RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मे किसी तरहा किचन मे पहुचि और खाना डालने लगी. तभी नेहा भी अंदर आ गयी. मे दर्द के कारण चिड़चिड़ी सी हो गयी. और अपना गुस्सा नेहा पर उतारने लगी.
मे: उठ गयी सहज़ादी.
नेहा: हां क्या हुआ माँ.
मे: आज कल मे देख रही हूँ. तूँ कुछ ज़्यादा ही बाबू जी के साथ चिपकी रहती है. काम काज कुछ करती नही. और बस हर टाइम बाबू जी का लंड चूत मे लिए रहती है. मुझे क्या तुमने अपनी नौकरानी समझ रखा है.
नेहा: (गुस्से से) अच्छा अभी-2 जो तुम बाबू जी का लौदा अपनी गांद मे लेकर उन्हे खुस कर रही थी. वो उन्हे अपने काबू मे करने के लिए बोलो ना.
मे नेहा की बात को सुन कर शर्मा गयी. और अपनी नज़रें नीचे कर ली. इसका मतलब नेहा ने मुझे अपनी गांद मरवाते हुए देख लिया था. फिर नेहा ने अपने होंटो पर मुस्कान लाते हुए मुझे अपनी बाहों मे भर लिया.
नेहा: मा तुम तो बेकार के नाराज़ हो रही हो. मे तुम्हें पता है कितना प्यार करती हूँ.
मे: अच्छा कितना प्यार करती हो.
और नेहा ने मेरी नाइटी के ऊपेर से मेरी चूत को मसलते हुए. मेरे होंटो पर अपने होन्ट रख दिए. मे एक दम से चोंक गयी. मुझे इस बात का बिकुल अंदाज़ा नही था कि नेहा ऐसी हरकत भी कर सकती है.
मेने कुछ पलों के लिए नेहा को पीछे धकेलने की कॉसिश की. पर नेहा लगतार मेरी चूत को नाइटी के ऊपेर से मसल रही थी. और कुछ पलों बाद मुझे मज़ा आने लगा. और मे भी नेहा को अपनी बाहों मे कस लया. और नेहा के होटो को किस करने लगी.
जब हम दोनो थोड़ी देर बाद अलग हुए. तो मे नेहा से नज़रें नही मिला पा रही थी. नेहा के होंटो पर शरारती मुस्कान थी.
नेहा: मा एक बात कहूँ मनोगी.
मे: हां बोलो क्या बात है (शरमाते हुए)
नेहा: अपनी गांद का छेद दिखाओ ना.
मे: पागल हो गयी है क्या बेशरम चुप कर.
नेहा तब तक नीचे घुटनो के बल बैठ कर मेरी नाइटी ऊपेर उठा चुकी थी. और मे उसे कंधों से पीछे धकेलने की कॉसिश कर रही थी. उसने मेरी जाँघो मे कसी हुई चूत की फांकों पर अपने होंटो को रख दिया. और मेरे मुँह से आ निकल गयी.
मे: आहह बेटा क्या कर रही हाई ओह्ह्ह्ह छोडर्र्र मुझे.
और मेरी जांघे ना चाहते हुए भी खुलने लगी. और मेने अपनी आँखें बंद कर ली.
नेहा: ( मेरी चूत से मुँह हटाते हुए) मा एक बार दिखा दो ना.
मे: नेहा तूँ ऐसे क्यों कर रही है.
नेहा: बस एक बार दिखा दो ना.
और नेहा मुझे मेरी जाँघो से पकड़ कर घुमाने लगी. मे वासना के नशे मे अंधी हो कर घूम गयी. और अपनी गांद नेहा की तरफ कर दी. नेहा ने मेरे चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया. और देखने लगी.
नेहा: ओह्ह्ह माआअ बाबू जी ने तो सच मे आपकी गांद फाड़ दी देखो ना गांद का छेद कैसे सूज कर लाल हो गया है.
मे: अब बस करू बेटा. मुझे शरम आ रही है.
नेहा: अर्रे मा अब इसपर दवाई तो लगा दूं.
इससे पहले के मे कुछ समझ पाती नेहा ने मेरी गांद के छेद को जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया, मे एक दम मस्त हो गयी. और किचन के सेल्फ़ पर झुक गयी.
मे: ओह नही ये ये क्या कर र्है हाई ओह्ह्ह्ह छोडर्र्र्र बुसस्स्स्स कार्ररर आब्ब्ब्ब
और नेहा मेरी किसी बात पर ध्यान दिए बिना मेरी गांद के छेद को छोड़ कर मेरी चूत को चाटने लगी. नेहा 5 मिनट तक लगतार मेरी चूत को चाटती रही. और मेरी छूट ने फिर से अपना लावा उगलना चालू कर दिया. मे वहीं खड़ी-2 झाड़ गयी.
