Desi Porn Stories आवारा सांड़
03-20-2021, 08:47 PM,
#54
RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़
अपडेट-28

सारे नौकर, सलमा और देशराज के साथ आए पोलीस वालो के अलावा वहाँ कोई नही था….कमरे की तलाशी चालू रही….अचानक देशराज हवलदार की तरफ अपना रुख़ किया.

देशराज—देख क्या रहा है पांडुरम…? इसके कमरे की अच्छे से तलाशी ले.

पांडुरम—यस सर.

पांडुरम ये कहने के साथ ही मशीनी अंदाज़ मे लॉन के उस पार एक पंक्ति मे बने सर्वेंट क्वॉर्टर्स की तरफ बढ़ गया.. उसके पीछे पीछे बाकी हवलदार भी चले गये साथ मे.

तभी देशराज का मोबाइल बजने लगा….उसने देखा तो ये ठाकुर का कॉल था…उसने एक तरफ जा कर ठाकुर से बात करने लगा.. इधर सभी डरे सहमे खड़े थे.

देशराज—आप चिंता मत कीजिए ठाकुर साहब…जिसने भी नीलेश ठाकुर जी के उपर हाथ उठाया है मैं उसकी और उसके परिवार की जानम कुंडली पलट दूँगा जल्दी ही.

अब आगे…….

ठाकुर से बात करने के बाद देशराज पलट कर कुछ देर तक छमिया और गोविंदा को घूरता रहा और फिर अपना रुख़ पीछे खामोश खड़ी
सलमा की ओर कर दिया.

देशराज—आइए सलमा जी

“आप कुछ कीजिए ना मालकिन…मालिक के सामने कोई पोलीस वाला हम लोगो से इस तरह से व्यवहार नही कर सकता था.” गोविंदा ने अपनी चाल तेज़ की और सलमा के नज़दीक पहुच कर धीरे से फुसफुसाया.

“मैं क्या कर सकती हूँ….?” सलमा इतनी ज़ोर से बोली कि बात इनस्पेक्टर देशराज के कानो तक पहुच जाए—“इनस्पेक्टर साहब को तुम पर शक है.”

“क्या शक है हम पर…?” गोविंदा के रूप मे मानो ज्वालामुखी फॅट पड़ा—“क्या ये कि मालिक को हमने मार डाला…हमने…?…मैं जो उन्हे
देवता समझता था….जो उनके चरण धोकर पानी पीता था……ज़रा सोचो मालकिन…मालिक की हत्या क्या हम करेंगे….हम…?”

देशराज (चिल्लाते हुए)—ज़्यादा नाटक किया तो साले तेरा जबड़ा तोड़ दूँगा…..सारी जिंदगी मैने तेरे ही जैसे कयि मालिक भक्त देखे हैं.

बेचारा गोविंदा कर भी क्या सकता था…बेचारा देशराज की दहाड़ सुनते ही खामोश हो गया…..और फिर एक पुराने संदूक की तलाशी ले रहे हवलदार पांडुरम चिल्लाने लगा.

पांडुरम (ज़ोर से)—मिल गये साहब..मिल गये.

देशराज (उसकी तरफ जाते हुए)—क्या…?

पांडुरम—खून से भीगे कपड़े…ये देखिए साहब.

कहने के साथ ही पांडुरम से गोविंदा का खून से सना हुआ कुर्ता उठा कर हवा मे लहराया तो एक चाकू उस कुर्ते मे से निकल कर ज़मीन पर गिर पड़ा…पांडुरम ने कुर्ता छोड़ कर उसको उठाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया ही था कि,,

देशराज (ज़ोर से)—नही पांडुरम….चाकू को हाथ मत लगाना…इस पर उंगलियो के निशान होंगे.

पांडुरम ठिठक गया…सभी अवाक रह गये ये देख कर…जबकि गोविंदा और छमिया की तो रूह तक काँपने लगी.

