Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 02:10 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने अहिश्ता से कॉफी की घूँट भरी और उसकी ओर देखने लगा वो बोली चल एक काम कर जै मैं तन्ने इतनी ही सुथरी लागू सूं तो तू मेरे गेल्ल्या ब्याह ही करले अर आज ही करले इब की स्यात ही करले तू भी के याद करेगा कि कोई दिलदार जाटनी मिली थी जैसे ही उसने ये बात कही मुझे कि दम से खाँसी आ गयी तो वो हँसते हुए बोली क्यू फोजी निकल गी सारी हवा पड़ग्ये गोडे ढिल्ले मैने कहा यार अगर मेरा दिल किसी ओर का ना होता तो कसम से अभी फेरे ले लेता जो होता देख लेता तो वो बोली तू तो इब सी ही पाछे हट गया मैने कहा यार बस मैं तो फ्रेंडशिप के लिए ही कह रहा था आज ज़िंदगी मे कोई टक्कर वाली लड़की मिली थी

उसने कहा कि तू तेरी मजबूरी के साथ ही जी और हाँ हसन बोलन की अलग बात है पर मैं दोस्ती वोस्ती के चक्करो मे ना पड़ा करती हू मैने कहा यार तू भी कमाल है पर अंदर मेरा मन कह रहा था कि आज सेर को सवा सेर मिल गया है ऐसे ही साथ हो गया था इस लड़की का पता ही नही चला कब कॉफी ख़तम हो गयी पर उसकी बाते ख़तम ही ना हो रही थी तभी पद्मिडनी का फोन आया उसने कहा कि कब तक आओगे तब जाकर मुझे होश आया फिर पद्मि नी ने जो समान मँगवाया था वो भी लाना था तो मैने उसे कहा ही चल अभी मुझे निकलना होगा तू मुझे ग्रॉसरी स्टोर पे ड्रॉप कर्दे तो वो बोली आजा तभी मुझे ध्यान आया तो मैने कहा तेरा नाम तो बता दे वो बोली “उर्वशी”

उर्वशी, तो ये नाम था उस मर्जानी का जब मैं ग्रोसर्री स्टोर से समान खरीद रहा था तो उसने कहा ,” तू तो कह रहा था कि बाहर जा रहा हू फिर ये सामान किसका है”
मैने कहा ये मेजर साहब के घर देना है देते हुए निकल जाउन्गा तो वो बोली कि तू क्यो किसी के पर्सनल काम करता है मैने कहा वो तेरी प्राब्लम नही है तू अभी जा पर वो तो आज जैसे फेविकोल की तरह ही चिपकने को तैयार थी अब मुझे कोफ़्त होने लगी थी अब करूँ तो क्या, खैर जैसे तैसे उस से पीछा छुड़ाया और पद्मिथनी के घर पहुच गया पद्मिूनी ने दरवाजा खोला तो उसके गीले बालों से आती महक मेरे दिल मे उतर ती चली गयी मैं अपने होश खोने लगा पद्मिउनी मुस्कुराते हुए बोली कि अरे अब यही खड़े रहोगे या अंदर भी आओगे और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर खीच लाई

उसके बदन से चंदन की भीनी भीनी आती खुसबू मुझ पर जैसे नशा सा करने लगी थी पीले रंग की साड़ी मे आज पद्मि नी किसी कयामत से बिल्कुल कम नही लग रही थी ना जाने क्यो जब जब मैं उसके पास आता था तो मैं अपने काबू मे नही रहता था मैने समान को टेबल पर रखा और पद्मितनी को अपनी बाहों मे ले लिया और उसकी गीली ज़ुल्फो को सुलझाने लगा वो बोली क्या बात है बड़े उतावले हो रहे हो पर मैं चुप ही रहा और उसके बदन की खुश्बू को अपने अंदर समेटने लगा

पता ही नही चला कब मेरे हाथ उसके उभारों को सहलाने लगे थे पद्मि नी बोली आओ पहले खाना खाते है फिर मस्ती करेंगे पर अब जिस्म की भूख को शांत करना ज़्यादा ज़रूरी था तो मैं पद्मिमनी को लिए लिए सोफे पर आ गया और उसके ब्लाउस के बटन्स को खोलने लगा और कुछ ही पॅलो मे पद्मिलनी उपर से नंगी थी उसकी छातिया और भी ज़्यादा बड़ी बड़ी लग रही थी मैं थोड़ा सा झुका और उसकी चूची पर अपने होंठो लगा दिए और उसको पीने लगा पद्मिोनी ने एक आह भरी और अपने बदन को मेरी बाहों मे ढीला छोड़ दिया और मैं उसके चूचियो से दूध निचोड़ने की कोशिश करने लगा

अब मैं बारी बारी से उसकी दोनो चूचियो से खेल रहा था वासना धीरे धीरे अपने रंग मे मुझे घोल रही थी कि तभी मेरा फोन बज उठा मैने पद्मिानी को हटाया और फोन देखा तो मिता की कॉल थी देवी जी ने कई दिन बाद कॉल की थी तो मैने फोन उठाया हाइ हेलो के बाद उसने बताया कि उसने आर्म्ड फोर्सस मे मेडिकल ब्रांच मे जॉब के लिए अप्लाइ कर दिया है मैने कहा पर यार मैने तुझे मना किया था कि तू बस सिविल जॉब करेगी तो उसने कहा कि अब जब पति फ़ौजी मिला है तो पत्नी भी फोजन होनी चाहिए ना

मैने कहा पागलो जैसी हरकत तो तू करती ही है ना कभी बात भी माना कर तो मिता बोली तू कब वापिस आएगा बड़े दिन हो गये है मेरे हॅनी की सूरत देखे अब रहा नही जा रहा है अब आ भी जा तो मैने कहा फोजी से दिल लगाया है तो इंतज़ार करना भी सीख ले पद्मि नी बड़े ही मज़े से हमारी चुहल भरी बातो को सुन रही थी मैने कहा मिथ्लेश एक महीने बाद पासिंग आउट होना है तो तू आजा तो वो बोली नो प्राब्लम आ जाउन्गी पर फिर तू भी कुछ दिन शिमला आएगा तो मैने कहा ये भी कोई कहने की बात है जान मैं तो तेरे साथ ही रहना चाहता हू बस जल्दी से शादी करलू तुझसे
मितलेश बोली मैं कुछ दिन मे माँ से बात करूँगी और उनको बताऊँगी तो मैने कहा कि तूने अभी तक बात भी नही की तो वो बोली कि हिम्मत नही होती है मेरी घबराहट होती है पर अब दिल पक्का करके कह ही दूँगी जो होगा देखा जाएगा मैने कहा तू चिंता मत कर अबकी बार गाँव आते ही तेरे घर आउन्गा तेरा हाथ माँगने मिटा बोली मैं इंतज़ार करूँगी फिर काफ़ी देर तक हम बाते करते रहे

