RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
फिर घर जाते टाइम मेरा फोन बजने लगा,,,शायद किसी का मेसेज आया था,,,,मैने फोन निकाला ऑर
मेसेज देखने लगा,,,,,ये मेसेज था कारण का जिसने लिखा था ज़रूरी काम है ,,अभी मेरे घर आओ,,,,
अब इसको क्या ज़रूरी काम आन पड़ा जो अभी बुलाया है,,,,मैने सोचा कि इसको कॉल करके पूछ लेता हूँ
लेकिन सोचा कि अभी करण के घर के करीब हूँ कॉल करने से अच्छा है उसके घर ही चला जाता हूँ
इसलिए मैं करण के घर चाल गया,,,,
गेट पर बेल बजाने पर करण बाहर आया,,,वो सिर्फ़ निक्केर मे था,,ओर पसीने से भीगा हुआ था,,मैं समझ
गया कि ये अंदर लगा होगा चुदाई करने मे,,,,,उसने मुझे देखा ऑर खुश हो गया,,,
अच्छा हुआ भाई तू आ गया,,,,उसने मुझे हाथ से पकड़ा ऑर अंदर खींच लिया ऑर फिर गेट बंद करके
मेरे गले लग गया,,,,,
आना तो था ही ,,,,,तूने मेसेज जो किया था,,,,,लेकिन ये क्या हाल बना रखा है तूने ,,,,मैने करण से पूछा
ये हाल माँ ऑर शिखा ने बनाया है मेरा ऑर मेसेज भी तुझे शिखा ने किया था मेरे फोन से,,,
अकेले का दम निकाल दिया था दोनो ने मिलकर,,,रात पार्टी से वापिस आया तभी से लगा हुआ हूँ,,,कुछ
देर सोया था बस,,,अब तू आ गया है तूही कुछ हेल्प कर मेरी,,,
इतना बोलकर करण ने फिर से मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे अंदर ले गया ऑर अंदर आते ही दरवाजा लॉक
करके मुझे अपनी माँ के रूम की तरफ ले गया,,,,
जैसे ही मैं अंदर गया तो देखा कि शिखा ने एक स्ट्रॅप-ऑन लगाया हुआ था जिस से वो नकली लंड जुड़ा होता
है,,ऑर वो उस नकली लंड को अपनी कमर पर बाँध कर अलका की चुदाई कर रही थी उसके उपर लेट कर,
ऑर साथ साथ दोनो किस भी कर रही थी एक दूसरे के लिप्स पर,,,,,
तभी अलका आंटी का ध्यान मेरी तरफ आया ऑर फिर नीचे मेरी पेंट की तरफ,,,,अलका ऑर शिखा को देख कर
पल भर मे मेरा लंड ओकात मे आ गया था,,,ऑर आता भी क्यू नही ,,दो नंगे मदमस्त जिस्म एक दूसरे की
बाहों मे लिपटे पड़े थे बेड पर ऑर एक से बढ़ कर एक मस्त जिस्म था,,,बड़े बड़े बूब्स ,,मस्त गान्ड
गोरा संगमरमर जैसा बदन,,जो पसीने से भीगा हुआ हल्की लाइट मे भी सूरज की तरह चमक रहा
था,,,उन दोनो को एक पल देख कर ही मस्ती मे पागल हो गया था मैं,,,,
तभी अलका आंटी ने शिखा को अपने उपर से हटने को बोला,,,,,,
क्या हुआ माँ मज़ा न्ही आ रहा क्या,,,,,
हाँ बेटी अब इस नकली लंड से मज़ा नही आ रहा क्यूकी मेरा असली मूसल आ गया है,,,,अलका आंटी ने इतना
बोला तो अलका के साथ साथ शिखा का भी ध्यान मेरी तरफ आया,,,,शिखा जल्दी से बेड से उठी ओर मेरी तरफ
भाग कर आ गई ओर आके मेरे से लिपट गई,,,,वो इतनी तेज़ी से भाग कर आई थी कि उसका नकली लंड जो उसने
अपनी कमर पर बाँधा हुआ था वो मेरे लंड पर लगा ज़ोर से,,,,,
मेरे मुँह से अहह निकल गई दर्द के मारे,,,,,शिखा ऑर करण हँसने लगे फिर शिखा ने वो नकली
लंड उतारा ऑर दूर फेंक दिया,,,,,ऑर वापिस मेरे से चिपक गई ऑर मुझे पागलो की तरह किस करने लगी
मेरा हाथ मे वो प्लास्टिक का बॅग था जो मैं ख़ान भाई से लेके आया था मैने वो बॅग करण को पकड़ाया
ऑर करण ने वो बॅग साइड पर टेबल पर रख दिया ऑर हाथ खाली होते ही मैने शिखा को गोद मे उठा
