Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 02:04 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने अपने धक्के तेज

कर दिए बुआ अब ज़ोर ज़ोर से हाई हाई करने लगी मुझसे उनकी परेशानी देखी नही गई

तो मैने लंड बाहर निकाल लिया और बोला कि बुआ जी तकलीफ़ है तो रहने देते है बुआ

को भी थोड़ी शांति मिली कुछ देर सांस लेने के बाद वो बोली आओ चूत मे समा

जाओ तो मैने कहा बुआ पर आपको जलन हो रही है वो बोली गान्ड मे हो रही है

चूत मे थोड़ी ही ना हो रही है और बुआ घोड़ी बन गयी मैं उनके पीछे गया और

लंड को चूत से सटा गया और एक जोरदार झटका लगा दिया बुआ का बॅलेन्स बिगड़

गया और वो आगे को हो गयी तो वो पीछे मूडी ओर बोली कि क्या जल्दी मे रहते हो तो

मैने सोरी कहा और दुबारा से लंड को सही जगह पहुचा कर लगा चोदने बुआ

की चूत को उनकी कमर को पकड़े हुए मैं लगा था गपा गॅप गपा गॅप बुआ भी

मेरा जोश बढ़ा रही थी तकरीबन बीस मिनट उनको घोड़ी बनाए रखा फिर

मैने चूत मे ही पानी गिरा दिया और हान्फते हुए बेड पर पड़ गया घड़ी पर

नज़र गयी तो देखा 2 बज गये थे बुआ ने कपड़े पहने और बाथरूम मे चली

गयी मैं वही पड़ा रहा मुझे भी पेशाब लगा था पर बाथ रूम मे तो बुआ गयी

हुवी थी तो मैं मुंडेर पर चढ़ा और नीचे गली मे मूतने लगा मूतने का भी एक

अलग ही सुख होता है बड़ा ही चैन मिला पेशाब करके फिर मैं अंदर आ गया

थोड़ा पानी पिया साली प्यास भी कुछ ज़्यादा ही लगती थी थोड़ी देर बाद बुआ भी

आकर लेट गयी मैं उनसे चिपकने लगा तो बुआ बोली कि अब कुछ नही वो थक गयी है

और बस अब सोएंगी तो मैं क्या कर सकता था तो मैं उनसे चिपक कर सो गया

सुबह साढ़े 4 बजे मेरी आँख खुल गई तो मैने देखा कि मेरा हाथ बुआ की

चूचियो पर था और नीचे लंड कच्छे मे टेंट बनाए खड़ा था मैं हैरान हो

गया कि यार नींद मे भी लंड खड़ा हो सकता है अब लंड खड़ा था तो उसको

बिठाना भी ज़रूरी था तो मैने बुआ को जगा दिया आँखे मलते हुए बुआ थोड़ा

गुस्से से बोली कि क्या तुझे कभी चैन नही आता है क्या खुद तो पागल है ही दूसरो

को भी परेशान करता है तो मैने कहा डार्लिंग गुस्सा क्यो करती हो मैने सोचा कि

एक बार और सुबह सुबह राउंड लगा लेते है तो बुआ बोली शरम कर राम नाम के

वक्त दुनिया तो भगवान को याद करती है तो मैने कहा मेरी भगवान तो आप

ही हो अब भक्त की इच्छा पूरी करो तो बुआ थोड़ी से मुस्काई और बोली ठीक है अब

जगा तो दिया ही है वो कहने लगी की तू दो मिनट रुक मैं ज़रा पेशाब कर आउ बड़ी

ज़ोर से लगा है तो मुझे शरारत सूझी मैने बुआ का हाथ पकड़ लिया और कहा की

बुआ आप इधर ही कर्लो तो वो बोली कि इधर कैसे करू तो मैने कहा की आपकी चूत

का पानी तो बहुत बार पिया है आज पेशाब भी पियुंगा तो बुआ बुरी तरह से शर्मा

गयी मैं अपना हाथ नीचे ले गया और उनकी सलवार का नाडा खोलते हुए उसको उतार

दिया और तुरंत ही नीचे बैठ कर चूत पर अपना मुँह लगा दिया बुआ के बदन मे

झुरजुरी दौड़ गयी वो बोली तू भी ना बिल्कुल पागला है मैने बुआ के चुतड दबाए

और कहा चलो मुतो तो कुछ देर बाद बुआ की चूत से खारे पानी की मोटी सी धार

निकली और मेरे मुँह से होते हुए गले के नीचे उतरने लगी बुआ की आँखे बंद हो

चुकी थी उनके दोनो हाथ मेरे सर पर थे बिना कुछ बोले खामोशी से वो उस

अजीब से लम्हे का मज़ा ले रही थी थोड़ा पेशाब मैं पी गया थोड़ा मेरे चेहरे


पर गिर गया सच कहता हू जो मज़ा चूत से बहते पेशाब को चखने का है वो

मज़ा महनगी से महनगी शराब मे भी नही है अब मैने बुआजी को बेड पर लिटाया

और उनकी योनि पर ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने लंड को उसके मुंहाने पर

सता दिया बुआ कुछ कहती उस से पहले ही लंड चूत की दीवारो को बेधते हुए अंदर

पहुच चुका था बुआ की आँखे एक झटके मे फैल गयी वो धीमे से बोली कि जल्दी ही

करलियो दिन निकलने वाला है भाई भाभी भी उठने को ही होंगे तो मैने कहा आप

भी सहयोग करो तो जल्दी काम निपट जाएगा तो बुआ बोली हाँ अब बाते कम करो और

शुरू हो जाओ तो मैं दना दान धक्के पेलने लगा बुआ भी अपने कुल्हो को उछाल

उछाल कर मेरे धक्को का पूरा साथ दे रही थी मैं उनके होंठो चूमने ही जा रहा

था कि बुआ ने मना कर दिया तो मैं उनकी गर्दन को चूमते हुए चूत की

रगदाई करने लगा बुआ अपने नाखूनो को मेरी पीठ पर लगाए जा रही थी कुछ

मिनट बाद बुआ ने अपनी टाँगो को ओर उपर कर दिया और लंबी लंबी साँसे लेते

हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी उनकी बेहद गरम साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही

थी
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10-05-2019, 02:05 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
प्रमिला ने तो मेरी लाइफ को एक अलग मोड़ पर ही ले जाकर खड़ी कर दिया था मेरा

लंड सरपट सरपट चूत मे अंदर बाहर होये जा रहा था करीब 10 मिनट तक

बुआ के उपर चढ़े चढ़े उनकी चुदाई करने के बाद मैने उनको फर्श पर

खड़ा किया और खड़े खड़े ही बुआ को चोदने लगा बुआ की चूत की चिकनाई बहुत

ही बढ़ गयी थी और कोई 12-13 मिनट बाद बाद मैं और बुआ साथ साथ ही झाड़

गये

चुदाई ख़तम होने के बाद बुआ ने फटाफट अपने कपड़े पहने और बिस्तर को ठीक किया ताकि किसी को भी कमरे को देख कर ये ना लगे कि रात भर कमरे मे घमासान मचा था कमरे की हालत ठीक करने के बाद बुआ ने कहा कि वो नीचे जा रही है और चली गयी मैं बाहर छत पर आकर टहलने लगा आज कई दिन बाद इतनी सुबह उठा था उगते सूरज को देखना बड़ा अच्छा लगा था मुझे कुछ देर बाद अंगड़ाई लेते हुए चाची भी अपने कमरे से बाहर निकल आई और मुझे देख कर बोली कि आज तुम सवेरे सवेरे ही उठ गये तो मैने कहा हाँ चाची फिर चाची फ्रेश होने चली गयी मैंन नीचे गया तो बुआ ने चाइ बना ली थी मैने चाइ पी


