RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
सोहन के मुह की गरमी सोनू के लंड को और फुला रही थी, और सोनू को मजा भी आने लगा था.।
सोनू-- चुस साले..आह तेरी मां का भोसड़ा मारु साले ऐसे ही चुस..।
सोहन सोनू का आधा लंड भी नही ले पा रहा था,
सोनू मजे से अपना लंड चुसवाने का मजा ले रहा था,
सोनू चल बस कर सोनी रानी अब तेरी गाडं की सुराख खोलता हू,
सोहन उठ कर खड़ा हो जाता है,
सोनू-- चल अपना दोनो पैर खाट के पैरो में सटा ले,
सोहन-- हाय रे राजा तेरे सुहाग रात मनाने के अदांज से मैं पागल ना हो जाउं,
सोहन अपने पैर चौड़े कर लेता है, ऐक पैर खाट के दुसरे हिस्से से सटा लेता है और दुसरा पैर खाट के दुसरे हिस्से से,
सोनू रस्सीयों से उसका पैर बाधं देता है, सोहन की टागें इतना बाहर खुला हुआ था की उसकी गांड बिच में तनतनाती सोनू के लंड को दावत दे रहा था,
सोनू उसे खाट से ऐसे बांधा था जैसे गांव मे भैस गरम होने पर सांड के पास ले जाते है, और भैस को बांध देते है,
सोहन का सांड उसके पिछे अपना लंड खड़े कीये इधर उधर घुम रहा था,
सोहन-- आजा मेरे बेरहम सांड चढ़ जा अपनी भैसं पर,
सोनू उसके गांड पर जोर का थप्पड़ मारता है,
सोहन-- आह...
सोनू--तू अकेला ही हिजंड़ा है पुरे गावं मे या कोइ और है, और फिर उसके गांड पर जोर का थप्पड़ जमा देता है,
सोहन-- आह एक और है,
सोनू--कौन है?
सोहन-- पहले इस हिजड़ें की तो प्यास बुझाओ राजा,
सोनू पहले उसके गाड में अपनी उगलीं डाल देता है, और जोर जोर अंदर बाहर करने लगता है,
सोहन-- आ..आह, मेरा मरद उह मेरी गांड आप की है, चोदो आह चोदो,
सोनू-- तेरी गांड , मेरी है साले,
और रामू अपना मोटा लंड सोहन के गांड के सुराख पर रख कर उसे धिरे धिरे अंदर डालने लगता है,
सोनू इतना कमीना था की जब तक उसके कानो में चिखने चिल्लाने की आवाज ना आये तब तक उसे अपने मर्द होने पर घमडं नही होता
सोनू का मोटा लंड सोहन की गांड के सुराख को चौड़ा करता अंदर घुस रहा था, और सोहन की चिखे उस झोपड़े के साथ साथ बाहर खुली खेतो मे भी गुज् रही थी,
सोनू का लंड लगभग आधा घुस चुक था, सोहन की गांड खुन से लतफत उसके जाघों से होते उसके पैर की एड़ीयो तक पहुच गया था, और सोनू का लंड तो खुन से सना ही था, उसके लंड से होते हुए खुन उसके अंडकोश से निचे टपक रहा था, सोहन अपना मुह फाड़े भैस की तरह चिल्ला रहा था,
सोहन-- अरे....मेरी...गां........ड......फटी...इ........इ.........इ....,
सोनू-- फटी नही ये माधरचोद फट गयी, और एक जोर का धक्का मार पुरा लंड उसकी गांड की आखरी छोर तक पहुचां देता है, ईसी धक्के के साथ सोहन जोर से चिल्लाया और फिर बेहोश हो जाता है,
सोनू वैसे ही अपना लंड डाले खड़ा रहता है, और सोहन के होश मे आने का इतंजार करने लगता है, करीब 5 मिनट के बाद सोहन को होश आता है उसकी गांड में बहुत तेज जलन हो रही थी,
सोनू अपना लंड सटाक से बाहर खीच लेता है, सोहन के गांड से खुन के साथ साथ गंदगी भी बाहर निकलने लगता है,
सोनू-- अरे भोसड़ी के तू तो हग दीया रे,
सोहन-- आ.इ...इ रोते हुए इतनी बेरहमी से गांड मारोगे तो कोइ भी हग मुत देगा,
सोहन की गांड खुल चुकी थी, सोनू ने फिर से अपना लंड उसके गांड के सिरहाने लगाया और जोर जोर से पेलने लगा,
सोहन फिर चिल्लाने लगा, लेकीन सोनू उसका दोनो पिछे की तरफ़ पकड़ कर ऐसे झटके देने लगा की सोहन का दर्द के मारे आंखे बाहर निकलने लगी,
सोनू-- आह साले, तेरी गांड मेरे लंड को जकड़ी है, बहुत मज़ा दे रहा है,
और सोहन तो जैसे मुह खोले भैस की तरह चिल्लाये जा रहा था,
सोनू-- आह ले मेरा घोड़े जैसा लंड अपनी गांड मे,
सोनू करीब 15 मिनट तक उसकी तुफानी चुदाइ कर के उसके गांड मे झड़ जाता है,
सोनू अपना लंड निकाल खाट पर लेट जाता है, उसके लंड के सिधे उपर सोहन का मुह था,
सोहन उसके लंड को अपने हाथो में पकड़ कर चाटने लगता है,
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