काफ़ी देर चली थी हमारी बाते , मैने पद्मितनी को सॉरी कहा तो वो बोली कोई बात नही मिथ्लेश ज़्यादा ज़रूरी है पद्मिबनी बोली आओ खाना खा लेते है पहले तो मैने कहा लगा दो खाते खाते उन्होने कहा कि लड़की टूट के पसंद करती है तुमको ऐसी फिर ना मिलेगी इसका हाथ थाम के रखना मैने कहा भाभी अबकी छुट्टी मे बात करूँगा उसके घरवालो से वो बोली मुझे बुलाओगे अपनी शादी मे मैने कहा बिल्कुल आप तो मैने गेस्ट रहोगे
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10-05-2019, 02:10 PM,
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ऐसे ही हसी मज़ाक करते करते हम ने लंच फिनिश किया और फिर हम दोनो बेड पर आ गये पद्मिीनी ने अपने ब्लाउस को बंद नही किया था तो उसकी लटकती चूचिया बड़ी ही मनमोहक लग रही थी ठंड का मोसम था तो पद्मिननी ने रज़ाई खोली और हम दोनो ने ओढ़ ली मैं उसकी चूचियो पर हाथ फिराने लगा और पद्मिईनी ने मेरी पॅंट की ज़िप खोल कर लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से उसको सहलाने लगी

मैने उसकी साड़ी को हटा दिया और पेटिकोट को उपर उसकी कमर तक कर दिया और उसकी चूचियो को पीते पीते उसकी मांसल जाँघो पर हाथ फिराने लगा तेल से भी ज़्यादा चिकनी उसकी जांघे मेरा हाथ एक जगह ठहर ही नही रहा था मैं अपने हाथ को उपर ले गया और उसकी चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर मसल दिया
पद्मिेनी ने भी मेरे लंड के साथ ऐसा ही किया रज़ाई के अंदर अब काफ़ी गर्मी हो गयी थी दो जिस्म एक दूसरे मे समा जाने को बेताब हो रहे थे

कुछ देर हम एक दूसरे के अंगो को सहलाते रहे फिर मैं खड़ा हुआ और पूरा नंगा हो गया पद्मिेनी मेरी टाँगो के बीच आ गयी और मेरे लंड को चूमने लगी उसके गुलाबी होंठो लगातार मेरे लंड को किस किए जा रहे थे उसकी जीभ की वजह से मेरे लंड मे कंपन हो रहा था और जब जब वो सुपाडे पर जीभ को रगड़ ती तो पूरे बदन मे मस्ती छा जाती बड़ी ही बेतक्कलुफ्फि से वो लंड को चूस रही थी पूरा लंड उसके थूक से गीला हो चुका था


काफ़ी देर हो गयी थी उसे चूस्ते हुए तो मैने उसे लंड को मुँह से बाहर निकालने को कहा पर उसने कोई ध्यान ना देते हुए उसको चूसना जारी रखा पूरा औज़ार उसके गले मे काफ़ी अंदर तक जा रहा था पुच पच करके वो उसे चूसे जा रही थी उसकी गरम साँसे लंड पर पड़ती तो बड़ा ही मज़ा आता उसके होंठो का जादू पूरी तरह से लंड पर चल रहा था



मुझे लग रहा था कि अब तो इसके मुँह मे ही झाड़ जाउन्गा मेरा टाइम पल दर पल नज़दीक आता जा रहा था तो मैं उसके सर को अपने लंड ज़ोर से दबाने लगा मस्ती मे मैं पूरी तरह से डूब चुका था और फिर मैने वीर्य की एक तेज धार पद्मिरनी के मुँह मे छोड़ दी पद्मिसनी ने लंड को गले तक पहुचा दिया था तो वीर्य उसके गले मे गिरता हुआ पेट मे पहुच गया



जब उसका अच्छे से मन भर गया तो उसने लंड को बाहर निकाल दिया और अपनी नशीलीी आँखो से मेरी ओर देखते हुए बोली कि मज़ा आ गया कई दिनो बाद तुम्हारी मलाई खाने को मिली है दिल खुश हो गया मेरा तो फिर उसने कहा कि ड्रिंक करोगे तो मैने कहा कर लूँगा जी तो वो वोड्का की एक बॉटल निकाल लाई और जाम बनाने लगी कुछ ही देर मे हम ने दो दो पेग टिका दिए अब जब शराब और शबाब जब साथ मिल गये थे तो फिर कुछ धमाका तो होना ही था



मैने कहा डार्लिंग मज़ा नही आ रहा है अपने होंठो से पिलाओ को कुछ बात बने तो पद्मिगनी बोली माइ शोने बेबी अभी तुम्हारी विश पूरा करती हू पद्मिओनी ने कुछ घूंठ भरे और फिर अपने होंठो को मेरे मुँह से लगा कर मुझे पिलाने लगी आज तो शराब भी सेक्सी हो गयी थी



कुछ भी कहो औरते तो और भी मिली पर पद्मि नी जैसी कोई नही मिली मेरा लंड उसके चुतड़ों की दरार मे घुसा पड़ा था और अपने लिए एक छेद की तलाश कर रहा था पद्मिलनी मेरी गोदी मे बैठी हुवी अपनी गान्ड को हिला हिला कर मेरे लंड को परेशान कर रही थी तो मैने अब उसको बेड पर पटका और उसकी टाँगो को खोल के चूत मे अपनी दो उंगलियो को घुसा दिया और उनको अंदर बाहर करने लगा पद्मिोनी की छातिया तेज़ी से उपर नीचे होने लगी थी



अब मैं उस पर झुका और पानी से भरी उसकी चूत पे अपना मुँह लगा दिया और उसको दाँतों से काटने लगा पद्मिकनी तो जैसे बेकाबू हो गयी और अपनी टाँगो को इधर उधर पटाकने लगी मैं उसके दाने से छेड़खानी करने लगा जो कि उसका सबसे सेन्सिटिव पॉइंट था तो पद्मिानी अब अपने होश खोने लगी और ज़ोर ज़ोर से आहे भरने लगी मैं पूरा मज़ा लेते हुए पद्मिकनी की चूत से टपकते हुए रस की एक एक बूँद को पिए जा रहा था





8-10 मिनट तक मैने उसकी चूत का अच्छे से स्वाद लिया और फिर जब बात काबू से बाहर हो गयी तो मैने उसके चुतड़ों के नीचे तकिया लगाया और उसकी मोटी मोटी टाँगो को विपरीत दिशाओ मे करते हुए अपने लंड को चूत की दरार पर रगड़ने लगा जैसे ही लंड को चूत की गर्मी महसूस हुई वो और भी जोश मे आ गया और मेरा सुपाडा और भी फूल गया पद्मि नी ने अपनी गर्देन थोड़ा सा हिलाई और मैने अपना लंड चूत मे उतार दिया
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10-05-2019, 02:10 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
पद्मिआनी की चूत ने फैलाते हुए मेरे लंड को रास्ता दिया और चूत का छल्ला लंड से चिपक गया पद्मिआनी ने आहे भरनी शुरू करदी और अपनी बाहें मेरी पीठ पर कस दी मैं उसपर पूरी तरह से छा चुका था और अपनी कमर को उचकाते हुए पद्मिअनी की चुदाई शुरू कर दी पद्मिरनी और मैं एक बार फिर से एक हो गये थे मैं उसके सेब से लाल लाल गालो को चूमने लगा



हम दोनो की साँसे अब भारी हो चली थी और एक दूसरे के मुँह मे घुल रही थी अब ना कुछ होश था ना कुछ खबर थी बस दो जिस्म एक जान बन गये थे गुज़रते लम्हो के साथ हमारी स्पीड भी बढ़ने लगी थी रज़ाई हमारे जिस्मो से उतार कर बेड के नीचे फर्श पर पड़ी थी पर अब सर्दी का कोई नामो-निशान नही था बस था तो हमारे जिस्मो की प्यास जो बुझने से पहले फड़फड़ा रही थी



