Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 02:07 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
7 बजते बजते हम ने होटेल छोड़ दिया और टॅक्सी लेकर स्टेशन का रास्ता पकड़ लिया ट्रेन आने मे टाइम था तो हम वेट करने लगे उन्होने कुछ पत्रिकाए खरीद ली थी पढ़ने के लिए जब ट्रेन आई तो मैने चार्ट मे अपना और उनका नाम चेक किया और फिर अपने डिब्बे की तरफ बढ़ चले एक बार फिर एक कॅबिन हमारे लिए रिज़र्व था तो कोई टेंशन की बात नही थी ट्रेन ने सीटी मारी और फिर चल पड़ी हमे लेकर जैसे ही लाइट्स डिंम हुवी मैं पद्मिटनी पर टूट पड़ा और जब तक ट्रेन देहरादून स्टेशन पर पहुचि मैं पद्मिपनी को कई बार चोद चुका था एक हफ्ते की लगातार सदाबहार चुदाई से पद्मिटनी का यौवन और भी ज़्यादा खिल गया था स्टेशन पर उतरते ही पद्मिटनी ने कहा कि मैं अभी जाउन्गी और तुम दो तीन घंटे बाद आना तो मैने कहा कि नो प्राब्लम तो मैं फिर शाम तक ही अकादमी मे एंट्री किया और रिपोर्टिंग के बाद होस्टल चला गया

मैं जिस काम के लिए मुंबई गया था वो तो हुआ नही पर पद्मिीनी ने जो प्यार दिया था वो भी भुलाए नही भूल रहा था इधर अकादमी मे आने के बाद मैं बहुत बिज़ी हो गया था बस सनडे को ही पद्मिदनी से मुलाकात होती थी बाकी सूखा ही पड़ा था एक तो हार्डकोर ट्रैनिंग ने गान्ड मार रखी थी और पद्मिहनी से भी नही मिल पा रहा था मुट्ठी मारने का भी टाइम नही था बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ जाया करती थी और अगली सुबह फिर से वोही परेशानी सारा दिन शरीर दुख़्ता ही रहता था चिल चिलाती धूप मे युधाभ्यास की रियल टाइम ट्रैनिंग चल रही थी तो बस वॉट लगी पड़ी थी कभी कभी ऋतु मॅम का फोन आ जाता था वो भी चुदने को ही मचलती रहती थी मैने कहा था कि मॅम जैसे ही कुछ जुगाड़ होगा आप से भी मिलूँगा मैं खुद भी बड़ा ही परेशान था ट्रेनिंग के चार साल तो कट गये थे पर ये लास्ट के कुछ महीने गान्ड ही मार रहे थे पर ये टाइम भी किसी तरह से झेलना ही था हाँ बस इतना था कि दो तीन दिन मे पद्मिकनी फोन कर लिया करती थी तो थोड़ा सा आराम मिल जाया करता था एक शाम मैने मिता को फोन लगाया तो पता चला कि हिमाचल के ही सरकारी. हॉस्पिटल मे उसकी इंटेर्नशिप चल रही थी और अगले कुछ महीनो मे वो किसी ना किसी हॉस्पिटल मे जॉब के लिए अप्लाइ कर देगी वैसे वो आर्म्ड फोर्सस की मेडिकल कॉर्प के बारे मे सोच रही थी पर मैने उसको स्ट्रिक्ट्ली मना कर दिया कि तू जॉब करेगी तो सिविल एरिया मे ही करेगी मैने मिता से कहा कि यार कुछ भी करके तुझे मेरी पासिंग परेडे मे आना है तो वो बोली कि वो देखेगी अगर कोई प्राब्लम ना हुवी तो वो पक्का आएगी फिर कुछ प्यार मोहब्बत की बाते करने के बाद मैने फोन कट कर दिया तो दोस्तो एक महीना ऐसे ही गुजर गया मैं बड़ा ही परेशान था पद्मि नी को चोदने का तो दूर किस करने का सिंगल मौका भी नही मिला था एक दिन मेरे कॅंटीन वाले दोस्त का फोन आया कि यार एक गढ़वाली औरत मिली है क्लेमेनटाउन साइड मे बस तेरे लिए ही तू देख ले अगर फ्री हो तो , तो मैने कहा भाई सनडे को मीटिंग फिक्स कर्दे तो वो बोला कि यार वो कोई पैसे मे धंधा नही करती है ठीक घर की है तो मैने कहा कि फिर वो मुझसे क्यो चुदेगि तो वो बोला यार उसकी एक फ्रेंड को मैने फसाया हुआ था तो उसको पता चला तो वो भी थोड़ा एंजाय करना चाहती है अब मैं तो कर नही सकता तो तू चान्स ले ले मैने कहा थॅंक्स भाई पर मैं सनडे को ही मिल सकता हू तो वो बोला ओके मैं बात करके बता ता हूँ मैने सोचा चलो यार याडी ने ये काम सही किया थोड़ी गर्मी शांत हो जाएगी पर पंगा कॅंपस से बाहर जाने का था तो मैने मूर्ति सर को कहा कि सर मुझे कुछ काम है आउट पास का इंतज़ाम कर वा दो तो वो बोले कि नो प्राब्लम मैं लेटर इश्यू कर दूँगा तुम शाम तक घूम फिर आना मैं खुश हो गया अब मुझे इंतज़ार था सनडे का और लंड को एक नयी चूत का दो दिन और गुजर गये अगले दिन सनडे था मैने पद्मिननी को फोन करके बता दिया था कि मैं आज बाहर जा रहा हू कुछ ज़रूरी काम से तो वो नाराज़ हो गयी और फोन कट कर दिया मैने सोचा कि इसको बाद मे पटा लूँगा फिर मैं अपने याडी के साथ निकल पड़ा उसने किसी को फोन किया तो करीब पंद्रह मिनट बाद जहाँ हम खड़े थे एक कार आके रुकी उसमे दो लॅडीस थी हम दोनो भी बैठ गये और आधे घंटे बाद कार एक बंगले मे एंटर कर गयी मैं सोच रहा था कि इस कमिने ने इतने मस्त और अमीर माल पर कैसे हाथ सॉफ कर दिया अंदर जाते ही हमारा इंट्रोडक्षन हुआ तो पता चला कि जो औरत आज मेरी पार्ट्नर बन ने वाली थी उसका नाम था सरिता उमर 26-27 साल हाइट थोड़ी छोटी शरीर ना ज़्यादा पतला ना ज़्यादा मोटा था तो सरिता ने बिना किसी भूमिका के डाइरेक्ट्ली कहा कि देखो हम सब यहाँ पर फुल एंजाय करने के लिए आए है तो हमे उस पर ही कॉन्सेंट्रेट करना चाहिए और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उपर के कमरे मे ले आई वो दोनो नीचे ही रह गये सरिता मुझे कुछ ज़्यादा ही बोल्ड लगी कमरे मे आते ही उसने गेट को लॉक किया और मुझसे कहने लगी कि क्या तुमने पहले कभी सेक्स किया है मैं मन ही मन हँसा और कहा कि अब ये सुनारों के आगे सुई बेचेगी वो बोली की देखो मुझे बस वाइल्ड सेक्स की ही हसरत है मैने कुछ नही कहा मैने सोच लिया था इसको कुछ ज़्यादा ही घमंड है या ये कुछ ज़्यादा शो-ऑफ कर रही है तो मैने उसको पकड़ा और उसके होंठो पर अपने प्यासे लब रख दिए और कस कस के उसके होंठो चूसने लगा
Reply
10-05-2019, 02:08 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने भी सोच लिया था कि आज इसके बदन पर अपनी जवानी का सिग्नेचर ज़रूर करना है और कुछ इस तरह से करना है कि ये भी हमेशा याद रखे की मिला था कोई कुछ देर बाद मेरी गरम सांसो से उसके होंठो जलने लगे पर मैं उसको नही छोड़ रहा था जब तक कि उसके निचले होंठो से खून ना निकला मैं उसके होंठो को निचोड़ता ही रहा जब वो मुझसे अलग हुई तो वो अपने होंठो से रिस्ते खून को जीभ से चाट ती हुई मुझे बड़े ही गौर से देखने लगी फिर वो मेरे पास आई और पॅंट के उपर से ही मेरे लंड को पकड़ते हुए कहा कि तुम्हारे साथ मज़ा आएगा और फिर मेरी पॅंट को खोल के मेरे लंड को हिलाने लगी मैने भी अपने हाथ उसकी चूचियो पर रख दिए और उनको दबा दिया उसकी एक आह निकली तो मैने और भी कस के चूची को दबा दिया अब वो मेरी टाँगो के बीच मे बैठी और मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और उस पर जीभ फेरते हुए मेरी तरफ देखने लगी

उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ बड़ी ही खुरदरी थी उसकी जीभ मेरे सुपाडे को जैसे छील ही गयी मैने एक आह भरी तो उसने आधे लंड को अपने मुँह मे लिया और दिलकश निगाहो से मुझे देखती हुवी लंड पर काटने लगी लंड मे भी तनाव आना शुरू हो गया था तो वो भी अब फड़कने लगा था कुछ ही देर मे वो पूरे साइज़ मे आ गया सरिता की आँखो मे भी नशा भरने लगा था वो अब तेज तेज लंड पर चुप्पे लगाने लगी थी 8-10 मिनट तक उसने जी भर कर मेरे लंड को चूसा फिर वो खड़ी हुवी तो मैने उसको अपने सीने से लगा लिया और थोड़ा झुक कर उसको फिर से किस करते हुए उसकी स्कर्ट को उतार दिया अंदर उसने पैंटी नही डाली हुई थी शायद जान बुझ कर छोटे छोटे बालों से भरी उसकी चूत अच्छी दिख रही थी तो मैने उसको बेड पर पट का और उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया चूत किसी भट्टी की तरह गरम तप रही थी जैसे ही मेरे होंठो ने चोट को छुआ सरिता जैसे पिघल सी गयी अब उसको किसी का डर तो था नही तो उसने कमरी को सर पर उठा लिया कुछ ज़्यादा ही ज़ोर ज़ोर से वो आहे भरते हुए अपनी चूत को चुस्वा रही थी बार बार वो अपनी टाँगों को भीचती कभी खोलती कभी कुल्हो को मतकाती हुई वो चूत पर मेरी रेंगती हुवी जीभ का मज़ा ले रही थी कुछ टाइम ऐसे ही करने के बाद मैने लंड पर कॉंडम लगाया और उसने अपनी टाँगो को फैलाते हुए मुझे चूत तक आने का रास्ता दिया जैसे ही मैने लंड को अंदर घुसाया उसका चेहरा लाल हो गया उसने अपनी मुत्ठिया बंद कर ली और आँखो को बंद कर लिया तो मैने पूरी ताक़त लगाते हुए धक्का मारा और लंड को उसकी बच्चेदानी तक अड़ा दिया सरिता दोहरी हो गयी और मैं उस पर झुकता चला गया वो किसी गुड़िया की तरह से मुझसे चिपक गयी थी तो मैं अपने लंड को आहिस्ता आहिस्ता से अंदर बाहर करने लगा तो सरिता मेरी गर्दन पर अपने दाँतों से काट ती हुई बोली कि ज़ोर ज़ोर से करो तो मैने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और उस गढ़वालन को चुदाई का असली सुख देने लगा इस छोटी सी जिंदगी मे मैं कई तरह की औरतो से मिल चुका था कइयो से दोस्ती थी कइयो को चोद चुका था पर सरिता जैसी चुड़दकड़ से कभी पाला नही पड़ा था वो बार बार मुझे तेज तेज करने को कह रही थी जब कि मैं पूरी स्पीड पकड़ चुका था तो मुझे खीज होने लगी मैने अपना लंड बाहर निकाला और साइड मे बैठ गया मैने कहा जा जो तेज तेज करे उस से चुदवा मैं अभी नही चोदता तुझे सरिता की चूत मे आग लगी थी तो वो बोली अरे वो तो मैं तुम्हारा जोश बढ़ने के लिए कह रही थी तो मैने कहा कि मुझे मेरे जोश पर भरोसा है तुझे चुदना है तो इज़्ज़त से चुद वरना मैं चला तो सरिता मेरी गोदी मे चढ़ गयी और बोली कि अरे आप तो बुरा मान गये और मुझे लीप किस करने लगी अब लंड तो मेरा भी खड़ा था तो मैने उसे गोदी मे ही लंड पर बिठा लिया और झूला झुलाने लगा मेरा लंड सरिता की बच्चेदानी से टकराने लगा था मैं मजबूती से उसके कुल्हो को थामे था और वो बड़े मज़े से उछल रही थी मेरी गोद मे उसकी चूत से पानी रिस्ते रिस्ते मेरी जाँघो को गीला कर रहा था उसकी चूचिया जब जब मेरे सीने से रगड़ खाती तो उतना ही मेरा लंड झटके ख़ाता मैं कभी उसके होंठो चूमता कभी उसकी गर्दन को फिर मैने उसे दुबारा से लिटा दिया और सरिता की सवारी करने लगा अब वो हद से ज़्यादा गरम हो चुकी थी अब वो झड़ने के बेहद करीब आ गयी थी और मैं भी बुरी तरह से उसको चोद रहा था कुछ सेकेंड बाद ही सरिता का बदन झटके खाने लगा और वो झड़ने लगी उसकी चूत से काफ़ी पानी निकला थोड़ी देर बाद मैने भी अपना पानी से कॉंडम को भर दिया अपनी फूली हुवी सांसो को काबू मे किया और सरिता के उपर से उतर कर साइड मे बैठ गया
Reply
10-05-2019, 02:08 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
कुछ देर बाद सरिता भी उठी और बेड की चादर से ही अपनी चूत को सॉफ किया और सामने वाली कुर्सी पर ही नंगी ही बैठ गयी और मेरी तरफ नशीली आँखो से देखने लगी मैं कॉंडम उतार रहा था कि वो बोली कि इसे मुझे दे दो तो मैने उसके हाथ मे कॉंडम रख दिया उसने मेरे वीर्य को अपनी चूचियो पर किसी लोशन की तरह लगाना शुरू कर दिया मैं उसको देखता ही रहा फिर सरिता उठी और किसी कुतिया की तरह चलते हुए मेरे पाँवो तक आई और फिर अपने मुँह को मेरी जाँघो के बीच मे दे दिया और मेरे सोए पड़े लंड को अपने मुँह मे लेके जगाने लगी वो अपनी जीभ को लंड और गोलियो पर अच्छे से फिरा रही थी लंड मे भी दुबारा से सुर सुराहट होने लगी थी साली एक नंबर की एक्सपर्ट थी लंड चूसने मे कुछ ही मिंटो मे लंड को दुबारा तैयार कर दिया था मैने उसके हाथ कुर्सी पर रखवाए और उसको झुकाते हुए पीछे से लंड को चूत पर लगा दिया और रगड़ने लगा अभी मेरा इरादा नही था डालने का तो मैं कुछ देर लंड को चूत पा रगड़ता फिर सुपाडे को अंदर डाल कर तुरंत ही बाहर निकाल लेता और फिर से रगड़ ता अब सरिता तो थी ही चुदासी रांड़ ऐसी हरकतों से वो तड़पने लगी और मैं उसके मज़े लेता रहा जब उसका सबर बिल्कुल टूट गया तो वो बोली अब इतना भी मत तड़पाओ डाल भी दो ना अंदर तो मैने एक ही झटके मे पूरे लंड को चूत मे उतार दिया इस धक्के से सरिता संभाल नही पाई और आगे को हो गई तो मैने उसकी कमर खीच कर उसको अड्जस्ट किया और उसकी चूचियो को मसल्ते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दी सरिता उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ
उउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ
फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफुऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ की आवाज़े निकलते हुए अपनी चूत मे समाए मेरे लंड का मज़ा लूट रही थी आज एक बात तो पक्की थी कि उसकी चूत का साइज़ आज इनक्रीस होने वाला था खैर मैंन उसके सर के बालों मे हाथ डालते हुए उसके चेहरे को उपर की ओर किया और डाना दन लंड को चूत मे पेलने लगा चोद्ते चोद्ते मैने पूछा कि गान्ड भी मरवाती हो क्या तो वो बोली कि पहले ईईए कभीइ आआअहह आअहह पहले कभी तो नहियीईई आआहह आअहह मरवाई है पर तुम मारलो कुछ टाइम के लिए तुम्हारी ही हू जो चाहे कर लो पर अभी प्लीज़ मेरा पाणिीईईईईईईईईईईईईईई आआआआआआआआआआआआआआआआअहह आअहह आअहह मस्ती से सिसकारिया भरते हुए बोल रही थी कि अभी मेरा पानी निकलने दो मैने कहा हां और बेहद कस कस कर धक्के लगा ने लगा मैं दोनो हाथो से उसके बोबो को मसल रहा था तो वो भी अपने चुतड बार बार पीछे करके चुदाई का मज़ा ले रही थी उसके माथे से टपकती हुवी पसीने की बूंदे काँपति हुए टाँगो की थिरकन जैसे मुझे पागल ही करने पर तुली थी अब कमरे मे बस ठप ठप के सिवा कुछ आवाज़ नही आ रही थी सरिता की आँखे मस्ती से बंद हो गयी थी उसके लाल लाल होंठो हल्के हल्के से कांप रहे थे उसके हाव भाव से मुझे लगने लगा था कि अब बस ये जाने ही वाली है तो मैने उसे बेड पर पटक दिया और तेज तेज से चोदने लगा 5 मिनट के अंदर ही उसकी चूत लंड से हार गयी और सरिता का बदन एक दम से ढीला पड़ गया उसकी छातिया तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी तो मैने उसे पलट दिया और उसके चुतड़ों पर ढेर सारा थूक लगाते हुए लंड को गान्ड पर लगा दिया और एक तेज शॉट मार दिया तो सुपाड़ा गान्ड को चीरते हुए आगे की ओर घुस गया सरिता दर्द से दोहरी हो गयी उसकी सांस जैसे अटक सी गयी और उसको खाँसी आ गयी आँखो से आँसू बह चले और वो रो पड़ी मेरा सुपाडा वैसे ही अटका पड़ा तो मैने उसके बदन को मजबूती से दबोचा और एक झटका और लगाया और आधा लंड गान्ड मे डाल दिया इस बार सरिता की हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी वो रोते रोते मुझे बोली क़ि मुझीईईईईईईई नाआआआआहियीईईईईईईईईईई मरानी है ओमम्म्मममममममम्मूऊऊुुुुुुुुुुुउउम्म्म्ममममममममममममममममममय्ययययययययययययययययययययययी तूमम्म्ममममममममममममममममममममममममम णीईीईईईईिकककककककककककककककककााआआआआआआलो इसे पर मैने उसकी बाद पर ज़्यादा ध्यान नही दिया वो अब सूबकिया लेने लगी थी मैने एक धक्का और लगाया और पूरा लंड गान्ड मे उतार दिया सरिता की हालत बहुत ही टाइट हो गयी थी वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी थी पर रोए तो रोए मैने दया नही दिखाई और उसकी गान्ड मारने लगा उसका बदन एक दम से तपने लगा था वो रोए जा रही थी पर अब गान्ड मरवाएगी तो दर्द तो झेलना ही पड़ेगा वैसे मैं दयावान आदमी हू पर उस टाइम मैने कोई दया नही दिखाई और उसकी गान्ड मारता ही रहा वो बार बार कह रही थी कि निकाल लो निकाल लो पर एक बार घुसने के बाद इतनी आसानी से कहाँ निकलता है तो मैं उसकी गान्ड तब तक मारता रहा जब तक कि मैं झाड़ ना गया तब कही जाके मैने लंड को उसकी गान्ड से बाहर निकाला और उसकी बगल मे पड़ गया फिर जब मेरी साँसे नियंत्रण मे आई तो मैने देखा कि उसकी गान्ड बुरी तरह से छिल गयी थी और खून निकल आया था
[/size]
Reply
10-05-2019, 02:08 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने उसे खड़ा किया तो जैसे तैसे वो उठी और लड़खड़ाते हुए बाथरूम मे चली गयी उसकी आँखे रो रो कर सूज गयी थी मैने अपने कपड़े पहन लिए थे अब टाइम हो गया था वहाँ से जाने का कोई दस मिनट बाद वो भी आ गयी और अपने कपड़े पहन ने लगी पर मुझ से कोई बात नही कर रही थी कुछ देर बाद हम नीचे आए फिर मैं अपने याडी के साथ वापिस हो लिया
______________________________
बदन मे थोड़ी थकान सी हो गयी थी तो रास्ते मे एक पपीता शेक पिया तो थोड़ी जान आई मुझे कुछ कपड़े खरीदने थे तो हम पल्टन बाजार चले गये एक दो जॅकेट ली और लेदर शूस भी खरीद लिए वही पे लंच किया और शाम होते होते हम वापिस अकादमी आ गये ये अकादमी की दीवारो के अंदर भी एक अलग ही दुनिया थी जिसमे हम रहा करते थे सिविलियेन्स से बिल्कुल अलग हर चीज़ रूल से चला करती थी


