Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 01:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने तो बस एक ही सपना देखा था मिता के साथ एक छोटा सा आशियाना बसाने का फिर मुझे ऐसे क्यो लगता था कि मिता जैसे मुझसे दिन ब दिन दूर जाती जा रही हो और निशा दूर होकर भी पास ही लगती थी मेरा मन एक अजीब से द्वंद मे फस गया था ये कैसी गुत्थी थी जिसको मैं सुलझा नही पा रहा था तकदीर कैसा खेल खेलने जा रही थी ये तो बस वक़्त के गर्भ मे ही छुपा था खैर मैने सोच लिया था कि अगला पूरा दिन मैं निशा के साथ ही बिताउन्गा तो अगले दिन मैने पापा से रिक्वेस्ट करके उनका स्कूटर माँग लिया और निशा के साथ नहर पे चला गया हम दोनो नहर पे बनी हुई पुलिया पे बैठे थे हल्की सी धूप बिखरी पड़ी थी मंद मंद चलती हुई सर्द हवा तो मैने अपने बॅग से कॅमरा निकाला और निशा को पास के सरसो के खेत मे खड़ा करके उसकी तस्वीरे लेने लगा ना जाने क्यो उसका साथ इतना अच्छा लगने लगा था मुझे हम दोनो मस्ती कर रहे थे तो निशा बोली कि उसने मेरी नौकरी के लिए मन्नत माँगी थी और तुम भी कल चले जाओगे तो क्यो ना हम आज ही चल कर मंदिर मे माता को चुन्नी चढ़ा आए तो मैने कहा चल और स्कूटर का कान मोड़ दिया


हम मंडी पहुचे पूजा का समान लिया फिर निशा ने पूजा की मैं बस उसको देखता ही रहा तभी पता चला कि मंदिर मे भंडारा लगा हुआ है तो हम भी वही बैठ गये और जीमने लगे मंदिर मे हमे काफ़ी टाइम लग गया था जब हम वापिस आ रहे थे तो निशा ने कहा अब तो तुम नौकरी वाले हो गये हो वहाँ जाकर मुझे भूल तो नही जाओगे तो मैने कहा तुम्हे क्या लगता है तो वो बोल ऐसी कहावत है ना कि पंछी जब अपना घोंसला छोड़के जाता है तो फिर वापिस नही आता तो मैने कहा तू हमेशा मेरी दोस्त थी और मरते दम तक रहेगी ……………………………

मैने उसको कहा कि मैं वहाँ जाकर जल्दी ही फोन खरीद लुगा फिर मैं उस से बाते तो करता ही रहूँगा तो वो कहने लगी कि मुझे तो अब तुम्हारी आदत पड़ गयी है भगवान जाने कैसे अड्जस्ट करूगी तुम्हारे बिना शाम तक मैं उसके ही साथ रहा मैं आज भी कहता हू कि वो मेरी जिंदगी का सबसे यादगार दिन था वो दिन आज भी भुलाए नही भूलता आज भी यू बेरंग हो चुकी तस्वीरो को देखता हू तो दिल बस तड़प कर रह जाता है


अगले दिन मैं कुछ जल्दी ही उठ गया था पर मेरे मन मे एक उधेड़बुन सी चल रही थी घर का माहौल थोड़ा टेन्षन वाला सा था आज मुझे अपने नये सफ़र पर जाना था आज लग रहा था कि जैसे मैं एक पल मे ही बड़ा बन गया था सभी घर वाले उदास से लग रहे थे तो मैं मम्मी के पाँवो मे बैठ गया और उसे कहा कि एक ना एक दिन तो कमाने जाना ही पड़ता ना तो फिर अब आप सभी लोग ऐसे करोगे तो कैसे चलेगा पर अंदर से मेरा मन भी भारी हो रहा था फिर मैं तैयार होने चला गया इसी तरह दोपहर हो गयी थी मेरी दो बजे की ट्रेन थी तो मैने अपना बॅग उठाया और घर वालो से विदा ली वो सभी स्टेशन आना चाहते थे पर मैने उनको मना कर दिया जब मैं प्लॅटफॉर्म पे पहुचा तो देखा कि निशा वहाँ पहले से ही एक बेंच पर बैठी थी उसने मुझे देखा और एक फीकी मुस्कान की साथ मेरा अभिवादन किया मैं चुपचाप उसके साइड मे बैठ गया ना वो कुछ बोल रही थी ना मैं कुछ बोल पाया



ट्रेन आने मे अभी कुछ देर थी मैं उस से बात करना चाहता था पर मेरी ज़ुबान को जैसे लकवा मार गया हो मेरे अंदर कुछ घुटने सा लगा था ना चाहते हुए भी मेरी आँखो मे आँसू आ गये मैं अपनी हथेली से उनको पोंछ ही रहा था कि तभी ट्रेन आने की अनाउसमेंट हो गयी और कुछ ही मिंटो मे ट्रेन लग गयी मैं बस इतना ही कह पाया कि निशा मेरे गले नही लागो गी और वो मेरी बाहों मे समा गयी मुझे किसी की परवाह नही थी कोई देखे तो देखे निशा के आँसू उसके गालो से होते हुए बहने लगे अब मैं उस से अलग हुआ ट्रेन बस चलने को ही थी तो मैने उसको बस इतना ही कहा कि मुझे भूल मत जाना और ट्रेन मे चढ़ गया जब तक वो मेरी नज़रो से ओझल ना हो गयी मैं गेट पे खड़े खड़े उसको ही देखता रहा ना जाने क्या सोच कर मैने अपने आँसुओ को बहाने से नही रोका
Reply
10-05-2019, 01:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
ढाई दिन का सफ़र बस उदासी के माहौल मे ही कटा मेरा , पर रेल चल पड़ी थी तो मंज़िल पे पहुचनी ही थी स्टेशन से बाहर आया तो अकादमी की बस थी मेरे जैसे औरो को भी ले जाने के लिए आज पहली बार मैं घर से बाहर अकेला था पर ये ही तो लाइफ है अकादमी पहुच गये और अपना पास कलेक्ट किया ब्रिगडियर साहिब के एक जोशीले भाषण से हमारा स्वागत हुआ कुछ दिन ऐसे ही फॉरमॅलिटीस मे निकल गये मेरा यहाँ मन नही लगता था पर अब तो ये ही घर था कुछ दोस्त बन गये थे तो उनके साथ ही थोड़ा बहुत टाइम पास हो जाया करता था हर सुबहा अब पोने चार बजे शुरू होती थी और रात दस बजे दिन ख़तम होता था पहले महीने मे तो बहुत ही मुश्किल आई पर फिर धीरे धीरे आदत हो गयी थी


