RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तू मेरे से दूर रहा कर मेरे इतने करीब मत आया कर,,पता नही मुझे क्या हो जाता है जब'
भी तू मेरे करीब आती है,,,तू मेरी बेहन है ओर मैं तेरा भाई लेकिन जब भी तू करीब आती
है तो पता नही मुझे क्या हो जाता है एक अजीब से बेचैनि होने लगती है,,,ओर प्लीज़ तू ऐसे
मत देखा कर मेरी तरफ मुझे डर लगने लगता है तेरे से दिल ऑर ज़्यादा बेचैन हो जाता है
,,,ऑर मैं तुझे तेरे लिए नही चाचा जी के लिए यहाँ लेके आया हूँ ,,,,,,,,,ऑर प्लीज़ दोबारा से'
कभी मेरे करीब आने की कोशिश भी मत करना ये मेरी रिक्वेस्ट है तेरे से प्लीज़,,,
मैने इतना बोला ऑर छत से नीचे चला गया ऑर सोनिया वहीं खड़ी मुझे देखती रही ,,,,
मुझे पता नही क्या हो गया था मैं नीचे अपने रूम मे गया ऑर जल्दी से कपड़े लेके
बाथरूम मे चला गया ऑर शवर ऑन करके उसके नीचे खड़ा हो गया ,,,,मेरा जिस्म इतना
ज़्यादा गर्म हो गया था ऑर बेचैनी इतनी ज़्यादा हो गई थी कि मुझे गबराहट होने लगी थी जैसे
ही शवर के नीचे खड़ा हुआ तो कुछ शांति मिली मुझे,,,,,,,,,,उस एक पल मे आग लग गई थी
मेरे जिस्म मे जब सोनिया मेरे से चिपक कर खड़ी हुई थी,,,पता नही मैने खुद पर क़ाबू
कैसे किया ,,मुझे तो लगा था कि मैं मदहोशी मे कुछ पागलपन कर दूँगा लेकिन नही
मैने उस हालत मे खुद को क़ाबू कर लिया था लेकिन अब क़ाबू नही हो रहा था जल्दी से
लंड को पकड़ा ओर मूठ मारने लगा ऑर 2 मिनट मे ही पानी निकल गया क्यूकी सोनिया के साथ
चिपक कर खड़े होने से ही लंड का पानी निकलने वाला हो गया था ,,एक अजीब से कशिश थी
उसमे एक अजीब खुश्बू थी उसकी जिसने लंड के पानी को एक ही मिनट मे निकाल दिया था,,,,
नहा धो कर जब बाहर निकला तो सोनिया भी नीचे आके बेड पर टांगे ज़मीन पर लटकाए
बैठी हुई थी,,,मैं सिर्फ़ टॉवेल मे था तो सोनिया ने एक नज़र मेरी तरफ देखा ऑर फिर से फेस
को दूसरी तरफ टर्न कर लिया,,,,मैने भी उसकी तरफ ध्यान नही दिया ऑर कपड़े चेंज करके
वहाँ से बाहर चला गया,,,,,जैसे ही उस घर से निकल कर चाची जी के घर की तरफ जा रहा था
तभी चाचा जी के घर से माँ निकल कर मेरी तरफ आ गई,,,,,
सोनिया कहाँ है,,,,,,,,माँ ने आते ही पूछा,,,,,,,,,
वो अपने रूम मे है शायद आराम करने लगी है,,,,,,,मैने जवाब दिया,,,,
तभी माँ ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर चाची जी के घर की तरफ वापिस लेके जाने लगी लेकिन वो
मुझे चाची जी के घर नही लेके गई बल्कि चाचा जी के घर के पीछे ले गई जहाँ पर उनकी
गाय भेंसे बँधी हुई थी ,,,,,,,वो एक बड़ा सा आँगन था जिसमे करीब 30-40 गाय
