Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
10-12-2019, 11:47 AM,
#11
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
अगले दिन सुबह रूही मुझे उठा रही थी.


रूही--जय जल्दी उठ आज कॉलेज जाना है आज पहले दिन ही लेट पहुँचना चाहता है क्या???


में---दीदी सोने दो ना क्या कॉलेज कॉलेज कह कर डरा रही हो.



रूही--तुझे नही जाना है तो बोल दे क्योकि नीरा भी तेरा इंतजार कर रही है स्कूल छोड़ने के लिए.



में--क्या यार दीदी हमेशा इंपॉर्टेंट बात आप लास्ट में क्यो करती हो....में बस 15 मिनिट्स में रेडी हो कर नीचे आता हूँ.

फिर रूही चली जाती है ऑर में बाथरूम में घुस जाता हूँ , ऑर रेडी होकर नीचे हॉल में आ जाता हूँ.



नीरा--भैया क्या है ये सब में कब से आपका वेट कर रही हूँ...


में--तू तो चुप कर तुझे अगर स्कूल जाना था तो मुझे जल्दी जगाने नही आ सकती थी क्या.


नीरा--में तो आने वाली थी पर रूही दीदी ने मुझे रेडी होने के लिए बोल दिया था...अब जल्दी चलो नाश्ता आप कॉलेज की कॅंटीन में कर लेना...पहले आप मुझे स्कूल ड्रॉप करो.

उसके बाद हम तीनो एक ही बाइक पर बैठ कर निकल जाते है... नीरा को उसके स्कूल ड्रॉप करने के बाद में ऑर रूही कॉलेज के लिए निकल जाते है.


कॉलेज की पार्किंग में बाइक खड़ी करने के बाद में ऑर दीदी अपने अपने क्लास रूम्स की तरफ़ बढ़ जाते है आज पहला दिन था इस लिए बस इंट्रोडक्षन ही चल रहा था जो भी प्रोफेसर आता वो सारा टाइम बस इंट्रो में ही निकाल देता...आख़िर थक हार के में कॉलेज की कॅंटीन की तरफ़ बढ़ जाता हूँ ऑर अपने लिए कॉफी ऑर समोसा ऑर्डर कर देता हूँ

तभी कुछ सीनियर वहाँ आते है ऑर एक टॅबेल पर बैठ जाते है ऑर न्यू स्टूडेंट से उनका इंट्रो लेने लगते है. कभी वो किसी से गाना गवाते कभी वो किसी को डॅन्स करने के लिए कहते.

में ये सब होते देख रहा था तभी रूही भी कॅंटीन में आजाती है रूही को देखते ही वो सीनियर्स आहे भरने लग जाते है.

एक लड़का--भाई ये करोड़पति बाप की बेटी है ये ब्रा कौनसी कंपनी की पहनती होगी.


दूसरा लड़का---अबे ब्रा छोड़ ये पैंटी किस कंपनी की पहनती होगी ...
ऑर इतना बोलकर वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते है.

मेरा मन तो कर रहा था उन मादरचोदो का मुँह तोड़ दूं लेकिन रूही ने मुझे ऐसा कुछ भी करने से मना कर दिया था.

एक लड़का--भाई ये छमिया आज किस के साथ गुटरगूं कर रही है... कहीं इसने इस लड़के के साथ सेट्टिंग तो नही कर ली है.

दूसरा लड़का--ये तो कोई नया मुर्गा लगता है, चलो इसका इंट्रो लेते है.

वो लोग अपनी चेर्स लेकर हम लोगो के पास आकर बैठ जाते है.

एक लड़का--ओये हीरो कौन्से एअर में है तू.


में--अपने शब्द चबाते हुए..,,फर्स्ट एअर में बोलता हूँ.


दूसरा लड़का---चल कोई गाना सुना.

मैने पूछा कौनसा गाना सुनना है.

लड़का--चिकनी चमेली सुना दे.


में--चिकनी चमेली ....ये तो मेरा पसन्द का गाना है...इस पर तो में आप को डॅन्स भी कर के दिखा सकता हूँ.

लड़का---चल तो फिर खड़ा हो ऑर दिखा अपना जलवा.


मेरे खड़े होते ही उनमें से एक लड़के ने रूही का हाथ पकड़ लिया .....

मैने फुर्ती से पास की टॅबेल से एक कोल्ड ड्रिंक की बॉट्टेल उठा ली ऑर उस लड़के के सिर पर दे मारी.

कॅंटीन में बिल्कुल सन्नाटा छा गया, कोई कुछ समझ हे नही पाया कि क्या हुआ.

फिर उनमें से एक लड़का उठा....वो लड़का पूरी तरह से उठ पाता उस से पहले मेरे मुक्के का जोरदार प्रहार सीधा उसकी नाक पर हुआ...

तभी कॅंटीन में कॉलेज स्टाफ ऑर प्रिन्सिपल आ जाते है.
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10-12-2019, 11:47 AM,
#12
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
प्रिन्सिपल को रूही सारी बात बता देती है कि किस तरह से ये लड़के यहाँ रेजिंग ले रहे थे ऑर लड़कियो को छेड़ते है.


प्रिन्सिपल उन लड़कों को अपने ऑफीस में आने के लिए कहते है ऑर जिस लड़के के सिर पर मैने बॉट्टेल मारी थी ....उसे वो हॉस्पिटल पहुचाने का बोलकर वहाँ से चले जाते है...

लड़का--तूने हम लोगो पर हाथ उठा कर अच्छा नही किया इसका बदला हम जल्दी ही लेंगे.


में--चल भाग अब यहाँ से वरना चलने के लायक नही रहोगे.

ऑर उसके बाद वो लोग वहाँ से चले जाते है कॅंटीन में बैठे सभी लड़के लड़किया मेरे पास आकर थॅंक्स कहते है..ऑर मुझ से दोस्ती कर लेते है.

इस तरह से कॉलेज के पहले ही दिन मैने अपनी कॉलेज की गॅंग रेडी कर ली.


रूही--क्यो लड़ाई की तूने उन लड़को से.


में---में लड़ाई नही करता दीदी लेकिन उस लड़के ने आपका हाथ पकड़ के ग़लत किया , उसके बाद मेरा रुकना नामुमकिन था.


रूही--चल अब घर चलते है नीरा के स्कूल का टाइम भी हो गया है.


फिर हम दोनो नीरा की स्कूल को तरफ बाइक पर चल पड़ते है....रूही आज कुछ ज़्यादा ही मुझ से चिपक कर मेरी बाइक पर बैठी थी.....

हम लोग नीरा की स्कूल पहुँच गये नीरा भी वहाँ बाहर ही खड़ी होकर हमारा इंतजार कर रही थी.


नीरा--आप लोग कहाँ घूमते रहते हो , आज आप पूरा 10 मिनिट्स लेट हो.


में--अबे 10 मिनिट ही तो लेट है...


नीरा--ऑर अगर इन 10 मिनिट्स में मेरे साथ कुछ हो जाता तो.



