Desi Porn Stories आवारा सांड़
03-27-2021, 05:00 PM,
RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़
राज—तुम दोनो कौन हो और ये किस का घर है…?

गायत्री—बेटा मैं तेरी माँ हूँ और ये तेरी बीवी है..

राज—लेकिन मेरी तो अभी शादी ही नही हुई है तो ये मेरी बीवी कैसे हुई…?

कुमकुम—लगता है कि इनकी याद दास्त फिर चली गयी….

राज—अगर तुम मेरी बीवी हो तो मुझे अपनी बुर दिखाओ पहले…

गायत्री—दिखा दे बेटी….

कुमकुम (सारी उपर उठा के)—ये लीजिए...देख लीजिए..

राज—मुझे अब भी डाउट है...इसको भी बोलो कि अपनी बुर दिखाए...

गायत्री—लेकिन बेटा मैं तो तुम्हारी माँ हूँ ना...

राज—मैं तुम दोनो की बुर देखने के बाद ही बता सकता हूँ कि कौन मेरी बीवी है और कौन माँ…?

कुमकुम—दिखा दो माँ जी आप भी अपनी दिखा दो…वैसे भी ये हम दोनो की तो ले ही चुके हैं..तो फिर अब दिखाने मे कैसी शरम…

गायत्री—तू शायद ठीक कहती है बेटी….(फिर अपनी सारी पेटिकोट उपर कर के)—ले देख ले बेटा, अपनी माँ की भी देख ले…

दोनो की झांतो भरी बुर देखते ही मेरे मूह मे पानी आ गया और बुर मे लंड घुसेड कर चोदने का मन करने लगा.. मैं कभी गायत्री तो कभी कुमकुम की बुर देखने लगा.

राज—मुझे अब भी डाउट है….ऐसे तो समझ ही नही आ रहा है कि कौन सी बुर बीवी की है और कौन सी माँ की बुर है… अब तो इसका एक ही तरीका है..

गायत्री—क्या तरीका है बेटा…?

राज—यही कि पहले मैं तुम दोनो की बुर को चोद के देखु, तभी समझ मे आएगा कि किस की कौन सी बुर है…ऐसे देखने पर तो तुम दोनो की बुर एक जैसी ही दिख रही हैं….

गायत्री—बेटा वो तो सब की एक जैसी ही होती है तो एक जैसी ही दिखेगी ना….और वैसे भी अब तो मैं भी तेरी बीवी के जैसे ही हूँ..

राज—चलो जल्दी से दोनो नंगी हो जाओ…

कुमकुम—लेकिन अभी आपकी तबीयत ठीक नही है...बाद मे आप हम दोनो की ले लेना जितना मन करे...

राज—मुझे तो लगता है कि तुम दोनो यही चाहती हो कि मेरी याद दास्त हमेशा के लिए ही चली जाए....ठीक है, मैं वो छमिया की बुर ही चोद लूँगा..या फिर रंडियो की....तुम दोनो जाओ...

गायत्री—नही...नही बेटा....तुझे किसी रंडी के पास जाने की ज़रूरत नही है.....यहाँ हम दोनो हैं ना तेरी रंडी....चल बेटी तू भी दरवाजा अंदर से लॉक कर के जल्दी से नंगी हो जा...मैं भी हो जाती हूँ..

कुमकुम ने जा कर दरवाजा बंद कर के अपने कपड़े उतारने लगी...थोड़ी ही देर मे दोनो सास बहू मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो कर खड़ी शर्मा रही थी.

मैं दोनो की चुचियो को एक हाथ से ही बारी बारी से मसल्ने लगा....दोनो नंगी होने के बाद कयामत ढा रही थी…. . गायत्री की गान्ड बिल्कुल जानलेवा थी….हालाँकि गान्ड तो बड़ी कुमकुम की भी थी पर गायत्री के चूतड़ कुछ ज़्यादा ही फैले हुए थे….

राज—चलो जल्दी से दोनो की दोनो अपनी अपनी जांघे फैला के अपनी अपनी बुर को चोदने वाला छेद दिखाओ.

दोनो शरमाते हुए मेरे मूह के पास आ गयी और धीरे धीरे अपने पैर फैला दिए....और फिर दोनो हाथो की उंगलियो से बुर की फांको को अलग कर के चौड़ा कर दिया.

गायत्री—ले देख ले बेटा......अपनी माँ की बुर के छेद को....ये जो बड़ा वाला छेद है ना…वही है तेरी माँ की बुर को चोदने वाला छेद…..चिंता मत कर बेटा…भले ही मेरी उमर कुछ ज़्यादा हो गयी है लेकिन अभी भी तुझे अपनी माँ की बुर चोदने मे खूब मज़ा आएगा.