थी ,,,माँ मुझे अंदर ले गई ऑर सामने एक छोटा सा रूम था जहाँ अंदर मामा खड़ा हुआ
था ,,माँ मुझे उसी रूम मे ले गई ऑर जाते ही दरवाजा बंद कर लिया,,,,,,,इस से पहले मैं
कुछ समझ पाता माँ ने मेरे लिप्स को कस्के अपने लिप्स मे जाकड़ लिया ऑर पागलो की तरह किस
करने लगी ऑर जल्दी से अपने ब्लाउस के बटन भी खोल दिए ऑर मेरे हाथ पकड़ कर अपने बड़े
बड़े बूब्स पर रख दिया,,,,,,,
कितना तड़प रही थी मैं तेरे लिए बेटा अच्छा हुआ तू यहाँ आ गया पीछे कुछ दिनो से सिर्फ़ तेरे
मामा के लंड से गुज़ारा कर रही थी आज तो जमके मज़ा लूँगी अपने बेटे ऑर भाई के लंड से
इतने बोल कर माँ ने मेरे लंड को पॅंट के उपर से ही पकड़ कर कस्के दबा दिया,,,,,,
रूको माँ कोई आ जाएगा यहाँ ,,,,,,मैने कहा
तभी मामा बोला,,,,,,,,,,,,,कोई नही आता बेटा यहाँ,,,बस एक काम वाली है जो यहाँ आके जानवरों
को चारा डालती है लेकिन वो सुबह 4 बजे आती है चारा डालके ऑर दूध निकाल के 7-8 बजे
चली जाती है फिर शाम को 5-6 बजे आती है,,,यहीं पर तो पिछले दिनो से मैं ऑर तेरी माँ
मस्ती कर रहे है,,
मैं--लेकिन चाचा ऑर चाची जी,,,,,,,,,,
माँ--बेटा तू टेन्षन मत ले कोई नही आता यहाँ वैसे भी चाचा मेडिसिन लेके सो चुका है ऑर
चाची सारी रात चाचा के पास बैठ कर जागती रहेगी इसलिए अब वो भी सो गई है तू किसी बात
की फ़िक्र मत कर बस मस्ती कर
मैं अभी मामा से बात कर रहा था कि माँ ने मेरी पॅंट को खोल कर मेरे लंड को मुँह
मे भर लिया मेरा लंड तो पहले से सोनिया की वजह से आग मे जल रहा था अब तो बस अपना
जलता हुआ लावा उगलने का इंतजार कर रहा था अब माँ की वजह से पूरी आग भुजा दूँगा
अपने लंड की ओर माँ की चूत की भी मैने भी जल्दी से मस्ती मे आके माँ के सर को कस्के
पकड़ लिया ओर उधर मामा ने अपें कपड़े निकल दिए ओर नंगा हो गया ऑर लंड को हाथ मे
लेके मसल्ते हुए माँ के करीब आ गया माँ ने मेरे लंड को चूस्ते हुए अपना ब्लाउस ऑर
ब्रा निकाल दी थी ऑर उपर का जिस्म नंगा हो गया था ,,,ऑर मुझे भी आँखों से इशारा कर दिया
कि मैं भी अपने कपड़े निकाल दूं मैने भी इशारा मिलते ही अपनी टी-शर्ट निकाल दी जबकि
माँ ने मेरी पॅंट को मेरी टाँगों से अलग करके साइड मे फेंक दिया अब मैं ऑर मामा जी
बिल्कुल नंगे थे जबकि माँ पेटिकोट पहने उपर वाला जिस्म नंगा करके घुटनो के बल बैठ
कर मेरे लंड को मुँह मे लेके चूस रही थी ऑर साथ ही एक हाथ से अपनी चूत को सहलाते हुए
एक हाथ से मामा के लंड को मूठ मार रही थी फिर कुछ देर बाद माँ ने मेरे लंड को