सुबह सुबह ड्रिल्स चलती फिर क्लासस फिर शाम को ड्रिल और अदर आक्टिविटीस पर अच्छी बात ये भी थी स्थाईफंड भी मिलने लगा था तो जेब मे दो पैसे भी रहते थे मुझे यहाँ आए हुए नो महीने हो गये थे इस बीच एक बार भी मिता और निशा से बात नही की थी घर भी बहुत ही कम बात चीत ही वो भी एसटीडी से अकॅडमी से बाहर जा ही नही पाता था लाइफ अपने आप मे सिमट ही गयी थी हर पल बस कुछ ख्वाब थे जिनको पूरा करने की आस थी दिन तो गुजर ही रहे थे


एक दिन हिम्मत कर के सनडे के दिन अपने मेजर साहिब से आउटपास का जुगाड़ कर ही लिया अब शाम तक मैं आज़ाद पंछी की तरह विचरण कर सकता था इतने दिनो बाद आज सिविल कपड़े पहने थे मैं गेट से बाहर आया और एक एसटीडी से मिता को फोन मिलाया आज इतने दिनो बाद उस से बात की मैने मिता ने पहले तो मुझ जी भर के गालियाँ दी मैं चुप चाप सुनता रहा जब वो थोड़ी शांत हो गयी तो मैने उसको बताया कि यार इधर बाहर आने का बिल्कुल भी मौका नही मिलता है और मैं नया फोन भी नही खरीद पाया हू तो कैसे बात करता फिर पूरा दिन इतनी मेहनत होती है कि रात को पड़ते ही नींद आ जाती है मिता बोली वो दो बार गाँव भी जाके आई है बिल बढ़ता जा रहा था पर मुझेकॉई चिंता नही थी अपनी दिलरुबा से इतने दिनो के बाद बात करके मेरा तो रोम रोम झूम उठा था मिता बताने लगी कि वो मुझे बहुत ही याद करती है हर पल बस मेरे ही बारे मे सोचती है मैने उसको कहा कि जब छुट्टी मिलेगी तो मैं आउगा तुमसे मिलने को कोई एक घंटे तक बाते चलती रही फिर मैने ईक पिक्चर देखी और बाहर ही खाना खाया अंदर का बेस्वाद खाना खा खा कर पक गया था मैं फिर शाम को मैं वापिस चल पड़ा अपने सरल व्यवहार के कारण मैं मेजर साहिब की नज़रो मे आ गया था वो मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही ध्यान देते थे उनकी विशेष कृपा से अकॅडमी मे ट्रैनिंग थोड़ी आसान हो गया थी


ऐसे ही धक्के देते देते 15 महीने गुजर गये तो अब हमे 20 दिन का हॉलिडे अ लॉट हुआ मैं बहुत ही खुश था इतने दिनो को जैसे किसी क़ैद की तरह मैने काटा था छुट्टी की स्लिप ली और सारी कार्यवाही करके अपना बेग और संदूक उठाया और चल पड़े अपने गाँव की ओर रिज़र्वेशन था नही तो जनरल बोगी मे ही पंडा रहा पर मन मे उमंग थी तो सफ़र कट ही गया मैने अपने गाँव की मिट्टी को प्रणाम किया और अपने घर पहुच गया सभी मुझे देखते ही बहुत खुश हो गये और ऐसा लगा कि घर मे दुबारा हसी खुशी का माहौल लौट आया हो मुझे भी इतने दिनो बाद वापिस आकर बहुत ही अच्छा लग रहा था मैने मौका देखकर चाची को किस किया आज कई दिनो बाद मैने किसी औरत को टच किया तो मेरी सोई हुई हसरते एक दम से जाग गयी थी पर क्यूकी सभी घरवाले थे तो कुछ हो नही सकता था सांझ ढले मैं निशा से मिलने उसके घर गया तो उसकी माँ ने बताया कि वो तो यहाँ नही है बॅंक की तैयारी कर रही है तो कोचैंग करने के लिए जयपुर गयी हुई है ये सुनकर मैं उदास हो गया और ठंडे कदमो से वापिस लौट आया मेरा मन बुझ सा गया था रात को मैने निशा का नंबर ढूँढा और उसको अपने घर वाले फोन से कॉल की निशा तो जैसे भरी ही पड़ी थी मुझ पर बरस पड़ी बोली तुमने डेढ़ साल मे एक बार भी फोन नही किया चिट्ठी भी नही लिखी जानते हो मैं क्या क्या सोच रही थी तो मैने उसको कहा कि यार वहाँ बाहर जाने का मौका नही मिलता और मेरे पास फोन भी नही था तो बता क्या कर सकता था तो मैने उसको कहा कि मैं छुट्टी आ गया हू तू कब मिलेगी तो उसने कहा कि वो नही आ पाएगी तुम ही टाइम निकाल कर जयपुर आ जाओ तो मैने कहा मैं एक हफ्ते बाद आउगा और फिर कुछ देर बातचीत करने के बाद फोन काट दिया ये मेरी ग़लती थी जो मैने उसको कॉंटॅक्ट नही किया था पर मैं करता भी क्या मेरी तो खुद की गान्ड गले मे अटकी पड़ी थी मैने सोचा कि अगले दिन जाके गीता को ही बजाउन्गा सबसे पहले ये सोचते सोचते मैं सो गया अगले दिन नहा धो कर मैं निकल पड़ा अपनी रांड़ से मिलने के लिए
Reply
10-05-2019, 01:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
जब मैं उसके घर पहुचा तो देखा कि वो बाहर चबूतरे पे कपड़े धो रही थी चबूतरा शायद उसने बाद मे बनवाया था फिर मैं आया भी तो काफ़ी टाइम के बाद था जब गीता की नज़र मुझ पर पड़ी तो वो खुश हो गयी वो उठी और मेरे पास आकर बोली कि बड़े दिन लगाए वापिस आने मे तो मैने कहा अब सरकारी बंदे है जब छुट्टी मिले तभी आना होता है गीता का लहंगा पानी से भीग कर उसकी जाँघो से चिपक गया था जिस से उसकी वी शेव नज़र आ रही थी और मैं तो इतने दिनो का प्यासा था बस बीच मे कभी कभार मुट्ठी ही मारी थी मेरी आँखो मे हवस चढ़ने लगी गीता भी शरमाने लगी वो बोली कितने दिन की छुट्टी आए हो तो मैने कहा अभी तो हू कुछ दिन इधर ही मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था तो मैने उसका हाथ पकड़ा और उसको अपने सीने से लगा लिया गीता बोली तुम अंदर चलो मैं अभी कपड़े धो कर आती हू तो मैने कहा नही जो भी काम है बाद मे करना अभी तो तुम बस मेरी ही हो और उसको अपनी गोद मे उठा के अंदर ले आया