कुमकुम—मेरी भी बुर देख लीजिए

राज--मैने इसका एक नाम और भी बताया था ना...?

कुमकुम--लेकिन भूल गयी...एक बार फिर से बता दीजिए....

राज--डार्लिंग इसको बुर, चूत, फुद्दि तो कहते ही हैं लेकिन इसका असली नाम है...मूत्र निक़ासक, शिशु उत्पादक, लंड घुसेड़ाक, आनंद दाइिनी चोदन नलिका कहते हैं...यही इसका असली नाम है.

दोनो की बर मे झांतो का घना जंगल फैला हुआ था….जंगल के बीच मे से दोनो का लाल लाल छेद दिख रहा था…..खैर मुझे झांतो से क्या करना था..कौन सा उनको गिनना था मुझे…भाड़ मे जाए…

राज—अब दोनो बारी बारी से अपनी बुर मेरे मूह पर रख के मुझे अपनी अपनी बुर का रस पिलाओ…

मेरी बात सुनते ही दोनो बारी बारी से अपनी बुर चुसवाने लगी, पहले कुमकुम की बुर को और फिर गायत्री की बुर को थोड़ी देर तक चूस्ता रहा जिससे वो दोनो पूरी तरह से गरम हो कर चुदासी हो गयी तो मैने कुमकुम को लंड पर बैठ कर उछल्ने को कहा और गायत्री को बुर चुसवाने को.

गायत्री मेरे सिर के दोनो तरफ पैर रख के अपनी बुर को मेरे मूह मे चिपका दी और कुमकुम ने मेरा लोवर नीचे खिसका के पहले लंड को मूह मे लेके चूसा फिर अपनी बुर उसके उपर टिका के बैठ गयी.

जिसका नतीज़ा ये हुआ कि लंड महाराज खुशी से उसकी बुर को ककड़ी की तरह चीरते हुए तीन इंच अंदर कुमकुम की बुर की गुफा मे घुस गये….कुमकुम का पूरा जिस्म दर्द से अकड़ गया…..उसको अभी भी लंड अंदर लेने मे दर्द हो रहा था किंतु फिर भी धीरे धीरे कर के उसने पूरा लंड अपनी बुर मे घुसा ही लिया.

और फिर धीरे धीरे लंड पर उपर नीचे होने लगी....मैने एक हाथ से गायत्री की चुचियो को ज़ोर ज़ोर से मसल्ते हुए उसकी बुर को चूसने मे लगा रहा...बीच बीच मे मैं कुमकुम की भी चुचि को मसल देता था.

जिससे वो और भी चुदासी हो कर लंड पर उच्छल कूद करने लगी और दस मिनिट मे ही झड कर पस्त हो गयी तो मैने उसको घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी बुर मे लंड घुसेड कर पेलने लगा.

कुमकुम—एयाया…माआअ……ऐसे ही ….चोदते रहिए मुझे…..उउउहह….चोद चोद के फाड़ डालिए आज मेरी बुर को..आआहह.. बड़ा मज़ा आ रहा हाीइ…..माँ जी…आपकी बुर भी आज मस्त हो जाएगी….लंड खा कर

गायत्री—हाँ बेटी…आज मेरी बुर मे भी लंड फिर से घुसेगा….वो भी अपने ही बेटे का लंड

कुमकुम—एयाया….और तेज़,,,,,चोदिये…और तेज़….एयाया..ऐसे हीईिइ

राज (ज़ोर से पेलते हुए)—मादरचोद….तेरी माँ को चोदु…….तूने अपनी माँ और बहनो की बुर दिलाने को कहा था ना….तेरी माँ कहाँ है….?

कुमकुम—एक दो दिन मे माँ भी आ जाएगी तो चोद लेना मेरी माँ को भी आप…आआहह

राज—अपनी दोनो बहन को भी बुला लो यही…

कुमकुम—आआआ……उनको बुला लूँगी तो आप उनको भी चोद डालोगे…..आआआ

गायत्री—तो क्या हुआ बेटी….जब मैं माँ हो कर अपने बेटे से चुदवा सकती हू तो तू बीवी हो कर अपनी माँ और बहन को नही चुदवा सकती…..? मैं अपनी बेटी को भी चुदवाने को तैयार हूँ और तू मना कर रही है अपनी बहनो को चुदवाने से…? ये तो ज़रा सोच कि अगर वो इतनी बुर छोड़ेगा तो उसकी याद दास्त भी तो जल्दी आएगी ना…..क्या तेरा बीवी होने का कोई फ़र्ज़ नही है….?

राज—सही कहा….ये भोसड़ी वाली केवल नाम की बीवी है.

