और तुम बजाए मुझे अटेंड करने के
दीवार को घूर घूर के देख रहे हो. उसकी नज़र बार बार मेरे आड़के हुए लंड पे जा रही थी पर कोई कॉमेंट नही किया.
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RE: Desi Kahani ग्रेट गोल्डन जिम
अगर यह आनी, राई साहेब की बेटी ना होती तो शाएद कब का चोद चुका होता. मैं बड़ी मुश्किल से अपने आप पे काबू रख रहा था के कही कुछ उल्टा सीधा ना हो जाए नही तो लेने के देने पड़ जाएगे, बड़े बाप की बेटी जो है.
अनिता राइ जैसी खूबसूरत
अनिता राइ की जैसे सेक्सी मुस्कान
मैं उसका शॉर्ट निकाल के फिर से बाहर जा रहा था तो उसने बोला के एक मिनिट राज मुझे भी सहारा दे के ले चलो और उसने चादर उठाई और अपनी शर्ट को दोनो हाथ क्रॉस कर के नीचे से ऊपेर तक उठाया और सर के ऊपेर से निकाल दिया. बॅस एक ही सेकेंड के लिए उसके गोल गोल बूब्स दिखाई दिए. उफ्फ क्या बताऊ दोस्तो ऐसे किल्लर बूब्स थे के बॅस चूस डालु यही सोच आई मेरे
दिमाग़ मे. गोल्फ बॉल जीतने होगे. पूरी तरह से नही दिखाई दिए बॅस एक झलक मे ही मेरे होश उड़ गये. मेरा शक सही था. आनी ने अंदर ब्रस्सिएर नही पहनी थी. उसने चादर ओढ़ ली और खड़ी हो गई तो मैं उसको फिर से उसकी कमर मे हाथ डाल के सहारा दे के बाहर ले आया. ऐसी पोज़िशन मे मेरे हाथो को उसके बूब्स भी टच कर रहे थे जिसकी वजह से मेरे बदन मे बिजलिया कडकने लगी. .
आनी को टेबल के पास खड़ा किया और लीवर से टेबल को ऑलमोस्ट ऐसे हाइट पे ला के रोका के वो इतमीनान से उस टेबल पे लेट सके. मैं ने उसको सहारा दे के टेबल पे उल्टा लिटा दिया क्यॉंके कमर पे ज़ियादा प्राब्लम थी. उसके टेबल पे लिटा ने के बाद मैं ने टेबल को अपने थाइ लेवेल तक ऊँचा उठाया और फिर टाँगो वाले पोर्षन के लीवर से टाँगो के पोर्षन को अलग किया ऐसी पोज़िशन मे उसके पैर ऑलमोस्ट 45 डिग्रीस तक खुले हुए थे, ऐसे जैसे कॉंपस बॉक्स का डिवाइडर खुला हुआ हो और उसको सामने से थोड़ा सा ऊपेर उठाया हुआ था. ऐसी पोज़िशन मे उसके पैर अलग अलग थे और वो स्ट्रेट नही लेटी थी बलके सर के पास से थोड़ा सा ऊपेर उठी हुई थी. दोस्तो टेबल की पोज़िशन को इमॅजिन करे तो समझ मे आएगा. उसके पैरो के पास एक फुट रेस्ट था जिस पे उसके पैर फिट बैठे थे. अब तो नही गिर सकती थी. जैसे एरोप्लेन के टेक ऑफ के टाइम पे पोज़िशन होती है या हॉस्पिटल मे पेशेंट को खाना खिलाने के टाइम पे सर के पास से जो थोड़ा सा बेड उठाया जाता है बॅस वोही पोज़िशन आनी की भी थी. आइ होप के आप की समझ मे आ गया होगा.
हा तो आनी मेरे सामने टेबल पे लेटी थी. जैसे वो टेबल पे लेटी थी मैं खुली टेबल से चल कर उसकी टाँगो के बीच चूत तक चला जा सकता था और उसको जहा भी मसाज की ज़रूरत हो कर सकता था. और अगर मैं उसकी टाँगो और चूत तक चला जाता तो मेरा लंड उसकी चूत से टकरा सकता था ऐसी हाइट और पोज़िशन थी टेबल की और उसके लेटने की. टेबल किसी उल्टे “Y” की शकल का हो गया था.
