Free Hindi Sex Kahani मर्दों की दुनिया
07-26-2018, 02:18 PM,
#6
RE: Free Hindi Sex Kahani मर्दों की दुनिया
जब हम चारों पलंग पर थे तब सुमित सर ने कहा, "अमित मुझे तो
मोना ज़्यादा कसी हुई लगती है."

"ये तो देखना अभी बाकी है, सुमित क्यों ना हम साथ साथ इन दोनो की
चूत का उधघाटन करें" अमित सर ने कहा.

"हां ये ठीक रहेगा, तीन की गिनती पर किला फ़तेह होना चाहिए."
सुमित सर ने कहा.

हमारी समझ मे नही आ रहा था कि वो क्या कह रहे है लेकिन थोड़ी
ही देर मे हम समझ गये.

"एक" सुमित सर ने कहा और वो दोनो हमारे उपर आ गये.

"दो" अमित सर ने कहा और दोनो हमारी टाँगों को फैला अपने लंड
हमारी चूत के द्वार पर रख दिए.

"अमित क्या तुम तय्यार हो? तीन" सुमित सर ने कहा और दोनो ने ज़ोर का
धक्का मार अपने लंड को हमारी चूत मे घुसा दिया. हम दोनो तो दर्द
के मारे जोरों से चिल्ला पड़ी और उनका लंड हमारी झिल्ली को फाड़ता
हुआ चूत के गहराई तक घुस गया.

जब वो हमे एक बार चोद चुके तो अमित सर ने कहा, "सुमित मुझे तो
लगता है कि रीमा की चूत ज़्यादा कसी हुई है."

"वो अभी पता कर लेते है," कहकर सुमित सर ने हमे जगह बदली
करने को कहा, उस रात दोनो ने ने हमे चार बार चोदा और आखरी मे
हमारी गंद भी मार दी.

"क्या तुम दोनो को चुदवाने मे मज़ा आया?" अनु ने मोना से पूछा.

"ओह्ह्ह दीदी बता नही सकती, बहोत मज़ा आया ऐसा लगा कि हम जन्नत
के सैर कर रहे है. हम तो और चुदना चाहते थे लेकिन चोथी
चुदाई के बाद दोनो मालिक थक कर सो गये." रीमा ने कहा.

"तुम दोनो मे से उन्हे किस की चूत ज़्यादा कसी हुई लगी? मैने उत्सुकता
वश पूछा.

"हमे नही पता क्यों कि दोनो कुछ बोले ही नही इस विषय पर," रीमा
ने कहा, "मुझे तो लगता है कि बस वो हम दोनो को चोदना चाहते थे
इसलिए ऐसा कहा था."

"हां मुझे भी ऐसा ही लगता है." मेने हंसते हुए कहा,"फिर उसके
आगे क्या हुआ?

"सुबह दोनो ने हमे एक एक बार और चोदा."

"हमे कुछ ज़रूरी काम है इसलिए हम बाहर जा रहे है और खाने
के वक़्त लौटेंगे लेकिन तुम दोनो यहीं हमारे कमरे मे रहना." अमित
सर ने कहा और वो बाहर जाने के लिए तय्यार होने लगे.

"पर छोटे मालिक हम दोनो को नहाना भी है और नये कपड़े भी पहनने
है." रीमा ने कहा.

"जहाँ तक नहाने का सवाल है, तुम दोनो हमारे बाथरूम मे नहा
सकते हो और कपड़ों की तुम्हे कोई ज़रूरत नही है, इसलिए जैसे हो
वैसे ही रहना हमारे आने तक." सुमित सर हंसते हुए बोले.

उनके जाने के बात हमने कमरे की सफ़ाई की और हमारे खून से भरी
चादर को पलंग पर से बदल दिया. फिर नहाने के बाद उनके आने
तक हम टी.वी देखते रहे."

"ये हुई ना बात." अमित सर ने कमरे मे आते हुए कहा.

"क्या तुम दोनो को भूक लगी है?" सुमित सर ने पूछा.

"हमने अपनी गर्दन हां मे हिला दी, हमने सुबह से एक कप चाइ और दो
बिस्कट के अलावा कुछ नही खाया था."

"हमने खाने के लिए कह दिया, महाराज आधे घंटे मे खाना दे
जाएगा.," सुमित सर ने कहा, "लेकिन तब तक हम तुम दोनो कुछ देंगे
जिससे तुम्हे भूक ना लगे, क्यों भाई सही बोल रहा हूँ ना."