में--पागल अपना मुँह बंद रख , ओर चुपचाप गाड़ी पर बैठ...कुछ नही होगा तुझे.


रूही--अब तुम दोनो लड़ना बंद करो ऑर जल्दी से घर चलो , मेरा तो भूख के मारे हाल खराब है.


फिर हम लोग घर की तरफ़ निकल जाते है .


घर पहुँच कर रूही अपने कमरे में चली जाती है चेंज करने के लिए ऑर नीरा मुझे अपने साथ बिठा लेती है ऑर हम टीवी देखने लग जाते है...इस समय टीवी पर डोरेमोन आ रहा था, ऑर ये नीरा को बहुत पसंद था.

तभी भाभी भी आजाती है कॉफी ऑर नाश्ता लेकर ऑर मेरे बगल में बैठ जाती है.


भाभी--नीरा अभी भी बच्चो वाले शो देखती है,अब तो तू 18 साल की होगयि है.


नीरा--उमर बढ़ने का ये मतलब थोड़े ही है जो चीज़े मुझे पसंद है वो में छोड़ दूं.
कल आप कहोगी कि जय भैया से प्यार करना छोड़ दे.


भाभी--अरे मेरी प्यारी ननद ऐसा तो में कभी सोच भी नही सकती ..अब ये नाश्ता ऐसे ही ठंडा करना है या तुम लोग इसे खाना शुरू करोगे, ऑर ये रूही कहाँ रह गयी.


नीरा--दीदी चेज करने गयी है.


भाभी--जय पापा ऑर तुम्हारे भैया हफ्ते भर के लिए दुबई गये है...क्यो ना हम लोग कहीं पिक्निक पर चले.

में कुछ बोलना ही चाहता था कि नीरा बोल पड़ी.


नीरा--हाँ जय भैया किसी मस्त जगह चलते है अभी 4 दिन की छुट्टियाँ भी हो गयी है.


में--4 दिन की छुट्टियाँ किस खुशी में.???


नीरा--दो दिन की छुट्टी तो में स्कूल से ले लूँगी ऑर अगले दो दिन किसी महापुरुष की जयंती है इसलिए छुट्टी रहेगी.



में--वाह मेरी बिल्ली पिक्निक का नाम सुनते ही तेरी छुट्टियाँ शुरू हो जाती है.

तभी रूही भी वहाँ आजाती है


रूही--हाँ जय हम लोगो को कहीं चलना चाहिए ऑर वैसे भी अभी कुछ दिन तक कॉलेज में भी लेक्चर नही होने वाले.



में--लेकिन मम्मी से तो पूछ लो क्योकि पापा ऑर भैया दोनो ही यहाँ नही है वो घर बंद एक मिनिट के लिए नही करेंगी.


नीरा--मम्मी को पटाने की ज़िम्मेदारी मेरी...में उन्हे चलने के लिए मना लूँगी.


में--तो फिर ठीक है , तू बात कर ले मम्मी से.


वो भाग कर मम्मी के रूम में चली जाती है ऑर मम्मी का हाथ पकड़ कर रूम से बाहर खीच कर ले आती है.
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10-12-2019, 11:47 AM,
#13
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
मम्मी--क्या बात है....तुम लोगो को पता है ये समय मेरे सोने का है और ये महारानी मुझे यहाँ ले आई.



नीरा--मम्मी हम पिक्निक पर जाने का प्रोग्राम बना रहे है, आप भी चलोगि हमारे साथ???



मम्मी--यहाँ मुझे फ़ैसला करने के लिया बुलाया है या अपना फरमान सुनाने के लिए,
कोई कहीं नही जा रहा तुम्हारे पापा जब तक नही आजाते .

और फिर मम्मी वही बैठ जाती है.

नीरा--मम्मी आप तो कहीं जाती नही जब से में देख रही हूँ आप कभी मार्केट भी नही जाती,हमेशा इस घर में पड़ी रहती हो..ना तो खुद कहीं जाती हो और ना हमे कहीं जाने देती हो.



मम्मी--तेरा ये एमोशनल ब्लॅकमेन्ल करने वाला जादू मुझ पर नही चलेगा ....तुम लोगो के जाने का फ़ैसला सिर्फ़ तुम्हारे पापा कर सकते है.



नीरा---ठीक है मम्मी ....में पापा से बात करती हूँ लेकिन पहले मेरी कसम खाओ पापा से बात करने के बाद जो में कहूँगी वो आप को करना पड़ेगा.


मम्मी--लेकिन तेरे पापा मानेंगे ही नही तुम लोगो को कही भी अकेले भेजने के लिए.


नीरा--आप कसम खाओ पहले उसके बाद भी अगर वो मना कर देंगे तो आप भी उस कसम से आज़ाद हो जाओगी.


मम्मी--में क्या पागल हुई हूँ जो तेरी बातो को मानने के लिए मुझे तेरी कसम खानी पड़ेगी अगर मेरे बस में होता तो तुम लोगो को कभी नही रोकती.


नीरा--आप बस एक बार कसम खाओ,फिर मेरा जादू देखो.


मम्मी---तेरी कसम....अब खुश.


नीरा.... बहुत खुश.

नीरा पापा को फोन मिला देती है.


पापा--हाँ बेटा क्या हुआ इस वक़्त फोन किया है मेरी मीटिंग शुरू होने ही वाली है.


नीरा---पापा में बात को ज़्यादा घुमा फिरा के नही कहूँगी ....हम लोगो को पिक्निक पर जाना है 4 दिन के लिए और आपकी रज़ामंदी चाहिए.


पापा--तू पिछले जनम में कोई गुंडी वंडी थी क्या....रज़ामंदी माँग रही है या धमकी दे रही है.

अब में भी बात को ज़्यादा घुमा फिरा के नही बोलूँगा ...तुम लोग कहीं नही जा रहे जब तक हम वापस घर नही आजाते.


नीरा--बोल लिया आपने ....आपकी इन्ही बातो के पीछे मम्मी कभी घर से बाहर नही निकलती और जब वो हमारे साथ जाने को रेडी होगयि है तो आप बीच में अपनी टाँग अड़ा रहे हो.


पापा--क्या कहा तूने तेरी मम्मी भी जाना चाहती है??तू मुझ से झूठ तो नही बोल रही है??

नीरा--आपकी कसम पापा में मम्मी को भी हमारे साथ ले जाउन्गी..


पापा--अगर ऐसी बात है तो जाओ और मज़े करो...लेकिन अगर मुझे पता चला कि तूने मुझ से झूठ बोला है तो याद रखना तेरा स्कूल जाना भी बंद करवा दूँगा.


नीरा--ठीक है पापा में आपकी कसम झूठी नही खा सकती..में मम्मी को भी अपने साथ लेकर जाउन्गी.


पापा--चल ठीक है अब मेरी मीटिंग का टाइम होगया है में फोन रख रहा हूँ.