अब आज का दिन ही बचा था गाँव मे कल मुझे जाना था तो मन थोड़ा भारी सा होने लगा पर हमारे जैसो को तो एमोशन्स पर कंट्रोल करना पड़ता ही है खैर टाइम तो अपनी रफ़्तार से ही चलता है ना उसपे कहाँ किसी का ज़ोर चलता है कुछ तैयारिया करनी थी तो मैं उनमे जुट गया चाचा को बोल दिया था बाइक का रेजिस्ट्रेशन नंबर वो ले आए पॅकिंग शेकिंग मे दोपहर ही हो गयी थी सभी घरवाले थोड़ा सा सॅड सॅड हो रहे थे पर अपनी भी कुछ मजबूरिया थी 45 दिन जम कर ऐश ली थी वो दिन भी ऐसे ही गुजर गया एक बोझिल महॉल के साथ रात को मैने मिता को फोन किया तो उसने कहा कि ठीक है मैं तुम्हे टाइम पर बस स्टॅंड मिलूंगी फिर हम साथ ही निकलेंगे तो मैने उसको टाइमिंग बता दी और फोन काट दिया रात को फिर से बुआ जी के साथ जम कर घमासान मचाया अगले दिन मम्मी की आवाज़ से मेरी आँख खुली मुझे दस बजे निकलना था तो मैं बातरूम मे घुस गया और फटाफट तैयार होने लगा तैयार होके मैने फटाफट से नाश्ता पानी किया और फिर ताइजी के घर चला गया सब से मिलने साक्षी को थोड़ी देर खिलाया फिर वापिस आ गया अपना बॅग उठाया और सभी घरवालो से अब विदा लेने का टाइम आ गया था मम्मी बोली कि जैसे ही छुट्टी मिले तुरंत ही घर आना और जब भी टाइम मिले फोन ज़रूर करना तो मैने कहा जी ठीक है फिर थोड़ी देर बाद मैने सहर जाने के लिए टेंपो पकड़ लिया जब मैं बस स्टॅंड पहुचा तो मिता ओर रीना मेरा वेट ही कर रही थी मैने उनको कहा मैं अभी टिकेट लेकर आता हू तो रीना बोली भाई टिकेट मैने ले ली है फिर कुछ खाने पीने का सामान लिया और हम चल पड़े अपने सफ़र को मुझे हमेशा से ही बस का सफ़र बड़ा ही चूतिया लगा करता था पर अपनी डार्लिंग साथ होने से वो बोझिल सफ़र भी बड़ा प्यारा लग रहा था बस पूरी रफ़्तार से हाइवे पर दौड़ रही थी हम तीनो बाते करते हुए अपना टाइम पास कर रहे थे रास्ते मे पानीपत मे बस एक ढाबे पर रुकी हम सब फ्रेश हुए और कुछ खाया पिया और एक बार फिर उस थकाने वाले सफ़र का हिस्सा बन गये चंडीगढ़ पहुचते पहुचते रात के साढ़े 9 बज गये थे चंडीघर के बारे मे सुना तो बहुत था पर मोका आज मिला था देखने का सेक्टर 17 के बस स्टॅंड पर हम तीनो उतर चुके थे रात गहरा ही चुकी थी तो एक रेस्टोरेंट मे खाना खाया और फिर एक होटेल मे दो रूम ले लिए एक मेरे लिए और एक उन दोनो के लिए सफ़र की थकान थी तो पड़ते ही नींद आ गयी हालाँकि मैं थोड़ा टाइम मिथ्लेश के साथ बात करना चाहता था पर पिछली कुछ रातो से मैं ठीक से सोया नही था और फिर आज एक लंबा थकाऊ सफ़र भी किया था तो पड़ते ही नींद आ गयी अगली सुबह तैयार होने मे ही 9 बज गये थे मिता तो मेरे साथ चंडीघर घूमना चाहती थी पर मुझे शाम तक रिपोर्ट करना था तो मैने कहा डार्लिंग मेरे पास टाइम कम है वैसे तो चंडीगढ़ से देहरादून का सफ़र कोई ज़्यादा नही था पर अब रास्ते मे क्या हो जाए तो मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता था मैने कहा तुम दोनो घूम लेना पर मैं अभी निकलूंगा तो मिता उदास होते हुए बोली कि यार तुम भी ना प्लान भी बनाया और कुछ मज़ा भी नही आया तो मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा डार्लिंग मैं जल्दी ही शिमला आउन्गा फिर जी भर के घूमेंगे थोड़ा उसको समझाया तो मिता बोली ठीक है जब तुम जा ही रहे हो तो मैं और रीना भी शिमला ही निकल जाते है एक दूसरे के गले लगने के बाद हम ने अपनी अपनी बस पकड़ ली और चल पड़े अलग अलग रस्तो पर अपनी अपनी मंज़िल के तलाश मे बस मे मेरी आँख लग गयी होश जब आया जब कडक्टर ने जगाया और बोला भाई अब उतर जा तो अंगड़ाई लेते हव मैं बस से उतरा और सिटी बस पकड़ कर मिल्लिटरी अकादमी की ओर चल पड़ा एक बेहद ही गोरवशाली और गर्व से भरी इमारत का गेट मेरी आँखो के सामने खड़ा था यहा आते ही दिल से इक मीठी सी आह निकल पड़ी मैने सर को झटका और चल पड़ा गेट पर एंट्री करवाई फिर सीधा रिपोर्ट की कुछ सवाल जवाब हुए और फिर मैं अपने रूम मे पहुच गया साथ वाले भाइयो से दुआ सलाम हुवी कुछ घर की याद भी आ रही थी तो थोड़ी देर बाद मैं कॅंपस मे ही घूमने चला गया तो चिंकारा कॅंटीन मे एक अपना याडी बन गया था वो भी एक नंबर का चोदु था कई बार बता ता रहता था अपने किस्से तो मैं उसके पास चला गया शाम का टाइम था तो कॅंटीन मे इतनी भीड़ भी नही थी तो हम दोनो बाते करने लगे मैने कहा और भाई बता कुछ नया ताज़ा तो वो बोला भाई एक दो माल पे नज़र है एक तो कर्नल साहब की लड़की है इधर देहरादून से ही एमबीए कर रही है माल तो बड़ा ही चोखा है पर मैं तो ठहरा जवान मुझे तो क्यो घास डालेगी तू तो भाई कोई दिन मे एलटी हो जाएगा तू ट्राइ करले तो मैने कहा भाई मैं तो जानता ही नही पहले इंट्रो तो करवा तो वो बोला भाई तू डेली शाम को आया कर वो अक्सर शाम को ही कॅंटीन मे आती है तो मैने कहा यदि अब जब भी वो आए तो तू मुझे फोन करियो फिर देखते है क्या होता है एक नयी चूत के बारे मे सुनकर मेरे लंड मे भी खुजली होने लगी थी तो मैने कहा भाई उसकी माँ चोद और तेरी पुरानी वाली सेट्टिंग्स मे से ही किसी का जुगाड़ करवा दे तो वो बोला भाई जुगाड़ तो बहुत है इधर पर मेरी एक शर्त है तो मैने कहा हाँ भाई तू बता तो वो बोला कि भाई अपना सीधा सा हिसाब है एक हाथ दे इक हाथ ले तू मुझे दिलवा मैं तुझे तो मैने कहा भाई कोई माल फसि तो तेरा ध्यान भी रखूँगा पक्का प्रॉमिस अब उस चूतिए को कॉन समझाए कि वो खुद को चूत का शिकारी समझता था तो मैं तो उसका बाप था
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10-05-2019, 02:05 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
एक दो दिन मे पूरा बॅच वापिस आ गया था तो अपनी धक्कम पेल शुरू हो गयी थी कुछ तो छुट्टी का आलस था कुछ चूत मारके टूटे पड़े थे तो इतनी हिम्मत ही नही होती थी कि ट्रैनिंग मे अव्वल दर्जे की पर्फॉर्मेन्स दे सके अक्सर ही पनिशमेंट मिलती ही रहा करती थी वो अलग हमारा मेजर जो हमारा ट्रैनिंग इनस्टरक्टर था वो हम कुछ 4-5 दोस्तो का ग्रूप था उसकी बॅंड बजाने मे ही लगा रहा करता था नाम था नागार्जुन मूर्ति चेन्नई का निवासी एक तो उसकी लॅंग्वेज समझ नही आती थी और उपर से गान्ड घिसाई भी ज़्यादा ही करवाता था दो हफ्ते से उसके कहर को झेल रहे थे हम सब दोस्त उसकी फालतू की पनिशमेंट से बेहद ही परेशान हो चुके थे हम सोच रहे थे कि कैसे उस से पीछा छूटे पर फोज मे अपना बस कहा चलता है चलता है तो बस चूतिया ऑफिसर्स का ऑर्डर

तो भाई लोगो मैं आ चुका था बेहद तंग एक दिन टाइम पे ड्रिल करने के बाद साले ने मार्क्स काट दिए तो मेरी खोपड़ी सतक गयी मुझे बहुत तेज गुस्सा आ रहा था मैने सोच लिया कुछ भी करके मेजर की गान्ड तो लाल करूँगा ही चाहे फिर सज़ा क्यो ना मिले 28 दिन क्वॉर्टर गार्ड ही क्यो ना काटना पड़े पर इसकी माँ चोदुन्गा तभी चैन मिलेगा तो मैं लगा मेजर की गान्ड तोड़ने के मौके मे पर भाई अपना नसीब भी इधर आकर कुछ ज़्यादा ही चूतिया हो जाता था खैर दिन कट रहे थे मेरी गान्ड मरते हुए एक दिन मैं कॅंटीन से शेव लोशन खरीद के आ रहा था शाम का टाइम था मेजर साहब सिविल ड्रेस मे एक औरत के साथ हंस हंस के बाते करते हुए पैदल ही स्विम्मिंग पूल की तरफ जा रहे थे मेरा माथा ठनका भाई अब इस चूतिए के साथ ये कॉन है तो मैं भी उनके पीछे पीछे चल पड़ा वहाँ जाकर पता चला कि ये तो साहब की मेम्साब है अब मुझे हँसी आ गयी हे भगवान ये तेरी कैसी लीला इस ढक्कन की बीबी ऐसी खूबसूरत बेहद ही गोरी जैसे दूध मे केसर का रंग घुल गया हो मैं तो देख के हैरान हो गया पूल साइड पर इतनी लोगो की भीड़ नही थी मेजर गोते मार मार कर नहा रहा था और मेम साबमुझे दिखाई नही दी शायद गयी होंगी चेंज वेंज करने तो मैने मोका देख कर मेजर की जेब से उसका आइडी कार्ड चुरा लिया और वहाँ से सरक लिया अब बजेगी पुँगी साले तूने बहुत खून पिया है अब साले तेरी माँ चुदेगि ये सोचते हुए मैं खुशी से पागल हुआ जा रहा था क्योंकि आइडी कार्ड अगर खो गया तो बंदे को क्वॉर्टर गार्ड मिलता है मैं आकर चैन की नींद सो गया अगले दिन सुबह से ही हमारी सुताई हो गयी आज मेजर साहब की जगह सूबेदार जसपाल सिंग हमारी एक्सर्साइज़ करवा रहे थे बड़े ही जिंदा दिल आदमी थे बड़ी ही इज़्ज़त करते थे लोग उनकी तो हमे भी मज़ा आ रहा था फिर 9 बजे नाश्ते मे दो गिलास चाइ और चार पूरी तोड़ने के बाद मैं सूबेदार साहब के पास गया और उनको प्रोटोकॉल देने के बाद पूछा कि आज साहब कहाँ गए तो उनको भी कुछ ज़्यादा पता नही था पर मुझे तो हुड़क चढ़ि थी मैं मेजर साहब के एक्सप्रेशन देखना चाहता था पर वो पूरा दिन आया ही नही अब इधर ना मुझे चैन ना उधर उसको चैन अगले दो दिन साहब के दर्शन ना हुए दो दिन बाद मुझे ट्रैनिंग मे फिर से सज़ा मिल गयी थी उसको पूरा करके जब तक मैं मेस पहुचा तो मेस भी बंद हो गया था मैं कुक के पास गया और बोला भाई जो भी पड़ा है तो दे दे तो वो बोला भैया अभी कुछ देर रुक जाओ तो मैं चाइ कॉफी या नाश्ता अरेंज कर सकता हू तो मैने कहा भाई पेट मे आग लगी है तू चाइ पिलाने की बात कर रहा है मैं पैर पटकते हुए वापिस आ गया आज पूरा दिन से भूखा था अब बिस्कुट से भूख थोड़ी ही ना मिट ती है तो मैं शॉपिंग सेंटर की तरफ चल पड़ा तभी मुझे ख़याल आया कि यार मेजर 3 दिन से दिखा ही नही कही साला टेन्षन टेन्षन मे कुछ कर ना ले और कही फिर इंकवारी हो गयी तो और भी पंगा हो जाएगा तो मैने सोचा मेजर अपनी माँ चुदाये उसको आइ कार्ड वापिस कर देता हू और क्या पता इसी बहाने से वो सज़ा देना भी बंद कर दे हल्का हल्का सा अंधेरा भी छाने लगा था सावन का मौसम वैसे चल रहा था तो मैं पैदल पैदल साहब की घर चल पड़ा घर क्या था ऑफीसर बंग्लॉ था घंटी बजाई तो मेम साहब ने दरवाजा खोला और मुझे सवालिया नज़रो से देखने लगी और मैं उन्हे हवस की नज़रो से देखने लगा फिर उन्होने मेरी तंद्रा तोड़ ते हुए पूछा कि एस किस से मिलना है आपको तो मैने कहा की मॅम मुझे मेजर साहब से मिलना है और अपना नाम बताया तो वो बोली कि यही रूको मैं आभी आती हू कुछ मिनट बाद उन्होने मुझे अंदर बुलाया और सोफे पे बैठने को कहा और खुद भी बैठ गयी मेरी नज़र उनसे हट ही नही रही थी पर प्रोटोकॉल भी देना पड़ता है फोज चलती ही चूतिया रूल पर है थोड़ी देर बाद मूर्ति सर भी आ गये थोड़े परेशान ही लग रहे थे पर मुझ से नॉर्मल ही बात की और एक कॉफी पिलाने के बाद आने का कारण पूछा तो मैने जेब से उनका कार्ड निकाला और कहा कि सिर मुझे ये कॅंपस मे मिला तो आपको देने आया हूँ आइ कार्ड देखते ही मेजर की आँखो मे चमक आ गयी उसने चैन की सांस ली और बार बार मेरा थॅंक यू करने लगा वो बोला कि तुमने मेरी बहुत मदद की है बताओ मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हू मैं पूरे दिन से भूखा था तो मुँह से निकल गया कि सिर भूख लगी है थोड़ा खाना ही खिला दो तो मेम्साब जोरो से हँसने लगी और बोलो तुम बैठो मैं अभी तुम्हारे लिए कुछ लाती हू उनके घर दबा के मैने इडली डोसा खाया पर नज़र तो मेरी मेम्साब की मोटी मोटी चूचियो पर ही थी खाने के बाद मैने कहा सर अब मैं चलता हू सावन का महीना था तो बारिश के से आसार हो रहे थे तो सर ने एक बार फिर से मुझे थॅंक यू कहा और गेट तक छोड़ने आए


