Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की
05-26-2019, 01:45 PM,
#17
RE: Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की
बाजी मेरी बात सुन के हंस पड़ी और बोली कयूं नहीं भाई और चारपाई पे चढ़ के अपनी दोनो टाँगों को मेरे दोनो तरफ करके और फेस मेरी तरफ करके नीचे झुकी और मेरा लण्ड अपने हाथ से पकड़ के अपनी चूत के सोराख पे सेट किया और आहिस्ता से अपनी चूत को नीचे की तरफ दबाने लगी

जैसे जैसे बाजी नीचे बैठती जा रही थी मेरा लण्ड मेरी बड़ी बहिन की चूत मैं गायब होता जा रहा था जिस का मुझे बहुत मज़ा आ रहा था अब बाजी जब आराम से मेरे लण्ड को पूरा अपनी चूत मैं घुसा के बैठ गई तो हल्का सा आगे पीछे अपनी चूत को हिलने लगी 

जिस से मेरा लण्ड मुझे ऐसे मदहोश हो रहा था के बाजी की चूत की और गहराइयों मैं जाना चाह रहा हो लेकिन उस के बस मैं ना हो जिस की वजाह से मेरा लण्ड मज़े से तड़पने लगा

मुझे बेचैन होता देखके बाजी हल्का सा मुस्कुरई और बोली कि भाई क्या हुआ बर्दाश्त नहीं हो रहा क्या तो भी बाजी से मज़ाक करते हो बोला 

हाँ साली कुत्तिया जिस की तेरे जैसी गश्ती बहिन हो उस का भला और होगा भी क्या तो

बाजी मेरी बात सुन के पता नहीं , लेकिन मुझे लगा की मज़े से सिसकी हो और अपनी गांड को अब हल्का सा ऊपर उठा के फिर से नीचे बैठने लगी तो साथ ही हल्का सा अपनी चूत को ज़ोर से मेरे लण्ड पे घिसती भी जाती

कोई 3 4 मिनट तक हम दोनो ऐसे ही मस्ती करते रहे तो बाजी मेरे लंड से खड़ी हो गई तो मेरा लूँ,द बाजी की चुत से पूकक्चहाआक्कककककक की आवाज़ क साथ बाहर निकल आया तो 

बाजी ने कहा भाई अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा तुम ऊपर आ जाओ मैं तुम्हारी जगह लेट जाती हूँ

मैं बाजी की बात मान के उठ गया और बाजी के लेटते ही बाजी की टाँगों को पूरा खोल के ऊपर की तरफ उठा दिया और एक ही झटके से अपना लंड बाजी की चुत मैं उतार दिया और 

जैसे ही लंड घुसा बाजी के मुह से सस्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईई उंन्नमममह की हल्की आवाज़ निकली तो मैने अपना लंड बाजी की चुत से पूरा कॅप तक बाहर खींच के फिर से झटका लगाया तो बाजी आअहह विकिईईईईईईईईईईई मेरे भाईईईईईईईईईईईईईईई हाआंन्ननणणन् इसी तरह चोदो पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बहुत मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उनम्म्मह 

विकी मेरे भाई फाड़ डालो अपनी बहिन की चुत को पूरा घुसा के चोदो मेरिइईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ करने लगी और साथ ही अपनी गांड को भी पूरा उछाल के मेरे लंड पे मरने लगी

बाजी की इन सेक्स और मज़े से भारी आवाज़ों ने मुझे जोश मैं भर दिया और मैं अपनी पूरी ताक़त से अपनी बड़ी बहिन की चुत मैं अपना मोटा लंड किसी डंडे की तरह चलाने लगा 

तो बाजी भी पूरी जान से काँपने लगी और मुझे लीपेटने की कोशिश करने लगी और आअहह भाईईईईईईईईईईईईईईई मेरा होने वाला हाईईईईईईईईईईई मेर जान और तेज़ चोदो भाईईईईईईईईईईईईईईई फाड़ डालो अपनी बहिन की चुत को उनम्म्मह की आवाज़ के साथ मुझे तेज़ चुदाई के लिए उकसाने लगी और फिर जुब मैं भी अपने माल गिराने के नज़दीक आया तो अचानक बाजी के मुह से ऊऊहह भाईईईईईईईईईईईईईई की तेज़ आवाज़ निकली और फिर बाजी क जिस्म को हल्का झटका लगा और बाजी का जिस्म अकड़ सा गया तो 

तभी बाजी की चुत मैं घुसे मेरे लंड पे मुझे बाजी का गरम गरम पानी गिरता महसूसहुआ तो जैसे मेरी सारी जान ही निकल गई और मैं भी हंपते हो ऊऊहह बाजिीइईईईई मैं भी गया ग्याआआआ की आवाज़ के साथ ही बाजी के बाद बाजी की चुत मैं फारिघ् हो के बाजी के ऊपर ही गिर गया और लंबी साँसाइन लेने लगा
थोड़ी देर तक जब हम इसी तरह एक दूसरे के ऊपर पड़े हंपते रहे तो बाजी ने मेरा सर जो की बाजी के कंधों पे टीका हुआ था ऊपर उठाया और