मैं उसके चेहरे , गर्देन को बेतहाशा चूम रहा था और पद्मिझनी अपनी गान्ड को उठा –उठा कर के मेरे झटको का जवाब दे रही थी उसके अंदर की आग से मेरा जिस्म जैसे पिघल ही रहा था तो अब मैने उसको घोड़ी बनाया और पीछे से उसके चुतड़ों को फैलाते हुए लंड को चूत से सटा दिया और उसकी कमर को पकड़ के उसकी चुदाई फिर से स्टार्ट कर दी पद्मिुनी की चूचिया किसी पके हुए फल की तरह हवा मे झूल रही थी



मेरे हाथ उसके कुल्हो , पेट छातियो सब जगह पर बारी बारी से फिसल रहे थे तप थप करती मेरी गोलियाँ उसके चुतड़ों से टकरा रही थी पद्मिोनी भी अपने चुतड़ों को पीछे करके पूरा मज़ा ले रही थी तभी वो बोली कि मेरा बस होने ही वाला है तो मैं फुल स्पीड से उसको चोदने लगा पच पुच पच पुच की आवाज़ अब और भी तेज हो गयी थी चूत से रिस्ता कामरस मेरे लंड से होता हुआ अंडकोषो को भिगोने लगा था



और फिर ऐसा लम्हा आ ही गया जब पद्मितनी डिसचार्ज हो गयी उसकी चूत से गरम पानी की नदी बह चली और उसका बदन शांत पड़ गया पर मैने उसको कमर से कस कर पकड़ लिया और तेज तेज स्ट्रोक लगाने लगा मैं बुरी तरह से हाँफने लगा था सांस जैसे बस निकलने ही वाली थी की तभी मेरे लंड ने एक झटका खाया और पद्मिरनी की चूत मे अपने गरम पानी को गिराने लगा अब जाके मुझे सुकून मिला था

फिर पूरे दो दिन तक जी भर कर मैने और पद्मिहनी ने अपने जिस्म की प्यास रगड़ रगड़ कर बुझाई पद्मि नी के साथ ये कुछ यादे थी मेरी जो जीवन भर का नाता जोड़े हुए है उन दो दिनो मे जैसे जमाने भर का सेक्स कर डाला था हम ने गार्डन, बाथरूम, बेडरूम , किचन उसके घर के हर एक कोने मे मैने उसको अच्छे से रगड़ा पद्मिानी किसी खिलते हुए गुलाब की तरह से महक गयी थी और अपना क्या अपन मूर्ति सर के आने से पहले ही वापिस होस्टल आ गये थे



जैसे जैसे पासिंग-आउट का दिन करीब आए जा रहा था मेरा दिल कुलाँचे मारने लगा था मेरे सामने एक नयी ज़िंदगी बाहें फैलाए मेरा इंतज़ार कर रही थी मैं बेताब था अपनी ग्रहस्ती को मिथ्लेश के साथ बसाने को बस अब मैं उसको अपनी दुल्हन के रूप मे देखना चाहता था मेरी बेताबी का आलम ना पूछो बस लग रहा था की आँख लगाए उड़ चलूं उस के साथ कही दूर किसी कोने मे



डेली सुबह उठ कर मैं कॅलंडर मे से रोज एक दिन और काट देता था लास्ट का महीने से भी कम समय बचा था लगभग टाइम आ ही गया था देहरादून को बाइ कहने का ये सहर तो यही रह जाना था साथ रह जानी थी तो बस कुछ यादे उन पॅलो की जो यहाँ जिए थे मैने इस बात पे कभी गौर ही नही किया था कि कब ये सहर अपना सा लगने लगा था



पर अब जब ज्यो ज्यो जाने का समय नज़दीक आ रहा था ना जाने क्यो मुझे कुछ अजीब सा लगने लगा था तब जाके समझा कि लगाव क्या होता है अक्सर ठंडी शामों को मग्गी खाते हुए उर्वशी के दर्शन होते रहते थे अच्छी लड़की थी मेरे टेस्ट की भी थी एक दम बिंदास उसकी पर्सनॅलिटी मे जो खनक थी वो आज कल की लड़कियो मे जैसे खो ही गयी है



पद्मिीनी की झलक बस सनडे को ही देख पाता था जब लंच करने जाता था उसके घर पर इस अजनबी सहर मे वो ही मेरा परिवार थे एक शाम मैं और उर्वशी कॉफी पी रहे थे तो मैने कहा कि यार एक काम करेगी तो वो बोली करने का होगा तो कर दूँगी मैने कहा यार अब कुछ दिन बाद ही अपन तो यहाँ से निकल लेंगे यहाँ कोई दोस्त नही बना बस तुमसे ही जान-पहचान है तो क्या तुम एक दिन मेरे साथ लंच करने बाहर चलोगि



अब वो ठहरी जाटनी वैसे भी जाट सोलह दूनी आठ होते है सीधी बात कभी समझते नही तो उर्वशी बोली कि मेरे घर चल बाहर जाने की क्या ज़रूरत है जो कहेगा वो खिला दूँगी मैने कहा यार प्लीज़ अभी सीरियस्ली बता चलेगी क्या तो उसने कहा कि सोचूँगी फेर बताऊँगी मैने कहा यस या नो अभी बता तो वो बोली ठीक है चलूंगी अब शकल सुधार ले देख ऐसा मुँह हो रहा है जैसे बस रो ही पड़ेगा और खिल खिला के हँसने लगी



पता नही क्यो अब उसके टॉंट्स बुरे नही लगते थे दिल को अच्छी लगनी लगी थी वो अपना तो ऐसा ही था सगो से कभी रिश्ते निभाए नही गये और परायों का साथ कभी छूटा नही पाता नही भगवान ने तकदीर मे क्या लिखा अगर एक बार मुस्कुराया तो 100 बार रुलाया उसने पर हमने भी सबर कर लिया कि ले ले जितना इम्तहान लेना है ले ले ये साँसे तेरी ही अमानत है कभी भी ले ले
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10-05-2019, 02:10 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
तो दिन बस कट ही रहे थे और हम लगे थे गान्ड को घिसने मे एक दोपहर मिता का फोन आया तो उसने पूछा कि बोलो तुम्हारे लिए क्या गिफ्ट लाउ मैने कहा तुम मेरी ज़िंदगी मे आई यही सबसे बड़ा गिफ्ट है अपने को और कुछ भी नही चाहिए तो वो हँसते हुए बोली कि मैं तो तुम्हारी ही हू पर जल्दी से बताओ कि तुम्हे क्या गिफ्ट चाहिए



काफ़ी देर सोच कर मैने कहा कि तुम उस तरह से आना मुझसे मिलने जैसे कि मैने तुमको पहली बार देखा था तो वो बोली सैयाँ जी बड़े रोमॅंटिक हो रहे हो मैने कहा डार्लिंग, अब रोमॅन्स करने का टाइम आ गया है बहुत इंतज़ार किया है तुम्हारा अब मिलन का समय नज़दीक ही है तो मिता शर्मा गयी और फोन को काट दिया पर दिल के किसी कोने मे आएगी हर पल तुझे मेरी याद वाला गाना बजने लगा




