Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 12:23 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
बारिश अब और अंदर तक आने लगी थी तो हम पेड़ो के और अंदर चले गये यहाँ कुछ गर्मी भी थी और थोड़ा सूखा भी था तो कुछ आराम मिला उर्वशी कहने लगी कि अच्छा होता जै कभी तेरा मूह ना देखती मैने कहा जो कहना है कह ले निकाल ले तेरे मन की सारी भडास तो वो बोली जा कामीने तू जी अपनी जिंदगी मेरी फिकर ना करियो पर जाने से पहले एक काम कर्दे मुझे तेरे रंग मे रंग दे




ये उसका खुला निमंत्रण था मेरे लिए . उर्वशी का को मेरे जवाब का इंतज़ार था वो बोली अब इतना भी ना कर सकेगा मेरी खातिर तो मैने कहा जान भी माँग के देख एक पल मे दे दूँगा तेरे लिए पर मैं तुझसे प्रीत नही लगाउन्गा मुझमे इतनी हिम्मत नही है कि मैं तेरी प्रीत निभा पाऊ पर वो भी मगरूर जाटनी थी लगी बहस करने उसने कहा एक बात बता




मैने कहा दो पूछ वो बोली तेरा मेरा फिर क्या रिश्ता ये सुनते ही मुझे कुछ याद आ गया यही सवाल मैने कभी प्रीतम से पूछा था प्रीतम की याद आते ही दिल भी साला एमोशनल हो गया मैने अपनी आँखे पोन्छि और कहा कभी मैने भी किसी से यही बात पूछी थी मैं तेरे सवाल का जवाब ज़रूर दूँगा बस सांस लेने दे ज़रा




उर्वशी बोली अब बता भी दे मैने कहा तेरा मेरा रिश्ता ऐसा जैसे कि नदी के दो किनारों का साथ भी है और जुदाई भी है तेरा मेरा रिश्ता एक पवित्र बंधन है जो अनचाहे ही बँध गया है शायद तू समझ गयी होगी मैं बेचैन हो गया था मुझे लग रहा था कि कही इस दीवानी की तपिश मे कही मैं पिघल ना जाउ उर्वशी आज पता चल रहा था कि कैसे ऋषि विश्वामित्र को डिगा दिया था उसने





मैने कहा प्रेम-कहानियाँ उर्वशी , प्रेम कहानियाँ कुछ ऐसी ही है तेरी मेरी ये छोटी सी कहानी अगर इसको यही पे ना रोका गया तो तूफान आ जाएगा तेरा ना बिगड़ेगा कुछ पर मैं बह जाउन्गा और मेरे साथ मेरी प्रेयसी भी अब तू ही बता मैं क्या करूँ कैसे उसका हाथ छोड़ कर तेरा हाथ पकडू तो वो बोली तू जी अपनी जिंदगी मैं भी जी ही लूँगी किसी ना किसी तरह से




मैने उसके हाथ चूमे और कहा पर तू इस दिल मे हमेशा रहेगी दोस्त बनके अंधेरा घिरने लगा था और बारिश भी कुछ मंद हो गयी थी तो मैने कहा आजा अब चलते है तो फिर मैने स्कूटी स्टार्ट की और चल पड़े वापिस अपनी मंज़िल की ओर कुछ तो दिल पे बोझ और मोसम बेरहम और कुछ ये हसीन साथ उसका उसकी हर एक धड़कन अब भी जैसे मुझसे कई सवाल पूछ रही हो




जैसे तैसे अकॅडमी पहुच गये गेट पे एंट्री को लेकर बहस हुई तो उर्वशी ने मोर्चा संभाला उसने मुझे मेरे होस्टल के बाहर ड्रॉप किया और बोली तेरा फोन नंबर तो दे दे अब कदे कदे बात करन ते ना रोकियो इतना हक तो दे दिए मैने कहा हाँ ज़रूर नंबर लेने के बाद वो चली गयी और मैं उसको देखता ही रहा पता ही नही चला कब आँखो से दो आँसुओ ने गिरकर गालो को चूम लिया




उर्वशी चली तो गयी थी पर साथ मेरा चैन-सुकून भी ले गयी थी आज की रात भारी होने वाली थी पर अगर हम इतने ही कच्चे होते तो यहाँ आर्मी मे ना आते फोजी का सबसे बड़ा गुण यही होता है कि वो अपनी फीलिंग को दूसरो से बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकता है भूक ने दस्तक दे दी थी पेट मे डिन्नर टाइम भी ऑलमोस्ट हो ही गया था तो फटा फट मैने कपड़े चेंज किए और मेस मे पहुच गया




खाना खाने के बाद मैं वापिस आया तो सोचा कि घर पे फोन ही करलू तो पता चला कि फोन तो काम ही नही कर रहा है बारिश मे भीगने से ये खराब हो गया था ये नयी प्राब्लम हो गयी आउटपास आज ही तो लिया था तो नया फोन खरीदने जाने का सवाल ही नही था तो एक ठंडी आह भारी और सो गया

अगली सुबह और भी परेशानी सी भरी थी चूँकि अब लास्ट टाइम रेहेर्सल्स ही चल रही थी तो बड़े बड़े ऑफिसर्स परेड का इनस्पेक्षन करने आते थे बड़ी ही सावधानी रखनी पड़ती थी दोपहर तक हालत खराब हो गयी थी पर ये लास्ट एक हफ़्ता तो किसी ना किसी तरह से अड्जस्ट करना ही था मोबाइल खराब होने से मैं थोड़ा सा अजीब महसूस कर रहा था



शाम को ऑफ टाइम मे मैं पहुच गया अपने अड्डे पर मैने सॅंडविच का ऑर्डर दिया और अपनी कुर्सी पर बैठ गया कुछ ही देर मे उर्वशी भी आ गयी उसने कहा कि मैने तुझे फोन किया था पर मिल ही नही रहा था तो मैने उसको बताई कहानी तो वो बोली कि कोई ना मैं कल जब कॉलेज जाउन्गी तो तेरे लिए नया मोबाइल खरीद लाउन्गी तू बता कॉन सा लेगा



मैने कहा जो भी तुझे अच्छा लगे ले आना फिर हमारी बाते शुरू हो गयी उसके साथ टाइम पता नही कब निकल जाता था पता ही नही चलता था फिर मैने कहा आ एटीएम तक चलते है मैं तुझे पैसे भी दे देता हू वो बोली रहने दे मैं बाद मे ले लूँगी मैने कहा ठीक है फिर हम अपने अपने रास्ते हो लिए
Reply
10-07-2019, 12:23 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अगला दिन भी भाग दौड़ के साथ आया जब मैं नाश्ता करने के लिए जा रहा था तो मूर्ति सर ने कहा कि शाम को तुम्हारी भाभी ने तुम्हें घर बुलाया है टाइम से आ जाना मैने कहा सर कोई खास बात है क्या तो वो बोले कि आज मेरे बेटे का बर्थ’डे है मैने कहा ये तो बहुत ही अच्छी बात है सर मैं आता हूँ



तभी मुझे कुछ सूझा मैने कहा सर दो मिनट के लिए आपका फोन यूज़ कर सकता हूँ क्या मेरा फोन खराब हो गया है सर का फोन लेके मैने उर्वशी को कॉल किया और कहा कि शाम को तू फ्री रहना मेरे साथ तुझे कहीं चलना है और शाम को तू एक काम कर एक बच्चे के लिए दो-चार बढ़िया वाले कपड़े खरीद लेना साइज़ ये होगा **** और एक बड़ा सा केक भी मस्त वाला मॅनेज कर लेना




वो पूछती रही कि किसके लिए तो मैने कहा तू अभी सवाल ना कर ऑफीसर के फोन से कॉल कर रहा हू शाम को मिलते है तो वो बोली तू चिंता ना कर काम हो जाएगा तो फिर पूरा दिन गान्ड घिसने के बाद शाम को 6 बजे मैं रेडी हो कर शॉपिंग सेंटर पर चला गया आधे घंटे बाद उर्वशी भी दन दनाती हुई आ गयी और बोली ले तेरा मोबाइल सबसे पहले




मैने कहा इसको रख ले बाद मे ले लूँगा वो बोली इतने प्यार से लाई हू खोल के तो देख नोकिया का एन72 मोबाइल जो उस जमाने मे काफ़ी हिट था मैने उसको थॅंक्स कहा आज भी वो मोबाइल रखा है मेरे सामान मे एक याद के रूप मे खैर, मैने कहा अब तू पीछे बैठ और मुझे चलाने दे और मैने स्कूटी दौड़ा दी पद्मिदनी के घर की ओर