गीता किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह शरमाने लगी थी मैने उसको बिस्तर पर लिटाया और उसके ब्लाउस और ब्रा को उतार दिया गोल गोल ठोस चूचिया एक झटके मे बाहर आ गयी मेरी प्यास एक दम से भड़कने लगी मैं गीता के पास लेटा और उसके काँपते होंटो को चूम लिया गीता मुझसे चिपक गयी मेरा हाल ऐसा था कि जैसे किसी भूखे को सालो बाद नीवाला मिला हो मैं बेकरारी से उसके होंटो को निचोड़ने लगा और अपने हाथों से उसके उन्नत उभारो को मसल्ने लगा गीता भी एक प्यासी औरत थी तो जल्दी ही वो भी गरम हो गयी उसका बदन तपने लगा कोई दस मिनट तक मैं बस उसके होंटो से शहद ही निचोड़ ता रहा फिर मैने अपना हाथ उसके लहंगे मे घुसा दिया और उसकी गौरी टाँगो पे फिराने लगा गीता की चिकनी टांगे और भी भारी भारी लग रही थी



अब मेरा हाथ उसकी टाँगो के जोड़ की तरफ बढ़ने लगा था जब मैने उसकी चूत पे हाथ रखा तो कच्छि वहाँ से गीली गीली थी मत लब उसकी चूत अपना पानी छोड़ने लगी थी मैने उसके लहंगे को उतार दिया काले रंग की कच्छि मे गीता का गोरा बदन एक कयामत से कम नही था मैने भी जल्दी से अपने कपड़ो को बदन से अलग किया और नंगा हो गया मेरा लड हवा मे झूलने लगा गीता मेरे लंड को देखते हुए बोली कि अरे ये तो और भी तगड़ा हो गया है और गीता ने खुद ही अपनी कच्छि उतार दी उसकी चूत पे ढेर सारे बालो को देखकर मैने कहा ये क्या हाल बना रखा है तुमने तो वो बोली अब तुम्हारे अलावा इसका कौन हकदार है जब तुम ही नही थे तो इसका ख़याल कौन करता मैने अपना मूह उसकी चूची पे लगाया और उसकी चूची पीने लगा और साथ ही अपनी उगली गीता की चूत मे सरका दी चूत बहुत टाइट लग रही थी गीता ने एक झुरजुरी ली और बोली आहाआआआआआआअ आहिश्ता से करो ना मैं बारी बारी से उसकी 36इंची चूचियो का मज़ा लेने लगा कुछ ही देर मे वो फूल कर तन गयी थी मेरी उगली पूरी तरह से गीली हो गयी थी तो मैने उसको गीता के मूह मे डालके उसको चूसने लगा आज मैं जी भर कर गीता को भोगना चाहता था तो मैने उसकी टाँगो को खोला और झांतो से भरी हुई चूत को अपनी नाक से सुघने लगा चूत की नमकीन गंध मेरे नथुनो मे उतर ती चली गयी उसकी भीनी भीनी खुश्बू से मेरी मस्ती और भी चढ़ गयी तो मैने अपनी जीभ को वहाँ पर रख दिया और एक सड्पा लिया तो गीता की आँखे अपने आप बंद हो गयी उसकी चुदासी चूत अपना रस बाहर फेंकने लगी मैने गीता से कहा मेरी जान आज इस अमृत को जी भर कर पिला दे मुझे आज तू रोकना नही और मैने अपने मूह मे पूरी चूत को भर लिया और उसको किसी गोल गप्पे की तरहा से खाने लगा मैं उसकी चूत से रिस्टी हर बूँद को पीना चाहता था गीता अपने बोबो को मसल्ने लगी वो भी मेरे जितनी ही प्यासी थी आज तो तुफ्फान आना पक्का था तभी मेरी नज़र साइड पे रखी रूहफ्ज़ा शरबत की बॉटल पे गयी तो मैं उसको उठा लाया और गीता की चूत को शरबत की चाशनी से पूरा भर दिया अब उसकी चूत बहुत ही चिप चिपि हो गयी थी मैं उगली से उस गाढ़ी चासनी को चूत के अंदर तक लसेडने लगा गीता अपनी टाँगो को मारने लगी तो मैने उसकी टाँगो को उपर उठा दिया जिस से उसकी चूत उभर गयी उसकी झान्टे शरबत के रस मे डूब चुकी थी गीता बोली अयाया आरीईईई तुम ये क्या कर रहे हो तो मैं कहा मैं तो बस अपनी जान को प्यार कर रहा हू इतने दिन तरसा हू तुम्हारे लिए अब मुझे मत रोको तुम तो गीता बोली मैं भी तो तुम्हारे लिए ही तडपी हू अब तुम मुझ पे अपने प्यार की बारिस कर दो मुझे बहा लो अपने प्यार मे
Reply
10-05-2019, 01:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मेरी जीभ का खुरदुरा पन गीता को मदहोश किए जा रहा था शरबत की चासनी बहती हुई उसकी गान्ड को भी गीला कर गयी थी तो मैने उसकी गान्ड के छेद को भी चाट लिया मुझे उसकी गान्ड भी बड़ी करारी लगी तो मैं चूत और गान्ड दोनो पे अपनी जीभ फिराने लगा गीता के चूतड़ उछालने लगे थे वो अपने बालो को नोचने लगी थी वासना का ज़ोर अपने चरम पर था मैं अपने काम मे लगा हुआ था काफ़ी देर हो गयी थी उसकी चूत को चाट ते हुए मेरी पूरी जीभ अब उसके अंदर थी और जिसको मैं अंदर बाहर किए जा रहा था गीता ने अपनी टाँगो को टाइट कर लिया तो मैं समझ गया कि अब वो बस जाने ही वाली है तो मैने उसकी चूत के दाने को चूसना शुरू कर दिया और मात्र दो मिनट मे ही गीता की चूत से एक नदी बह निकली और मेरे मूह मे गिरने लगी उसने अपनी टाँगो को मेरे मूह पर कस लिया था और अपने काम रस को मेरे मूह मे छोड़ दिया अंतिम बूँद तक को मैं पी गया उसकी तो जैसे टाँगो का सारा दम ही निकल गया हो वो ऐसे पड़ी थी जैसे किसी ने उसकी जान ही निकाल ली हो 5-6 मिनट बाद गीता को की चेतना वापिस आई वो कहने लगी कि आज तो मेरी जान ही निकाल दी और असली खेल तो बाकी ही पड़ा है तो मैने कहा आजा थोड़ी देर तू भी चूस ले तो वो मेरी टाँगो के बीच बैठी और मेरे लड पे अपने गर्म होंठ लगा दिए और उसपर किस करने लगी उसके होंठो की गर्माहट से मुझे मेरा लड जलता हुआ सा महसूस हुआ गीता उपर से नीचे तक पूरे लड को चूमे जा रही थी मुझे मज़ा आने लगा था उसके मूह से बहता हुआ थूक लड को चिकना किए जा रहा था वो बारी बारी से लड और दोनो गोलियो पे अपनी जीभ फेरे जा रही थी तो मैने उसको हटाया और उसी बोतल से काफ़ी सारी चाशनी अपने लड और गोलियो पे टपका दी गीता ने मुझे अपनी नशीली आँखो से देखा और मुस्कुराते हुए दुबारा अपना मूह मेरे गुप्ताँग पे लगा दिया और बड़े ही प्यार से उस मीठी मीठी बूँदो को चाटने लगी लड का सुपाडा पूरी तरह से चिप चिपा हो गया था और उसमे गीता का थूक भी मिल गया था एक नया कॉकटेल बन गया था गीता पूरी शांति से मुझे लड चुसाई का मज़ा दे रही थी मेरा मज़ा काफ़ी बढ़ गया था मैं भी अपने रास्ते पर चल पड़ा था मेरे शरीर का सारा खून लड की नसो मे इकट्ठा होने लगा था मेरे कान बहुत ही गरम हो गये थे मैने गीता को दबाव बढ़ा ने को कहा तो उसने अपने होंठो को लड पे कस्के दबा लिया और ठीक उसी पल कई दिनो से रुका पड़ा मेरा वीर्य नसो से बह चला और पिचकारियो का रूप लेते हुए उसके गले मे बहने लगा आज तो बहुत ही ज़्यादा पानी निकला था काफ़ी देर तक उस गाढ़े पानी को गीता पीती ही रही मेरे चेहरे पर पूर्ण संतुष्टि का भाव था