मेरी आँखों मैं झँकते हुए एक किस की मेरे होठों,पे की और और फिर बोली विकी ई लोवे योउ सारी ज़िंदगी बस ऐसे ही अपनी बहन को प्यार करते रहना

मैने भी बाजी की तरफ देखते हो कहा बाजी आप ही तो वो हस्ती हो मेरी ज़िंदगी मैं जिस ने सही से मुझे जीना सिखाया है भला मैं आप को किस तरह अपने से दूर कर सकता हूँ

इस के बाद बाजी ने मुझे कहा चलो अब उठो और जा के ट्यूब वाले चलाओ मैं अभी कपड़े पहाँ के आती हूँ फिर अबू के आने से पहले हम नहाने से भी फारिघ् हो ही जायं तो अच्छा ही है

मैने हंसते हो बाजी की तरफ देखा और बोला क्यूं बाजी आप तो बोल रही थी की अबू की टेन्सन नहीं लो लेकिन अब खुद ही घबरा भी रही हो क्या अबू के साथ अभी पूरी तरह सेटिंग नहीं हुयी 

बाजी मुझे अपने ऊपर से धक्का दे के हटती हुयी बोली विकी तुम बहुत ज़्यादा बदमाश होते जा रहे हो 

यार कुछ शरम भी होती है इंसान मैं और किसी का लिहाज़ भी रखना पड़ता है 

जाओ अब तुम यहाँ से और ट्यूब वाले चलो तब तक मैं भी आती हूँ नहाने के लिए

अबकी बार मैं उठा और बाजी बही दुपट्टे की ही लुगी बँधी और और बाहर निकल आया और 

ट्यूब वाले चला के अभी पानी मैं घुसा ही था की अबू भी आ गये जिन्हें देखते ही मेरी 

नज़र शरम से झुक गई और मैने अपना मूह दूसरी तरफ घुमा लिया और नहाने लगा की तभी बाजी भी अपने गीले और माटी से लिपटे कपड़े पहाँ के बाहर आ गई और 

अबू को देखते ही बोली अरे अबू आप कब आए

अबू ने फरी को छोड निगाहों से ऊपर से नीचे तक देखा और बोले बस बेटी अभी आया हूँ क्यूं की अभी तुम्हारी अम्मी या फ़रीदा भी हो सकता है की आ जायं दोपहर का खाना ले कर इस लिए मैं खुद ही आ गया 

बाजी अबू की बात सुनके मुस्कुरा दी और बोली चलो ठीक है 

अबू मैं भी ज़रा नहा लूं और फिर कपड़े भी बदली कर लेती हूँ ये तो काफ़ी गंदे हो गये हैं और हहहे करती मेरे साथ ही पानी मैं आ घुसी और नहाने लगी तो साथ ही अबू के सामने जो की अब बाहर पड़ी चारपाई पे बैठे हुमारी तरफ ही देख रहे थे छेड़ने लगती जिस से मैं शरम से पानी पानी होने लगता लेकिन फरी थी क उसे तो जैसे किसी बात की जैसे परवा ही नहीं थी 

मैं जल्दी से नहा के बाहर निकला और अबू से नज़र चुरता हुआ रूम मैं जा घुसा जहाँ मैने अपने कपड़े पहाँ के बाजी का दुपटा उतार दिया और वहीं चारपाई पे लेट गया 

थोड़ी देर के बाद बाजी भी रूम मैं आ गई और मेरी तरफ देख के मुस्कुराते हुए अपने कपड़े बदली करने लगी तो मैने कहा यार बाजी थोड़ी तो शरम कर लो अबू भी बाहर बैठे हैं

मेरी बात सुनके के बाजी ने कहा अगर तुम भी शरमाना छोड दो तो अच्छा है क्यूं की अब 

हुमारे और अबू के बीच कोई परदा नहीं बचा है की जिस से हम शरमाते फिरें क्या समझे भाई

मैने हाँ मैं सर हिला दिया और कुछ नहीं बोला तो फिर बाजी कपड़े तब्दील कर के मुझे चूमा देती हुयी बाहर चली गई और जाते हो बोली भाई बाहर ही आ जाओ कब तक यूँ परदादार बिबीयों की तरह अबू से चुप के रूम मैं ही बैठे रहोगे ये कोई अच्छी बात तो नहीं है

मैं कुछ नहीं बोला और सर झुका के बैठा रहा तो बाजी बाहर निकल गई रूम से तो 

मैं रूम मैं अकेला ही बैठा ये सोचता रहा की क्या मुझे बाहर जाना चाहिए
अबू के सामने या फिर अभी मैं अपना मूह छुपा के यहाँ से खिसक लूं 

