Desi Sex Kahani मौका है चुदाई का
09-25-2018, 01:31 PM,
#9
RE: Desi Sex Kahani मौका है चुदाई का
दोनों ने सोच तो लिया लेकिन जो सोचा है वही हो जाये ऐसा जिंदगी में कम ही होता है.....


अगले दिन सोम ने इंदु को कॉल किया और कहा की वो और नीलू उसके घर आ रहे हैं कुछ बात करनी है...दोपहर में दोनों इंदु के घर पहुचे...दोनों रस्ते में यह सोच के आये थे की इंदु को सब बात समझा देंगे और कह देंगे की अब वो यह काम नहीं कर सकते.....इंदु के घर पहुचने पर......

इंदु - आईये आईये आप लोग तो ईद का चाँद हो गए हैं...बल्कि वो भी साल में दो तीन बार आ जाता है आप तो उससे भी कम दीखते हैं अब...
नीलू - मजे मत लो यार. हम बहुत सीरियस मूड में हैं.
इंदु - सीरियस मूड में हो तो यहाँ क्यों आये हो? यह तो रंडीबाजी का अड्डा है जी..यहाँ तो अय्याशी होती है.सीरियस मूड नहीं चलता यहाँ...
सोम - इंदु तुम समझ नहीं रही हो. हम सच में बहुत सीरियस हैं...
इंदु - अरे ऐसी भी क्या बात है..मुझे तो लगा की आप लोग मुझे झटका दे रहे हैं...बताओ क्या हुआ...
नीलू - तुम तो जानती ही हो की हमारी अगली पार्टी ड्यू है.....
इंदु - हाँ. उसी का तो वेट है.
नीलू - लेकिन तुम ही सोचो की अब घर में बच्चे भी हैं. ऐसे में हम वो सब कैसे कर सकते हैं जैसा अपनी पार्टीस में होता है...
इंदु - हाँ थोड़ी मुश्किल तो जाएगी लेकिन कुछ मेनेज कर लोना आप लोग...
नीलू- अरे कैसे मेनेज कर लो. घर में जवान बच्चे हैं. क्या वो कुछ समझते नहीं हैं? उनसे क्या कहेंगे? की हमें पार्टी करनी है तुम लोग बाहर चले दो दिन के लिए?
इंदु- हाँ तो उन्हें भी कर लो न शामिल.
सोम - कैसी बात कर रही हो इंदु. उन्हें कैसे शामिल कर लें? पार्टी में तुम सब औरतें नंगी फिरती हो.ऐसी पार्टी में हम अपने बच्चों को कैसे शामिल कर लें. कोई माँ बाप ऐसा कर सकते हैं क्या...
इंदु - मुझे क्या पता. मैं तो इतना जानती हूँ की पूरा ग्रुप पार्टी का वेट कर रहा है.
सोम - उसी के लिए तो तुमसे बात करने आये हैं. तुम सब को बता दो की अब हमारे यहाँ वैसी पार्टी नहीं हो सकती. कोई और मेनेज कर ले अब आगे से.
इंदु- यह तो पॉसिबल नहीं है. किसी के पास इतनी बड़ी जगह नहीं है. और सोम भाईसाब आप कब से इतनी निराशा वाली बात करने लगे. सब औरतें आपका वेट कर रही हैं और आप सबको मना करने की सोच रहे हैं...
सोम - इंदु बात को समझो. हम कैसे कर पाएंगे यह सब अब...
इंदु - सुनो...तुम लोग मेरी बात ध्यान से सुनो.......अगर हमने इसी समय हार मान ली तो फिर कभी हम अपनी लाइफ एन्जॉय नहीं कर पाएंगे..जरा सोचो इस उम्र में आ के वैसे भी हमरे पास कितने कम आप्शन बचे हैं. कोई नया लौंडा तो फंसता नहीं है. सब अपनी उम्र की चूत खोजते हैं. ऐसे में हम सब खुले भोस वाली औरतें कहाँ जाएँगी अपनी चूत मरवाने के लिए? और सोम भाईसाब आपने ही सबकी आदत बिगड़ी है. सबको इतना चोदा है की आपसे चुदना हम सब की जिंदगी का एक हिस्सा बन चुका है. अब आप कहते हैं की आप चोदेंगे नहीं...