मैं लेते लेते अपनी सांसो के सामान्य होने का इंतज़ार करता रहा गीता ने अपने मूह को सॉफ किया और कुल्ला करने लगी और मेरी छाती पे सर रख कर लेट गयी वो पूछने लगी कि तुम्हे वहाँ मेरी याद आई तो मैने कहा डार्लिंग मैं ही जानता हू कि इतने दिन मैने कैसे गुज़ारे है कई बार दिल मे आया कि भाग चलूं पर तुम तो जानती ही हो आजकल नौकरी आसानी से कहाँ मिलती है ये भी ना जाने कैसे मिल गयी

गीता बोली जल्दी जल्दी छुट्टी आ या करो मैने उसको बताया कि अभी तो ट्रैनिंग ही है जब पोस्टिंग मिलेगी तो कुछ आसानी होगी बाते करते करते ही गीता ने मेरे लड को अपन हाथ मे ले लिया और उस को सहलाने लगी उसकी उग्लिया मेरे सुपाडे से छेड़खानी कर रही थी गीता बोली वहाँ पर तुम्हारा जुगाड़ कैसे होता होगा तो मैने कहा वहाँ इतना टाइम ही नही मिलता है पूरा दिन बस मेहनत करते करते ही निकल जाता है और बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ जाती है इतने हिम्मत ही नही बचती कि मैं सेक्स के बारे मे सोच सकूँ उसके सहलाने से लड मे तनाव आना शुरू हो गया था और थोड़ी देर बाद ही वो फुफ्कारने लगा था तो मैने उसको लड पर बैठने को कहा गीता मेरे उपर आई और अपनी चूत पर लड के सुपाडे को भिड़ा लिया और लड पर बैठ गयी काफ़ी दिनो बाद वो लड ले रही थी उसकी चूत बहुत ही कसी हुई थी तो उसको थोड़ी परेशानी सी हो रही थी पर जब झन्टो मे आग लगी हो तो बस चुदाई ही दिखती है कुछ समय बाद लड चूत मे सेट हो गया तो उसने अपनी गान्ड हिलानी चालू की मैने उसके मस्ताने चुतडो को अपने हाथो से थाम लिया मैं बोला गीता तेरी चूत बहुत ही मस्त है जब जब तेरे साथ करता हूँ मुझे बहुत ही मज़ा आता हाँ गीता ये सुनकर खुश हो गयी और पूरे उत्साह से मेरे लड पर उपर नीचे होने लगी गीता की फूली हुई साँसे उसके जोश को बयान कर रही थी मैने अपने सर को थोड़ा सा उठाया और उसकी चूची को अपने मूह मे भर लिया तो उसको और भी जोश आ गया अब कमरे मे बस गीता की सिसकारिया ही गूँज रही थी होशोहवास तो जैसे था ही नही पंद्रह मिनट तक उसको अपने लड की सैर करवाने के बाद मैने उसको हटाया और उसको अपने नीचे लेते हुए चोदने लगा हमारे होंठ एक बार फिर से आपस मे चिपक गये थे उसके होंठ जैसे कोई क्रीम वाली टॉफ़ी हो बहुत ही मज़े से मैं गीता को चोद रहा था जैसे ही मैं रुकता वो फॉरन नीचे से अपनी गान्ड उठा के धक्के लगाने शुरू कर देती मुझे लगा इसकी चूत मे कुछ ज़्यादा ही खुजली हो रही है
Reply
10-05-2019, 01:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
हमारी आँखे एक दूरसरे को तौल रही थी दना दान धक्के पे धक्के पड़ रहे थे मेरे माथे से पसीना टपकने लगा था बिस्तर की चादर अस्तव्यस्त हो गयी थी उसकी सलवटें हमारे कांड की कहानी कह रही थी मैने अपना हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी जाँघ को पकड़ा और उसको टेढ़ा कर दिया अब मेरे हाथ उसके मोटे मोटे चुतडो को मसल रहे थे और मैं आराम से उसकी ले रहा था मैने अपनी उगली को मूह मे लेके गीला किया और उसकी गान्ड मे घुसा दी गीता की हालत ऐसी हो गयी जैसे की किसी ने उसकी गान्ड मे मिर्ची लगा दी हो वो बोली आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहह क्या करते हो मुझे दर्द हो र्हा है तो मैने कहा मेरी जान आज तू दोनो तरफ से मज़ा ले और अपनी उगली को गान्ड मे अंदर बाहर करने लगा चूत मे लड घुसा पड़ा था और गान्ड मे उगली थोड़ी से ही देर मे गीता बहुत ही मस्त हो गयी और मज़े से दोनो साइड मज़ा लेने लगी थी आज तो बहुत ही मजेदार चुदाई चल रही थी आधे घंटे से भी ज़्यादा टाइम हो गया था पसीने से हमारे शरीर लथपथ थे पर हम दोनो लगे हुए थे आज से पहले गीता इस तरह कभी ना चुदि थी तो मैने अपनी उगली उसकी गान्ड से निकाल ली और उसके उपर पूरी तरह से छा गया और पूरी ताक़त लगाते हुए अब बेरहमी से उसको रगड़ने लगा 10 मिनट और चूत चोदनेके बाद हम आगे पीछे ही झाड़ गये मेरे गरम लावे ने उसकी चूत को भर दिया फिर भी मैं उसके उपर ही पड़ा रहा मैं बहुत ही खुश था और गीता भी .