मुश्किल यह आ गई थी के आनी ने जिस स्टाइल से चादर ओधी थी, चादर उसके पेट के नीचे और टाँगो तक लिपट गई थी. बड़े साइज़ के टवल जैसा था वो कपड़ा जिसे वो ओढ़ कर लेटी थी. खैर मैं ने वो कपड़ा उसके बदन के नीचे से हाथ डाल के निकाल लिया और उसके ऊपेर डाल दिया. कपड़े को उसकी कमर से नीचे रोल कर के उसके चूतदो पे रख दिया. वो ऊपेर से नंगी थी और उल्टी पेट के बल लेटी थी. उसका बदन एक दम से मक्खन की तरह से चिकना और दूध की तरह से सफेद था. मैं कुछ देर तक ऐसे ही उसके बदन को देखता और निहारता रहा. मेरा लंड मेरे टवल के अंदर कब का टेंट बना चुका था. फिर मैं ने टेबल से जुड़ी बॉटल के सॉकेट से आयिल की बॉटल निकाली और आनी के नंगी पीठ पे एक धार लगा दी शोल्डर्स से नीचे कमर तक. मैं उसकी दोनो टाँगो के बीचे इतना करीब खड़ा था के कभी कभी तो मेरा लंड उसकी खुली टाँगो के बीचे उसकी चूत से टकरा रहा था. टेबल के ऐसे जॉइंट पे एक “डब्ल्यू” के शेप की ट्रे जैसे थी. अगर पीठ के बल सीधा लेटा जाए तो वो “डब्ल्यू” शेप की ट्रे को लीवर के थ्रू बाहर निकाला जा सकता था जहा पे गंद एक दम से फिट बैठ ती थी. और जब उल्टा लेट ते यानी पेट के बल तो चूत जॉइंट पे खुली ही रहती थी. आनी के लेट जाने के बाद मैं ने दोनो हाथो से आयिल को स्प्रेड किया और फिर धीरे धीरे मसाज करने लगा. उसका चिकना बदन किसी मक्खन की याद दिला रहा था. मैं तो जैसे दीवाना हो रहा था. अपने दोनो अंगूठो से ऊपेर नीचे कर के मालिश कर रहा था और उंगलियाँ सपोर्ट का काम दे रही थी. उसकी पीठ पे डोर तक मालिश करता तो मेरा हाथ उसके बदन के साइड्स से उसके बूब्स से भी टकरा जाता जो के एक नॅचुरल सी बात है. कंप्लीट बूब हाथ मे नही आ रहा था बॅस बूब्स के साइड का गोल वाला हिस्सा ही उंगलिओ से लग रहा था. एक दो टाइम जब तेल की वजा से हाथ स्लिप हुआ तो उसके बूब्स पे चला गया था जिसे मैं ने फॉरन ही निकाल लिया था. मैं ने पूछा आनी कुछ आराम दिख रहा है तो उसने बड़ी सेक्सी आवाज़ मे जवाब दिया के हा बोहोत अछा लग रहा है राज ऐसे ही करो. थोडा और नीचे भी करो शाएद डिस्क मे भी मार लगी है तो मैं ने कपड़े को उसकी चूतदो पे और नीचे रोल किया और बोला के आनी यहा तो तुम्हारी पॅंटी है इस्पे आयिल के धब्बा लग जाएगा तो उसने बोला के
राज उसे निकाल दो ना प्लीज़. उसने बोला के अब यहा और कोई है भी तो नही ना और तुम तो एक डॉक्टर के समान हो और पता है डॉक्टर से पेशेंट की कोई चीज़ ना छुपी रहती है और ना ही छुपाई जा सकती है. मैं धीरे से मुस्कुराया जिसे वो देख नही सकी और बोला के ओके आनी और फिर उसकी वाइट सिल्की पॅंटी जिसपे बोहोत खूबसूरत छोटे छोटे डिफरेंट कलर के फूल बने थे, उसकी फूलो से भरी पॅंटी किसी गार्डन से कम नही लग रही थी, उसकी पॅंटी के साइड से एलास्टिक मे उंगलियाँ डाल के नीचे खेचने लगा तो उसने अपना नवल थोड़ा ऊपेर उठा लिया ता के मुझे पॅंटी निकालने मे आसानी हो. आनी की पॅंटी भी निकल चुकी थी और अब वो मेरे सामने टेबल पे एक दम से नंगी लेटी किसी संग – ए – मरमर से तराशि हुई मूर्ति लग रही थी.
क्रमशः........
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