Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 01:23 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अब ये और एक नया पंगा हो गया था इधर मामी झल्लाई पड़ी थी दूसरी तरफ सरोज भी तुड़ाई माँग रही थी पर हथियार ही घायल पड़ा था तो मैं भी क्या करता 5-6 दिन लग गये पूरी तरह से ठीक होने मे जून शुरू हो गया था स्कूल की छुट्टिया पड़ गयी थी तो मामा भी बस दो-चार दिन मे आने ही वाले थे और मामी के बच्चे भी तब मामी चुदाई नही कर पाती मुझसे तो पूरे टाइम उनका मूड उखड़ा उखड़ा ही रहता था मैं खुद भी परेशान ही था मामी दिन मे तीन टाइम लंड की नारियल तेल से मालिश करती थी जख्म भर तो गया था पर मैं एक दो दिन और भी रुकना चाहता था ऐसे ही एक दिन वो मेरे लंड पे तेल मल रही थी मेरा लंड पूरी तरह तना हुआ उनके हाथ मे था मामी की आँखो मे वासना के डोरे तैर रहे थे वो बोली आज तो कुछ कर्लो ना




तो मैं बोला हाँ कई दिन हो गये है आज कुछ तूफ़ानी करते है मामी के चेहरे पे एक गहरी मुस्कान आ गयी मामी खड़ी हुई और अपने सारे कपड़े उतार के नंगी हो गयी मैने भी ऐसा ही किया मैं सोफे पे बैठ गया तो वो आके मेरी गोदी मे चढ़ गयी और बिना किसी ओपचारिकता के मेरे चिकने लंड को अपनी चूत पे लगाया और उसपे बैठती चली गयी पूरा लंड एक बार मे ही अंदर हो गया मामी ऐसे मुस्काई जैसे कोई किला फ़तेह कर लिया मामी बोली आज मुझे थोड़ा चैन मिला है मैं थोड़ी पीछे की ओर हो गया मामी अपनी कमर उचकाने लगी मैने अपने हाथ उनके कंधो पे रख दिए और चुदाई का आनंद लेने लगा मामी पूरी तरह से चुदासी हो रही थी फिर उन्होने अपने होंठ आगे किए जिनको मैने अपनो से मिला लिया मामी पूरी तरह से चुदाई के रंग मे रंग गयी थी



मैने कहा नीचे आ जाओ पर उन्होने मना किया और अपनी कमर उचकाती र्है मेरा तेल मे सना लंड उनकी चूत मे घमासान मचाए हुए था 15मिनट तक मामी मेरे लंड पे बैठी रही मैने खुद को पूरी तरह से उनके हवाले कर दिया था आज मैं उनको नही बल्कि वो मुझे चोद रही थी काफ़ी देर तक वो बस कूदती ही रही फिर ऐसे ही वो झाड़ गयी उनकी चूत से बहता हुआ रस मेरे अंडकोषो तक को भिगो चुका था झड़ने के बाद भी मामी कुछ देर तक लंड पे ही बैठी रही फिर मैने उन्हे अपने उपर से उतारा और सोफे पे उल्टी कर के लिटा दिया पास रखी तेल की कटोरी से थोड़ा तेल उनकी गान्ड पे लगाया और लंड को गान्ड मे डाल दिया मामी का शरीर एक बार टाइट हुआ पर तुरंत ही नॉर्मल हो गया मामी वैसे भी अपनी गान्ड ज़्यादा चुदवाती थी



उन्हे क्या फरक पड़ना था मैने अपनी हाथो से सोफे की पुष्ट को पकड़ लिया और मामी की गान्ड मारने लगा मामी भी अपनी चुतडो को हिलाने लगी कोई दस मिनट तक उनकी गान्ड मारने के बाद मैं भी ढह गया और उनको लिए लिए ही पसर गया कुछ देर बाद हम अलग हुए मामी ने अपनी कच्छि से अपनी गान्ड और चूत को पोन्छा और अपने कमरे मे चली गयी मैने भी अपने कपड़ो को पहन लिया और सोफे पे लेट गया थोड़ी ही देर हुई थी कि बाहर से मम्मी मम्मी की आवाज़े आई मैने दरवाजा खोला तो बाहर मनीषा दी और राकेश खड़े थे मामी के बच्चे आ गये थे वो मुझे देखत ही बोल वाउ भैया आप भी आए हुए वो कितने दिनो बाद मिले है अब छुट्टियाँ मस्त बीतेंगी मामी उनको देखके भावुक गयी फिर रात ऐसे ही बातो बातो मे कट गयी


मामी ने चुप के से मुझे बता दिया था कि वो बच्चो के सामने कोई रिस्क नही लेंगी फिर पहले भी हमे बड़ी मामी ने पकड़ लिया था तो मैं भी कुछ रिस्क नही चाहता था फिर मेरे पास सरोज के रूप मे ऑप्षन भी था तो काम तो चलना ही था अगले दिन मैने सोचा एक राउंड उसी बगीचे की तरफ मार लू क्या पता वो लड़की मुझे फिर मिल जाए तो मैं उसी समय के आस पास्स चल पड़ा काफ़ी तलाशा पर वो मिली ही नही तो मैं वापिस आ गया जब मैं आ रहा था तो गली मे एक आइस्क्रीम वाला खड़ा था मैने एक खरीदी और उसे चुँसने लगा और आइस्क्रीम खाते खाते सरोज के घर पहुँच गया उसने गेट खोला और मैं अंदर उसके दोनो बच्चे घर ही थे मैं उस से बाते करने लगा वो बोली कल मेरा पति और बच्चे मेरी बहन के यहा जाएँगे


मैं बहाना कर के रुक जाउन्गि फिर पूरी रात हमारी ही होंगी मैने कहा देख लो वो बोली तुम चिंता मत करो कल रात तुम्हारी अच्छी तरह से खातिरदारी करूँगी रात को हम सब भाई बहन घर के बाहर अपनी अपनी खाटो पे पड़े थे मैं अपना फेव. प्रोग्राम लव गुरु सुन रहा था तभी राकेश बोला भाई आपने कभी लव किया है क्या मैं बोला मुझे नही पता लव क्या होता है तो मनीषा दी बोली भाई बताओ ना आजकल तो सभी लोग लव करते है अगर आप किसी से लव नही करते हो तो फिर ये लव गुरु क्यो सुनते हो मैं बोला यार तुम लोग भी कुछ भी बकवास करते रहते हो काफ़ी देर तक वो लोग ऐसे ही मुझे छेड़ते रहे उनकी बातों से मुझे मिता की याद आ गयी थी अब नींद तो नही आनी थी बस करवटें ही बदलनी थी रात्रि के लास्ट पहर मे जाके आँख लगी पर नींद मे भी मिता के ही सपनो मे खोया रहा सुबह थोड़ा लेट उठा
Reply
10-05-2019, 01:23 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं उठना चाहता ही नही था पर राकेश ने जगा ही दिया वो मेरे पीछे ही पड़ गया था वो अपने साथ मुझे कही ले जाना चाहता था पर मेरे अपने भी कुछ प्लॅन्स थे पर उसकी सीधे मुँह पे टाल भी नही सकता था तो मैने कहा देखेंगे भाई और झट से बाथ रूम मे घूंस गया कुछ देर बाद एक जबरदस्त नाश्ते के बाद मैं कुछ सोच विचार कर ही रहा था कि राकेश फिर से मेरे पीछे पड़ गया तो मैं उसके साथ बाजार चला गया उसको कुछ शॉपिंग करनी थी मैं एक साइबर केफे मे गया और अपने रिज़ल्ट के बारे मे पूछा कि कब तक आएगा तो उसने बताया कि एक हफ्ते मे डिक्लेर हो जाएगा मैं एक एसटीडी मे गया और मिता का नंबर मिलाया पर बात नही हो पाई दोनो बार उसके घर मे किसी आदमी ने ही फोन उठाया