फिर वो उठी अपने शरीर को सॉफ किया और अपने कपड़े पहन लिए मैं भी उठ गया तो गीता कहने लगी तुम हाथ मूह धो लो मैं अभी खाना बना लेती हू फिर साथ साथ ही खा लेंगे मैने कहा ठीक है गरमा गरम रोटियो मे देसी घी खाकर मुझे तो बहुत ही आनंद आ गया उसके बाद दो गिलास भूना जीरा डाली हुई लस्सी मन प्रसन हो गया खाने के बाद मैने उसको पूछा कि उसको कोई रुपये-पैसे की दिक्कत तो नही है तो उसने बताया कि वो तो मज़े से जी रही है जितनी भी फसल होती है वो सेठ को बेच देती है तो इकट्ठी रकम मिल जाती है फिर भैंस भी पाल ली है तो दूध और घी बेच कर भी कमाई होती है इतना ही बहुत है उसके लिए ,


फिर भी मैने कहा कि तुम्हे किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बताना वो बोली ठीक है फिर मैने कहा अब मैं जाता हू तो उसने कहा जल्दी ही आना और मुझे मज़ा देते रहना तो मैने उसको किस किया और वापिस चल पड़ा रास्ते मे दो-चार लोग और मिल गये फोजी बन ने से गाँव मे थोड़ी इज़्ज़त बन गयी थी ऐसे ही घूमते फिरते मैं अपने घर आ गया

आते ही चाची बोली कहा थे तुम पूरे दिन से तो मैने कहा दोस्तो से मिलने गया था तो वो बोली बता के तो जाता हमे चिंता हो रही थी थोड़ी देर बाद पापा भी ऑफीस से आ गये थे तो मैने उनको बताया कि मेरे पास अकाउट मे इतने रुपये है आप ले लो तो वो बोले बेटा वो तेरी कमाई है तू ही खरच कर इधर मुझे और तेरे चाचा को काफ़ी सॅलरी मिलती है तू बस एंजाय कर तो मैने उको कहा कि मैं जयपुर जाउन्गा एक दो दिन मे तो वो बोले क्यू तो मैने झूठ बोलते हुए कहा कि पापा मेरे साथ का एक लड़का उधर रहता है तो उस से मिलने तो उन्होने कहा ठीक है पर इतनी ही छुट्टिया है यही रहता तो अच्छा लगता तो मैने कहा मैं अगले दिन ही आ जाउन्गा मैने निशा को फोन किया और कहा कि मैं कल आ रहा हू तू अपना अड्रेस बता तो उसने कहा कि वो तो पीजी मे रहती है तुम आकर फोन करना मैं आ जाउन्गी तो मैने कहा ठीक है ना जाने क्यों मेरा दिल मचलने लगा तो मैं रात को ही निकल गया और बस पकड़ ली सुबह की चाइ अब जयपुर मे ही पीनी थी सिंधी कॅंप उतरते ही एसटीडी ढूंढी और निशा को फोन लगा दिया और बताया कि मैं आ गया हू उसने अपना अड्रेस बताया और कहा कि तुम ऑटो पकड़ लेना मैं तुम्हे गेट पर तैयार मिलुगी ऑटो वाले को अड्रेस बताया और चल पड़ा अपनी दोस्त से मिलने के लिए .
Reply
10-05-2019, 01:33 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
20 मिनट बाद ही मैं उसके पीजी के गेट पर था मैने किराया दिया और उतर गया थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर वो आ ही गयी जब मैने उसको देखा तो मेरे तो होश ही उड़ गये मैं तो पहचान ही नही पाया उसको कहाँ गाँव की सीधी साधी लड़की और कहाँ वो अब ब्लू जीन्स और वाइट टी-शर्ट मे क्या लग रही थी वो मैं तो जैसे खो ही गया निशा दौड़ती हुई मेरे गले लग गयी और मुझे गलियाँ देते हुए बोली कमिने कुत्ते कहाँ चला गया था तू कॉंटॅक्ट भी नही किया जानता है मैं कितना रोई हू तो मैने कहा ओ मेरी माँ सांस तो लेने दे तेरे लिए ही तो आया हू,

ये सुनकर वो मुस्कुराने लगी वो मेरे बालो मे हाथ फिराते हुए बोली अरे वहाँ जाकर तो तू गंजा ही हो गया तो मैने कहा यार ऐसा ही है वो मुझे गंजा गंजा कहकर चिढ़ाने लगी उसको हँसता देखकर मुझे बहुत खुशी हुई थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा फिर मैने कहा चल बहुत भूख लगी है आ कुछ खाते है तो उसने मुझे बताया कि पास ही एक बढ़िया होटल है वो अक्सर वहाँ जाती रहती है तो हम वही चले गये खाने से ज़्यादा ध्यान मेरा निशा पर ही था वो बार बार अपने चेहरे पर आती लटो को हटा ती तो मैने कह ही दिया रहने दो ना अच्छी लगती है वो शरमा गयी फिर हम एक घंटे मे इनोक्स मे आ गये तो मैने कहा चल यार कोई मूवी देखते है वो मना कर रही थी पर मैं उसको खींच ही ले गया फिर मैने उसको थोड़ी शॉपिंग करवाई शाम हो ही गयी थी वो बोली अब उसे जाना चाहिए तो मैने कहा डिन्नर के बाद ही चले जाना तो उसने कहा नही लेट हो जाएगा और पीजी के भी कुछ रूल्स है तो मैने कहा कल फिर मिलते है और उसको छोड़ के आया फिर मैने एक होटेल मे रूम ले लिया करने को कुछ और था नही तो कुछ खाया और फिर सो गया !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


अगली दोपहर हम दोनो आमेर मे थे यहाँ हम पहले भी आ चुके थे तो पुरानी यादें ताज़ा हो गयी हम अपने टाइम का पूरा लुत्फ़ उठा रहे थे मैं उसको पूछा और बताओ क्या चल रहा है लाइफ मे तो उसने बताया कि दो बार पीओ का एग्ज़ॅम दे चुकी है पर मेरिट मे रह जाती है अबकी बार बहुत मेहनत कर रही है तो उम्मीद है मैने कहा चिंता मत कर तुमको ज़रूर ये जॉब मिलेगी उसने मुझे थॅंक्स कहा फिर लंच हमने वही के रेस्टोरेंट मे किया शाम को निशा मुझे हवा महल ले गयी तो मैने कहा निशा बूज़ करेगी क्या तो उसने कहा मैं समझी नही तो मैने कहा चल एक एक बियर मारते है तो वो बोली तुम कब से ड्रिंक करने लगे तो मैनें कहा यार अब आर्मी का हिस्सा हू तो हो जाती है निशा बोली मैं समझ सकती हू तो मैं लीक़ुर शॉप गया और फॉस्टर की दो कॅन ले आया मैने कहा यार पेप्सी समझ कर ही पी ले एक-दो सीप लेते ही उसने थूक दिया और बोली वो नही कर पाएगी तो मैने कहा अरे कुछ नही होता आज कल तो सब करते है चल चढ़ा ले जल्दी से