सोम - अरे मैंने कब कहा की मैं नहीं चोदुंगा....मैं तो खुद तुम सबको अपनी रखैल बना के रखना चाहता हूँ. और रखता भी तो हूँ. लेकिन अब हालत बदल गयी है न.
इंदु- ऐसी सिचुएशन तो आती रहती है. बच्चे हमेशा के लिए यहाँ थोड़ी न रहेंगे. उन्हें भी बड़े शहर की हवा लग गयी है. देखना कुछ समय बाद वो लोग खुद ही बाहर सेटल होने का सोचेंगे. लेकिन अगर आज से हमने यह बंद कर दिया तो ग्रुप बिखर जायेगा और फिर अगर आप लोगों के बच्चे बाहर सेटल हो गए तो फिर यह ग्रुप दोबारा नहीं बनेगा. इसलिए हिम्मत न हार जाओ.....जरा सोचो लॉन्ग टर्म का....और फिर फैसला करो..इतनी जल्दी न करो...
नीलू - यार तुम ठीक कह रही हो लेकिन हमें तो कोई रास्ता नहीं दीखता...तुम्हें कोई आईडिया हो तो बताओ...
इंदु - मैं इतना कर सकती हूँ की पुरे ग्रुप को बता दूँगी की इस बार की पार्टी कुछ दिन बाद होगी और उसके बाद हम अगली पार्टी में थोडा और टाइम ले लेंगे..पहले हम हर हफ्ते पार्टी करते थे. अब ऐसा नहीं करेंगे. अब महीने में एक दो बार ही करेंगे. और अगर एक दो बार भी हो गया न तो ग्रुप बना रहेगा.....और फिर हम ऐसा कर देंगे की पार्टी का चार्ज बढ़ा देंगे...तो उससे इनकम भी ज्यादा होगी और लोग खुद ही हफ्ते के हफ्ते इतनी महंगी पार्टी करने के लिए नहीं कहेंगे. खुद ही वो लोग महीने में एक दो बार के लिए मान जायेंगे...
सोम - मुझे तो नहीं समझ आ रहा....
इंदु- मुझे समझ आ रहा है...मेरी बात मानो..ज्यादा मत सोचो. जो मैं कह रही हूँ उसी पर यह बात रोक दो...आगे का फिर टाइम आने पर सोचेंगे..मैं अपने ग्रुप को कह दूँगी की अगली पार्टी अपनी दस दिन बाद होगी...दस दिन में देखना कोई न कोई रास्ता तो निकल ही आएगा....
सोम - ठीक है. तुम्हारी बात ही मान लेते हैं. चलो नीलू चले अब.
इंदु - नीलो को मैं ड्राप कर दूंगी बाद में. और मैं तो कहती हूँ बहुत दिनों बाद मिले हैं आप भी आ जाईये भाईसाब एक राउंड चुदाई का हो ही जाये.
सोम - नहीं इंदु. अभी तो जाने दो. चुदाई तो फिर कभी कर लेंगे.
इंदु - अच्चा तो लौड़ा ही चुसवा दीजिये.कितने दिन हो गए आपकी मलाई नहीं मिली खाने को. मैं तो तरस गयी आपके हलब्बी लंड की मलाई के लिए.
नीलू - तुझे तो हर समय बस यही दीखता है. अभी इन्हें जाने दे. इन्हें और भी काम हैं. मैं रूकती हूँ तेरे पास लेकिन तू मुझे जल्दी ड्राप कर देना घर.
इंदु - चल ठीक है. भाईसाब के हिस्से का भी आज तुझी से ले लूंगी...

