RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं हंस कर दीदी की तरफ़ देख रहा था जबकि उनके चेहरे पर हल्का गुस्सा ऑर बहुत ज़्यादा मस्ती नज़र आ रही थी,,,,,मैने खुद को हल्का नीचे किया मेरा लंड चूत के उपर था मेरे नीचे होते ही लंड की टोपी चूत मे घुस गई ऑर दीदी ने अपना हाथ हटा कर एक तेज आहह भरी सिसकी निकली ऑर मैने भी लंड को थोड़ा ओर अंदर घुसा दिया लेकिन लंड अंदर नही जा रहा था क्योंकि दीदी की चूत मेरे लंड से थोड़ी टाइट थी,,,,मैने लंड को हाथ से पकड़ा ऑर पीछे होके फिर तेज़ी से धक्का मारा तो दीदी ज़ोर से चिल्ला उठी ऑर मेरा आधे से ज़्यादा लंड दीदी की चूत मे उतर गया,,,,,,,,,हईए म्म्मा्ररररर
ड्डेययाऑललायया ररीए ससुउन्नययययी आहह उूुुउऊहह दीदी का जिस्म तड़प उठा ऑर दीदी की आँखों मे हल्के आँसू आ गये लेकिन दीदी ने मुझे रोका नही ऑर मैने भी लंड को फिर से वापिस बाहर किया ऑर तेज़ी से जोरदार धक्का मारा तो लंड पूरा का पूरा चूत की जड़ तक चला गया ऑर दीदी बस ज़ोर से चिल्ला उठी ऑर अपने हाथों से बेड की शीट को पकड़ कर मसल्ने लगी,,,,
पूरा लंड घुसते ही मैने तेज़ी से बिना रुके दीदी की चूत को चोदना शुरू कर दिया,,,,ऑर दीदी हल्के दर्द भरी सिसकियाँ लेती रही ऑर बेड की शीट को हाथों से ज़ोर से मसल्ने लगी ,,,,बेड की शीट पूरी बिखर गई थी ऑर दीदी के हाथों मे आ गई थी,,,बेड पर उतनी ही जगह पर बेड शीट बिछी रह गई थी जितनी जगह पर हम लोग लेटे हुए थे,,,,
मैने लंड को तेज़ी से चूत मे पेलना जारी रखा ऑर साथ ही नीचे होके बूब्स को हाथों से मसल्ने ऑर चूसने
लगा,,,दीदी के हाथ भी अब बेडशीट से हटा कर मेरे सर पर आ गये थे वो भी मेरे सर को बड़े प्यार से एक
हाथ से सहला रही थी ऑर साथ ही एक हाथ को मेरी पीठ पर घुमाने लगी थी अब उसकी सिसकियों मे दर्द भी
गयी हो गया था ऑर बच गई थी सिर्फ़ मस्ती भरी सिसकियाँ जो कुछ ज़्यादा ही मस्त लग रही थी मैने दीदी के बूब्स
से सर उठा कर दीदी के फेस की तरफ देखा तो वो बारे प्यार से सिसकियाँ ले रही थी मेरे देखते ही उन्होने मुझे
एक हल्की सी मस्ती भरी स्माइल दी ऑर मैने अपने फेस को दीदी के फेस के करीब कर दिया ऑर लिप्स को दीदी के लिप्स पर रख दिया,,,दीदी ने भी मेरे को रेस्पॉन्स दिया ऑर मेरे सर को हाथ से पकड़ कर लिप्स की तरफ़ खीच लिया ऑर एक ही पल मे मेरे लिप्स दीदी के लिप्स से जकड़े गये,,,,,,,,उूुुुुुउऊहह क्या सॉफ्ट लिप्स थे इनको किस करते ही
मुझे शोभा दीदी की याद आ गई थी ऑर वैसे भी शिखा दीदी शोभा दीदी का जैसी ही थी,,,गोरी चिट्टी भरा हुआ जिस्म
ऑर बड़े बूब्स ,,ज़्यादा बड़े नही लेकिन अपनी उमर के हिसाब से बड़े थे,,,ऑर एक दम गोरे गोरे ,,,,ऑर लिप्स भी एक
दम सॉफ्ट थे,,,,,,,,,,,,,
मैने दीदी की चूत मे लंड पेलने की स्पीड तेज करदी ऑर दीदी ने भी रेस्पॉन्स देते हुए