दोस्तो उसके बाद तो चुदाई घर मे आम सी बात हो गयी. तकरीबेन एक महीने बाद मुझे मेरे मासिक आने बंद हो गये. जब अभी को मेने उसके बारे मे बताया. तो वो थोड़ा सा परेशान हो गया. और उसने मुझे नेहा के बारे मे भी यहीं बताया. के नेहा भी शायद पेट से है. फिर अगले दिन चल कर अभी ने मेरा और नेहा का चेक अप करवाया. और हम दोनो की रिपोर्ट्स पॉज़िटिव आई. जिसे सुन कर अभी थोड़ा सा परेशान हो गया.
मे: बाबू जी अगर आप कहें तो मे और नेहा अपना अबॉर्षन करवा लेती हैं.
अभी: नही -2 इसकी कोई ज़रूरत नही मे कुछ सोचता हूँ.
और उसी दिन शाम को अभी ने अपने पापा से फोन पर बात की. और दो दिनो बाद अभी के पापा और मम्मी घर पर आ गये. अभी ने अपने मम्मी पापा को अपने और नेहा के बारे मे बता दिया. और ये भी बता दिया. कि वो नेहा से प्यार करता है. और नेहा पेट से है. जिसपर अभी के पापा अभी पर बहुत नाराज़ हुए. और कुछ नाराज़गी के बाद अभी की नेहा से शादी करने के लिए राज़ी हो गये. और अगले हफ्ते ही नेहा की शादी अभी से करवा कर फिर से अमेरिका वापिस चले गये. अभी की मम्मी घर पर थी.
इस लिए मे अभी से कोई बात नही कर पे. अभी ने नेहा का मॅटर तो सॉल्व कर लिया था. इसीलिए मेने अभी से फिर से बात की. और अभी ने जो मुझे कहा उसे करना मेरे लिए मुस्किल तो ज़रूर था. पर मेरे पास और कोई रास्ता नही था.
अभी ने अपना घर बेच कर किसी और जगह घर ले लिया. वहाँ के आस पास के लोग अभी और हमारे बारे मे कुछ नही जानते थी. बस लोगो को इतना पता था. कि एक नया शादी शुदा जोड़ा उनके पड़ोस मे रहने आया हुआ है. और लड़के की साँस भी साथ मे कुछ दिन रहने के लिए आई है.
लोगो से अंजान होने के कारण हमारे घर कोई भी आता जाता नही था. जब मुझे 5 वाँ महीना लगा तो मेने घर से निकलना छोड़ दिया. क्योंकि अब मेरा पेट बाहर निकलने लगा था. मेने अगले 4 महीने घर के अंदर ही गुज़ारे. यहाँ तक कि मे रात को बाहर भी नही जाती थी. डॉक्टर मुझे और नेहा को घर पर आकर ही चेक कर जाता था. सब कुछ नॉर्मल चल रहा था. और 9 महीनो बाद मेने एक लड़की और नेहा ने एक लड़के को जनम दिया. अभी बहुत खुस था. हम दोनो की डिलीवेरी भी घर पर हुई.
और उसने अपने मम्मी पापा को फोन पर ट्विन्स होने के बारे मे झूट बोल दिया. जिससे लगे कि नेहा ने ही दोनो बच्चो को जनम दिया है. अभी ने सब कुछ इतने अच्छे से अरेंज किया था कि. किसी को कानो कान खबर नही होने दी.
जिंदगी बस यूँ ही कट रही थी. हम दोनो के बच्चे अब एक महीने के हो चुके थे. अभी के मम्मी पापा भी अपने ग्रांड सन और डॉटर को देख कर जा चुके थे. और उसके बाद से लेकर आज तक मे और नेहा अभी के साथ रह रहे हैं. और अभी ने भी अपनी ज़िम्मेदारियो को बखूबी निभाया है,
दोस्तो ये थी मेरी नेहा और अभी की कहानी.उम्मीद है आप लोगो को पसंद आई हो गी. अब मे रचना आप से विदा लेती हूँ. इस उम्मीद से कि जिस ने भी मेरी दास्तान को पढ़ा है.वो मुझे हमेशा याद रखेंगें
दोस्तो मैं राज शर्मा की भी आभारी हूँ जिन्होने मेरी कहानी को हिन्दी मे अपने ब्लॉग पर स्थान दिया नमस्कार
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