कुछ दूर ही आया था की हल्की हल्की बारिश शुरू हो गयी ठंडी ठंडी बूंदे मेरे चेहरे से होती हुवी मेरे तन बदन को भिगोने लगी बारिश का मज़ा लेते हुए मैं अपने होस्टल की ओर चले जा रहा था इधर नीचे पॅंट मे लंड जीने नही दे रहा था चूत दिलवाओ ऐसा शोर मचाए जा रहा था तो जाते ही मुट्ठी मारी तब जाके सांस आई पूरी रात बारिश हुवी थी तो अगली सुबा सब कुछ ताज़ा ताज़ा सा ही लग रहा था चहकते हुए पक्षियो की मधुर आवाज़े बड़ी ही अच्छी लग रही थी पर अपनी तकदीर मे कहाँ नज़ारे है अपनी तो सुबह होते ही गान्ड घसाई शुरू हो गयी थी तो भाई लोगो दिन ब दिन ऐसे ही काट रहे थे मुझे आए हुए बीस दिन के आस पास आ गये थे तो एक दोपहर को घर से फोन आया दूसरी तरफ चाची थी बड़ी ही चहक रही थी वो उन्होने शरमाते हुए बताया कि काम हो गया है इस बार उनकी डेट्स नही आई तो उन्होने प्रेगञेंसी टेस्ट किया है और वो पॉज़िटिव आया है तो मैने कहा ये तो बेहद ही खुशी वाली बात बताई है आपने मुझे सच मे बहुत ही खुशी हुवी थी फिर थोड़ी देर मम्मी से भी बात चीत कर ली और फोन काट दिया मैं सोचने लगा कल को जब चाची के जो भी बच्चा या बच्ची होगा उसको मैं भाई बहन कहूँगा या बेटा बेटी अब मैं तो कोंफूज़ हो गया पर फिर सोचा अपने को क्यो टेन्षन लेनी जो भी हो अच्छा ही है एक दिन सुबह की ड्रिल के बाद मैं नाश्ते के लिए जा रहा था तो तभी मूर्ति सर ने मुझे कॉल किया मैं सोचा अब क्या हो गया मैं दौड़ते हुए उनके पास गया तो उन्होने मुझे अपने ऑफीस मे आने को कहा मैं उनके साथ चला गया उन्होने मुझे एक टिफिन दिया और बोले कि ये मैं तुम्हारे लिए लाया हू आज तुम साउत इंडियन ब्रेकफास्ट करो मुझे तो यकीन ही नही हुआ कि ये साला मेरे पे कभी मेहरबान भी हो पाएगा बेहद ही टेस्टी इडली और नारियल की चटनी मज़ा ही आ गया मुझको तो दिन ऐसे ही मज़े लेते हुए कट रहे थे एक दिन कॅंपस मे बड़ा खाना हुआ तो पार्टी पूरे जोश मे चल रही थी मैंन भी दो पेग टिका दिए थे सभी ऑफिसर्स चाहे सीनियर हो या जूनियर अपनी अपनी फॅमिली के साथ आए हुए थे एक से एक माल घूम रहा था आस पास पर अपन को तो मुट्ठी मार कर ही सोना था तो मैने तीसरा पेग भी उठा लिया तभी मुझे अपना याडी दिख गया मैं उसके पास गया और बोला भाई आज तो लंड जीने ही नही दे रहा है आज तू कुछ जुगाड़ करवा भाई तो वो बोला भाई एक जुगाड़ तो है पर कुछ ख़ास्स नही है मैने कहा जो भी है अड्जस्ट तो करवा तो वो बोला आ मेरे साथ पार्टी मे ही उसने मुझे इक लड़की से मिलवाया लड़की तो क्या लड़की के नाम पे कलंक ही थी साली इतनी पतली जैसे ही बस अब हवा चली और अब वो उड़ी और आँखो पर नज़र का चश्मा उसको देख कर मैने सोचा कि यार कहाँ तो एक से एक माल को रगड़ दिया और कहाँ इसकी लेनी पड़ेगी तो मैने कहा भाई ये कही मर वर ना जाए तो वो बोला भाई एक बार इसके साथ जाके तो देख फिर कहना तो उसने मेरा इंट्रो उस लड़की से करवाया और सारा मामला सेट करवा दिया अब जगह की दिक्कत थी तो मैने आइडिया लगाया पास मे ही जॅंकयार्ड था जहा पुराने आर्मी वेहिकल्स पड़े थे तो वहाँ एक आर्मी बस भी खड़ी थी मैं सबसे बचते बचाते उस लड़की को उस बस मे ले गया
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10-05-2019, 02:05 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
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मैने धीमे से उसका नाम पूछा तो उसने कहा उषा उमर को बीस इक्कीस की होगी चूची छोटी छोटी सी थी किसी बड़े वाले नींबू जैसे फिगर तो कुछ ख़ास नही था पर अब ये ही जुगाड़ था तो अब ये ही सही


बस मे घोर अंधेरा छाया हुआ था मैने उस को अपने पास खीचा और उसके सूट के उपर से ही उसकी छोटी छोटी चूचियो को मसल्ने लगा वो आहे भरने लगी कुछ ही देर मे उसने मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और पेंट के उपर से ही उसको सहलाने लगी अब चूत चाहे कैसी भी हो होती तो चूत ही है ना मैने उसके सूट को थोड़ा सा उपर किया और ब्रा के उपर से ही चूचियो को मसल्ने लगा उषा भी मुझे कुछ चुदासी ही लगी वो भी कुछ ज़्यादा ही रेस्पॉंड कर रही थी मैने उसके सूट को उपर सरका दिया और ब्रा के उपर से बोबो को पूरी ताक़त से मसल्ने लगा जिसका रिक्षन कुछ यू दिया उसने कि उसने मेरी पॅंट को खोल कर नीचे कर दिया और मेरे लंड को अपने हाथ से ज़ोर से हिलाने लगी कुछ देर तक उसको स्मूच करने के बाद मैने उसके कान मे धीमे से लंड चूसने को कहा तो वो बिना शरमाये नीचे बैठ गयी और मेरे लंड को मुँह मे ले लिया और ऐसे चूसने लगी जैसे कि किसी ब्लू फिल्म की हेरोयिन लंड चूस रही हो बड़ी ही अदा से वो लंड के सुपाडे को चूमते हुए मुझे मज़ा देने लगी थी वो अपनी जीभ को गोल गोल करते हुए मेरे लंड को चूस रही थी कुछ ही पॅलो मे उसने पूरे लंड को अपने गले तक उतार लिया था तो मैने उसके सर को अपने हाथो से पकड़ लिया और कमर हिलाते हुए उसके मुँह को छोड़ने लगा उषा गगगगगगग्गगुउुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ गगगगगगगगगगगगग्गगुउुुुुउउ करने लगी 5-7 मिनट अच्छे से उसको लंड चूसाया फिर मैने उसको खड़ी किया और उसकी सलवार और पैंटी को उतार कर साइड मे रख दिया और उसको बस की सीट पर लिटा दिया मैने पर्स से कॉंडम निकाला और अपने लंड पर चढ़ा लिया और उषा की सुखी सुखी टाँगो को फैला के अपने लिए रास्ता बनाया और लंड को उसकी चूत पर टिका दिया जैसे ही आधा लंड चूत मे गया उषा के बदन मे दर्द की लहर उठ गयी वो दर्द भरी आवाज़ मे बोली आहह उूउउइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मुंम्म्ममममममममममममममय्ययययययययययययी कितना मोटा है तुम्हारा माणिईीईईईईईईईईईईईईईईई तूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ गाइिईईईईईईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज मीईईईईईईईरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईई तो ऊऊऊऊऊ फ़ाआआआआआआअटततटटटटटटटटटटटटटटटतत्त हीईीईईईईईईईईईईईईईईई गयी आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज तो मैने कहा आज तक तू लुल्ली से ही चुदि होगी चल अब लंड का भी मज़ा ले और दो तीन धक्को मे ही पूरा लंड उषा की चूत मे पहुचा दिया उसस्स्स्स्स्शहााआअ दर्द सीईईईईई दोहरी हो गयी ओूऊऊऊओ बूऊओलीइीईईई कीईईईईईईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज तूऊऊऊऊऊऊ तुमनीईईईईईई फफफफफफफफफफफफफफफफफफ़ाआआआआआाााद्द्द्द्द्द्द्दद्ड हीईीईईईई द्दददाााआआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीइीईईईईईई और आवाज़ करने लगी तो मैंन झट से अपने मुँह से उसके मुँह को लॉक कर दिया अब उसकी आवाज़ मेरे मुँह मे ही घुट के रह गयी तो मैं लगा अब लंड को आगे पीछे करने उषा के होंठो को पीते पीते मैं चूत के मज़े लेने लगा था थोड़ी देर मे उषा की ट्रेन भी मस्ती के प्लतेफोर्म पर आ गयी और वो भी अपनी गान्ड को उचका उचका कर चुदाई का मज़ा लेने लगी अब उसको लंड मोटा नही लग रहा था पच पुच की आवाज़ बस मे आ रही थी तो इस तरह से 30-35 मिनट तक उषा की बुरी तरह से चुदाई की मैने और फिर डिसचार्ज हो गया मैं उसके उपर से उतरा कॉंडम को निकाल कर वही बस मे ही फेक दिया कपड़े सही किए और फिर सावधानी से वहाँ से खिसक लिए पार्टी अभी चल ही रही थी फिर खाना वाना खाया और एक दो पेग और टिका दिए