राकेश कुछ खाने पीने की ज़िद करने लगा फिर हम हाइवे पे बने एक रेस्टोरेंट गये कुछ खाया पिया और थोड़ा कुछ मनीषा दी के लिए भी पॅक करवा लिया कोई 5 बजे हम वापिस आए मेरा दिमाग़ बहुत तेज़ गति से दौड़ रहा था मैं मामी के पास गया और बोला मामी आज रात मुझे कहीं जाना है तो मामी बोली कहाँ पे तो मैने उनको बता दिया कि आज मुझे सरोज के घर जाना है मामी बोली तो उसने तुझे भी नही बख्शा मैं बोला अब आप तो कर नही सकती तो कुछ जुगाड़ तो करना ही पड़ेगा ना तो मामी बोली पर तुम ऐसे जाओगे तो बच्चो को क्या कहूँगी ये भी अब समझदार हो गये है मैं बोला मामी कुछ भी करके अड्जस्ट करवाओ मामी बोली तू ही देख ले मुझे कुछ नही पता मेरी समझ मे नही आ रहा था कि कैसे निकलु वहाँ से वो कहते है ना कि सावन के अंधे को तो बस हरा ही हरा दिखाई देता है



तो मेरा भी वो ही हाल था बस चूत और चूत रात हो चुकी थी मुझे इंतज़ार था भाई-बहेन के सोने का पर वो भी आज सो ही नही रहे थे मार्फिज़ का लॉ एक बार अपने सिद्धांत की पुष्टि कर रहा था मैं बैचैन होने लगा पर बेबस था मैं सोच रहा था कि सरोज मेरा इंतज़ार कर रही होगी पर मेरे भाई बहन मुझसे चिपके पड़े थे तो मैने भी सोचा भाड़ मे जाए सरोज चूत तो और भी मिल जाएँगी पर ये भाई-बहनो का प्यार कम को ही मिलता है तो मैं भी उनके साथ शामिल हो गया मैने अपने बॅग से कॅमरा निकाला और उन अनमोल पलो को क़ैद करने लगा काफ़ी देर तक हम लोग मस्ती करते रहे जब वो लोग सो गये तो मैं बैठक मे गया और अपनी डायरी मे लिखने लगा जब मेरी उंगलिया दुखने लगी तो मैं भी सो गया

अगली सुबह मैं 9 बजे ही सरोज के घर पहुँच गया वो गुस्सा होने लगीबोली रात को क्यू नही आए मेरे सारे मूड की माँ चोद दी तुमने पता है पूरी रात बस उंगली के सहारे ही कटी है मैने

मैने उसको समझाया कि यार मजबूरी हो गयी थी तब जाके वो मानी मैने कहा रात की सारी कसर अभी पूरी कर देता हूँ सरोज बोली वो तो करनी ही पड़ेगी तुम एक मिनट रूको मैं गेट बंद करके आती हूँ सरोज बोली मुझे नही पता तुमको आज यही पे रुकना पड़ेगा मैने कहा अगर मुमकिन होगा तो आ जाउन्गा गुलाबी रंग की साड़ी मे सरोज एक दम खिली खिली सी लग रही थी माल तो वो भी मस्त था मैं उसके पास गया और उसकी साड़ी का पल्लू पकड़ लिया और उसको अपनी ओर खेंचने लगा सरोज गोल गोल घूमते हुए अपनी साड़ी को उतारने लगी कुछ ही पॅलो मे पूरी साड़ी मेरे हाथो मे थी



मैने उसको सूँघा और फिर साइड मे फेंक दिया और सरोज को अपने आगोश मे ले लिया आज उसका सबकुछ गुलाबी ही था होंठो की लिपीसटिक , साड़ी, पेटिकोट, ब्रा-पेंटी सब कुछ गुलाबी ही गुलाबी था मैने अपने हाथ उसके चुतडो पर रखे और उनको दबाने लगा रूई के गोलो को छूने जैसा एहसास था फिर मैने उसके गुलाबी हो चुके होंटो पे अपनी जीभ फिराने लगा उसकी लिपीसटिक मेरी जीभ की गर्मी से पिघलने लगी मैं बस अपनी जीभ को उसके होंठो पे फेरता जा रहा था मैं उसको किस करने की कोशिश भी नही कर रहा था उसके होंठ लरजने लगे थोड़ी ही देर मे उसकी पूरी लिपीसटिक सॉफ हो गयी फिर उसने अपने मुँह को थोड़ा सा खोला और मेरी जीभ को अपने मुँह मे ले लिया और चुँसने लगी मेरी जीभ को अपने दाँतों मे दबाए हुए वो उसे चुँसने लगी आज वो एक अलग स्तर पे थी
Reply
10-05-2019, 01:23 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
वो शायद मुझे अपनी अदा दिखाना चाहती थी फिर कल रात से वो भी प्यासी ही थी अब वो अपनी जीभ से मेरी जीभ को छेड़ रही थी हम दोनो के थूक को वो पिए जा रही थी 10-15 मिनट तक हम दोनो बस किस ही करते रहे बिना किसी जल्दबाज़ी के बस लगे ही रहे फिर मैं जाके उस से अलग हुआ हमारी साँसे फूल चूँकि थी उसकी छातिया बहुत ही तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी उसने खुद ही अपना ब्लाउस और ब्रा को खोल दिया और मेरे सर को अपनी छातियो मे छुपा लिया मैं ने भी बिना देर किए उसकी पर्वतों सी विशाल घाटियो को अपने मुँह मे भर लिया औरवही खड़े खड़े उसकी चूची पीने लगा सरोज बोली पियो इनको अच्छी तरह से पियो आज इनका सारा दूध बाहर निकाल दो चूँसो और ज़ोर से चूँसो मेरे मुँह मे उसकी आधे से ज़्यादा चूंची थी मुझे ऐसे लग रहा था जैसे मैं किसी गुब्बारे को चुंस रहा हूँ ज्यो ज्यो मेरी खुरदरी जीभ उसकी निप्पल्स पे रगड़ खाती


उसकी आहे निकल जाती उसकी चूचियो की निप्पलस 1 इंच के साइज़ के हो गये थे मेरे थूक से उनकी छातिया सन चुकी थी तब कही जाके उन्होने मुझे अपने से अलग किया अब उसने मेरे कपड़ो को उतारना शुरू किया मैं पूरा नंगा हो चुका था तो वो नीचे बैठ गयी और मेरे लंड ओ अपने मुँह मे दबा लिया और उसे चुँसने लगी मुझे बड़ा ही मज़ा आने लगा था वो पूरी तस्सली से लगी हुई थी मैं उसकी अदाओं का कायल हो गया था उसे अच्छी तरह से पता था कि जवानी को कॅश कैसे किया जाता है वो सुपाडे पे अपनी जीभ गोल गोल फिरा रही थी मुझे लगा कही मेरा छूट नही जाए तो मैने लंड को उसके मुँह से निकाल दिया वो किसी भूखी शेरनी की तरह मेरी तरफ देखने लगी मैने उसको अपनी गोदी मे उठाया और बेड पे लाके पटक दिया उसकी कच्छि को अलग किया और उसकी चूत को देखने लगा फिर मैने उसकी टाँगो को फैलाया और अपने लंड को सेट करके एक धक्का लगा लगाया .