मैं खुश था कि मैं अपने खानदान का पहला लड़का था जिसके बदन पर सैनिक की वर्दी थी पर मुझे क्या पता था कि आगे ये लाइफ जिसे मैने बड़े ही चाव से चुना था मेरी पूरी जिंदगी को मंझदार मे लटका देगी और मैं किसी पिंजरे मे क़ैद पंछी सा हो जाउन्गा कुछ बॅच मेट्स थे जो मुझसे बहुत ही सुपीरियर थे हर चीज़ मे पर्सनॅलिटी मे और स्किल्स मे भी मैं तो एक आवारगी ट्रेनी था कभी भी टास्क मे टॉप नही किया था मैने बेस्ट कडेट बन ना तो बहुत दूर था

पर अपने को क्या अपन तो ऐसे ही जिए जैसे अपन चाहे अब बॅच मेट्स मे होड़ लगी थी एक दूसरे को पछाड़ने की और अपने अपने ग्रेड्स उँचे करने की उस टाइम तक मुझे ज़िंदगी से कोई शिकायत नही थी क्योंकि हर चीज़ थी मेरे पास जो मुझे चाहिए थी पर ना जाने क्यो एक ख़ालीपन सा महसूस होता था

फौज हमे सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो भाई चारे की भावना सिखाती है पर ना जाने क्यो मैं अपने आप मे ही रिज़र्व रहने लगा था बैच मेट्स से भी आज कल कम ही बात किया करता था ना दोस्तो मे बैठ ता था पद्मिरनी पर भी अब मैं इतना ध्यान देता था एक अजीब सा खाली पन सा था


क्या ये असर था निशा की यादो का जितना मैं उसे अपने दिमाग़ से आउट करने की कोशिश करता उतना ही मैं ताड़पता था मैं कई बार फोन देखता इस आस मे कि क्या पता कभी निशा का कोई फोन आ जाए पर ना जाने वो मर्जानी मुझे यू कैसे भूल गयी थी मैं बेहद परेशान रहने लगा था

मिता की कॉल आती पर मैं उस से भी बात नही करता था मेरे अंदर का बंजरापन मुझ पर हावी होने लगा था और उपर से ट्रैनिंग का प्रेशर बस संभाले हुए था मैं किसी तरह से खुद को पर अंदर अंदर टूट रहा था ना जाने क्यो मैं इतना बेताब था निशा को देखने के लिए , मैं उसका हाथ पकड़ना चाहता था मैं उसके गले लग कर रोना चाहता था कितनी ही बाते थी मेरे दिल मे जो मैं उसको बताना चाहता था


पर ना जाने वो कहाँ छुपी बैठी थी आख़िर क्यो वो मुझसे इतनी दूर हो गयी थी हर रोज मैं अपनी डायरी मे उसके बारे मे लिखा करता था ये कैसी डोर थी जो अब भी मुझे उसके साथ जोड़े हुए थी मैं अक्सर सोचा करता था कि क्या वो भी मुझे ऐसे ही याद करती होगी जैसे मैं उसको करता हू जितनी कशिश मुझे उसके लिए थी उतनी किसी के लिए भी नही थी पर कहाँ से लाउ उसको कहाँ ढूंढू मैं उसको ये एक ऐसा यक्ष प्रश्न था मेरे सामने जिसका कोई जवाब नही था
Reply
10-05-2019, 02:08 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
हर दिन मैं जब जाग ता तो निशा की याद आती और जब सोता तो वो खुद सपनो मे चली आती कही मैं पागल तो नही होने लगा था एक दिन मूर्ति सर ने मुझे घर बुलाया और समझाने लगे कि यू मस्ट फोकस ऑन युवर ट्रैनिंग इतने दिन सब कुछ झेला है फिर लास्ट मे क्यो दम तोड़ रहे हो मैने कहा सर आइ डॉन’ट नो व्हाट ईज़ हॅपनिंग वित मी इट’स आन एंपटिनएस्स ऑन माइ हार्ट

तो वो बोले की होता है कडेट ऐसा होता है कई कई दिन फॅमिली से दूर रहते है अकेलापन हावी हो जाता है पर यू आर ब्रेव सोल्जर फर्गेट ऑल थिंग्स आंड थिंक ऑफ युवर फ्यूचर यू विल लेड आर्मी सून और वैसे भी हम भी तुम्हारी फॅमिली जैसे ही है ना सच ही तो कह रहे थे वो फॅमिली की तरह ही तो ट्रीट करते थे वो मुझे वरना आज के जमाने मे कॉन किसका हुआ है


मुझे वापिस होस्टल जाना था तो मैने कहा सर मैं निकलूं तो वो बोले कि अरे अभी कहाँ जा रहे हो डिन्नर करके ही जाना बस थोड़ी देर लगेगी तो मैने कहा ओके सर और वही पर बैठ कर टीवी देखने लगा कुछ मिनट बाद सर बोले तुम बैठो मैं ज़रा शॉपिंग सेंटर तक होके आता हू तो मैने कहा सर मुझे बता दो क्या सामान लाना है मैं ला देता हू तो वो बोले अरे नही तुम बैठो मैं ही होके आता हू


और वो निकल गये उनके जाते ही पद्मि नी ने मुझे किचिन मे बुला लिया और मुझ से चिपक गयी और बोली कि घर क्यो नही आते कितना इंतज़ार करती हू मैं तुम्हारा तो मैने कहा डार्लिंग अभी आपको तो पता ही है ना कि थोड़ा मेंटली डिस्टर्ब हू निशा की वजह से तो वो बोली कि डियर , उसको तुमसे मिलना होगा तो ज़रूर गॉड कुछ ना कुछ करके मिलवाएँगे बट मस्ट हॅव फेत और अभी तुम प्रॉमिस करो की पूरे कॉन्सेंट्रेशन से ट्रैनिंग करोगे तो मैने कहा अब आपका कहा थोड़ी ना टाल सकता हू