सोम वहां से वापस आ गया. उसे बाहर का भी कुछ काम था और फिर घर जा के काकी को भी बताना था की इंदु से क्या बात हुई...सुबह जब उन दोनों ने काकी को बताया था की वो इंदु से आज यह बात करने वाले हैं तभी काकी ने कह दिया था की इंदु नहीं मानेगी और किसी न किसी बहाने से वो इन दोनों को भी अपनी बात में फंसा लेगी.....बाहर जाते समय सोम यही सोच रहा था की काकी सच ही कह रही थी...इंदु ने खुद तो बात मानी नहीं बल्कि इन दोनों को भी फंसा लिया....जिस समय यह दोनों यहाँ थे उधेर बच्चे घर में जाग गए थे और वो काकी के साथ बैठे हुए थे...कुछ देर बाद भानु तो अपने कमरे में चला गया लेकिन रानी और काकी साथ बैठे रहे...

रानी - काकी यहाँ कुछ करने को ही नहीं है.मैं तो घर में रह रह के बोर हो गयी.
काकी - तो किसने तुझे मना किया है. घर में इतनी गाड़ियाँ हैं. तू कहीं भी चली जाया कर.
रानी - मैं अकेले कहाँ जाउंगी. मैं तो यहाँ का कुछ जानती ही नहीं.
काकी - तो मुझसे पूछ लिया कर न. बता क्या देखना है तुझे मैं बता देती हूँ तो ड्राईवर को साथ ले जाना.
रानी - नहीं. अभी तो कहीं नहीं जाना. मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी. अच्चा काकी तुम क्या करती हो दिन भर घर में.
काकी - मैं क्या करुँगी रे....दिन भर घर का ही इतना काम रहता है. वही सब देखना होता है. उसी में दिन निकल जाता है.
रानी - माँ भी तो घर का ही काम देखती होंगी...इतना क्या काम होता है की तुम दोनों का टाइम उसी में निकला जाता है ?
काकी- तेरी माँ को तो घर के काम में जरा भी मन नहीं लगता. वो कुछ नहीं करती. सब मुझे ही देखना होता है.
रानी - यह तो गलत बात है. इस उम्र में भी तुमको इतना काम करना पड़ता है.
काकी- अरे नहीं. मैं ही उसे मना करती हूँ.यह कोई उसकी उम्र है घर का काम करने की. मैं हूँ न घर का काम देखने के लिए...
रानी - तो और क्या करने की उम्र है माँ की? वो भी तो लगभग ५० की हो गयी होंगी न? इस उम्र में और क्या कर सकता है कोई?
काकी - क्यों नहीं? उसके इतने सरे दोस्त हैं.इतनी सारी सहेलियां हैं. उन सब के साथ आउटिंग पर जाना. पार्टी में जाना. पार्टी करना. शौपिंग करना. यही सब उसके मन का काम है. वो इसी में बिजी रहती है.
रानी - तो तुम भी जाया करो न उनके साथ.
काकी - अच्चा?? मुझे कौन अपने साथ ले के जायेगा. मैं तो बुधिया लगती हूँ..
रानी - नहीं काकी. तुम्हें और माँ को कोई साथ देखे तो यही कहेगा की दोनों सगी बहने हैं. तुम दोनों को देखने में उम्र का ज्यादा फर्क नहीं मालूम पड़ता.
काकी - तू तो बड़ा अच्चा झूट बोल लेती है.
रानी - नहीं काकी. सच में. उस दिन मैं और भानु सोच ही रहे थे की तुम दोनों ने अपना फिगर कितना अच्चा मेन्टेन किया हुआ है.
काकी - चुप कर बदमाश. हमारा फिगर मत देखा कर. तेरी उम्र लड़कों को देखने की है.औरतों को देखने की नहीं.
रानी - हा हा हा हा हा...हाँ हाँ काकी मैं लड़कियों को नहीं देखती. तुम चिंता मत करो.
काकी - अरे तुम इस जमाने के लड़के लड़कियों का कुछ भरोसा नहीं है. तुम लोग तो कुछ भी कर सकते हो. चिंता तो हो ही जाती है.
रानी - अच्चा काकी यह बताओ माँ इतनी पार्टी करती हैं लेकिन हमने तो कभी उन्हें घर में पार्टी करते नहीं देखा...अभी क्या वो लोग पार्टी करने ही गए हैं..
काकी - नहीं. इनकी एक दोस्त है इंदु. उसके यहाँ गए हैं. कुछ बिज़नस की डील करनी है उससे आज.
रानी - मैं तो यह भी नहीं जानती की हमारा घर का बिज़नस क्या है..लेकिन जिस तरह का अपना घर है और जिस तरह से साज सज्जा होती है उससे तो यही लगता है की पापा बहुत बड़े बिज़नस में हैं.
काकी - यह तो तू उसी से पूछना. मुझे भी नहीं पता की सोम क्या बिज़नस करता है..मुझे कहाँ यह सब समझ में आएगा.
रानी - मैं तो पापा से ही पूछ लेती लेकिन उनके पास भी कहाँ टाइम है हमारे लिए...देखो न हमें आये इतने दिन हो गए लकिन वो हमारे साथ कभी ठीक से बैठे भी नहीं.
काकी - ठीक है. मैं आज ही सोम की खबर लेती हूँ.भला बिज़नस भी कभी बच्चों से बड़ा होता है क्या..मैं सोम को कहूँगी की वो टाइम निकल के घर पर ज्यादा रहा करे...
रानी - अच्चा काकी मैं नहाने जाती हूँ...फिर दोपहर के खाने के लिए निचे आउंगी..
काकी - तुम लोग उपर करते क्या रहते हो दिन दिन भर?
रानी - कुछ नहीं काकी बस इन्टरनेट पर कुछ करते रहते हैं. उसी में टाइम पास होता है......

रानी उपर आ गयी...काकी वहीँ बाहर लॉन में बैठी अख़बार पढ़ रही थी लेकिन उसका मन तो इसमें लगा हुआ था की इंदु के यहाँ क्या हुआ है.....उसे सोम के लौटने का वेट था...रानी उपर आई तो उसे भानु की आवाज सुनाई दी..वो उसे अपने कमरे में आने को कह रहा था..रानी एक पल को ठिठक सी गयी...उसे याद आ गया की कल रात को वो भानु का लैपटॉप ले के आई थी और अब भानु जरुर उसके मजे लेगा की कोई पोर्न पसंद आई की नहीं.....वैसे मन तो उसका भी था सेक्स की बात करने का लेकिन वो हमेशा से ही भानु को सेक्स के बारे में ऐसे ज्ञान देती आई थी जैसे वो खुद कितनी बड़ी मस्त है...और ऐसे में अगर वो भी भानु के सामने अपनी चुदास की बात करेगी तो इससे उसकी पूरी इमेज धुल जाएगी....लेकिन फिर भी भानु बुला रहा था तो उसे तो जाना ही था.....वो भानु के कमरे में पहुची तो अन्दर भानु अपने नए सिस्टम पर कुछ काम कर रहा था....
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