Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-14-2019, 11:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं ज़मीन पर ही बैठ गया जहाँ करण भी बैठ हुआ था,,,मैने अपने बॅग से लॅपटॉप निकाला ऑर वो फोल्डर ओपन किया
जहाँ सभी घटिया वीडियो पड़ी हुई थी जो अमित ऑर सुरेश की ग़लतियों का सबूत थी,,,,,,,मैं वीडियो प्ले की ओर लॅपटॉप रितिका की तरफ घुमा दिया,,,,,रितिका की आँखें फटी की फटी रह गई,,,उसने वीडियो मे अपने भाई सुरेश ऑर साथ ही अमित को देखा जिसके साथ कुछ ऑर लड़के थे जो हमारे कॉलेज के थे वो सब मिलकर एक लड़की से ज़बरदस्ती कर रहे थे,,ये वही लड़की थी जिसने ख़ुदकुशी की थी हॉस्टिल की छत से कूद कर,,,,

क्यू रितिका अब हुआ यकीन या नही,,,,,,,अब पता चला तेरा भाई कितना बड़ा कमीना है,,,,,

रितिका का मूह खुला का खुला रह गया ,,,ये देख कर वो खुद रोना भूल गई,,,क्यूकी उस से भी ज़्यादा रो रही थी वो लड़की
जो इस वीडियो मे थी,,,,,,

शिखा ऑर शोबा का भी मूह खुला का खुला रह गया था,,,,,

इसमे एक वीडियो शिखा दीदी की भी थी,,लेकिन इस से पहले वो वीडियो किसी ऑर के हाथ लगती मैने उस वीडियो को हमेशा के लिए ख़तम कर दिया,,,,,वर्ना शिखा दीदी भी आज ख़ुदकुशी कर चुकी होती या तेरे भाई ऑर उसके दोस्तो के डर से वही काम करतीजो वो लोग इस से करवाते,,,,,

मेरी इस बात पर शिखा दीदी की आँखों मे आँसू आ गये,,,रितिका ने शिखा दीदी की तरफ देखा तो शिखा दीदी ने सर को
हां मे हिला कर रितिका को बोल दिया कि मैं जो बोल रहा हूँ वो सच है,,,,,

कुछ देर तक रूम मे सन्नाटा रहा,,,,,,बोलो रितिका अब क्या बोलती हो,,,,अब भी तुमको लगता है करण ने जो किया ग़लत किया हालाकी करण ने ग़लत किया लेकिन उस ग़लती के पीछे एक बदले की आग थी एक जुनून था,,,,वो बदले की आग मे इस कदर जलने लगा था कि जिस लड़की को प्यार करने लगा था उसी को बदनाम करने की साजिश करने लगा था,,,,,ऑर वो कामयाब भी हो जाता शायद,,,,

तभी रितिका शिखा दीदी के गले लग्के रोने लगी,,,,,तेरे साथ इतना कुछ हो गया तूने मुझे बताया क्यू नही,,,,तू तो मेरी
बेस्ट फ्रेंड थी ना एक बार तो बता सकती थी मुझे,,,,,

नही बता सकती थी,,तेरे भाई को या किसी को शक हो जाता तो मुश्किल हो जानी थी,,शिखा दीदी भी रोते हुए उसकी बात का जवाब देने लगी,,,,

फिर रितिका उठी ऑर करण के पास ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गई,,,,मुझे माफ़ करदो करण मुझे नही पता था
शिखा दीदी के साथ ऐसा हुआ ऑर तुम अपने दिल मे बदले की आग लिए उस आग मे जल रहे हो,,अब मैं समझ गई कि उस लड़के कि ऐसी क्या मजबूरी थी जो मुझ से इतना प्यार करता है फिर भी मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है,,,,,इतना बोलकर रितिका करण के गले लगी ऑर दोनो एक दूसेर के गले लग कर रोने लगे,,,,


सबकी आँखों मे आँसू थे,,तभी मैं बोल पड़ा,,,,,अब क्या रोते रहोगे सारा दिन,,,कोई ऑर काम नही है क्या,,,,चलो शोबा
दीदी आंड शिखा दीदी आप लोग बाहर चलो ऑर सबके लिए कॉफी बनाओ,,,मेरे इतना बोलते ही शिखा दीदी आँखों से आँसू पोछते हुए बेड से उठी ऑर हल्के से स्माइल करने लगी,,,,साथ ही शोबा दीदी भी उठ गई,,,,,,

चलो हम लोग बाहर चलते है इन लोगो को थोड़ी देर बात करने दो,,,,,एक दूसरे को सॉरी बोलने दो ऑर एक दूसरे को माफ़ करने दो,,,,,

मैं शिखा ऑर शोबा दीदी वहाँ से चले गये,,शिखा दीदी ऑर शोबा दीदी किचन मे चली गई और मैं सोफे पर बैठ गया


कुछ देर बाद शिखा ऑर शोबा कॉफी लेके आ गई ऑर इतने मे करण ऑर रितिका भी वहाँ आ गये,,,,सब लोग बैठ गये ऑर कॉफी पीने लगे,,,,,करण की नाक से खून बहना बंद हो गया था ऑर रितिका की आँखों से आँसू लेकिन एक उदासी अभी भी थी उन लोगो के चेहरे पर,,,,,,

सन्नी तुमको ये सब वीडियोस कहाँ से मिली,,,,रितिका ने कॉफी पीते हुए मेरे से पूछा,,,,

फिर मैने उसको सारी बात बताई ,,,सुमित के घर के बारे मे जहाँ अमित दीदी को लेके गया ऑर कहाँ पर किस बॉक्स मे सारी सीडीज़ ऑर पेनड्राइव पड़ी हुई थी,,,,,,एक एक करके सब कुछ बता दिया