चूँकि रात को पार्टी थी तो अगले दिन का ऑफ मिला था तो मैं भी लेट ही उठा उस दिन कई दिन की नींद पूरी करली मैने तो दोपहर को मैने सोचा कि क्यो ना एक दो समोसे ही खा लू तो मैं शॉपिंग सेंटर पहुच गया तो मैने देखा कि वहाँ पर मूर्ति सर की वाइफ भी थी उनके पास दो बॅग थे तो मैं उनके पास चला गया उनको नमस्ते किया तो वो बोली कि अरे तुम यहाँ कैसे तो मैने कहा कि माँ समोसे खाने आया हू तो उन्होने कहा आओ घर चलो मैं तुमको मस्त डोसा और संभर खिलाती हू तो मैने उनके दोनो बॅग उठा लिए और उनके साथ उनके घर आ गया ब्लू जीन्स और पिंक टॉप मे वो बड़ी ही जबरदस्त लग रही थी बॅग थोड़े भारी थे तो मैं उनसे थोड़ा सा पीछे रह गया उनकी गान्ड बड़ी ही भारी थी और जीन्स मे तो और भी कयामत लग रही थी मेरा मन डोलने लगा था कोई दस मिनट बाद मैं उनके घर था मैने सामान रखा और सोफे पर पसर गया अपनी एक बात थी कि मैं कभी फॉरमॅलिटी के चक्कर मे नही पड़ता था मॅम बोली कि कुछ पियोगे तो मैने कहा जी ठंडा पानी तो उन्होने मुझे बॉटल ला कर दी और फिर मुझसे बाते करने लगी कि मैं कॉन से ट्रेड मे हू कहाँ से बिलॉंग करता हू वाईगरे वाईगेरा कुछ ही देर मे वो मुझसे काफ़ी फ्रॅंक हो गयी और मैं तो उनकी सुंदरता पर मोहित हो ही गया था फिर मैने कहा मॅम एक बात पुछु अगर बुरा ना मानो तो उन्होने कहा अरे पूछो जो तुमको पूछना है तो मैने कहा मॅम आपका नाम क्या है तो वो खिल खिला कर हँस पड़ी और फिर बोली मेरा नाम पद्मिकनी है मैने कहा बड़ा ही प्यारा नाम है जी आपका तो वो बोली हम वो तो है हम ऐसे ही गॉसिप करते रहे की अचानक उन्होने मुझे टोका और कहा कि क्या तुम बार बार मॅम मॅम बोलते रहते हो तुम मुझे भाभी भी कह सकते हो इधर घर मे नो प्रोटोकॉल तो मैने कहा जी भाभी मुझे कोई डेढ़ दो घंटे हो गये थे उनके यहाँ आए हुए तो मैने कहा भाभी अभी मैं चलता हू तो उन्होने कहा की जब भी तुम्हारा मन कुछ खाने को हो तो तुम सीधे यही आ जाना मैंन कहा जी आ जाउन्गा और फिर वहाँ से आ निकला मुझे आए हुए दो महीने होने को थे पर मिता का एक भी फोन नही आया था और ना ही मैने फोन किया था तो उसकी याद भी आ रही थी पर चूँकि उसकी इंटेर्नशिप चल रही थी तो मैं भी उसको ज़्यादा डिस्टर्ब नही करना चाहता था और निशा की याद तो कभी दिल से जाती ही नही थी मुझे तो नेक्स्ट होलिडे सॅंक्षन होने का इंतज़ार था कि कब मैं मुंबई पेहच्यू दो तीन दिन मे घर पर भी बात कर लिया करता था तो वो भी खुश हो जाते थे ऐसे ही सबको खुशिया देते हुए मैं खुद अपने दुख मे झुलसे जा रहा था पर एक बात थी कि मेजर साहिब अब मुझसे इतनी सज़ा भी नही देते थे और अपने कई काम भी मुझसे करवा लिया करते थे हर सनडे को उनके घर का भोजन उड़ाता था मैं पद्मिईनी जी से भी काफ़ी हसी मज़ाक कर लेता था वो बेहद ही सुलझी हुवी लेडी थी और मूर्ति सर भी कुछ ऐसे ही थे पर ये आर्मी थी तो टफनेस तो दिखानी पड़ती है ना
एक दिन मैं पद्मि नी भाभी से ऐसे ही मिलने चला गया तो वो अपने बगीचे मे पोधो को पानी दे रही थी अब पानी का काम था तो थोड़ा कीचड़ भी हो गया था जब वो मेरी तरफ आ रही थी तो अचानक ही उनका पैर स्लिप हो गया और वो फिसल कर सामने वाली दीवार से टकरा कर गिर गयी मैं दौड़ कर उनकी तरफ गया और झट से उनको बाहों मे उठा लिया तो मेरी कोहनिया उनके बूब्स से टकराने लगी पर मैने इतना ध्यान नही दिया क्योंकि वो बहुत ही ज़्यादा दर्द मे थी तो मैं उनको अपनी बाहों मे उठाए ही अंदर ले गया और बेड पर लिटा दिया अब उनके कपड़े तो कीचड़ के हो गये थे तो चादर थोड़ी सी गंदी हो गयी पर उनको लिटाना तो था ही वो दर्द से बुरी तरह से कराह रही थी तो मैने जल्दी से मूर्ति सर को पद्मि नी के फोन से कॉल किया और पूरी सिचुयेशन बताई तो वो भी टेन्षन मे आ गये पर उन्होने कहा कि वो आज सीनियर ऑफिसर्स के साथ बोर्ड मीटिंग मे है कुछ ऑफिसर्स का डेलिगेशन बाहर से आया है तो वो तो रात तक फ्री नही हो पाएँगे तो उन्होने मुझे कहा कि तुम पद्मिननी को जल्दी से एमएच (मिलिटरी हॉस्पिटल ) ले जाओ तो मैने कहा ऑर्डर का पालन होगा सर और कॉल कट कर दी मैने पद्मिीनी को कहा कि मैं आपको एमएच ले जा रहा हू इसी टाइम तो वो सुबक्ते हुए बोली कि पर मेरे कपड़े गंदे है तो मैने कहा मैं बाहर वेट करता हू आप चेंज कर्लो फिर मैं आपको लेके चलूँगा उन्होने उठने की कोशिश की पर वो उठ ना पाई और रोते हुए बोली कि मेरे हिप्स मे बहुत ही दर्द हो रहा है आइ कॅन’ट एबल टू मूव तो मैने कहा मॅम ऐसे गंदे कपड़ो मे तो नही ले जा सकता ना तो उन्होने कहा एक काम करो मेरी अलमारी से मेरा ट्रॅक्सयूट निकालो और मुझे पहनाओ मैने कहा भाभी मैं कैसे ये कर सकता हू तो उन्होने कहा मुझे कुछ नही पता है मैं पेन को बर्दास्त नही कर पाउन्गि तुम बस मेरी हेल्प करो मुझे अंदर ही अंदर खुशी भी थी कि उनके हुस्न का दीदार हो जाएगा पर उनकी पेनफुल सिचुयेशन से दुख भी था तो मैने अलमारी से उनका ट्रॅक सूट लिया तो भाभी बोली जल्दी से मेरे कपड़े चेंज करो तो मैने उनकी बाहों को उपर किया और उनके टॉप को आहिस्ता से निकाल दिया
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10-05-2019, 02:05 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरा तो मरण हो गया ब्लू ब्रा मे क़ैद ठोस गोले बाहर आने को बेताब थे पद्मिानी भी भाँप गयी थी कि मैं क्या देख रहा हू पर वो भी मजबूर थी तो उन्होने बस इतना ही कहा कि जल्दी से करो तो मैने फिर उनकी जीन्स के हुक पर अपना हाथ रख दिया भाभी का पूरा बदन कांप गया अपने दर्द को जैसे वो उस पल भूलही गयी समय जैसे रुक सा ही गया था हम दोनो के लिए किसी भी औरत के लिए ये सब आसान नही होता है सिचुयेशन चाहे कुछ भी हो इस तरह से अपने कपड़े उतरवाना बेहद मुश्किल होता है पर अब मजबूरी थी तो मैने देखा कि पद्मि नी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी पर उनकी पतले पतले होंठो लगातार कांप रहे थे तो आख़िर मैने हिम्मत करके जीन्स के हुक को खोल ही दिया और ज़िप भी खोल दी जीन्स थोड़ी ढीली हो गयी पर चूँकि भाभी के कुल्हो पर चोट लगी थी तो मैने अब उनकी दोनो जाँघो को पकड़ कर उठाया आहिस्ता से और जीन्स को सरकाते हुए नीचे जाँघो तक ले आया आज तो कयामत को ही अपनी आँखो के सामने देख लिया था मैने बेहद ही सुंदर दृश्य था वो जितना लिखू उसके बारे मे उतना ही कम पड़े सच मे भगवान कुछ औरतो को बना ही इतनी सुंदर देता है कि फिर पूछो ही मत पद्मि नी की ब्लू कलर की जालीदार पैंटी मे से मुझे उसकी बिना बालों की सॉफ सुथरी काली काली चूत के दर्शन हो रहे थे मैं मंत्र मुग्ध सा अपनी सांस रोके उसको देखे ही जा रहा था तभी पद्मिीनी की आवाज़ से मेरी तंद्रा टूटी वो बोली अब इतना क्या देख रहे हो मैं तो दर्द मे पड़ी हू और तुम सिचुयेशन का अड्वॅंटेज लेने मे लगे हो तो मैने जल्दी से जीन्स को निकाला और उनको ट्रॅक पॅंट पहना ने लगा जब मैं उसको पहना रहा था तो मैंन आहिस्ता से पद्मिऔनी की चूत को दबा दिया इस तरीके से कि उसको लगे कि बस हाथ छू गया है पर वो भी अनुभवी औरत थी वो झट से मेरी हरकत को पकड़ गयी पर बोली कुछ नही तो मित्रो कपड़े चेंज करने के तुरंत बाद मैं उनको एमएच लेके गया और डॉक्टर्स उनको एग्ज़ॅमिन करने लगे कोई 15-20 मिनट बाद डॉक्टर्स ने बताया कि कूल्हे मे फ्रॅक्चर तो नही है पर अंदर के माँस मे चोट लगी है जिसे गुम चोट भी कहते है तो उनको कुछ दिनो तक मालिश वग़ैरा करनी पड़ेगी पर लेफ्ट पेर के आंकल मे हेरलाइन फ्रॅक्चर हो गया है तो हम ड्रेसिंग कर रहे है पर वो एक माइनर सा है तो ये थोड़ी देर मे ही घर जा सकेंगी और थोड़ा चलने फिरने मे सावधानी बरतनी पड़ेगी मैने ये सुनकर चैन की सांस ली और उनकी दवाइयाँ खरीदने चला गया शाम होते होते मैं उनको घर ले आया मैने मूर्ति सर को फिर फोन किया और बताया तो वो बोले की थॅंक्स जो तुमने हमारी हेल्प की मैं तो लेट नाइट तक ही आ पाउन्गा जब तक मैं ना आउ तुम भाभिजी के साथ ही रहना और मस्ट टेक केर ऑफ हर तो मैने कहा जी ठीक है
घर आके मैने उनके बेड को सही किया और उनको लिटा दिया और आराम करने को बोला मैं किचन मे गया दूध गरम किया और भाभी जी को मेडिसिन्स दे दी और थोड़ी देर सोने को कहा और मैं वही पास मे कुर्सी पर बैठ कर एक मॅग्जीन पढ़ने लगा दवाइयों के असर से उनकी आँख लग गयी सोते हुए पद्मि नी बड़ी ही प्यारी लग रही थी मैं बार बार उसको ही देख रहा था उनको सोए हुए 2 घंटे से उपर का टाइम हो गया था और 7 बजने को थे मुझे भी जाना था पर उनको छोड़के भी नही जा सकता था तो क्या करूँ तो मैने सोचा कि कोई नही एक सज़ा और सही क्या फरक पड़ता है वैसे भी जब जब वो सांस लेती तो उनकी उपर नीचे होती छातियाँ मुझे उत्तेजित करने लगी थी मेरा मन तो किया की चोद डाल यही पर ऐसा कर थोड़ी ना सकता था मैं बाहर पानी पीने चला गया तभी उनकी आँख खुल गयी तो मैने पूछा कि अभी ठीक हो तो वो बोली हाँ और मुझे थॅंक्स कहा फिर वो बोली कि ज़रा मुझे बाथरूम तक ले चलो तो मैने कहा क्यों तो वो बोली क्यों का क्या मतलब मुझे टाय्लेट कर ना है तो मैने कहा भाभी जी इस हालत मे आप सीट पर नही बैठ पाओगे तो आप यही पर कर्लो लेटे लेटे ही मैं सॉफ कर दूँगा तो वो बोली कि नही मैं ऐसा कैसे कर सकती हू तुम मुझे लेके तो चलो तो मैने कहा जैसी आपकी मर्ज़ी और उनको सहारा देकर खड़ा किया ही था कि ग़लती से उनका चोट वाला पैर ही फर्श से टच हो गया और पूरा बॉडीवेट उस पर आ गिरा पद्मिलनी की एक चीख निकल गयी और हालत टाइट हो गयी तो मैने उनको दुबारा से लिटा दिया और कहा आप मेरी बात मानो मैं सॉफ कर दूँगा आप इधर ही कर्लो काफ़ी देर उनको समझाया इधर उनका पेशाब भी बाहर आने को मचल रहा था वो बार बार कस मसा रही थी तभी मुझे आइडिया आया मैने कहा मैं एक मिनट मे आया और उनके बाथरूम से टब ले आया और एक छोटी वाली कुर्सी को उसमे रख दिया कहा कि भाभी आप यहाँ बैठ कर आराम से सू सू कर लो आपको कोई प्राब्लम भी नही आए गी वो बड़ी प्रभावित हुवी और बोली हां ठीक है तो मैने उसको सहारा देकर कुर्सी पर बिठा दिया और पूछा कि पायजामा नीचे करू तो वो बोली कि मैं कर लूँगी और मुस्कुरा दी शायद उसे दोपहर वाली बात याद आ गयी थी तो मैं कमरे से बाहर आके खड़ा हो गया दरवाजे के पास मेरे कानो में सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की आवाज़ अगले एक मिनट तक आती रही फिर उन्होंने मुझे बुलाया तो मैने उनको वापिस लिटा दिया और टब को लेके बाहर आ गया एक गिलास के लगभग पेशाब था टब मे तो मैने एक काँच के गिलास मे वो डाल दिया और उसको किसी विस्की के पेग की तरह सीप लेकर पीने लगा
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10-05-2019, 02:05 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अब ऐसी कयामत औरत का पेशाब मिल जाए वो ही बड़ी बात थी फिर मैने टब को सॉफ किया फिर गीले कपड़े से कुर्सी को फिर आके पद्मिडनी के पास बैठ गया कुछ देर खामोश रहने के बाद उन्होने चुप्पी तोड़ ते हुए कहा कि आज तुम ना होते तो बड़ी प्राब्लम हो जाती इम सो थॅंकफुल टू यू और थोड़ी सी एमोशनल हो गयी अब इसी टाइम मुझे उसको शीशे मे उतारना था तो मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और डाइरेक्ट्ली उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए कहा कि आप मेरी दोस्त हो और दोस्त को कभी थॅंक्स नही कहते ये डायलॉग मैने कई फ़िल्मो मे सुना था तो आज यहाँ पे चिपका दिया फिर जब वो कुछ ना बोली तो मैने कहा क्या हुआ भाभी क्या मैं आपका फ्रेंड नही हू तो वो बोली आज से तुम मेरे बेस्ट फ्रेंड हो तो मैने उनके हाथ को हल्का सा दबा दिया और उनके होटो पर भी मुस्कान आ गयी मैने पूछा कि अब दर्द हो रहा है तो उन्होने कहा कि पेनकिलर से आराम है पर कभी कभी एक टीस सी लगती है तो मैने कहा कि हो जाएगा ठीक कुछ दिनो मे तब तक आप रेस्ट करो फिर मैं किचन मे गया और दो कप चाइ बना लाया और हम चाइ पीने लगे एक बात मैने नोटीस की कि पद्मिननी को बाते करने मे बड़ा ही मज़ा आता था वो हमेशा ही मेरी पर्सनल लाइफ के बारे मे पूछती रहती थी और मैं भी उसको कुछ बता ता कुछ छुपा लिया करता था बातों बातों मे पता चला कि उनका एक बेटा भी है जो 6थ मे बोर्डिंग स्कूल मे पढ़ता है मैं तो शॉक हो गया ये सुनकर तो मैने कहा मैं मानता ही नही आप को देख कर लगता ही नही कि आप को बच्चा भी होगा यू आर सो यंग यू आर लाइक आ डिवा तो वो बोली अब सच तो ये ही है फिर उन्होने बताया कि वो नेवी मे एसएससी पाइलट के रूप मे काम कर चुकी है और फिर उन्होने वीआरएस ले लिया ये सुनकर मैं तो बड़ा ही इंप्रेस हो गया बाते करते समय वो अपनी सारी तकलीफे भूल जाती थी और जब बार बार वो अपनी ज़ुल्फो की लटो को हाथ से सुलझाती तो और भी प्यारी लगती थी बातों बातों मे टाइम का पता ही नही चला फिर मूर्ति सर आ गये आते ही उन्होने अपनी वाइफ का हाल चाल पूछा और थोड़ी देर उनसे बाते की मैं वही बैठ कर उनकी बात सुन ने लगा पर तमिल थी या टेलेगू या मलयालम अपने को भाई आती नही थी तो पता नही चला कि वो क्या कह रहे थे पर बात कोई दस मिनट तक चली फिर सर ने मुझे कहा कि मैं पिज़्ज़ा ऑर्डर कर रहा हू तुम भी यही खा लेना

