Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 01:20 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
निशा भी जाग गयी थी, और रसोई मे कुछ कर रही थी, मैं सोफे पर जाकर बैठ गया तो चाची बोली एक बात कहनी थी मैने कहा हाँ कहो ना तो वो बोली कि हम लोग चाहते है कि बहू अब इधर ही रहे मैने कहा हाँ कुछ दिन तो रहेगी इधर ही वो तो चाची बोली मैं चाहती हूँ कि निशा इधर ही रहे मतलब कि अब हम चाहते है कि वो इस घर को संभाल ले , मैने कहा सॉफ सॉफ कहो ना क्या कहना चाहती हो तो

मम्मी रसोई से ही बोली कि तुम कुछ जुगाड़ करवा के इसकी बदली अपने शहर मे ही करवा दो तो सुबह ड्यूटी जाएगी शाम को घर आ जाएगी अब घर बार ये संभाले मैं फ्री होना चाहती हूँ मैने कहा मम्मी निशा से तो जान लो तो मम्मी बोली उस से क्या पूछना आख़िर हमारा भी तो कुछ हक़ है उस पर मैने कहा हाँ पर थोडा टाइम तो लगेगा ही मैं देखूँगा अगर बदली हो सकी तो देख लेंगे निशा रसोई के दरवाजे पर खड़ी मेरी ओर देख कर मुस्कुराइ

रात को रवि और चाचा भी आ गये थे काम पर से तो वो बोले आज फोजी आया है उपर से ब्याह भी रचा लाया हमारे सारे अरमानो पर पानी फेर दिया इसने मैने कहा अब मैं क्या का सकता हूँ सब लेख है तकदीरो के ऐसा ही लिखता तो ऐसा ही सही तो रवि बोला चल कोई ना यार अब तू आ गया है चल आज पार्टी करते है वैसे भी काफ़ी दिनो से गला तर नही किया है मैने कहा यार आप लोग एंजाय करो मेरा मूड नही है तो चाचा बोले ठीक है पर बैठ तो जा काफ़ी बाते करनी है तुझसे

अब तू बड़ा आदमी हो गया है तेरी अलग दुनिया है अब हम गाँव के लोगो से तेरा क्या वास्ता वो लगे मुझे जली-कटी सुनाने मैने कहा अब आप फिर से शुरू ना हो जाओ उधर भी मैं घर पर नही रहता बस इधर से उधर होता रहता हूँ, मैं जो जिंदगी जीता हूँ उस से तो आप बेस्ट हो हर शाम आकर परिवार के पास होते हो और मैं भटकता हूँ इधर से उधर दो पल चैन की सांस मिलती ही नही मुझे तो

अब आप रहने दो , दो दिन के लिए आया हूँ आराम से रहने दो भूख भी लगी है मैं नीचे जा रहा हूँ आप भी जल्दी ही आ जाना फिर खाना खाते है, मैं नीचे आया और खाना माँगने लगा तो भाभी बोली तुम अपने कमरे मे जाओ वही खाना लेकर आती हूँ मैं अपने कमरे आया तो देखा कि पूरे कमरे मे मोमबतियो की रोशनी बिखरी पड़ी थी हल्की हल्की सी खुश्बू थी शायद सेंट छिड़का गया था

कुछ देर बाद भाबी और निशा खाना लेकर उधर आई और भाभी बोली मैने सोचा कि क्यो ना तुम लोग आज का डिन्नर साथ ही करो तो मैं इतना ही इंतज़ाम कर पाई मैने कहा भाभी इसकी क्या ज़रूरत थी तो वो हँसते हुवे बोली मेरा प्यारा देवर दुल्हन लेकर आया तो कुछ तो स्पेशल होना चाहिए ना भाभी की बात सुनकर निशा बुरी तरह से शरमा गयी और वहाँ से जाने ही लगी थी कि भाभी ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली तुम कहाँ चली प्यारी देवरानी जी