हाथ से हिलाना शुरू किया ऑर मामा के लंड को मुँह मे भर लिया ऑर पूरा अंदर लेके चूसने
लगी माँ तो बहुत अच्छी खिलाड़ी थी इस खेल की जो पूरा लंड मुँह मे लेके चुस्ती थी चाहे वो
लंड 9 इंच लंबा ही क्यूँ ना हो माँ पूरे लंड को मुँह मे लेके अपनी ज़ुबान को मुँह से
बाहर निकाल देती ताकि ऑर ज़्यादा लंड मुँह मे ले सके लेकिन ऑर लंड बचा ही कहाँ था पहले
से मामा का पूरा लंड माँ के मुँह मे था ऑर मामा के लंड की बॉल्स माँ के चेहरे के नीचे
टकरा रही थी ,,माँ बारी बारी से कभी मेरा ऑर कभी मामा का लंड चूस रही थी जब एक
लंड को चुस्ती तो दूसरे को हाथ मे लेके मसल्ने लगती ऑर एक हाथ से चूत को सहलाती रही,,
फिर कुछ देर बाद माँ उठी ऑर पीछे की तरफ जाके एक पुराना मॅट्रेस निकाला जो चारे की
बोरियों के पीछे पड़ा हुआ था ऑर उसको ज़मीन पर बिछा दिया ऑर तभी मामा आगे होके
मॅट्रेस पर पीठ के बल लेट गया ऑर माँ जल्दी से मामा के उपर चढ़ गई ऑर लंड को अपनी
चूत मे ले लिया फिर मुझे इशारा करके अपने पास बुलाया ऑर मेरे लंड को मुँह मे भर
लिया ,,,
,नीचे से मामा माँ की चूत मे लंड डालके चोदने लगा हुआ था ऑर उपर से मैं
माँ के मुँह मे लंड डालके माँ के मुँह को चोद रहा था,,माँ लंड चूसने मे काफ़ी स्पीड
दिखा रही थी जिस से लंड के तेज़ी से अंदर बाहर होने से माँ के मुँह से थूक निकल कर
उनके चेहरे से होता हुआ उनके बूब्स पर गिरने लगा था माँ एक हाथ को मामा की छाती से
लगा कर एक हाथ से अपने बूब्स को मसल रही थी ,,बूब्स पर थूक गिरने से बूब्स काफ़ी
चिकने हो गये थे ऑर गोरे रंग के बूब्स तो काफ़ी चमकने लगे थे ,,मामा माँ की गान्ड
को कस्के अपने हाथों से पकड़ कर माँ को तेज़ी से उपर नीचे करते हुए अपने लंड पर ज़ोर
ज़ोर से उछाल रहा था ऑर पूरे जोश से माँ की चुदाई कर रहा था जबकि मैने माँ के सर को
कस्के अपने हाथों मे पकड़ा हुआ था ऑर तेज़ी से लंड को माँ क मुँह मे घुसा रहा था अब
माँ ने अपनी ज़ुबान को बाहर निकाला हुआ था ऑर मेरा लंड पूरा माँ के मुँह मे घुसने
लगा था मेरा आधा लंड माँ के मुँह मे जबकि आधा लंड गले से नीचे उतरने लगा था
ऑर मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था तभी माँ ने मेरे लंड को मुँह से निकालने के लिए
अपने सर को थोड़ा पीछे कर लिया जिस से मेरा लंड माँ के मुँह से निकल गया ऑर तभी माँ ने
मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उनके पीछे जाने को बोला ऑर खुद मामा की छाती पर सर रखके
आगे की तरफ़ झुका कर गान्ड को हल्का सा उपर उठा दिया मैने भी पीछे जाके थोड़ा सा थूक
