05-29-2019, 12:15 PM,
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sexstories
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RE: Free Sex Kahani चमकता सितारा
डॉली ने मेरे पास आते हुए कहा- आपकी परफ्यूम की पसंद बड़ी अच्छी है।
मैं तो जैसे इस नाम को सुनने के साथ उससे जुड़ सा गया था। मेरे अन्दर का ज्वार जैसे फूटने को हो आया था, मुझे अब उसके चेहरे में अपनी डॉली दिख रही थी।
मैंने उसे खींच कर गले से लगा लिया और कस कर बांहों में भरते हुए मैंने कहा- कहाँ चली गई थीं.. मुझे छोड़ कर.. जाने से पहले एक बार भी मेरा ख्याल तक नहीं आया तुम्हें..? कम से कम एक बार तो सोच लिया होता तुमने.. कि मैं तुम्हारे बिना जिंदा भी रह पाऊँगा या नहीं..
इतना कहते-कहते मेरी आँखें भर आईं।
तभी तालियों की आवाज़ से मैं नींद से जगा जैसे। कांता और कुछ लोग तालियाँ बजा रहे थे।
‘क्या फील के साथ एक्टिंग की है यार तुमने।’
यह कहते हुए कांता ताली बजा रही थी।
मैंने डॉली को खुद से अलग किया, वो भी थोड़ी शॉक्ड थी।
तभी कांता के फ़ोन पर एक कॉल आया और वो चली गई, मैं अब डॉली से दूर जाना चाह रहा था तो मैंने डॉली से काम का बहाना किया और होटल के बाहर आ गया।
मेरा दिल बेचैन सा हो गया था.. मैंने एक टैक्सी बुलाई और रात को ही समंदर के किनारे पर आ गया। अब इन लहरों का शोर मेरे अन्दर की वादियों में गूंज रहा था.. समंदर की तेज़ हवाएँ जैसे मेरे अन्दर लगी.. इस आग को बुझाने की जगह और भड़का रही थीं।
मैं वहीं रेत पर घुटनों के बल गिर पड़ा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा, इतने दिनों से मैं खुद को ही भूल बैठा था, आज जैसे हर वो याद मेरे आँखों के सामने घूम रही थी। थोड़ी देर बाद मैं किसी तरह खुद को काबू में करने की कोशिश करने लगा।
तभी किसी ने अपना हाथ मेरे कंधे पर रख दिया… मैंने मुड़ कर देखा तो डॉली श्रीवास्तव थी।
डॉली- कोई कितना भी बड़ा एक्टर क्यूँ न हो, उसका जिस्म तो एक्टिंग कर सकता है.. पर उसका दिल नहीं। तुम्हारी धड़कने मैंने महसूस की हैं.. ये झूठ नहीं कह रही थी। क्या है तुम्हारा सच..? मैंने सुना था कभी कि बांटने से दर्द हल्का होता होता है।
मैंने उससे कहा- कभी मैंने भी किसी को चाहा था.. पर इस दुनिया ने उसे मुझसे जुदा कर दिया.. वो अब इस दुनिया में भी नहीं है।
डॉली- तुमने एक्टिंग को ही क्यूँ चुना।
मैं- मैं अपने आप को भूल जाना चाहता था.. मुझे ये यादें बस दर्द देती हैं।
डॉली- इस दुनिया में जितना अपने दर्द में तड़पोगे.. उतनी ही तालियाँ तुम्हें मिलेंगी। ये फिल्मों की दुनिया ही ऐसी है.. जो जितना बड़ा कलाकार यहाँ है.. उसने उतने ही बड़े ग़मों को समेट रखा है..
मैं- क्या इस दर्द का कोई इलाज नहीं?
डॉली ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा- है न.. जैसे-जैसे वक़्त बीतेगा.. तुम इस दर्द में भी मुस्कुराना सीख जाओगे।
फिर वो मेरे पास आ कर बैठ गई और कहने लगी-
‘मैंने भी कभी किसी से बेइन्तेहाँ मोहब्बत की थी.. पर शायद उसे मेरे दिल की धड़कन कभी सुनाई ही नहीं दी। इस जिस्म के अन्दर जो दिल था उसे वो कभी समझ ही नहीं पाया.. या शायद वो मेरे प्यार के काबिल ही नहीं था। आज तुम्हें ऐसे तड़फता देख कर मेरे दिल में दबी हुई वो आग.. फिर से जल उठी। हर किसी के दिल में ऐसी ही कोई बात दबी होती है। जब-जब हम परदे पर अपने दर्द में रोते हैं.. तब-तब उनके जज़्बात भी बाहर आ जाते हैं।
इस दुनिया में हर लड़की को किसी ऐसे की ज़रूरत होती है.. जो उसे सच्चे दिल से चाहे। मुझे अपनी दुनिया में तो वो प्यार मिल न सका.. पर अब इस सपनों की दुनिया में ही तुम्हारे सच्चे प्यार को जी सकूँगी। तुम ये समझ लेना कि तुम्हारी डॉली मेरे चेहरे में तुम्हारे सामने है।
मैंने उसे खुद से दूर कर अलग करते हुए कहा- मेरे करीब मत ही आओ तो बेहतर होगा। मेरे दिल की आग में जल जाओगी।
डॉली- मैंने आग के समंदर को पार किया है.. बहुत जली हूँ खुद की आग में.. तुम्हारी चाहत की तपिश भी झेल जाऊँगी।
मैं- क्यूँ खेल रही हो मुझसे.. मैं टूट चुका हूँ।
डॉली- टूटे हुए दिल को समझने के लिए दर्द भरे दिल की ज़रूरत होती है। तुम्हें मैं ही संभाल सकती हूँ। खुद से लड़ना बंद करो और मेरे पास आ जाओ।
मैंने उसकी तरफ घूर कर देखा।
‘यूँ समझ लो कि इस जिंदगी ने तुम्हें फिर से मौक़ा दिया है अपनी डॉली के प्यार को पाने का’
उसने मेरी तरफ अपनी बाँहें फैला दीं।
मेरी आँखें भर आई थीं। अब सब कुछ मुझे धुंधला-धुंधला सा दिख रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे सच में डॉली मेरे सामने बाँहें फैलाए हो।
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