Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:38 PM,
#89
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
तीनों खाना खा चुके थे अलका ने अपने दोनों बच्चों को उनके हिस्से की रसमलाई खाने को दी सोनू तो रसमलाई खा कर बहुत खुश हुआ और राहुल भी अपने हिस्से की रसमलाई खा गया। सोनू खाना खाने के बाद अपने कमरे में चला गया और अलका रसोई घर साफ करने लगी राहुल तब तक वहीं बैठा रहा। अलका बहुत खुश नजर आ रही थी रसोई घर साफ करने के बाद वहां अपने हिस्से की रसमलाई कटोरी में लेकर अपने कमरे की तरफ जाने लगी और साथ ही राहुल की तरफ देखकर कामुक मुस्कान बिखेर रही थी। राहुल भी अपनी मां को देख कर मंद मंद मुस्कुरा रहा था। अलका हाथ में कटोरी लिए जिसमें उसके हिस्से की रसमलाई थी। उसे हाथ में हिलाते हुए बड़े ही कातिल अंदाज में अपनी भराव दार गांड को कुछ ज्यादा ही मटकाते हुए अपने कमरे की तरफ जा रही थी और जाते जाते राहुल की तरफ देखकर बोली अगर तुझे रसमलाई खाना हो तो मेरे कमरे में आ जाना। राहुल अपनी मां के इन शब्दों का अर्थ अच्छी तरह से समझता था सुबह से दो-दो बार अपनी बुर में अपने बेटे का लंड डलवा कर चुदवा चुकी थी, लेकिन उसकी प्यास थी कि मुझे नहीं किया जाए और ज्यादा भड़कने लगती थी। अलका अपने कमरे में चली गई, राहुल भले अपनी मां का इस मस्ती भरे आमंत्रण को कैसे ठुकरा सकता था.। लेकिन वह कुछ देर तक वहीं बैठा रहा और अलका अपने कमरे में पहुंचते ही अपने बदन से साड़ी निकाल कर बिस्तर पर फेंक दी और ब्लाउज के ऊपर के दो बटन को खोल दी।
ऊपर के दो बटन खुलते ही अलका की बड़ी बड़ी चुचियों का आधा भाग ब्लाउज के बाहर झांकने लगा और चुचियों के बीच की गहरी लकीर और भी ज्यादा कामुक लगने लगी अगर किसी की भी नजर अलका की खुली हुई लकीरों पर पड़ जाए तो खड़े-खड़े उसका लंड पानी छोड़ दे। अलका अधखुली ब्लाउज और पेटीकोट में रस मलाई की कटोरी ले कर बिस्तर पर लेट गई, और रसमलाई का स्वाद चखते हुए आनंदित होने लगी।
आखिरकार बाहर राहुल कब तक अपनी चुदवासी मां को कमरे में अकेला छोड़ कर बैठा रहता उसका चुदास से भरा हुआ आमंत्रण उसे फिर से एक बार चुदवासा बना रहा था। दिनभर की चुदाई की यात्रा करने के बाद भी उसे कोई मंजिल नहीं मिली थी। वह कुर्सी से उठकर अपनी मां के कमरे की तरफ जाने लगा, कमरे के पास पहुंचते ही कमरे का दरवाजा उसे खुला मिला क्योंकि अलका जानती थी कि उसका चुदास से भरा हुआ आमंत्रण पाकर उसका बेटा कमरे में आए बिना रह ही नही ं सकता था। कमरे में प्रवेश करते ही उसने एक नजर अपनी मां पर डाली और उसे पेटीकोट और ब्लाउज में देख कर मुस्कुराते हुए दरवाजा बंद कर दिया
अपने बेटे को कमरे में देख कर रस मलाई खाते हुए अलका भी मुस्कुराने लगी ओर बोली।
अच्छा हुआ बेटा तू आ गया यूं अकेले-अकेले रसमलाई खाने में बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा था।

मुझे भी बिना तुम्हारी रसमलाई चखे नींद कहां आती है (अपनी मां के करीब बिस्तर पर बैठता हुआ राहुल बोला। अलका भी अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा किस रसमलाई की बात कर रहा है इसलिए वह रसमलाई को जीभ से चाटते हुए बोली।)