"अब तुम दोनो नीचे घुटनो के बल बैठ जाओ, वहाँ नही यहाँ हमारी
टांगो के बीच." अमित सर ने कहा, और दोनो पलंग पर बैठ गये
और अपनी टाँगे फैला दी. जब हम उनकी टॅंगो के बीच नीचे घुटनो
के बल बैठ गये तो उन्होने अपने लंड अपनी पॅंट से बाहर निकाल लिए.

"अब हमारे लंड को अपने मुँह लेकर चूसो," अमित सर ने कहा.

हम दोनो उनके लंड को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगे, और उन्होने
अपना पानी हमारे मुँह मे छोड़ दिया, "इसे थूकना नही बल्कि पी जाओ."
सुमित सर ने कहा और हम उनकी अग्या मानते हुए उनके लंड का पानी पी
गये.

पूरे एक साप्ताह तक उन दोनो ने हमे अपने कमरे मे ही रखा, एक
साप्ताह तक हमने कपड़े नही पहने और नंगी ही रही उनके साथ. जब
भी जैसे भी दोनो का मन करता वो हमे चोद्ते. हमे कोई चीज़ की
ज़रूरत होती तो हमे कमरे मे ही मिल जाती. वो तो बड़े मालिक ने एक
दिन उन्हे डांटा तब वो सहर वापस चले गये.

"ये हमारे कहानी है." मोना ने कहा.

"क्या ये दोनो अब भी तुम दोनो को चोद्ते है?" अनु ने पूछा.

"जिस दिन से दोनो मालिक की आप दोनो से सगाई हुई उस दिन से आज तक
उन्होने हमे छुआ भी नही है." रीमा ने कहा.

"फिर तो इतने महीने से बिना चुदे तुम दोनो की चूत बहोत खुज़ला
रही होगी.... और तुम्हारी चुदाई की इच्छा भी बहोत हो रही होगी."
मैने कहा.

"हां हो तो रही है.." मोना ने कहा.

"और किस किस ने तुम दोनो को चोदा है?" अनु ने पूछा.

"दोनो छोटे मालिक के अलावा हमे किसी ने छुआ तक नही है, और ये
सच है." मोना ने कहा.

"हमे तुम दोनो की बातों पर विश्वास है, अगर वो तुम दोनो को फिर
से चोदना चाहे तो तुम दोनो क्या करोगी?" मेने पूछा.

"जब तक आप हुकुम नही देंगी हम उनसे नही चुदवायेन्गी." रीमा ने
कहा.

"तुम ये कहना चाहती हो की तीन महीने से तुम दोनो ने चुदवाया नही
है फिर भी तुम उन्हे चोदने से मना कर दोगि.... बिना चुदे तुम
रहती कैसे हो? अनु ने पूछा.

"ज़रूर ये एक दूसरे की चूत चूस्ति होंगी और चूत मे उंगल करती
होंगी." मेने कहा.

"दीदी आप भी ना कुछ भी कहती है, हमने आज तक अपनी जिंदगी मे
किसी की चूत नही चूसी." मोना ने कहा.

"फिर तो लगता है कि तुम दोनो को चूत चूसना सीखना ही पड़ेगा."
अनु हंसते हुए बोली.

"क्या हमारी चूत चूसोगी?" मेने पूछा. में सोच रही थी कि
पता नही ये दोनो क्या कहेंगी. लेकिन उनका जवाब सुनकर में चौंक
भी पड़ी और खुस भी हो गयी.

"दीदी अगर आप आग्या देंगी तो क्यों नही चूसेंगे." रीमा ने कहा.

"हां हम अग्या दे रहे हैं." अनु खुशी से उछलती हुई बोली. फिर
वो पलंग पर लेट गयी और अपनी नाइटी उठाते हुए बोली, रीमा तुम
मेरी चूत चूसो."

"मोना तुम मेरी चूत चूसो" मेने अपनी चूत को खोलेते हुए कहा.
दोनो अपने घुटनो पर हो गयी और हमारी चूत पर जीभ फिराने लगी.

"नही ऐसे मज़ा नही आ रहा, तुम दोनो एक काम करो यहाँ पलंग
पर आ जाओ और हमारी टाँगो के बीच अछी तरह बैठ कर चूसो."
मेने दोनो को समझाते हुए कहा.