मैने स्कूटी रोकी पहुच कर और उर्वशी को सारा समान लेकर आने को कहा गेट खुला तो था ही हम पहुच गये अंदर पद्मिकनी ने हमारा वेलकम किया पद्मिेनी ने उर्वशी को वेलकम ड्रिंक सर्व किया और मुझे अंदर आने को कहा जैसे ही मैं अंदर गया भाभी के सवाल शुरू हो गये पूछने लगी कि ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड है मैने कहा नही बस दोस्त है भाभी नॉटी स्माइल देते हुए बोली इसको भी लपेट दिया क्या तो मैने कहा क्या आप भी




फिर थोड़ी देर बाद हम सबने मिलकर डेकोरेशन की और तैयारिया करने लगे तब तक उनका बेटा और मूर्ति सर भी आ गये फिर केक काटा गया और मस्ती शुरू हो गयी छोटी सी पार्टी थी कुछ ही लोगो को बुलाया गया था पर मुझे बहुत अच्छा लगा था इस परदेश मे बस ये तो था अपना छोटा सा परिवार तो फिर मैने कहा भाभी जल्दी से डिन्नर करवाओ मुझे तो निकलना होगा




आजकल नींद पूरी नही हो पाती थी और फिर लाइट्स ऑफ होने से पहले ही वापिस जाना था भाभी बोली कि तुम लोग किचन मे आओ जब हम गये तो भाभी ने प्लेट्स लगा दी और मैं और उर्वशी एक ही प्लेट मे खाना डाल कर खाने लगे वो भी क्या दिन थे आज बस तरसते है उन लम्हो के लिए बड़े से बड़े रेस्टोरेंट मे खाना खरीद सकते है पर वो प्यार कहाँ मिलता है पाता बताना ज़रा




भाभी ने कई चीज़े बनाई थी और वो भी घर पे बनी हुई तो खाने का मज़ा दुगना हो गया था एक बेहद ही मस्त टेस्टी डिन्नर के बाद उर्वशी बोली मैं बाहर वेट कर रही हूँ तुम जल्दी ही आ जाना मैने कहा अभी आया मैने इशारे से भाभी को अपने पास बुलाया और कहा कि कुछ जुगाड़ करो ना तो वो बोली कि मेरा बेटा है इधर तो पासिबल नही है



अपना तो दिल ही टूट गया मैने कहा कोई नही भाभी फिर उनसे विदा लेकर मैं बाहर आ गया उर्वशी ने स्कूटी स्टार्ट कर ली तो मैने कहा बंद कर इसको पैदल ही चलेंगे तो वो बोली यो के साइकल है मैने कहा मुझे दे मैं घसीटता हू इसको तो मैं स्कूटी को घसीटने लगा उर्वशी बोली ये लोग तुमको बड़ा मानते है मैने कहा यहाँ ये ही मेरी छोटी सी फॅमिली है जिसमे अब तुम भी हो



वो बोली छोरे तू भी ना अपने अंदर ही एक अलग ही दुनिया समेटे चले है भगवान से वो छोरी जिसने साजन के रूप मे तू मिलया सै अर म्हारी फूटी किस्मत जो तू पहलया ना मिला मैने कहा कोई ना अगली बार तेरा ही पति बनूंगा उर्वशी हँसने लगी और बोली मैं तो मीरा बानगी मेरे मोहन तेरे लिए अब तू माने ना माने मैने कहा ख़ुसनसीब होगा वो जिसकी तू दुल्हन बनेगी



वो बोली तू ही बना ले ना मने दुल्हन अर बन ज्या ख़ुसनसीब कसम खाऊ सूं जै तन्ने एक भी शिकायत का मौका दे दूं तो मैने कहा यार अब फिर से वही टॉपिक ना शुरू कर और मस्ती से जी वो बोली वैसे तूने अच्छा किया जो मुझे भी तेरी खुशियो मे थोड़ा हिस्सा दिया मैने कहा तू भी बन जा मेरे जैसी वो बोली ना रे मैं कित बन सकूँ सू तेरे सी

बात करते करते मैने उसको उसके घर तक छोड़ा और फिर तेज तेज कदमो से चलते हुए पहुच गया होस्टल मे तो दोस्तो ऐसे ही वो हफ़्ता भी गुजर ही गया और मेरी पासिंग आउट का दिन आ ही गया ये मेरी ज़िंदगी का एक बेहद इंपॉर्टेंट दिन था आज मैं पूर्ण रूप से फ़ौजी अफ़सर बन जाने वाला था सुबह से ही खुद को शाहरूक़ ख़ान से कम ना समझ रहा था मैं



फोन मे मिथ्लेश का एसएमएस था कि वो बस थोड़ी ही देर मे अकॅडमी मे पहुच जाएगी मैं नहा कर आया और फाइनल तैयारी कर ही रहा था की पापा का फोन भी आ गया उन्होने कहा कि बेटे हम लोग आ गये है और कुछ देर मे अकॅडमी मे आ जाएँगे आज का दिन ही मस्त था सब कॅडेट्स की फॅमिलीस आज आने वाली थी अकॅडमी का माहॉल आज अलग सा लग रहा था



आज मैने ने ड्रेस पहनी आज मेरे रोम रोम मे एक नया अहसास हो रहा था और फिर थोड़ी देर बाद मैं पहुच गया ग्राउंड मे सभी गेस्ट्स अपनी अपनी जगह ले चुके थे प्रेसीडेंट हमारे चीफ गेस्ट थे तो फिर शुरू हुआ अंतिम सफ़र हर एक लम्हे के साथ यहा गुज़रे हुए पल याद आने लगे दिल मे एमोशन्स भी थे तो खुशी भी थी अपने परिवार का पहला लौंडा जो ऑफीसर बना मैं
Reply
10-07-2019, 12:23 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
आज मेरी गर्दन कुछ ज़्यादा ही ऊँची हो गयी थी बहुत गान्ड घिसी थी मैने इस लम्हे के लिए आज धूप मे भी एक खनक थी हमारे जोश से आज इंडियन मिलिटरी अकादमी भी आज झूम उठी थी और फिर आख़िर हमने आख़िरी पग भी ले ही लिया स्टार्स शोल्डर्स पर लग गये थे कसम परेड ख़तम हो गया थी अब टाइम था फॅमिली से मिलने का



मैं दौड़ कर गया तो देखा कि पूरी फॅमिली ही आ गयी थी मम्मी, पापा , चाचा-चाची, चाची का पेट बाहर को फूला हुआ था प्रेग्नेन्सी की हालत मे भी वो मेरे लिए आ गयी थी ताऊ-ताइजी रवि-अनिता साक्षी गुड़िया भी थोड़ी बड़ी और हो गयी थी मेरी आँखो मे आँसू आ गये पर नज़रें अभी भी किसी को ढूँढ रही थी जब वो चेहरा दिखा तो दिल को ठंडक मिली



मिता, मेरी जान एक कोने मे कुर्सी पर बैठी थी मैं दौड़ कर गया और उसका हाथ पकड़ कर ले आया भाभी तो उसको देखकर ही खुश हो गयी मिता ने सर पर चुन्नी डाली और सबके पैरो को स्पर्श किया अब पापा और भाभी तो मिता को जानते थे पर मम्मी को कुछ समझ ना आया तो वो बोली ये लड़की कॉन है तो मैने कहा पापा से पूछ वो बताएँगे



तो पापा ने बात टालते हुए कहा कि ये इसकी दोस्त है मम्मी मुझे घूर्ने लगी अब माँ तो माँ होती है ना हम लोग बात-चीत कर ही रहे थे कि तभी उर्वशी ने भी दर्शन दे दिए आते ही बोली कि सॉरी यार थोड़ा लेट हो गयी अब घरवाले मूह फाडे तो मैने कहा कि पापा ये उर्वशी है और परिचय करवाया आज का दिन बन गया था मेरा पापा ने बताया कि वो गाड़ी बुक कर के लाए है और रात तक वापिस निकल जाएँगे



मैने कहा एक दो दिन तो रुक जाते तो उन्होने कहा कि मजबूरी है बस आ गये किसी तरह से ये ही बहुत है मम्मी बोली अब छुट्टी कब आएगा तो मैने कहा अभी कुछ पता नही जब मिलेगी तब आ जाउन्गा अकॅडमी मे ही आज लंच का इंतज़ाम था विदाई की दावत थी तो हम सब लोग लंच के लिए चले गये मिता अनिता भाभी से चिपकी हुई थी उर्वशी बोली कि वो शाम को मिलेगी और खिसक ली