चूत पूरी तरह से पनियाई पड़ी थी बिना किसी दबाव के ही पूरा लंड उस अंधेरी गुफा मे उतरता चला गया सरोज ने एक ठंडी आह भरी और मेरे मे खोती चली गयी उसने अपनी टाँगो को मेरी कमर के चारो तरफ लप्पेट लिया और मुझसे चुदाई करवाने लगी हम दोनो के बदन एक हो गये थे पंखा पूरी रफ़्तार से चल रहा था पर फिर भी हमारे बदन से पसीना छलक ही आया था उसने अपने होंठो को मेरे होंठो पे टिका दिया और बेतहासा लगी चूमने मुझे भी मज़ा तो आ ही रहा था उसने अपनी गौरी बाहों को मेरे गले मे डाल दिया और बस हम दोनो इस दीन-दुनिया से बेख़बर होते चले गये मेरा हर धक्का उसकी चूत पे तगड़ी चोट मार रहा था वो बस मेरे होंठो को खाए जा रही थी बहुत देर तक हम दोनो एक दूसरे मे खोए रहे अब मैने उसकी टाँगो को उठा कर अपने कंधो पे रख लिया और दुबारा से उसकी चुदाई स्टार्ट कर दी

सरोज अपने बोबो को अपने हाथ से सहलाते हुए अपनी चूत मुझे दे रही थी सरोज की चूत अब बहुत ही ज़्यादा गीली हो चुकी थी मेरा लंड बार बार फिसले जा रहा था तो मैने उसकी टाँगो को सीधा किया और अब पूरी रफ़्तार से उसको चोदने लगा सरोज ने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया था किसी भी पल वो झाड़ सकती थी मैं लगा हुआ था मेरे लंड मे भी उन्माद बढ़ चुका था सरोज का बदन अब काँपने लगा था वो किसी छोटे बच्चे की तरह मुझसे चिपकी पड़ी थी ठीक तभी उसकी पकड़ बहुत ही कस गयी और उसकी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया सरोज हाँफने लगी और अपनी आँखो को बंद कर लिया मैने अपने लंड को चूत से बाहर निकाला और लंड को उसके होंठो पे रख दिया और अपना वीर्य उसके होंठो और गालो पे छोड़ने लगा सरोज ने मेरे वीर्य को किसी क्रीम की तरह अपने मुँह पे मल लिया


फिर वो उठी और बाथरूम मे घूंस गयी मैं बेड पे ही लेट गया

दस मिनट बाद वो आई और मेरे पास ही लेट गयी सरोज बोली वैसे तो मैने कई लंड लिए है पर जब जब तुमसे चुदती हूँ तो एक अलग ही एक्सपीरियेन्स होता है ऐसा क्यो तो मैं बोला मुझे क्या पता बाते करते करते वो मेरे सीने पे अपना हाथ फेरने लगी थी फिर वो मेरे सीने पे झुंक गयी और मेरे निप्पल्स पे अपनी जीभ को फेरने लगी मेरे लिए ये एक नया एहसास था मेरे पूरे बदन मे झुरझुरी सी फैल गयी वो मेरे सीने पे किस करने लगी और अपने हाथ से मेरे अंडकोषो को सहलाने लगी मेरा लिंग अपना सर उठाने लगा सरोज मेरी गोलियो को मादक तरीके से सहलाए जा रही थी
Reply
10-05-2019, 01:25 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
थोड़ी ही देर मे मेरा पूरा लंड अपने वास्तविक आकर मे आ चुका था सरोज के बदन से फुट ती हुई गर्मी से मेरा बदन भी जलने लगा था अब मैने उसको अपने नीचे लिटाया और उसको उपर से नीचे तक चूमने लगा उसके बदन का मीठा स्वाद मेरी ज़ुबान पे चढ़ता ही जा रहा था सरोज के पूरे बदन पे मेरी लार लगी पड़ी थी तभी वो उठी और मुझे लिटा दिया और मेरे मुँह पे अपनी चूत को लगा दिया मैने अपने मुँह को थोड़ा आगे किया और उसकी पूरी चूत को अपने मुँह मे लेके चाटने लगा उसकी चूत का खारा पन मेरे मुँह मे घुलने लगा मैने अपने हाथो से उसकी मांसल जाँघो को पकड़ लिया और अपनी ज़ुबान को उसकी करारी चूत की दरार पे रगड़ने लगा उनकी चूत के दोनो होंठ बुरी तरह से फड़फड़ाने लगे थे चूत से बहते हुए उनके काम रस को मैं पूरे चाव से पिए जा रहा था


मैं उनकी झाट को अपने दाँतों से खीचने लगा सरोज तो जैसे पागल ही हो गयी थी मस्ती उसके रोम रोम से फूँटने लगी थी वो वासना की आग मे जल उठी थी बस धुआ ही नही दिखाई दे रहा था वो अब अपने चुतडो को मेरे मुँह पे हिलाने लगी थी जैसे वो धक्के मार रही हो तो मैने अपने हाथ उसके कुल्हो पे रख दिए वो बहुत ही उग्र हो गयी थी तो मैने उसको अपने मुँह से हठाया और वही बेड पे ही घोड़ी बना दिया उसकी चूत के साथ साथ गान्ड भी पीछे की ओर उभर आई थी मैं उसके पिछे आया और अपने लंड को चूत मे डाल दिया मैने उसकी कमर को पकड़ी औ र लगा दना दन चोदने हमारी इस रस्साकशी से पूरा बेड हिल रहा था मैं उसकी पूरी कमर और पीठ को सहलाते सहलाते उसको चोदेजा रहा था माहौल बहुत ही गरम हो गया था बीच बीच मे मैं उसके चुतडो पे थप्पड़ भी मार देता था उसके गौरे चूतड़ कई जगह से लाल हो गये थे



लंड अपनी पूरी रफ़्तार से उसकी चूत का कचूमर बनाए जा रहा था मामी सरोज आह आह करती हुई चुद रही थी मेरे हर धक्के पर वो थोड़ा सा आगे की तरफ झुंक जाती थी फिर मैने अपने लंड को उनके मुँह मे दे दिया वो बड़े ही प्यार से मेरे लंड को चाटने लगाई 2-4 मिनट तक चटवाने के बाद मैने फिर से उनकी चूत छोड़ने शुरू करदी मैने उनकी कमर को कसकर पकड़ लिया था और तेज़ी से झटके पे झटके मारे जा रहा था और बीस पच्चीस मिनट तक उनको रगड़ने के बाद अपना पानी उनकी चूत मे ही छोड़ दिया और उनके साथ ही सो गया