ये सब डेटा तुम लोगो के पास है तो तुम लोगो ने इसको पोलीस के हवाले क्यू नही किया,,,,,,क्या तुम लोग डरते हो इन कमिने लोगो से,,,,

मैं हैरान होके देखने लगा रितिका की तरफ,,,,वो अपने भाई को गाली दे रही थी,,,,,

तुम अपने भाई को गाली दे रही हो,,,,मैने रितिका से पूछा,,,,

मेरा कोई भाई नही है,,,,ऑर जो था अब वो मर गया है मेरे लिए,,,ऐसी घटिया हरकत करने वाला किसी का भाई नही हो सकता

,,,,,मेरा बस चले तो मैं खुद गोली मार दूं ऐसे भाई को,,,,,बट मैं मजबूर हूँ,,,,,,,लेकिन तुम लोग तो मजबूर नही
हो सन्नी,तुम लोग तो ऐसा कर सकते हो ,,,,लेकिन अगर तुम लोगो को डर लगता है ये सीडीज़ पोलीस तक पहुँचाने मे तो मैं तुम लोगो की हेल्प कर सकती हूँ,,,,

नही रितिका इसकी कोई ज़रूरत नही ,वैसे मैं इसी कोशिश मे लगा हुआ हूँ बस एक बार जो मैने प्लान बनाया है वो कामयाब हो जाए,,,फिर सब लोगो को उनकी करनी की सज़ा मिल जाएगी,,,,

क्या प्लान बनाया है सन्नी,,,,करण ने मेरे से पूछा,,,,,

तो मैने वो सारी बात बता दी करण को ऑर बाकी सबको जो मेरे दिमाग़ मे काफ़ी टाइम से चल रही थी,,,,,

कॉफी पीने के बाद शोबा ऑर शिखा ने मिलकर रितिका का हुलिया ठीक किया ऑर उसको अपने साथ लेके उसके घर छोड़ने चली गई,,,,ऑर मैं करण को साथ लेके डॉक्टर के पास चला गया ऑर उसकी नाक ठीक करवा कर मेडिसिन दिलवाके फिर करण को वापिस घर लेके आ गया,,,,

तुझे क्या लगता है ये रितिका जो बोल रही थी सच है क्या,,,क्या ये सच मे हम लोगो की हेल्प कर सकती है सीडीज़ को पोलीस तक पहुँचाने मे,,,,,

हाँ सन्नी भाई,,ये ऐसा कर सकती है लेकिन इस से हमारा प्लान खराब हो जाना है जो आपके दिमाग़ मे चल रहा है इसलिए हम लोगो को आपके प्लान के मुताबिक चलना होगा,,,इसी तरह सबको उनके किए की सज़ा ठीक तरीके से मिलेगी,,,,,

हाँ सही बोला तूने करण,,,,,हमे अपने प्लान के हिसाब से चलना है,,,,,वैसे भी उस बेचारी को हमे इस सब से दूर ही
रखना चाहिए,,,,,वैसे साले एक बात तो आज मैं मान गया कि तुझे सील बंद लड़की मिली तो तूने उसको मेरे लिए संभाल
कर रखा,,,मान गया तेरे को करण भाई,,,,,आंड एक बार फिर सॉरी बोलता हूँ तेरी नाक के लिए,,,मैने जान भूज कर नही
किया बस गुस्से मे ग़लती हो गई,,,,,

इट्स ओके सन्नी भाई आपने जो किया ठीक किया शायद यही तरीका था मुझे मेरी ग़लती का एहसास करवाने का,,मेरी आँखें
खोलने का,,,,ऑर वैसे भी आपने मेरे लिए इतना सब कुछ किया है ,,मेरी शिखा दीदी को मेरे करीब किया फिर शोबा दीदी को
भी,,,,,ऑर सबसे पहले वो मनीषा ऑर पूजा की चूत दिलवाई ,,,,अब तो अपनी माँ की चूत ऑर गान्ड भी दिलवा दी,,,,इतना सब कुछ किया है अब तो मेरा भी हक़ बनता है इसलिए मैने सोचा कि रितिका की सील खोलने का मोका आपको दिया जाए,,,,

अच्छा अब तू उस से प्यार करता है ,,अब क्या इरादा है खुद सील खोलेगा या अब भी मेरा हक बनता है,,,,,मैं मज़ाक मे
बोला ऑर हँसने लगा साथ मे करण भी हँसने लगा,,,,

सॉरी करण भाई बुरा नही मानना मेरे मज़ाक का,,,,,,तू उसको प्यार करता है तो उसपे पूरी तरह से तेरा हक़ है,,मैं
उसकी तरफ नज़र उठा कर भी नही देखूँगा,,,ऑर वैसे भी मेरी नज़र किसी ऑर पर है लेकिन वो आज नज़र नही आ रही,,,,,


जानता हूँ तू किसको ढूँढ रहा है सन्नी भाई,,,,,माँ नाना नानी के पास गई है,,,,नाना जी की तबीयत ठीक नही थी,,,तभी
तो तेरी मोम यानी सरिता आंटी आज हमारे घर नही आई,,,,,ऑर मैं मोका देख कर रितिका को यहाँ ले आया था,,,ऑर वो सब घटिया हरकत करने वाला था,,लेकिन तूने सही टाइम पर सब कुछ ठीक कर दिया,,,

जो होता है ठीक ही होता है करण भाई,,,,,ऑर सबके भले के लिए होता है,,,,,,

फिर हम लोग इधर उधर की बातें करने लगे ऑर कॉलेज टाइम पर मैं उसके घर से निकल पड़ा ऑर अपने घर आ गया,,,
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