बैठो अपने सैया जी पास मैं जाती हूँ कुछ चाहिए तो आवाज़ लगा देना भाभी चली गयी और हम दोनो वही खड़े रहे दरवाजे के पास,ना जाने मुझे उस लम्हे मे क्या हुआ मैने निशा की कमर मे हाथ डाला और उसे अपने सीने से लगा लिया वो मेरी बाहों मे आते हुवे बोली छोड़ो ना क्या कर रहे हो कोई आ जाएगा मैने कहा आने दो मैं उसकी कमर को सहलाने लगा आज से पहले मैने कभी उसके साथ ऐसा कुछ नही किया था तो वो बोली खाना ठंडा हो रहा है

फिर हम डिन्नर टेबल पर आ गये थे, वो मेरे लिए बहुत ही सुखद पल थे, लगा कि ये लम्हा बस इसी पल रुक जाए हमेशा के लिए खाने के बाद मैं नीचे आकर बाते कर रहा था ऐसे ही रात काफ़ी हो गयी थी फिर सब एक एक करके खिसक लिए बचे मैं और निशा रसोई मे वो पानी का जग भर रही थी मैने फ्रिड्ज खोला तो देखा कि आइस्क्रीम पड़ी थी मैने वो बॉक्स बाहर निकाल लिया तभी मुझे शरारत सूझी

मैने निशा को खीच कर दीवार की साइड पर लगा दिया उसकी साँसे मेरी सांसो से टकराने लगी हम दोनो इस तरह एक दूसरे के पास थे की बीच मे एक इंच की दूरी भी ना थी अपनी तेज होती सांसो को समेट ते हुवे वो काँपति हुवी आवाज़ मे बोली ये. क्या कर कर रहे हो छोड़ो ना मुझे तो मैने कहा बस दो मिनिट रूको मैने थोड़ी सी आइस क्रीम उसको होटो से लगा दी निशा मेरी बाहों मे कसमसाने लगी थी

और अगले ही पल मेरे होठ उसके होटो से टकरा गये थे हम दोनो के लिए ही ये बहुत कीमती मोमेंट था लाइफ का उसके होठ थोड़ा सा खुल गये और उसने अपनी बाहों मे मुझे जाकड़ लिए ये हमारा पहला चुंबन था जिसने प्रेम का बीज बो दिया था, कुछ याद नही कितनी देर तक हम किस करते रहे फिर एक आहट से हम दोनो अलग हुए चाची थी जो किसी काम से रसोई मे आ रही थी वो हमे देख कर बोली सोए नही अभी तक तुम लोग मैने कहा जी बस जा ही रहे थे

सीढ़ियो पर निशा मुझे चुटकी काट ते हुवे बोली क्या करते हो तुम मरवाओगे क्या चाची देख लेती तो सोचती बेटे बहू बेशरम है मैं मन ही मन हंसा और सोचा कि तुम्हे कैसे बताऊ कि चाची खुद कितनी बेशरम है कमरे मे आ गये मैने दरवाजा बंद कर लिया वो बोली मुझे चेंज करना है मैने कहा करो ना किसने रोका है वो बोली बल्ब बंद करो थोड़ी देर मैने कहा ना ऐसे ही कर्लो ना

वो बोली मानो ना करो लाइट बंद मैने कहा ना आज ऐसे करो चेंज मुझसे कैसा परदा तो वो बोली ठीक है मैने उसकी साड़ी का पल्लू पकड़ा और खेचने लगा वो बोली पता नही क्यो मुझे थोड़ी शरम सी आ रही है मैं कहा वो क्यो भला अपने बीच तो कुछ भी नही छुपा तो वो बोली वो तो है पर ऐसा कभी किया भी नही ना मैने कहा तो फिर अब क्या वो बोली जो नही किया करते है और क्या मैने उसको अपनी बाहों मे घर लिया ऐसी फीलिंग आज से पहले तो कभी नही आई थी ये कुछ लम्हे थे जिनके बारे मे मैं जानबूझ कर यहाँ नही लिख रहा हूँ बस इतना कहता हूँ वो रात एक नयी कहानी की शुरुआत करने को आई थी