मिथिलेश, वो साँवली सलोनी सी सूरत जो अंजाने मे ही इस दिल मे उतर गयी कब इश्क़ की बेड़ियो मे मैं क़ैद हो गया था पता ही नही चला ना जाने कब हम दोनो एक दूसरे के करीब आ गये थे कि साथ जीने मरने की कसमे खा ली थी वैसे तो मेरा दिल भी साला पूरा कमीना ही था हमेशा धड़क ता ही रहता था पर जब भी मिथ्लेश का जीकर होता उसमे हलचल कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती थी




अब साला दिल ट्रैनिंग मे नही लगता था एक तरफ बदन मे ऑफीसर की वर्दी होने का एहसास और दूसरी तरफ इश्क़ को मुकम्मल करने की जूसतुजू समझ ही नही आ रहा था कि क्या हाल था मेरा बस एक लगन लग गयी थी प्रेमिका की बाहों मे अब ज़िंदगी गुजारनी थी वैसे तो अब तक कइयो ने अपनी बाहों मे पनाह दी थी मुझे पर अब बस मुझे एक ठिकाना चाहिए था



एक शाम मैं और उर्वशी दोनो ऐसे ही पार्क मे घूम रहे थे तो उसने पूछा कि जब तुम यहाँ से चले जाओगे तो क्या मुझे याद करोगे तो मैने कहा कि तू के मेरी लुगाई लगे सै जो तन्ने याद करूँगा तो वो बोली कही तो थी तेरे से उस दिन हिम्मत सै तो कर ले ब्याह तब तो तेरी आवाज़ बंद होगी आज होशियारी मारे सै उसका यही अंदाज दिल पे छुरी चला दिया करता था



मैं बोला तू तो गर्लफ्रेंड बनी कोन्या पर मैं तो तन्ने दोस्त ही समझू सूं तो सीधी सी बात यो सै के दोस्त की याद तो आवे ही गी घनी ना तो थोड़ी पर आवे ज़रूर गी मैं बोल्या यार तू मन्ने न्यू बता तू फोजिया ते क्यू चिड़या करे तेरा पिताजी फोजी अफ़सर तड़के तेरा ब्याह भी फोजी गेल ही करेगा तब के करेगी उर्वशी गुस्सा होते हुए बोली कि ना, कदे ना मन्ने तो मरना मंजूर सै पर फोजी गेल रिश्ता ना करूँ



मैने कहा छोरी तूँ सै रोहतक की जाटनी तन्ने बेरा सै ना तू के कह रही सै तो वो बोली तू मेरी फिकर ना कर आर नू बता तू के दूर का सै तू ठाकुरा की छोरी गेलया ब्याह क्यूकर कर ल्यावेगा मैने कहा मैं तो करूँगा चाहे जो भी हो उर्वशी बोली मैं तो यो ही चाहूं के तेरा घर राज़ी खुशी बस ज्या पर जै किमी उच नीच हो गी तो.... मैने कहा वो भी देखेंगे पर दिल साला घबरा गया
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10-05-2019, 02:10 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
पर हम भी ठहरे फोजी वो भी दिमाग़ से पैदल वैसे भी दुनिया तो कहती ही है कि फोजी तो मेंटल होते है तो कर लिया निर्णय कि देख लेंगे हर उस दीवार को जो मुहब्बत के रास्ते मे आएगी पर क्या पता था कि दीवार तो क्या साला एक ईट भी ना उखाड़ सकेंगे खैर, तो आलम ये था कि बस पूछो मत मुहब्बत की चिंगारी जो सालो पहले जाली थी अब उसके शोलों ने आग का रूप ले लिया था



और वो आग अब रोज इस दिल मे जल रही थी मैने अपने घर फोन किया और पापा को बताया कि पासिंग आउट वाले दिन सभी घरवालो को आना होगा तो पापा बोले कि बेटे बड़ा ही मुश्किल होगा इस टाइम तो क्योंकि तुम्हारी चाची तो सफ़र कर ना पाएगी और तुम्हारी मम्मी उसके साथ ही रहेगी और ऑफीस मे भी वर्क लोड ज़्यादा है तो मुश्किल हो जाएगी पर तू रवि से पूछ ले अगर वो फ्री होगा तो वो आ जाएगा

मैने कहा पापा मेरी लाइफ का सबसे बड़ा दिन आने वाला है और घर से कोई भी नही आएगा तो कैसे चलेगा



पर उन्होने कहा की बेटे मजबूरी है तो नही आ पाएँगे तो मेरा मन उदास हो गया और फिर मैने ज़्यादा बात ना करते हुए फोन रख दिया रवि को फोन लगाया तो उसने भी काम का ही रोना रोया तो मैने कह दिया ऐसी तैसी कर्वाओ तुम सब कोई मत आना तुम ना आओगे तो क्या ऑफीसर ना बनेंगे




मूड थोड़ा ऑफ हो गया था तो पहुच गया कॅंटीन और एक बियर ली याडी भी साला जब देखो चूत के चक्कर मे लगा रहता था उसने कहा भाई एक नया माल हाथ लगा है कहो तो बात करूँ तुम्हारी भी मैने कहा ना भाई आज मूड नही है फिर कभी देखेंगे तो उसने कहा चलो कोई बात नही वैसे एक बात और बतानी थी तुम्हे वो जो सरिता थी ना उस दिन वाली




तो मैने कहा कॉन वो बोला भाई भूल गये क्या अरे वो गढ़वालन उस दिन अपन गये थे तो मैने कहा अरे हाँ याद आया तो क्या वो कहने लगा कि भाई वो तुमसे दुबारा मिलने को कह रही थी तुम इधर आए नही तो मैं बता नही पाया तो मैने कहा घोन्चु गधे कही के फोन कर देता तो वो बोला यार किया था पर तुम्हारा बिज़ी आ रहा था कहो तो मीटिंग लगाउ तो मैने कहा ना यार अभी सच मे मूड नही है




शेर शिकार करना छोड़ दे पर अपना चूत मारना छोड़ दे बात कुछ हजम होने वाली थी नही पर पता नही क्यो उसको मैने उस दिन मना कर दिया बियर शियर मारने के बाद अपन वापिस हॉस्टिल की तरफ चल पड़े तो रास्ते मे पद्मि नी के दर्शन हो गये वो अपने बेटे के साथ घूमने निकली थी तो उसने अपने बेटे को कुछ पैसे दिए और दुकान की तरफ भेज दिया




और मेरी तरफ मुखातिब होते हुए बोली की पासिंग आउट परेड कब है तो मैने उसको डेट बता दी उसने कहा कि पोस्टिंग से पहले क्या तुम मुझसे मिलोगे तो मैने कहा भाभी अगर टाइम मिला तो पक्का मिलूँगा तो वो बोली कि मैं चाहती हू कि तुम्हारे जाने से पहले हम कुछ गोलडेन मोमेंट्स साथ मे गुज़ारे मैने कहा भाभी पासिंग डे पर मेरी गर्लफ्रेंड भी आ रही है अगर टाइम मिला तो पक्का आपके साथ ही एंजाय करूँगा