मेरी आँख खुली तो दोपहर के तीन से थोड़ा उपर हो रहा था आँखे थोड़ी सेंटर मे आई तो देखा कि वो भी मेरी बगल मे ही सोई पड़ी थी मैं उठा और बाथरूम मे जाके मुँह धोने लगा फिर आके मैने अपने कपड़े पहने और कुर्सी पे बैठ गया कुछ देर बाद वो भी जाग गयी और नंगी ही इठलाती हुई बाथरूम मे घुस गयी मैने फ्रिज से एक पानी की बॉटल निकाली और पानी पीने लगा इतने में सरोज मामी भी आ गयी दो चार घूंठ उन्होने भी भारी फिर मैने कहा मामी अब मैं चलता हूँ तो वो बोली प्लीज़ रात को आ जाना मैने कहा अगर मोका मिला तो ज़रूर आउन्गा तो उन्होने कहा वैसे तुम कितने दिन और हो यहाँ तो मैं बोला बस 1-2 दिन मे निकल जाउन्गा वो बोली जब भी जाओ मुझसे मिलके ही जाना मैने गेट खोला पूरी गली सुनसान पड़ी थी
Reply
10-05-2019, 01:25 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अब दोपहर मे कौन अपने घर से निकलेगा तो मैं मामी के घर चल पड़ा मामी ने मुझे नीबू पानी दिया और पूछने लगी कि कहाँ थे तुम तो मैने कहा बस ऐसे ही इधर उधर घूम रहा था फिर मैं कमरे मे गया और अपना बॅग पॅक करने लगा तो मनीषा दी बोली भाई आप कही जा रही हो क्या तो मैं बोला हाँ दी कल मैं वापिस जा रहा हूँ ये सुनके वो उदास हो गयी और मुझे रुकने की रिक्वेस्ट करने लगी तो मैने उनको समझाया कि परसो मेरा रिज़ल्ट आने वाला है फिर कॉलेज मे अड्मिशन भी लेना है कई डॉक्युमेंट्स भी बनवाने है तो काफ़ी टाइम जाएगा पर जब भी टाइम होगा मैं तुम लोगो से मिलने ज़रूर आउन्गा रात को मैं जान बुझ के मैं सरोज के यहाँ नही गया क्योंकि मैं थोड़ा टाइम फॅमिली के साथ ही स्पेंड करना चाहता था अगले दिन सुबह सुबह ही मैं नाना नानी से मिल आया



और फिर नाश्ता पानी करके अपना बॅग उठाया और उन सब से विदा लेके चल पड़ा ये 15-20 दिन पता ही नही चला कब बीत गये थे रास्ते मे सरोज का घर आया तो मुझे याद आया मैं अंदर चला गया वो मेरा बॅग देखके बोली कि तुम आज ही जा रहे हो क्या तो मैने कहा हाँ जाना पड़ेगा परसो मेरा रिज़ल्ट आने वाला है तो वो बोली मैं तो सोच रही थी कि एक दो दिन और मज़े करलेंगे तो मैने उसको किस किया और कहा डार्लिंग जब भी टाइम मिलेगा तुमसे मिलने आता रहूँगा थोड़ी देर उस से बाते की फिर मैं अपनी राह पे चल पड़ा सफ़र थोड़ा लंबा था पर शुरू हुआ तो कट ही गया जब मैं अपने गाँव पहुँचा तो अंधेरा हो चुका था मैं भी थक के चूर हो गया था



घर वालो से नमस्ते हुई और मैं सीधा बिस्तर पे पड़ गया अगली सुबह पापा बोले अगर तुम्हारा घूमना फिरना हो गया हो तो एनडीए एग्ज़ॅम की भी थोड़ी तैयारी कर लेना मैने हां की फिर मैं अपने दोस्तो के पास चला गया दिमाग़ मे रिज़ल्ट की ही टेन्षन थी रिज़ल्ट वाले दिन मैं सुबह सुबह ही सहर चला आया था 9 बजे साइबर केफे वाले को रोल नंबर दिया कुछ ही सेकेंड मे प्रिंट मेरे हाथो मे था मैने काँपते हाथो से उसको देखा 79% मार्क्स आए थे एक % से मेरिट रह गयी थी मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो गया था सारी उम्मीदे पल भर मे ही चूर चूर हो गयी थी वैसे तो ये मार्क्स भी कम नही थे पर मेरिट तो मेरिट ही होती है ना फिर मैने एक थम्सअप गटकाई तब जाके कुछ होश आया मैं सीधा पापा के ऑफीस गया और उनको रिज़ल्ट दिखाया वो तो बहुत ही खुश हो गये थे



उन्होने ऑफीस से आधे दिन की छुट्टी ली और मेरे साथ बाजार आ गये कुछ मिठाई खरीदी मेरे लिए कुछ नये कपड़े भी ले लिए शाम को मैं उनके साथ ही घर आ गया था घर पे तो जैसे आज जश्न ही होना था पर मैं आते ही सीधा मंदिर की ओर भागा देवता को प्रसाद चढ़ाया और इंतज़ार करने लगा निशा का अपनी राइट टाइम पे वो भी आ गयी तो मैने उसको बताया कि मेरा रिज़ल्ट आ गया है उसने मुझे बधाई दी और कहा कि वो मेरे लिए कॉलेज का अड्मिशन फॉर्म ला देगी वो बोली कल शाम को तुम मेरे घर आ जाना तो मैं बोला पर तुम्हारा घर है किस साइड तो उसने मुझे बताया मैने उसको थॅंक्स कहा मैने उसके लिए कुछ चॉककलेटेस खरीदी थी उसको दी फिर मैं घर आ गया मैने स्कूल फोन किया तो पता चला कि मार्कशीट आने मे 10-15 दिन तो लग ही जाएँगे


पर कॉलेज मे अड्मिशन के लिए प्रॉविषनल सर्टिफिकेट ले लू . शाम को मैं निशा के घर चला गया निशा मुझे देखते ही खुश हो गयी उसने मुझे अपनी माँ से मिलवाया तो पता चला कि वो एकलौती संतान है और उसके पिता फोज मे थे जो कारगिल युद्ध मे शहीद हो गये थे उनकी पेन्षन से ही उनका गुज़ारा होता था और निशा स्कॉलर शिप से अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी ये सुनके मेरे दिल मे निशा के लिए और भी रेस्पेक्ट बढ़ गयी थी निशा ने मुझे चाइ पिलाई फिर उसने मुझे अड्मिशन फॉर्म दिया और बोली कल तुम हो सके तो मेरे साथ कॉलेज चलो मैं तुम्हारा फॉर्म जल्दी से सब्मिट करवा दूँगी तो मैने कहा कि कल तो मैं स्कूल जाउन्गा डॉक्युमेंट्स लेने के लिए तो अगर हम परसो चले तो उसने कहा कि वो रोज 10 बजे कॉलेज जाती है