पिज़्ज़ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ अब साला गाँव का लौन्डा यही मार खा गया समोसा, कचोरी बुरगुर चोवमीन भी ठूंस ली थी पर ये साला पिज़्ज़ा क्या होता है नाम ही आज सुना था अपना तो आज भाई पोपट हो गया ये पिज़्ज़ा क्या होता है ना कभी नाम सुना पर फिर सोचा कि जब ये खाएगा तो मैं भी खा लूँगा और ऐसे ही विचार करते करते सोचने लगा पिज़्ज़ा के बारे मे………….. कोई आधे घंटे बाद डेलिवरी बॉय लेके आया पिज़्ज़ा जब उन्होने सर्व किया तो पता चला कि ऐसी भी कोई चीज़ दुनिया मे होती है भाई उस दिन बहुत दुख हुआ कि काहे फोज मे आ गये गान्ड मरवाने कॉलेज ही चले जाते खैर दो मिनट देखा कि वो कैसे खाते है तो फिर मैने भी खाना शुरू किया कुछ भी कहो था टेस्टी तो पिज़्ज़ा के बाद मैने उनको बाइ बोला और होस्टल आ गया रात हो गयी थी पर आँखो मे पद्मिीनी की काली काली चूत का दृश्य ही घूमे जा रहा था तो भाई गये बाथरूम मे और मारी मुट्ठी पद्मिपनी को सोच के और आके धम से पड़ गये बिस्तर पर
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10-05-2019, 02:05 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है

मेजर शहाब अगले दिन भी ग्राउंड पर थे हमारी गान्ड मे डंडा करने को तो ब्रेक मे मैं उनके पास गया और पूछा कि सर आपने लीव नही ली मेम्साब का ख़याल कॉन रखेगा तो वो बोले कि यार मैं क्या करूँ मैं फसा हुआ हूँ बाहर से कुछ लोगो का डेलिगेशन आया हुआ है अकादमी को सूपरविषन करने को तो मजबूरी है तो मैने कहा कि सर अगर कुछ एमर्जेन्सी हो गयी तो उनको कॉन संभाले गा तो वो सोच मे डूब गया अब वो मुझपर ही तो ट्रस्ट करता था तो उसने मुझे कहा कि तुम दो चार दिन पद्मिमनी की केर करो तो मैने कहा सर मैं कडेट हूँ आप किसी अरदली की ड्यूटी घर पे लगवा दो तो वो कहने लगे कि यार तुम फॅमिली मेंबर्ज़ ही तो हो हमारे तुमपे मुझे ट्रस्ट है तो तुम मेरा ये काम करदो फाइनल एग्ज़ॅम मे मैं तुम्हारी ग्रेड सुधारवा दूँगा अब उस को कॉन समझाए कि मैं तो ये ही चाहता था तो उसको शक ना हो तो थोड़ी आक्टिंग की तब जाके मैं माना तो उसने कहा कि तुम आब्सेंट की चिंता ना करना मैं वो सब अड्जस्ट कर दूँगा तो मैने कहा कि ओके सर और फिर जैसे ही उन्होने कहा मैं उनके घर चल दिया रास्ते मे मैने सोचा कि उनके लिए कुछ खरीद लूँ तो एक बॉक्स डार्क चॉकलेट का ले लिया और फिर उनके घर गया वो आराम ही कर रही थी हाई हेलो के बाद मैं उनके पास बेड पर ही साइड मे बैठ गया और अपना लाया हुआ चॉकलेट का डिब्बा उनको दे दिया तो उन्होने थॅंक्स कहा फिर मैने उनके पैर को देखा और उसको सहलाने लगा मेरे टच करते ही एक लहर उनके बदन मे तरंग बनकर दौड़ गयी मैं उनके पैर की नाज़ुक उंगलियो को सहला रहा था और उनसे बाते कर रहा था फिर मैने कहा कि आपने दवाई ली तो उन्होने कहा कि हम पर पैर की मालिश नही की क्योंकि वो खुद नही कर सकती तो मैने कहा लाओ मैं कर देता हू वो मना करने लगी पर मैं कहाँ मान ने वाला था तो मैने स्टूल पर रखी दवाइयों मे से मालिश वाले आयिल की शीशी को लिया और टखने की गरम पट्टी को खोल दिया और अपने हाथो से हल्के हल्के मालिश करने लगा तो उनको भी बेहद आराम मिला बीच बीच मे मैं थोड़ा सा दबाव भी टखने पर डाल देता था जिस से उनक दर्द होता पर ये ज़रूरी भी था अच्छे से मालिश करने के बाद मैने गरम पट्टी दुबारा लगा दी और तेल की शीशी रख ही रहा था कि भाभी ने कहा कि अरे हिप्स की मालिश नही करनी है क्या तो मैने कहा सॉरी मैं तो भूल ही गया था तो मैने भाभी को उल्टा लिटा दिया और उनके पैर के नीचे तकिया लगा दिया ताकि टखने पे प्रेशर ना आए और उनकी टीशर्ट को थोड़ा सा उपर कर दिया उनकी गोरी गोरी पीठ दिखने लगी मैने अपना हाथ वहाँ टच किया तो बहुत ही सॉफ्ट स्किन थी तो मैने उनकी पाजामी के एलास्टिक मे अपनी उंगलियाँ फसाई और उसको थोड़ा सा नीचे कर दिया तो भाभी बोली अरे ज़्यादा मत नीचे करना वरना कल की तरह आज भी सब कुछ देख लोगे तुम बड़े नॉटी हो गये हो आजकल तो मैने कहा भाभी जी वो तो मेरी मजबूरी हो गयी थी इसलिए देखना पड़ा पर अब कूल्हे की निचली साइड मे चोट लगी है तो पाजामी तो सरकानी ही पड़ेगी तो वो बोली अरे तुम प्लीज़ नाराज़ ना होओ मैं तो बस मज़ाक कर रही थी अब तुमसे क्या छिपा है एक बार देखो या हज़ार बार देखो चलो मालिश करो वरना मैं ठीक कैसे होउंगी आज पता चला था कि हाइ क्लास मे इन चीज़ो को ज़्यादा महत्व नही दिया जाता है अब ये तो हम गाँव वाले ही है जो चूत गान्ड के चक्कर मे पड़े रहते है तो मैने उनकी पाजामी को जाँघो तक कर दिया आज भी उन्होने कल वाली पैंटी ही पहनी हुई थी जो बस एक डोर से ही उनकी गान्ड के दोनो फांको के बीच मे घुसी पड़ी थी और पूरे चुतड तो नुमाइश कर रही थे मैं मन ही मन सोच रहा था कि पद्मिेनी के चुतड किस साइज़ के होंगे मैं अपने ख़यालो मे खोया हुआ था कि उनकी आवाज़ ने मेरा ध्यान भंग किया और वो बोली अरे मालिश करो ना पूरा दिन क्या मैं इसी तरह पड़ी रहूंगी तो मेरा ध्यान आया पर मैं कुछ बोला नही तो वो चुटकी लेते हुए बोली कि अरे कही तुम मेरे हिप्स देख कर मेरे फिगर के बारे मे तो नही सोच रहे हो ना तो मैं सकपका गया उन्होने यूँ ही मेरे मन की बात पकड़ ली तो मैने हकलाते हुए कहा कि नही जी ऐसा कुछ नही है तो वो बोली कि चलो मैं तुम्हे बता ही देती हू वरना तुम फिर से ख़यालो मे खो जाओ गे तो उन्होने मज़े लेते हुए कहा कि मेरा फिगर है 37-31-39 तो मेरे मुँह से निकल गया इट’स टू हॉट साइज़ तो वो हंस पड़ी मैने दवाई वाला तेल चोट की जगह पर लगाया और चुतड को अपने हाथ से दबाने लगा बड़े ही सॉफ्ट थे वो जैसे समोसे का घून्था हुआ आटा हो इतने बड़े मलाई दार चुतड मेरे हाथ मे समा ही नही रहा था मुझे मालिश से ज़्यादा तो उनको सिड्यूस करने मे मेरा ध्यान था मैं अच्छे से उनकी मालिश करता रहा कई बार मेरा हाथ चूत की ओर जाने की कोशिश करता पर मैं उसे रोक लेता पद्मिानी को तो चोदना ही था मुझे हर हाल मे पर उसकी मर्ज़ी से ही वरना पंगा खड़ा हो जाता अब थी तो वो भी एक माल ही जब जब मैं उसके कुल्हो को छेड़ता तो उसके जिस्म मे तरंगे उठ जाती आख़िर उसके मुँह से एक आह निकल ही गयी ये वो आह थी जिसका मतलब मैं अच्छे से समझता था तो मैं अब उनकी कमर पर बैठ सा गया और उनके दोनो कुल्हो को दबाने लगा वो तकिये मे अपना मुँह दिए मस्ती का अनुभव करने लगी थी मेरा लंड जिसने पेंट मे टेंट बना रखा था उनके चुतड़ों की दरार से टच होने लगा था अब उनको भी पता था कि ये मेरा लंड ही है जो उनको चुभ रहा था पर वो कुछ नही बोली हा उनकी साँसे ज़रूर गहरी हो गयी थी पर फिर मैने खुद को किसी तरह से कंट्रोल कर लिया और उनकी पयज़ामी को वापिस उपर चढ़ा दिया फिर मैं तुरंत ही उनके बाथरूम मे गया और मुट्ठी मार कर ही वापिस आया मॅम भी थोड़ी संयमित लग रही थी फिर मैने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मॅम आज आपने बाथ नही लिया तो वो बोली कि तुम्हे कैसे पता चला क्या मेरे बदन से पसीने की बदबू आ रही है तो मैने कहा नही मॅम तो वो बोली बताओ तो मैने कहा कि आपने सेम अंडरगार्मेंट्स पहन रखे है ना इसलिए तो वो बुरी तरह से झेंप गयी और बोली कि वो क्या है ना चोट लगी है तो इसलिए नही नहाई मैने कहा टेक इट ईज़ी मॅम होता है ऐसे ही हम टाइमपास करते रहे लंच टाइम हुआ तो मैं मेस से खाना ले आया और उनके साथ ही लंच किया लंच के बाद पद्मि नी सो गयी तो मैं भी बाहर आकर सोफे पर थोड़ी देर सो गया जब मेरी आँख खुली तो 6 बज रहे थे मुँह धोया और मॅम को जगाया फिर उनको कल की तरह ही सूसू करवाया और चाइ बना कर दी आज मूर्ति सर कुछ जल्दी आ गये थे तो मैं भी वापिस होस्टल आ गया कुछ प्रॉजेक्ट्स अधूरे थे तो वो पूरा किए फिर सो गया


