Desi Sex Kahani चढ़ती जवानी की अंगड़ाई
03-11-2019, 12:52 PM,
#27
RE: Desi Sex Kahani चढ़ती जवानी की अंगड़ाई
पूनम को कोई उम्मीद तो नहीं थी कि मनोज इतनी रात को जाग रहा होगा लेकिन फिर भी एक मन में आंसू लेकर वह मनोज का नंबर डायल कर चुकी थी और सामने घंटी की आवाज़ आ रही थी और घंटी की आवाज के साथ साथ पूनम का दिल जोरों से धड़क रहा था मन में तो आ रहा था कि फोन काट दे, लेकिन ना जाने क्यों वह फोन कट नहीं कर पा रही थी घंटी बहुत देर तक बज रही थी उसे लगा कि शायद सच में मनोज सो चुका होगा,,, वह मन में सोच रही थी कि दूसरी बार वह ट्राई नहीं करेगी लेकिन जैसे ही फोन की घंटी खत्म होने वाली थी कि तभी सामने से फोन उठ गया और जैसे ही फोन उठा पूनम की दिल की धड़कन और ज्यादा तेज हो गई उसके तन-बदन में अजीब सी थिरकन होने लगी,,, फोन उठते ही,, सामने से आवाज आई हेलो,,, नंबर देखकर मनोज समझ गया था कि पूनम का फोन है। हेलो बोलने के बाद कुछ सेकेंड तक यूं ही खामोशी छाई रही,,, कुछ देर खामोश रहने के बाद फिर से मनोज ने हेलो बोला पूनम की तो हिम्मत ही नहीं हो रही थी कुछ बोलने की,,, मनोज को सिर्फ पूनम की गर्म सांसे सुनाई दे रही थी जोंकि मनोज के तन-बदन में अजीब सी उत्तेजना का प्रसार कर रही थी। पूनम की हिम्मत नहीं हो रही थी कुछ बोलने की कुछ देर तक फिर से वैसे ही खामोशी छाने के बाद मनोज बोला,,,

अरे कुछ बोलोगी भी या ऐसे ही सिर्फ अपनी गर्म सांसो की आवाज ही सुनाती रहोगी,,,,

मैं क्या बोलूं (बड़े ही धीमे स्वर में पुनम बोली)

वही जो आधी रात में एक लड़की को बोलना चाहिए,,,

मुझे क्या मालूम आधी रात में लड़की क्या बोलती है।

अरे लड़की होकर भी तुम्हे एक लड़की क्या बोलती है यह नहीं मालूम है।


नहीं तो मुझे क्या मालूम लड़की क्या बोलती है और मैं तो पहली बार इस तरह से फोन लगाई हूं,,

अरे तुम्हारी सहेली ने तो तुम्हें बताई होगी कि आधी रात को एक लड़के से कैसी बातें और क्या बोलते हैं।
( मनोज धीरे-धीरे पूनम को उकसा रहा था उस तरह की बातें करने के लिए,,, लड़की होने के नाते उसे इतना तो पता ही था कि फोन पर आधी रात को एक लड़की और लड़का मिलकर क्या बातें करते हैं और तो और उसकी सहेली ने भी बताई थी कि वह भी अपने बॉयफ्रेंड से किस तरह से बातें करती है। पूनम भी ऐसी ही बातें करना चाहती थी लेकिन उनकी हिम्मत नहीं हो रही थी वह चाहती थी कि मनोज शुरुआत करें इसलिए वह भी इधर-उधर बात को घुमा रही थी।)

नहीं मेरी ऐसी तो कोई सहेली नहीं है जो इस तरह की बातें करती हो और करती भी होगी तो मुझे क्यों बताएगी।

अरे तुम्हारी दोनों सहेलियां है ना बेला और सुलेखा वह दोनों क्या काम है क्या वह सब भी फोन पर अपने बॉयफ्रेंड से बातें करते हैं।

करते होंगे लेकिन मुझे क्या पता कि वह लोग क्या बातें करते हैं।
( मनोज और पूनम दोनों धीरे-धीरे बातों का दौर आगे बढ़ा रहे थे पूनम की सुरीली और मदभरी आवाज सुनकर,,, मनोज का लंड खड़ा होने लगा था और इस तरह की बात है करते हुए जो कि अभी भी किसी भी प्रकार की अश्लीलता नहीं थी लेकिन फिर भी एक अजीब सी खुमार पूनम के बदन में छाने लगी थी, जिसका असर उसकी टांगों के बीच उसकी पतली दरार में हो रहा था। एक अजीब सी हलचल पूनम को अपने बदन में महसूस हो रही थी। लेकिन वह इस तरह की हरकत को महसूस करके भी समझ नहीं पा रही थी कि आखिरकार ऐसा क्यों हो रहा है दूसरी तरफ मनोज लगातार पूनम को लाइन पर लाने की पूरी कोशिश कर रहा था क्योंकि वह जानता था कि पूनम दूसरी लड़कियों की तरह अश्लील बातें शायद इतनी जल्दी नहीं करेगी लेकिन इतना उसे पक्का विश्वास था कि कोशिश करने पर पूनम भी लाइन पर आ जाएगी,, इसलिए वह लगा हुआ था।