मुझ निशा का सरल स्वाभाव बहुत ही भा गया था रात को पापा बोले कि बता आगे क्या करेगा यही पे पढ़ेगा या बाहर का विचार है अब मुझे कहाँ जाना था तो मैने कहा यही से ग्रॅजुयेशन कर लूँगा तो घर वाले बोले तेरी मर्ज़ी है

अगले दिन हमारा पूरा ग्रूप स्कूल कॅंटीन मे इकट्ठा था पेप्सी समोसे चल रहे थे कॉलेज मे आने की खुशी भी थी सब लोग अपने अपने प्लॅन्स को बता रहे थे तभी बातों बातों मे पता चला कि मिता और रीना दोनो नर्सिंग का कोर्स करने के लिए शिमला के नर्सिंग कॉलेज मे अड्मिशन ले रही है और थोड़े दिनो में ही निकल लेंगी ये सुनके मैं तो शॉक हो गया मैने तो सोचा था कि कॉलेज टाइम मिता के साथ ही कट जाएगा पर उनके तो प्लॅन्स ही अलग थे मेरा खास दोस्त देल्ही जा रहा था बचा मैं अपनी गान्ड यही घसनी थी मैं थोड़ा उदास सा हो गया तो रीना बोली अरे हम सब लोग कॉंटॅक्ट मे रहेंगे और टाइम टाइम पे एक दूसरे से मिलते ही रहेंगे मिता ने मुझे प्रोमिस किया कि वो मुझे चिट्ठियाँ लिखा करेगी और जल्दी ही वो मोबाइल खरीद लेगी
Reply
10-05-2019, 01:25 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
फिर हम रोज बात किया करेंगी मैं बस हल्का सा हंस दिया कुछ ही दिनो मे सब पंछी अपने नये बसेरो की ओर उड़ गये थे रह गया था मैं अपनी यादो की साथ अक्सर ही मैं और निशा मंदिर के तालाब की सीढ़ियो पे बैठ जाया करते थे हर गुज़रते हुए दिन के साथ हमारी दोस्ती मजबूत होती जा रही थी एक दिन वो बोली क्या तुमने अपना फॉर्म सब्मिट कर दिया तो मैने कहा अभी नही किया है तो वो बोली लास्ट डेट सिर पे है तुम कब करोगे उसने कहा कल तुम मेरे साथ चलोगे मैं कुछ नही जानती तो मैने कहा गुस्सा मत करो मैं तुम्हारे साथ ही चलूँगा अगले दिन मैं निशा के साथ कॉलेज गया था आज पहली बार कॉलेज देखा था वहाँ का वातावरण मेरे मन को भा गया उसने मुझे अपने दोस्तो से मिलवाया काउंटर पे काफ़ी लंबी लाइन लगी थी


पर उसकी मदद से मेरा काम जल्दी ही हो गया फीस जमा करवाते करवाते दोपहर ही हो गयी थी पर खुशी भी थी कि अड्मिशन हो गया था मैने निशा से पूछा कि चलो मैं आज तुम्हे पार्टी देता हूँ तो वो बोली इसकी कोई ज़रूरत नही है पर मैने ज़िद की और उसको अपने साथ ले आया उन दिनो हमारे सहर मे शीतल के नाम से एक रेस्टोरेंट हुआ करता था क्या पता आज भी हो हम दोनो वहाँ पहुँच गये निशा थोड़ा घबरा सा रही थी पता नही क्यों तो मैने उसे रिलॅक्स होने को कहा कोई 1 घंटा हम वहाँ रहे ये मेरा पहला टाइम था किसी लड़की के साथ ऐसे पर दिल मे कोई ग़लत भावना नही थी शाम तक हम वापिस हो लिए क्लास लगनी तो चालू हो गयी थी पर मैने जाना शुरू नही किया था मैं अपने एनडीए की तैयारी मे लगा हुआ था


निशा कॉलेज के लिए दबाव डालती ही रहती थी एक दिन मेरे नाम की चिट्ठि आई मैने डाकिये से ली तो घर वालो ने पूछा तुझे कौन चिट्ठि भेजेगा मैने भेजने वाले का नाम लिखा था तो मिता देखा मैने चिट्ठी को जेब मे डाल लिया और घर वालो को कहा कि मेरे कुछ दोस्त जो बाहर पढ़ते है उनकी है अपने कमरे मे जाके मैने लेटर खोला मिता ने लिखा था कि उसको होस्टल मे रूम मिल गया है कॅंपस काफ़ी अच्छा है वातावरण भी ठीक है उसने अपना मोबाइल नंबर भी लिखा था और होस्टल का नंबर भी मैं उसका लेटर पढ़ के बहुत ही खुश हो गया था शाम को मैने चाचा से पूछा कि क्या मुझे एक मोबाइल मिल सकता है तो उन्होने कहा देख मैं तो सरकारी नौकरी करता हूँ मैने ही नही खरीदा आज तक फिर घर पे फोन तो है ही तू उसका ही यूज़ कर लिया कर तुझे जब ज़रूरत होगी तो देखेंगे मैं मायूष हो गया था पर ठान लिया था कि मोबाइल का जुगाड़ तो करना ही है मैं रोज मिता को एक चिट्ठी पोस्ट किया करता था ये मेरा अटल नियम बन गया था निशा अक्सर पूछा करती थी कि ये तुम किसको भेजते हो मैं बस ऐसे ही टाल दिया करता था एक दिन जब मैं और निशा कॉलेज से पैदल पैदल टेंपो स्टॅंड की ओर आ रहे थे तो मैने देखा की रिलाइयन्स का पोस्टर लगा है जो काफ़ी सस्ते मोबाइल बेच रहे थे मैं वहाँ गया और जानकारी ली वो आसान किष्तो मे मोबाइल बेच रहे थे मैने तुरंत ही दो फोन खरीद लिए एक खुद रखा और एक निशा को दे दिया निशा बोली मैं क्या करूँगी तुम रखो अपने पास तो मैने कहा ये मेरे दोस्त के लिए एक गिफ्ट है पर वो तैयार ही नही हो रही थी

काफ़ी देर समझाने के बाद मैने वो मोबाइल उसको दे ही दिया मैने मिता को अपना नंबर दे दिया अब रोज रात को हम बाते करते थे पर बस थोड़ी ही देर तक क्योंकि कॉल रेट भी महँगी होती थी और मिता के पास टाइम भी थोडा कम होता था इधर मेरी नज़दीकिया निशा से भी बढ़ती ही जा र्है थी तकदीर ना जाने क्या लिखने वाली थी