इधर मैने मम्मी को पकड़ रखा था और रूही दीदी ने उनके मुँह पर हाथ रख रखा था मम्मी अपना पूरा ज़ोर लगा रही थी हम लोगो से छूटने के लिए और पापा को सच बताने के लिए..और जैसे ही नीरा ने फोन रखा और हम सब हँसने लगते है.


मम्मी--ये क्या बदतमीज़ी है तुम लोगो ने झूठ बोलकर उनसे पर्मिशन माँगी है में अभी फोन करके उन्हे सब सच बता देती हूँ.


नीरा--एक ही साँस में,,,,मम्मी आपने मेरी कसम खाई है जो में बोलूँगी वो आप करोगी और आपको अब कसम पूरी करने के लिए हम लोगो के साथ चलना पड़ेगा अगर आप कसम पूरी नही करोगी तो कसम टूटने की वजह से में मर जाउन्गि और अगर में मर गयी तो पापा की खाई हुई कसम भी टूट जाएगी ...सोच लो आगे क्या होगा.
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10-12-2019, 11:48 AM,
#14
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
मम्मी मुँह फाडे नीरा की तरफ़ देखे जा रही थी उनको अहसास होगया था कि वो अब कुछ नही कर सकती ..,और उनकी ये हालत देख कर हम सभी मुस्कुराए जा रहे थे.


मम्मी--कहाँ जाना है....


और हम सभी एक साथ...हुर्र्रेयययी... चिल्ला देते है.....

हम सभी ने ऋषिकेश जाने का फाइनल किया. हम सभी ने आज रात को ही निकलने का प्लान बनाया, अभी दिन के 2 बजे थे और फिर भाभी और रूही शॉपिंग के लिए निकल गयी, में मेरे लेपटॉप पर वहाँ रुकने के लिए बुकिंग करने लगा

मम्मी और नीरा ज़रूरी सामान की पॅकिंग कर रही थी और साथ ही साथ नीरा को बातें भी सुनाए जा रही थी.



मम्मी--तुझे शर्म नही आई मुझे बेवकूफ़ बनाते हुए...मुझे तो बनाया जो बनाया तूने तेरे पापा को भी बेवकूफ़ बनाया???


नीरा--ऊओहू मम्मी अगर में ऐसा नही करती तो ना आप कभी घर से निकल पाती और ना ही कभी हम इस तरह से पिक्निक पर जा पाते, सोचो कितना मज़ा आएगा वहाँ हम सब को.



मम्मी--मुझे बहलाने की कोशिश मत कर तेरी माँ हूँ में...पता नही हर बार तेरे झाँसे में कैसे आ जाती हूँ में.



नीरा--आप खूब सारा प्यार जो करती हो मुझ से. आपकी इतनी लाडली हूँ तो आप तो मेरी बात मनोगी ही.



मम्मी--हाँ मेरी बच्ची लाडली तो तुम हम सब की है जान है तू मेरे घर की....तभी गुस्से मे....मुझे फिर फसा लिया तूने अपने जादू में,बोल देती हूँ तुझे ये मीठी मीठी बातो में मुझे फसाने की कोशिश मत किया कर.



नीरा---क्या मम्मी हर समय मुझ पर गुस्सा करती रहती हो...कभी थोड़ा प्यार से भी बात कर लिया करो...आपकी बातो से ऐसा लगता है जैसे में मंदिर में मिली थी आपको.



मम्मी--गुस्से से चुप हो जा वरना मेरा हाथ उठ जाएगा तुझ पर ...तुझे इतना प्यार दिया और तो बदले में ये सिला दे रही है मेरी ममता का.
मम्मी की आँखो में अचानक से आँसू छल्छला आए थे.


नीरा--मम्मी सौरी माफ़ कर दो मुझे में तो आपका अच्छा बेटा हूँ ना...मेरी बात का बुरा लगा मेरी प्यारी मम्मा को.

और नीरा कस कर गले से लगा लेती है मम्मी को .


मम्मी --बस बस काफ़ी नौटंकी हो गयी तेरी अब चुपचाप सामान पॅक करवा नही तो बाहर जाकर वो बिल्ली वाला नाटक देख(डॉरेमन).



नीरा इस बार बिल्कुल शांत हो कर मम्मी के साथ पॅकिंग करवाने लग जाती है.



उधर भाभी और रूही भी आजाती है ...वो लोग सारा सामान अच्छे से पॅक कर के रख देती है.


में--मम्मी ऊओ मम्मी वहाँ होटेल में बुकिंग हो गयी है अब चलने की तैयारी करो हमे जल्दी निकलना होगा खाना हम बाहर ही कहीं खा लेंगे.



मम्मी--ठीक है सामान गाड़ी में भरो फिर बैठे बैठे क्या टाइम पास कर रहे हो तुम सब.
और हम सब मम्मी की ये बात सुनकर खिलखिला के हंस देते है.


सारा सामान गाड़ी में भरने के बाद में सब से आगे ड्राइविंग सीट पर मेरे पास वाली सीट पर नीरा पीछे वाली सीट पर भाभी मम्मी और रूही बैठ गये मम्मी उन दोनो के बीच में बैठी थी.
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10-12-2019, 11:48 AM,
#15
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
हम लोग चल पड़े और जल्दी ही हम हाइवे पर पहुँच गये. हम घर से 7 बजे निकल गये थे इस हिसाब से कल दिन तक हम वहाँ पहुँच जाएँगे.

में लगातार हाइवे पर गाड़ी भगाए जा रहा था नीरा सो चुकी थी पीछे मम्मी और और रूही भी सो चुकी थी बस भाभी जाग रही थी.

भाभी ने मुझ से कहा .



भाभी--जय कहीं साइड में गाड़ी रोको ना.


में--क्या हुआ भाभी.


भाभी--मेने कह दिया ना साइड में गाड़ी रोको. कोई मजबूरी होगी तभी रोकने के लिए कह रही हूँ ना.

मैने फिर गाड़ी साइड में लगा दी और भाभी फट से बाहर उतर गयी , भाभी ने आज जीन्स और एक टॉप पहना हुआ था उतरते वक़्त जब मैने बॅक व्यू मिर्रर में देखा भाभी गाड़ी के पास ही खड़ी हो गयी और अपनी जीन्स उतारने लगी.जीन्स घुटनो तक करने के बाद उनकी वाइट पैंटी पूरी तरह से दिख रही थी ...फिर भाभी ने अपनी पैंटी भी घुटनो तक सरका दी अब उनकी पूरी गान्ड मुझे दिखाई दे रही थी..मेरा बुरा हाल हो रहा था , उनकी बिल्कुल गोरी गान्ड और उसके बीच में वो लकीर जो दोनो को अलग कर रही थी मुझ पर गजब ढा रही थी,,,भाभी अब नीचे बैठ कर पेशाब करने लगी उनके पेशाब करने की आवाज़ एक सीटी की तरह मुझे सुनाई दे रही थी फिर वो खड़ी हो गयी और अपने कपड़े सही करने के बाद मेरी तरफ़ खिड़की में आई.

