RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं उसकी बात सुनके उठा और मॅट्रेस को वापिस बेड पर रखा और फिर से सो गया,,,फिर जब आँख खुली तो
लंच टाइम भी बीत गया था,,,,,आज कुछ ज़्यादा हो सोया था मैं,,,,,
उठकर फ्रेश होके नीचे गया तो देखा सोनिया नीचे बैठकर टीवी देख रही थी,,,,,उस से पूछने पर पता
चला माँ घर पर नही थी ,,,,करण के घर गई थी,,,,
मैं भी तैयार हुआ और करण के घर जाने लगा,,,तभी सोनिया बोली,,,,,,कामिनी भाभी का फोन आया था सन्नी
तुमको बुला रही थी वो,,बोली कुछ काम है,,,मैने पूछा तो बोलने लगी सन्नी से काम है,,मुझे भी
नही बताया,,,,
मैने अपनी पॉकेट से फोन निकाला तो देखा कि कामिनी भाभी की 8 मिस कॉल थी ,,,मैने भाभी को फोन
किया तो भाभी ने फोन नही उठाया ,,मैने 2-3 बार ट्राइ किया बट भाभी ने फोन नही उठाया ,,फिर
मुझे याद आया कि आज तो कविता अपने भाई के साथ जाने वाली है अपनी माँ को मिलने के लिए इसलिए कामिनी
भाभी आज अकेली होगी घर पे,,क्यूकी कल रात ही सोनिया ने मुझे बताया था कि कविता अपने भाई के साथ जा
रही है,,,,,,तभी तो भाभी ने मुझे इतने फोन किए ,,,,,
मैने सोनिया को बोला कि मैं काम से बाहर जा रहा हूँ और बाइक लेके कामिनी भाभी के घर की तरफ चल
पड़ा,,,
मैं भाभी के घर पहुँचा तो भाभी गेट खोलने बाहर आई लेकिन जैसे ही भाभी ने मुझे देखा वो
वापिस अंदर भाग गई और 2 मिनट बाद फिर बाहर आ गई,,,,,
अब टाइम मिला तुझे,,,,,कब्से फोन कर रही थी उठाया क्यूँ नही,,,,मैने भाभी से ये बात बोलनी थी लेकिन
भाभी तो मेरे से भी पहले मुझे बोलने लगी थी फोन के बारे मे,,,,
भाभी ने गेट खोला और मैं अंदर चला गया,,,,
अरे भाभी मैं भी तो कब्से आपको फोन कर रहा था,,,आप भी तो फोन नही उठा रही,,, अब आप गेट
खोलने आई तो वापिस अंदर क्यूँ भाग गई थी,,,,,
वो मैं वो ,,,तूने ठीक से देखा नही मैने नाइटी पहनी हुई थी और अब सूट पहन कर बाहर आई
हूँ,,,पहले नाइटी मे बाहर आती तो कोई देख लेता मुझे,,,
कॉन देख लेता भाभी,,,पहले भी तो आप नाइटी पहन कर बाहर आ जाती थी,,तो आज क्या हुआ,,,मैने मज़ाक
मे बोला
कुछ नही हुआ,,,तू तो पक्का बेशरम है लेकिन मुझे तो शरम आती है,,,मुझे अच्छा नही लगता मुझे कोई
नाइटी मे देखे,,,,भाभी ये बोलकर शरमाने लगी,,,
मैं भी नही देख सकता क्या,,,,,मैने फिर मज़ाक मे बोला
भाभी फिर शरमाते हुए ,,,,तू तो पक्का बेशरम है,,,,तेरे क्या कहने,,,,चल अब सारी बात यहीं करेगा
कि अंदर भी आएगा,,,,,
मैं भाभी के साथ अंदर चला गया,,,,अंदर जाके भाभी सीधा अपने बेडरूम मे चली गई और मैं भी
उनके पीछे पीछे चला गया,,,,
तुमको पता है मैं फोन क्यूँ कर रही थी,,,,भाभी ने शरमाते हुए बोला,,,,
हाँ पता है,,,,मुझे सोनिया ने रात को ही बता दिया था कि कविता और सूरज भाई बाहर जाने वाले है,,
हाँ तभी तो सुबह से फोन कर रही थी तुझे,,,तू है कि फोन उठाता ही नही,,,भाभी थोड़े नखरे से
चिढ़ती हुई बोली,,,,
अरे भाभी अब क्यूँ गुस्सा करती हो ,,,,अब तो मैं आ गया हूँ,,,,अब तो प्यार मुहब्बत की बातें करो मेरे
साथ,,,,मैने इतना बोला और भाभी को पीछे से पकड़ कर अपनी बाहों मे भर लिया,,,क्यूकी मैं बहुत मूड
मे था,,कल रात करण और रितिका की सुहागरात थी,,,जब करण रितिका को गोद मे उठाकर अपने रूम मे लेके