शाम ढलते ढलते घरवाले भी रवाना हो गये अब बचे दो पंछी मैं और मिता मैने कहा मिता तू तो रुकेगी ना तो वो बोली कि हम 1-2 रुक जाउन्गी तो मैने कहा आ मैं तेरा जुगाड़ करता हू मैने पद्मिीनी को फोन किया और कहा कि भाभी मिथ्लेश आई है क्या दो दिन आपके घर रुक जाए तो भाभी ने कहा अरे ये भी कोई कहने की बात है तू उसको यहाँ ले आ



मैने कहा अभी आया भाभी और मिता को कहा कि आजा तेरे रुकने का इंतज़ाम हो गया है मिता बोली फालतू मे तकलीफ़ कर रहे हो मैं होटेल मे रूम ले लूँगी मैने कहा मेरी जान ठहर जा इधर ही और देख कि आर्मी लाइफ कैसी होती है आगे तुझे भी तो ऐसे ही माहौल मे रहना है तो वो बोली कि अब बातों मे तो तुमसे कोई नही जीत सकता चलो चलते है



पद्मि नी ने मिता का अच्छे से वेलकम किया और कहा कि तो वो तुम हो जिसने हमारे ऑफीसर का दिल चुराया है मिता शरमा गयी मैने कहा आप लोग बातें करो मैं चलता हू कल मिलते है रात पूरी आँखो आँखो मे कट गयी फोन मिता को जान के नही किया अगर रात भर बात करता तो अच्छा नही लगता क्योंकि वो किसी और के घर मे थी रात कटी तो सुबह हुई



आज का दिन फ्री था अब ना ट्रैनिंग की चिंता थी ना किसी और बात की एक दो दिन मे पोस्टिंग ऑर्डर्स हाथ मे आ जाने थे फिर पंछी उड़ जाना था नये बसेरे की ओर अब एक सुनहरा भविष्य बस दो कदम दूर ही खड़ा था आँखो मे हज़ार सपने थे एक छोटे से गाँव का लौंडा आज फौज मे लेफ्टिनेंट बन गया था और क्या चाहिए था ज़िंदगी से
Reply
10-07-2019, 12:23 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
सोच लिया था कल का पूरा दिन मिता के साथ ही बिताना था मुझे बस मैं और मेरी प्रेयसी कितने खूबसूरत होंगे वो पल जब मैं उसका हाथ थामुन्गा पता नही क्या क्या सोच लिया था मेरे अधीर मन ने बस इंतज़ार था अगली खूबसूरत सुबह का पर वो कहते है ना कि जब लगन लगी तो इश्क़ की तो फिर क्या दिन क्या रात पर थोड़ी मजबूरी थी तो फिर बस सोना ही था

सर्दी की लंबी रात बेशक थी पर दिन भी होना ही था मैं पोस्टिंग ऑर्डर लेने गया तो पता चला कि अपनी पोस्टिंग रॅस्टरिया रायफ़ल्स मे हुई है और लोकेशन मिली जंबू&कश्मीर जिसे इंडिया का स्वर्ग भी कहा जाता है एक हफ्ते बाद मुझे बटालियन मे जाय्न करना था मेरी इच्छा थी कि देल्ही या अलवर मिल जाए तो घर भी जाता रहूँगा आउटपास से पर हमारी कॉन सुने तो कागज़ी कार्यवाही पूरी की ओर रिलीव हो गये अकॅडमी से इन सब कामो मे दोपहर हो गयी


अपने रूम मे आया सारा सामान पॅक-सॅक किया कल मुझे कह देना था अलविदा इस जगह को ना जाने क्यो गला थोड़ा भारी भारी सा हो गया इतने दिन इस रूम मे निकले थे जी भर कर देख लेना चाहता था मैं इन दीवारो को कुछ देर बाद मैं चल पड़ा पद्मििनी के घर सुबह से कुछ खाया भी नही था तो पेट मे भी चूहे दौड़ रहे थे तो मैं दौड़ गया उधर



मिता बोली मैं कब से इंतज़ार कर रही हू फोन भी नही पिक किया तुमने तो मैने कहा सांस तो लेने दे और थोड़ा पानी पीनेके बाद सोफे पर बैठ गया पद्मििनी भी हमारे पास आकर बैठ गयी तो मैने कहा कि जम्मू कश्मीर मे पोस्टिंग मिली है ये सुनकर मिता थोड़ी परेशान हो गयी वो बोली और कही नही ले सकते थे क्या अब कों समझाए कि अपनी कहाँ चलती है




मैने पद्मि नी को कहा कि भाभी भूख लगी है कुछ खिला दो भाभी बोली मुझे पता था कि तुम यही आओगे तो तुम्हारी पसंद का खाना बनाया है मैने कहा मिता आओ खाना खाते है तो उसने कहा कि वो खा चुकी है पहले ही खाने के बाद मैं मिता को लेकर घूमने चला गया जम के खरीदारी की उसका साथ हमेशा से ही अच्छा लगता था




मैं हमेशा से ही चाहता था कि हर पल मैं बस उसके साथ ही जियुं हर सच-दुख बस उसके साथ ही बाटू फिर हमने बाहर ही डिन्नर किया और रात होते होते वापिस आ गये कॅंपस की सुनसान सड़को पर हम दोनो चल रहे थे मिथ्लेश किसी चिड़िया की तरह चहक रही थी जी मे आया कि इसको अपनी बहो मे भर लू हमेशा के मैने उसका हाथ पकड़ा और उसको अपनी ओर खीच लिया मिता बोली क्या कर रही हो हम रोड पर है




मैने कहा फिर क्या हुआ अपनी वाइफ को छूने मे कैसा डर उसकी गरम साँसे जो मेरे चेहरे से टकराने लगी थी उस सर्दी की ठंड मे जैसे एक गरम झोंका ले आई मैने उसकी कमर मे हाथ डाला और उसको अपने से चिपका लिया उसके हाथो से समान के बॅग्स नीचे गिर पड़े सुनसान सड़क पर दो पागल प्रेमी एक दूसरे की बाहों मे भाए डाले खड़े थे उसकी धड़कन मेरी धड़कन से बाते करने लगी थी



मिता ने अपना सर मेरे सीने मे छुपा लिया मैं अब क्या बताऊ मेरे दोस्त, जो कुछ मैने उस पल महसूस किया जिस्मो से तो मैं खेलता ही रहता था पर ये जो मेरी रूह थी ना वो बस मिथ्लेश की ही दीवानी थी कितना टूट कर मैं चाहता था उसको और आज भी चाहता हू पता नही कितनी देर हम एक दूसरे की बाहों मे लिपटे खड़े रहे ना जाने क्या बात कर रही थी मेरी रूह उसकी रूह से



मैं तो बस उसके इश्क़ मे फन्ना हो जाना चाहता था मैं चाहता था कि बस मेरी ज़िंदगी चाहे हो लंबी हो या एक पल की हो बस मिथ्लेश की बाहों मे ही सिमट जाए और मेरी मुहब्बत अमर हो जाए मेरा दिल मेरा कहाँ रह गया था अब जब कुछ होश आया तो मिथ्लेश मुझसे अलग हुई और अपने हालातों पे काबू पाया और समान उठाने लगी मैने कहा ,,,,,,,,,




मिता ये कब तक चलेगा वो बोली क्या मैने कहा मेरी तड़प को यू नज़र-अंदाज ना कर ज़ालिम आ इश्क़ को मेरे किसी मुकाम पर पहुचा दे मिता बोली आ जा मेरे घर डोली लेके मैं कब मना कर रही हू मैने कहा कि आ इधर ही मंदिर मे शादी कर लेते है तो वो बोली कि इतनी तो शरम अभी बाकी है मुझमे प्यार किया है कोई चोरी नही की अपनी बना ना है तो ले आईओ बारात मेरे घर ठाकुरानी हू वादा किया है तेरी ही चूड़ी पहनुँगी चाहे कुछ भी हो जाए




और भाग कर फिर से मेरी बहो मे समाती चली गयी , उसकी यादो से आँख भर आई तो मिनट रुक के ज़रा आँख पोछ लू फिर लिखता हू तो जब मुझे लगा कि उसके जिस्म की तपिश से कही मैं बहकने ना लगूँ तो मैं उस से दूर हो गया और हम मूर्ति सर के घर की ओर चल पड़े अंदर गये तो भाभी सर को डिन्नर परोस ही रही थी हमे देख कर वो बोली आओ कितनी देर लगा दी तुमने