भाभी--जय मेरे हाथो पर थोड़ा पानी डालना.

मैने तुरंत अपने पास पड़ी बॉट्टेल में से उनके हाथ धुलाए और मैने बोला.


में--क्या बात है भाभी बड़े जोरो की लगी थी क्या आवाज़ काफ़ी दूर तक आरहि थी.
चलो अब आप गाड़ी में बैठो में भी थोड़ा हल्का हो जाता हूँ.

उसके बाद में गाड़ी में से उतरा और थोड़ा आगे जाकर मुतने लगा. जब वापस आया तो भाभी डर्राइविंग सीट पर बैठी थी और उनके चेहरे से लग रहा था जैसे आज वो मुझे खा ही जाएँगी. मेरे आते ही वो सीट पर से उतर गयी और जैसे ही में बैठने लगा तडाक मेरे सिर पर एक चाँटा पड़ा.


में--अपने सिर को मसल्ते हुए...क्या हुआ मारा क्यो.


भाभी--तुम्हारे बॅक व्यू मिरर में से मुझे सब नज़र आ गया, आज जो तुमने किया है उसका बदला तो में ज़रूर लूँगी.

फिर उसके बाद भाभी अपने कदम पटकती हुई गाड़ी में बैठ गयी .

अभी रात का 1 बज गया था और हम लोगो ने कुछ भी नही खाया था....फिर मैने गाड़ी आगे बढ़ा दी भाभी लगातार पीछे से मेरे बाल खिचे जा रही थी, आगे जाकर ठीक ठाक सा ढाबा दिखा वहाँ जा कर मैने अपनी गाड़ी रोकी और सब को जगा दिया.....


ढाबे पर गाड़ी लगाने के बाद हम सब ने मुँह हाथ धहो कर खाने का ऑर्डर दिया ..

खाना खाते खाते ऐसे ही मस्ती मज़ाक चलती रही..फिर रूही ने कहा जय अब गाड़ी में चलाउन्गी तू काफ़ी थक भी गया है.
मैने उसे चाबी देकर मम्मी को आगे बैठने को कहा क्योकि वो भी काफ़ी देर सो चुकी थी.और अब में बीच में और भाभी और नीरा मेरी अगल बगल बैठ गयी.

भाभी ने मेरे पास बैठते ही मेरी बाँह पर च्युन्टी काट ली और हँसने लगी.
फिर गाड़ी चलने लगी रूही गाड़ी अच्छी चलाती है. इस बात का मुझे पूरा भरोसा था क्योकि रूही ने ही मुझे गाड़ी चलाना सिखाया था. इस लिए में निश्चिंत हो कर सो सकता था.

थोड़ी देर में ही मुझे नींद आ गयी और मेरे साथ साथ भाभी भी सो गयी , नीरा तो वैसे ही नींद की राजकुमारी है इसलिए वो तो सब से पहले सोती है.

थोड़ी देर बाद अचानक मेरी आँख खुली. मेने देखा मेरे दोनो कंधो पर भाभी और नीरा ने अपने सिर रख रखे थे और नीरा तो बिल्कुल मुझ से चिपकी हुओ सो रही थी उसके उभार मुझे मेरी कोहनी पर महसूस होने लगे थे.

मैने अपने उपर काफ़ी कंट्रोल किया लेकिन तभी भाभी भी मेरी तरफ़ और सरक गयी उनके भी बोबे मेरी कोहनी से टच होने लगे.


मेरा बुरा हाल हो रहा था तभी नीरा जो मुझे पकड़ कर सो रही थी उसका एक हाथ फिसलता हुआ सीधे मेरे लिंग पर जा कर गिरा .


मेरा दिमाग़ बुरी तरह से खराब हो चुका था और लिंग महराज अपना सिर झुकाने को तैयार नही थे. मैने अपने आपको काबू में रखा और नीरा का हाथ अपने लिंग पर से हटा के साइड कर दिया.और मैने रूही को कहा.


में--रूही दीदी गाड़ी मुझे चलाने दो आप काफ़ी स्लो चला रही हो.



रूही--हाँ भाई धीरे तो चला रही हूँ क्योकि काफ़ी दिनो बाद में हाइवे पर गाड़ी चला रही हूँ तो थोड़ा डर लग. रहा है.

में--ठीक है तो फिर आप गाड़ी साइड में लगाओ क्योकि मेने भी काफ़ी देर आराम कर लिया है.


फिर रूही गाड़ी साइड में लगाकर बाहर आ जाती है. और मेरे उठते टाइम मेरा लिंग भाभी के चेहरे से रगड़ता हुआ निकलता है . में गाड़ी से बाहर निकल के चैन की साँस लेता हूँ और खुद से कहता हूँ आज तो इज़्ज़त लूटने से बच गयी बेटा......

उसके बाद में साइड में जाकर पेशाब करने लगता हूँ इस से मुझे कुछ सुकून मिलता है.
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10-12-2019, 11:48 AM,
#16
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
में गाड़ी में बैठ जाता हूँ और रूही मम्मी को भी जब तक पीछे भेज देती है.
और खुद आगे आकर बैठ जाती है. हम लोग ऐसे ही चलते रहते है मस्ती मज़ाक करते करते और कब हम लोग ऋषिकेश पहुँच जाते है कुछ पता नही चलता.

वहाँ मैने एक रिजोर्ट में बुकिंग करवाई थी जो कि काफ़ी हरी भरी जगह था.

वहाँ जाकर में रूम में सामान रखवा देता हूँ और कुछ खाने के लिए ऑर्डर कर देता हूँ, हम को वहाँ पहुँचते पहुँचते रात हो गयी थी इस लिए हम सब ने आराम करने का फ़ैसला लिया और सब अपने अपने रूम्स में सोने चले गये.


अगले दिन सुबह....


में फ्रेश होकर रेडी हो गया और बाकी सब भी फ्रेश हो चुके थे.


नीरा--क्या भैया ये कौनसी पिक्निक हुई अगर होटेल में ही रुकना था तो हमारे उदयपूर में एक से एक आलीशान होटेल्स है इतनी दूर आने की क्या ज़रूरत थी??


में--सबर कर तुझे यहाँ पूरी पिक्निक का मज़ा दिलवा कर ही घर लेकर जाउन्गा.

फिर हम लोग अपनी गाड़ी लेकर होटेल की गाड़ी के पिछे पीछे चलने लगे वो गाड़ी हमे जंगल के अंदर ले जा रही थी.

फिर हम एक जगह रुक गये उस गाड़ी में से 3 आदमी निकले और टेंट बनाने लग गये.और एक आदमी गाड़ी में से लकड़िया निकाल रहा था टोटल 2 टेंट लगाए गये थे फिर वो लोग शाम को आने का बोलकर चले गये.


में-- अब ठीक है नीरा अब तो खुश है तू.


नीरा-- बहुत खुश भैया एक आप ही हो जो मेरे दिल की बात होंठो पर आने से पहले समझ लेते हो.


