RE: Free Sex Kahani चमकता सितारा
चेतन जी ने स्थिति को भांप लिया था, उन्होंने मेरे गिलास को मुझसे लेकर वहीं रख दिया और मुझे पार्क से फार्म हाउस की छत पर ले गए, वहाँ से हर कोई दिख रहा था। फिर उन्होंने मुझसे कहा- मैं तुमसे एक बात कहना चाहता हूँ। बड़ा एक्टर वही होता है जिसके जज़्बात कोई पढ़ ना सके। जिसे अपने दर्द में मुस्कुराना और मुस्कुराते हुए रोना आता हो। मैं तुम्हें यहाँ इसलिए लेकर आया हूँ कि तुम तसल्ली से इस भीड़ को देख सको। ये सब यहाँ किसी न किसी मुखौटे में हैं और यही इनकी शोहरत की वजह है। तुम भी कोई अच्छा सा मुखौटा डाल लो अपने चेहरे पर.. अच्छा रहेगा।
मैं उनके इशारे को समझ गया था। वो मुझे वहीं छोड़ वापस उसी भीड़ के साथ हो लिए। अब शराब भी अपना असर दिखाने लगी थी। तभी वहाँ हाथों में जाम लिए.. लगभग पैंतीस साल की एक महिला छत पर आई।
वो मेरे पास आ कर नशे में झूमते हुए बोली- आपको कभी देखा नहीं है मैंने..
मैं- मुझे तो खुद भी नहीं मालूम कि मैं किसी को दिखता भी हूँ या नहीं।
मैं अब तक डॉली को ही देख रहा था।
वो मेरी नज़रों को भांपते हुए बोली- आशिक लगते हो।
मैं- मुझे तो खुद नहीं पता कि मैं क्या हूँ.. लगता है कि हर शब्द के साथ बदलती तस्वीर हूँ मैं.. अब तो मुझे भी लगने लगा है कि मैं एक एक्टर ही हूँ..
वो मुझसे हाथ मिलाते हुए बोली- वैसे इस पार्टी की होस्ट मैं ही हूँ… आपसे मिलकर अच्छा लगा कि इस उबाऊ भीड़ से अलग कोई तो है यहाँ..
मैं- इस भीड़ को खुद से अलग लोगों की आदत नहीं है। सुना है यहाँ टिकने के लिए इसी भीड़ का हिस्सा बनना पड़ता है।
वो- बातें आप बहुत अच्छी कर लेते हो।
मैं- आपको मेरी बातें अच्छी लगती है और यहाँ कुछ लोग ऐसे भी हैं.. जो मेरी बातों से परेशान होकर इस दुनिया को अलविदा कह जाते हैं।
वो हंसते हुए बोली- मुझे ऐसी कोई ख्वाहिश नहीं है.. मैं जाती हूँ और आपके हर सवाल के जवाब को आपके पास भेज देती हूँ।
अब मुझ पर शराब थोड़ी हावी हो गई थी और नीचे डीजे अपने पूरे शवाब पर आ चुका था।
मैं लड़खड़ाता हुआ सीढ़ियों के पास पहुँचा और जैसे ही लड़खड़ाने लगा कि डॉली ने मुझे अपनी बांहों में थाम लिया।
डॉली- जब कण्ट्रोल नहीं कर पाते.. तो इतनी क्यूँ पीते हो।
मैं- इस पैमाने को दोष ना दो.. मेरे लड़खड़ाने का… बात कुछ और भी तो हो सकती है।
डॉली- पता नहीं.. क्या-क्या कहे जा रहे हो। वैसे तुम काजल जी को कैसे जानते हो?
मैं- कौन काजल?
डॉली- वही.. जो थोड़ी देर पहले तुम्हारे साथ थीं।
मैं- तो यह उनका नाम है.. बात तो हुई.. पर मैंने उनसे नाम नहीं पूछा था।
डॉली- उनका बहुत बड़ा बिज़नेस एम्पायर है और वो तुम्हें नीचे बुला रही हैं।
मैं- पर मैं तो तुम्हारे साथ कुछ वक़्त बिताना चाहता हूँ।
डॉली मुझे धक्का देते हुए बोली- नहीं.. अभी नीचे चलो.. बाद में वक़्त बिता लेना।
मैं नीचे आ गया। डॉली मुझे काजल जी के पास ले जाकर बोली- लीजिए.. आपके मेहमान को मैं यहाँ ले आई।
मैंने काजल जी को देखते हुए बोला- पता नहीं था.. कि मेरे इस दोस्त के पास ही मेरे मर्ज़ की दवा है। वरना हम खुद ही ज़िक्र कर देते।
काजल जी- वो दोस्त ही क्या.. जिसे दोस्त के हाल ए दिल जानने को ज़िक्र की ज़रूरत हो। हम तो आँखों से दोस्तों की नब्ज़ पहचान लेते हैं।
फिर वो मेरा हाथ पकड़ कर स्टेज पर ले जाते हुए मुझसे बोली- आईए इस भीड़ से आपकी पहचान करवा दें।
बीच में एक स्टेज बना हुआ था.. वहाँ खड़े होकर डीजे से माइक लेते हुए, वो माइक पर कहने लगी- दोस्तों आज मैं आपसे अपने एक ख़ास दोस्त को मिलवाना चाहती हूँ।
फिर मुझे अपने करीब खींचते हुए उसने आगे कहा- ये हैं विजय.. इस इंडस्ट्री के अगले सुपरस्टार..
