RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
ठीक है सन्नी बेटा,,हम रितिका की शादी करवा देते है,,,,लेकिन इस बात का क्या भरोसा कि तुम वो सीडी हमे
दे दोगे,,,और उसकी कोई कॉपी नही होगी तुम लोगो के पास,,,,
देखिए अंकल जी ये सब पॉलिटिक्स खेलना मुझे नही आता,,,,ये सब आप जैसे लोगो का काम है,,,,मैं तो बस
जैसे को तैसा करने मे यकीन करता हूँ,,,मैं कोई प्लान नही करता अगर आप लोगो ने भी कोई प्लान नही
किया होता,,,,,अब भी टाइम है आप सही रास्ते चलिए और मेरा यकीन कीजिए,,,,और अगर अब भी आप लोगो को
मेरा यकीन नही तो आपकी मर्ज़ी है,,,जो मर्ज़ी कीजिए,,,,
तभी अमित का बाप चुप चाप हम लोगो के पास आ गया और साथ मे सुरेश का बाप भी,,,,
फिर मैने वकील की तरफ इशारा किया तो उसने मेरिज के पपर्स निकाल कर टेबल पर रख दिए ,,
फिर सब लोगो ने अपने अपने साइन किए,,,,अमित और उसके बाप ने तो एक पल से पहले ही साइन कर दिए लेकिन
सुरेश और उसका बाप फिर हल्की सोच मे पड़ गये लेकिन अमित और उसके बाप ने उनको समझा दिया था,,,,
सुरेश तो साइन करके पीछे हट गया लेकिन सुरेश का बाप साइन नही कर रहा था तभी सुरेश ने व्हील्चैर
पर बैठे हुए अपने बाप को साइन करने का बोला तो सुरेश के बाप ने सुरेश को सबके सामने कस्के थप्पड़
मारा,,,,,साले हरामी ये सब तेरी वजह से हो रहा है,,,,,
इतना बोलकर वो सुरेश को गालियाँ देने लगा,,,लेकिन तभी अमित के बाप ने उसको समझा दिया,,,,,
फिर सुरेश के बाप ने भी साइन कर दिया और अपने बेटे को वापिस गालियाँ देने लगा,,,क्यूकी अमित ने लड़कियों
को फसाने का काम किया था जबकि उनकी वीडियो बनाने का काम किया था सुरेश ने,,,जिसके बारे मे वो लोग
जानते थे,,,,
शादी होते ही रितिका और करण खुश हो गये,,,,क्यूकी अब वो क़ानूनी तौर पर पति पत्नी बन गये थे अब
ना तो उनको अपने बाप का डर था ना ही किसी और का,,,,,
हम सब बड़े खुश थे लेकिन कुछ लोग थे जो खुश नही थे ,,,,,,
तभी अमित का बाप मेरे पास आया और बोला,,,,,,,लो बेटा अब तो हो गई शादी ,,,अब तो बुलाओ अपने दोस्त को
और वो सीडी करो हम लोगो के हवाले,,,,
कॉन सा दोस्त अंकल जी,,,...मैने हँसते हुए मज़ाक मे बोला,,,
तभी सुरेश का बाप भी हम लोगो के पास आ गया,,,ये क्या मज़ाक लगा रखा है तूने,,,अब हो गई ना शादी
चल सीडी कर हमारे हवाले,,,,बुला अपने दोस्त को जल्दी,,,,
अरे अरे अंकल जी गुस्सा क्यूँ होते हो,,,सीडी आपको मिल जाएगी,,,लेकिन उसके लिए मुझे किसी को बुलाने की ज़रूरत
नही क्यूकी जिसके पास सीडी है वो दोस्त अभी यहीं मौजूद है,,,,
तभी सुरेश का बाप बड़ी उत्सुकता से,,,,कहाँ है वो दोस्त और कहाँ है वो सीडी,,,
ये रहा वो दोस्त और ये रही वो सीडी,,,इतनी बात बोलके रितिका ने अपने पर्स मे से वो सीडी निकाली ,,,
सब लोगो का मुँह खुला का खुला रह गया,,,,अमित उसका बाप,,,सुरेश और उसका बाप ,,,सब मुँह खोलकर रितिका
की तरफ देख रहे थे और ख़ासकर रितिका के हाथ मे पकड़ी हुई उस सीडी की तरफ,,,
यही है ना वो सीडी जिसके लिए इतना कुछ हुआ है और अब भी हो रहा है,,,रितिका ने इतना गुस्से मे बोला और वो