सही मे मोना की जीभ कमाल दिखा रही थी. वैसे तो वो पहली बार
किसी की चूत चूस रही थी लेकिन एक लड़की होने के नाते शायद उसे
पता था कि चूत के किस हिस्से पर चूसाई करनी चाहिए. मेरी
उत्तेजना सातवे आसमान पर थी.

अगले कई घंटों तक वो हमारी चूत चूसति रही और इस दौरान में
कितनी बार झड़ी मुझे भी याद नही. में थक चुकी थी और सोना
चाहती थी.

"बस मोना में थक गयी और थोड़ी देर सोना चाहती हूँ." मैने
कहा. "तुम भी थक गयी होगी जाओ जाकर आराम करो."

"नही रीमा तुम नही, बस थोड़ी ही देर की बात है....मेरा छूटने
वाला है...... ओह चोदो मुझे अपनी जीभ से ओह हाआँ और अंदर तक
घुसा डोओओ ओःःः में गयी...." अनु सिसकते हुए रीमा से अपनी चूत
चूस्वा रही थी.

उसके बाद रात को मोना मुझे उठा रही थी.

"दीदी उठिए छोटे मालिक को खाना चाहिए." मोना ने कहा.

"खाना ... क्या टाइम हुआ है?" मेने आँखे मलते हुए पूछा.

"नौ से उपर हो गये है," मोना ने जवाब दिया.

"तुम्हारे मालिक कब आए?" मेने पूछा.

"हर रोज़ की तरह शाम 7.00 बजे." मोना ने जवाब दिया.

"फिर तुमने हमे उठाया क्यों नही?"

"हम तो उठना चाहते थे लेकिन मालिक ने मना कर दिया कि सोने दें
आप दोनो को." रीमा ने कहा. मेने देख कि रीमा अनु को उठाने की
कोशिश कर रही थी.

"क्या तुमने उन्हे बताया कि हम दोनो सो रहे है?" मेने कहा.

"नही हमने नही बताया..." मोना ने कहा.

"ठीक है तुम जाकर टेबल पर खाना लगाओ, हम हाथ मुँह धो कर
आते है." मैने दोनो से कहा.

थोड़ी देर बाद में और अनु नाइटी पहने खाने के टेबल पर
पहुँचे. मेने देखा की दोनो भाई कपड़े बदल कर अपने नाइट सूयीट
मे थे. शायद उन्हे नौकारैनियों को चोदने के जल्दी थी... मैने
सोचा.

दोपहर के खाने की तरह इस बार भी कोई कुछ नही बोला. खाने के
बाद में बोली, "आप दोनो कमरे मे आइए मुझे कुछ बात करनी है."

जब हम कमरे मे पहुँच गये तो अमित ने कहा, "अब बात करने को
रखा ही क्या है?"

"क्या तुम्हारा इरादा पक्का है कि तुम दोनो हमारे साथ सोना नही
चाहते?" मेने पूछा शायद उनका इरादा बदल गया हो.

"हां मेरी जान हमारा इरादा पक्का है और इसे बदला नही जा
सकता." सुमित ने कहा.

"मतलब तुम हमारी प्यारी और कम्सीन चूत छोड़ कर नौकरानियों की
चूत चोदना पसंद करोगे? अनु ने रोते हुए पूछा.

"मेरी जान उनकी चूत तुम्हारी चूत की तरह ही प्यारी और कम्सीन
है.... ठहरो में तुम दोनो को दिखाता हूँ," कहकर अमित खड़ा हुआ
और नौकरानियों को आवाज़ दी.

जब वो दोनो कमरे मे आ गयी..तो उसने कहा, "तुम्हारी मालकिन तुम्हारी
चूत देखना चाहती है... अपने कपड़े उतारो और इन्हे दीखाओ."
अमित ने उन्हे हुकुम दिया.

लेकिन दोनो नौकरानिया वहीं खड़ी रही बुत बनी हुई.

"तुम दोनो ने सुना नही, मेने क्या कहा? अमित गुस्से मे बोला, "अपने
कपड़े उतार कर नंगी हो जाओ?

मोना और रीमा नज़रें झुकाई वैसे ही खड़ी रही लेकिन दोनो ने अपने
कपड़े नही उतारे.

"क्या इन दोनो ने तुम दोनो से कुछ कहा है? अमित हमारी तरफ इशारा
करते हुए गुस्से मे बोला.

"नही मालिक इन्होने कुछ नही कहा," मोना ने जवाब दिया, "ये हमारा
फ़ैसला है की हम कपड़े नही उतारेंगे."