आओ जल्दी से बैठ जाओ मैं अभी परोसती हू वैसे तो हम बाहर से खाकर ही आए थे पर मिता को फॅमिली रिलेशन्स की बड़ी समझ थी और फिर इस परिवार ने मुझे बड़ा सहारा दिया था तो हम भी बैठ गये फिर काफ़ी देर तक बाते की अब मुझे जाना था तो सबको गुडनाइट बोल के मैं निकल पड़ा अगले दिन मिता को जाना था ये कैसा मिलन था हमारा जहा जुदाई ही जुदाई थी
Reply
10-07-2019, 12:24 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अब उसको जाना था तो उसको मैं बस स्टॅंड छोड़ आया वापिस आ रहा था तो उर्वशी का फोन आया उसने पूछा कहाँ है तू तो मैने बताया उसने कहा मैं आती हू तुझे पिक करने थोड़ी देर बाद उसने मुझे पिक किया और बोली कि मेरे साथ मेरे कॉलेज चलेगा तो मैने कहा मेरा क्या काम वो बोली आ भी जा यार मेरे लिए इतना भी नही करेगा



तो मैने कहा ये बात है तो चल फिर और हम पहुच गये कॉलेज मे वो किसी प्राइवेट कॉलेज मे पढ़ती थी हाइ रंगे वाले मे तो वहाँ अलग ही दुनिया बसी हुई थी गया तो मैं भी था कॉलेज मी कुछ दिन पर कहाँ सरकारी वाला और कहाँ इसका वाला वो मुझे कॉलेज घुमाने लगी एक दो उसके दोस्तो से भी मिला फिर हम कॅंटीन मे आकर बैठ गये




वो पूछने लगी कि कब जाओगे मैने कहा 8 इन का टाइम है जाय्न करने को सोच रहा हू कल निकल जाउ उर्वशी ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखा और बोली कि एक चीज़ मंगु तो देगा मैने कहा बस मे होगी तो दे दूँगा वो बोली कि एक दिन मेरे साथ रहेगा मैने कहा तेरे साथ ही तो हूँ उसने कहा नही मेरे घर पर चलेगा क्या मैने कहा चल पड़ूँगा




तभी मुझे ख़याल आया कि यार क्या पता इस सुथरी छोरी से कभी मिलना होगा या नही आगे ज़िंदगी मे इसको भी कोई गिफ्ट देना चाहिए तो मैने कहा तू क्लास अटेंड करेगी वो बोली ना आज मैं ऑल क्लास बंक कर गयी हू तो मैने कहा आ फिर बाज़ार चलते है मुझे थोड़ा काम है पहली मैं बॅंक गया कुछ पैसे लिए फिर मैं उसको लेके एक सुनार की दुकान पे गया




मैने कहा उर्वशी जो भी तुझे लेना है ले ले मेरी गिफ्ट है तुझे तो वो बोली कि मंगल सुत्र ले दे मुझे तेरे नाम का मैने कहा सीरीयस हो जा वो बोली मुझे कुछ ना चाहिए मैने ज़िद्द की और उसके लिए एक जोड़ी मस्त पायल ले ही ली उर्वशी बोली तू ही पहना दे मैने कहा ना यार मैं ना पहना सकूँ तू ही पहनले फिर बात करते करते हम थोड़ा आगे की ओर आ गये




पता नही क्यो मेरा दिल कर रहा था कि उर्वशी का साथ हमेशा ही बना रहे पर मुझे तो जाना ही था दिल मे एक विचार आया कि यार मुस्लिम होते तो सही रहते 3-4 ब्याह तो कर लेते पर ऐसा कुछ होना नही था तो पूरा दिन उसके साथ यहा से वहाँ भटकता रहा शाम को 4 बजे हम कॅंपस मे आए उसने कहा की रिलीविंग ऑर्डर लेते ही मुझसे फोन कर दिए




मैने कहा ठीक है और मैं अपना काम करने चला गया जो भी उधार शुधार था चुकता किया अपना सारा सामान संभाला और अपने पेपर्स कलेक्ट कर के कह दिया अलविदा इस अकॅडमी को मैने सोचा कि एक दिन पद्मिलनी को रागडूंगा फिर निकल लेंगे जम्मू कश्मीर अब करंट मे रिज़र्वेशन भी नही हो सकता था तो जनरल बोगी मे ही लटक पटक के चले जाउन्गा




शाम 6 बजे मैने उर्वशी को फोन किया और कहा कि आजा तो कोई दस पंद्रह मिनट बाद वो मुझे लेने आ गयी और मैं बैठ गया उसकी स्कूटी पर मैने कहा मुझे पद्मिानी भाभी के घर ड्रॉप कर्दे वो बोली तू मूह बंद कर और चुप करके बैठ और कभी दाई कभी बाए मुड़ते मुड़ते आ गये एक बंग्लॉ के पास तो पता चला कि ये उर्वशी का घर था




उसने मेरी ओर देखा और कहा कि के देखे सै आजया अंदर उसने लॉक खोला और मुझे अंदर ले आई मैने कहा तेरे घरवाले कहाँ है तो उसने कहा कि मम्मी-पापा रोहतक गये सै एक शादी मे 3-4 दिन मे आएँगे मैने कहा और तू मुझे यहाँ ले आई ये तूने ठीक नही किया वो बोली के ठीक ना कारया इब के तू मेरा मेहमान भी ना बनेगा तो मैने कहा वो बात नही है पर




वो बोली पर वर कुछ ना इतनी तो कृशन जिब ही राधा नै ना तडपाया जितना तू मने तड़पावे सै इतना हक भी कोन्या के तू मेरे धोरे एक दिन रह सके मैने कहा यार चल तू जीती मैं हारा ठीक है पर अब मने कुछ बना के भी खिला भूक लगी पड़ी सै तो वो बोली कि मेरे साजन बता के खावेगा वो भी खुवाउन्गी तू बस हुकम कर मैने कहा कुछ भी पड़ा हो वो ही ले आ




उसने कहा तू बैठ मैं अभी तेरे लिए कुछ बनाती हू और किचन मे चली गयी मैं उसके घर को देखने लगा पहली नज़र मे ही पता चलता था कि किसी कड़क ऑफीसर का घर है बड़े ही करीने से हर चीज़ सजाई गयी थी मैने अपने जूते खोले और आँख बंद करके बेड पर लेट गया पालक झपकते ही मुझे झपकी आ गयी और मैं पहुच गया मिथ्लेश के पास सपने मे




थोड़ी सी देर ही सोया था कि किसी ने मुझे जगा दिया मैं कच्ची नींद मे था और उपर से मिथ्लेश का सपना था तो मैने उसको अपनी बाहों मे खीच लिया और अपने उपर लिटा लिया तो वो मुझ से दूर हो गयी और मुझे खड़ा कर दिया मैने जैसे तैसे आँखे खोली और देखा कि उर्वशी मेरे सामने खड़ी है तो मैने कहा क्या हुआ वो हंसते हुए बोली कि कुछ ना मेरा बालम मने साथ सूवा वे था



मैने तुरंत उसको सॉरी कहा और हाथ मूह धोने बाथरूम मे चला गया हाथ मूह धोकर आया और देखा कि उसने सॅंडविच और चाइ बना दी थी उसने कहा कि अभी ये खाले डिन्नर मे कुछ मस्त बना के खिलाउन्गी, मैने कुछ ही देर मे नाश्ता ख़तम कर दिया मैने गोर किया कि उसने कपड़े चेंज करके सूट सलवार पहन लिए थे मैने कहा अरे वाह! तू तो सलीकेदार कपड़े भी पहनती है तो उसने कहा कि घर मे हमेशा वो ये ही पहनती है




फिर वो मेरे पास आकर बैठ गयी और उसकी जाँघ मेरी जाँघ से टच होने लगी थी तो मेरे बदन मे झुरजुरी होने लगी पता नही मुझे क्या हो गया था चूत खुद न्योता दे रही थी परंतु मैं कुछ करना नही चाहता था उर्वशी मुझ से और भी सट गयी और मज़े लेते हुए बोली मेरे प्यारे बलम शरमा क्यू रहे हो कभी किसी नारी को टच नही किया क्या



मैने कहा किया है ना टच भी और ……… तो वो बोली और क्या बता बता मुझे भी तो मैने कहा कि टच भी किया है और सेक्स भी किया है तो वो बोली अरे वाह! फ़ौजी तू बड़ा चालाक निकला ज़रा मुझे भी बता ना किस के साथ तूने रास लीला रचा ली क्या वो तेरी गर्लफ्रेंड थी मैने कहा ना री उसको तो छुआ भी ना आजतक तो वो उत्साहित होते हुए बोली फिर कित मोर्चा मार दिया तूने