तो उन्होने मेरे माथे पर किस किया तो मैं बोला डार्लिंग लिप्स पर भी तो उन्होने अपने रसीले होंठो पर जीभ फेर कर उनको गीला किया और उनको मेरी तरफ बढ़ा दिया मैं थोड़ा आगे हुआ और उनके सहद से भी मीठे होंठो का रस चाटने लगा एक मिनट मे ही पद्मिलनी गरम हो गयी उसकी छातिया मेरे सीने मे सामने को आतुर हो उठी मैं अपने लबो से उसके लबो पर प्यार की एक नयी इबारत लिखने की कोशिश करने लगा कुछ देर उसको यू ही किस किया पर अभी हम सेक्स कर नही सकते थे तो थोड़ी सी चूमा-चाटी के बाद मैं वापिस आकर बाहर वाले रूम मे बैठ गया


थोड़ी देर बाद ही पद्मिूनी ने खाना लगा दिया ये भी एक सुख ही था कि यहा कभी कभी घर का खाना नसीब हो जाता था वरना बाकी तो आपको पता ही है तो एक बेहद शानदार डिन्नर के बाद मैं अपने होस्टल की तरफ चल पड़ा काफ़ी दबा के खाया था तो बस अब सोना ही था

अगले दिन मैं जब उठा तो खुद को तरो ताज़ा महसूस कर रहा था आज ग्राउंड पर मैं एक नये जोश के साथ था मैने सोच लिया था कि अभी निशा को बस भूल ही जाउन्गा जब उसको मेरी कोई परवाह नही है तो मैं क्यो उसके बारे मे इतना सोचु मैने सोच लिया था कि अब बस प्रॅक्टिकल लाइफ ही जीऊँगा अभी टाइम था खुद के बारे मे सोचने का आज ड्रिल्स मे एक अलग ही एनर्जी थी मुझमे पर क्या निशा को भूलना सच मे इतना आसान था ना जाने दिल के किस कोने मे उसने अपना मकान बना लिया था पर मैं अब कठोर होना चाहता था वैसे भी ट्रैनिंग के कुछ ही महीने बचे थे सर्दी पड़ने लगी थी दीवाली भी बीत गयी थी पर चाहत का एक दिया मेरे दिल मे हमेशा जलता रहता था जिसे मिथ्लेल्श ने जलाया था

दिल मे आस थी कि पोस्टिंग मिलते ही मिथ्लेश से शादी करूँगा फिर अपना भी परिवार हो जाएगा और हमारी प्रेमकहानी को भी अंजाम मिल जाएगा तो मैं पूरी शिद्दत से ट्रैनिंग की हर मुश्किल को पार कर रहा था 24 नवेंबर को मिथ्लेश का जनमदिन था पर बस फोन पर ही विश करना था उसको वो भी समझती थी मेरी मजबूरी को तो बस थोड़ी देर प्यार भरी बाते की उस से और कुछ ज़्यादा टाइम भी नही मिला ऐसे ही दिन गुजर रहे थे एक दोपहर मैं कॅंटीन मे था तो उस लड़की के दीदार हो ही गये जिसके हुस्न के चर्चे अक्सर मेरा याडी करता रहता था क्या लड़की थी यार वो मुझ से भी लंबी जिस्म पर कही पर भी फालतू चर्बी नही लगा कि यार इसको किसने साँचे मे ढाला सुतवा शरीर हरियानवी मे कहूँ तो मुँह बटुवे सा एक नज़र मे ही भा गयी फोजियो का ये एक गुण है की वो हमेशा लड़की, औरतो को ताड़ते ही रहते है

अब नाम पता मालूम नही पर दिल को भा गयी रूप ऐसा कि जैसे खिलता गुलाब हो एक अलग सी ही बेतक्लुफफी सी थी उसमे अदाए ऐसी की किसी को भी पलट कर देखने को मजबूर कर दे उसने धूप का चश्मा आँखो से उतारा और अपनी ज़रूरत का सामान लेने लगी यदि धीरे से बोला कि भाई माल तो चोखा है मैं तो इसे याद करके मुट्ठी मार सकूँ सूं तू देखले कुछ हो तो अब वो थी बड़े ऑफीसर की छोरी तो डाइरेक्ट्ली अप्प्रोच भी नही कर सकता था और वो इतनी स्टाइलिश थी कि मेरी तरफ देखे भी ना पर दिल तो दिल है कर डाली डिमॅंड कि इस्पे भी दाँव लगा ले क्या पता काम बन जाए मैने कहा लेट’स हॅव आ चान्स बात बने तो ठीक नही तो और कोई देखेंगे ट्राइ मारना तो बनता है तो कॅंटीन मे एक दुक्का ही लोग थे इतनी हलचल नही हो रही थी

तो मैने उसी टाइम चान्स लेने की सोची और सीधा चल के उसके पास गया और डाइरेक्ट्ली कहा कि मैं आपसे फ्रेंडशिप करना चाहता हू तो उसने बड़े ही आस्चर्य के साथ अपनी आँखो को गोल गोल घुमाया और बोली कि क्या आप मुझ से बात कर रहे है तो मैने कहा कि यस आइ’म टॉकिंग टू यू तो वो थोड़ा सा मेरे करीब आई और मेरी आँखो मे आँखे डालते हुए बोली कि होश मे रह कर बात करो कहा मैने कहा तुम ऐसा सोचने से पहले एक बार खुद को आईने मे देख तो लिया होता तो मैने कहा कि दोस्ती मे इन सब चीज़ो का क्या लेना देना और फिर कुछ दिनो मे मैं एलटी. बन जाउन्गा तो वो बोली उसमे कॉन सी बड़ी बात है यहाँ पता नही कितने लोग ऑफीसर ट्रैनिंग के लिए आते है फिर मैं क्यो तुम से फ्रेंडशिप करू
Reply
10-05-2019, 02:08 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं तो तुम्हे जानती भी नही और तुम मेरे मत्थे चढ़े जा रहे हो मान ना मान मैं तेरा मेहमान लगता है ज़मीन आसमान का फरक भूल गये हो जानते हो मेरे डॅडी कॉन है अगर तुम्हारी कंप्लेंट कर दी तो ये जो एलटी एलटी फुदक रहे हो ना ना नौकरी होगी और ना


तुम साली की बात घमंड से भरी थी दिल हर्ट हो गया मैने बस इतना कहा कि गाँव का लड़का हू फर्स्ट चान्स मे ही जॉब मिल गयी सहर के नखरो का अंदाज़ा नही है आपको देखा तो दिल किया तो डाइरेक्ट्ली कह दिया तो वो बोली कि तुम मेरा टाइम वेस्ट कर रहे हो उसने अपना सामान काउंटर पे पटका और बिल बनाने को कहा और मेरी ओर आँखे निकालते हुए कहा कि आज के बाद मेरे रास्ते मे कभी मत आना वरना मैं तुम्हे देख लूँगी और फिर अपना सामान लेके जाने लगी जाते जाते वो पलटी और टॉंट मारते हुए बोली कि देख लो सपना इंडिया मे सपने देखने पर टॅक्स नही लगता तो मैं उसके पास गया और कहा कि ये मेरा वादा है कि एक दिन मैं तेरा ईगो ज़रूर मिटाउंगा वो हँस के बोली कि चॅलेंज आक्सेप्ट और अपनी गान्ड को मतकाती हुवी चली गयी मैं उसके चुतड़ों की गोलाईयों को घूरता ही रहा

तभी तो मुझे सहर की लड़किया पसंद नही थी क्योंकि उनमे सादगी नही होती थी और ये तो वैसे भी एक बिगड़ी हुवी राईसजादी थी मैने एक बियर की बॉटल निकाली और उसको गटाकने लगा याडी मज़े लेते हुए बोला भाई तुझ से ना पटेगी ये तो मैने कहा पस्स्सिन्ग आउट से पहले इसकी चूत मे लंड डाल दूँगा तो वो बोला भाई देख लियो कही लेने के देने ना पड़ जाए मैं बोला अब जो भी हो इसको तो चोदुन्गा और वो भी इसकी मर्ज़ी से अब चाहे जो भी हो इस की चूत पे अपने लंड की मोहर तो लगा नी ही थी चाहे कुछ भी हो फिर मुझे अच्छी भी लगी थी वो बात थोड़ी बिगड़ गयी थी पर कोई नही क्या पता आने वाले टाइम मे दोस्ती हो ही जाए

उसको देख कर लंड भी जोश मे आ गया था मैने जेब से फोन निकाला और पद्मि नी का नंबर डाइयल किया और कहा कि भाभी जी अभी मिलना हो सकेगा क्या तो वो बोली क्या बात है आज बड़े उतावले हो रहे हो मेरा दीदार करने को इतने दिनो से तो बच बच कर निकल रहे थे मैने कहा ऐसी कोई बात नही है फिर आपको तो सब पता है अभी थोड़ा टाइम मैं फ्री हू देख लो कुछ हो सकता है क्या तो वो बोली कि मूर्ति अभी थोड़ी देर पहले ही लंच करके गया है तो शाम तक मैं फ्री ही हू तुम आधे घंटे बाद आ जाना फिर थोड़ा टाइम तुम्हे भी देती हू और फोन पर ही किस करते हुए फोन काट दिया