लेकिन मुझे पता है ना कि वह लोग क्या बातें करते हैं।

तुम्हें कैसे पता कहीं तुम ही तो नहीं उससे बातें करते हो,,,।

भला ऐसा हो सकता,, है,,, ? 

क्यों,,,,,,, क्यों नहीं हो सकता,,, लड़के तो हमेशा लड़कियों से बात करने का बहाना ढूंढते रहते हैं,,, तुम भी उन्ही में से होगे।,,,, 

तुम अभी ठीक है मुझे जान नहीं पाई हो पुनम,, मैं उन लड़कों में से नहीं हूं जो किसी भी लड़की के पीछे भागते फिरते हैं।

तो किस लड़कोे मे से हो? 

तुम्हें पता है तूने बाग में बहुत सारे फूल होते हैं जिनके नाम तक नहीं मालूम खुशबू तो देते हैं लेकिन उनमें वह बात नहीं होती ऐसे फूल के पीछे सभी लड़के घूमते फिरते हैं लेकिन किसी खास फूल के पीछे हम भागते हैं जानती हो वह फूल कैसा होता है किसे कहते हैं।

किसे कहते हैं? ( पुनम मनोज की ऐसी बातों से प्रभावित होते हुए बोली)

गुलाब मुझे गुलाब पसंद है सिर्फ और सिर्फ गुलाब और वह हो तुम,,, सिर्फ तुम,,,,
( पूनम मनोज की रोमांटिक बातें सुनकर एकदम रोमांचित हो उठा उसके तन-बदन में चिंगारी दौड़ने लगी ऐसी प्यार भरी रोमांटिक बातें अब तक वह फिल्मों में ही सुनती आ रही थी लेकिन आज अपने खुद के लिए इस तरह की बातें सुनकर उसका रोम-रोम गदगद हो उठा।,, मनोज की बात सुनकर कुछ देर तक खामोशी छाई रही इस खामोशी को तोड़ते हुए मनोज बोला।)

क्या हुआ तुम्हें मेरी बात अच्छी नहीं लगी क्या?

नहीं ऐसी बात नहीं है लेकिन,,, लगता नहीं है कि तुम जिस तरह से मेरी तारीफ कर रहे हो मैं उतनी तारीफ के काबिल हूं,,,,

तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हारी झूठी तारीफ कर रहा हूं,,,
सच में पूनम तुम बहुत खूबसूरत हो सर से लेकर पांव तक खूबसूरती तुम्हारे अंग अंग से टपकती है मैंने आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की नहीं देखा तभी तो महीनों से तुम्हारे पीछे पागलों की तरह घूम रहा हूं।
( मनोज की बातें सुनकर पूनम हँस दी, और उसकी हंसी की आवाज सुनकर मनोज बोला,,)

तुम हंस रही हो पूनम मैं सच कह रहा हूं मैंने आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की नहीं देखा तभी तो मैं कहता हूं कि मैं सिर्फ गुलाब के ही पीछे हुं।,, 
( पूनम को मनोज की बातें सुनने में बहुत मजा आ रहा था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि लड़कोे से इस तरह की बातें करने में इतना मजा आता है।,,, पूनम के तन बदन में सुरसुराहट हो रही थी। पूनम का मन कुछ और सुनने को हो रहा क्योकी बेला और सुलेखा जिस तरहकी बातें करती है,,, उनकी बातों को सुनना उसे भी अच्छा लगता था भले ही ऊपर से वह गुस्सा करने का नाटक करती हो क्या करें इसमें उसका कोई दोष नहीं था, यह उम्र ही इस तरह की थी कि इस तरह की बातो में ही लड़कियों का मन अक्सर लगा रहता है।,,, उसे लग रहा था कि अगर इसी तरह की बातें चलती रही तो मनोज जो की बेला और सुलेखा किस तरह की बातें करती हैं वह बताने वाला था वह नहीं बता पायेगा इसलिए वह जानबूझकर उसे याद दिलाते हुए बोली,,,,