अपनी तो मौज थी अगले दिन ठीक दस बजे नाश्ता पानी करने के बाद मैं फिर से पद्मि नी जी की खिदमत मे था हाई हेलो के बाद मैंने जो टिफिन अपने साथ लाया था मेस से वो उनको दिया और साथ मे दूध भी दिया गरम करके फिर उनके घर की थोड़ी से सफाई की अब चूत के चक्कर मे क्या क्या करना पड़ता है पता चल रहा था फिर उनके और सर के कुछ कपड़े थे वो वॉशिंग मशीन मे डाले और उसको चला दी पर यूज़ करना नही आता था तो पद्मिुनी से डाइरेक्षन ली और उन कपड़ो को भी सूखने को टाँग दिया इन सब मे एक बज गया था तो पद्मििनी बोली यार मेरी वजह से तुमको बहुत परेशानी हो रही है तो मैने कहा दोस्त के लिए तो कुछ भी कर सकता हू फिर आपका घर मेरा घर और अपने घर मे काम करने मे कैसी शरम पद्मिेनी बुरी तरह से इंप्रेस हो गयी थी फिर वो बोली कि मेरे बालों मे बहुत तेज इचिंग हो रही है खुज़ला खुज़ला कर परेशान हो गयी हू तो मैने कहा कि शम्पू कर लो तो वो बोली कि यार तुम भी हमेशा ना मेरी टाँग खीचते रहते हो अभी इस हालत मे मैं कैसे शम्पू करू तो मैने कहा अगर आप कहो तो मैं कर दूँगा तो वो बोली ठीक है तुम मेरा सर धो दो तो मैने एक कुर्सी बाथरूम मे लगा दी और पद्मिरनी को वहाँ ले जाकर बिठा दिया यार ये पद्मि नी सच मे बहुत ही हाइ क्लास बोर्ड माइंडेड औरत थी तो सारी तैयारी कर ली थी उसके पैर को पोलिथीन से भी कवर कर दिया था ताकि कही पैर गीला ना हो जाए तो मैने उसके सर पे बँधे बालों के जुड़े को खोला और उसके रेशमी बालों को आज़ाद कर दिया और उनको पानी से धोते हुए शम्पू करने लगा तभी मेरी नज़र उनकी नाइटी के अंदर गयी और चूचियो की खाई दिखने लगी तो मैं मज़े लेते हुए थोड़ा थोड़ा पानी उनकी नाइटी पर भी चलकाने लगा तो पद्मिखनी बोली अरे ऐसे मत करो मेरी नाइटी गीली हो रही है अब गीली तो मेरी पॅंट भी हो रही थी तो मैने कहा कि क्या मैं अपनी पॅंट उतार कर साइड मे रख दूं क्योंकि वो गीली हो रही है तो उन्होने कहा कि रख दो तो मैं दुबारा से उनके सर मे शम्पू करने लगा तभी अचानक से मेरे हाथ से पानी का डिब्बा छूट गया और उनकी नाइटी पूरी तरह से गीली हो गयी तो मैने जल्दी से सॉरी कहा तो वो बोली कोई बात नही हो जाता है तो मैने कहा कि मॅम आप अभी नहा ही लो क्योंकि पूरा तो भीग गये हो मैं बाहर खड़ा हू कोई प्राब्लम हो तो आवाज़ लगा देना और पानी की बाल्टी भर कर उनके पास रख दी और साबुन या जो भी चीज़ उन्हे चाहिए थी सभी कुछ वही पर रख दिया और बाहर आकर खड़ा हो गया
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10-05-2019, 02:05 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अब यही तो मेरा प्लान था मैने सब चीज़ तो रख दी थी पर तौलिया नही रखा था कोई बीस मिनट बाद उन्होने मुझे आवाज़ लगाई तो मैने बाहर से ही कहा जी भाभी जी तो वो बोली की टवल चाहिए तो मैने कहा कि मैं दरवाजे के पास रख देता हू आप ले लेना तो वो बोली स्टुपिड मैं कैसे लूँगी तुम ही आकर दो तो मैने कहा जी अभी आया और झट से गेट खोल कर अंदर घुस गया मैंन सोच रहा था कि वो नंगी होंगी पर वो तो पुराने वाली ब्रा पैंटी मे ही थी ब्रा उन्होने उतारी नही थी और पैंटी वो उतार सकती नही थी और उन्हे इस तरह देखने से कोई खास फरक पड़ना भी नही था तो उन्होने तौलिए से अपने शरीर को पोन्छा और फिर उसको चूचियो पर लाते हुए ब्रा भी खोल कर एक साइड मे फेक दी और मुझे उन्हे खड़ा करने को कहा तो मैने उन्हे सहारा देकर खड़ा कर दिया तो उन्होने कहा आँख बंद करो तो मैने कर ली फिर उन्होने अपनी पैंटी को सरकाया और टवल को लपेट लिया और फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता से उनको वापिस कमरे मे ले आया हालाँकि मैं उनको नंगी देखना चाहता था पर इस हालत मे नही वो जो इतना टेस्टी नाश्ता करवाया करती थी उसका भी तो कुछ लिहाज़ था मॅम ने कहा कि मेरी अलमारी से मेरे अंडरगारमेंट्स लाकर दो मुझे मैने अलमारी खोली और ब्रा पैंटी के कई सेट्स पड़े थे वहाँ पर तो मैने एक पिंक वन चूज़ की और उनको दी दी मैने मुँह फेर लिया ताकि वो चेंज कर सके उन्होने ब्रा तो पहन ली थी पर पैंटी नही पहन पा रही थी तो उन्होने मुझे कहा कि ज़रा पैंटी डालने मे मेरी हेल्प करो तो पर मैने कहा कि माँ आप डाइरेक्ट पाजामी ही पहन लो ना जब आप खुद डाल सको तो ये भी पहन लेना आक्च्युयली मेरा लंड खड़ा हो रहा था तो मैं थोड़ा सा उलझ गया था तो पद्मि नी बोली कि यार तुम भी बड़े ही फॉर्मल हो पाजामी पहन ने मे भी तो तुम्हारी ही मदद लूँगी ना तो पैंटी डालने मे भी हेल्प करो और हाँ ये क्या बार बार मॅम मॅम कहते रहते हो कितनी बार कहा है कि भाभी कहा करो तो मैने कहा जी वो मुँह से निकल जाता है तो मैने पैंटी को उनकी टाँगो मे फसाया और उपर की ओर सरकाने लगा जब वो जाँघो तक आ गयी तो मैने टवल को पूरी तरह से अलग कर दिया उनकी रस से भरी चूत मेरी आँखो के सामने थी मुझे ऐसा लगा जैसे चूत की पंखुड़िया काँपी हो पद्मि नी ने जब देखा कि मैं उनकी चूत को ही निहार रहा हू तो वो थोड़ा सा टाइट लहजे मे बोली कि कितनी देर लगाओ गे जल्दी से पहना दो ना तो मैने उनके कुल्हो को अपने हाथ की हेल्प से थोड़ा सा उपर किया और पैंटी को उपर करने लगा पर मैं ठहरा ठर्की तो चूत को सहला ही दिया भाभी हल्की सी मुस्कुरा ही पड़ी फिर मैने थोड़ी देर उनके कुल्हो की मालिश की और फिर उनको कपड़े भी पहना दिए अब मेरा तो टाइम उनके घर ही कट ता था दोपहर को फिर मेस से खाना लाया फिर वो थोड़ी देर सो गयी मैं उनके घर के बरामदे मे कुर्सी पर बैठा था कि तभी मेरे उस कॅंटीन वाले याडी का फोन आया कि भाई आज तू पक्का कॅंटीन आ जाना 7 बजे के आस पास तो मैने कहा कि कोशिश करूँगा फिर मैने सोचा कि मैं भी थोड़ा सुस्ता लूँ और चटाई बिछा कर लेट गया पता नही कैसे आज थोड़ी गहरी नींद लग गयी पता नही कितनी देर सोया मैं कि तभी एक तेज आवाज़ से मेरी आँख खुली ऐसे लगा कि जैसे कुछ गिरा हो तो मैं फॉरन ही अंदर भागा तो देखा कि फ़राश पर नाइट लॅंप गिरा पड़ा है और बेड पर पद्मि नी एक अजीब सी हालत मे थी वो अपने शरीर को टाइट करे हुए थी और काँपते हवुए बोली कि कहा थे तुम कम्बख़्त इधर मेरा बुरा हालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल हूऊऊऊऊऊऊऊ गया है ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मुझीईईईईईईईई सूसुउुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ करना हाईईईईईईईई आब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब माणिईीईईई औत्त्त्तत्त ओफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ओकककककककक्क्कोंंनननननननननननणणनतत्त्टत्त्ट्रोल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल हू चुकी हू कितनी देर से मैं पुकार रहियिइ हू जल्दी
सीईईई लीईई ककककककककचााालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल मकहियीईईईईईई इधहर्र्र्र्र्र्ररर हीईीईईईईईईईईिनाआआ निकल जाए तो आईईईईईईईईई माणिईीईईईई उन्हीईई उठााआआआआनीईईईईईई वाला आआआआआआआअ हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई था कि तभी उनकी चूत ने उनको धोखा दे दिया और पेशाब की धार छूट पड़ी अब ना जाने कब से वो मुझे पुकार रही थी बेचारी और उनकी पाजामी गीली होने लगी तो मैने तुरंत ही पाजामी के रब्ब्ड मे हाथ डाला और उसको सरका दिया और पैंटी के उपर से ही अपने होंठ चूत पर लगा दिए और उस गरम पेशाब को किसी जाम की तरह पीने लगा एक तो पेसाब का प्रेशर और फिर चूत पर मेरे प्यासे होंठो पद्मितनी को 440 वॉल्ट का झटका लग गया जब तक पेशाब आता रहा मैं उसको पीता रहा पेशाब बहना रुक गया था पर मैने अपने होंठो नही हटाए थे और बल्कि पैंटी की लाइन को साइड मे सरकाते हुए चूत को मुँह मे भर लिया भाभी जी बोली अफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ और फिर वो कुछ ना बोल पाई उनकी आँखे अपने आप बंद होती चली गयी मैं अपने दाँतों से चूत की फांको को काटने लगा ऐसी नमकीन चूत जैसे गुजरात का सारा नमक यही पे रख दिया वो भाभी अपनी आँखे मुन्दे बस मोनिंग ही कर रही थी और मैने अपनी पूरी जीभ उस कयामत की चूत मे सरका दी थी मैने सोच लिया कि अब जो भी हो पीछे नही हटना है चाहे ये बाद मे सूली पे ही चढ़वा दे दो मैं पूरे मज़े से उसकी चूत का रस चाट ने लगा पदमिनी की चूत भी फड़ फडाने लगी ना जाने कब उसके हाथ मेरे सर पर आ गये और वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और हल्के हल्की आवाज़ मे येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ओह ईईईईईईईईईईईईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स कोँम्म्ममममममममममममममममममममममममममममममममममममममममममममममममम ओन्न्न्ननननननननननननननननननणणन् ौउुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ लिक्किंन्नननननननननननननननननननननननननननननगगग
गगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग सूऊऊऊऊ नाइस करने लगी 8-10 मिनट तक मैं पूरे मज़े से चूत को चाट ता रहा फिर एका एक उनका पूरा शरीर टाइट हो गया और चूत ने अपना पानी मेरे मुँह मे गिरा दिया एक एक बूँद को मैं चाट गया

