RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं बर्तन किचन मे रखकर वापिस अपने रूम मे जा रहा था कि मैने देखा कि रेखा
अपने रूम से निकल कर चोरी चुपके किसी और रूम मे जा रही थी,,,मैने सोचा साली की
नयी नयी शादी हुई है फिर भी किसी और का लंड लेने को कितनी बेचैन है कि अपने पति
से नज़रे बचा के किसी और रूम मे जा रही है ,,,दिल तो किया कि चलो देखते है किसके
रूम मे गयी है लेकिन मुझे वैसे ही बड़ी टेन्षन थी इसलिए मैं अपने रूम मे चला गया
और जाके लेट गया
तभी कुछ 25-30 मिनिट बाद मुझे बाहर से तेज शोर की आवाज़ आई जैसे कोई झगड़ा कर
रहा हो ,,,मैं जल्दी से अपने रूम से निकल कर बाहर गया तो देखा कि उसी रूम के बाहर
जिस मे रेखा गयी थी चोरी चुपके से ,,उस रूम के बाहर डॅड ने सुरेंदर मामा को गले
से पकड़कर दीवार से लगा रखा था और गुस्से मे उनको गालियाँ दे रहे थे,,,,जबकि माँ
भुआ ,,शोभा और विशाल डॅड को मामा को छोड़ने को बोल रहे थे,,,,
लेकिन डॅड मामा को एक हाथ से गर्दन से पकड़कर एक हाथ से मामा को थप्पड़ लगा रहे
थे,,,
भुआ,,,अशोक छोड़ दो इसको ,,मत मारो इसको
सरिता,,,अशोक इसकी बात तो सुन लो ये क्या कहना चाहता है,,
विशाल,,,दाद छोड़ दो मामा को पहले पूरी बात तो सुनलो इनकी
लेकिन डॅड किसी की बात नही सुन रहे थे,,,मैं भी भाग कर उन लोगो के पास चला
गया और उधर मनोहर भी अपने रूम से निकल आया,,,
रेखा ने जब मनोहर को आते देखा तो भाग कर उसके पास चली गयी,,,अरे आप क्यूँ बाहर
आ गये,,,कुछ नही हुआ यहाँ आप चलिए अपने रूम मे
अरे रेखा यहाँ झगड़ा हो रहा है तुम मुझे रूम मे जाने को बोल रही हो,,
कुछ नही हुआ मनोहर वो बस सुरेंदर ने थोड़ी ज़्यादा पी ली थी इसलिए पंगा हुआ और कुछ
बात नही है लेकिन मनोहर फिर भी आगे बढ़ता आ रहा था तभी गीता और विशाल आगे
बढ़ के मनोहर के पास गये और बातें करते हुए उसको रेखा के साथ उसके रूम मे ले गये
तब तक मैं भाग कर डॅड के पास जाके डॅड के हाथों से मामा को च्छुड़वाने की कोशिश
करने लगा,,,,,
डॅड ने मुझे देखा तो एक दम से सुरेंदर को छोड़ दिया लेकिन गालियाँ देनी बंद नही की,,
साले जिस थाली मे ख़ाता है उसी को ठोकर मारता है,,,हमने तुझे अपने घर पर रखा
और तूने इसका ये सिला दिया हम लोगो को,,,तेरे साथ जो कुछ भी हुआ उसकी ग़लती की सज़ा
तूने हम लोगो को क्यूँ दी,,,क्या कमी थी तुझे हमारे घर मे बोल ज़रा,,,क्यूँ किया तूने ऐसा
सुरेंदर कुछ नही बोल रहा था बस सर झुका कर खड़ा हुआ था,,
सरिता=== उसको बोलने का मौका तो दो आप अशोक ,,आप तो उसको मारते ही जा रहे हो,,कुछ तो
बोलने दो इसको,,,
अशोक===मुझे कुछ नही सुन-ना सरिता इसको दफ़ा करदो यहाँ से नही तो मैं इसकी जान ले
लूँगा,,,
तभी डॅड ने एक थप्पड़ और लगा दिया सुरेंदर के फेस पर
तभी मैने देखा कि कविता और सोनिया भी अपने रूम से बाहर निकल आई थी,,जब डॅड ने
मामा को थप्पड़ मारा तो सोनिया बहुत खुश हो गयी थी,,,लेकिन जैसे ही मैने उसकी तरफ देखा
उसने नज़रे घुमा ली,,,
तभी विशाल और गीता भी मनोहर और रेखा को उनके रूम मे छोड़कर वापिस आ गये,,
मत मारो डॅड मामा को,,,पहले उनकी बात तो सुनलो,,,गीता भी रोती हुई डॅड से मामा की बात
सुन-ने को बोल रही थी लेकिन डॅड किसी की नही सुन रहे थे,,,,
तभी डॅड ने देखा कि केवल और सीमा भी अपने रूम से निकल कर बाहर आ गये थे
उन लोगो के आते ही डॅड अपने रूम मे चले गये,,,साथ मे शोभा,,माँ और गीता भी,,,जबकि
विशाल मामा को लेके हवेली के बाहर चला गया ,,,
फिर कार स्टार्ट होने की आवाज़ आई ,,शायद विशाल मामा को लेके कहीं चला गया था,,,
केवल सीमा को लेके उसी रूम मे जाने लगा जिस रूम मे डॅड और बाकी लोग गये थे तभी
माँ ने उनको मना कर दिया,,,केवल वापिस अपने रूम मे चला गया और सीमा को भी ले गया
फिर माँ ने कविता और सोनिया की तरफ देखा तो वो लोग भी अपने रूम मे वापिस चली गयी,,,
मैं अभी माँ के पास ही खड़ा हुआ था,,तभी माँ मुझे बोली,,,,तुम जाओ सन्नी और जाके सो
जाओ,,,अभी कोई बात करने का टाइम नही है,,,,
लेकिन माँ विशाल भाई कहाँ गये मामा को लेके,,,,
वो रेखा के पुराने घर मे गया है,,,सुबह आ जाएगा वापिस,,,तुम जाओ और आराम करो अब कोई
बात नही करनी तुमने,,,समझे,,,,मा थोड़ी गुस्से मे बोली तो मैं वापिस आपने रूम मे
चला गया और सोचने लगा कि डॅड ने मामा को क्यूँ मारा,,,कहीं डॅड ने मामा को रेखा के साथ
तो नही देख लिया,,,,लेकिन डॅड को तो पहले से पता है रेखा और मामा के बारे मे ,,उन दोनो
ने तो एक साथ मिलके भी चोदा था रेखा को,,,कहीं उसकी शादी के बाद डॅड ने कुछ दिन
रेखा से दूर रहने को बोला होगा,,ताकि मनोहर को कुछ पता नही चले,,लेकिन रेखा की
चूत मे ज़्यादा ही खुजली हो रही होगी जो मामा का लंड लेने चली गयी और फँसा दिया मामा
को,,,,,,,,,
|