लिया,,,क्यूकी मैं अब तक मस्त हो चुका था 2 नंगे बदन देख कर,,,,मैने शिखा को गोद मे उठाया
ऑर बेड की तरफ चल पड़ा जहाँ अलका नंगी लेटी हुई थी,,,बेड के पास जाके मैने शिखा को बेड पर उतार
दिया ऑर शिखा बेड पर घुटनो के बल बैठ गई ऑर मुझे किस करने लगी ,,किस करते हुए शिखा ने मेरी
टी-शर्ट पकड़ी ऑर उपर उठाने लगी तभी मैने भी अपने हाथ हवा मे उपर उठा दिए ताकि शिखा को कोई
मुश्किल नही हो मेरी टी-शर्ट उतारने मे ,,जब मैं हाथ हवा मे उठा रहा था तभी मुझे मेरी पॅंट
पर किसी के हाथों एक एहसास हुआ ऑर जब तक शिखा ने मेरी टी-शर्ट निकाली ऑर मैने नीचे देखा तो अलका
आंटी ने मेरी पॅंट को खोल दिया था ऑर मेरा हार्ड हो चुका लंड उनके हाथ मे था,,,आंटी ने उसकी
टोपी पर 2-3 किस किए अपने लिप्स से ऑर टोपी को ज़ुबान से अच्छी तरफ चाटा फिर मुँह मे भर लिया ,,शिखा
ने वापिस मेरे लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया ऑर साथ-साथ मेरी चेस्ट पर हाथ घुमाने लगी,,वो मेरे
लिप्स को अच्छी तरह से अपने मुँह मे भरके चूस रही थी ऑर अपनी ज़ुबान को मेरे मुँह एक हर कोने मे
घुमा रही थी,,मैं भी उतनी ही मस्ती से उसको किस का रेस्पॉन्स दे रहा था ऑर अब तो मैं ज़्यादा मस्त
हो गया था क्यूकी अलका आंटी आज बहुद बढ़िया तरीके से मेरा लंड चूस रही थी,,कारण ऑर शिखा के
साथ रहके आंटी काफ़ी तेज हो गई थी,,,वो अब मेरा पूरा लंड मुँह मे लेके चूस रही थी,,,मेरी बॉल्स
अलका आंटी के लिप्स पर टच हो रही थी ,,,
तभी करण ने अपनी निक्केर उतारी ऑर लंड हाथ मे लेके मेरे करीब खड़ा हो गया ऑर अपना लंड अपनी माँ
के मुँह के करीब कर दिया ,,,अलका ने भी मेरे लंड को मुँह से निकाला ऑर हाथ से सहलाते हुए करण के
लंड को मुँह मे भर लिया ऑर एक ही बार मे पूरा मुँह मे घुसा लिया ,,,मैं शिखा को किस करते हुए
नीचे अलका के मुँह मे जाते हुए करण के लंड को देख रहा था जो पूरा का पूरा अलका के मुँह मे घुसा
हुआ था ऑर तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था,,मैं अलका को लंड चूस्ते देख मस्त हो गया था ऑर उसका हाथ
थूक लगे मेरे लंड पर बड़ी नज़ाकत से आगे पीछे होके मेरे लंड को सहला रहा था,,,ऑर उपर से शिखा
मुझे किस करते हुए मेरी छोटी छोटी निपल्स को उंगलियों मे पकड़ कर दबा रही थी जिस से मुझे हल्के
दर्द के साथ मीठा मीठा मज़ा आ रहा था,,,कुछ देर बाद अलका ने करण के लंड को मुँह से निकाल
दिया ऑर मेरे लंड को वापिस मुँह मे भर लिया ऑर बड़े प्यार से चूसने लगी,,करण तब तक बेड पर चढ़
गया ऑर उसने बेड पर झुकी हुई अलका के पीछे जाके अपने लंड को अलका की गान्ड मे घुसा दिया ऑर अलका की
कमर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा,,,अलका को पीछे से तेज झटके लग रहे थे जिस वजह से
अलका को अपने सर को हिलाने की ज़रूरत नही पड़ रही थी ,तेज झटके की वजह से उसका सर खुद-ब-खुद मेरे
लंड पर आगे पीछे हो रहा था ,,पीछे से करण का लंड उसकी गान्ड मे पूरा अंदर तक घुस रहा था
ऑर आगे से मेरा लंड पूरा उसके मुँह मे गले से अंदर तक जा रहा था,,
फिर कुछ देर बाद शिखा मेरे से अलग हुई ऑर बेड पर गिर गई ,,उसने बाहें खोल कर मुझे उसके उपर