मैने कहा तुझे बड़ी पड़ी है और दिखा तो ऐसे रही है जैसे कि तूने कभी ना किया हो तो उर्वशी बोली तेरी सौ मैने ना किया कुछ भी ऐसा मैं तो 16 आने टंच हूँ मैने कहा जा झूठी के तेरा कोई बाय्फ्रेंड ना बना तो वो बोली तू बना है ना इब तन्ने जै टच करली हो तो अलग बात सै बाकी और किसी की के हिम्मत जो मने देख भी ले वा तो तू ही सै जो इस दिल ने काढ़ ले गया

मैने कहा ठीक है जो ना किया कुछ ना रखा बस इक प्यास है जो जितना बुझाओ उतना ही भड़क जाती है उर्वशी अब मेरे इतना पास आ गयी थी कि उसके होठ मेरे होंठो से बस मामूली दूरी पे थे तो उसने कहा कि फोजी मैं तेरे ते कुछ कहना चाहू सूं मैने कहा फेर बोल ना घबरान आली के बात सै तो उर्वशी बोली कि मने आज आज तेरी दुल्हन बना ले
Reply
10-07-2019, 12:24 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा यार पागलों जैसे बात ना करा कर तू बस मेरी दोस्त है तो दोस्ती की हद मे रह मने कल जानो सै शान्ती से निकल जान दे उर्वशी बोली इक आखरी निशानी तो दे जा फ़ौजी मैने कहा यार देख मैं एक सामान्य आदमी हू अगर मेरी इच्छा भड़क गयी ना तो मेरे से कंट्रोल ना हो सकेगा फिर और जोश उतरा पाछे तू भी मने ही दोष देगी



रात भी घिर आई थी टाइम 8 के करीब हो रहा था तो मैने कहा आजा चल बाहर घूमने चलते है और फिर हम तैयार होकर सिटी नाइट का मज़ा लेने चल पड़े उर्वशी बहुत ही एनर्जेटिक लड़की थी तो उसके साथ माहौल हमेशा खुशनुमा बना रहता था हम दोनो एक ओपन रेस्टोरेंट मे पहुच गये मैं उसको कॅंडल नाइट डिन्नर करवाना चाहता था



उर्वशी बोली फ़ौजी जब तू मने प्यार ना करे तो इतने रोमॅंटिक माहौल मे क्यूकर ल्याया सै मैने कहा दिल किया तो ले आया बाते करते करते हम एंजाय करने लगे मैने कहा पेग शेक लिया करे के तो वो बोली ना रे बापू काढ़ देगा घर ते तो मैं हँसने लगा रात की खुमारी अपने शबाब मे थी पूरी रात रोशन थी हमारे चारो तरफ लव बर्ड्स लगे थे प्यार की पींगे बढ़ाने मे




उर्वशी भी पूरी कमीनि थी वो टेबल के नीचे से अपने पाँव को मेरे पाँव पर रगड़ने लगी तो मैने कहा यार छेड़ मत कर पर वो पागल जाटनी किसी की कहाँ मान ने वाली थी मैने कहा आजा आइस-क्रीम खाते है वो बोली सर्दी मे मैने कहा रे बावली आइस-क्रीम का असली मज़ा तो सर्दी मे ही है और ऑर्डर कर दिया पिघलती हुई आइस-क्रीम से भीगे हुए उसके होठ बड़े ही मादक लग रहे थे जी किया कि अभी अपने होंठो से निचोड़ लूँ पर फिर जाने दिया



ठंड भी अब सितम ढाने लगी थी और फिर उर्वशी जैसा माल साथ मैं सोच रहा था कि कही बहक ना जाउ और वो लगी थी मुझे सिड्यूस करने मे उसकी आँखो के नशे को पढ़ लिया था मैने रोमॅन्स मेरी नस-नस मे भरने लगा था तो कुछ देर और वहाँ बैठने के बाद मैने बिल पे किया और स्कूटी का कान मरोड़ दिया वापिस घर की ओर



वो मुझसे कतई चिपक कर बैठी थी जब कभी ब्रेक लगाना पड़ता तो उसकी चूचिया मेरी पीठ मे धसने को बेताब लगती और कुछ वो ज़्यादा अदा भी दिखा रही थी वो बोली एक राइड लगाते है फिर आराम से चलेंगे घर पर तो मैं सड़को पर ऐसे ही स्कूटी घुमाने लगा तभी जुलम देहरादून का मौसम और औरत का कॅरक्टर ना जाने कब फिसल जाए मूसलाधार बारिश आ पड़ी अब भीगने के सिवाय और कोई चारा ना था मैने स्कूटी घर की तरफ लहरा दी




आधे घंटे तक बारिश मे भीगते हुए हम उसके घर पहुचे तो वो अपने गीले कपड़े चेंज करने को बाथरूम मे घुस गयी और मैं इंतज़ार करने लगा पर काफ़ी देर हो गयी वो बाहर ना निकली मैने कहा यार आजा मुझे ठंड लग रही है दो चार बार आवाज़ लगाने पर वो बाहर आई पर जब वो बाहर आई तो मेरा लंड एक झटके मे खड़ा हो गया




उसने एक निक्कर और टी-शर्ट डाल ली थी ऑलमोस्ट उसके कुल्हो तक का हिस्सा पूरी तरह से मुझे दिख रहा था जब उसने देखा कि मैं बड़े ही गौर से उनके हुश्न को निहार रहा हू तो उसने कहा फ़ौजी कदे हॉट छोरी ना देखी के जा कपड़े बदल आ कदे ठंड से ना मर ज्याइए तू कपड़े बदलने के बाद मैने भी पयज़ामा डाल लिया और रज़ाई ओढ़ कर बैठ गया ठंड अब भी लग रही थी



उसने कॉफी बनाई और मेरा कप मुझे देते हुए वो भी रज़ाई की दूसरी साइड से पैर अंदर कर के बैठ गयी उसकी टाँगे मेरी टाँगो से टकराने लगी कॉफी पीते पीते हमारे जिस्म के हार्मोंस आक्टिव होने लगे वो अपने पैर से मेरी जाँघो के हिस्से को छेड़ने लगी थी मैने कहा यार मान जा तो वो बोली कि मैं के कर रही सू मैं तो बस कॉफी पी रही सूं




अब कितनी देर सहन करता ये तो मैने कंट्रोल किया हुआ था वरना अब तक तो पता नही कितनी बार चोद चुका होता इसको मैने भी शरारत करने की सोची और मैने डाइरेक्ट ही अपने पैर का अंगूठा जहाँ चूत होती है है वहाँ रख दिया और दबा दिया उर्वशी एक दम से खांस उठी मैने कहा क्या हुआ तो वो बोली कुछ ,…………. कुछ नही




थोड़ी देर हम ऐसे ही मस्ती करते रहे उसका सीना बार बार उपर नीचे हो रहा था मैं समझ गया था कि ये अब पिघल रही है तो मैने अपनी शरारत बंद कर दी और चुप होके बैठ गया उसने नशीली आँखो से मुझे देखा और कहा कि क्या हुआ रुक क्यो गया मैने कहा वैसे ही तो वो बोली करना मुझे अच्छा लग रहा था और अब वो उठ के मेरी वाली साइड पे आकर बैठ गयी




वो काँपति सी आवाज़ मे बोली फ़ौजी मैने कहा हूँ उसने मेरी आँखो मे देखा मैने उसकी आँखो मे देखा मेरी धड़कन जैसे रुक ही गयी और ठीक उसी पल उर्वशी ने अपने रसीले होंठो को मेरे होंठो से जोड़ दिया जैसे ही ये हुआ फिर मुझे कुछ याद ना रहा मैं भावनाओ मे बह गया वो बड़े ही मज़े से मेरे होंठो को काट रही थी कुरेद रही थी चबा रही थी
Reply
10-07-2019, 12:24 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
15-20 मिनट तक उसके होंठो को अच्छे से चूस डाला मैने फिर मैने अपने हाथ बढ़ाए और उसकी टी-शर्ट को उतार कर फेक दिया पर्पल ब्रा मे क़ैद उसकी चूचिया ब्रा से बाहर आने को मचल रही थी तो मैने ब्रा को हटा कर फेक दिया और उसकी चूचियो को निहारने लगा किसी ट्रक की हेडलाइट की तरह से चमकती उसकी चूचिया बेहद उन्नत और बहुत ठोस थी





मैने तुरंत एक निप्पल को अपने मूह मे भर लिया और दूसरी को अपने हाथ से दबाने लगा उर्वशी की सांस उपर की उपर नीचे की नीचे रह गयी उसने एक तेज आह भारी और अपनी आँखो को बंद कर लिया और लंबी लंबी साँसे लेने लगी मेरे शरीर की नस नस मे अब वासना का बुखार चढ़ गया था अब मैं कंट्रोल कर ही नही सकता था सही ग़लत का ध्यान अब पीछे रह गया था

