Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 12:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा मम्मी कम से कम यहाँ पर तो मेरा तमाशा ना बनाओ आप सब जानती हो फिर भी आप कही भी मेरी नुमाइश करने को तैयार हो जाती हो मैने कहा चाची आप ज़रा समझाओ ना मम्मी को तो वो बोली मैं तुम दोनो मा-बेटो के बीच मे क्यो खराब होउ तुम देखलो जो भी है और वैसे उर्वशी अच्छी लड़की है खिली खिली रहती है अपने घर आएगी तो अच्छा रहेगा



मैने कहा पता नही इस ने क्या जादू कर दिया है सब पर आप लोगो को जो करना है करो पर मुझे माफ़ करो तो मैं वहाँ से उठ कर आ गया ना जाने क्यो मुझे कोफ़्त सी होने लगी थी मैने रवि से कहा कि कुछ पड़ा है तो दे यार वो बोला भाई इस टाइम तो कुछ नही है थोड़ी देर रुक भेजता हू किसी को मैने कहा नही रहने दे बाद मे देखेंगे तभी उर्वशी मेरे लिए खाना ले आई और बोली रोटी खा लो मैने कहा भूख नही है



वो बोली अले ले मेला बाबू नाराज़ हो गया लगता है और मेरे पास ही बैठ गयी मैने कहा प्लीज़ यार मूड ऑफ सा हो रहा है वो बोली क्या बात हुई मैने कहा यार मम्मी भी ना जहाँ देखो मेरी नुमाइश करने लग जाती है वो बोली वो मम्मी है उनका हक़ है तुम पर मैने कहा है पर यार अच्छा नही लगता वो बोली चल जाने दे जल्दी से खाना खा ले और फिर कही घूमने चलते है



मैने कहा कहाँ पर ? वो बोली कहीं पर भी चलते है थोड़ा टाइम तेरे साथ स्पेंट करना चाहती हू मैने कहा ठीक है फिर खाना भी कही बाहर ही खाएँगे तभी एंट्री हुई प्रिया मेम्साब की वो बोली कहाँ जाने की प्लॅनिंग हो रही है मैने कहा हम घूमने जा रहे है वो मूरख बोली भाई मैं भी चलूं मैने कहा ना पर उर्वशी बोली चल तू भी फटा फट आजा तैयार होके




मैने कहा यार इसको यही रहने दे तो वो कहने लगी छोटी बहन है तुम्हारी उसको भी घूमाओ कुछ गिफ्ट दिला देना खुश हो जाएगी मैने कहा ठीक है पर बाइक पे तीन लोग कैसे तो वो बोली हम हमारी कार से चलेंगे और मुस्कुराने लगी जाटनी की स्माइल इतनी प्यारी थी कि बस मैं तो पिघल ही गया आधे घंटे बाद हम चल पड़े सिटी की ओर



कार वो ही ड्राइव कर रही थी और मैं उसके पास बैठा था प्रिया पीछे वाली सीट पर थी तो हम सहर पहुचे मैने उर्वशी को कहा कि एटीम के पास रोकना ज़रा और फिर कुछ पैसे निकाल लिए मैने सोचा पहले प्रिया को ही कपड़े दिलवा देता हू तो हम एक अच्छी सी शॉप पर गये और उसको कुछ ड्रेस दिलवाई फिर मैने कहा उर्वशी तू भी ले ले कुछ और उसको भी एक मस्त सूट दिलवाया



मैने अपने लिए भी एक टाई खरीदी फिर सबने आइस-क्रीम खाई और थोड़ी शॉपिंग की दिन कैसे गुजर गया पता ही नही चला शाम हो गयी थी हम लोग अभी भी सहर मे ही थे तो प्रिया बोली भाई अब घर चलना चाहिए मैने कहा हाँ चलते है अब की बार ड्राइव मैं कर रहा था अंधेरा घिरने लगा था तो रास्ते मे मैने कार हाइवे पे एक ढाबे पे रोकी और कहा कि डिन्नर यही करके चलेंगे तो घर पहुचते पहुचते हमे दस के करीब हो गये थे



