Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 02:07 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अगले दिन जब मैं उठा तो मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था मैने देखा कि पद्मिदनी बेड पर नही थी मैने बाथरूम का डोर नॉक किया तो पता चला कि वो अंदर है तो मैने कहा गेट खोलो ना तो उसने गेट खोल दिया मैने जब उसको देखा तो देखता ही रह गया साबुन के झाग मे लिपटा उसका गोरा भरा हुआ बदन बड़ा ही सेक्सी लगा मुझे पर मुझे मूतना था तो मैं पेशाब करने लगा वो मेरे लंड से निकलते हुए पेशाब की धार को देखने लगी फिर मैं वही कॅमोड पर बैठ गया और उसको नहाते हुए देखने लगा उसने शवर ऑन कर दिया और अपने बदन को रगड़ते हुए साबुन को हटाने लगी वो भी आज कुछ अलग ही मूड मे थी तो नहाते नहाते वो अपनी चूत पर उंगली फिराने लगी और अपने निचले होंठो को दाँतों से काट ते हुए मेरी ओर देखने लगी और फिर उसने दो उंगलिया अपनी चूत मे घुसा ली और तेज तेज उनको अंदर बाहर करने लगी मुझे उसको ऐसा करते हुए देख कर बड़ा ही मज़ा आ रहा था थोड़ी देर वो तेज तेज उंगलिया चलाती फिर वो उन उंगलियो को अपने मुँह मे डाल कर चाटने लगती वो मुझे तडपा रही थी अपनी अदाए दिखा कर पर मैं बिल्कुल शांत कॅमोड पर बैठे उसको ही देखे जा रहा था फिर वो चल कर मेरे पास आई और अपनी चूत से उंगली निकाल कर मेरे मुँह मे डाल दी मैं उसकी चूत के रस से सनी उंगली को किसी आइस-क्रीम स्टिक की तरह चूसने लगा उसने एक आह भरी और फिर से चूत मे उंगली करने लगी उसका पूरा बदन बेहद गोरा था पर उसकी चूत एक दम काली थी जिस से वो बड़ी ही प्यारी लगती थी


मुझे पर उसका इरादा समझ नही आ रहा था तो मैने कहा कि डार्लिंग आज क्या प्लान है तो उसने अपनी उंगली मेरे होंठो पर रख दी और बोली कि तुम बस शांत रहो फिर उसने मुझे खड़ा किया और बाथरूम के बीच मे ले जाकर खड़ा कर दिया और बॉडी वॉश की बॉटल लेकर मेरे पूरे शरीर पर रगड़ने लगी उसे कोमल कोमल हाथ जब मेरे शरीर पर रेंग रहे थे तो मुझे एक बेहद ही अच्छा महसूस हो रहा था मैं अपनी सारी चिंता सब कुछ भूल गया था और बस मेरे सामने थे पद्मि नी वो बड़े ही प्यार से मेरे शरीर के प्रत्येक अंग को बॉडी वॉश से सॉफ किए जा रही थी आधे घंटे तक वो मेरी शरीर को रगड़ती रही फिर उसने मुझे नहलाना शुरू किया मैं जैसे कही खो गया था मुझे नही पता वो क्या कर रही थी क्या नही कर रही थी मुझे अच्छे से नहलाने के बाद वो नीचे बैठी और मेरी गोलियो पर जीभ फेरने लगी उसकी लंबी जीभ का लिज़लीज़ा स्पर्श से मेरे अंडकोष टाइट होने लगे और लंड मे खून ज़ोर मारने लगा तो लंड उत्तेजित होकर उसकी नाक से टकराने लगा वो सुपाडे को सूंघने लगी काफ़ी देर तक वो बस गोलियो को ही चूस्ति रही फिर उसने कुछ ऐसा किया कि मैं तो एक दम हैरान ही हो गया और उसकी अदा का दीवाना हो गया


हुआ कुछ यू कि वो मेरी गोलियो को चाट ते चाट ते वो थोड़ा सा और नीचे की तरफ गयी और मेरी गान्ड पर अपना मुँह लगा कर उसको चाटने लगी मेरा पूरा बदन हिल गया उसकी इस हरकत से मान गया बॉस सुना तो था कि औरत मे इतनी आग होती है आज देख भी लिया था वो मेरे कुल्हो पर अपनी जीभ फेरे जा रही थी मुझे थोड़ा सा अजीब भी लग रहा था पर मैने उसको रोका नही जब तक उसका मन नही भरा वो अपनी मन मानी करती ही रही फिर हम रूम मे आ गये उसने मुझे बेड पर लिटाया और पास रखी हनी के बोतल से कुछ हनी अपने हाथ मे लिया और मेरे चेहरे पर गिराने लगी आज पद्मि नी का एक नया रूप देखने को मिला था मुझे मेरे होंठो गालो और गर्दन पर शहद लगाने के बाद उसने कुछ सहद मेरी चेस्ट पर गिराया और फिर ढेर सारा मेरे लंड और गोलियो पर भी गिरा दिया और वो मेरे उपर चढ़ बैठी और लगी मेरे होंठो और गालो को खाने बड़ी ही वाइल्ड हरकते कर रही थी वो आज पर मैने उसको एक सेकेंड के लिए भी नही टोका कमरे मे बेहद शांति थी बस कभी कभी सांसो की आवाज़ भूले-भटके सुनाई दे जाती थी चेहरे को चाटने के बाद वो मेरी चेस्ट पर झुक गयी और मेरी निप्प्लस पर लगे हनी को जीभ फिरा फिरा कर मज़े से खाने लगी जब उसके दाँत मेरी चेस्ट मे धंसते तो मैं मस्ती मे भर उठा आज तक मैने ना जाने कितनी औरतो की चूची निचोड़ निचोड़ कर पी थी पर आज पद्मिमनी मेरी चेस्ट के साथ खिलवाड़ कर रही थी

मैने अपनी आँखे बंद कर ली और खुद को उसके हवाले कर दिया 5-7 मिनट बाद वो अब लंड पर पहुच गयी पर लंड को एक छोटा सा किस करके साइड से गोलियो पर आ गयी और उनको मुँह मे भर के खाने लगी मैं सोच रहा था कि शूकर है कि इसके पास लंड नही है वरना आज तो गान्ड ही मर्वानी पड़ती फिर उसने मेरी टाँगे खोली और गान्ड पर लगे हनी को भी चाटने लगी अब मेरी उत्तेजना इतनी बढ़ गयी थी कि बस अब मैं उसको पटक कर चोदने ही वाला था कि तभी वो मेरे लंड पर आ गयी और उसको अपने गले तक ले जाते हुए खप खप मुँह मे ले के अंदर बाहर करने लगी लंड अब भरा तो बैठा ही था लंड चूस्ते चुस्ते ही वो 69 मे आ गयी और बोली कि चलो तुम भी मुझे थोड़ा सा आनंद दो तो मैने अपनी गर्दन थोड़ा सा उठाई और उसकी टपकती चूत को अपने मुँह मे लेके उसके रस को निचोड़ने लगा दूसरी तरफ वो मेरे लंड पर अपने होंठो का जादू दिखा रही थी आज उसकी चूत से कुछ ज़्यादा ही पानी बह रहा था और लग भी बड़ा टेस्टी रहा था तो दोस्तो 10-15 मिनट तक हम दोनो एक दूसरे की तस्सल्ली करते रहे फिर हम लगभग साथ साथ ही झाड़ गये और बेड पर पसर कर अपनी अपनी सांसो को दुरुस्त करने लगे
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