ज़ाटनी का अनछुआ जिस्म मेरी बाहों मे पनाह माँग रहा था और मैं तो खुद प्यासा था मैं तो भँवरा था और कली आज खुद मुझे अपना रस पिलाने को आतुर थी मैं बारी बारी से दोनो बोबो को मसलता पीता दाँतों से काट ता उसके लबों को चूमता उसकी गर्दन को काट ता सर्द मोसम मे दो गरम भूखे जिस्म अब मैदान मे आ गये थे चूची छोड़ कर मैं उसके पेट की तरफ बढ़ा



और उसकी नवल मे अपनी जीभ डाल कर कुरेदने लगा उर्वशी का पतला सा पेट बुरी तरह से काँपने लगा था जैसे भूकंप मे कोई इमारत थरथराती है वैसे ही उसका नरम नाज़ुक पेट कांप रहा था मैने अपनी उंगलिया उसकी निक्कर मे अटकाई और निक्कर को उतार कर फेक दिया अब बस एक छोटी सी पेंटी मे वो मेरे सामने बेड पर पड़ी थी और किसी नागिन की तरह बल खा रही थी



जैसे ही मेरे हाथ उसकी पेंटी पे टच हुए मुझे पता चला कि किस कदर उसकी चूत गीली थी उर्वशी काँपते हुए स्वर मे बोली लाइट…………………. लाइट बंद कर दो प्लीज़ पर मैने ध्यान नही दिया और उसकी पेंटी को भी उतार दिया पूर्ण रूप से नग्न हुस्न से भरी वो नशे की बॉटल मेरे सामने बिस्तर पड़ी मुझे खुला निमंत्रण दे रही थी कि आजा चख ले मुझे




मैने उसकी टाँगो को फैलाया तो देखा कि कसम से चूत तो ये थी चौड़ी फांको की जगह बस एक लाइन सी थी और ऐसा लगता था कि जैसे कभी बाल तो वहाँ पर उगे ही नही थे एक दम अन्छुइ कली थी वो चूत की दरार के नाम पर बस जैसे कि किसी ने पेन्सिल से एक पतली सी रेखा खीच दी हो उसके रूप की दीवानगी जो चढ़ि फिर मुझ पर तो बस मैं तो खो ही गया




जब मैने अपनी उंगलियो को उसकी चूत से टच किया तो उर्वशी ने अपनी जाँघो को भीच लिया और कहा कि प्लेज अंधेरा कर दो तो मैने लाइट बंद कर दी और अपनी उंगलियाँ हौले हौले से उसकी चूत पर फिराने लगा उसके बदन की थिरकन बढ़ने लगी उर्वशी की सांसो की आवाज़ उस खामोशी को चीर रही थी फिर जब मुझसे रुका ना गया तो मैने उसकी टाँगो को चौड़ा किया और अपने प्यासे तपते होंठो को उसकी चूत पर रख दिया ठीक उसी पल उर्वशी के बदन मे जैसे भूचाल आ गया मैने जीभ को लंबी किया और उसकी चूत से जो चिपचिपा पानी निकल रहा था उसको एक सुडपे से चाट लिया था




मेरी जीभ का खुरदुरा पन उर्वशी के प्रत्येक अंग मे ज्वाला जला रहा था वो अपनी सुडोल टाँगो को पटकने लगी थी वो बेशक कुछ बोल नही रही थी परंतु उसकी खामोशी ही उसकी कहानी बया कर रही थी मैने उंगलियो की सहयता से उसकी छोटी-छोटी फांको को फैलाया और उसके छोटे से छेद पर अब अपना मूह लगा दिया उर्वशी की चूत बहुत तेज़ी से पानी बहा रही थी




मेरे होठ पूरी तरह से उसके काम रस से भीग गये त पर मुझे कोई परवाह नही थी भाग्यवान था मैं जो उस कुँवारी चूत के रस को सबसे पहले पीने का मौका मुझे मिला था कभी मैं उसकी चूत के छेद को चाटू कभी मैं उसके दाने को दाँतों से काटू पल प्रतिपल उर्वशी बेकाबू होते जा रही थी वो अपने हाथो से मेरे सर को अपनी चूत पर दबाए जा रही थी




जैसे कि कह रही हो कि पूरे सर को ही चूत मे डाल दो मैं बेफिकर उसकी चूत और जाँघो पे लगे उस खारे पानी को चाटे जा रहा था जितना मैं उसे सॉफ करता चूत से उतना ही पानी और बह चलता फिर मैने उसकी चूत छोड़ी और उसके उपर लेट के उसके अधरों से अपने होठ मिला लिए और उसको पिलाने लगा जो पानी मेरे होंठो पर लगा था वो अब उर्वशी के मूह मे जाने लगा
Reply
10-07-2019, 12:24 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मेरा लंड पाजामा से बाहर निकल कर उसकी चूत मे घुसने को बेताब था कुछ देर उसके होंठो को निचोड़ने के बाद मैं फिर से उसकी चूत पर आ गया और उसकी टाँगो को दुबारा से खोलते हुए अपनी जीभ को जहाँ तक सरका सकता था चूत मे सरका दी पर तंग गली थी उसकी चूत पर कोशिश तो करनी ही थी उर्वशी की साँसे बेकाबू घोड़े की तरह भाग रही थी



उसका जिस्म भी उसका साथ अब छोड़ने ही वाला था चूत बहुत ही ज़्यादा चिकनी हो गयी थी उसके कूल्हे एक अंजानी ताल पर थिरकने लगे थे और फिर सहसा ही उसका पूरा बदन अकड़ गया और एक तेज चीख मारते हुए वो मेरे मूह के उपर ही झड़ने लगी उसने मेरे सर को बुरी तरह से अपनी योनि के मूह पर दबा लिया और अपने चरम सच को प्राप्त करने लगी




जब वो निढाल हो कर पड़ गयी तो मैने अपना मूह चूत पर से हटाया और साइड मे लेट गया कुछ पल अपनी सांसो को नियंत्रित किया फिर मैं अंधेरे मे ही पानी लेने रसोई मे चला गया वापिस आया तो मैने लाइट जला दी उर्वशी ने मुझे देखा और रज़ाई को अपने बदन पर ले लिया मेरा लंड पेंट मे तंबू बनाए हुआ था मैने एक सांस मे ही आधी बॉटल खाली कर दी



उर्वशी बेड से टेक लगा कर बैठ गयी हालत पे कुछ काबू आया तो मैने कहा कि कमिनि ये तूने मुझसे क्या करवा दिया मैने सोचा था कि मैं तुझे इस हालत मे नही लाउन्गा पर ये क्या कर दिया मैं तो वो बोली मेरी तो यही मर्ज़ी है अब तू देर ना कर जल्दी से मुझे अपनी बना ले

मैं शांत स्वर मे कहा कि उर्वशी ये ग़लत है अभी तू सो जा मैं नीचे सो जाता हू सुबह बात करेंगे तो उसने रज़ाई हटा दी और बोली कि देख इधर मैं अपना सबकुछ तुझे अर्पण करने को लाज शरम त्याग के बैठी हू और साहिब अब ग्यान दे रहा है वो उठाकर मेरे पास आई और मेरे लंड को हाथ मे पकड़ के बोली कि फ़ोज़ी दम ना सै के इसमे और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे कस लिया



मैने कहा दम तो बहुत है पर तू समझ अगर मैं तुझे चोद के आज चला गया तो मेरे दिल मे सदा ये बोझ रहेगा कि मैने एक पवित्र छोरी को खराब कर दिया जिसकी आत्मा शुद्ध थी हालाँकि कही मेरा दिल मुझसे कह रहा था कि सोच मत चोद इसको जल्दी चोद पर मैने धृड निस्च्य कर लिया था उर्वशी बोली मने ना सुन नी तेरी बकवास जिब मैं राज़ी राज़ी तन्ने कह रही सूं तो करले




और उसकी बात सच भी थी ऐसी करार माल को कोई भी नही छोड़ता पर ना जाने क्यो वो मेरे दिल के किसी कोने मे रहने लगी थी तो मैं परवाह करता था उसकी मैने सॉफ सॉफ मना कर दिया उसकी उसने मेरे पयज़ामे और कच्छे को नीचे सरका दिया और मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी मैने उसको हटाया और बेड पर पटक दिया मैने कहा पानी पी और ज़रा समझ