समय अपने पँखो के घोड़े पे लगातार दौड़े जा रहा था मैं दिल से एनडीए की तैयारियो मे लगा था सेक्स किए हुए भी काफ़ी दिन हो गये थे एक दिन मैं मानसिक रूप से बहुत ही ज़्यादा थक चुका था तो मैने अपने रंग उठाए और आँगन मे ही कॅन्वस लगा के पैंटिंग बना ने लगा आज कई दिनो बाद रंग मैने अपने हाथो मे लिए थे बनाना तो मैं चाहता था किसी और की तस्वीर पर जब मुझे होश आया तो देखा कि ये तो किसी और की ही बन गयी थी ये तो निशा का चित्र था मुझे एक झटका सा लगा क्या निशा मुझसे इस तरह जुड़ गयी थी कि मेरे दिमाग़ मे मिता की जगह लेने लगी थी या ये बस उसके साथ का ही असर था या कुछ और था ……… क्या ये तकदीर की तरफ से कोई इशारा था जो भी था उस टाइम मैं कुछ समझ नही पाया था
Reply
10-05-2019, 01:25 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
दिल कई बार किया कि गीता से मिल लूँ पर मेरे कदम हर बार रुक गये बस मैं अपने आप मे ही खोया रहता था मेरे दिल मे एक अजीब सा बन्जरपन था जो मुझे सब से दूर हो जाने को कहता रहता था निशा के रूप मे मुझ एक बहुत ही अच्छी दोस्त मिल गयी थी जो मुझे हर हाल मे संभाल ही लेती थी कॉलेज मे भी मैं बस लाइब्रेरी मे ही बैठा रहा करता था एक दिन निशा ने बताया कि उसने बॅंक क्लर्क का फॉर्म भरा है अब वो जमके तैयारी करेगी क्या पता उसको नौकरी मिल ही जाए जुलाइ के शुरुआती दिनो की बात है यूपीएससी की तरफ से मेरा कॉल लेटर आ गया था मुझे एग्ज़ॅम देने देल्ही जाना था मैं पहली बार देल्ही जा रहा था मन मे एक चाव सा चढ़ गया था पापा बोले कि वो मेरे साथ चॅलेंज पर मैने कहा मैं अकेला ही चला जाउन्गा


पर समस्या थी रुकु कहाँ पे तो पापा बोले की उनका एक दोस्त है बीरसिंग वो गुडगांवा मे रहता है तू उसके घर रुक जइयो मैं उस से बात करता हूँ शाम को पापा ने उसका अड्रेस मुझे दे दिया मैने अपना बॅग पॅक किया और ट्रेन पकड़ ली जिंदगी मे पहली बार ट्रेन का सफ़र कर रहा था बहुत ही मज़ा आ रहा था बिल्कुल ही अलग सा अनुभव था मेरे लिए गाँव का लड़का पहली बार मेट्रो सिटी मे कदम रखने वाला था गुडगाँव स्टेशन पे उतरा ऑटो पकड़ा और बीरसिंग के अड्रेस पे पहुँच गया उसकी पत्नी ने दरवाजा खोला तो मैने अपना परिचय दिया उसकी पत्नी जिसका नाम बबली था मैं तो उसको देखता ही रह गया एक नंबर का माल थी मेरा तो लंड झट से खड़ा हो गया उसने मुझे बैठाया चाइ-नाश्ता करवाया थोड़ी देर मे बीरसिंघ भी आ गया

वो बिजली विभाग मे लाइन मेन के पद पर नियुक्त था जब वो मुझसे बाते कर रहा था तब मुझे उसके मुँह से बहुत तेज़ बदबू आई दारू की वो बोला कभी कभी पी लिया करता हूँ पर मैं समझ ही गया था कि ये साला पक्का वाला ही है पर मुझे तो रात काटनी थी किसी तरह मेरा पूरा ध्यान तो बबली की मस्त गान्ड पे था तभी एक आदमी और आ गया और बोला बीरसिंघ ड्यूटी पे नही चलना है क्या तो फिर वो अपनी पत्नी से बोला कि कंट्रोल रूम मे मेंटेनिंग का काम हो रहा है उसकी 24 घंटे की ड्यूटी है तो जल्दी से खाना बना दे कुछ ही देर मे बबली से उसको टिफिन बॉक्स दे दिया बीरसिंग ने मुझे आराम करने को कहा और फिर वो अपनी ड्यूटी पे चला गया बबली बोली तुम नहा धोके फ्रेश हो जाओ फिर आराम करना जब मैं नहा के आया तो मैने देखा कि वो अपने गेट मे खड़ी होके किसी आदमी से बात कर रही थी और कह रही थी कि


आज नही हो पाएगा घर मे गेस्ट आया है तुम समझा करो मैं फिर कभी तुम्हारा काम कर दूँगी ये सुनके मेरे कान खड़े हो गये मैं उनकी बात छिप के सुन ने लगा वो कह रही थी प्यार तो मैं भी करती हूँ पर तुम समझो तो सही हमारे गाँव से आया है उसने देख लिया तो वहाँ जाके क्या कहेगा तो वो आदमी बोला चलो एक किस तो दे दो जब वो बबली को किस कर ही रहा था तो मैं एक दम से आ गया मुझे देख के वो आदमी तो तुरंत ही भाग गया बबली ने अपनी नज़र को नीचे कर लिया और अपने रूम मे चली गयी मैने गेट को बंद किया और उसके रूम मे चला गया वो कुर्सी पे बैठी थी मैने कहा आप ये क्या कर रही थी अगर अंकल को पता चल गया तो वो बोली प्लीज़ तुम किसी से कुछ नही कहना वो तो बस ऐसे ही मज़ाक कर रहा था


तो मैने कहा मुझे पता है वो कैसे मज़ाक था मैं बोला टेन्षन मत लो ये तो बड़े सहरो मे चलता ही रहता है पर अगर आप चाहो तो मैं आपके लिए कुछ कर सकता हूँ वो बोली क्या मतलब तो मैने कहा जिस मज़े की बात आप उस आदमी से कर रही थी वो मज़ा मैं भी आपको दे सकता हूँ ये सुनके वो मंद मंद मुस्काने लगी और बोली अब तुम ही बताओ क्या करू तुम्हारे अंकल तो मुझे खुश कर नही पाते है तो मेरे पास और कोई चारा भी नही है तो मैने कहा देख लो अगर आप चाहो तो आपका काम भी हो जाएगा और मेरा भी तो वो मेरे पास आते हुए बोली कि अब मेहमान को खूश करना तो मेरा कर्तव्य है मेरे मन मे लड्डू फूट रहे थे कि आज एक चूत का और शिकार हो जाएगा बबली कोई35 साल की होगी पर थी एकदम माल यौवन से भरी हुई और बेहद ही गौरी थोड़ी मोटी सी मैने उसे बेड पे लिटा दिया
Reply
10-05-2019, 01:25 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं उसके उपर लेट कर उसको चूमने लगा उसके गुलाबी होंटो का रस पीने लगा बेहद ही मुलायम होंठ थे उसके थोड़े मोटे थे पर बेहद मुलायम मैं सब कुछ भूल के उसके होंठो को चूमने लगा थोड़ी देर बाद उसने अपना मुँह अलग किया और बोली तुम . तो नही लगते तो मैने कहा जो भी हूँ तुमको पता चल ही जाएगा और अपना हाथ उसकी मॅक्सी मे घूँसा दिया बबली की मक्खन सी टाँगो पे मेरे हाथ फिसल रहे थे मैं बुरी तरह से उसकी टाँगो को भींच रहा था दूसरी ओर उसके होंठ मेरे मुँह मे क़ैद हो चुके थे बबली की मॅक्सी उसके पेट तक उठ गयी थी लाल रंग की कच्छि उसके गौरे तन पे बहद फॅब रही थी मैं उस से अलग हुआ और उसकी मॅक्सी को हटा दिया वो अब मेरे सामने बस कच्छि मे ही बैठी थी मैं जल्दी से अपने कपड़ो को उतारा और नंगा हो गया