पद्मि नी बोली अब तुम्हारी गर्लफ्रेंड आएगी तो फिर तुम मेरी ओर ध्यान दोगे नही मैने कहा ऐसी बात नही है मैं पक्का जाने से पहले आपको प्यार करूँगा तो पद्मि नी के चेहरे पर खुशी की चमक आ गयी हम बात कर ही रहे थे कि उर्वशी भी अपनी स्कूटी को दौड़ा ते हुए हमारी ही ओर आ गयी और मुझे बोली तू यहाँ कैसे मेरा तो दिमाग़ ही घूम गया अबे मेरी मर्ज़ी मैं कही भी घूमू तो मैने कहा रोड के तेरे बाप की सै




उर्वशी बोली हम मेरे बाप की सै इब बोल अब पद्मिूनी हमारा मूह देख रही थी तो मैने उसका परिचय करवाया कि भाभी ये उर्वशी है ब्रिग.*********** की बेटी तो उसने पद्मिानी को नमस्ते किया इतनी देर मे पद्मिेनी का बेटा भी आ गया तो पद्मि*नी ने कहा कि आप लोग बाते करो मैं चलती हू और वहाँ से चली गयी उसके जाते ही उर्वशी ने कहा कि रै या सुथरी सी आंटी कॉन सै तो मैने उसको बताया कि ये हमारे ट्रैनिंग ऑफीसर की वाइफ है




वो बोली आंटी तो घनी चोखी सै तो मैने कहा तू क्या कम है तू भी तो बिजली है तो वो बोली कि रहण दे मने झाड़ पे ना चढ़ा छोरे मैने कहा अब तेरे लिए के मैं साची बात भी ना बोलू तो वो बोली मैं कितनी इतनी सुथरी सू मैने कहा किसी ते भी जा के पूछ ले फिर हमारी ऐसे ही थोड़ी देर और नोक झोक चलती रही शाम भी हो चुकी थी हल्का हल्का सा अंधेरा छाने लगा था तो उर्वशी बाइ बोल कर चली गयी
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10-07-2019, 12:22 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं भी होस्टल मे चला गया थोड़ा सा हाथ मूह धोया फिर एक टेस्टी डिन्नर के बाद मैं सोने के लिए बिस्तर पर पहुचा ही था कि मिता का फोन आ गया आजकल पता नही क्या सूझ रहा था उसको तकरीबन रोज रोज ही फोन कर लेती थी वो कहते है ना कि दूर रहने से प्यार बढ़ता है शायद वो ही बात थी उसकी इंटेर्नशिप भी बस ख़तम होने को ही थी और फिर कही ना कही जॉब पकड़ लेनी थी उसने भी




हसीन बहारों की रात ठंडी ठंडी हवा और ऐसे मे अपने दिलबर से बात हो जाए तो इस से अच्छा फिर कुछ नही हो सकता है बेसक हम एक दूसरे से दूर थे पर हमारी रूह एक दूसरे की मुहब्बत मे इस कदर जुड़ गयी थी कि हम दो जिस्म एक जान से भी बढ़कर हो गये थे मिथ्लेश की सबसे अच्छी बात ये थी कि वो समझ जया करती थी कि मेरे दिल के हालत को उसे हर पल पता होता था कि मैं क्या सोचता हू




मुहब्बत तो सदियो से चली आ रही है कितने लोगो ने की होगी और आज भी कही किसी कोने मे किसी ना किसी का दिल किसी ना किसी के लिए धड़क ही रहा होगा पर अपनी बात ही कुछ जुदा जुदा थी मेरे लिए मुहब्बत का वो दरिया थी जिसमे बस मैं अब डूब जाना चाहता था अब कुछ बाकी ना था बस जल्दी से जल्दी मैं मिथ्लेश का होना चाहता था सुबह 4 बजे तक हमारी प्रेम भरी बाते चलती रही

अगले कुछ दिन बड़े ही बेकार गुज़रे परेड की तैयारियो ने शरीर को बुरी तरह से तोड़ डाला थकान के मारे बुरा ही हाल हो रखा था पर टफनेस ही तो आर्मी लाइफ हमें सिखाती है पता ही नही चलता था कि कब नींद आई कब दिन निकला एक बार सज़ा भी मिली पर ये सब तो चलता ही रहता है जाटनी ने वादा किया था कि वो मेरे साथ लंच पर जाएगी पर मैं इधर से निकल ही नही पा रहा था


बस लगी पड़ी थी सभी कॅडेट्स अब पोस्टिंग का ही जिकर करते रहते थे कि मुझे वो जगह पसंद है मुझे वो जगह पसंद है मैं सोचता था कि यही देहरादून मे ही कुछ जुगाड़ हो जाए तो ठीक रहे पर ये सब तो अथॉरिटीज़ के हाथ मे था फिर अपने को तो नौकरी से मतलब चाहे कही भी करवालो




मैने सोचा कि पूरे दो महीने की छुट्टी के लिए अप्लाइ करूँगा और मज़े से गाँव मे चूत मारूँगा और कोई नया माल भी अड्जस्ट करूँगा पता नही क्यो मैं प्लॅनिंग भी बहुत करता रहता था तो कुल मिला कर बस अब दिन ही कट रहे थे बीच मे पद्मिमनी ने कहा सेक्स के लिए पर मैने बिज़ी होने का बहाना बना कर टाल दिया एक शाम मैने उर्वशी को बताया कि कल मैं फ्री रहूँगा और हम लंच पे चलेंगे




तो उसने कहा ओके मैं तुझे यहीं से पिक कर लूँगी और फिर निकल पड़ेंगे अगले दिन फोजी नहा धोकर पर्फ्यूम लगा कर एक दम जेंटल्मेन बन कर चल पड़ा उर्वशी के साथ मैने कहा किसी अच्छे रेस्टोरेंट मे चल तो वो बोली तू बस बैठ चुप चाप और कोई आधे घंटे बाद हम एक रेस्टोरेंट मे दाखिल हो गये हमेशा की तरह पर्फेक्ट लेडी की पर्फेक्ट चाय्स थी




एक ज़िंदा दिल लड़की की साथ थोड़ा टाइम बिताने को मिला इस से अच्छी बात और क्या हो सकती थी मेरे लिए सबकुछ उसकी पसंद का था जो भी वो चाहे उसकी खिल खिलाती हुई हसी आज भी कभी कभी जब याद आ जाती है तो मैं मुस्कुरा पड़ता हू वो बार बार अपने चेहरे पे आई बालो की लत को साइड मे करती पर उसकी जुल्फे भी मानो आज शरारत करने के मूड मे थी जैसे मैं तो बस उसे ही देखे जा रहा था चोर नज़रो से




उर्वशी ने मेरी नज़रो को पकड़ लिया और बोली कि अब यू ना देखो मुझे मुझे अनकंफर्टबल लग रहा है तो मैने कहा अब क्या आँखे बंद कर लू देखने की चीज़ तो देखी ही जाएगी वो बोली साची! जी तो करता है कि तेरे लगा दूं दो चार पर अच्छा भी लगता है तू हाय! जब तू चला जाएगा तो कसम से मैं कही मर ना जाउ तेरी जुदाई में तो मैने कहा दोस्ती तू कर नही रही है और मर जाएगी जुदाई मे




उर्वशी भी आज मानो पूरे मूड मे थी वो बोली कि अरे जालिम बलमा मैं तो ब्याह करने को मरी जा री सूं तेरे गेल और तू दोस्ती की पूछ पकड़ के बैठा है मैने चुस्की लेते हुए कहा कि दो मिनिट तो तुझे झेलना मुस्किल है कॉन पूरी उमर तेरे साथ बिताएगा मेरी जिंदगी तो झगड़े मे ही बीत जाएगी तू तो दोस्ती तक ही ठीक है तो वो बोली कि दोस्ती में के सै ब्याह कर और पूरी मौज मार




