RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
कविता- हे राम क्या पापा सच मुच मम्मी की गान्ड और चूत को अपनी जीभ से चाट रहे थे, मुझे तो लगा कि पुराने लोग
चाटने का काम नही करते होंगे,
सोनू- अरे पागल बिना चूत चाटे और बिना लंड चूसे भी कभी चुदाई होती है क्या, हम लोग तो कुच्छ भी नही करते जितना
पुराने लोग करते थे, तुझे क्या लगता है ये लोग बस लंड चूत मे डाल कर हिला लेते है,
दुनिया का हर आदमी औरत की चूत देखते ही उसे चूमने का मन करता है, हाँ यह अलग बात है कि कोई कोई थोड़ा बहुत चाटता है और कोई कोई चूत को इस कदर चाटता है जैसे उसको पूरी खा जाना चाहता हो, तेरे बाप ने भी तेरी मा की चूत खूब चूसी होगी और तेरी मा ने भी तेरे बाप के लंड को खूब दबा दबा कर चूसा होगा,
कविता- मूह बनाते हुए, हाँ हाँ ठीक है मान लिया अब आगे बताओ फिर क्या हुआ,
सोनू- कुछ देर तक पापा मोम की चूत और गान्ड के छेद को चाटते रहे फिर उन्होने तेल की शीशी लेकर मोम की गान्ड के छेद मे लगाना शुरू कर दिया और मोम मीठी मीठी कराह के साथ अपनी गान्ड मटकाने लगी, पापा तेल मे अपनी उंगली डुबो डुबो कर मोम की गान्ड के बड़े से सुराख मे तेल लगा लगा कर अपनी उंगली पेल रहे थे,
कविता पूरी मस्ती मे आ चुकी थी और मुझसे कहने लगी सोनू लंड डाल दो ना,
सोनू- अभी से, इतनी जल्दी ना करो मज़ा नही आएगा,
कविता- अच्छा पापा मम्मी की गान्ड मे तेल क्यो लगा रहे थे, क्या वह पिछे से मम्मी की गान्ड मे लंड डालते है,
सोनू- नही डालते तो नही देखा लेकिन मेरे हिसाब से वह मज़ा लेने के लिए ऐसा करते थे,
कविता- मुझे तो लगता है आपकी मम्मी ने ही कहा होगा उनसे अपनी गान्ड मे तेल लगा लगा कर उंगली पेलने को, उनकी गान्ड है भी बहुत मोटी, खूब खुजलाती होगी इसीलिए उंगली डलवा रही थी,
सोनू- कविता की गान्ड के छेद को सहलाते हुए हो सकता है वैसे भी मुझे मोटी मोटी गान्ड वाली औरतो की गान्ड दबाने मे
बड़ा मज़ा आता है,
कविता- जानती हू तभी तो दिन मैं तुम अपनी मम्मी की ही गान्ड कैसे घूर घूर कर देख रहे थे,
सोनू- कब,
कविता- अच्छा, जब वह झाड़ू लगा रही थी तब आप उनकी गान्ड खा जाने वाली नज़रो से देख रहे थे कि नही,
सोनू- मुस्कुराते हुए, कविता की गान्ड को दबा कर, क्या करू रानी ऐसे मोटे मोटे चुतडो को देखने का मोका मुझसे
छूटता नही है,
कविता- तुम बहुत कमिने हो अपनी मम्मी की गान्ड तुम्हे इतनी अच्छी लगती है, जब तुम पापा को मम्मी की गान्ड सहलाते हुए देख रहे थे तो ज़रूर यह सोच रहे होंगे कि काश पापा की जगह मैं मम्मी के ऐसे भारी भरकम चुतडो को सहला और दबा पाता,
सोनू- बड़ी समझदार हो गई है मेरी रानी,
कविता- सोनू अब रहा नही जाता अब प्लीज़ लंड डाल दो ना, बस एक बार मुझे कस कर अपने मूसल से ठोक दो उसके बाद चाहो तो सारी रात मेरी गाण्ड और चूत सहलाते रहना,
सोनू- कविता तुम अच्छी तरह जानती हो कि पहले मुझे तुम्हे पूरी नंगी करके तुम्हारी चूत और गान्ड चाटना है वह भी
आधे घंटे तक उसके बाद ही मैं तुम्हारा मस्त भोसड़ा मारूँगा,
कविता- प्लीज़ आज नही आज तो वैसे ही ऐसा लग रहा है कि मेरा पानी छूट जाएगा, आज सीधे लंड से चोद दो कल जितना कहोगे मैं तुम्हे उतना अपनी चूत पिलाउन्गि, तुम कहोगे तो तुम्हारे मूह मे अपना भोसड़ा खोल कर बैठ जाउन्गि,
हम दोनो बाते करते हुए एक दूसरे को बुरी तरह मसल रहे थे और लगातार एक दूसरे को चूम रहे थे,
सोनू- अच्छा पहले वह बात तो पूरी हो जाने दे फिर लंड डालता हू,
कविता- नही अपना लंड डाल कर मुझे बात भी बताते रहो और मेरी चूत भी मारते रहो,
सोनू- अच्छा बाबा चल पहले पूरी नंगी हो जा और फिर क्या था कविता ने पड़े पड़े ही अपने सारे कपड़े खोल दिए और अपनी मस्त जाँघो को उठा कर उपर फैला दिया और अपना मस्त फूला हुआ भोसड़ा मेरी तरफ करके कामुक चेहरा बनाते हुए कहने लगी, अब आओ भी कितना देर कर रहे हो,
क्रमशः.............................................
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