Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
12-13-2020, 02:53 PM,
#69
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
सुबह तक हम सभी एक ही बिस्तर पर नंगे पड़े हुए सो रहे थे. सबसे पहले मेरी आँख खुली.
मैंने अपने लंड पर गीलापन महसूस किया तो मैंने नीचे देखा रूबी मेरे लंड को चूस रही थी, उसकी उठी हुई गोल गांड दिल की आकृति बना रही थी, मैंने हंस कर उसके सर पर हाथ फेरा तो उसने मेरे लंड को छोड़ कर मेरी बाल्स को अपने मुंह में भर लिया..तभी साथ लेटी ऋतू के मुंह से सिसकारी की आवाज आई मैंने देखा तो पाया की नाजिर भी नीचे लेता हुआ ऋतू की चूत को चाट रहा है...हम दोनों भाई बहन बेड पर लेटे हुए अपनी खातिरदारी करवा रहे थे. मैंने हाथ बड़ा कर ऋतू के दायें मुम्मे को दबाना शुरू कर दिया..मैंने नोट किया की पिछले तीन दिनों में उसके मुम्मे का साइज़ बड़ चूका है..या शायद ये मेरा भ्रम है खेर मैंने उसके निप्पल को अपनी उँगलियों में दबाया और उन्हें उमेठना शुरू कर दिया...वो उत्तेजना के मारे दोहरी हो कर मेरे पास खिसक आई और मेरे ऊपर आधी लेट गयी जिसकी वजह से उसके मोटे झूलते हुए मुम्मे मेरी चोडी छाती पर दब गए, उसने अपने गीले होंठो से मुझे चुसना शुरू कर दिया..अब उसकी उभरी हुई गांड नाजिर के सामने थी, उसने कोई मौका नहीं गंवाया और अपना खड़ा हुआ लंड उसके पीछे टिका दिया, गांड पर मोटे लंड का दबाव पड़ते ही उसने नाजिर को रोकने की चेष्ठा की..पर तब तक देर हो चुकी थी.
"अयीईईईईईईईईईईईईईईईइ वहां नहीईईईईईईइ " वो मेरे ऊपर झुकी हुई चिल्लाई..
नाजिर का लंड उसकी गांड के अन्दर तक जा चूका था.
उसके मुम्मे मेरे चेहरे पर झूल रहे थे, मैंने उसके निप्पल को अपने मुंह में भरा और चुसना शुरू कर दिया.. नीचे लेटी हुई रूबी भी उठ खड़ी हुई और मेरे ऊपर आकर अपनी चूत को मेरे लंड से मिलाया और बैठ गयी धम्म से.. अह्ह्हह्ह्ह्हह्हsssssssssssss एक लम्बी सिसकारी मारी रूबी ने अपनी आँखें बंद करके और ऊपर नीचे होने लगी.. मैंने एक हाथ ऊपर करके रूबी के दोनों चूचो पर फिरना शुरू कर दिया..और दुसरे हाथ से ऋतू के चुचे एक साथ दबाने शुरू कर दिए..
मैंने मन ही मन सोचा, कितना लक्की हूँ मैं, मेरे दोनों हाथों में दो दो मुम्मे हैं.ऋतू की गांड का छेद काफी टायट था, इसलिए उसे काफी तकलीफ हो रही थी, ऋतू ने अपना एक हाथ नीचे करके अपनी चूत की क्लिट को दबाना शुरू कर दिया, और जल्दी ही उसकी चीखें सिस्कारियों में बदल गयी.
अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फ्फ अयीईइ म्मम्मम्मम्म ... रूबी भी मेरे लंड पर उछलती हुई बडबडा रही थी. आआः रेहाआआआअन ....चोदो अपनी अम्मी को....अह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह चोद बेटा अपनी अम्मी की चूत को...ये तेरी है...रोज चोदा कर इस्से....अह्ह्ह्ह मैंने भी नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए.
ले हरामजादी....कुतिया....अपने बेटे से चुदवाना चाहती है....साली.....भेन चोद ....रंडी साली... अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह तेरी माँ की चूत....अपने रेहान का लंड लेना चाहती है अपने भोंसड़े में...हांन्न बोल कुतिया....कब से चुदवाना चाहती है अपने रेहान से....बोल भेन की लोड़ी..तेरी माँ की चूत ...बोल कमीनी..आआह्ह्ह मेरी गालियाँ सुनकर वो और ज्यादा उत्तेजित हो गयी...और बोली हाआआआअन्न मैं चुदवाना चाहती हूँ रेहान सेsssssssssssss....जब से मैं उसका ऑफ ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ लम्बा और मोटा लंड ओह्ह्ह आआआह देखा है जब वो सो रहा था...आआआह्ह्ह तब से मैं अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .....चुदवाना चाहती हूँ....ssssssssssssssssss.. चोद बेटा अपनी अम्मी को....आआआआआआआआह कर दे मेरे अरमान पुरे......आआआआआआआअह्ह्ह मैंने उसके दोनों कबूतरों को जोर से पकड़ा और चिल्लाया.. ले फिर ....कुतिया,.,,...ले अपने रेहान का लंड अपनी चूत में.....अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आज तो मैं तेरी चूत का बेन्ड बजा दूंगा...भेन की लोड़ी...बड़ा शोंक हैं न बेटे का लंड लेने का...ले फिर आः आआः आआआआअह ..... और मैंने उसकी चूत में अपना लंड किसी पिस्टन की तरह अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
अपनी बीबी की बातें सुनकर नाजिर को भी जोश आ गया और वो अपने लंड को ऋतू की गांड में तेजी से डालने लगा...अब ऋतू को भी मजा आ रहा था...