उसकी आँखे चमक उठी थी मैने कहा कि यार तू मज़ाक मे कह रही है या सीरीयस है तो उसने मुझे ही उलझाते हुए कहा कि तन्ने के लागे सै छोरे तो मैने कहा कि मने तो लागे सै कि तन्ने प्यार हो गया मेरे तै ये सुनते ही उर्वशी ने अपना पेट पकड़ लिया और बुरी तरह से हँसने लगी रेस्टोरेंट मे मोजूद और लोग हमारी तरफ देखने लगे
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10-07-2019, 12:22 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा आराम से बैठ ना तो वो बोली कि हँसूंगी दुनिया जाए खड्डे मे और तू ना जोक तो कम से कम ढंग का मारा कर सारे मूड की लगा डाली मैने कहा ले देखो रे जमाना अब हम सच भी बोले तो इनको मज़ाक लगे है उर्वशी कहने लगी कि अभी मेरे इतने बुरे दिन ना आए है कि तुझ से प्यार करूँ और वैसे भी प्यार मे रखा ही क्या है



तू खुद पे ही ले ले तू इतने सालो से रिलेशन्षिप में है पर तूने कभी हाथ भी ना पकड़ा तेरी वाली का वो कहीं धक्के खाए तू कहीं खाए बस नाम है का प्यार है बाकी ज़रा गिन के बता कि कितना टाइम तुम लोगो ने साथ मे बिताया है तेरी वाली से ज़्यादा टाइम तो तू मेरे साथ ही बिता चुका होगा बता क्या फ़ायदा ऐसे प्यार का तो मैने कहा वो तो हम अपने अपने करियर को बनाने मे बिज़ी है



और जब भी मौका मिलता है तो हम अपने पलों को जी लेते है तो वो बोली बलम प्यारे बात को नही समझा तू अभी तक लाइफ को प्रॅक्टिकली देख और सोच कि प्यार करके तुम्हे क्या मिला तू जब देखो मेरे उपर लाइन मारता रहता है अगर तू उस से सच्चा प्यार करता तो तुझे ज़रूरत ही ना होती मेरी तरफ देखने की मैने कहा देख मुहब्बत और दोस्ती दो अलग चीज़ है




वो बोली अक्सर दोस्ती ही मुहब्बत मे तब्दील हो जाया करती है और फिर शुरू होती है परेशानी तू क्या जाने कि प्यार क्या होता है मैने कहा उर्वशी तू तो ऐसे ही कह रही है कि तूने तो मुहब्बत मे डिप्लोमा कर लिया है तो वो बोली जाटा की छोरी सूं डर लगता है वरना मेरे सीने मे भी एक धड़कता हुआ दिल है




मैने कहा यार इतनी पढ़ी लिखी होके तू भी रही गाँव की गँवार ही तू कैसी बात करती है जमाना कहा से कहाँ पहुच गया और तू अभी भी वही है जाटा की छोरी है तो के प्यार ना करेगी तू बता तू अगर किसी को पसंद करती है तो मैं तेरे लिए कुछ भी कर जाउन्गा बता कोई नज़र मे है तो मैं तेरा ब्याह करवाउन्गा उसके साथ उर्वशी ने एक गहरी सांस ली और बोली तू रहने दे तेरे बस की ना है



माहौल थोड़ा सा सेंटिमेंटल सा हो गया था अब खाने पर से ध्यान हट गया था उर्वशी थोड़ी संजीदा सी होने लगी थी मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और उसकी आँखो मे देखते हुए बोला कि यार कोई प्राब्लम है तो बता ना वो बोली कह दिया ना कि तेरे बस की ना है पर मैने ज़ोर देते हुए कहा कि तुझे बताना ही पड़ेगा तो वो बोली कि लगन लाग गी तेरे से छोरे मैं कर बैठी प्यार तेरे से

जैसे ही मैने ये सुना मेरे हाथो से चम्मच छूट कर नीचे कर गया और मैं शॉक हो गया मुझे कुछ ना सूझा काफ़ी देर तक हम दोनो मे से कोई भी कुछ ना बोला फिर मैने खामोशी को तोड़ते हुए कहा कि देख बात ऐसी है कि ………… मैं बोल ही रहा था कि उसने मुझे रोका और कहने लगी कि मने बेरा सै कि तू यो ही कहेगा कि तेरी दोस्त सै और तू उसके गेल ही ब्याह करेगा



उर्वशी बोली कमीने-कुत्ते तू क्यू आया मेरी लाइफ मे अच्छी भली चल रही थी मस्ती से जीती थी ना कोई चिंता ना कोई फिकर पर भगवान किसी को सुखी नही देख सकता तो उसने तुझे भेज दिया मुझे रुलाने को मैं बोला अब मैने क्या किया तो वो बोली कि पता नही कब तुझसे हो गया अब लागी छूटे ना बता मैं क्या करू अब मैं साला परेशान मैने कहा तू मेरी टाँग खीच रही है ना


तो वो बोली मैं सॅंडल फेक के मारूँगी मेरा दिमाग़ खराब किया तो जा ना खाना तेरा लंच मैं जा रही हूँ अब खुद ही सिचुयेशन कॉंप्लिकेटेड की और बिल फटे हम पर बड़ी ही ना इंसाफी है ये तो मैने उसका हाथ पकड़ कर उसको बिठाया और कहा देख यहाँ तमाशा सा हो रहा है सब लोग अपनी तरफ ही देख रहे है लंच नही करना कोई बात नही मैं बिल दे देता हू फिर चलते है



5-7 मिनिट बाद हम दोनो वहाँ से निकल गये अबकी बार मैं स्कूटी चला रहा था उर्वशी का मूड अब भी ठीक नही था तो मैने स्कूटी शहर से बाहर की ओर हरिद्वार रोड पर मोड़ दी और काफ़ी दूर निकल आया थोड़ा सा सुनसान एरिया आया तो मैने एक पुलिया के पास उसको रोका और कहा आ इधर बैठ कर बात करते है और हम दोनो पुलिया पर बैठ गये
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10-07-2019, 12:22 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
कुछ देर खामोश रहने के बाद मैने उसका हाथ अपने हाथ मे पकड़ लिया और कहा कि देख तू घनी सुथरी , गजब, मोरनी सी छोरी सै अर मै सूं फोजी मेरे गेल्या लगन करके सदा दुख ही पावेगी फिर मैं बॉर्डर पे रहूँगा टाइम पे छुट्टी भी ना मिलेगी और ना जाने किस घड़ी किस गोली पे मेरा नाम लिखा हो और ये तो बाद की बाते है मैने भीतो किसी और का पल्ला पकड़ा हुआ है