सीडी अपने बाप की तरफ फैंक कर मारी,,
वो सीडी रितिका के बाप की छाती पर लगी और नीचे ज़मीन पर गिर गई,,,,रितिका के बाप ने शरम से अपना सर
झुका लिया लेकिन सीडी ज़मीन पर गिरते ही अमित और उसका बाप किसी लालची कुत्ते की तारह उस सीडी पर लपक पड़े
अमित ने वो सीडी उठा ली ,,,अमित और उसका बाप दोनो बहुत खुश हो गये थे,,,,तभी अमित का बाप बोला
,,सन्नी बेटा यही है दूसरी सीडी या इसके अलावा कोई और सीडी भी है तुम्हारे पास,,,,,
जी अंकल जी,,यही है दूसरी सीडी अब इसके अलावा कोई और सीडी नही मेरे पास,,,जो है बस यही है,,,
अमित और उसका बाप खुशी से वो सीडी लेके कोर्टरूम से बाहर जाने लगे तभी मैने उसको आवाज़ लगा दी,,,
एक मिनट रुकिये अंकल जी,,,,,यही वो सीडी है अब मेरे पास कोई सीडी नही है,,और ना ही इन सीडीज़ की कोई कॉपी है
लेकिन सुमित के पास इसकी और कोई कॉपी है या नही ये मुझे नही पता,,,,
मैने इतना बोला तो अमित और उसका बाप गुस्से मे मुझे घूरते हुए वहाँ से बाहर चले गये,,,जबकि पीछे
खड़े हुआ हम सब लोग हँसने लगे,,,,
फिर मैं वापिस पलटा और मेरी नज़र पड़ी सुरेश और उसके बाप पर जो शरम के मारे अपना सर झुका कर
खड़े हुए थे,,,अपनी ही बेटी और बेहन के हाथों जॅलील होने पर दोनो का सर शरम से झुक गया था,,,
मैं चलके रितिका और करण के पास गया और उन लोगो को लेके रितिका के बाप के पास आया,,,
चलो अब तुम लोग इनका आशीर्वाद लो,,,,,मैने इतना बोला तो करण ने तो अपने ससुर का आशीर्वाद ले लिया और
उसके ससुर ने भी उसके सर पर हाथ रखके उसको आशीर्वाद दे दिया लेकिन रितिका ने सॉफ मना कर दिया,,,
क्या हुआ रितिका तुम अपने पापा का आशीर्वाद क्यूँ नही ले रही,,,
ये इंसान मेरा बाप नही है सन्नी,,,,अब तक तो ये मेरा बाप था लेकिन आज पता चला कि सुरेश के सभी
गंदे काम मे ये भी उसकी मदद करता था इसलिए जैसे सुरेश मेरे लिए मर चुका है वैसे ही आज मेरा
बाप भी मेरे लिए मर गया है,,,,
नही रितिका ऐसा नही बोलते,,,,ये इंसान अभी भी तुम्हारा बाप और ये लड़का तुम्हारा भाई है,,,,माना इन
लोगो ने बहुत ग़लतियाँ की है लेकिन अब इनके झुके हुए सर देख कर लगता है कि इनको अपनी ग़लती पर शरम
आ रही है,तभी तो सर उठाकर ये हम लोगो की आँखों मे नही देख रहे,,,,और वैसे भी एक बाप अपने
बच्चे के सभी बुरे कामों पर परदा डालता है,,उसकी लिए उसका बच्चा जैसा भी हो,,अच्छा हो या बुरा उसका
बच्चा ही रहता है,,,,,वैसे ही ये आदमी जो अभी तेरे सामने खड़ा है ये जितना भी बुरा क्यूँ ना हो ये तेरा
बाप ही है,,,,आज अपनी ही बेहन और बेटी के सामने ये लोग सर झुका कर खड़े हुए है इस से बड़ी और क्या
सज़ा हो सकती है इन लोगो के लिए,,,
रितिका मेरी बात सुनके भी आगे नही बढ़ी लेकिन करण के इशारा करने पर उसने झुक कर अपने बाप का
आशीर्वाद ले लिया,,,,,उसके बाप ने भी अपने हाथ को अपनी बेटी के सर पर रखा और आशीर्वाद देके आँखों
मे आँसू लेके वहाँ से चला गया और जाते जाते वो अपने बेटे की व्हील्चैर को भी धक्का लगाके वहाँ से
बाहर चला गया,,,,
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