RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी:" पागल कहीं का, अब क्या तेरी नजर मेरी गांड़ पर भी अा गई है।
साहिल:" ओह मम्मी , सच कहूं तो एक बार आपकी गांड़ मारने का मन हैं बहुत।
रूबी के गाल सुर्ख हो गए और अदा के साथ बोली:"
" जा फालतू के सपने मत देख, मैं नहीं मराने वाली तुझसे अपनी गांड़ वांड। बड़ी आया हीरो तू।
वैसे गांड़ से याद आया सुनील बेचारा।
साहिल:" हान मम्मी, उसका क्या होगा अब, उसके तो सारे सपने अधूरे ही रह जाएंगे।
रूबी ने साहिल को चुप रहने का इशारा किया और मोबाइल से सुनील का नंबर मिला दिया और फोन का स्पीकर ऑन कर दिया ।
सुनील रूबी का कॉल देखते ही गदगद हो उठा और बोला:"
" हेल्लो रूबी जी कैसी हैं आप ?
मेरी खुशनसीबी कि आपने मुझे याद किया। आपका बेटा कैसा हैं अब ?
रूबी:" जी आपकी दया से वो अब बिल्कुल ठीक हैं।
सुनील की हलकी बेचैनी में डूबी हुई आवाज गूंजी:"
" तो फिर अब हमे भी थोड़ा ठीक कर दीजिए। सोते जागते हर समय आपकी गांड़ की मटकाती हुई नजर आती हो। आज अा रही हों ना फिर पक्का आप ?
साहिल ने रूबी की तरफ देखा और दोनो के होंठ मुस्करा उठे और रूबी बोली:"
" माफ कीजिए मैं नहीं अा पाऊंगी,
सुनील:" क्या हुआ कोई काम हैं क्या ? आप कल अा सकती हैं
रूबी:" नहीं मुझे कोई काम नहीं हैं, मैं कल तो क्या कभी नहीं अा सकती सुनील जी ।
सुनील:" रूबी तुम शायद भूल रही हो कि अगर तुम नहीं आओगी तो मैं टेंडर कैंसल कर सकता हूं।
रूबी:" सुनील जी ये मैंने आपको फोन इसलिए किया था मैंने अपनी कंपनी ज्योति जी के नाम कर दी है और वही अब इसकी असली मालिक हैं।
सुनील के सिर पर जैसे बम फाड़ दिया गया हो, वो पूरी तरह से बौखला गया और बोला:"
" नहीं नहीं ये नहीं हो सकता। तुम मेरे आज ऐसा नहीं कर सकती रूबी।
रूबी और दोनो सुनील की हालत देखकर स्माइल कर दिए और रूबी बोली:"
" ऐसा हो चुका हैं मिस्टर सुनील। इसलिए आज के बाद मेरे सपने देखना बंद कीजिए और अपने परिवार को समय दीजिए।
बाय बाय।
इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और साहिल के होंठ चूम लिए। साहिल हंसते हुए बोला:"
" मम्मी आपने तो बेचारे सुनील की दुनिया ही लूट ली, क्या किसी पर इतना ज़ुल्म करना अच्छा हैं ?
रूबी भी हंसते हुए बोली:"
" कोई भी इंसान अगर अपनी औकात से ज्यादा सपने देखता हैं तो उसके यहीं हाल होता हैं।
साहिल ने एक बारे रूबी की गांड़ की तरफ देखा और एक आह भरी और बोला:"
" ओह मम्मी, जो सपने सुनील ने देखा था वहीं मुझे भी दिख रहा हैं अब, क्या मेरा पूरा होगा या नहीं ?
रूबी समझ गई कि साहिल उसकी गांड़ के बारे में बात कर रहा हैं तो अदा दिखाते हुए बोली:_
" कुछ सपने ऐसे होते हैं जो पहली बार देखे जाते हैं, सपनों में दम होना चाहिए और उन्हें पूरा करने की मजबूत इच्छा शक्ति, फिर तो सभी सपने पूरे हो ही जाते हैं।
रूबी ने साहिल को अपनी तरफ से ग्रीन सिग्नल दे दिया था और साहिल सब समझ गया और बोला:"
" रूबी तुम मेरी इच्छा शक्ति के बारे में क्या जानो, देखना मै कुछ भी करके अपना सपना पूरा कर लूंगा।
रूबी अपने बेटे पर अपना सब कुछ लुटाने के लिए तैयार थी इसलिए कामुक स्माइल करते हुए बोली:"
" बेटा कोई मदद चाहिए तो बता देना, मैं हमेशा तेरे साथ हूं।
साहिल:" ओह मम्मी, एक आप ही तो हैं जो मेरा सपना पूरा कर सकती हैं।
रूबी:" अच्छा हम दिल्ली में अा गए हैं और आगे से लेफ्ट ले लेना, उधर ही हमे जाना हैं।
साहिल:" अरे मम्मी आप चिंता मत कीजिए, आपका बेटा दिल्ली में तो रहा हैं, इसलिए आप आप आराम से बैठिए।
साहिल की साड़ी थोड़ी देर बाद ही एक आलीशान घर के सामने खड़ी हुई थी। साहिल ने नाम प्लेट पर अपनी मा का नाम देखा और समझ गया कि उन्हें आगे से इसी घर में रहना है। साहिल ने गाड़ी अंदर घुसा दी।
साहिल और रूबी दोनो ने घर को ध्यान से देखा, बहुत बड़ा तो नहीं था, बस नीचे दो कमरे, हॉल और बाथरूम था लेकिन सभी कुछ बहुत अच्छे से बना हुआ था। उनके पहले घर के सामने कुछ भी नहीं था लेकिन दोनो अभी भी बहुत खुश थे क्योंकि उनके सिर से एक बहुत बड़ा बोझ उतर गया था। गाड़ी पार्क करने के बाद दोनो अंदर अा गए।
रूबी:" बेटा घर तो ठीक हैं। आराम से हम इसमें रह सकते है कोई दिक्कत नहीं होगी।
साहिल:" हान मम्मी, सब कुछ हैं घर में अंदर और इससे ज्यादा क्या चाहिए।
रूबी:" हान बेटा, अच्छा मैं थक गई हूं, मैं नहा लेती हूं। तब तक तुम आराम करो।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी आप नहाकर आओ तब तक मै हॉल में ही बैठा हूं।
रूबी नहाने के लिए घुस गई और थोड़ी देर में ही वो नहाकर बाहर निकली। हल्के गुनगुने पानी से नहाने के बाद रूबी और भी ज्यादा कामुक लग रही थी और अपने जिस्म पर सिर्फ एक टॉवेल लपेटकर बाहर अा गई और साहिल उसे देखते ही दीवाना हो गया।
रूबी:" ऐसे क्या देख रहे हो तुम, नजर लगाओगे क्या?
इतना कहकर रूबी अपनी गांड़ को मटकाती हुई जाने लगी और साहिल आण्हे भरते हुए बोला:"
" हाय मम्मी, आशिक की नजर थोड़े हो लगती है, आपकी गांड़ आज बहुत ज्यादा मटक रही हैं। कुछ स्पेशल हैं क्या आज ?
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