कुमकुम—आअहह…..ठीक है मैं बुला दूँगी तीनो को…आप चोद लेना मेरी बहनो को भी…

दस मिनिट तक ज़ोर ज़ोर से चोदने के बाद ही कुमकुम मुझसे लिपट के झड गयी….…मैने लंड निकाल के गायत्री के उपर चढ़ गया और एक ही झटके मे पूरा लंड पीछे से उसकी बुर के अंदर पेल दिया…..वो पूरी तरह अकड़ गयी……..शायद ये लंड के ज़्यादा गहराई तक घुसने के कारण होगा.

गायत्री दर्द से बिलबिला उठी….आँखो से आँसू टपकने लगे....मैने उसकी दोनो चुचियो को बारी बारी से दबाते हुए धीरे धीरे चोदता गया...जल्दी ही वो गरम हो गयी कुछ ही मिनिट्स मे और मेरा पूरा साथ देने लगी.

गायत्री—एयाया……इतना मज़ा...एयाया…..अब से रोज चोदना अपनी माँ की बुर को…..बोल बेटा रोज चोदेगा ना अपनी माँ की बुर को…? बोल ना…..आआआआआहह

राज—हाअ…अब रोज चोदुन्गा….और ज्योति को भी चोदुन्गा…..तीनो को गभिन करूँगा चोद चोद के…

गायत्री—एयाया….ऐसे ही…और तेज़्ज़्ज़.....हहााआ…..कर देना बेटा…..अपनी माँ को भी और …अपनी बहन को भी…कर देना गभिन चोद चोद के हमारी बुर को रोज…..अपनी बहन को कुवारि माँ बना देना ..पेल पेल के…दुनिया वालो के सामने .माँ का नाम देने के लिए कुमकुम है ना….. और तेज़ तेज़…चोदो बेटा अपनी माँ की बुर…को…..खूब चौड़ी कर दो….अपनी माँ की बुर…ऐसे हिी….आआआआआ

मैं तूफ़ानी गति से चोदने लगा....जल्दी ही वो भी झड गयी ....मैने उनकी बुर से लंड निकाल कर कुमकुम के उपर चढ़ के चोदने लगा.....उसके झड़ते ही फिर गायत्री को चोदना चालू....लगभग डेढ़ घंटे बाद मैं भी झड़ने लगा.....दोनो का अब तक तीन तीन बार हो चुका था...मैने दोनो की बुर मे लंड जड़ तक घुसेड कर पिचकारी छोड़ दी बारी बारी से.

अब तक शाम होने को आ गयी थी…मेरा मन गायत्री की मतवाली गान्ड को देख कर ललचा रहा था मारने को….चुदने के बाद दोनो अधमरी हो कर लेटी हुई थी….मैने दोनो को पलटा कर उनकी गान्ड दबा दबा के देखने लगा जिससे दोनो घबरा गयी.

गायत्री (घबरा कर)—प्लीज़..बेटा…आज नही….कल मार लेना..हमारी गान्ड…जी भर के…आज मर जाएँगी हम दोनो…आज बस रहने दे …

राज—कल नही...आज रात मे मुझे तुम दोनो की गान्ड चाहिए...और ज्योति को भी तुम चुदवाने वाली थी...उसका क्या हुआ... ?

गायत्री—बेटा...उससे कैसे कहूँ कुछ समझ मे नही आ रहा है... ? लगता है कि वो किसी राज नाम के लड़के से बहुत प्यार करती है….हमेशा उसकी ही बाते करती है…फिर भी मैं कोशिश करूँगी तेरे लिए.

दोनो इस घमासान चुदाई से पस्त हो कर मेरे आजू बाजू मे लेट कर ही सो गयी...लेकिन मेरा मन अब गान्ड मारने का हो रहा था तभी मुझे छमिया का ख्याल आया तो मैने उन दोनो को वही नंगी सोते हुए छोड़ कर छमिया के रूम की तरफ बढ़ गया.

वही दूसरी तरफ देशराज उस दिन फाइट वाले दिन की घटना के विषय मे सोच सोच कर परेशान था लेकिन उसको मेरे खिलाफ कोई क्लू नही मिल रहा था..

देशराज (मन मे)—तीन तीन फॅमिली वाले अविनाश को कैसे जानते हैं... ? उसका असली नाम तो अविनाश है फिर कोई उसको राज, तो कोई रघु क्यो बोल रहे थे…? कुछ तो दाल मे काला है….मुझे इस बात की तह तक जाना ही होगा अगर मुझे अविनाश से बदला लेना है तो….सबसे पहले चल के रघु के बारे मे उसकी फॅमिली से पता करता हूँ.....
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RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़ - by desiaks - 03-27-2021, 05:00 PM
Next update please - by Kprkpr - 11-10-2021, 02:42 PM

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