मैं कॅंटीन से निकला और जेब मे हाथ डालके गुन गुनाते हुए पैदल पैदल पद्मिॅनी के घर की तरह सरक लिया आज साला रास्ता भी कुछ ज़्यादा लंबा लग रहा था खैर, घूमते फिरते मैं पहुच ही गया पद्मिलनी के घर गेट बंद था तो बेल बजाई कोई दो मिनट बाद उसने गेट खोला जैसे ही उसके दीदार हुए मैं तो खो ही गया सीधा नाहकार बाथरूम से ही निकली थी कमर तक आते उसके लंबे बाल जो गीले थे शॅमपू की खुश्बू आ रही थी बदन पे कपड़ो के नाम पर एक झीनी सी नाइटी ही डाल रखी थी और सॉफ सॉफ पता चल रहा था कि अंदर ब्रा-पैंटी नही पहनी है उसने



उसने मुझे अंदर लिया और धडाम से गेट क्लोज़ कर दिया मैं तो उसके इस रूप को देख कर ही उत्तेजित हो गया था मैने उसको पकड़ा और दीवार से सटा ते हुए उसके गुलाबी होंठो को अपने मुँह मे भर लिया और चूसने लगा पद्मि नी ने तुरंत ही रियेक्शन देते होते मेरी पॅंट की ज़िप खोली और लंड को बाहर निकाल कर हिलाने लगी उसकी सॉफ्ट सॉफ्ट उंगलिया जब मेरे लंड से टकराई तो लगा कि जैसे कामदेव का तीर मुझे चीरता हुआ चला गया वो लंड को सहलाते हुए बोली कि ये हमेशा खंबे की तरह तना ही रहता है क्या तो मैने कहा नही बस आपको देखकर ही इसे पता नही क्या हो जाता है


मैने पद्मिीनी की नाइटी को उतार दिया और हुस्न का ज़लज़ला नंगा मेरी आँखो के सामने था उसकी खरबूजों जैसी चूचिया हवा मे झूल रही थी पद्मिकनी की आँखो मे मैं वासना के डोरे तैरते हुए सॉफ देख रहा था मैने भी जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और उसके बदन से चिपक गया उसके बोबो को मसल्ते मसल्ते मैं उसके होंठो की शबनम को निचोड़ रहा था मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था लंड बार बार चूत से टकरा रहा था तो दोनो के बदन मे एक अलग सा एहसास हो रहा था मैं बस उसके चेहरे को ही चूमे जा रहा था फिर उसने कहा कि चलो अब बेड पर चलो ज़्यादा टाइम नही है तो तुम जल्दी से फिनिश कर्लो आज तक मेरी समझ मे ये बात नही आई कि कोई भी औरत या लड़की जब भी चुदती है तो ये क्यो कहती है कि जल्दी से कर्लो

अब कोई जल्दी झाड़ जाए तो उसपे ये ही औरते ना मर्द का टॅग लगाने मे देरी नही करती और वैसे कहती रहती है कि जल्दी करो जल्दी करो तो हुआ यूँ कि मैं बेड पर लेट गया और पद्मिजनी मेरे सीने पर चढ़ के मुझे अपनी चूची पिलाने लगी मेरे मुँह मे जहाँ तक वो डाल सकती थी उसने अपनी चूची को डाल दिया मैं दोनो हाथो से उसके जबरदस्त चुतड़ों को मसल रहा था माखन से भी मुलायम उसके दोनो चुतड मेरा हाथ बार बार फिसले उन पर से तो मैं और भी उत्तेजित हो गया मैने उसको कहा कि लंड चूसो ना तो वो तुरंत ही घूमी और अपनी गान्ड को मेरे मुँह की तरफ करते हुए मेरे लंड पर टूट पड़ी उसकी गान्ड बिल्कुल मेरे मुँह के पास हो गयी थी और चूत के फड़कते होंठो को मैं सॉफ देख रहा था मैं अपनी नाक को चूत के पास ले गया चूँकि पद्मिैनी अभी नहा कर निकली थी


तो उसकी चूत से बेहद ही भीनी भीनी सुगंध आ रही थी मैं पूरी नाक चूत पे रगड़ने लगा और उसको अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा जैसे ही चूत तो टचिंग हुई पद्मि नी भी मस्ताई और मेरे लंड को और भी अच्छे से चूसने लगी कुछ देर सूंघने के बाद मैने अपनी जीभ लपलापाई और उसकी चूत मे सरका दी जैसे ही जीभ की रागड़ाई चूत पर हुई पद्मिऔनी ने अपने चुतड़ों को कस लिया और मेरे मुँह पर दबाव बना ने लगी मैं बेहद ही हौले हौले उसकी चूत से रिस्ते हुए उस नमकीन पानी के चटखारे ले रहा था और दूसरी तरफ लंड अब इतना उत्तेजित हो चुका था कि बस अब वो मुँह से निकल कर चूत मे घुसना चाहता था तो मैने उसको अपने उपर से हटा दिया
Reply
10-05-2019, 02:08 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अब मैने पद्मि नी को टेढ़ी कर के बेड पर लिटाया और अपना हाथ कमर के साइड से ले जाते हुए उसकी एक चूची को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसकी टाँग को थोड़ा सा उपर उठा के अपने लंड को चूत पर लगा दिया रस से भीगी चूत पर जैसे ही लंड का स्पर्श हुआ लंड मे एक तरंग सी दौड़ गयी और वो बेताब होकर चूत मे जाने के लिए मचलने लगा मैने पद्मिडनी से कहा कि डालु तो वो बोली नही अभी आरती उतारूँगी फिर डालना तो मैं उसकी चूची को दबाते हुए लंड को चूत मे धकेल दिया पद्मि नी ने एक गहरी आह भरी और और भी टेढ़ी हो गयी तो लंड फिसलता हुआ चूत मे पहुच गया अब मैने दोनो हाथो से उसके बोबो को पकड़ लिया था और मेरे धक्के अब चूत पर पड़ने शुरू हो गये थे
पद्मिलनी अपने दाँतों से निचले वाले होंठो को काट ते हुए बोली कि आहह कितने दिन बाद तुम्हारे लंड को लिया है कलेजे मे ठंडक पड़ गयी है मेरे उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफुऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्य्ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ नस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्शहाआआआआआआआआआआआआआआआआआअ भरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर देते हो तुम तुम्हे देखते ही मेरे तन बदन्ंननननणणन् मीईईईईईईईई आआहहाआआआआआआआआआआआआआआआहाहहाआआआआआआआआ तुम्हे देखते ही मेरे तन बदन मे ईईईईईईईईई औचह मेरे तन बदन मे एक आग सी लग जाती है पता है इस आग मे दिन रात अब जलती हू मैं आज इस आग को बुझा दो और मुझे शांत करूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ

एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! कम ऑन फक मी लिकक्कककककककककक्क्ीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई बित्त्त्टटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटट्त्तचह ओह !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स वीईईईईईईईईरर्र्र्र्र्र्र्र्रररयययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययी गूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड
कम ऑन फक मी हार्ड मैं उसकी मोरनी सी गर्दन की खाल को चूम रहा था मेरे हर धक्के से बेड हिल रहा था कुछ देर तक उसको उसी पोज़िशन मे चोदा फिर मैने उसको अपने उपर ले लिया और उसको लंड पर कूदने लगा पद्मिमनी मेरे सीने पर अपने हाथ फेरते हुए पूरी फुर्ती से लंड पर अपने चुतड पटक रही थी अब कुछ बाकी नही रह गया था बस अब टूट कर एक दूसरे की बाहों मे बिखरना ही था तो बस धक्कम पेल चालू थी आहे हम दोनो ही भर रहे थे तकरीबन दस बारह मिनट उसको अपने लंड पर बिठाए रखा फिर वो बोली कि अब तुम उपर आओ तो मैने पलटी खाई और उसने तुरंत
ही अपनी टाँगे मेरी कमर पे लपेट दी और अपनी चुदाई का आनंद प्राप्त करने लगी पद्मिरनी मेरे कंधो पर अपने दाँतों का प्रयोग करते हुए काट रही थी तो जोश मे आकर मैने भी उसके होंठो को चबा डाला उफ्फ क्या लिखू आज भी लंड खड़ा हो जाता है जब उसकी याद आती है अब हम दोनो झड़ने के करीब ही आ गये थे पद्मिदनी की पकड़ टाइट हो गयी थी तो मैं भी अब पूरी ताक़त से शॉट लगा रहा था और फिर अचानक से ही उसकी टाँगे काँपी और उसका बदन टाइट हो गया चूत से जैसे गरम लावा बह निकला आज काफ़ी देर तक वो झड़ती ही रही जैसे ही उसका पानी बहना रुका मेरे लंड ने हिचकोला खाया और पद्मिउनी की चूत को मैं अपने गाढ़े सफेद पानी से भरने लगा और उसके उपर ढह गया