"मुझे विश्वास नही हो रहा कि तुम दोनो हमारा हुकुम मानने से
इनकार सकती हो," अमित गुस्से मे अपना हाथ उठाते हुए बोला.

"अमित कोई फ़ायदा नही है, ये हमारा कहा नही मानेंगी, इन्हे अपने
बदन का डर समाया हुआ है." सुमित ने कहा.

"तुम्हारा कहने का क्या मतलब है? अमित ने कहा.

"इन्हे जाने दो में फिर बताता हूँ." सुमित ने जवाब दिया.

'फट्ट्टो यहाँ से और अपनी शकल मत दिखाना....." अमित
चिल्लाते हुए बोला. मोना और रीमा चुपचाप वहाँ से चली गयी.

"अमित मेने तुम्हे पहले नही बताया क्यों की ज़रूरी नही समझता
था लेकिन हमारे यहाँ आने से पहले मेने मम्मी को इनसे बात करते
सुन लिया था. " सुमित ने कहा.

"क्या कहते थे सुना था तुमने?" अमित ने पूछा.

"मम्मी ने कहा था कि तुम्हारी मालकिन का हुकुम सर्वोत्तम है, उनकी
मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करना और अगर मुझे पता चल गया तो
में अपने हाथों से तुम दोनो की चमड़ी खुरछ खुरछ कर बदन से
अलग कर दूँगी ये याद रखना." सुमित ने बताया.

"ओह तो ये कारण है इनका हमारा हुकुम ना मानने का? अब हम क्या
करें," अमित ने कहा, फिर बोला, "क्यो ना हम इन्हे ज़बरदस्ती चोद
दें. इससे इन्हे सज़ा भी नही मिलेगी और हमारा मकसद भी हल
जाएगा."

"तुम पागल तो नही हो गये हो? अगर मम्मी को पता चल गया तो वो इस
उम्र में भी हमारा लंड काट कर हमारे हाथ मे दे देंगी." सुमित
ने कहा, "भाई में तो नही कर सकता, अगर तुममे हिम्मत है तो कर
लो में तुम्हे रोकुंगा नही."

"तुम सही कह रहे हो सुमित. फिर तुम ही बताओ हम क्या करें?" अमित
ने कहा.

"करने को तो बहोत कुछ कर सकते है," सुमित ने कहा, "अच्छा
देवियों तुम दोनो कहो क्या कहना चाहती हो?

"हम दोनो चाहती हैं कि पहले की ही तरह तुम दोनो हमारे साथ सोवो
और हम वादा करते है कि तुम दोनो की दोनो शर्तें हम पूरा
करेंगे." मेने कहा.

"वही वादा जो एक लड़की शादी के वक़्त अपने पति से करती है." अमित
ने कहा.

"अमित वो शादी से पहले की बात है." सुमित ने कहा.

"हां लेकिन इन्हे हमे बेवकूफ़ बनाने की क्या ज़रूरत थी कि ये दोनो
कुँवारी है.' अमित थोड़ा खीजते हुए बोला.

"अमित ये दोनो और क्या करती? क्या पेपर में इश्तहार देती कि इनकी
चूत फॅट गयी है और ये कुँवारी नही है," सुमित ना कहा, "अमित
ठंडे दीमाग से सोचो अगर तुम इनकी जगह पर होते तो क्या ऐसा नही
करते, भाई में तो ऐसा ही करता... इनके पास और कोई उपाय भी तो
नही था."

"में तुम दोनो को ज़ुबान देती हू," मेने फिर से कहा, "तुम्हारी
दोनो शर्तें पूरी होगी."

"सुमित एक बार फिर से सोच लो इनपर भरोसा करना चाहिए कि नही."
अमित ने कहा.

"अमित मे भी तुमसे कह रहा हूँ कि मेरा विश्वास करो.. ये दोनो अछी
लड़कियाँ है.. और जिंदगी मे एक ग़लती तो हर इंसान से होती है."
सुमित ने समझाते हुए कहा.

"ठीक है में तुम पर चोद्ता हूँ कि इनके साथ क्या करना चाहिए."
अमित ने कहा.

सुमित थोड़ी देर सोचता रहा फिर बोला, "हम तुम दोनो की बात मान
सकते है लेकिन एक ही शर्त पर."

"फिर से शर्त......." हम दोनो चौंक पड़े.
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