आने को बोला तो मैं जल्दी से उसके उपर गिर गया ,,,,मेरे गिरते ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर
अपनी चूत के द्वार पर रखा ऑर मैने एक ही झटके मे पूरा लंड घुसा दिया उसकी चूत मे ऑर तभी
उसने अपनी बाहों से मुझे पीठ से जकड़ा ऑर अपने से सटा लिया ऑर मेरे लिप्स पर किस करने लगी,,,मेरे
हाथ उसके बूब्स पर थे ऑर मेरे पैर ज़मीन पर ,,,शिखा के पैर भी घुटनो से बेड से नीचे लटक
रहे थे ,,मैने अपने हाथ उसके बूब्स पर रखे ऑर पकड़ बना कर तेज़ी से अपने पैरो का भी सहारा
लेते हुए जोरदार झटके मारने लगा शिखा की चूत मे ,,शिखा भी मुझे किस करती हुई मेरी पीठ से
मुझे पकड़ कर तेज़ी से उपर नीचे हिला रही थी ऑर मुझे स्पीड ज़्यादा तेज करने को बोल रही थी,,,मैं
उसके बड़े बड़े बूब्स को जो अब पहले से भी बड़े हो गये थे उनको हाथों मे लेके ज़ोर-ज़ोर से मसलता
हुआ तेज़ी से उसकी चुदाई कर रहा था,,,,उधर करण बेड पर अलका के पीछे बैठकर अलका की गान्ड मार
रहा था,,,,
कुछ देर बाद करण ने अपने लंड को अलका की गान्ड से निकाला ऑर अलका उठकर मेरे करीब आ गई ऑर
शिखा के लिप्स से मेरे लिप्स दूर करके खुद मुझे किस करने लगी,,,,शिखा समझ गई कि अब उसकी माँ
को मेरा लंड चाहिए था इसलिए उसना मुझे खुद पर से उठने को कहा तो मैं भी शिखा के उपर से
उठ गया ऑर तभी शिखा ने मुझे बेड पर लेटा दिया ऑर अपनी माँ को मेरे उपर आने को बोलने लगी लेकिन
अलका ने ना मे सर हिला दिया ऑर मुझे बेड से उठा दिया ऑर करण को पकड़ कर बेड पर लेटने को बोला
ऑर जैसे ही करण बेड पर लेटा अलका ने अपनी दोनो टाँगें खोली ऑर कारण के लंड पर बैठकर उसके लंड
को हाथ मे पकड़ा ऑर अपनी छूट मे घुसा लिया ऑर मुझे पकड़ कर अपने पीछे जाने को बोला,,,,मैं ऑर
शिखा दोनो हँसने लगे अलका की इस हरकत पर,,क्यूकी उसको मेरा लंड अपनी चूत मे नही गान्ड मे
चाहिए था,,,इसलिए तो उसने मुझे बेड से उठाकर करण को बेड पर लेटा दिया था,,मैने पीछे जाके
अपने लंड को अलका की गान्ड मे घुसाने की कोशिश की लेकिन वो नही घुसा क्यूकी मेरा लंड करण के
मुक़ाबले ज़्यादा मोटा था,,,तभी शिखा झुकी ऑर मेरे लंड को मुँह मे भरके चूसने लगी ऑर जब
लंड थूक से सराबोर हो गया तो उसने मुँह मे जमा कुछ थूक को अपनी माँ की गान्ड पर थूक दिया
जिस से मेरे लंड के साथ उसकी माँ की गान्ड का होल भी चिकना हो गया ऑर फिर मैने लंड को हाथ मे '
पकड़ा ऑर तेज़ी से अलका की गान्ड मे घुसा दिया ,,लंड एक ही बार मे आधे से ज़्यादा घुस गया ऑर अलका की
एक हल्की सी चीख निकल गई,,,,हयीईईईईईईई माआआआअ,,,,,,,,उसको थोड़ा दर्द हुआ लेकिन उसने
मुझे रोका नही ,,,मैने भी उसकी कमर को पकड़ा ऑर तेज़ी से उसकी गान्ड मे झटके मारने लगा ऑर जब 2-3
झटको मे मेरा पूरा लंड उसकी गान्ड मे घुस गया तो मैने उसकी गान्ड मे लंड पेलने की स्पीड थोड़ी
तेज करदी,,,इधर शिखा मेरे पास खड़ी हुई थी जो कभी मेरे लिप्स पर किस कर रही थी तो कभी मेरे सर
को पकड़ कर अपने बूब्स पर झुका देती जिस से मैं उसके बूब्स को मुँह मे भरके चूसने लगता,,,
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