जब मैं थोड़ा संयमित हुआ तो उसको अपने सीने से लगा लिया अपनी नशीली आँखो से मुझे देखते हुए पद्मिननी बोली की एक बार मे ही मेरा पूरा शरीर हिला कर रख दिया है मैं तो थक गयी हू मैने कहा भाभी मैं भी थक गया हू तो वो बोली कि चलो कपड़े पहनो मैं कुछ बनाती हू तुम्हारे लिए तो मैने कहा कि भाभी एक बार ऑर करते है तो वो बोली नही तुम समझो अभी रात को फिर मूर्ति को भी तो देनी पड़ेगी ना तो मैने कहा ठीक है जी मैने कहा भाभी मैगी बना दो तो वो बोली कि क्या तुम भी बच्चो वाली चीज़े खाते हो तो मैने कहा भाभी पसंद है मुझे तो वो बोली चलो तुम आ जाओ मैं बनाती हू मैने कपड़े पहने और उनके पीछे पीछे ही किचन मे चला गया
पद्मिहनी ने एक ढीली सी मॅक्सी पहन ली थी पर फिर भी गान्ड का कटाव सॉफ झलक रहा था वो मैगी बना रही थी और मैं उनसे शरारत करने लगा तो वो बोली की प्लीज़ मुझे ना छेड़ो मैं अभी गरम नही होना चाहती हू तुम जाकर टीवी देखो मैं दो मिनट मे आती हू तो मैं आकर सोफे पर बैठ गया और टीवी चला लिया कुछ देर बाद वो भी आ गयी और मुझे मैगी का बोल पकड़ा दिया मुझे भूख भी लगी थी तो मज़ा ही आ गया फिर उन्होने कहा कि चलो अभी तुम जाओ और फोन करते रहा करो पता है मैं कितना मिस करती हू तुमको तो मैने उनको एक मस्त स्मूच किया और फिर होस्टल आ गया
घर फोन किया सबका हाल चाल पूछा ख़ासकर चाची का उनको अपना ख़याल रखने को कहा तो उन्होने कहा कि कब आओगे तो बताया कि अभी तो पासिंग-आउट परेड के बाद ही बात बनेगी दो महीने बचे थे फिर हम भी खुली हवा मे सांस ले पाएँगे सबसे थोड़ी थोड़ी देर बात की फिर भी काफ़ी टाइम लग गया फोन काटने ही वाला था कि चाची बोली ले अनिता आ गयी इस से भी बात करले तो मैने उनका हाल चाल पूछा फिर साक्षी के बारे मे पूछा और भाभी को हिदायत दी कि चाची का ध्यान रखे तो वो बोली तुम यहाँ की चिंता मत करो यहा सब ठीक है और तुम छुट्टी मिलते ही सीधा घर आ जाना फिर थोड़ी देर हाँ-हूँ करने के बाद फोन कट कर दिया रात हो गयी थी तो मैं मेस की तरफ चल पड़ा डिन्नर के लिए


continue.............................
Reply
10-05-2019, 02:09 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
दिन यूँ ही कट रहे थे सर्दियो के दिन वैसे भी छोटे ही होते है तो पता ही नही चला कि कब आधा दिसंबर निकल गया कड़ाके की ठंड और वो भी देहरादून की तो मज़ा भी था और सज़ा भी इतनी ठंड थी की लंड छोटा से कच्छे मे दूबका पड़ा रहता था कई बार चेक करना पड़ता था कि है भी या नही इस बीच दो चार बार उन मेमसाहब से भी टकरा गये थे कभी बॉल रूम मे कभी शॉपिंग सेंटर मे वो भी बेतक्कलुफि से देख लिया करती थी वो एमबीए कर के खुद को पता नही क्या समझती थी अब भाई हम भी यूपीएससी की परीक्षा पास करके आए थे एक शाम मैं शॉपिंग सेंटर मे चोवमीन उड़ा रहा था जब से मैगी खाई थी तो एक शौक सा चढ़ गया था तो वो भी आ गयी और अपना ऑर्डर लेके मेरे पास ही आकर बैठ गयी और बोली की तुम डेली यहा आते हो तो मैने कहा कि मैं क्यू बताऊं तुम्हे तो वो बोली ज़्यादा अटिट्यूट मत दिखाओ
तो मैने कहा अरे वाह! तुम्हारा अटिट्यूट अटिट्यूट और हमारा कुछ नही तो वो बोली कि क्या तुम भी घिसे पिटे फिल्मी डायलॉग मारते रहते हो कभी नॉर्मल बात भी किया करो तो मैने कहा कि उस दिन नॉर्मली ही तो पूछा था ना फ्रेंडशिप के लिए फिर काहे इतना रोब झाड़ा तो वो बोली कि अरे क्या आदमी हो तुम भी ऐसे डाइरेक्ट्ली कोई किसी को कहता है क्या और फिर मैं क्यो करूँ तुमसे फ्रेंडशिप तुम कॉन मैं कॉन तो मैने कहा अपना तो ये ही है देख लो वो बोली अरे ऐसा नही होता है मैने कहा अगर ऐसा नही होता है तो फिर तुम मेरे पास क्यू आई और भी जगह है वहाँ बैठ जाती तो वो बोली कि अरे एक तो तुम्हे कंपनी दी और मुझे ही दो बात सुना रहे हो और थोड़ा गुस्सा होते हुए उठने लगी


तो मैने उसका हाथ पकड़ कर वापिस बिठाया और कहा चलो यार पुरानी बात पर मिट्टी डालो अब तो दोस्त बन जाओ तो वो बोली कि ऐसे ही मैं तुम्हारी दोस्त नही बन सकती और फिर मैं जानती भी नही हू तुम्हारे बारे मे तो मैंने कहा कि एक बात बताओ जो भी तुम्हारे फ्रेंड्स है उनको क्या तुम बाइ बर्थ जानती हो तो वो सकपका गयी और बोली कि बातों से तो कोई तुमको जीत नही सकता मैने कहा दोस्त मत बनो पर क्या एक बार मेरे साथ चाइ पीने चलोगि तो वो बोली हद है तुम्हारे आगे दुनिया कॉफी के लिए पूछती है तुम चाइ की कह रहे हो खुद का नही तो मेरा ही ख़याल कर लिया होता मैने कहा क्या तुम बार बार अपने हाइ फॅशन लाइफ का घमंड झाड़ाती रहती हो और मुझे गँवार समझती हो कुछ दिन मे एलटी. बन जाउन्गा और मैं खुद कमाता हू तुम्हारी तरह बाप के पैसे बर्बाद नही करता हू जिस दिन तुम ये घमंड छोड़ दोगि एक अच्छी इंसान ज़रूर बन जाओगी कभी मेहनत से एक पैसा भी कमाओगी तो पता चलेगा तुम्हे

मेरा थोड़ा टेंपर हाइ हो गया था तो झड़का दिया उसको उसका मुँह खुला का खुला रह गया मेरा मूड ऑफ हो गया था तो मैं उठा और उसको कहा कि दोस्ती एक बेहद ही अच्छी चीज़ होती है जो बस ख़ुसनसीब लोगो को ही मिला करती है और क्या तुम फॅशन फॅशन करती रहती हो कभी किसी सादगी वाली लड़की को दो मिनट गोर से देखना तुम्हारा गुरूर उतर जाएगा अब चोवमीन ना उतरनी थी गले से तो बिल पे किया और वहाँ से पार हो लिया और वो मुझे जाते हुए देखती रही पर मैने मूड के ना देखा
मैं भी ना जाने किन किन चक्करो मे उलझे ही जा रहा था दिन ऐसे ही गुजर ते जा रहे थे और क्रिस-मस के दो चार दिन पहले की ही बात है कि पद्मिऐनी का फोन आया तो उसने बताया कि मेरे बेटे की छुट्टिया पड़ गयी है और मूर्ति उसे लेने के लिए जा रहे है तो दो दिन मैं बिल्कुल फ्री हू

अभी तुम बच नही सकते हो और इन दो दिनो को मैं जी भर कर तुम्हारे साथ जीना चाहती हू तो कुछ भी कैसे भी करके ये दो दिन मुझे देने ही होंगे मैने कहा भाभी दिन का तो मैं मॅनेज कर लूँगा पर रात को होस्टल से बाहर रहना आप समझ सकती हो कि अगर चेकिंग हो गयी तो मेरी तो लग जाएगी

पद्मिएनी बोली तुम कैसे भी करके अड़जस्ट करो और फिर अभी कुछ दिन फेस्टिव सीज़न है तो कॉन इतना सोचेगा कि कडेट ****** हॉस्टिल से रात को गायब है और कोई बात होती तो मैं मॅनेज कर लेती पर मैं अगर बार बार मूर्ति से तुम्हारी सिफारिश करूँगी तो उसको भी शक़ तो होगा ही ना तुम कुछ भी करके बस दो दिन मेरे साथ मेरी बाहों मे ही बीताओ गे