वो चिल्ला पड़ी...हाआआआआन अब्बू .....और तेज डालो अपना मोटा लंड मेरी गांड में....आआआआअह चोद दो अपनी हिना की गांड ..... ये हमेशा तुम्हारी है....रोज चोदा करो मुझे अब्बू......आआआअह बड़ा मजा आ रहा है...और तेज और तेज...ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ ......वो मेरे ऊपर अधि लेटी हुई चिल्ला रही थी और अपनी चूत के दाने को बुरी तरह से मसल भी रही थी...नाजिर ने भी धक्के देते हुए बोलना शुरू कर दिया..
ले ईईईईईईईई मेरी बच्ची.....हिना.....क्या गांड है तेरी....जब भी तुझे देखता हूँ तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है......आआआआआह्ह्ह तेरी गांड में अपना लंड डालना चाहता हूँ......आआआआआह्ह ले कुतिया...अपने बाप का लंड अपनी गांड में...ले...............आआआआआआआआआआआअह्ह्ह .....उसके धक्को की वजह से और अपनी चूत को खुद ही खुजलाने की वजह से जल्दी ही ऋतू की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया....और वो तेज आवाज करती हुई मेरे ऊपर गिर पड़ी..अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अब्बू मैं तो गयीईईईईईईईइ ......अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह और उसके पानी की गर्माहट अपनी जाँघों पर पाकर नाजिर के लंड ने भी गोले दागने शुरू कर दिए ऋतू की गांड के अन्दर... आआआआआआआअह्ह्ह ले बेटी अपने बाप का रस .........आआआआआआह्ह्ह ....वो दोनों निढाल होकर साइड में लुडक गए...
अब मैंने अपना ध्यान रूबी की तरफ किया और उसके दोनों चुचे स्टेरिंग की तरह पकडे और अपना ट्रक दौड़ा दिया उसके हाईवे पर...
आआआआआआआआअह्ह्ह आआआआआआअह्ह ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ उसकी सिस्कारियां गूँज रही थी पुरे कमरे में.
उसने अचानक अपनी कमर को पीछे किया और मेरे लंड के ऊपर झड़ना शुरू कर दिया.
मेरा लंड भी उसकी चूत की गर्मी में पिघल गया और उसके अन्दर से गर्म पानी बाहर आकर उसकी चूत में बोछारें करने लगा. वो भी मेरे सीने पर गिर पड़ी.
हम सभी खड़े हुए और एक साथ नहाने चले गए.
अन्दर जाकर भी हमने शावर के नीचे खूब मन लगा कर चुदाई करी.
अब मुझे ये तो पता चल ही गया था की नाजिर और रूबी अपने बच्चों के साथ सेक्स करना चाहते हैं, इसलिए मेरे मन में एक बिज़नेस प्लान आने लगा.. रेहान और हिना को उनके पेरेंट्स से चुदवाना काफी आसान था, पर मैं इस बार ये काम मुफ्त में नहीं करना चाहता था, इसलिए मैंने प्लान बनाया और ऋतू को समझाया, वो भी मेरे प्लान को समझ कर मुस्कुराने लगी.
कपडे पहन लेने के बाद हम जब चलने लगे तो मैंने नाजिर से कहा "अंकल ...आप लोगो के साथ काफी मजा आया...और रात की बातें देखकर लगता है की आप दोनों अपने बच्चों के साथ भी ये सब करने को तैयार हो...हैं न..."
रूबी बीच में ही बोल पड़ी "अरे नहीं बेटा...वो तो बस ऐसे ही...उस समय की बात कुछ और थी...हमने तुम दोनों के साथ अपनी फ़ंतासी शेयर करी है..इसका ये मतलब नहीं की हम सच में ऐसा करना चाहते हैं..."
मैंने कहा "और अगर मैं आपकी ये फ़ंतासी को सच कर दूं तो..."
"क्या सही में...तुम ऐसा कर सकते हो..." नाजिर ने अपनी गोल आँखें मेरी तरफ घुमा कर कहा.
"हाँ...मैं ऐसा कर सकता हूँ....मगर इसके लिए आपको मुझे कुछ इनाम देना होगा..." मैं बोला.
"जो तुम कहोगे वो हम देंगे...तुम जितना भी चाहो...बोलो क्या चाहिए तुम्हे...." उसने लगभग हडबडाते हुए कहा..
"एक लाख रूपए..."मैंने कुछ सोचते हुए कहा...
उसने झट से अपनी अलमारी से मुझे एक हजार के नोटों की गड्डी निकाल कर दे दी ..
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