मेरे लिप्स को पागलो की तरह चूसना शुरू कर दिया ऑर हाथों को मेरी पीठ पर मस्ती से घुमाने लगी ऑर साथ
ही अपनी टाँगों को मेरी पीठ पर घुमा कर मुझे जाकड़ लिया,,मेरा लंड पूरा अंदर बाहर हो रहा था वो भी
तेज़ी के साथ दीदी की चूत खुली हुई थी लेकिन इतनी भी नही,,,दीदी की शादी हो गई थी लेकिन तलाक़ भी जल्दी ही हो गया था फिर भी दीदी 6 मंत्स तक अपने ससुराल मे रही थी लेकिन चूत से से नही लग रहा था कि 6 मंत्स तक
वो अपने ससुराल मे अपने पति से चुदि होगी क्योंकि अगर 6 मंत्स तक उसके पति ने उसको चोदा होता तो उसकी
चूत टाइट नही होती,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मेरा मूसल दीदी की चूत की दीवारों से पूरी तरह से घिसता ऑर रग्गड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था ऑर मेरे को मूठ मारते टाइम जैसे हाथ की पकड़ होती है लंड पर वैसे ही चूत की पकड़ महसूस हो रही थी,,लेकिन ये पकड़ मजबूत होने के साथ एक सॉफ्ट सा अहसास भी दे रही थी,,जैसे मेरे को पूरी मस्ती चढ़ गई थी वैसे ही दीदी का भी बुरा हाल हो गया था वो पागलो की तरह मेरे लिप्स को काटने ऑर चूसने मे लगी हुई थी,,,,एसा लग रहा था कि मैं दीदी को नही दीदी मेरे को चोद रही थी,,दीदी अपने हाथों से मेरी पीठ को पकड़ कर मुझे तेज़ी से उपर नीचे करने मे लगी हुई थी तभी मैने खुद के
हाथ बेड पर रखे ऑर हाथों के सहारे बेड से उपर उठ गया दीदी ने भी अपनी टाँगों की मेरी कमर से हटा
लिया ऑर मुझे उठने दिया,,,मेरा आगे का जिस्म अब हवा मे उठ गया था ऑर लिप्स दीदी के लिप्स से आज़ाद हो गये
थे लेकिन दीदी को ये अच्छा नही लगा तो दीदी ने अपने दोनो हाथों को एल्बो से मोड़ कर बेड से लगा लिया ऑर खुद
के सर को ऑर शोल्डर को उपर कर लिया जिस से दीदी के लिप्स फिर से मेरे लिप्स के करीब आ गये थे दीदी खुद यही
चाहती थी कि मेरे लिप्स उनके लिप्स से दूर नही हो,,,,,मैने भी लिप्स को फिर से दीदी के लिप्स से जाकड़ लिया ऑर एक बार फिर से पागलपन से ऑर मस्ती से भरपूर किस शुरू हो गई थी साथ ही मैने हाथों को बेड पर रखके बेड
का सहारा लिया ऑर स्पीड ऑर भी ज़्यादा तेज करदी ऑर साथ ही लंड का धक्का भी पूरा जोरदार कर दिया जिस से लंड
पूरी तेज़ी ऑर जोश से चूत की दीवारों से टकराने लगा था,,,,,,,,,,दीदी ने मेरे लोवर लिप्स को मूह मे भर लिया
ऑर चूसने लगी ऐसे ही दीदी का उपर लिप्स मेरे मूह मे आ गया था ऑर हम दोनो पागलो की तरह एक दूसरे के लिप्स
को चूसने लगे थे,,,,दीदी कई बार अपनी ज़ुबान को मेरे मूह मे घुसा देती ऑर मैं भी दीदी की ज़ुबान को
प्यार से चूसने लगता लेकिन जब मैं अपनी ज़ुबान को दीदी के मूह मे डालता तो दीदी पागल कुतिया की तरह मेरी
ज़ुबान पर टूट पड़ती थी,,,,
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