मैं कुछ नही जानती अब मैं फसा मैने कहा मैं नाइट का तो कह नही सकता पर दिन तो पक्का आपका ही है तो वो बोली की नाइट भी मेरी ही होनी चाहिए सॉफ दिख रहा था आईने मे के एक दिन ये चूत का चक्कर मुझे बर्बाद करके ही छोड़ेगा दोपहर को थोड़ा सा टाइम मिलता है तो मैं रेफ्रेश रूम की सीढ़ियो पर बैठ था और सोच-विचार मे मगन था

तो मेरा बॅच मेट आया और बोला भाई उदास क्यो बैठा है मैने उसको टालते हुए कहा भाई कोई बात नही है वैसे ही बस तो वो बोला अरे बता ना जब इतनी बाते शेअर् की है तो अपनी परेशानी भी बता मेरे भाई तो मैने कहा कि यार मुझे दो नाइट होस्टल से बाहर जाना है तो वो ही सोच रहा था

तो वो बोला क्या भाई किस से मिलने जाना है तो मैने कहा कि यार मेरी एक फ्रेंड है बस उस से मिलने वो मज़े लेते हुए बोला कि भाई तो दिन मे जाना मैने कहा भाई वो वाला जुगाड़ है अब हो गयी तुझे तस्सली तो वो बोला तू चिंता मत कर तेरा भाई किस दिन काम आएगा तूने भी मेरी कई बार मदद की है मैं तेरा ये काम करवा दूँगा
Reply
10-05-2019, 02:09 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं बोला कि वो कैसे तो उसने बताया कि वॉर्डन मे जो हवलदार है ना उस से अपनी सेट्टिंग है कुछ पैसे खरच करने पड़ेंगे तो वो तेरी मदद कर देगा मैने कहा भाई पैसे तू जितने ले पर अड्जस्ट करवा दे तो वो बोला चल आ अभी चलते है और मैं उसके साथ वॉर्डन ऑफीस की तरफ चल दिया मन मे एक चोर भी था कि अगर बात नही बनी तो????????????????


पर मेरा बॅच मेट भी पूरा खिलाड़ी था वहाँ जाकर पता चला कि वो इस सेवा का लाभ कई बार ले चुका है तो उसने 4000/ रुपये मे मेरी सेट्टिंग करवा दी वॉर्डन ने मेरा फोन नंबर ले लिया ताकि अगर कोई एमर्जेन्सी हो तो वो तुरंत मुझे कॉंटॅक्ट कर ले और उसने ये भी कहा कि रास्ते मे कोई भी गार्ड तुझे रोके तो मेरा नाम ले देना या मेरी बात करवा देना सच बता रहा हू बेहद सुकून मिला

मुझे अब बस इंतज़ार था पद्मिननी से मिलने का मैने अपने मेट को थॅंक्स कहा फिर मैं थोड़ा घूमने के लिए निकल गया सबसे पहले पद्मिलनी को फोन किया और बताया कि भाभी मैं आ जाउन्गा मैने सारा कम अड्जस्ट कर लिया है पद्मि‍नी की आवाज़ से ही मैं उसकी खुशी का अंदाज़ा लगा सकता था उसकी सुरीली आवाज़ खनक उठी थी


मैं पद्मिुनी से बात कर ही रहा था कि मैने देखा कि हमारी घमंडी दोस्त स्कूटी लिए मेरी ही ओर आ रही थी उसने स्कूटी बिल्कुल मेरे सामने रोकी और सीधे बोली की बैठो तो मैने कहा एक मिनट और पद्मि नी को कहा कि मैं आपको बाद मे फोन करता हू और फोनी कट कर दिया और उस से बोला कि क्यो बैठू कही ले जा कर मरवा दोगि तो , वो बोली अभी बात ना करो ओर जल्दी बैठो मैं फ्री तो था ही तो बैठ लिए एक लड़की के पीछे बॅक्सीट पर बैठना अच्छा नही लगा पर सोचा कोई नही और वो कभी दाए कभी बाएँ मुड़ती हुई चल पड़ी अकादमी मे बाहर की तरफ


हम अब थोड़ी सी आउटर साइड मे आ गये थे उसने एक छोटी सी चाइ की गुमटी के पास स्कूटी रोकी और कहा की चल आज मैं तुझे चाइ पिलाती हू और हम वहाँ जाकर बेंच पर बैठ गये वो कोई ज़्यादा बड़ी दुकान नही थी बस एक खोखा सा ही था जहा चाइ और ब्रेड मिलती थी

थोड़ी देर मे ही चाइ आ गयी पहली ही घूंठ मे पता चल गया कि छाई का स्वाद लाजवाब था दो घूंठ पीते ही मज़ा आ गया मैने उसको थॅंक्स कहा इतनी अच्छी चाय पिलाने के लिए तो वो बोली कि मूरख! मैं भी मिट्टी से जुड़ी हुवी लड़की ही हू लोग बस मेरा हाइ-स्टाइल देखते है पर दिल मेरा भी खलिश देसी ही है


मैं तो उसका नया रूप देख कर हतप्रभ हो गया था मैने पूछा कि वैसे तुम कहाँ से बिलॉंग करती हो तो वो बोली कि हरियाणा मे रोहतक से तो मैं बोला अच्छा तो जाटनी है तू तो वो हरियानवी लहजे मे बोली “तन्ने कोई शक सै के ” मैं बोला ना कोई शक नही है अचानक से उसके इस बदले व्यवहार से मैं सरप्राइज हो गया वो बोली ये सब छोड़ मैं बस तुमसे बात करने तुम्हे यहाँ पर लाई हू कुछ तो बात है तुम मे मैं बोला तुम इतनी बड़ी सख्शियत मुझ पर कैसे मेहरबान हो गयी वो बोली अब रहने भी दे ना कब तक मेरी टाँग खीचेगा , मैं बोला अब तो दोस्ती कर ले वो बोली साची बात बोलू तुम मे ना फ्रेंडशिप वाला मेटीरियल है ही नही

मैने कहा, ये तुम कैसे बता सकती हो आख़िर तुम जानती ही कितना हो मेरे बारे मे तो वो बोली बस मैने कह दिया ना तो कह दिया

मैने उसकी आँखो मे झाँकते हुए कहा कि कभी आजमा कर देख लियो वो बोली देख तू मेरे स्टॅंडर्ड का नही है माना तू कुछ दिन मे ऑफीसर बन जाएगा और फिर यहाँ से चला जाएगा और मैं यही पर रहूंगी इसी सहर मे तेरा मेरा क्या मेल मैने कहा ओ इधर देख दोस्ती के लिए बोल रहा हू शादी का प्रस्ताव नही दे रहा

वो बोली अबे तुझ जैसे जो विरले होते है ना उनकी दोस्ती कब जाने प्यार मे बदल जाती है पता नही चलता और फिर शुरू होती है कॉंप्लिकेशन्स मैं बोला तू दूर की ना सोच वो बोली कि तू जो भी समझ पर मेरी ना है पर तू मुझे अच्छा लगा
मैने बस इतना कहा कि ये बात तो तू अकादमी मे भी कह सकती थी ना इतनी दूर आने की क्या ज़रूरत थी तो वो बोली तेरे साथ चाइ जो पीनी थी कुछ भी हो लड़की दिल मे घाव कर गयी थी

ज़ाटनी की अदा आज मार गयी थी फोजी को , खैर अब मैं क्या करूँ उसने वापिस मुझे अकादमी कॅंपस मे ड्रॉप कर दिया कई मुलाकात कर चुका था उस से पर नाम नही पूछ पाया था तो सोचा कि अगली बार नाम तो ज़रूर ही ज़रूर पूछना ही है मैं थोड़ा सा उदास हो गया था पर लाइफ मे ये सब तो चलता ही रहता है ना मैं कॅंटीन की तरफ जा ही रहा था कि पद्मि नी का फोन आ गया वो बोली क्या कर रहे हो मैने कहा कुछ खास नही तो वो बोली मूर्ति कल सुबह 8 बजे तक चले जाएँगे तुम 10 बजे के आसपास आ जाना मैने कहा आप चिंता ना करो मैं आ जाउन्गा


वो बोली कि कुछ समान भी मंगवाना है तो क्या तुम ले आओगे मैने कहा जो भी चाहिए उसकी लिस्ट स्मस कर दो मैं ले आउन्गा तो वो बोली कि थोड़ी देर मे करती हू फिर मैं कॅंटीन चला गया तो पता चला कि अपना याडी तो छुट्टी निकल गया अब मैं वहाँ क्या करता तो उल्टे पाँव वापिस हो लिया पैदल चल चल कर मैं परेशान हो गया था तो सोचा कि पोस्टिंग के बाद एक बाइक और खरिदुन्गा यूनिट मे रखूँगा उसे चुतिये की तरह पैदल घूमता रहता था मैने अपने फ्यूचर प्लॅन्स बहुत ही क्लियर्ली सोच रखे थे पर कहाँ किसी का सोचा हुआ कुछ पूरा हुआ करता है कल मुझे पद्मिहनी से मिलना था तो लंड भी साला कुछ ज़्यादा ही उछल कूद मचा रहा था पॅंट मे सोचा मुट्ठी मार कर इसको शांत कर दूं