उसको थोड़ा जोश दिलाया तो बंदी एक साँस मे ही आधी कॅन को टांक गयी थोड़ी से देर मे उसका दिमाग़ थोड़ा सा घूम गया शायद पहली बार थी तो उसको नशा सा चढ़ गया था वो जो भी मन मे आए बोलने लगी उसको संभालना मुश्किल हो गया तो मैं नींबू पानी लेके आया और उसको पिलाया काफ़ी देर लगी उसको संभालने मे फिर उसको पीजी ड्रॉप किया और वापसी मे एसटीडी ढूंढी और मिता को फोन लगा या कुछ देर उसका हाल चाल पूछा फिर वो ही बोरिंग से होटेल मे जाकर सो गया

निशा के साथ दो दिन बहुत ही अच्छे गुजर गये थे अगले दिन हम राधा कृशन जी के मंदिर गये पूजा अर्चना की फिर मैने कहा अब मुझे वापिस जाना होगा तो वो बोली अच्छा होता हम थोड़ा टाइम और साथ बिता पाते तो मैने कहा एक काम कर ना तू भी गाँव चल पर उसने मना कर दिया कि वो कोचिंग नही छोड़ सकती मैं उदास हो गया पर मुझे वापिस आना ही था तो फिर मैने बस पकड़ ली पर जाने से पहले उसको अपना चिट्ठी वाला अड्रेस लिखवा दिया और ये वादा भी किया कि मैं वापिस जाते ही नया फोन भी खरीद लूँगा अगले कुछ दिन बस घर पर ही बीते मम्मी मुझे अपनी नज़रो से दूर होने ही नही देती थी सारा दिन बस ये खाले वो खाले ही लगा रहता था हर रोज एक दिन कम हो जाता था मेरा ये छुट्टियो के दिन कुछ ज़्यादा ही जल्दी गुजर गये थे जयपुर वाली फोटो मैने डिव्लॉप करवा ही ली थी मैं उनको देख ही रहा था कि चाची कमरे मे आ गयी उन्होने भी उन तस्वीरो को देखा और कहा तो तू निशा से मिलने गया था जयपुर लगता है तेरा और उसका कुछ चल रहा है तो मैने कहा चाची ऐसा कुछ नही ले दे कर वो ही तो मेरी दोस्त है तो बस चला गया उस से मिलने के लिए तो उहोने कहा इन फोटो को छुपा के रख दे अगर तेरी मम्मी ने देख ली तो पूरा घर सर पर उठा लेंगी और फिर तू जानता ही है
Reply
10-05-2019, 01:33 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा हाँ और उन तस्वीरो को अपने बॅग मे रख लिया और कमरे को बंद कर के बाहर आ गया ना जाने क्यो मेरा मन अब गाँव मे नही लगता था सब कुछ पराया पराया सा लगता था घर वाले भी ये बात भाँप गये थे पापा बोले बेटा कोई परेशानी है क्या तो मैने कहा पाप मेरा मन ही नही लगता यहाँ पर तो वो बोले बेटा तू कई दिनो मे आया है ना इस लिए तुझे ऐसे लगता होगा फिर घर तो तेरा ही है ना तू दिमाग़ मे ज़्यादा ज़ोर मत डाल और रिलॅक्स रहा कर अगले दिन मैं अपने खेतो पे चल दिया मेरा मकसद तो था गीता को चोदना पर जब मैं कुवे पे पहुचा तो मुझे बिम्ला काकी की बेटी मिल गयी मैने पूछा तू कब आई तो वो बोली मुझे तो एक महीने से उपर हो गया है आए हुए और हम बाते करने लगे और वो मेरे साथ साथ ही कुवे पर आ गयी मैने गौर किया कि उसका रूप कुछ ज़्यादा ही निखर आया था पहले वो पतली सी हुआ करती थी पर अब उसका बदन भर गया था उसको देख कर मेरा ईमान डोलने लगा पर डाइरेक्ट्ली उसको कह भी नही सकता था मैं अपनी आँखो से ही उसको नंगी करने लगा था उसने मुझे अपनी ओर घूरते हुए पाया तो उसने कहा ऐसे क्या देख रहा है तो मैने कहा मैं तो तुमको ही देख रहा हूँ तुम बहुत ही सुंदर हो गयी हो ससुराल मे क्या होगया हमे भी तो बता दे

वो थोड़ा ब्लश करने लगी मैने सोचा ट्राइ करने मे क्या जाता है क्या पता काम बन ही जाए तो मैने उसको शीशे मे उतारना शुरू किया पर मुझे जल्दी ही अंदाज़ा हो गया कि वो भी खिलाडिन है ये दाँव पेच उसपर नही चलने वाले तो मैने सीधे ही उसको कह दिया कि अगर वो मेरा एक काम करेगी तो मैं उसको दो हज़ार रुपये दूँगा

ये सुनकर वो बोली कि ऐसा कौन सा काम करवाए गा जिसके लिए मुझे इतने पैसे दे रहा है तो मैं उठा और उसकी चूचियो पर अपनी उगली रख कर कहा कि मुझे ये चाहिए तो वो बोली तुझे पता भी है तू क्या माँग रहा है तो मैने कहा जो तू समझी और मैं अपनी उगली को उसकी चूची की घाटी पे फिराने लगा तो वो बोली मत कर मेरे साथ ऐसा वरना मैं अपनी माँ को बुला लाउन्गि तो मेरे मूह से निकल गया कि तेरी माँ तो खुद मुझसे कई बार करवा चुकी है तो वो बोली जा मैं नही मानती तो मैने कहा अगर मैं तुझे सबूत दूं तो क्या तू मुझे अपने साथ करने देगी तो उसने कुछ देर सोचा फिर ठंडी साँस लेकर बोली ठीक है तो ये शर्त लगी अगर तू मेरी माँ को चोद के दिखा देगा तो मैं भी तेरे साथ करूगी वरना तू मुझे दो हज़ार वैसे ही देगा