पर जब चूत मे आग लगी ही तो कॉन किसकी समझे वो मुझे गालियाँ देने लगी पर मैं कुछ ना बोला मैं खुद को इतना बेबस पा रहा था पता नही क्यो मेरे हाथ उसके जिस्म को छूने से कतरा रहे थे मैने उसके कपड़े उठाए और उसको देते हुए कहा कि प्लीज़ अगर तुम थोड़ी बहुत भी मेरी इज़्ज़त करती हो तो इनको पहन लो उसने कुछ देर मुझे गुस्से से देखा और फिर अपने कपड़े पहन ने लगी




मैने उसको थोड़ा पानी पिलाया पर वो शांत नही थी और मेरे मन मे भी एक द्वन्द शुरू हो गया था उसकी आँखो से बहते आँसू मुझे विचलित कर रहे थे इसी लिए तो मैं किसी बंधन मे नही बंधना चाहता था मेरा दिल मे कुछ तो था उस मर्जानी के लिए जो मैं एक्सप्रेस नही कर सकता था क्योंकि कुछ राज अगर दफ़न ही रहे तो सबका भला होता है




मैने रुमाल लिया और उसकी आँखो से बहते पानी को सॉफ करते हुए कहा उर्वशी प्लीज़ मान जा आज की रात को इतनी मुश्किल ना बना कि फिर सुबह कुछ कहने को बाकी ही ना रहे मुझे आज की रात किसी तरह काट लेने दे इसे और भारी मत बना उर्वशी मैं मजबूर हूँ वरना इतना टाइम कभी नही लगाता तू मेरे दिल मे बसी है मुझे सेक्स का कोई लालच नही है




जाना है तो हँसी खुशी विदा कर्दे उर्वशी मेरे सीने से लग गयी और फुट-फुट कर रोने लगी अब मैं क्या कहता ग़लत आदमी से मुहब्बत कर बैठी थी वो और मैं करूँ भी तो क्या अगर इसका हाथ थाम लूँ तो बेवफा केह्लाउन्गा और ना थामू तो इसका मुहब्बत से विश्वास उठ जाएगा करूँ तो क्या करू कुछ समझ ना आए मैने उसको रोने दिया जब तक की उसके दिल का बोझ हल्का ना हो गया




ये दर्द भी कुछ ऐसा था कि इसका इलाज बस वक़्त ही कर सकता था वो कहते है ना कि दिल भी अपना और दर्द भी अपना जब उर्वशी कुछ नॉर्मल हुई तो मैं उसको बाथरूम मे ले गया और उसका मूह धुल्वाया रात आधे से ज़्यादा बीत गयी थी और हम दोनो की खामोश साँसे एक दूसरे से कई सवाल पूछ रही थी तो मैं उसको अपनी बाहों मे लिए लिए ना जाने कब सो गया



सुबह करीब 9 बजे मेरी नींद टूटी तो मैने देखा की उर्वशी बिस्तर पर नही थी मैं उठा तो देखा की वो किचन मे कुछ बना रही थी उसने मुझे देखा और कहा उठ गये मैने कहा हाँ वो नॉर्मल रहने की कोशिश कर रही थी उसने कहा मैं चाइ बना दूं मैने कहा हाँ कुछ देर बाद वो और मैं चाइ पी रहे थे मैने कहा उर्वशी तो वो बोली हाँ मैने कहा कल रात को एक ख्वाब समझ कर भूल जाना और जल्दी ही तुम कोई अच्छा लड़का देख कर शादी कर लेना
Reply
10-07-2019, 12:24 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
उसने कोई जवाब नही दिया बस चुप चाप चाइ पीती रही थोड़ी देर बाद उसने खाना लगा दिया एक अजीब सी तन्हाई आकर खड़ी हो गयी थी हमारे बीच मे पर ठीक ही था मैं उर्वशी की बस अच्छी यादे अपने साथ लेकर जाना चाहता था मर ही तो गया था उस पर मैं रात को काफ़ी ऐसे नझुक लम्हे आए थे कि बस टूट कर बिखरने से बाल बाल ही तो बचा था मैं




तो खामोशी को तोड़ते हुए उर्वशी ने कहा कि मेरी एक बात मानेगा मैने कहा बता तो उसने कहा कि आज आज और रुक जा तू मेरे साथ वैसे भी अभी काफ़ी टाइम है ड्यूटी जाय्न करने मे मैने कहा एक दिन क्या दो दिन रोक ले तो उसके चेहरे पर एक फीकी सी मुस्कान आ गयी वो टूट ती हुई आवाज़ मे बोली तू भी मने प्यार करे सै ना मैने कहा बस एक इसी सवाल का जवाब नही है




हम दोनो फिर खामोश हो गये और अपनी प्लेट खाली करने लगे तो मेरे फोन की घंटी ने इस खामोशी को तोड़ा मैने देखा पद्मिीनी का फोन था उसने पूछा कहाँ हो तुम तो मैने कहा कि फ्रेंड के घर हू उसने कहा मैं तो घबरा ही गयी थी कि तुम बिना बताए ना चले गये हो उसने कहा कि घर आ जाओ मैने कहा आता हू कुछ देर मे दो चार बात और हुई और फिर मैने फोन रख दिया

आज सर्दी बहुत ही तेज पड़ रही थी मेरा नहाने का बिल्कुल मूड नही था तो मैं रज़ाई मे दुबक गया थोड़ी देर बाद उर्वशी भी अपना काम ख़तम करके मेरे पास आ गयी और रज़ाई को ओढ़ते हुए बोली कि फ़ौजी तन्ने उत मेरी याद आया करेगी मैने कहा अब याद है आए तो आ जाए ना आए तो ना आए ये तो डिपेंड करता है यादो पे वो बोली सीधे सीधे बता ना



मैने कहा यार तू भी कैसी बात करती है तेरी याद तो हमेशा आएगी वो संजीदा होते हुए बोली जब इसी बात सै तो फेर कर ले ना यह मेरे गेल मैने कहा यार तू घुमा फिरा के इधर ही आ जाती है वो मेरी आँखो मे देखते हुए बोली फ़ौजी एक वचन दे सके सै तू मने



मैने कहा हम बिल्कुल तो वो बोली कि धर मेरे सिर पे हाथ और कसम खा मैने उसके सर पर हाथ रखा और कहा कि मेरा वचन है कि ब्याह के अलावा तू जो भी कहेगी मैं तेरी मानूँगा तो वो बोली तू कल चला ज्यागा ईक दिन की खातिर मने तेरी लुगाई बना ले उर्वशी उठी और अपनी मम्मी की सिंदूर की डिबिया ले आई और बोली कि ले यो सिंदूर मेरी माँग मे भर के मने तेरी एक दिन की लुगाई बन ज्यान दे



मैने काफ़ी देर सोचा वो मेरे जवाब का इंतज़ार कर रही थी तो मैने कहा कि ठीक सै तू करले तेरी मन चाही पर कल को मने कोई दोष ना देगी और आज के बाद तेरी ज़िंदगी मे कदे भी मेरा जिकर ना करेगी वो बोली तन्ने ना भूल सकूँ मैं मैने कहा देख तेरी शर्त तो मैं पूरी कर दूँगा पर करूँगा अपने तरीके से तो उर्वशी किसी चिड़िया की तरह से चहकने लगी



वो बोली तू रुक मैं थोड़ी देर मे आउ सूं और बाथरूम मे भाग गयी करीब आधे घंटे बाद जब वो बाहर निकली तो उसके शरीर पे बस एक तौलिया ही था जो उसके योवन का भार संभाले हुए था उर्वशी बोली मैं चाहू सूं की तू आज मेरा सोलह शृंगार करे उसने मेरा हाथ पकड़ा और खुद के कमरे मे ले आई उसने अपनी अलमारी खोली और कहा



फ़ौजी जो भी कपड़ा तन्ने अच्छा लगे वो पहना मुझे आज तू सज़ा तेरी एक दिन की लुगाई ने ठंड के उस माहॉल मे भावनाओ की गर्मी जैसे बह चली थी इतना हक तो मिथ्लेश ने भी नही दिया था मुझे कभी और ये पगली कुछ ही दिनो की मुलाकात मे इतना करीब आ गयी थी उसकी झील सी गहरी आँखो मे मैं जैसे खो ही गया था उसमे ना जाने कैसा जादुई आकर्षण था


विधाता ने ना जानी किस अंजान डोर से मुझे उसके साथ बाँध दिया था मैं उसकी आँखो मे डूब ही जाने को था कि उसकी आवाज़ मुझे धरातल पे ले आई उसने कहा इतने जाड़े मे मैं कब तक यूँ खड़ी रहूंगी मैने उसकी अलमारी मे देखा तो एक सुर्ख लाल रंग की साड़ी दिखी मैने वो निकाल ली उर्वशी चहकते हुए बोली वाह लाल जोड़ा मेरे लिए