हम घर पहुचे तो मैने देखा कि माहौल कुछ अजीब सा लगा है मैने अपने हाथ-मूह धोए और कपड़े चेंज करके आ गया तो उर्वशी के पापा बोले ऑफीसर तुम्हारी यूनिट कॉन सी है मैने कहा सर 45 आर/आर वो बोले बेटा ज़रा मेरे साथ आना मैं उनके पीछे पीछे चला आया बैठक मे पापा,चाचा, फूफा जी और भी कई लोग थे उन्होने टीवी चला दिया और न्यूज़ लगा दी



न्यूज़ देखते ही मेरे हाथों मे जो पानी की बॉटल थी वो हाथो से गिर गयी

न्यूज़ ही कुछ ऐसी थी कि मैं क्या बताऊ ड्रेस सेक्टर मे मेरी बटालियन की अड्वान्स पार्टी पर घात लगा कर उग्रवादियों ने हमला कर दिया था कई सैनिक शहीद हो गये थे और कॅषुयल्टीस भी बहुत थी ये एक बहुत ही बड़ी घटना थी उन दिनो क्यों कि लगने ही लगा था कि कश्मीर मे अमन चैन फिर से वापिस आने ही लगा है लगभग हर न्यूज़ चॅनेल पर यही घटना दिखाई जा रही थी



मैं तो एक दम शॉक ही हो गया घुटने काँप गये समझ ही नही आया कि कैसे रिएक्ट करू मैं दिमाग़ खराब सा हो गया था मेरा मैं वहाँ से उठा और आकर आँगन मे अपना माथा पकड़ कर बैठ गया फिर कुछ देर बाद मेरा फोन बजा नंबर देखते ही मैं समझ गया कि ये फोन क्यो आया है मैने फोन उठाया और बात की बस हाँ हूँ ही हुई



शॉर्ट मे एक संदेसा था मेरे लिए कुछ देर पहले मैं हसी ख़ुसी मस्ती मे घूम कर आया था मेरे कुछ प्लॅन्स थे जो मुझे इन 40 दिन की छुट्टियो मे पूरा करने थे पर हाई रे किस्मत तो सबर का घुट पिया और अंदर जाकर अपना सामान पॅक करने लगा कपड़ो की तह कर ही रहा था कि प्रिया आ गयी और बोली भाई क्या हुआ पॅकिंग क्यो कर रहे हो




अभी तो कुछ दिन और आपको यहाँ पर रुकना है मैने कहा हाँ पक्का रुकुंगा पर फिर कभी वो बोली भाई क्या हुआ कुछ उदास लग रहे हो सब ठीक तो है ना मैने कहा हाँ पगली सब ठीक है अभी तू जा और मुझे थोड़ा सा काम करने दे वो बोली भाई कुछ प्राब्लम है तो शेअर् कर सकते हो मुझे पता नही क्यो गुस्सा आ गया मैं उसको डाँट ते हुए बोला कहा ना कुछ नही है एक बार कहने से कुछ समझ नही आता क्या तो वो अपनी आँखो मे आँसू लिए वहाँ से चली गयी



मुझे फील हुआ कि उसको ऐसे नही डांटना चाहिए था पर मैं क्या करता मैं भी मजबूर था बॅग की चैन बंद ही कर रहा था कि उर्वशी आ धमकी बोली क्या हुआ मैने कहा देख अभी दिमाग़ काम नही कर रहा तो परेशान ना कर , वो बोली यार गुस्सा ना कर और बता भी दे क्या हुआ है मैने कहा यार जाना पड़ेगा वो बोली कहाँ जाएगा रात को तू