मेरे तने हुए लंड पे उसकी निगाहें जम गयी पर उसने कहा कुछ भी नही मैं उसके साथ लेट गया और उसकी चूचियों से खेलने लगा बहुत ही सॉफ्ट सॉफ्ट थी वो काफ़ी देर तक उनको दबा ता ही रहा उसने अपना हाथ मेरे लंड पे रखा और मेरी मुट्ठी मारने लगी थी उसके नरम हाथ मेरे लंड को और भी जोश दिलाने लगे थे उसके मोटे मोटे चूंचको को चूस चूस के मैने अच्छी तरह से फूला दिया था बबली बहुत ही गर्म हो गयी थी मैने अपना हाथ उसकी टाँगो के भिच मे घुसाया और उसकी योनि से छेड़छाड़ करने लगा लंबे लंबे बालो से भरी हुई उसकी चूत बहुत ही चिकनी हो रही थी उसकी चूत के बाल उसके चिप चिपे पानी से भीग गये थे मैने अपनी दो उंगलिया बबली की चूत मे घुसेड दी और अंदर बाहर करने लगा वो उफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ करने लगी काफ़ी देर तक मैं उसकी चूत मे उंगली ही करता रहा बबली का जिस्म वासनके रंग मे पूरितरह से रंग चुका था तो मैने उसकी टाँगो को खींच कर बेड के साइड पे किया


और उसकी मोटी मोटी सुडोल टाँगो को अपने कंधो पे रख लिया अब रास्ता क्लियर था एक ही झटके मे लंड चूत की पूरी गहराई को नाप चुका था मैं धीमे धीमे धक्के लगाने लगा उसने अपनी चूचियो को अपनी मुट्ठी मे दबा लिया और बबली आँहे भरते हुए चुदने लगी उसकी उमर के हिसाब से उसकी चूत इतनी ज़्यादा ढीली भी नही थी एक अलग सा कसाव था उसकी चूत मे जब जब लंड अंदर बाहर होता तो उसकी चूत की पंखुड़िया संकुचित होती तो मेरा मज़ा और भी बढ़ जाता था पूरी सख्ती से लंड उसकी चूत को खोले जा रहा था 5-7 मिनट तक उसकी टाँगो को अपने कंधे पे रखे रखे ही मैं उसे चोद्ता रहा फिर मैने उसकी टाँगो को आज़ाद किया और उसके उपर छा गया बबली की धीमी धीमी मस्ती भरी आँहे मेरा जोश और भी बढ़ा रही थीं .


हम दोनो एक दूसरे के सामर्थ्य को तौल रहे थे बबली की बड़ी बड़ी आँखो मे मस्ती सॉफ सॉफ देख रहा था मैं बबली बोली और तेज तेज करो तज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज करो और अपने कुल्हो को उपर कर दिया मैने भी अपनी स्पीड को और बढ़ा दिया वो दीवानो की तरह मेरे होंठो को चबाने लगी बबली आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी थी कुछ ऐसा ही हाल मेरा भी था दना दन दना दान धक्के पे धक्के लग रहे थे उसकी मस्त चूत मे फिर उसने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया और ठीक उसी पल मेरे लंड ने भी अपना दम तोड़ दिया मेरा वीर्य और उसका कामरस आपस मे घुलने से लगे हम दोनो किसी लाश की तरह शांत पड़ गये उसकी चूत अब भी फडक रही थी उसके चेहरे पे पूर्ण संतुष्टि के भाव थे मैं उसके उपर से उठा पूछा कि आवाज़ के साथ लंड चूत से बाहर निकल आया मैने उसकी मॅक्सी से अपने लंड को सॉफ किया और साइड मे लेट गया वो वैसे ही पड़ी रही
Reply
10-05-2019, 01:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
कोई 15 मिनट बाद बबली उठी और अपनी मॅक्सी को पहनने लगी मैने कहा कि और नही करना है क्या तो वो बोली उसके बच्चो के स्कूल से आने का टाइम हो गया है वो आते ही होंगे अब रात को देखेंगे तो मैने भी अपने कपड़े पहन लिए मुझे कुछ स्टेशनरी का समान खरीदना था तो उसने मुझे पास की मार्केट के बारे मे बताया और मैं चला गया सहर की चका चौंध मुझे बहुत ही अच्छी लग रही थी मन हो रहा था कि गाँव मे क्या रखा है रहना तो बस सहर मे ही चाहिए .


अपना समान खरीदके भी मैं इधर उधर ही तफ़री मारता रहा फिर मैं वापिस चला गया बबली मुझपे बहुत ही ज़्यादा मेहरबान हो रही थी वो बोली रात को जब बच्चे सो जाएँगे तो मैं तुम्हारे पास आ जाउन्गि मैने कहा ठीक फिर मैने अपना सारा समान चेक कर लिया था मौका देख कर बबली को भींच लिया था मैं बेसबर हो रहा था उसको फिर से रगड़ने के लिए खैर रात हुई एक बेहद लज़ीज़ डिनर के बाद ठंडी ठंडी कुलफी सच बताऊ मज़ा ही आगया था फिर उसने अपने बच्चो को सुला दिया हम सब का बिस्तर छत पे लगा हुआ था

बच्चो के सोने के बाद वो उठी और मेरे पास आकर लेट गयी मैने उसको किसी शिकारी की तरह दबोच लिया और उसको भींचने लगा जब मैने उसकी मेक्सी मे अंदर हाथ डाला तो पता चला कि अंदर से उसने कुछ भी नही पहना है उसकी तरफ से पूरी तैयारी थी मैने भी अपना पयज़ामा और कच्छा झट से निकाल दिया मैं अपने हाथ से उसकी चूत को मसल्ने लगा बबली भी एक प्यासी औरत थी जो हमेशा ही गरम चुदासी रहती थी बबली बोली तेरा लॉडा तो बहुत मस्त है तुझसे चुदके को मैं खिल गयी हूँ चल अब देर ना कर और फिर से मुझे अपनी बना ले मैने उनके मादक नितंबो को अपने हाथो से दबाते हुए कहा आंटी जी आप चिंता मत करो आपकी प्यास बुझाना तो मेरा परम कर्तव्य है और उनकी गान्ड की दरार मे अपनी उंगली घूँसा दी बबली चिहुन्क पड़ी और बोली क्या करते हो तो मैने कहा कि डार्लिंग आज मैं तुम्हारे हर छेद का मज़ा लूँगा वो बोली खुशी से और अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और मुझको किस करने लगी