मैं बस हल्का सा मुस्कुरा दिया मैने उर्वशी को अपनी ओर खीचा तो उसका तौलिया खुल कर गिर गया उसने भी अपने शरीर को छुपाने की कोई कोशिश नही की उसके बदन से टपकती पानी की शबनबी बूंदे मैने अपनी जीभ निकाली और उसकी गर्दन से रिस्ते पानी को चाटने लगा उर्वशी ने अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी मैने फिर उसके माथे पर एक चम्बन अंकित किया



और फिर उसको आईने के सामने खड़ी कर दिया आदमकद आईना भी उसकी खूबसूरती देख के शरमाने लगा बड़े ही प्यार से उसके प्रत्येक अंग को मैने तौलिए से पोछा और फिर उसके बदन को सहलाने लगा लाज़ के मारे उर्वशी ने अपनी आँखो को मूंद लिया वो मेरे आगे खड़ी थी मैने उसकी कमर मे हाथ डाला तो वो पीछे की ओर हो गयी मैं हौले हौले उसके बदन को सहलाने लगा



मेरा लंड तन चक्का था और उसके कुल्हो की दरार मे घुसने को बेताब हो रहा था पर ये एक ऐसी फीलिंग थी जिसे मैं रोक नही सकता था उसको उसके पेट को सहलाते सहलाते मैं अपने हाथो को थोड़ा सा उपर की ओर ले गया और उसके रूई से भी ज़्यादा नरम उभारों को अपनी मुट्ठी मे क़ैद कर लिया और कस कर दबा दिया उसके होंठो से एक दर्द भरी लेकिन मस्ती से भरपूर आह निकल गयी
Reply
10-07-2019, 12:25 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
उसकी चूचियो की निप्पल्स को अपनी उंगलियो से अच्छी तरह से मर्दन करने के बाद मैने अपने हाथ हटा लिए और पास रखी ब्रा को उसकी वक्ष-स्थल पर लगा कर पीठ पर पहुच कर ब्रा के हुको को जोड़ दिया मैने ब्रा को कुछ ज़्यादा ज़ोर से कस दिया तो उर्वशी ने एक आह भरी जो सीधे मेरे दिल मे उतर गयी मेरे हाथ काँपने लगे थे बड़ा ही मुश्किल लम्हा था मेरे लिए



ब्रा पहनाने के बाद मैने उसको घुमा कर अपनी तरफ किया उसकी होठ लगातार कांप रहे थे मैने अपने हाथ उसकी मांसल चौड़े कुल्हो पर रखे और उनको हल्का सा दबा लिया उर्वशी पूरी कोशिश कर रही थी खुद पर कंट्रोल कायम रखने की बड़ी ही नाज़ूक्ता से मैं उसके कुल्हो को सहलाता रहा फिर मैने उसको पास रखी स्टूल पर बिठा दिया



मैं फरश पर बैठ गया और अपने हाथो सी उसकी चिकनी जाँघो को सहलाने लगा मैने बॉडी लोशन की शीशी उठाई और उसकी जाँघो पर मलने लगा एक तो उसकी जांघे वैसे ही काफ़ी चिकनी थी और फिर कुछ बॉडी लोशन का असर मैं उसकी जाँघो पिंडियो पर अच्छे से अपने हाथ चला रहा था ठंड अब कुछ ज़्यादा ही तेज हो गयी थी पर उसके बदन की गर्मी भी कुछ कम नही थी



मैने उसकी टाँगो को फिर फैलाया तो जन्नत का द्वार मेरी आँखो क सामने था उसकी योनि कांप रही थी तो मैने अपने चेहरे को उसकी योनि पर झुका दिया और उसकी छोटी सी चूत को अपने मूह मे भर लिया नमकीन पानी का स्वाद जैसे ही मेरी जीभ को मिला लगा जैसे साक्षात अमृत पान ही कर लिया हो मैने चूत की खाल को जैसे ही अपने दाँत से थोड़ा सा काटा उर्वशी के गले से एक चीख उबल पड़ी

वो कराही रे साजन तेरा जुलम !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! मैं ना चाहते हुए भी उसकी करारी चाशनी से भरी चूत को चाटने लगा था उर्वशी हल्के हल्के से मोनिंग करने लगी थी योनि की पतली सी दरार को मैं अपनी लपलपाति हुई जीभ से कुरेद रहा था उर्वशी को स्टूल पर बैठना अब मुश्किल होने लगा था क्योंकि उसके कूल्हे अब वासना के गीत की ताल पर थिरकने लगे थे



तो वो उठ कर बेड की किनारे पर अपनी टाँगे फैला कर बैठ गयी और एक भँवरा फिर से कली का रस पीने को तैयार हो गया उसकी चूत से जो रस निकल रहा था वो बड़ा ही कमाल था मस्ती से सारॉबार उर्वशी ने अपनी टाँगो को उपर की तरफ उठा लिया और मज़े से मेरी जीभ के घर्षण को अपनी चूत पर महसूस करने लगी उसका हुस्न अब अपने चरम पर था



जब मेरे दाँत उसकी जाँघो और कुल्हो के निचले हिस्से पर बाइट करते तो उसकी हालत देखने लायक थी ऐसे ही पूरे मज़े से वो अपने अंत की ओर बढ़ रही थी यी जिस्मो का खेल भी अजीब बनाया बना ने वाले ने जब ये आग लगे तो बड़े से बड़ा समुंदर भी इस आग की तपन को कम ना कर सके कैसी ये विडंबना थी



हर गुजरती हुई घड़ी के साथ उसकी सिसकारिया अब बढ़ती ही जा रही थी और फिर एक तेज आवाज़ के साथ उसने अपना सारा पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया और तृप्त हो गयी उसका शरीर शिथिल हो गया मैने पास ही पड़ा तौलिया उठाया और उसकी चूत को अच्छे से सॉफ कर दिया और पेंटी पहना दी




मैने कहा यार मुझे साड़ी पहना नी नही आती है तो ये तू खुद ही पहन ले तो उसने भारी भारी सांस लेते हुए कहा ना साजन आज तो तू ही पहनाएगा तो मैने कहा तू बता ज़रा मैं ट्राइ करता हू तो उसके कहे अनुसार उसकी साड़ी बाँध ही दी सुर्ख लाल सॅडी ने उसके अनुपम सौन्दर्य को और भी ज़्यादा निखार दिया था उसकी खिले हुए रूप को देखकर मेरे दिल ने बग़ावत कर ही दी



दिल से एक आवाज़ आई कि भर ले इसको अपनी बाहों मे पर साला दिल तो दिल है कही भी फिसल जाता है वो बोली के देखो सो मैने कहा तन्ने देखु सूं अक तू इतनी बटुए सी सुथरी क्यूकर सै सच ही तो कह रहा था मैं किसी कयामत से कम नही लग रही थी उर्वशी फिर मैने उसके चेहरे पर फेस-क्रीम लगाई और लिपीसटिक की स्टिक ले कर उसके होंठो पर लगाने लगा



जब मैं लिपीसटिक को उसके होंठो पर फेर रहा था तो उसके होठ आहिस्ता आहिस्ता लरज रहे थे तो बड़े ही प्यारे लग रहे थे जी चाहा कि इनका रस सदियो तक निचोड़ ता ही रहूं कुछ उसका भी हाल ऐसा ही था काश मैं दिल की बात पढ़ पाता तो उसके दिल के अंदर जो भी चल रहा था वो सब मैं आपको बता पाता वो लगभग तैयार हो ही चुकी थी



उसके बालो से बेहद ही मादक सुगंध आ रही थी मैने उसके गीले बालों को पोछा और फिर उनमे तेल लगाने लगा फिर कंघी की सहयता से उनको सुलझा दिया उर्वशी बोली जुड़ा बना दो तो मेरे मूह से बरबस ही निकल गया कि रहने दो अच्छे लगते है खुले बाल मुझे तो उर्वशी शरमा गयी रूप जैसे फुट पड़ा था उसके रूप की चाँदनी से मेरी आँखे भी चमक उठी थी



उसके तैयार होने के बाद मैने कहा आ अब पद्मिीनी भाभी के घर चलते है और कुछ पलों बाद हम दोनो निकल पड़े पद्मिानी भाभी ने जब इस रूप मे उर्वशी को देखा तो वो पलक झपकाना ही भूल गयी उन्होने मुझे किचन मे बुलाया और पूछा कि क्या बाद है इसको भी लपेट दिया क्या तो मैने कहा क्या भाभी आप भी ये तो बस दोस्त है
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,513,484 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,780 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,237,206 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 935,385 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,661,022 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,087,258 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,961,513 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,089,977 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,045,804 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,100 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 15 Guest(s)