मैने कहा रात को तो नही पर सुबह होते ही निकलना पड़ेगा वो कहने लगी पर मैं तो अभी दो दिन और हूँ यहाँ पर तू मुझे छोड़ कर नही जाएगा मैने कहा मैं मजबूर हूँ यूनिट से फोन आया था सभी की छुट्टी कॅन्सल कर दी गयी है 72 घंटे मे मुझे रिपोर्ट करनी है वो घबराते हुए बोली कि क्या हुआ मैने फिर उसको विस्तार से पूरी बात बताई उर्वशी भावुक हो गयी



और मेरे सीने से लग के रो ने लगी दिल तो मेरा भी टूट गया था पर मैं ठहरा फोजी अपना दुख बता भी तो नही सकता था किसी को तो बस इतना ही कह पाया कि हँस के विदा करना अपने दोस्त को तो वो बस इतना ही बोली तू आया ही क्यो मेरी ज़िंदगी मे और उसके सवाल का कोई जवाब नही था मेरे पास तो बस उसको अपनी बाहों मे भर लिया बड़ा अच्छा सा लगा तो थोड़ी देर उसके आगोश मे ही रहा



फिर दरवाजे पर दस्तक हुई तो मैं उस से अलग हुआ ना चाहते हुए भी मेरी आँखे भी डबडबा आई थी मैने देखा तो बुआ थी वो बोली क्या चल रहा है तुम्हारा मैने कहा कुछ नही बुआ बस कल जाना है तो अपना बॅग देख रहा था वो बोली ऐसे नही जाने दूँगी कितने दिनो बाद तो आया है थोड़े दिन रह इधर ही मैने कहा जाना पड़ेगा बुआ मुझे लगा कि कही मैं रो ना पडू तो मैं कमरे से बाहर निकल गया



वो पीछे आवाज़ देते ही रह गयी मैं सबसे पहले पापा के पास गया और उनको सारी बात बताई और कहा कि मैं सुबह ही निकल जाउन्गा आप मम्मी को ना बताना वरना टेन्षन कर लेगी और पूरी कोशिश करूँगा कि जल्दी ही वापिस आने की पर मैं अंदर ही अंदर जानता था की ना जाने कितना समय लगेगा वापिस मूड कर आने मे पापा के माथे पर चिंता की लकीरे आ गयी थी



पर एक वो ही तो थे जो मेरी हालत को समझते थे रात आधी से ज़्यादा बीत गयी थी मैं छत पर अकेला बैठा हुआ था नींद कहीं जैसे खो ही गयी थी पहली बार मुझे लगा कि आर्मी मे आके कोई बड़ी ग़लती कर दी मैने तभी उर्वशी हाथो मे दो मग कॉफी के ले आई और मुझे पकड़ते हुए बोली सोए नही अभी तक मैने कहा नींद नही आ रही



उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली तुम सोल्जर हो और ये लम्हे तो एक सोल्जर की लाइफ मे आते ही रहते है मैने कहा यार वो बात नही है मैं इसलिए दुखी नही हूँ कि छुट्टी रद्द हो गई बल्कि इसलिए दुखी हूँ कि कहीं मेरे किसी दोस्त को कुछ ना हो गया हो और तुम्हे तो पता ही है कि छुट्टी से जाते ही मैं खुद उधर ही जाने वाला था अब पता नही क्या हालत होंगे वहाँ के



हम लोग बाते कर ही रहे थे कि अनिता भाभी आ गया वो बोली अरे तुम लोग सोए नही अभी तक मैने कहा आओ भाभी बैठो ज़रा अनिता भी अपनी दोस्त थी तो उसके आग भी अपना दुखड़ा रोया वो बोली कल मैं भी तुम्हारे साथ ही घर चलूंगी मैने कहा आप आ जाना आराम से पर अब वो कहाँ मान ने वाली थी तो बस फिर सुबह तक हम तीनो बस बाते ही करते रहे
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