में---आख़िर तू मेरी स्वीतू जो है चलो अब आस पास घूमने चलते है होटेल वाले बता रहे थे यहाँ एक नदी भी है.



भाभी--नदीइई.....वाउ तब तो खूब मज़ा आएगा.


फिर हम लोग आगे बढ़ गये काफ़ी दूर से ही नदी के पानी की आवाज़ हमारे कानो में पड़ने लग जाती है...हम सभी तेज़ी से उस ओर चलने लगते है.


सामने देखते ही मन खुशी से झूम उठता है...ये एक पहाड़ी नदी थी और इसका पानी बिल्कुल काँच की तरह क्रिस्टल क्लियर था वहाँ बड़े बड़े काफ़ी पत्थर भी थे नदी ज़्यादा गहरी भी नही थी और ना ही वहाँ पानी तेज बह रहा था, हम लोग वहाँ पड़े पत्थरो पर बैठ गये...मम्मी मेरे साथ ही बैठी थी.



मम्मी--आज कितने सालो के बाद में ये सब देख रही हूँ कभी सोचा नही था में दुबारा. प्रकृति की ये निराली छटा देख पाउन्गी...बस उलझ कर रह गयी थी परिवार के बन्धनो. में जो मुझे घर से बाहर पैर निकालने की इजाज़त नही देते थे.



में--मम्मी हम सब जानते है आप हमारे कारण कभी घर से बाहर नही निकलती थी ...हमेशा आपने अपनी ख़ुसीयो का बलिदान दिया है हमारी देख भाल करने के लिए...लेकिन अब और नही आज के बाद आप कभी खुद को एक पिंजरे के पन्छि की तरह नही रखोगी.

आप हमेशा खुश रहोगी तभी हम भी खुश रह पाएँगे...खाओ मेरी कसम मम्मी अब से जो कुछ भी आपने हमारे पीछे खो दिया है आपने वो हर लम्हा आप खुल कर जियोगी खाओ मेरी कसम मम्मी खाओ मेरी कसम.


मम्मी--- तेरी कसम....मेरे बच्चे तेरी कसम...अब में खुदको पूरी तह से बदल लूँगी अगर मेरे बच्चो को तकलीफ़ होती है मुझे इस तरह देख कर तो में वो सब करूँगी जो मेरे बच्चो की खुशी होगी...तेरी कसम ...आज के बाद तुम लोगो को तुम्हारी माँ में एक हस्ती खेलती लड़की नज़र आएगी जो ना जाने कहाँ खो गयी थी.


उसके बाद वो रोने लगती है और में उनको अपने गले से लगा लेता हूँ ...उनके आँसू पोछते हुए ..


में--भगवान ने मेरा नसीब इतना अच्छा बनाया है जो मुझे इतना अच्छा परिवार मिला ,अब आप रोना बंद कर दो माँ और हम लोगो के साथ जिंदगी का फिर से मज़ा लो.

फिर मम्मी भाभी को आवाज़ लगाती है और कॅंप में चलने को कहती है भाभी जाना तो नही चाहती थी लेकिन मम्मी की आँसुओ से भरी आँखे देख कर खुद को उनके साथ जाने से रोक नही पाई....,

मम्मी और भाभी के जाने के बाद में रूही और नीरा के पास चला गया,दोनो आज बेहद खुश लग रही थी.


नीरा--आइ लव यू भैया आप दुनिया के सब से अच्छे भाई हो...और रूही दीदी दुनिया की सब से अच्छी बहन....में आज बेहद खुश हूँ भैया थॅंक यू वेरी मच.


और फिर वो मुझ से लिपटकर मेरे पूरे मुँह पर किस करने लग जाती है तभी अचानक वो मेरे होंठो पर भी किस कर देती है....
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10-12-2019, 11:48 AM,
#17
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
नीरा--आइ लव यू भैया आप दुनिया के सब से अच्छे भाई हो...और रूही दीदी दुनिया की सब से अच्छी बहन....में आज बेहद खुश हूँ भैया थॅंक यू वेरी मच.


और फिर वो मुझ से लिपटकर मेरे पूरे मुँह पर किस करने लग जाती है तभी अचानक वो मेरे होंठो पर भी किस कर देती है....

मुझे एक ज़ोर दार झटका लगता है उसके किस करने से , नीरा भी ये बात समझ चुकी थी कि उस से ग़लती हो गयी है.

वो मुझ से अलग होजाति है और तभी रूही बोल पड़ती है.


रूही--नीरा तो बिल्कुल गधि है कोई ऐसे किस करता है क्या देख तो सही क्या हाल किया है इसके चेहरे का पूरे चेहरे पर तूने अपनी लिपस्टिक चिपका दी है...

में बताती हूँ किस कैसे करते है फिर रूही भी मेरे पूरे चेहरे पर अपनी लिपस्टिक चिपका देती है और हँसने लग जाती है जबकि में ये समझ नही पा रहा था कि ये अचानक हो क्या रहा था.


में--तुम दोनो मुझे समझ क्या रखा है....जब मन करा मेरे चेहरे पर अपनी लिपस्टिक से पुताई कर देती हो.

मेरा ये कहता हुआ और दोनो जंगली बिल्लियो की तरह मुझ पर टूट पड़ती है मेरा पूरा चेहरा उन लोगो ने अपनी लिपस्टिक से रंग दिया था.


में--खीजते हुए ये क्या पागल पन है तुम दोनो मेरा सेक्षुयली हरासमेंट कर रही हो थाने में जा कर तुम दोनो के खिलाफ एफआइआर कर्वाउन्गा में.


तभी नीरा बोलती है.


नीरा--भैया ज़्यादा मत बोलो अभी तो बस सेक्षुयल हारेसमेंट किया है ज़्यादा बोलोगे तो हम दोनो मिलकर आपका रेप भी कर सकते है


में-इधर आ रेप की बच्ची .


फिर में भाग कर उसे पकड़ लेता हूँ और उसको अपनी गोद में उठा कर नदी में फेक देता हूँ....

फिर रूही की तरफ़ बढ़ता हूँ और उस से कहता हूँ तुझे भी करना है मेरा रेप ....वो बचकर भागने लगती है और में उसके पीछे भागने लग जाता हू और जैसे ही में रूही को पकड़ता हूँ मेरा हाथ सीधा रूही के बूब्स पर पड़ जाता है एक तरह से अंजाने में रूही का पूरा बूब पकड़ लेता हूँ और...उसको भी गोद में उठाकर नदी में फेक देता हूँ.


में--गर्मी निकली या दुबारा से पानी में गिरने का इरादा है.


तभी मुझे कोई धक्का दे देता है और में भी पानी में गोते लगाने लग जाता हूँ जब बाहर देखता हूँ तो मम्मी और भाभी दोनो खिल खिला कर हंस रही होती है. मम्मी इस समय किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी उन्होने एक स्किन टाइट जीन्स और एक शानदार एमब्राय्डरी करी हुई शॉर्ट कुरती पहन रखी थी और ये कपड़े भाभी के थे जो उन्होने कॅंप में जाकर चेंज कर लिए थे मम्मी किसी भी सूरत में भाभी से कम नही लग रही थी....