उर्वशी ने अपना हाथ छुड़ाया और आलती-पालती मार के बैठ गयी और बोली कि यो सब तो तेरे आली के गेल भी हो सके सै मैने कहा बिल्कुल हो सके सै उर्वशी कहने लगी कि तेरे आली के मेरे ते भी घनी सुथरी सै मैने कहा ना वो तो तेरे पासिंग मे भी कोन्या वो बोली फेर के दिक्कत सै थोड़ा टेम मेरे गेल्या गुजारेगा तो मेरे ते प्यार करन लग ज्यागा
और वैसे भी पुरुषो का प्यार तो बस बिस्तर पर ही दिखया करे मने कुछ ना बेरा तू मेरे गेल्या ही ब्याह कर ले मैं ना रह सकूँ अब तेरे बिना लत लाग गी मने तेरी मैं काल ही अपने बापू ते बात करू सूं मैने कहा होश मे आ पागल जाटनी और गोर से देख मैं खुद फँसा पड़ा हूँ तू बस बाहर से ही मुझे जानती है पर मैं अंदर रोज जलता हू देख तन्ने बताऊ सूं



मेरी ज़िंदगी मे दो कन्या आई जो मने सच्चे मन से अच्छी लगी एक सै मिथ्लेश जो धड़कन बनकर मेरे दिल मे धड़क रही है और दूसरी सै निशा जो कदे मेरी बेस्ट फ्रेंड हुआ करती थी पर आजकल मने भूल गी अर ना जाने कित सै वा पर फेर भी वा भी दिल का एक कोना मे पड़ी सै देख मैं लाख खराब सूं मैं घटिया सूं पर मैं ब्याह करू तो बस मिता गेल ही क्योंकि यो जनम तो बस उ छोरी के साथ ही जिनो है



तू 16 सोमवार के व्रत कर ले के बेरा महादेव जी तुझे मुझसे तो लाख गुना बेहतर पति देंगे तू मने अच्छी तो बहुत लागे सै पर मैं मजबूर सूं मैं किसी और गेल वादा कर चुका हूँ अब तू ही बता मैं के करूँ तो उर्वशी खामोश हो गयी और फिर अचानक से बोली कि कामीने मैना करती तेरे से प्यार व्यार जै दुनिया निमाड़ भी ज्या ना तो मैं तेरी ना बनूँ मैं तो देखे थी कि तू कितने पानी मे सै



उसकी बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया मैने कहा फेर हो ली राज़ी आ गी तेरे कलेजे ने ठंड अब मेरा मूड साला सटक गया मैं उठा और उसको बोला कि देख तुझे दोस्त माना है मैने आइन्दा से फीलिंग्स वाला मज़ाक ना करियो बाकी तू चाहे जान माँग ले अभी दे दूँगा पर फीलिंग्स के साथ छेड़खानी नही होनी चाहिए तो उसने मेरे गाल को थपथपाते हुए कहा ही ओके बाबा सॉरी



जब वो सॉरी कह रही थी तो मेरी निगाह उसकी आँखो पे गयी तो मुझे उसकी आँखो मे पानी सा लगा तो इसका मतलब ये जो भी कह रही थी सच कह रही थी मैने कहा छोरी तेरी आँखो मे यो पानी कैसा तो वो अपनी चुन्नी से आँखो को पोंछती हुई बोली कि शायद कुछ कचरा चला गया होगा मैने कहा ये फिल्मी डाइलॉग ना बोल और साची बात बता



अब फँसी छोरी जाट की मैने कहा अब बता भी दे ना तो उसने कुछ नही कहा और सीधा आकर मेरे सीने से लग गयी मेरी तो साली धड़कन ही रुक गयी गले तो कइयो को लगाया था पर इस बार दिल भी साला ना फरमानी पे उतर आया मेरे हाथ अपने आप ही उसकी पीठ पर चले गये और उसकी पीठ को सहलाने लगे उसकी गरम साँसे मेरी छाती पर कहर ढाने लगी



दो मिनिट के लिए तो मेरा भी खुद पर काबू ना रहा फिर मैने उस को अपने से डोर हटा दिया पर उसका हाथ मेरे हाथ मे रह गया तो वो फिर से मेरे सीने से आ लगी उसकी साँसे भारी हो गयी थी उसकी छातिया मेरे सीने पर दबाव बना ने लगी थी अबकी बार मैने उसको अपन से अलग नही किया समय जैसे थम सा गया था तभी उसका चेहरा थोड़ा सा उपर हुआ और उसके होठ मेरे होंठो से छू गये
ना चाहते हुए भीं मैं अपने होंठो को रोक ना सका उसके लरजते हुए कोमल होंठ ऐसे थे जैसे कि पहाड़ो से बहता नदी का शीतल जल उसने अपनी आँखो को बंद कर लिया और अपनी बाहें मेरी पीठ पर थोड़ा ज़ोर से कस दी वक़्त का ना कुछ पता था मुझे ना मुझे कोई होश था 5 मिनट तक मैं उसके होंठो को ख़ाता रहा फिर वो मुझसे अलग हुई और लंबी सांस भरते हुए बोली कि मारेगा के छोरे



उर्वशी स्कूटी की ओर बढ़ी और डिग्गि से पानी की बॉटल निकाल कर पीने लगी एक ही सांस मे आधी बोतल गटक गयी और बोली कदे किसी छोरी की पप्पी ना ली के ऐसे चिपक गया जैसे कि इस जनम मे तो हटेगा ही नही पर मुझे थोड़ा सा अनकंफर्टबल फील होने लगा मैने कहा सॉरी डियर मुझे ऐसा नही करना चाहिए था तो वो बोली कोई बात ना फोजी तू भी के याद करेगा कि किसी जाटनी की पप्पी ली थी

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10-07-2019, 12:23 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है

कुछ तो बात थी छोरी मे एमबीए की स्टूडेंट होकर भी जिस तरीके से वो गाँव की देसी भाषा का प्रयोग करती थी कसम से मेरे दिल मे हुक उठ जाती थी पर सच्चाई ये थी कि मैं उसको अपना नही बना सकता था वैसे तो मैं कमीना था पर इस लड़की की फीलिंग्स के साथ मैं नही खेलना चाहता था मैने कहा जो हुआ उसके लिए मैं शर्मिंदा हू प्लीज़ फर्गिव मी



पर वो भी अपनी धुन की पक्की बोली फोजी अब मैं पीछे ना हट सकूँ या मीरा तो श्याम की दीवानी हो गयी सै इब चाहे दुनिया से लड़ना पड़े पर ब्याह तो करूँगी तेरे साथ ही अब मैं कुछना बोला और अपना माथा पकड़ कर पुलिया पे बैठ गया जी तो कर रहा था कि यही से नीचे कूद जाउ तभी शनि की दशा लगी और मिथ्लेश का फोन आ गया



मैं बात कर ही रहा था और उर्वशी मुझे तंग करने लगी तो मैने बिज़ी होने का बहाना बनाया और फोन कट किया मैने कहा उर्वशी मान भी जाना तंग ना कर आ अब वापिस चलते है तो उसने बोला कि कुछ देर और रुकते है फिर चलेंगे उर्वशी मुझ से सट कर बैठ गयी और बोली कि देख ले छोरे फेर ना कहीयो कि इसी सुथरी छोरी हाथ से निकल गी




मैं बोला तू तो पगला गयी है ऐसा नही होता है तो वो बोली फिर कैसा होता है मैने कहा मुझे नही पता वो मेरे साथ शरारत करने लगी मेरा लंड अपनी औकात मे आ गया पर इधर कुछ भी पासिबल नही था तो मैं और भी अनकंफर्टबल हो गया दिल तो अब दिल है कही भी फिसल जाता है तभी बिन मोसम हल्की हल्की बारिश शुरू हो गयी ठंडी ठंडी बूंदे हमें भिगोने लगी