लेकिन कुछ समझ नहीं आ रहा था की तभी बाहर से अबू की आवाज़ आयी जो मुझे बुला रहे थे की खाना आ गया है चलो आ जाओ

जब मैं रूम से बाहर आया तो मेरे सामने जो नज़ारा था वो कुछ यूँ था मेरी नज़र फ़रीदा पे पड़ी जो की बकरियों क पीछे भाग रही थी 

अबू और फरी भी मेरी नज़र को फ़रीदा के बूबस पे टीका महसोस कर रहे थे और इस से पहले की फ़रीदा मुझे इस तरह अपनी तरफ घूरता देखती अबू ने कहा चलो यार अब आ भी जाओ खाना नहीं खाना है क्या 

मैं अबू की आवाज़ से चौंक उठा और जब बाजी फरी और अबू की तरफ देखा जो की हल्का सा मुस्कुरा भी रहे थे तो शर्मिंदा सा हो गया और अबू के सामने चारपाई पे जा बैठा तो उस की बाद हम तीनो ने मिल के खाना खाया और खाने के बाद मैने जब 

फ़रीदा क साथ ही घर जाने का बोला तो अबू ने कहा यार ज़रा ठहरो बात करनी है मैने तुम्हारे साथ

मैं अबू की बात सुनके के वहीं रुक गया तो फ़रीदा बर्तन उठा के वापिस घर को चल दी तो अबू ने बाजी की तरफ देख के कुछ इशारा किया तो बाजी ने कहा विकी ज़रा मेरे साथ तो आना 

मैं बिना कुछ बोले बाजी के साथ चल दिया तो अबू से ज़रा फ़ासले पे आ के बाजी ने मुझे घूरते हो कहा विकी तुम्हें क्या हो गया था फ़रीदा को देख के अगर उसे पता चल जाता तो वो तमाशा बना देती पता है ना पहले भी उसी ने हमें ज़लील करने की कोशिश की थी

बाजी की बात सुनके के मैं चुप हो गया और कुछ नहीं बोला तो बाजी ने कहा देखो भाई 

मैं ये नहीं कहती के तुम सिर्फ़ मेरे साथ ही बँधे रहो ये तुम्हारी अपनी ज़िंदगी है जिस तरह मुझे अपनी पसंद के मुताबिक़ लाइफ मैं एंजाय का हक़ है तुम भी लाइफ एंजाय करो 

लेकिन ज़रा देख भाल के मेरे भाई कहीं अपने साथ साथ सात तुम मुझे और अबू को भी ना मरवा
देना समझे

मैने हाँ मैं सर हिला दिया और बोला ठीक है बाजी आप लोगों तक कोई बात नहीं आएगी लेकिन जिस ने मुझे ज़लील करने की कोशिश की थी मैं उसे भूल नहीं सकता मैं बदला तो ज़रूर लूंगा

बाजी ने कहा देखो भाई अच्छा तो ये है की तुम सब कुछ भूल के मज़े करो जो होना था हो गया और अब तो अबू की भी कोई फिकर नहीं है हमें 

तो दफ़ा करो उसे अब क्या रखा है इन बातों मैं

मैं बाजी की तरफ देख के हंस दिया और बोला ठीक है बाजी मैं भला आप की बात किस तरह मना कर सकता हूँ आपे मुसे बहुत प्यार है ....(लेकिन दिल से मैने पूरा इरादा कर लिया था की अगर मोका मिला तो फ़रीदा से बदला ज़रूर लूंगा)

मेरी बात सुनके के बाजी भी खुश हो गई और बोली चल ठीक है तो अब अगर तुम ने घर जाना है तो जाओ लेकिन कल से रोज़ाना आ जाया करना ओक तो मैं भी हंस दिया और बोला ठीक है 

बाजी मैं आ जाया करूँगा, अब खुश और हंसता हुआ घर की तरफ चल दिया


घर आ के मैं आराम करने के लिए अपने रूम मैं जा घुसा तो देखा की वहाँ फ़रज़ाना अपनी सहेली बिल्लो के साथ बैठी गप्पे हांक रही थी और मुझे देखते ही खड़ी हो गई 

और बोली वो भाई आप यहाँ थे नहीं तो हम यहाँ आप के रूम मैं आ के बैठ गई 

बिल्लो को इशारा करते हो बोली चल बिल्लो हम साथ वाले रूम मैं बैठ जाते हैं यहाँ अब भाई आ गया है

बिल्लो मेरी तरफ देख क हल्का सा मुस्कुरई और बोली क्यूं विकी जी आप को हुमारे यहाँ बैठने से कोई मसाला तो नही है ना
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RE: Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की - by sexstories - 05-26-2019, 01:45 PM

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