भाभी ने आज एक ग्रीन साड़ी और बॅक लेस ब्लाउस डाला था.

तभी मम्मी भाभी को भी धक्का दे देती है भाभी सीधा मेरे उपर आकर गिरती है.,

पानी में गिरने की वजह से उनकी साड़ी पानी के उपर ही रह जाती है और पानी के अंदर वो सिर्फ़ पैंटी में ही होती है उनको संभालने के चक्कर में मेरा हाथ पानी के अंदर उनकी जाँघो से होता हुआ उनकी चूत तक पहुँच जाता है ...और में घबरा कर अपना हाथ हटा लेता हूँ और भाभी अपनी साड़ी पानी के अंदर ठीक करने लगती है.


फिर मम्मी भी पानी में कूद जाती है और हम सब घंटो उस शीतल नदी में मस्ती करते रहते है....

हम लोग अब पानी में से निकल गये... मेने देखा रूही की निपल उसके कपड़ो में से भी नज़र आ रही थीं. मेने अपना ध्यान वहाँ से हटाया और कॅंप की तरफ़ चलने लगा . कॅंप में पहुँचने के बाद हम सब ने अपने कपड़े बदल लिए ...और हम लोग आपस में बाते करने लगे तभी रिजोर्ट की गाड़ी हमे आती हुई दिखाई दी ...

उस में से 2 आदमी उतरे और एक टॅबेल वहाँ लगा दी फिर वो गाड़ी में से खाना उतारने लग गये थे.
उसके बाद उन में से एक आदमी वहाँ पड़ी लकड़ियाँ जलाने लग जाता है.

और पूरी तरह से कॅंप फाइयर का महॉल तैयार हो जाता है फिर एक आदमी मेरी तरफ़ बढ़ता है और कहता है.



आदमी--सर ये वाइयरलेस अपने पास रखिए आप लोगो को किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो आप हमे बता देना ,
और आपने नदी तो आज देख ही ली होगी आज...और कल आपको यहाँ से इस दिशा में 2 किमी जाना पड़ेगा वहाँ एक छोटा सा झरना है उसे देख कर आप लोगो को आनंद आज़ाएगा.

मैने उसे थॅंक्स कहा और 500 का एक कड़कता हुआ नोट उसे दे देता हूँ. वो खुशी खुशी वहाँ से चला जाता है.

उसके बाद में झरने वाली बात सब से छुपा कर रखना चाहता था क्योकि कल में सब को वो दिखा कर सर्प्राइज़ देना चाहता था.


हम सभी ने खाना खाया और आग के चारो तरफ़ पड़े कुछ पत्थरों पर बैठ गये.


मम्मी--वाह मज़ा आगया इस तरह से जीने का एक अलग ही मज़ा है.


नीरा--अब तो आप हमे कभी नही रोकोगि ना.



मम्मी--रोकने का सवाल ही पैदा नही होता में तो खुद तुम लोगो के साथ चलूंगी.


भाभी मेरे सामने की तरफ़ बैठी थी पानी के अंदर जब से वो घटना हुई उसके बाद से भाभी ने मुझ से बात नही करी थी.


रूही--भाभी क्या बात है आप इतना चुप चुप क्यों हो आपको ये जगह पसंद नही आई क्या.


भाभी--अरे नही रूही ऐसी कोई बात नही है यहाँ तो इतना सुकून है कि दिल करता है यहीं एक छोटा सा घर बना कर रहने लगूँ.


नीरा--तब तो हमे भी आपके घर में रहने दोगि ना भाभी...और हँसने लगती है.


भाभी--हाँ हाँ क्यो नही और वैसे भी तू तो पढ़ाई की चोर है तेरा तो पढ़ाई से पीछा ही छूट जाएगा.


नीरा--ऐसे बात नही है भाभी...में जब स्कूल में होती हूँ तो मेरा सारा ध्यान बस पढ़ाई में ही होता है...लेकिन जब में आप लोगो के साथ होती हूँ ख़ास कर मेरे स्वीट से भैया के साथ तब मुझे पढ़ाई वधाई कुछ याद नही रहता..


रूही--हँसते हुए ....चलो बहुत हो गयी बाते अब एक गेम खेलते है ट्रूथ आंड डेर.

फिर हम पाँचो उस टॅबेल को बीच में रख देते है और वहाँ पड़ी एक केचप की बॉट्टेल टॅबेल पर आधी रख देते है.
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10-12-2019, 11:48 AM,
#18
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
रूही--जिस किसी के भी सामने इस बॉट्टेल का मुँह होगा उसको एक टास्क दिया जाएगा ट्रूथ और डेर में से और टास्क देने वाला वो होगा जो बॉट्टेल के पीछे खड़ा होगा.

फिर रूही ने वो केचप की बोटल घुमाई तो उसका मुँह रूही और भाभी के बीच में हो गया

इस लिए बोटल को रूही ने फिर से घुमाया इस बार बोटल का मुँह मेरी तरफ़ था और बोटल के पिछे रूही खड़ी थी.

रूही---ज़ोर ज़ोर से हँसते हुए.....में काफ़ी दिनो से इसी दिन की तलाश में थी आज में वो पता लगा कर रहूंगी जो किसी ने आपसे नही पूछा, अगर पूछा भी होगा तो आप हमेशा टाल जाते हो. आपका टास्क है ट्रूथ और सवाल भी में ही पूछूंगी. आप हम सब में से किस को अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करते हो ...याद रखना सवाल का जवाब आपको पूरी ईमानदारी से देना होगा और अगर आप जवाब ना देना चाहो तब भी हम ये गेम जारी रख सकते है लेकिन फिर इसको खेलने का कोई मतलब नही निकलेगा.


में-- कुछ सोचते हुए...मेरे लिए तो सभी लोग मेरी जान से भी अज़ीज है लेकिन एक सच्चाई एक और भी है....में नीरा और आपके लिए किसी की जान ले भी सकता हूँ.

उसके बाद सब मुझे देखने लग जाते है .

महॉल सीरीयस होता देख भाभी बोलती है इस बार में बोतल घुमाती हूँ और सब अपनी अपनी जगह बदल लेते है..बोतल रुकते ही बोतल का मुँह नीरा की तरफ़ था और सवाल पुछ्ने वाली भाभी थी....


भाभी--तो मेडम नीरा जी आपसे सवाल ये है कि वैसे तो हम सब जानते है कि आप सब से ज़्यादा प्यार किस को करती हो..लेकिन में तुम्हे डेर का टास्क दूँगी ताकि तुम मुझे खुद अपने बारे में बताओ.


नीरा--ये क्या है भाभी ऐसा भी कोई करता है क्या फिर भी में खुद ही सच बता देती हूँ.