जब वो मुझको किस कर रही थी तो मैं अपनी उंगली से उनकी चूत के दाने को छेड़ने लगा तुरंत ही रियेक्सन हुआ उनके बदन मे कँपकपी दौड़ गयी बहुत ही हल्क हल्के से मैं उनके दाने को रगड़ने लगा थोड़ी देर बाद उन्होने अपना मुँह अलग किया और नीचे जाते हुए मेरे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और चुँसने लगी क्या मस्त मज़ा आया था उसकी जीभ मे जैसे एक नशा सा था जो मुझपे छाने लगा था मैने कहा एक काम करो तुम 69 मे आ जाओ तो दोनो को ही और भी मज़ा आएगा अब हम दोनो एक साथ साथ एक दूसरे के अंगो से खेल रहे थे मैं उसकी चूत का रस पी रहा था और बबली मेरे लौडे को चूसे जा रही थी वैसे भी मुख्मैन्थुन का असली मज़ा तो साथ साथ ही आता है मेरे थूक से उसकी पूरी चूत सन गयी थी


चूत तो पहले ही बहुत चिकनी थी 10-15 मिनट तक एक दूसरे के अंगो को चाटने चूमने के बाद मैने उसको घोड़ी बना दिया और उसके चुतडो पे दो चार कस के पप्पी ली फिर अपने लंड को चूत से सटा दिया और उसको चूत पे रगड़ने लगा बबली बोली काहे तड़पाता है सीधा डाल ना अंदर तो मैने लंड को अंदर घूँसा दिया और एक बार फिर से हमारा ये अनोखा खेल शुरू हो गया रात को कुछ ज़्यादा ही गरम हवा चल रही थी उपर से गरमा गरम चुदाई कुल मिला के ठीक ही था मैने अपने हाथो को उसके कंधो पे कस लिया और पूरी ताक़त से बबली को चोदने लगा मैं बहुत ही तेज गति से धक्के मारे जा रहा था मेरे हर धक्के पे बबली का पूरा शरीर बुरी तरह से हिल रहा था उसकी साँसे भारी हो गयी थी मुझपे एक जुनून सा चढ़ गया था
Reply
10-05-2019, 01:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
बबली ने अपनी गान्ड को और भी बाहर की तरफ उभार लिया था ताकि मैं बिना किसी रुकावट के उसकीचूत मार सकु उसकी चूत बहुत ही ज़्यादा फड़कने लगी थी मैं दनादन लगा हुआ था मैने उसके बोबो को अपनी हाथो मे दबोच लिया और उनको बुरी तरह से कुचलने लगा बबली का भी जोश बहुत ही बढ़ गया था 10-12 मिनट तक हमारा संग्राम निर्बाध गति से चलता रहा उसकी कमर की लचक सब कुछ बयान कर रही थी फिर वो हौले से बुद बुदाई कि मैं बस जाने ही वाली हूँ तो मैने दो चार जबरदस्त धक्के लगाए और अपने लंड को एक दम से बाहर निकाल लिया नीचे होते हुए अपने मुँह को उसकी चूत पे लगा दिया और अपनी जीब से चूत को रगड़ने लगा बबली मेरी जीभ का दबाव सहन नही कर पाई और मेरे मुँह मे ही झड़ने लगी


मैं उसका सारा पानी पी गया और बाद मे भी उसकी चूत को चाट ता ही रहा जब तक कि वो सूख ना गयी बबली का पूरा चेहरा पसीने से भीग गया था उसके बाल अस्त व्यस्त हो गये थे फिर मैने उसको उल्टी लिटाया और थोड़ा थूक उसकी गान्ड के छेद पे लगा दिया और बिना देर किए लंड को गान्ड मे घुसेड दिया बबली दर्द से दोहरी हो गयी और मुझे लंड बाहर निकालने को बोलने लगी पर मैने खास ध्यान नही दिया थोड़ी से देर मे ही वो नॉर्मल हो गयी और गान्ड चुदवाने लगी बीच बीच मे वो दर्दभरी मस्ती से भरपूर सिसकारियाँ भी ले रही थी कोई 5-7 मिनट तक उसकी गान्ड मारने के बाद मैं भी डिसचार्ज हो गया और अपना पानी उसकी गान्ड मे ही छोड़ दिया फिर मैं बबली से अलग हुआ और उनकी छत की मुंडेर पे बैठ गया उसने अपनी मॅक्सी पहनी और मेरे पास ही आके बैठ गयी


वो बोली तुमने तो मेरा दिल जीत लिया है तुम वादा करो जब भी इधर आओगे तो मुझसे मिलने ज़रूर आओगे तो मैने कहा आउन्गा अब मैं तुमसे दूर थोड़ी रह सकता हूँ मैं उसको और चोदना चाहता था पर उसने मना करते हुए कहा कि कल एग्ज़ॅम देने भी जाना है अभी सो जाओ बात तो ठीक ही थी फिर हम अपने अपने बिस्तरॉ मे सो गये

अगले दिन मैने सुबह ही देल्ही की बस पकड़ ली मैने बबली को बता दिया था कि मैं पेपर देने के बाद सीधा गाँव निकल जाउन्गा वो मुझे एक दिन और रोकना चाहती थी पर मैने मना कर दिया टाइम से थोड़ा पहले ही मैं एग्ज़ॅम सेंटर पे पहुँच गया था ठीक टाइम पे पेपर शुरू हुआ एग्ज़ॅम तो बहुत दिए थे पर क्वेस्चन पेपर को देखते ही ख़याल आया साला ये सवाल तो पूरे कोर्स मे देखे ही नही दो चार मिनट तक दिमाग़ को शांत किया फिर लगा पेपर हाल करने मे पेपर दो शिफ्ट मे था तो पूरा दिन ही घुला था शाम सवा 4 बजे मैं फ्री हुआ कुल मिला के ठीक ठाक ही हो गया था सारा काम शरीर मानसिक और शारीरिक रूप से तक चुका था भूख भी लग रही थी तो कुछ समोसे ही ठूंस लिए थे देल्ही की भीड़ मे धक्के खाते हुए किसी तरह सराय रोहिल्ला स्टेशन पहुँच ही गया टिकेट ली और पोने 8 बजे ट्रेन पकड़ ली ट्रेन फ़ुल पड़ी थी पर जोड़ तोड़ कर के अड्जस्ट हो ही गया कुछ मेरी ही उमर के लड़के मिल गये


तो सफ़र बात चीत करते हुए कट गया अगली सुबह मैं अपने सहर मे उतरा मन मे उमंग लिए अब सुबह सुबह टेंपो तो चलते नही थे तो चाचा को फोन किया कोई आधे घंटे बाद वो मुझे लेने आ गये घर पहुँचा रात के सफ़र की थकान तो थी ही सीधा बेड पे पड़ गया और फिर शाम को ही उठा चाची ने मुझे शरबत बना के दिया और बोली तेरी एक और चिट्ठी
आई है तेरी अलमारी मे रखी है तो तुरंत भागा मिता की चिट्ठी थी उसने लिखा था कि वो एक हफ्ते के लिए गाँव आ रही है ये न्यूज़ पढ़के मैं बहुत ही खूष हो गया मैने उसको फोन किया पर उसका फोन बंद आ रहा था अगले दो-चार दिन यू ही कट गये पर मेरा मन कही लगता ही नही था नियत समय पे मैं मिता से मिलने गया था
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,510,095 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,399 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,235,606 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 934,276 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,659,203 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,085,540 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,958,888 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,081,235 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,042,053 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 285,776 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)