हाथ मे लगाया ऑर फिर उसको माँ की गान्ड पर लड़ा दिया फिर लंड को हाथ मे पकड़ कर एक
ही बार मे पूरा लंड घुसा दिया माँ की गान्ड मे ,,,,,,,,,,,
आआआहह उउउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हहययइईईईई
द्ढहीररी द्दाल ब्बेटया ददार्रद्द हूटता हहाइी त्त्ीररीई माआ कककूऊ आआअहह
उउउहह ,,,,,,,,,,,,,,सॉरी मा वो मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,क्कूविईई बाआटततटटटटतत्त
न्नाहहिि ब्बीत्त्ताअ ईीससीई ददार्र्र्दद्द म्मीई तत्तूओ आस्सल्लीइीइ माज्ज़जाअ आट्टाअ हहाइईइ
अओउर्रातत्ततत्त ककूऊव गगाआंन्ँदडड़ म्मार्रव्वाननी क्काअ ग्ग्गाअन्न्ंदड़ म्मईए
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ततुउउउ म्मीरीईइ फ्फीककरर म्मात्त्ट क्कार्र बास्स एआईसी हहिि टीज़्जजिि ससीए ल्लुउउन्न्ड्ड़ कूऊव
म्मीरीइ ग्गाअंन्दड़ म्मी ग्घूउसाताअ ररीह ऊरर जजूर्र ददार्ररर द्ड़हाककक्क्ीई
ल्ग्गाअत्ता ररीहह ततुउुज्झहही न्नाहहीी पपाटता त्तीररी ल्लुउन्न्ड्ड़ सीसी ल्लीइयईए म्मैईन्न
क्कीिट्त्न्ना त्टाद्दाप्प र्राहहीी टहिईीई ,,,,आआहह आब्ब्ब्बबब त्तीज्ज्ज्जीइ सस्सीए
कचछूड्द ब्बीतता म्मूउज़्झहही ऊरर जजूर्र ससी द्ड़हाक्का ल्लाग्गाअ ररूउक्कणन्ना
न्नाहहिईीई,,,,,,,,,,,,,मैने भी माँ की बात सुनते हुए तेज़ी से पूरा लंड माँ की गान्ड मे पेलते
हुए ज़ोर से धक्का मारना शुरू कर दिया ,,नीचे से मामा भी खुद को उपर उछाल उछाल
कर माँ की चूत मे लंड पेलने लगा माँ बस सिकियाँ लेती रही,,,,,,,,,,,,आज्ज्जज्ज एयेए र्राहहा
हहाइईइ ईत्त्न्ना ंमाज़्जाआ ज्जू ब्बतता न्नाहही स्साककत्तिीई ककब्बसससे त्तर्रस्स र्राहहीी
त्तहिि 2 लुन्न्ञन्ँद्द्द्द्ड ल्लीन्नी ककूऊव आहह ऊओररर ज्जूओर्र ससीए छ्छूड्डू
आपपननीी माआ क्कूव ब्बीत्ताअ ,,तुउउंम बभीी आपपननीी ब्बीहानं क्कूव ऊर्रर्ररर
त्टीजजिई ससीए छ्छूड़दूव ब्बाहहिईीईई आअज्ज ततुउउंम द्दूओन्णनू ममिल्ल्लककाररर्र्र्र्र्ररर
पफहाआअद्दद्ड द्दद्ड़ूऊव म्मईररीि कचहूवततत ऊओरर गगाणनदडड़ कककूऊऊऊ
जज़ार्रा बभहिि ररीहहाआंम्म म्मात्ट क्कारंनाआ र्रांन्दडीई ब्बाआंन्ना क्कारररर
कच्छूड़दूव म्मूउज़्झहीई ,,,आअहह क्क्कीिट्त्न्ना ंमाज़्जा आ र्रहहा हहाऐईइ
आअहह उूुुउऊहह हहययययययईई,,,,,,,,मेरा लंड भी ऑर उधर
मामा का लंड भी तेज़ी से माँ की चुदाई करने मे लगा हुआ था उधर माँ की सिसकियाँ भी तेज़ी
से निकल कर अपनी मस्ती को बयान कर रही थी,,,लेकिन माँ ज़्यादा ज़ोर से नही बोल रही थी उसकी आवाज़
उसी कमरे तक सीमित थी बस,,,,,,,,,,,
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