RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
जैसे ही सारिका चली गयी मैंने राज के गलेमें अपनी बाहें डालकर पूंछा, "क्या बात हैं मेरे राजा, आज कुछ नाराज़ लग रहे हो?"
"नहीं डार्लिंग, कुछ नहीं. बस ऐसे ही थका हुआ हूँ."
"नहीं, मैं तुम्हे अच्छे से जानती हूँ. कुछ तो बात हैं."
"सुनीता, नयी नौकरी में दो गुना सैलरी, एक लाख का जोइनिंग बोनस और हो सकता है की बैंक की तरफसे दो बैडरूम का फ्लैट भी मिल जाए."
"यह तो बड़ी ख़ुशी की बात हैं, इसमें परेशान होने का क्या कारण हैं?"
"यह सब पाने के लिए.."
"पाने के लिए क्या?"
"जाने दो रानी, हम जैसे हैं वैसे ही अच्छे है!"
"तुम्हे मेरी सौगंध हैं, बताओ क्या बात हैं," मैंने पूंछा.
"रोहित की शर्त हैं की... "
"क्या हुआ राज, तुम अच्छे से बताओ।"
"वो तुम्हारे साथ दो दिन और तीन रात बिताने के बाद हि तुम्हारे हाथ में मेरा अपॉइंटमेंट लेटर देगा."
मेरे तो पैरोंतले से जैसे जमीन खिसक गयी.
हाँ, यह सच बात हैं की मैं रूपेश और नीरज के साथ कई बार सम्भोग कर चुकी थी, मगर वो मेरी और राज की मर्ज़ी से हुआ था.
अब मैं जान गयी की घर लौटने के बाद से ही राज इतना अपसेट क्यों हैं.
"रोहित तो तुम्हारा अच्छा दोस्त हैं फिर उसने ऐसी शर्त क्यों रक्खी?"
"उसकी बीवी चार महीने से अपने मैके में है और मुझे लगता हैं तबसे वो शायद भूखा शेर बन गया हैं. जिस दिन तुम्हे डिनर के समय देखा, शायद तभी उसने मन बना लिया था की तुम्हे चोदे बगैर वो यह नौकरी मुझे नहीं देगा."
काफी देर तक हम दोनों उलझे रहे, समझ में नहीं आ रहा था क्या किया जाए.
आधी रात को मैंने राज का लौड़ा चूसना शुरू किया. आज वो इतना अपसेट था की उसका लौड़ा कड़क भी नहीं हो रहा था.
उसकी गोटिया सहलाते हुए मैं बोली, "राज डार्लिंग, हमारे सुनहरे भविष्य के लिए मैं दो दिन रोहित के साथ बिताने के लिए राजी हूँ."
"नहीं सुनीता रानी, मैं नहीं चाहता की तुम अपने मन को मारकर ये कदम उठाओ."
"नहीं राज, बहुत सोच कर मैंने यह फैसला किया हैं," उसके लंड को सहलाते और चाटते हुए मैं बोली.
"मैं नहीं चाहता की तुम.."
"राज, सिर्फ दो दिन की बात हैं, उसके बाद हमारी पूरी जिंदगी बदल जायेगी. बस उसे कंडोम पहनना होगा, क्योंकि मैं नहीं चाहती की उसके कारण मुझे कोई गुप्तरोग हो जाए."
अब राज का लंड खड़ा हो गया था और उसने मुझे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया, शायद उस समय वो मेरी आँखों में आँखें डालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था.
"आह आह चोदो मुझे राज, कितना सख्त और मोटा लंड है तुम्हारा, आह, कितना मज़ा आ रहा हैं."
शायद एक नए लंड से चुदने की कल्पनासे मैं उत्तेजित हो रही थी.
"ले मेरी जान, ले, ये ले मेरा लौड़ा तेरी इस चिकनी चुत में डालकर सारी रात तुझे चोद डालूँगा आज!"
पच पच ऐसी अावाज़ोंसे उसका लौड़ा मेरी चुत के अंदर बाहर हो रहा था और मैं भी गांड पीछे की ओर धकेलते हुए उसे और सुख दे रही थी. लग रहा था की मेरे किसी और पराये मर्द से चुदने के बारे में सोच कर राज भी काफी एक्साइटेड हो गया था.
"आह, आह, क्या मजा आ रहा हैं तेरी चुत से आज मेरी जान," कहते हुए अब वो मेरे ३८ इंच के झूलते हुए वक्ष मसलने लगा. एक हाथ से चूँची और निप्पल मसलकर दुसरे हाथ की ऊँगली अब मेरी गांड के अंदर डाल दी.
अब तक मेरी चुत दो बार पानी छोड़ चुकी थी मगर राज का लौड़ा पानी छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था.
लगातार दस मिनट तक डॉगी पोजमें मुझे चोदने के बाद उसने कहा, "डार्लिंग, अब तुम ऊपर आ जाओ."
राज पीठके बलपर लेट गया और मैं उसके लंडपर अपनी चुत सेट करके उछलने लगी.
अब वो दोनों हाथोंसे मेरी चूचियाँ मसलते हुए मेरी आँखों में आँखे डाल कर बोला, "क्या सचमुच तुम रोहित से दो दिन और तीन रात चुदोगी?"
"हाँ मेरे राजा, तेरे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ डार्लिंग, तेरी ख़ुशी के लिए."
इतना कहकर मैं और भी जोरसे उसके लंडपर कूदने लगी. अपने मजबूत हाथोंसे उसने मेरी गांड पकड़ी और और ताकत लगाकर मुझे नीचे से चोदने लगा.
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