फिर मैने अपना मुँह वहाँ से हटा लिया और कमरे से बाहर निकल गया और पूरी एक बॉटल पानी पी गया फिर मैं कमरे मे गया तो वो वैसे ही आँखे मुन्दे पड़ी थी तो मैने कहा आप ठीक तो हो तो हो बोली हाँ आइएम ओके मैने फिर उनकी ड्रेस चेंज की और रसोई मे चला गया कोफ़ी बना ने के लिए कोफ़ी बनाते हुए मैं सोच रहा था कि अब पद्मिकनी का क्या रियेक्शन होगा क्योंकि अभी तक तो वो शांत ही थी और मैं उसकी चूत को किस कर गया था फिर हम कॉफी पीने लगे पर बोल कोई कुछ नही रहा था तो मैने चुप्पी तोड़ ते हुए कहा कि भाभी अभी थोड़ी देर पहले जो कुछ मैने किया उसके लिए इम रियली सॉरी मैं बहुत शर्मिंदा हू तो वो बोली नो आइ’म नोट आंग्री इट ऑल इनफॅक्ट मैने भी तो ऑर्गॅज़म को एंजाय किया है दट वाज़ सच आ वेरी प्लीज़िंग फीलिंग तो मैने कहा कि भाभी वो आपका पेशाब निकल गया था तो मुझे कुछ सूझा नही और फिर सब अपने आप ही हो गया तो वो थोड़ा सा हँसी और बोली कि तुम बड़े ही नॉटी हो तुम्हे देखकर लगता है कि यू हॅव एनफ एक्सपीरियेन्स टू सॅटिस्फाइ एनी काइंड ऑफ विमन तो मैने कहा जी अब इसके बारे मे मैं क्या कहूँ तो वो बोली कि क्या कभी तुमने डर्टी सेक्स किया है तो मैने कहा जी मुझे ये तो नही पता कि डर्टी सेक्स क्या होता है पर मैने जब जब भी सेक्स किया है अपनी फॅंटेसी को रियल ज़रूर किया है तो वो बोली वाउ और कैसी फॅंटेसी है तुम्हारी तो मैने कहा कि अब जाने भी दो ना तो वो बोली की अरे मुझे तो बताओ तो मैने कहा कि आप बुरा मान जाओगी तो वो बोली क्या मैं कभी तुमसे नाराज़ हो सकती हू चलो जल्दी से मुझे बताओ तो मैं उनके पास गया और अपने होंठ उनके कॉफी से सने होंठो पर रख दिए और स्मूच करने लगा आज पद्मिोनी को ये मेरा पहला किस था मलाई जैसे उसके मुलायम होंठो मेरे मुँह मे समाए थे जब तक सांस निकलने को ना हुई मैं किस करता ही रहा तब कही जाकर मैं उनसे अलग हुआ मैने डाइरेक्ट्ली कह दिया था कि यू आर माइ फॅंटेसी तो वो अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली कि यार इट’स नोट पासिबल यू नो आइ हॅव फॅमिली तो मैने कहा आइ नो बट यू कॅन गिव सम मोमेंट्स टू युवर फ्रेंड आप अपना टाइम ले सकती है वैसे भी ट्रैनिंग के बाद मैं कहाँ आप कहाँ बस कुछ यादे ही होंगी जो ना आप भूल पाओगी ना मैं तो वो बोली कि मुझे सिड्यूस कर रहे हो तो मैने कहा आप जो भी समझे फिर उन्होने टॉपिक चेंज कर दिया कोई आधे घंटे बाद सर आ गये थे तो फिर मैं निकल पड़ा और लगभग दौड़ते हुए कॅंटीन गया तो वो बोला यार तू भी ना कहाँ रह गया था वो अभी अभी गयी ही है तो मैने कहा किस तरफ वो बोला भाई दो रास्ते है अब मैं क्या जानू तो मैने कहा यार भाई थोड़ा सा बिज़ी हो गया था चल कोई नही फिर कभी ट्राइ मार लेंगे मैं घूमते घूमते लीकर सेकशन की तरफ चला गया तो मैने देखा कि स्टॉक मे महारानी बियर पड़ी थी एक बकवास चीज़ तो मैं बोला यार कभी कोई मस्त बियर शियर भी लाया करो तो वो बोला कि भैया सूबेदार मेजर ये ही मँगवाता है हम तो खुद परेशान है क्या करें तू एक काम कर वोड्का की बॉटल ले जा मैने कहा नही यार अभी नही फिर कभी खोलेंगे बॉटल साथ आर्मी लाइफ भी ना कमाल की लाइफ है जिन्हे मिल जाती है वो ही बता सकते है थोड़ी परेशानी तो है पर मस्त है एक दम यहा का माहौल सबसे अलग सबसे जुदा फिर मैं सीधा मेस की तरह चल पड़ा आज तो मुर्गे की टाँग तोड़नी थी
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10-05-2019, 02:06 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मुझे पूरे ग्रूप के साथ बैठ कर खाना खाना भी एक अलग ही मज़ा है दबा के भोजन किया फिर सीधा बिस्तर पर पर आज नींद नही आ रही थी सोच रहा था कि क्या पद्मिभनी पट जाएगी और मुझे उसको चोदने का सुख प्राप्त हो गा अब भविष्य के गर्भ मे क्या छिपा है कॉन जाने मैं तो अपनी तरफ से प्रयास ही कर रहा था पद्मिोनी को सोचते सोचते आँखो आँखो मे रात कट गयी दिल मे कई सवाल पनप रहे थे मैंन सोचने लगा कि यार जब चूत का रसिया ही बन ना था तो फौज मे क्यो गान्ड मरवाई अगली सुबह हुई अब मेजर की कृपा से कुछ दिन ड्रिल से बचा था तो मैने सोचा कि आज स्विम्मिंग पूल मे जाकर ही नहाउन्गा वो क्या था कि वहाँ पर ऑफिसर्स की जवान लड़किया और उनकी मम्मियाँ भी आया करती थी और फिर स्विम्मिंग करने मे मज़ा भी बड़ा आता था तो मैं पूल साइड पर पहुच गया पर वहाँ बैठे गार्ड ने मज़ा खराब कर दिया वो बोला कि भाई अभी तो लॅडीस लोगो का टाइम चल रहा है तू 11 बजे के बाद आईओ तो मैने कहा साले थोड़े दिन मे एलटी बन जाउन्गा फिर तेरी गान्ड तोड़ूँगा तो वो बोला यार समझा कर रूल है और फिर कोई कंप्लेंट कर देगा तो मैं फसा ना वो बोला आजा इधर ही बैठ जा और नज़ारे ले तो मैं भी स्टूल पर बैठ गया और बिकिनी मे नहाते हुए मस्त मस्त माल को ताड़ने लगा मैं भी अब एक नंबर का ठर्कि बन गया था मैं सोच रहा था कि तीन साल खड़ावास्ला मे चूतिए की तरह मुट्ठी मार कर गुज़ार दिए तो भाई कोई मोटी कोई पतली औरत लड़की मेरा लंड खड़ा हो गया पर करे भी तो क्या खैर 11बजे मैं पानी मे उतरा और नहाने लगा अकेला ही था उस टाइम अब लोंडे ये सब फालतू कामो मे उलझते नही पर मैं तो मैं हू आधे घंटे नहाने के बाद अब मुझे जाना था पद्मिलनी के घर पर तो भाई अपनी 11 नंबर की बस पर सवार होकर मैं चला हौले हौले