फिर माइक उन्होंने मेरे हाथों में दे दिया। शराब कॉन्फिडेंस भी बढ़ा देती है, इस बात का पता मुझे आज ही चला था। मैं माइक अपने हाथ में लेते हुए बोलने लगा।
‘एक बार एक चींटा अपनी गर्लफ्रेंड चींटीको लॉन्ग ड्राइव पे ले जा रहा था। तभी रास्ते में एक हाथी अपनी मदमस्त चाल में चलता हुआ सामने आया और उस चींटे की गर्लफ्रेंड चींटी उसे छोड़ हाथी के साथ चली गई। (मैं मुस्कुराते हुए) और जाते-जाते कह गई ‘साइज़ मैटर्स।’ (काजल की ओर देखते हुए) थैंक्स काजल उस चींटी से दोस्ती कराने के लिए।’
डीजे ने म्यूजिक फिर से शुरू कर दिया और फिर से सब झूमने लग गए। डॉली की आँखें बता रही थीं कि उसने मेरे इशारे को समझ लिया है.. पर चेहरे के मुखौटे ने उसे ज़ाहिर न होने दिया। मुझे अब यहाँ घुटन सी हो रही थी.. सो मैं वहाँ से बाहर आ गया।
मैंने टैक्सी की.. और सीधा घर पहुँच गया।
ललिता दरवाज़ा खोलते हुए ‘क्या बात है जी.. बड़ी पार्टी-शार्टी हो रही हैं आजकल..
मैं कुछ भी जवाब देने की हालत में नहीं था.. सो मैं बिस्तर पे गया और सो गया।
अलार्म की तेज़ आवाज़ और सर में दर्द से बेहाल होता हुआ सुबह मेरी आँखें खुलीं। सामने टेबल पर एक गिलास पानी और एक सर दर्द की गोली रखी थी।
मैं बेड पर बैठ गया और उस टेबलेट को खा लिया। थोड़ी देर में सर दर्द से राहत मिली।
पायल ने मेरे पास बैठते हुए कहा- तो शूटिंग पर नहीं जाना है क्या?
मैं- ना.. आज तो जाने का मन बिल्कुल भी नहीं है।
पायल- डॉली आएगी तो क्या कहोगे?
मैं तो भूल ही गया था कि डॉली मुझे अपने साथ ले जाने के लिए मेरे फ्लैट पर आएगी। मुझे उस पर कल के लिए गुस्सा अब तक था और मैं इतनी जल्दी उससे मानने वाला नहीं था।
रूठने का भी अलग ही मज़ा है।
मैं जल्दी से तैयार हुआ और टैक्सी से शूटिंग लोकेशन पर चला आया। सैट लगा हुआ था और मेरी वैन भी वहीं थी.. सो मैंने मेकअप वाले को बुलाया और वैन में आराम से बैठ गया।
स्क्रिप्ट पढ़ते हुए मैंने मेकअप वाले से कहा- जब तक मुझे शॉट के लिए बुलाया न जाए तुम यहाँ से हिलोगे नहीं और जो भी आए उससे बाद में आने को कह देना।
लगभग दो घंटे बीत गए और डॉली ने भी कई बार मुझसे बात करने की कोशिश की.. पर मैंने लगातार मेकअप वाले को बिठाए रखा।
कोमल आई- शॉट रेडी है सर.. अब तो मेकअप हो गया आपका?
मैं- बस दो मिनट दे.. मैं अभी आता हूँ।
मैं शॉट देने आ गया।
आज का सीन था- बस स्टैंड पर डॉली बैठी है और मेरा इंतज़ार कर रही है। मैं भी ऑफिस के लिए यहीं से बस पकड़ता हूँ।
मेरी आवारा शख्सियत जब तक किसी लड़की को लाल कपड़े में ना देख ले तब तक बाहर नहीं आती है तो मैं उसे पहचानूँगा तक नहीं।
लाइट.. कैमरा.. एक्शन..
|