सच ये है कि में कभी चाहती ही नही हूँ कि में कभी भी मेरे परिवार को एक मिच्योर्ड लड़की के रूप में दिखूं..में हमेशा अपने परिवार के लिए अपने भाई के लिए एक मासूम बच्ची बनी रहना चाहती हूँ..में कभी नही चाहती कि इनका ध्यान मेरी तरफ़ से कभी हटे ...जैसे एक छोटे बच्चे का ध्यान पूरा परिवार रखता है में चाहती हूँ वैसे ही पूरा पटिवार मेरा ध्यान रखता रहे और मुझे प्यार करता रहे.


मम्मी--घर जाने के बाद मेरे साथ किचन में हाथ बटाना चालू कर देना अब से बहुत हो गया लाड प्यार...

और हम सब ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते है और मम्मी नीरा को प्यार से गले लगा कर उसके माथे को चूम लेती है.

अब हम लोगो ने फिर से अपनी अपनी जगह चेंज कर ली थी. इस बार मैने बोतल घुमाई और बोतल का मुँह भाभी की तरफ था और बोतल के पीछे मम्मी खड़ी थी.


मम्मी--नेहा तू मेरी बहू है और में चाहती हूँ तू खुद ही अपना टास्क चुन ले.


भाभी--मम्मी में डेर चुनना चाहूँगी.

मम्मी आपको पता है ही कि शादी से पहले में एक डॉक्टर थी खूबसूरत होने के साथ साथ में अपने हुनर में भी माहिर थी इस वजह से जब मेरी शादी हो गयी और मैने मेकप करना शुरू कर दिया तो लोगो की गंदी नज़रे मुझ पर पड़ने लग गयी थी (ये बात उन्होने मेरी तरफ़ देख कर कही थी) और इसीलिए मैने वहाँ से रीजाइन कर दिया था क्योकि में राज और मेरे बीच किसी को भी आते बर्दाश्त नही कर सकती थी.

इसी बात पर हम सभी तालिया बजाने लगते है और रूही भाभी को गले लगा लेती है.
हम लोग फिर से अपनी अपनी जगह चेंज कर लेते है.


बोतल फिर से घूमने लगती है और जब रुकती है नीरा की खुशी का कोई ठिकाना नही होता.

बोटल का मुँह मम्मी की तरफ़ होता है और बोतल के पीछे खड़ी नीरा ज़ोर ज़ोर से उच्छल रही होती है.

नीरा--आप का टास्क है ट्रूथ...और मेरा सवाल है जब भी में आपको ये कहती हूँ के आप मुझे मंदिर के बाहर से उठा कर लाई हो तब आप गुस्सा क्यों हो जाती हो....क्या आप मुझे या हम तीनो में से किसी को बाहर से उठा के लाई हो......

मम्मी का चेहरा बिल्कुल उतर गया था.उनकी आँखो में भी आँसू भर गये थे फिर वो कुछ कहती है.


मम्मी--नीरा से....तू मेरे प्यार का इस तरह से फ़ायदा उठाएगी मुझे अंदाज़ा नाही था...मैने तुझे हज़ार बार कहा है तू मुझ से ऐसी बाते मत कर, लेकिन तू मानती नही है. शायद मेरी जान लेकर ही तुझे समझ में आएगा कि में तुम लोगो से कितना प्यार करती हूँ. अब काफ़ी हो गया तुम्हारा खेल में जाकर सो रही हूँ ...तुम लोगो को जो करना है वो करो. और रोती हुई कॅंप के अंदर चली जाती है.

में नीरा को घूर कर देखता हूँ तो उसकी आँखो में से भी आँसू छलक जाते है. फिर में भागकर अंदर कॅंप में जाता हूँ मम्मी के पास जो अंदर बैठी बैठी सूबक रही थी.

में अंदर जाते ही उनको अपने गले से लगा लेता हूँ और मेरे गले से लगते ही वो फुट फुट कर रोने लगती है और कहने लगती है...तू मेरा बेटा है में कही से नही लाई तुझे तू मेरा बेटा है....

मुझे उनकी बात समझ में नही आरहि थी.. में उनके आँसू पोछते हुए कहता हूँ.

में--मम्मी आप रोना बंद करो मुझे बहुत ज़्यादा घबराहट हो रही है...उस का छोटा सा मज़ाक आप को इतना दुख देगा इसका मुझे अंदाज़ा नही था आप प्ल्ज़ रोना बंद करो.

अब में भी उनके साथ रोने लग गया था फिर में बोलता हूँ आपने मेरी कसम खाई थी आप कभी भी हमारे लिए खुद को तकलीफ़ नही दोगि. अगर ऐसे ही रोटी रहोगी तो मुझे मरा मान लेना.

मेरी ये बात सुनते ही मम्मी मेरे मुँह पर हाथ रख देती है और कहती है तुझे मेरी भी उमर लग जाए मेरे बच्चे ...में कभी नही रोउंगी लेकिन तू नीरा को समझा दे मुझ से ऐसी बात ना करे.


में--में उसे अभी समझाता हूँ और डाट भी लगाता हूँ...
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10-12-2019, 11:49 AM,
#19
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
तभी रूही भी अंदर आजाती है और मम्मी के पास जाकर बैठ जाती है. और में बाहर चला जाता हूँ मम्मी रूही से कुछ बोलती है.


मम्मी--रूही तू तो सब जानती है तू ही फ़ैसला कर तुम चारो में मैने कभी कोई अंतर रखा है...तुम सब को मैने बराबर प्यार दिया फिर नीरा को ऐसा क्यो महसूस होता है कि हम तुम मे से किसी को उठा कर लाए है .


रूही--मम्मी बीती हुई बातो को भूल जाओ उनको याद करने से सिर्फ़ तकलीफे ही मिलेंगी हमारी खुशहाल ज़िंदगी में ऐसा तूफान आएगा कि सब तहस नहस हो जाएगा.बस आप इन बातो को मत दोहराओ ये राज बस हम 4 लोगो को ही पता और ये हमारे दिलो में ही दफ़न रहना चाहिए.
......................................
उधर में नीरा के सामने कॅंप में खड़ा था और नीरा लगातार रोए जा रही थी.


में--नीरा ये क्या बदतमीज़ी है तूने क्यो मम्मी का दिल दुखाया.


नीरा--भैया में पहले ये बात उनसे मज़ाक में बोला करती थी लेकिन उनका रियेक्शन पहले भी ऐसा ही रहता था ...में जब भी उन से ये सवाल करती थी वो बुरी तरह से भड़क जाती थी मुझे लगा आज सही मोका है ये जानने का वो ऐसा क्यो करती है.वो ये भी तो कह सकती थी कि तुम लोगो को कोई कही से नही लाया तुम सब मेरे ही बच्चे हो.

में--नीरा मुझे गुस्सा मत दिला मेरा दिमाग़ वैसे ही खराब हो रखा है और ये फालतू की बात को बंद कर , और जाकर मम्मी से सॉरी बोल.