मैने कहा ठीक है तो मैने उसको कहा कि देख मैं अभी तेरे घर जाता हू तो थोड़ी देर बाद आना और छुप कर हम को देखना पर ध्यान रखियो की तेरी वजह से बीच मे कोई दिक्कत नही आनी चाहिए तू कोई रियेक्शन नही दिखाए गी तो वो बोली ठीक है मैं छुप कर देखूँगी तो फिर प्लान के मुताबिक मैं बिम्ला काकी के घर पे चल दिया

मैने जाके काकी को राम राम की वो बोली लल्ला बहुत ही दिनो बाद आए हो तो मैने बताया कि काकी जब छुट्टी मिलेगी तभी तो आउन्गा थोड़ी देर तक बातें करने के बाद मैने कहा काकी तुम्हारे घर आया हू कुछ खातिरदारी नही करोगी तो वो बोली लल्ला तेरा ही घर है बता तुझे क्या चाहिए तो मैने कहा मुझे तो आप ही चाहिए और उनकी गान्ड पे अपना हाथ रख दिया काकी बोली मेरी लड़की आई हुई है वो यही पास मे ही गयी हुई है आती ही होगी तो मैने कहा क्या काकी अब आप भी टालने लग गयी हो तो वो बोली ऐसी बात नही है पर अगर वो बीच मे आ गयी तो मेरी इज़्ज़त का कचरा हो जाएगा तो मैने कहा मैं जल्दी ही करलुगा तो वो कहने लगी कि कही फँस ना जाए तो मैने कहा आप चिंता मत करो कुछ नही होगा और उनको चूमने लगा काकी तो सदा ही चुदने को तैयार रहती थी तो बस दो मिनट मे ही वो अपने रंग मे आ गयी और मेरा पूरा सहयोग करने लगी मैं उके मोटे मोटे होंठो को चूसने लगा दूसरी तरफ मेरा हाथ उनके घाघरे मे घुस चुका था और उनकी चूत की फांको को मसले जा रहा था काकी की चूत जल्दी ही रस छोड़ने लगी थी मैने चूत मे दो उगिया सरका दी चूत तो कहना उचित नही होगा उनका तो भोसड़ा ही था पता नही आजतक कितने लड खा चुकी थी वो पर मुझे क्या करना था मैं लगातार उगली किए जा रहा था थोड़ी ही देर मे उनकी हालत बुरी हो गयी तो वो फटा फट से खाट पर लेट गयी और अपने घाघरे को पेट तक उपर कर लिया और बोली ले लाला फटा फॅट से काम निपटा ले तो मैने अपनी ज़िप खोलकर लड को बाहर निकाला और काकी की चूत पर टिका दिया लॅप लपाती हुई चूत पे रख दिया और पहले धक्के मे ही वो पूरा अंदर चला गया उनकी चूत अब बहुत ही ढीली पड़ गयी थी खाप से ही लड घुस गया था मुझे तो पता ही नही चला पर उसको चोदना भी ज़रूरी था तो मैने उनको चोदना चालू किया अब चुदाई तो चुदाई ही होती है तो मुझे भी मज़ा सा आने लगा था काकी अब पूरी तरह से मस्ता चुकी थी और मेरे लड को अपनी चूत मे लिए जा रही थी वो बोली बहुत दिन बाद तुझ से छू रही हू आज तो मज़ा ही आगया तभी मैने देखा कि उसकी लड़की पीछे वाले जंगले से हम दोनो को देख रही थी मैने आँख के इशारे से उसको समझाया कि थोड़ा सा चुप जाए वो तो वो ओट मे हो गयी और अपनी माँ को चुदते हुए देखने लगी मैं पूरी तरह से काकी पर छा चुका था वो चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी
Reply
10-05-2019, 01:33 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
20-25 मिनट तक घमासान मचाने के बाद मैं और काकी साथसाथ ही अपने चरम पे पहुच गये फिर हम अलग हुए और उनके आँगन मे आ गये तो काकी ने कहा लाला अब तेरा काम हो गया अभी तू जा मेरी बेटी आने ही वाली होगी तो मैने उनको एक किस किया और वापिस अपने कुन्वे पर आ गया मुझे आए हुए कुछ ही मिनट हुए थे कि वो भी भागती हुई आ गयी और मेरी ओर थोड़ा गुस्से से देखते हुए बोली मुझे ऐसी उम्मीद बिल्कुल नही थी कि मेरी माँ आईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्साआआआआआआआआआअ//////////////????????????????????????????????????????? तो मैने कहा देखो बुरा मत लगाना पर वो ऐसी ही है और ना जाने कितनो के साथ कर चुकी है वो अपना सर झुका कर बैठ गयी उसको अभी भी विश्वाश नही हो रहा था


कुछ देर बाद वो संयंत हुई तो मैने कहा अब बोल क्या करना है तो वो मेरी ओर देखने लगी तो मैने कहा देख मैं तुझे फोर्स नही करूगा देने के लिए पर मज़ा तो दोनो को ही मिलेगा ना आगे तू देख ले तो वो कुछ नही बोली मैं उसके पास गाया और उसको उठा कर कमरे मे ले गया और दीवार से सटा कर अपने होंठ उसके होंठो से लगा दिए पर उसने अपना मूह दूसरी तरफ कर लिया तो मैने कहा चल ठीक है तुझे नही करना तो मत कर पर एक बार तेरी इसके दर्शन तो करवा दे और उसकी चूत को सलवार के उपर से ही मसल दिया वो पूरी तरह कांप गयी

जब उसने कुछ नही कहा तो मैने एक बार उसकी चूत को मसल दिया वो बोलीी आआआआआआ क्या करते हो मुझे दर्द होता है तो मैं उस से अलग हो गया तो वो बोली कि मैं बस एक बार ही दिखाउन्गि तो मैने कहा कि तो उसने थोड़ा शरमाते हुए से अपनी सलवार का नाडा खोल दिया मैने कहा क्यू तरसाती है दिखा भी दे ना मुझसे रुका ही नही जा रहा था उसने अपनी सलवार को ढील छोड़ा दिया वो उसके पैरो पे आ गिरी अंदर नीले रंग की कच्छि उसकी सुडोल जाँघो पर कसी हुई थी मुझे उसकी कच्छि पर एक धब्बा दिखा जो शायद जब बना होगा जब वो मेरी और उसकी माँ की चुदाई देख रही होगी तो वो भी उस टाइम गरम हो गयी होगी