तो चाट ले चख ले जो मन आए वह कर ले आखिर तुझे रोका किसने हैं। ( अपनी मां की हामि पाते ही राहुल ने तुरंत अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाया, और एक हाथ से अपनी मां की पेटिकोट की डोरी को पकड़कर झटके से खींच दिया, तुरंत ही झटके से खींचने की वजह से पेटीकोट की गांठ खुल गई , और अपने बेटे की इस हरकत करें अलका के बदन में गुदगुदी सी होने लगी। पेटीकोट की डोरी खुलते ही पेटीकोट ढीला हो गया। पेटीकोट के ढीला होते ही राहुल से सब्र करना मुश्किल होने लगा और उसमें तुरंत दोनों हाथ से पेटीकोट पकड़कर कमर से नीचे की तरफ सरकाने लगा, लेकिन अलका की भारी-भरकम गांड के वजन की वजह से पेटीकोट नीचे की तरफ सरक नहीं रही थी जिसे अलका ने भांप ली और खुद ही कटोरी से रसमलाई खाते हुए अपनी भरावदार गांड को ऊपर की तरफ उचका कर अपने बेटे को पेटीकोट निकालने में मदद करने लगी। अपनी मां को यूं अपनी भारी भरकम गांड उचकाते हुए देख कर राहुल ने तुरंत पेटिकोट को घुटनों तक खींच लिया जिसे खुद ही अलका ने अपने पैरों के सहारे उसे अपनी गोरी चिकनी टांगों से निकाल कर बाहर फेंक दि। 
राहुल तो अपनी मां की चिकनी जांघो को देखकर मदहोश हो गया। और तुरंत झुककर अपनी मां की जांघो को चूमने चाटने लगा। अलका अपने बेटे के चुंबन तेरे मस्त होने लगी राहुल लगातार जांघों से लेकर घुटनों तक चुंबनों की बौछार लगा दिया अलका रस मलाई खाते हुए मस्त हुए जा रही थी उसके बदन में उत्तेजना की लहर पल-पल बढ़ती जा रही थी। राहुल की नजर जैसे ही अपनी मां की पैंटी की तरफ गई तो बुर वाली जगह पर पेंटिं पूरी तरह से गीली नजर आने लगी। जिसे देखते ही राहुल एकदम उत्तेजना से भर गया और तुरंत उसकी गीली वाली जगह पर अपनी जीभ फिराकर चाटने लगा अलका के बदन में सुरसुरी सी फेलने लगी । अब उसे रसमलाई खाने से ज्यादा अपनी रसमलाई चटवाने की आतुरता बढ़ती जा रही थी। राहुल भी एकदम पागल हो चुका था उसने तुरंत अपनी मां की पैंटी को दोनों छोऱ से पकड़ा और इस बार भी अलका ने तुरंत एक पल भी गवाएं बिना अपनी भारी-भरकम गांड को ऊपर की तरफ उचका दी, राहुल अभी तुरंत अपनी मां की पैंटी को खींचते हुए नीचे की तरफ सरकाने लगा
जैसे जैसे पेंटी कमर से नीचे की तरफ सऱक रही थी, वैसे वैसे अपनी मां की पनियाई बुर को देख कर उसकी आंखों की चमक बढ़ती जा रही थी पेंटी निकालने में राहुल को बहुत ही उत्तेजना का अनुभव हो रहा था ।गोरी चिकनी मांसल जांघोे से होते हुए जैसे जैसे अलका की पेंटी नीचे की तरफ सरक रही थी राहुल के दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी। उत्तेजना के मारे राहुल का गला सूख रहा था। अलका जी बदहवास सी हुए जा रहीे थी। उसकी भी बुर कुलबुलाने लगी थी। ऊसकी बुर से मदनरस की बुँदे रह रहकर टपक रही थी। राहुल ने बिना रुके अपनी मां की पैंटी को सीधे घुटनों से नीचे तक उतार दिया और उसे भी अलका ने अपने पैरों के सहारे निकाल फेंकी। अलका रसमलाई खाना बिल्कुल भूल गई उसका ध्यान अब सिर्फ राहुल पर ही लगा हुआ था और उसकी हरकतों पर। राहुल तो अपनी मां की नंगी बुर को देख कर एकदम दीवानों की तरह जांघों के बीच वाली जगह पर चुंबनों की बौछार कर दिया। अलका अपने बेटे के चुंबन से एकदम मस्त होकर कसमसाने लगी और उत्तेजना के मारे दाएं-बाएं अपना सिर पटकने लगी। राहुल को तुरंत अपनी प्यासी जीभ को अपनी मां की रसीली बुर पर रखकर चाटना शुरू कर दिया। बेतहाशा चुंबनों और चटाई के कारण अलका भीगने लगी उसकी बुर से नमकीन पानी का फुवारा फूट पड़ा। नथुनो से निकल रही गर्म सांसों की कसमसाहट में अलका मस्त हुए जा रही थी। मां बेटे के बीच का स्नेह और प्यार का संबंध किस ने वासना और संभोग के सुख में खो गया था। राहुल से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था बंद कमरों के बीच कोई सोच भी नहीं सकता था कि एक मां और बेटे मर्यादा की सारी हदें लांघकर संभोग सुख की खोज में वासना के समुंदर में इस कदर डूब जाएंगे कि उन्हें उन्हें दुनिया का जरा भी ख्याल नहीं रहेगा। राहुल की जीभ लबालब अलका की बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच फड़फड़ाकर चल रही थी जिससे अलका को अद्भुत अतुल्य आनंद की प्राप्ति हो रही थी। तभी राहुल की नजर माता के हाथों में जो रस मलाई की कटोरी थी उस पर गई उसने एक हाथ आगे बढ़ाकर उस कटोरी को थाम लिया अलका को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि राहुल ने कटोरी किस लिए लिया है। अलका कुछ पूछ पाती इससे पहले ही राहुल ने कटोरी को एकदम बुर के ऊपर लाकर उसमें से चार-पांच रसमलाई की बूंदें अपनी मां की बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच टपका दिया। अलका को समझते देर नहीं लगी कि उसका बेटा अब क्या करने वाला है वह अपने बेटे के द्वारा आगे होने वाली हरकत के बारे में सोचकर ही रोमांचित हुए जा रही थी। तभी राहुल रस मलाई की कटोरी को एक बाजू रखकर अपनी मां की जांघों के बीच झुक गया और बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच जीभ लगा कर चाटना शुरू कर दिया । 
आाहहहहहह गजब का एहसास और स्वाद दोनों का एक साथ आनंद उठा रहा था राहुल। उसे इस समय बेहट आनंद की प्राप्ति हो रही थी और वह चटखारे लगा लगा कर अपनी मां की बूर चाट रहा था। अलका को एकदम चुदवासी हो गई वह अपनी कमर को गोल-गोल घुमाते हुए अपने बेटे से अपनी बुर चटवा रही थी। 