देशराज गोविंदा पर ऐसे झपटा तेज़ी से जैसे की बाज़ किसी कबूतर के उपर झपट्ता हो….गोविंदा के बाल पकड़ लिए उसने और पूरी बेरहमी के साथ घसीटता हुआ संदूक के नज़दीक ले गया.

देशराज (ज़ोर से)—क्यो बे…?…ये क्या है….?

गोविंदा (हाथ जोड़ कर गिड गिडाते हुए)—म्‍म्म…मुझे नही मालूम….मैं सत्य कहता हूँ इनस्पेक्टर साहब, मुझे कुछ नही मालूम…..म्म..मुझे नही मालूम की ये….

देशराज—ये कुर्ता और संदूक मे पड़ी ये धोती क्या तेरी नही है……?

गोविंदा—य..ये कपड़े तो मेरे ही हैं साहब...मगर मुझे ये नही मालूम कि इनमे खून कहाँ से लग गया…?..मैं सच कहता हूँ...भगवान की
कसम खा कर कहता हूँ...मुझे कुछ नही मालूम साहब.

देशराज—और ये..ये चाकू भी तेरा है.... ?

गोविंदा—ना...नही साहब....ये चाकू मेरा बिल्कुल नही है.

देशराज (चिल्लाते हुए)—चात्त्ताअक्ककककक......अब भी झूठ बोलता है हरामजादे.....

देशराज ने चिल्लाते हुए गोविंदा के चेहरे पर जोरदार थप्पड़ मारा.....जिससे गोविंदा लड़खड़ाते हुए वहाँ बिछि हुई खटिया के पाए से जा
टकराया.....छमिया बेचारी ऐसे खड़ी थी जैसे उसको लकवा मार गया हो.

देशराज (सब की ओर देखते हुए)—देखा तुम लोगो ने…..अपनी आँखो से देखा....इसके खून से सने कपड़े और चाकू, इसकी अपनी संदूक से निकले.....और फिर भी ये हरामी की औलाद कहता है की इसको कुछ नही मालूम.

गोविंदा (ज़ोर से रोते हुए)—मैं सच कहता हूँ इनस्पेक्टर साहब....अगर मैं झूठ बोलू तो अपनी छमिया का मरा मूह देखु….मुझे सच मे बिल्कुल नही मालूम कि ये चाकू मेरे संदूक मे कहाँ से आ गया और मेरे कपड़ो मे खून कहाँ से लग गया... ?

देशराज (चिल्लाते हुए)—हम सब को बेवक़ूफ़ समझता है..मादरचोद.

इतना कहने के साथ ही देशराज ने सरकार द्वारा पहनाई गयी भारी बट्ट वाली बेल्ट निकाल कर गोविंदा को पीटने लगा….उसके पीटने का
अंदाज़ ऐसा था कि जैसे वो किसी इंसान को नही बल्कि कोई जानवर को मार रहा हो…

गोविंदा की चीखे दूर दूर तक गूँज रही थी…..पर उसको बचाता कौन….?….नौकरो की आँखो मे उसके लिए घृणा थी.. और छमिया हतप्रभ
हो कर खड़ी देखे जा रही थी…गोविंदा गिरते पड़ते हुए सलमा के पैर पकड़ कर गिड गिडाने लगा.

गोविंदा (गिड गिडाते हुए)—मुझे बचा लो मालकिन….नही तो इनस्पेक्टर साहब मुझे जान से मार डालेंगे…..मुझे बचा लो, मैं सच कहता हूँ
…मैने मालिक को नही मारा….भला मालिक की हत्या मैं क्यो करूँगा…?

बेचारा गोविंदा…‼ काश, वह जानता कि वो भिखारी के पैरो मे पड़ा भीख माँग रहा है…
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RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़ - by desiaks - 03-20-2021, 08:47 PM
Next update please - by Kprkpr - 11-10-2021, 02:42 PM

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