उसने फिर अपनी कच्छि की एलास्टिक मे हाथ डाला और उसको झट से अपने घुटनो तक सरका दिया बेहद गोरी चूत जिस पर बस हल्के हल्के से ही बालो के रुवे थे बहुत ही सुंदर चूत थी उसकी मैं तो उसी पल उसका दीवाना हो गया दो पल ही बीते थे कि उसने अपनी कच्छि को उपर कर लिया और अपनी सलवार को बाँधने लगी तो मैने कहा रुक और उसकी सलवार को पकड़ लिया वो कहने लगी बस छोड़ो मुझे अभी तुमको जो देखना था वो तो देख ही लिया अभी मुझे जाने दो तो मैने कहा कि अरे कहाँ देखा ऐसे भी कोई दिखाता है क्या मैं तो पूरी तरह से देख भी नही पाया तो वो बोली फिर कैसे देखो गे देख तो लिया है तुमने तो मैने कहा इतनी सुंदर चीज़ को जी भर कर देखने दे और उसकी सलवार को नीचे करके उसकी टाँगो को थाम लिया पहली बार उसकी टाँगो को टच करते ही मुझे पता चल गया था कि वो बेहद तगड़ा माल साबित होगी अगर चोदने को मिल गयी तो मैं उसकी कच्छि के उपर से ही चूत पे अपना हाथ फिराने लगा
Reply
10-05-2019, 01:33 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
उसकी हालत टाइट होने लगी वो लरजते हुए बोली जल्दी से देख लो तो मैने उसकी कच्छि को नीचे सरका दिया जब मैं उसको नीचे कर रहा था तो मेरे हाथ उसके कुल्हो से टच हो गये मेरा लड तो एक पल मे ही तन गया अब मैने अपनी उगली उसकी चूत की दरार पे लगा दी और घुमाने लगा उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और मुझे रोकने लगी तो मैने कहा देख एक तो तू अपने वादे से फिर गयी है और मुझे इसको अच्छे से देखने भी नही दे रही है मेरा दिमाग़ खराब मत कर वरना तेरी ले भी लूँगा चाहे मुझे ज़बरदस्ती ही करनी पड़े तो उसने अपना हाथ हटा लिया मैं दुबारा अपनी उगली को उसकी पतली सी दरार मे उपर नीचे करने लगा थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद मैने अपनी उगली को अंदर सरका दिया उसने अपनी टाँगो को आपस मे कस लिया मैं अपनी उगली को गोल गोल घुमाने लगा फिर मैने अपनी उगली बाहर निकाली और अपने मूह मे लेके चूसने लगा वो बोली चहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई गंदी जगह पर डालके मूह मे लेते हो तुम कितने गंदे हो ,


मैने कहा रे बावली अगर चूत का रस नही पिया तो क्या पिया उसने अपना मूह नीचे कर लिया और मंद मंद मुस्कने लगी मैने कहा आगे से तो देख लिया अब पीछे से और देखूँगा और उसके जवाब से पहले ही उसको पंजे पर झुका दिया उसके गोल मटोल चुतड बाहर की तरफ निकल आए और उसकी चूत भी थोड़ी उभर आई चूत की दोनो फांके एक दूसरी से चिपकी पड़ी थी मैं उसके चूतड़ सहलाने लगा और चूत को भी छेड़ ने लगा उसकी टांगे कांप रही थी वो बार बार बस हो गया हो गया कह रही थी पर मैं उसकी सुनने के मूड मे नही था तो मैं उसकी टाँगो के बीच मे बैठ गया और उसकी चूत को अपने हाथो से थोडा सा फैलाते हुए अपना मूह उसकी जाँघो के जोड़ पर लगा दिया और अपनी जीभ से सूपादने लगा उसकी टांगे इतनी बुरी तरह से कांप गयी वो मुझे मना करना चाहती थी पर कर ना पाई तो मैने उसकी जाँघो को थोड़ा खोला और मज़े से चूत का रस पीने लगा सामुद्री नमक से भी ज़्यादा नमकीन चूत थी


उसकी ना चाहते हुए भी उसके मूह से मादक आह निकल ही गयी मैं समझ गया था कि अब ये मुझे नही रोकेगी तोमैने उसको खाट पर लिटाया और मज़े से चूत की चुसाइ करने लगा दो पल बाद ही उसके चूतड़ हवा मे उठते चले गये मैं कभी उसके दाने को चूस्ता कभी चूत मे जीभ डालता उसका पूरा बदन मस्ती के सागर मे हिलोरे मारने लगा था 8-10 मिनट तक मैने उसकी चूत चाटी वो ज़यादा देर मेरा हमला सह नही पाई और उसकी चूत से रस का फव्वारा छूट गया एक बेहद खट्टा खारा पानी मेरे गले मे उतर गया मेरे लड ने भी पॅंट मे दबाव बनाया हुआ था तो मैने जल्दी से अपनी पॅंट उतारी और झट से उसकी चूत मे अपने लड को घुसा दिया उसने बस इतना ही कहा थोड़ा आराम से मारो गे क्या पर अब मैं कहाँ किसी की सुन ने वाला था मैने पूरी ताक़त से एक धक्का लगा या और उस मे समा गया अब वो पूरी तरह से मेरे कंट्रोल मे थी तो मैने उस से कहा बस अब तू थोड़ी देर के लिए सब कुछ भूल जा और मज़ा ले और दाना दान उसको चोदने लगा खाट बुरी तरह से चरमराने लगी थी मैने उसके होंठो पे अपना मूह लगाया तो उसने अपना मूह थोड़ा सा खोल दिया जिस से मैने उसके निचले होंठ को अपने होंठो मे दबा लिया और चूसने लगा बहुत ही सॉफ्ट होंठ थे उसके 5 मिनट बाद ही वो भी पूरी तरह से चुदाई के रंग मे रंग गयी थी
Reply
10-05-2019, 01:33 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
उसकी गान्ड भी अब उपर नीचे होने लगी थी उसने मुझसे कहा कि आख़िर तुमने मार ही ली मेरी तो मैने कहा मारी नही मार रहा हू चूँकि वो भी खुल गयी थी तो चुदाई का मज़ा ही दुगना हो गया था अब मैने उसकी टाँगो को अपने कंधे पर रखा और बस फिर उसे कुछ याद नही रहा बस याद था तो उसकी सिसकारिया और चरारती हुई खाट आधे घंटे से भी ज़्यादा देर तक पूरी तस्सल्ली से उसकी चुदाई की जब मैं झड़ने को आया तो मैने पूछा कहाँ पे निकालु तो उसने कहा बाहर तो मैने झट से लड को निकाला और उसे हिलाते हुए उसके पेट पर अपना वीर्य गिराने लगा जब चुदाई की खुमारी उतरी तो मैं हटा उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और चलने को हुई तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया वो बोली छोड़ो मुझे तो मैने कहा अपने पैसे तो ले जा और वो दो हज़ार उसको दे दिए उसने जल्दी से वो अपनी ब्रा मे ठूँसे और बाहर चलने को हुई की तभी
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,513,594 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,800 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,237,255 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 935,421 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,661,080 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,087,352 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,961,666 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,090,328 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,045,881 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,112 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)