एक तो सर्दी का मौसम और उपर से बारिश जब बोछार थोड़ी ज़्यादा तेज हो गयी तो मैने कहा यार अब क्या करें तो उर्वशी बोली कि उधर पेड़ो के नीचे खड़े हो जाते है तो हम रोड से उतर कर कच्चे की तरफ चल पड़े और थोड़ी दूर घने पेड़ थे उनके नीचे जाकर खड़े हो गये यहाँ बारिश तो नही थी पर ठंडी हवा कुलफी जमा रही थी



देहरादून का मोसम भी बड़ा ही कमाल है उर्वशी ठंड से काँपने लगी और मुझ से सट कर खड़ी हो गयी दो भीगे हुए बदन एक दूसरी की गर्मी का अनुभव करने लगे तभी मुझे क्या सूझा उसके गीले बालो को मैने खोल दिया हमेशा से ही मुझे खुले बालो वाली लड़कियाँ बड़ी अच्छी लगती है उर्वशी बोली छोरे के करै सै



मैने कहा कुछ ना तू बस दो मिनट चुप रह उसकी गीली ज़ुल्फो की खुसबू मुझे मदहोश करने लगी थी पानी की बूंदे जब उसके गालो से टपक रही थी तो लगा जैसे कि पेड़ो से शबनम बह रही हो एक तो मोसम का ज़ुल्म और उपर से कयामत भी मेरी आँखो के सामने ही खड़ी थी अब मैं क्या करूँ मेरे शरीर मे खून ज़ोर मारने लगा



मैने एक हाथ उर्वशी की कमर मे डाला और उसको अपनी तरफ खीच लिया वो बिल्कुल मुझसे सट गयी हमारी आँखे चार हुई वो मुझे देखे मैं उसे देखु वक़्त ने अजीब हालात खड़े कर दिए थे ये ही एक ऐसी लड़की थी जिसके साथ मैं कुछ नही करना चाहता था और तकदीर आज इस लड़की को ही मेरी बाहों मे ले आई थी मैं तो जैसे पत्थर का बन गया था




उसकी आँखो मे बेपरवाह मुहब्बत का सैलाब दिख रहा था मुझे पर मैं अपने होश संभाले था पर कितनी देर तक वो बेशक उर्वशी थी पर मैं विश्वामित्र कतई नही था तभी कही दूर बिजली कडकी और उर्वशी और भी अच्छे से मेरी बाहों मे आ गयी उसके बदन की खुश्बू मेरे हार्मोंस को आक्टिव कर रही थी हर एक गुज़रते पल के साथ मेरा खुद पर कंट्रोल ख़तम होते जा रहा था आख़िर परिस्थिति ही कुछ ऐसी हो गयी थी
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10-07-2019, 12:23 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
काम देव का बान कमान से निकल कर मुझे घायल करने को चल पड़ा था और उर्वशी का हाल भी कुछ ऐसा ही था अब की बार जैसे ही उसकी और मेरी नज़र मिली मेरे सबर का बाँध टूट गया और मैने दोनो हाथो से उसके सुर्ख हो चुके चेहरे को पकड़ा और किसी बिछड़े हुए दीवाने की तरह उसकी नरम होंठो को चूमने लगा उर्वशी ने कोई प्रतिकार नही किया




उसने अपने मूह को थोड़ा सा खोला और उसकी जीभ को मेरे मूह मे सरका दिया अब अगर कयामत भी हो जाती तो कोई गम ना था पता नही कितनी देर तक मैं उसके लबों की शबनम को पीता रहा फिर जब दुबारा से बिजली कडकी तो मुझे होश आया मैने उसके धक्का देकर अपने से दूर किया और अपनी उखड़ती हुई सांसो को दुरुस्त करने लगा कुछ ऐसा ही हाल उस पागल जाटनी का था



मैने कहा उर्वशी मेरे पास ना आ अगर मैं बहक गया तो फिर मुश्किल हो जाएगी बड़ी मुश्किल से संभाला है खुद को मैं तुझे खराब नही करना चाहता प्लीज़ इन घायल नज़रों से ना देख मुझे अगर मैं आज फिसल गया तो फिर सारी ज़िंदगी दिल पे बोझ रहे गा बारिश अब बेहद तेज हो गयी थी और ठंड भी अब तेज होने लगी थी



कैसी ये मृगतृष्णा थी कैसे हालत मे आज मैं आ गया था वरना ऐसी कोई चूत नही थी जिसपे दिल आने के बाद उसका मज़ा ना लिया हो पर इस मर्जानी की बात अलग थी ठंड से उसका बदन काँपने लगा था तो मैने अपनी जॅकेट निकाली और उसको ओढ़ा दी जब खड़े खड़े पैर दुखने लगे तो मैं पेड़ का सहारा लेकर बैठ गया गीली मिट्टी की खुसबू जो आई तो साथ काफ़ी यादे ले आई

उर्वशी साया फिल्म का गाना अये मेरी ज़िंदगी गुनगुनाने लगी थी तो मेरा ध्यान उसकी तरफ गया मैने कहा इधर आ और उसको अपने आगोश मे ले लिया मैं बोला देख जाटनी तू मुझसे एक वादा कर कि तू आज के बाद मुझसे कभी ना मिलेगी और ना ही कभी मेरे बारे मे सोचेगी मैं कुछ दिन मे यहाँ से चला जाउन्गा फिर ना जाने तकदीर कहाँ ले जाएगी




उर्वशी बस सुनती ही रही मैने कहा यार तू बहुत ही सच्ची लड़की है और मैं उतना ही कमीना तुझे अब क्या कहूँ तू खुद इतनी समझदार है बस कभी याद आ जाए तो एक सपना समझ कर भुला देना पर तेरा मेरा साथ अगर यही ख़तम हो जाए तो अच्छा होगा वरना तू भी दुखी और मैं भी



उसकी आँखो से झरता एक एक आँसू मेरे दिल मे छेद कर रहा था पर मैं भी तो मजबूर था ज़िंदगी मे इतना बेबस कभी नही हुआ था मैं अगर मिता ना होती तो एक पल ना लगाता इस छोरी का हाथ थामने मे . बादल अब और भी ज़ोर से गरजने लगे थे आज बारिश रुकना मुश्किल ही लग रहा था और हम दोनो शहर से दूर सुनसान मे फँस गये थे




हम दोनो खामोश बैठे थे कहने को शायद कुछ था पर ना वो बोल रही थी ना मैं दिल पे बोझ सा लग रहा था पर ये बोझ अच्छा था उस बोझ से जो उसको खराब करके मिलता शाम ढलने को आई थी वापिस अकॅडमी मे भी रिपोर्ट करना था हम तो साला बस बँध कर रह गये थे रूल्स मे . छाती मे दर्द सा होने लगा था अब करें भी तो क्या



उर्वशी मेरे पास आई और बोली कि अच्छा लगा तेरा साथ दो पल जो तेरे साथ बिताए खुल के जी ली ज़िंदगी इब जै मर भी जाउ तो कोई दुख ना सै मैने कहा ऐसा क्यो बोलती हो अभी तो पूरी लाइफ पड़ी है तुम्हारे आगे ये मुहब्बत भी अजीब है जहाँ होनी चाहिए वहाँ नही होगी और ना चाहते हुए भी हो जाती है इंसान तो बस फिर इसके इशारों पर नाचते है
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