निखत दोपहर मे जलता हुआ मैं उनके घर गया तो मालूम हुआ कि कुछ गेस्ट आए हुए थे पद्मि नी ने मुझे देखा और कहा कि अरे तुम इतनी लेट कैसे आए पता है मैं कब्से राह देख रही थी कितनी बार फोन मिलाया तुमको तो मैने फोन चेक किया पूरी 36 मिस कॉल थी तो मैने कहा सॉरी मॅम तभी एक मेहमान मे से बोला कि पद्मिचनी आपको कैसा नौकर अलॉट हुआ है जो बिल्कुल डीसिपलिन मे नही है नौकर मैं , मेरा मन किया साले के चस्मे पर ही खीच कर दो तीन दूं पर फिर सोचा कि पद्मिैनी का मेहमान है कही इस गान्डु के चक्कर मे हाथ आई मुर्गी ना निकल जाए तो मैने झट से कहा की सॉरी सर आइ’एम एक्सट्रीम्ली सॉरी तो पद्मिानी ने कहा तुम मेरा एक काम करो गेस्ट काफ़ी देर से बैठे है तुम जल्दी से जाओ और इनके लिए कुछ खाने को ले आओ मुझे तो आ रहा था कि जहर ला दूं इस चस्मे वाले को कहाँ से आ गये ये लोग मैने कहा मॅम आप के फुड के बारे मे मुझे ज़्यादा पता नही है तो आप पर्ची बना दो मैं ला दूँगा तो उन्होने ऑर्डर लिख दिया और मैं चला कॅंपस के बाहर मैं भी ठहरा पूरा जुल्मी पूरे एक घंटे बाद ही गया वापिस खैर वो लोग आपस मे बाते कर रहे थे एक तो उनकी लॅंग्वेज मेरे उपर से जा रही थी तो मैं गेट से बाहर आकर बैठ गया और रोड की तरफ देखने लगा गरमी भी लग रही थी पर अंदर जाना नही चाहता था तो वही बैठा रहा कोई दो घंटो के बाद शाम के 4 सवा 4 बजे वो चले गये तो मैं अंदर गया और जो भी सामान था उसको सॉफ किया फिर पद्मि नी के पास जाकर बैठ गया वो बोली सॉरी मेरे गेस्ट्स ने तुम्हे कुछ कुछ कहा तो मैं बोला कि इट’स ओके होता है फिर मैने पूछा कि टाय्लेट वग़ैरा जाना है क्या या और कुछ तो वो बोली नही अभी तो बस तुमसे बाते करूँगी तो मैंन कहा जैसा आप ठीक समझे फिर उन्होने पूछा कि फोन क्यो पिक नही किया तो मैने कहा कि आज मैं पूल साइड गया था तो फोन पॅंट मे था और मैं नहा रहा था तो पता नही चला तो वो बोली पूल साइड पर लड़किया ताड़ने तो मैने कहा जी अपनी आदत लड़की ताड़ने की नही है मैं तो सीधा सेक्स मे बिलीव रखता हू तो वो बोली कि क्या खुद को कॅसनोवा समझते हो अब साला ये कॅसनोवा क्या …………………………………………………………………………..
तो मैने कहा कि जी वो ही समझ लो तो वो बोली मैं क्यो सोचु जाओ अपनी गर्लफ्रेंड को समझाओ मुझे क्या लेना है तुमसे तो मैने कहा भाभी गर्लफ्रेंड का तो मैने कभी हाथ ही नही पकड़ा है वो बोली भला क्यो कम से कम किस तो करते तो मैने कहा कि अबकी बार किस तो ज़रूर ही करूँगा तो वो मज़े लेते हुए बोली कि मुझे भी बताओ कि कैसे करोगे किस तो मैने अपने चेहरे को उसके चेहरे पर झुका लिया उसकी गरम साँसे मुझ से टकरा गयी वो अपनी नशे से भरी आँखो से मुझे देखने लगी और मैने बिना देर किए अपने होंठ उसके होंठो से मिला लिए और उनको पीने लगा उसने अपना मुँह थोड़ा सा खोल दिया तो मैने उसके निचले होंठो को दबा लिया और उसको मज़े से किस करने लगा मैने अपने हाथ उसके बोबो पे रख दिए और टी-शर्ट के उपर से ही उनको प्रेस करने लगा तो उसने अपने हाथ से मुझे रोक दिया पर किस करती रही थोड़ी देर बाद मैने किस तोड़ी तो उसकी छातिया उपर नीचे हो रही थी हम दोनो एक दूसरे की आँखो मे लगातार देखे जा रहे थे तो मैने फिर से उसको किस करना शुरू कर दिया और अपने दोनो हाथ उसकी टी-शर्ट मे घुसा दिए और ब्रा के उपर से ही उनको मसल्ने लगा
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10-05-2019, 02:06 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
क्या सॉफ्ट बूब्स थे पद्मिेनी के लगा कि जैसे साक्षात खजुराहो से कोई मूर्ति निकल कर मेरे सामने आ गयी अब मैं उसके बोबो को अच्छे से निचोड़ने लगा पर कुछ देर बाद उनसे मुझे हटा दिया और बोली कि प्लीज़ कंट्रोल करो मुझे डर लग रहा है कि मैं कही बहक ना जाउ प्लीज़ अभी तुम कुर्सी पर बैठो तो मैने कहा बी रिलॅक्स वो बोली जब से तुम मेरी लाइफ मे एंटर हुए हो एक कशिश है तुम मे पता नही क्यो मैं खिचती हू तुम्हारी तरफ तो मैने कहा तो फिर आ जाओ ना किसने रोका है वो बोली कि मेरी फॅमिली है अगर कुछ ग़लत हो गया तो मैं तो रोड पर आ जाउन्गी तो मैने कहा कुछ नही होगा तो वो बोली प्लीज़ तुम समझो एक हेल्थि रीलेशन ईज़ ओके पर सेक्स नेवेर विद यू तो मैने कहा कि आपने दोस्त समझा वोही बहुत है मेरे लिए अपने को और कुछ नही चाहिए ऐसा बोल तो दिया मैने नंबर बना ने को पर लंड को तो पद्मिरनी की चूत मे घुसना ही था तो पद्मिानी बोली कि थॅंक्स फॉर अंडरस्टॅंडिंग माइ फीलिंग्स वो बोली कि तुम जब चाहो मुझे किस कर सकते हो पर उसके आगे कुछ नही प्लीज़ तो मैने उसके बोबो की तरफ देखते हुए कहा कि एक बात कहूँ तो वो बोली हाँ तो मैने कहा कि क्या मैं वहाँ पर किस कर सकता हू चूत की तरफ इशारा करते हुए तो वो बोली यू नॉटी कुछ देर बाद वो बोली ओके पर जब मैं कहूँ तभी तो मैने कहा जी ठीक है
कुछ टाइम बाद मैने उनकी पाँव की गरम पट्टी को खोला और फिर आयिल से मालिश कर दी मैने कहा अब वापिस एग्ज़ॅमिन कब करवाना है तो वो बोली कि मूर्ति को पता है फिर बाते करते करते शाम हो गयी सर के आने के बाद मैं वापिस आ गया थोड़े दिनो मे पद्मि नी एक दम फिट हो गयी और मैं भी अपनी ट्रैनिंग मे बिज़ी हो गया अब कॅडेट्स पर काफ़ी प्रेशर आ ने लगा था तो कुछ टाइम के लिए पद्मिीनी मेरे माइंड से आउट हो गयी स्क्वाड्रेन्स बन गयी थी अलग अलग हर टास्क मे बस बेस्ट ही देना होता था बारिश का टाइम था पर बारिश मे भी ड्रिल्स करनी पड़ती थी एक हाड़ माँस के शरीर को फॉलाद बनाया जा रहा था आगे चल कर हमे ही इस आर्मी के सम्मान की रक्षा करनी थी दिल मे इच्छा थी कि इस बार सावन मे ऋषिकेश मे भोले बाबा के दर्शन करने ही है पर आउट पास का जुगाड़ नही बन पा रहा था फिर 15 अगस्त भी आना था तो अकादमी एक दम चेंज हो गयी थी अब ड्रिल्स मे बड़े बड़े ऑफिसर्स सूपरविषन करने आते थे तो गान्ड पे डंडा अटका रहता था अब तो घर भी कम ही फोन कर पाता था हा पर हर सनडे का खाना मैं पद्मिोनी के घर ही ख़ाता था और मोका देख कर किस भी कर लेता था पर इस से ज़्यादा कुछ हो नही रहा था
15 अगस्त के बाद दस पंद्रह दिन का ऑफ पीरियड्स था क्योंकि कुछ कॅडेट्स को कॅष्यूयली घर जाना पड़ा था तो मैं फ्री ही था तभी एक दिन बातों बातों मे पद्मि नी ने जिकर किया कि वो अपनी फ्रेंड की शादी मे मुंबई जा रही है मुंबई का नाम सुनते ही मेरे मन मे हलचल हो गयी अब मुझे भी मुंबई जाना था तो मैने कहा कि मॅम आप कब जाओगे तो वो बोली एक नेक्स्ट वीक मैने कहा मॅम मुझे भी मुंबई मे एक ज़रूरी काम है और शिफ्ट भी ऑफ है तो अगर आप सर से कहेंगी तो मैं भी मुंबई हो आउन्गा कुछ दिनो के लिए तो उन्होने पूछा कि क्या काम है तो मैने उनको निशा के बारे मे सब कुछ बता दिया तो वो बोली अरे यार तुम भी ना कहाँ कहाँ उलझे पड़े हो ऐसे कोई किसी के पीछे जाता है क्या तो मैने कहा मॅम आप नही समझो गे इस बात को प्लीज़ आप मेरी हेल्प करदो ना तो वो बोली कि आज शाम को मूर्ति से बात करती हू पर तुम मूर्ति को ये ना बोलना कि तुम मुंबई जा रहे हो मैने कहा जी ओके अगले दिन मैं अप्लिकेशन के साथ मूर्ति सर के ऑफीस मे खड़ा था वो बोले कि देखो मैं तुम्हारी लीव सॅंक्षन तो करवा दूँगा तुमने पद्मिवनी को कहा डाइरेक्ट्ली मुझे ही कह देते आख़िर तुम मेरे छोटे भाई जैसे हो मैने उनको बार बार थॅंक यू कहा उन्होने मेरा अप्लिकेशन लिया और कहा कि मैं सीओ से बाद करूँगा तीन दिन ऐसे ही कट गये पर मूर्ति सर की तरफ से जवाब नही आया अब दो दिन बाद पद्मिटनी को जाना था तो उसने मुझे कह दिया था कि उसने मेरी टिकेट भी करवा दी है साथ ही जाएँगे तो सफ़र भी अच्छा कट जाएगा मैं परेशान मैने पद्मिीनी से बात की तो वो बोली कि यार मैं मूर्ति को फोर्स नही कर सकती क्योंकि मैं भी जा रही हू कही वो मुझपर शक ही ना कर बैठे तो फिर मैने दुबारा उनसे नही कहा जिस दिन पद्मि नी को जाना था उस से एक दिन पहले शाम को 5 बजे मुझे ग्राउंड से बुलवाया और छुट्टी का लेटर देते हुए कहा कि कडेट 8 दिन की लीव सॅंक्षन करवा दी है कॅषुयल लीव है ये बड़ी ही मुश्किल से किया है तेरा काम तो मैने उनको थॅंक्स कहा मैने उनके पैर पकड़ लिए और थॅंक्स बार बार कहा उन्होने कहा अरे कोई बात नही तुम एंजाय करो


अगली दोपहर को मैं पद्मि नी के साथ स्टेशन था थॅंक गॉड मूर्ति सर उनको ड्रॉप करने नही आए थे आज पहली बार एसी1 का सफ़र करने वाला था मैं ट्रेन टाइम पर थी तो हम गाड़ी मे सवार हो गये पद्मिरनी ने हमेशा की तरह जीन्स और टॉप ही डाला हुआ था ये वाला कोच तकरीबन तकरीबन खाली ही था हम अपनी अपनी सीट्स पाट बैठ गये थे हमारा कॅबिन दो सीट्स का ही था तो टीटी को टिकेट चेक करवाने के बाद उन्होने परदा लगा दिया और आराम से लेट गयी मैं भी लेट गया वो कोई बुक पढ़ने लगी तो मैने कानो मे इयरफोन लगाए और गाने सुनते सुनते सो गया मेरी नींद तब खुली जब उन्होने मुझे जगाया वो बोली कि ट्रेन रुकी है तुम वॉटर बॉटल ले आओ तो मैं नीचे उतरा और पानी की दो तीन बॉटल पेप्सी और कुछ चिप्स ले आया अंधेरा हो गया था तो मैने घड़ी मे टाइम देखा 9 बज रहे थे इसका मतलब मैं बहुत देर तक सो या था वापिस आने के बाद मैने कहा कि अपने मुझे जगाया क्यो नही तो वो बोली कि तुम बड़े प्यारे लग रहे थे सोते हुए तो नही जगाया फिर पेंट्री वाले को कहने का ऑर्डर लिखवाया उन्होने कुछ देर मे डिन्नर भी आ गया 10 बजे के आस पास वो बोली कि चलो सो जाते है पर मैने कहा थोड़ी देर और बाते करते है फिर सोएंगे वो बोली कि ओके बात करते करते मैने कहा कि भाभी आइ नीड आ किस तो वो बोली कि व्हाट तो मैने कहा आइ नीड किस तो वो बोली कि यहाँ पागल हो मैने कहा हम प्राइवेट कॅबिन मे है और थोड़ी देर मे लाइट स भी डिंम हो जाएगी और कॅबिन भी लॉक है अंदर से तो वो बोली तुम नही मनोगे तो कर्लो जल्दी से मैने कहा जल्दी से क्या होता है किस तो किस की तरह से ही होगा ना फिर मैने पद्मिअनी की गर्दन मे हाथ डाला और उसके चेहरे को अपनी ऑर खेचा और उसके पतले पतले सुर्ख होंठो को अपने मुँह मे भर लिया ऐसा लगा कि जैसे गुलाब की पंखुड़िया मेरे मुँहमे भर गयी हो मैं मज़े से उसको किस कर रहा था तभी उसने ऐसी हरकत की जो मैने सोचा नही था उसने अपनी जीभ मेरे मुँह मे सरका दी मेरी जीभ से उसको टच करने लगी
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