मनोज तुम बेला और सुलेखा के बारे में कुछ बता रहे थे
,,,( पूनम की बात सुनते ही मनोज को गाड़ी पटरी पर आती नजर आने लगी क्योंकि वह जानता था कि पूनम अगर इस तरह की बातें कर रही है तो कोशिश करने पर वह भी दूसरी लड़कियों की तरह उससे बातें जरूर करेगी, इसके लिए वह मन में ही प्लान बना चुका था कि दूसरी लड़कियों की बातों का सहारा लेकर वह पुनम को पूरी तरह से गर्म कर देगा ताकि वह भी अश्लील बातों का पूरी तरह से आनंद उठा सके। मनोज जो कि औरतों और लड़कियों कि संगत का पूरी तरह से आशिक हो चुका था तो यह बात अच्छी तरह से जानता था कि इस तरह की बातें ही लड़कियों की टांगों के बीच का सफर तय करती है।,,, मैं तो चाहता था कि खुले तौर पर वहां पूनम से गंदी गंदी बातें करें लेकिन इस तरह से वह अपना काम बिगड़ जाने का भी डर महसूस कर रहा था इसलिए धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहता था इसलिए वह बोला,,,।

जाने दो पूनम क्या करोगी वह सब बातें जानकर पर दोनों गंदी लड़की है ऐसी गंदी लड़कियों के बारे में जानकर अच्छी लड़कियां अपना समय खराब करती हैं।
( मनोज कि इस तरह की बातें सुनकर पूनम को अपना काम बिगड़ता नजर आने लगा क्योंकि वह जानना चाहती थी कि आखिर लड़कियां क्या बातें करती हैं और अगर वह मनोज की बात मान लेती तो वह नहीं जान पाएगी की लड़कियां अक्सर फोन पर कैसी बातें करती हैं इसलिए वह थोड़ा बात को इधर-उधर घुमाते हुए बोली।)

अरे नहीं मनोज मुझे भला उन लोगों की बातों से क्या मतलब लेकिन वह दोनों मेरी सहेलियां है मुझे भी तो पता चलना चाहिए कि आखिरकार उनके मन में क्या है क्योंकि मेरे सामने तो वह दोनों भोली भाली बनी रहती है।,,, 

( मनोज, पुनम की बात सुनकर समझ गया कि पूनम पूरी तरह से उत्सुक हैं उनकी बातों को सुनने के लिए इसलिए वह भला क्यों बताने से इंकार करता है आखिरकार वह भी तो यही चाहता था लेकिन फिर भी बात को थोड़ा टाल देने की गरज से बोला।)

जाने दो पूनम वह लड़कियां बहुत गंदी गंदी बातें करती हैं क्योंकि जिसे बातें करती है वह मेरा दोस्त है और उसी ने मुझे सब कुछ बताया था।
( गंदी गंदी बातों का जिक्र होते ही पूनम के तन-बदन में उत्तेजना की चिंगारियां फूटने लगी उसका बदन कसमसाने लगा और वह रजाई में से अपना मुंह बाहर निकाल कर ठंडी हवा में सांस लेने लगी क्योंकि उसके बदन में उत्तेजना की गर्माहट बढ़ रही थी।)

तो मुझे भी बताओ कि उसने क्या बताया था और मेरी सहेलियां किस तरह की बातें करती हैं?

नहीं पूनम मैं उस तरह की बातें तुम्हारे सामने नहीं कर सकता तुम नाराज हो गई तो इतनी मुश्किल से तो तुम मेरे साथ बात करने को तैयार हुई हो अगर नाराज हो गई तो मैं तो फिर से तन्हा हो जाऊंगा,,,।
( मनोज की ऐसी बातें सुनकर पूनम थोड़ा सा गुस्सा हो गई और मन ही मन में गुस्सा होते हुए फोन को अपने माथे पे पक कर मनोज से बोली,,, ।)

नहीं मनोज मैं तुमसे कभी भी नाराज नहीं होंगी सच कह रही हूं।

क्या तुम सच कह रही हो क्या तुम मुझसे कभी भी नाराज नहीं होगी,,,, तो क्या तुम सच में मुझसे प्यार करती हो,,,, बोलो ना,,,,

हां बाबा करती हूं,,,, अगर करती नहीं होती तो इस तरह से आधी रात को तुम्हें फोन लगा कर बात करती,, 
( पूनम झुंझलाते हुए बोली क्योंकि इस तरह से टाइम वेस्ट हो रहा था और वह उस तरह की बातें सुनने के लिए पूरी तरह से उत्सुक थी।)
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