ससससहहहहहहहहहह...... राहुल तूने तो मेरे पूरे बदन में आग लगा दी है रे।ओहहहहहहहहह...राहुल....ऊफ्फफफ....
ओर चाट ....चाट....मेरी बुर को....ऊम्म्म्म्..:.... ( सिसकारी लेते हुए अलका उत्तेजना के मारे अपना सिर बाय-बाय पटक रही थी यह देखकर राहुल और भी ज्यादा चुदवासा हुए जा रहा था और जोर जोर से अपनी मां की बुर को लबा लब चाटे जा रहा था। कुछ देर तक यूं ही राहुल अपनी मां की बुर में ही मस्त होता रहा , पेंट के अंदर उसका लंड टनटनाकर एकदम लोहे की छड़ की तरह हो गया था। और उसने उत्तेजना के कारण हल्का हल्का दर्द भी होने लगा था इसी तरह का एक ही इलाज था और वह था चुदाई जबरदस्त चुदाई।
अलका का भी यही हाल था वह भी पूरी तरह से चुदवासी हुए जा रही थी वह सिसकारी लेते हुए राहुल से चुदाई करने के लिए गिड़गिड़ाने लगी थी।

ससससससहहहहहहहह.....आहहहहहहहहह.....राहुल..... बस भी करो राहुल अब तो मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है। बस आप मेरी बुर से अपनी जीभ निकालकर अपना मोटा लंड डाल दो। ऊहहहहहह.....राहुल....
अपनी मां की उत्तेजना से भरी हुई बातें सुनकर राहुल काफी दिल तड़प उठा अपनी मां को चोदने के लिए इसलिए वह बुर पर से अपना मुंह हटा लिया ओर जल्दी से अपनी जगह पर खड़ा होकर अपनी पेंट के बटन खोलने लगा अपने बेटे को पेंट खोलता हुआ देखकर अलका की बुर मे खुजली होने लगी। और वह खुद ही अपनी हथेली उस पर रगड़ कर अपनी उत्तेजना को शांत करने की कोशिश करने लगी और देखते ही देखते राहुल ने अपनी पेंट की बदन खोल कर पेंट को तुरंत घुटने से नीचे सरका कर उसे उतार दिया। ऊफ्फ्..... क्या खुमारी छाई हुई थी अलका की आंखों में जब उसकी नज़र अपनी बेटे के खड़े लंड पर पड़ी गजब का हथियार था उसका ऊसकी मोटाई लंबाई उसके सुपाड़े का अंडाकार आकार देख कर अलका की बुर फूलने पिचकने लगी। वह अपनी बुर को मसलते हुए एकटक अपने बेटे के लंड को देखने लगी। वग जानबूझकर उसे अपनी मुट्ठी में लेकर आगे पीछे करते हुए हिलाने लगा जिसे देख कर अलका से बिल्कुल भी रहा नहीं गया और वह तुरंत बेठ गई। 
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:38 PM

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