सुबह होने मे थोड़ी देर थी, पर मेरी आँख खुल गयी थी वैसे सोया तो मैं था ही नही बस यू समझ लो कुछ देर के लिए पलके झपकाई हो जैसे, अपने कपड़े पहन कर मैं बाहर आया मोहल्ला पूरी तरह से सन्नाटे मे डूबा हुवा था गला कुछ सूख सा रहा था तो एक पेग ही बना लिया चुस्किया लेते हुए मैं बस आस पास के घरो को ही देख रहा था कुछ के बाहर बल्ब जल रहा था कुछ अंधेरे मे डूबे थे, दारू की घूँट जैसे मेरे गले को चीर ही डालने वाली थी

तभी ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मुझे अपने आगोश मे भर लिया और वो खुसबुदार साँसे मेरे कानो के पास जो टकराई तो पता नही क्यो मैं बस मुस्कुरा ही पड़ा एक बार फिर से चली आई थी वो मेरे लिए आज तो बड़ी जल्दी उठ गये पूछा उसने मैने कहा सोया ही कब था मैं मेरी नींद तो तुम ले गयी हो तो वो खिल खिलाते हुवे हँसने लगी और वही मुन्डेर पर बैठ गयी

फिर वो बोली कितने दफे समझाया तुम्हे मैं हर पल तुम्हारे पास ही तो हूँ ये जो तुम्हारे सीने मे जो दिल धड़क रहा है उसमे ही तो बस्ती हूँ मैं अब तुम्ही बताओ भला अपनी धड़कन को कोई जुदा कर पाया है भला मैने कहा इन बातों से मत बहलाओ मुझे तो मुझे अपने पास बैठा ते हुवे बोली वो कि फिर तुम ही बता दो कैसे खुश करू तुमको मैने कहा मुझे भी ले चलो अपने पास

बड़ी ही मासूमियत से बोली वो कहाँ ले जाउ हर पल तो मेरे साथ ही हो तुम , मैने कहा तो फिर क्यो नही हो मेरे साथ तुम मेरी बाहें तरस रही है तुम्हे अपन आगोश मे लेने को , क्या गुनाह किया मैने जो ये सितम सहना पड़ा मुझे बस एक छोटा सा सपना ही तो देखा था तुम्हारे साथ अपना घर बसाने को सब लोग शादी करते है मैने भी ऐसा ही चाहा था कॉन सा कुछ ऐसा माँग लिया था उस उपरवाले से जो वो मेरी मन्नत को पूरा कर ही ना सका

मैने गिलास उठाया और दो चार घूँट और भरी तो वो बोली क्यो अपना कलेजा जलाते हो एक नयी ज़िंदगी अपनी बाहें फैलाए तुम्हारे सामने खड़ी है एक नयी शुरुआत करो मैने कहा कितनी बार बताऊ तुम्हारे बिना अधूरा हूँ मैं वो बोली बस यही बात तो तुम्हारी मुझे सबसे बुरी लगती है बिल्कुल ज़िद्दी बच्चे की तरह हो तुम, समझते ही नही हो देखो मैं तो जी रही हूँ ना तुम्हारे साथ ही तो हूँ मैं

जब तक तुम हो तब तक मेरा नाम आएगा तुम्हारे एक फसाने मे तुम्हारी हर सांस को जैसे मैं ही तो ले रही हूँ चिड़ियो की चहचहाट होने लगी थी वो बोली जाती हूँ मैं और अगले ही पल बस मैं अकेला खड़ा था उस जगह पर अपने उस जख्म के साथ जो शायद कभी नही भरने वाला था , ये सुबह भी बड़ी कमाल होती है अपने आप मे बड़ा ही अनोखा नज़ारा होता है दिन को निकलते हुवे देखना
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है - by sexstories - 10-07-2019, 01:20 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 14,315 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 6,885 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,705 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,757,193 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,532 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,343,882 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,230 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,805,429 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,206,501 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,168,936 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)