जा रहा था तभी मेरे लंड मे उछाल आने शुरू हो गये थे,,,,अब तो मैं बस भाभी को पूरी तरह से
खा जाना चाहता था,,,,,,अभी मैने भाभी को पीछे से हग किया ही था कि भाभी ने भी पलट कर मुझे
बाहों मे भर लिया और जैसे ही हम दोनो के लिप्स एक दूसरे से टच हुए ही थे कि तभी हमे किचन मे
बर्तन गिरने की आवाज़ आई,,,,भाभी एक दम से मेरे से दूर हो गई और बाहर भाग गई,,,,मैं भी भाभी
के पीछे पीछे गया तो देखा कि एक प्लेट किचन की ज़मीन पर गिरी हुई थी और भाभी उसको उठा रही थी,,
अरे ये प्लेट अपने आप कैसे गिर गई,,,,,मेरी आवाज़ सुनके भाभी एक दम से चौंक गई और पीछे मूड के मुझे
देखने लगी,,,,
वो मैने गॅस पर चावल रखे थे ना ,,लगता है उस चावल वाले बर्तन मे भाँप ज़्यादा हो गई थी
इसलिए उसके उपर पड़ी प्लेट गिर गई होगी,,,,,,
इस टाइम चावल,,,,अभी तो लंच टाइम कबका बीत गया भाभी,,,,मैने मज़ाक मज़ाक मे बोला,,,
जानती हूँ सन्नी लेकिन अकेली हूँ घर पे तो क्या लंच और क्या डिन्नर,,,,भाभी ने भी मेरी बात का
जवाब मज़ाक मे दिया,,,
भाभी ने वो प्लेट बर्तन पर रखी और पीछे की तरफ पलटी,,,तब तक मैं भाभी के पास पहुँच गया
था भाभी जैसे ही पलटी मैने भाभी को फिर से पकड़ लिया और जल्दी से भाभी के लिप्स को अपने लिप्स मे
जकड लिया,,भाभी ने भी एक मिंट से पहले मुझे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,हम लोग 5-6 मिनट
तक ऐसे ही एक दूसरे को पकड़ कर एक दूसरे के होंठों का स्वाद लेते रहे तभी भाभी ने मुझे थोड़ा दूर
किया और खुद भी मेरे से अलग हो गई,,,,
क्या हुआ भाभी मज़ा नही आ रहा था क्या किस करके,,,,,
भाभी शर्मा गई और मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हो गई,,,तभी मैने देखा कि भाभी गॅस बंद कर रही
थी और गॅस बंद करके भाभी फिर से मेरी तरफ पलट गई,,,,
मज़ा तो आ रहा था लेकिन मैने सोचा अगर मज़ा लेना ही है तो ज़रा खुलकर मज़ा क्यूँ ना लिया जाए,,,इतना
बोलकर भाभी मेरे पास आई और मुझे पकड़ कर बेडरूम की तरफ ले गई,,,,और जैसे ही हम लोग बेडरूम
मे घुसे भाभी ने जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और अंदर से कुण्डी भी लगा ली,,,,
इस से पहले मैं कुछ बोलता या करता भाभी ने अपने कपड़े निकाल दिए,,और फिर हुआ मस्ती का प्रोग्राम
शुरू,,,,,सूरज भाई के जाने की वजह से भाभी भी फुल मूड मे थी और रात करण और रितिका की सुहागरात
की वजह से मैं भी फुल मूड मे था,,,भाभी अपने कपड़े निकाल कर नंगी होने लगी और मैं भी जल्दी
से अपने कपड़े खोलने लगा ,,,,आज भाभी कुछ ज़्यादा ही जल्दी मे थी और खुद अपने कपड़े निकालने लगी थी
,,वैसे तो अक्सर वो बहुत शरमाती रहती थी लेकिन आज मस्ती की वजह से उनकी शरम कहीं उड़ गई थी,,मेरे
सामने नंगी होने मे उन्होने ज़रा भी देर नही की थी,,,मैं अभी अपनी पेंट निकाल रहा था जबकि भाभी
पूरी नंगी हो गई थी,,,भाभी का मदमस्त नंगा बदन देख कर मेरे से रहा नही गया,,और मैं अपनी
पेंट उतारता हुआ भाभी की तरफ बढ़ने लगा,,भाभी कुण्डी लगा कर दरवाजे के पास खड़ी हुई थी और मैने
भाभी के पास जाके भाभी को कस के बाहों मे भर लिया और इस से पहले मैं भाभी पर टूट पड़ता
भाभी मेरे पर टूट पड़ी,,,,
|