और फिर में उठ कर बाहर निकल जाता हूँ.

नीरा भी मेरे जाते ही मम्मी के कॅंप में चली जाती है.

में चलते चलते नदी के किनारे आकर बैठ जाता हूँ...आज से पहले इतना दुख मैने कभी नही देखा था मेरी मम्मी मेरे सामने बेबस रो रही थी और में कुछ नही कर सकता था.....

में नदी किनारे बैठा अविरल बहती उस जल धारा को पूरे ध्यान से देखे जा रहा था नदी का कल...कल..बहता शीतल जल दिमाग़ के साथ मेरे दिल को भी सुकून पहुचा रहा था . लेकिन मेरी आँखो से भी एक धारा बहने लगी थी..ये आँसू उस दर्द के लिए थे जो मैने अपनी माँ के चेहरे पर देखा था.,,, कितना दर्द झलक रहा था उनके चेहरे से, आज कितना खुश थी वो हमारे साथ लेकिन ये खुशी भी ज़्यादा देर नाही ठहर सकी.

में इसी सोच में डूबा हुआ था तभी किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया.

जब मैने पलट कर देखा तो वहाँ नेहा भाभी खड़ी थी और एक टक मुझे ही देखे जा रही थी उनको इस तरह देख के में फुट फुट कर रोने लगा.

भाभी ने मुझे अपने सीने से लगा लिया और मेरे सिर में प्यार से हाथ फेरने लगी . मेरे आँसू लगातार बहे ही जा रहे थे....उन्होने मुझे खुद से अलग किया और मेरी आँखो में आए आँसू पोछने लगी.


भाभी---जय मत रो अगर तू ही रोने लग जाएगा तो हम सब को कौन संभालेगा , मम्मी को कौन संभालेगा मत रो...जय मत रो..


लेकिन मम्मी का नाम सुनते ही मेरा रोना और बढ़ गया और साथ में हिचकिया भी आने लगी थी...

भाभी मेरी हालत देख कर काफ़ी ज़्यादा परेशान हो गयी थी..

उन्होने मेरा चेहरा अपने उभारों में दबा लिया और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी लेकिन जब उन्हे लगा कि इस से भी मेरा रोना बंद नही हो रहा तो उन्होने वो कर दिया जो में सोच भी नही सकता था.

उन्होने मेरे सिर के बाल पकड़ कर एक नज़र मेरे चेहरे पर डाली

फिर मेरे होंठो पर किस करने लग गयी वो मेरे होंठो को चूसे जा रही थी उन्होने मेरा एक हाथ अपनी कमर पर रख दिया और जिस हाथ से उन्होने मेरे बाल पकड़ रखे थे...उस हाथ से मेरा दूसरा हाथ पकड़ कर अपने उभारों पर रख दिया...


ये मेरे लिए काफ़ी ज़्यादा शॉकिंग था वो मेरे हाथ को पकड़ कर अपने बोबे मसलवा रही थी मुझ से और मेरे होंठो को लगातार चूसे जा रही थी ...मेरा रोना अब रुक गया था...और में भी उनके साथ किस में साथ देने लग गया .
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10-12-2019, 11:49 AM,
#20
RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
जैसे ही उनको पता चला के मेरा रोना बंद हो गया है और में काफ़ी ज़ोर से उनके बोबे दबा रहा हूँ तो वो एक दम से मुझ से दूर हट जाती है और हाफने लगती है... में जैसे ही उनको बाहो में भरने के लिए आगे बढ़ता हूँ वो मेरे सीने पर अपनी हथेली रख कर मुझे वही रोक देती है और कहती है....


भाभी--जय बस अब रुक जाओ, मैने ये सब तुम्हें उस दौरे से बाहर निकालने के लिए किया था ....और कुछ नही.

हमारे बीच जो कुछ भी हुआ. वो बस तुम्हे उस दुख के पल से बाहर निकालने के लिए मैने किया था..

हमारे बीच अब भी वही पुराना मारियादा का रिश्ता है और कुछ. नही...में तुमहरे भैया से अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ ....इसलिए अपने मन में कोई ग़लत फ़हमी मत रखना. अब चलो यहाँ से और भूल जाना के कभी ऐसा कुछ हमारे बीच में हुआ था......

में और भाभी कॅंप के पास पहुँच गये...मम्मी वाले कॅंप में अभी भी रूही और नीरा बैठी थी.
मुझे देखते ही रूही खड़ी हो गयी और कहने लगी.


रूही--कहाँ चला गया था तू बिना बताए . हम लोगो को तेरी चिंता हो गयी थी...वो तो अच्छा हुआ जो भाभी ने तुझे नदी की तरफ़ जाते हुए देख लिया.


में--कुछ नही दीदी आज थोड़ा सा मन खराब हो गया था...आप अब कहाँ जा रही हो.


रूही--में और भाभी दूसरे वाले कॅंप में ही और तुम तीनो इस वाले कॅंप में रहोगे.

इतना बोलकर वो कॅंप से बाहर चली गयी.


मम्मी--में थोड़ी देर बाहर ही हूँ जब तक तुम दोनो सोने की तैयारी करो...

इतना कह कर मम्मी भी बाहर चली गयी.

अंदर में और नीरा थे नीरा बड़ी मासूमियत से मुझे देखे जा रही थी.

नीरा--भैया मुझे से आप नाराज़ हो.


में--क्यो में क्या किसी से नाराज़ नही हो सकता.


नीरा--भैया मुझे माफ़ कर दो में अब कभी भी मम्मी का दिल नही दुखाउंगी.



में--देख नीरा मेरा अभी मूड बिल्कुल खराब है और में नही चाहता में तुझसे कुछ भी ग़लत कह दूं.



नीरा--भैया आप कुछ भी कर सकते हो आप चाहो तो मुझे थप्पड़ भी मार सकते हो.
लेकिन प्ल्ज़ मुझ से नाराज़ मत होना.



मैने नीरा की इस बात का कोई जवाब नही दिया और अपनी टी शर्ट खोल कर बेग में से मेरा नाइट सूट निकालने लग जाता हूँ.

तभी अचानक तडाक एक ज़ोर दार आवाज़ मुझे सुनाई देती है और एक और तडाक की आवाज़ आती है.
वो आवाज़ नीरा की थी वो खुद के गालो पर बेरहमी से चाँटा मार रही थी .

मैने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया और कहने लगा.


में---ये क्या कर रही है तू पागल तो नही होगयि है.



नीरा--हाँ में पागल हो गयी हूँ...आप सब के प्यार में पागल हो गयी हूँ...आप लोग मेरी ग़लती पर मुझे सज़ा भी नही देते....मुझे जो चाहे वो सज़ा दे दो बस मुझ से नाराज़ मत हुआ करो. मुझे माफ़ कर दो भैया मुझे माफ़ कर दो...और ये कह कर वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है...


में तुरंत उसे अपने सीने से लगा लेता हूँ तब जाकर वो रोना थोड़ा कम करती है.
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