पर फिर सोचा कल चूत तो मिल ही रही है तो मुट्ठी मारना कॅन्सल कर दिया कभी कभी इस आर्मी लाइफ से मैं उकता जाया करता था ये हमेशा रूल्स का ढिंढोरा अजीब सा लगता था कई रूल्स तो अंग्रेज़ो के जमाने के थे यूस्लेस पर घसीट रहे थे पर फिर भी मैं खुश था क्योंकि छोटी उमर मे ही नौकरी मिल गयी थी और जवानी मे कदम रखते ही हसिनाओ की बाहों मे पनाह मिल गयी थी अब तक के छोटे से सफ़र मे ही वो मज़ा लूट लिया था जिसके लिए अक्सर लोगो की उमर गुजर जाया करती है कभी कभी प्रीतम की याद भी आ जाया करती थी पर वो गाँव के आशिक़ प्रेमिकाओ की शादी के बाद उनके बच्चो के मामा के नाम से ही जाने जाते है पर मैं तो एक प्यासा भँवरा था
Reply
10-05-2019, 02:09 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
एक फूल से दूसरी दूसरी से तीसरा अपना तो ऐसे ही कुछ चल रहा था देहरादून से भी प्यार सा ही हो गया था काफ़ी अच्छा सहर था मन लग ता था यहाँ पर मेरा कभी कभी सोचता था कि कुछ पैसे होंगे तो यही कही एक घर खरीद लूँगा फिर पास ही हरिद्वार था , ऋषिकेश था महादेव जी का वास अपने को और क्या चाहिए पता नही क्यो आजकल मैं बस प्लॅन्स ही बनाता रहता था पर दिल मेरा भी घबराता था कि मिथ्लेश से ब्याह की गाड़ी किस तरह से पटरी पर आएगी क्योंकि भाग कर वो आएगी नही और ये जालिम समाज माने ना माने बस वो ही टेन्षन थी दिल मे बाकी तो लाइफ कट ही रही थी रात अपने शबाब पर अहिश्ता आहिश्ता से बढ़ रही थी पर मेरी आँखो मे नींद नही आ रही थी

हताश मन से मिथ्लेश का नंबर डाइयल किया पर उसका फोन बंद था थक कर सो रही होगी शायद तो मैं रूम से बाहर निकला और गॅलरी मे आकर खड़ा हो गया ठंडी हवा रूह बनकर मेरे जिस्म मे उतर ती चली गयी कॅंपस लाइट्स से रोशन था , कुछ खाती मीठी यादे लेकर चला जाउन्गा यहाँ से कुछ ही दिनो मे मैं सोचने लगा फ़ौजी लोगो की भी कोई ज़िंदगी होती है आज यहाँ कल यहाँ कंधे पर बिस्तर बाँधकर घूमते ही रहते है आप लोगो ने तो बसों मे , ट्रेन्स मे देखा ही होगा पर जब ये वर्दी बदन पर सजती है ना तो फिर कोई परेशानी याद नही रहती याद रहता है तो वो फ़र्ज़ जिसे निभाने मे पूरी जिंदगी बीत जाती है आज पता नही क्यो मेरे मन मे हज़ारो सवाल उमड़ आए थे एक बैचैनि सी मुझे भटका रही थी अगले दिन मुझे पद्मि नी से भी मिलना था अब आँखे भी भारी भारी होने लगी थी तो फिर आके बिस्तर मे पड़ गया और नींद ने किसी माँ के आँचल की तरह मुझे अपने आगोश मे ले लिया

अगले दिन जब मैं उठा तो मन कुछ ज़्यादा ही प्राफ़्फुलित सा हो रहा था फॉरमॅलिटीस को निपटा ते निपटाते 9 बज गये थे तो मैं वॉर्डन रूम मे गया और उस हवलदार को बता कर पद्मिमनी के घर की तरफ चल पड़ा दिसेंबर की वो सर्द सुबह थी और ठंड तो इतनी पड़ रही थी उस दिन की बस पूछो ही मत उपर से वो तेज हवा के झोंके जो पूरे बदन मे ठंड की लहर दौड़ाए जा रहे थे मैने अपनी जॅकेट की चैन उपर तक चढ़ा ली और अपने काँपते हाथो को आपस मे रगड़ते हुए एक गीत गुनगुनाते हुए पद्मिपनी के घर की ओर हौले हौले बढ़ रहा था दिल मे उमंग थी कि चलो कुछ टाइम तो अच्छे से मिलेगा पद्मिकनी के साथ बिताने को


मैं अपनी धुन मे चला जा रहा था कि तभी किसी ने पीछे से मेरे बिल्कुल पास मे स्कूटी रोकी मैने मूड के देखा तो जाटनी थी उसने पूछा कहाँ जा रहे हो तो मैने झूठ बोलते हुए कहा कि आउट ऑफ कॅंपस जा रहा हू कुछ पर्सनल काम है तो वो बोली है, तेरा पर्सनल काम हमें नही बताएगा कही गर्लफ्रेंड से तो मिलने नही जा रहा है तो मैने कहा जब तू ही गर्लफ्रेंड नही बनी तो और कोई क्यो बनेगी तू अपना रास्ता नाप तो वो बोली यार तुम हमेशा इतने उखड़े उखड़े क्यो रहते हो मैने कहा यार मैं किसी इंपॉर्टेंट काम से जा रहा हू तू अभी मस्ती ना कर

वो बोली लो जी कर लो बात !! एक तो लोगो की हेल्प करो और फिर उनकी जली कटी सुनो भलाई का तो जमाना ही नही रहा मैने कहा यार अब तू अपना रास्ता नाप और मुझे फ्री कर वो बोली आजा एक एक कप कोफ़ी पीते है वैसे भी ठंड बहुत ही ज़्यादा है आज कुछ गप्पे लड़ाते है फिर तू निकल जाना मैने सोचा कि ये ऐसे पीछा तो छोड़ेगी नही और उपर से कड़ाके की ठंड तो कोफ़ी तो बनती ही थी तो मैने हाँ कह दी मैने कहा आज तू पीछे बैठ स्कूटी मैं चलाउन्गा तो वो बोली आराम से चलाना कही गिरा ना दियो पता नही तुझे चलानी आती भी है या नही

तो मैने कहा घर पे बुलेट है बावली चोरी और जब पाछे तेरे जैसी हूर परी बैठी हो तो तू खुद ही समझ ले तो वो बोली बात ना कर अर चाल अब आगे नै जाटनी की ये ही तो बात बड़ी अच्छी लगती थी इतनी हाइ फॅशनबल लड़की थी वो पर जब कभी कभी इस तरह ठेठ देसी अंदाज मे बात करती थी तो दिल पे कटार ही चल जाया करती थी

कोई दस पंद्रह मिनट बाद हम दोनो कॉफी शॉप मे एक दूसरे के आमने सामने बैठे थे यहाँ आकर सर्दी से थोड़ी राहत मिली आज उसका गोरा मुखड़ा बड़ा ही चमक रहा था तो मैने कहा आज तो बड़ी चोखी लाग री सै किस पे बीजली गिरावे गी तो वो बोली तू रहण ही दे फालतू मे मक्खन ना लगा मैने कहा यार अब तारीफ भी ना करूँ तो वो बोली तेरी तारीफ़ ना चाहिए मन्ने तो मैं बोली फिर क्या चाहिए तुझे वो बोली कुछ ना चाहिए सै मैं जीसी सू बढ़िया सू तू तेरी देख मैने कहा यार करले ना दोस्ती , वो कहने लगी


तुझे बताया तो था ना कि नही करूँगी तो मैने कहा ईव यहा क्यो बैठी है मेरे साथ तो वो बोली वो तो मैं ऐसे ही आ गयी मैने उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया और कहा कि करलेणा दोस्ती तो वो बोली के करेगा मेरे से दोस्ती करके आज तू बता ही डाल मैं बोला दोस्ती करके क्या करते है तो वो बोली मैं अच्छे से जानती हू फ़ौजी लोगो की फ़ितरत को वो बस फ्रेंडशिप करते है खाली एंजाय करने के लिए और फिर पोस्टिंग का बहाना करके निकल लेते है

बता फेर के फ़ायदा दिल लगाने का जब मन्ने तेरे से घने ही सुथरे छोरे लाइन लगा के मिल रहे सै तो मैने कहा यार मैं दिल लगाने के लिए नही कह रहा हू दोस्ती के लिए कह रहा हू तो वो मेरी बात को काट ते हुए बोली कि ऐसा ही होता है कुछ दिन दोस्ती का नाटक होगा फिर हाथ पकड़ लेगा फिर चूमा चाटी फिर बात बिस्तर पे आ जाएगी कुछ झूठे वादे होने और फिर एक दिन खिसक जाएगा और मैं रह जाउन्गी खाली हाथ और फिर सारी जिंदगी सोच सोच के परेशान बस यही बात है बता के मैं ग़लत कह रही सूं
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,509,383 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,343 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,235,340 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 934,051 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,658,759 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,085,201 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,958,163 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,079,208 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,041,153 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 285,713 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)