Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
11-17-2020, 12:15 PM,
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
सुबह-सुबह पार्क मे मानस और ड्रस्टी.....

ड्रस्टी.... मानस तुम कल नही आए थे...

मानस.... हां ! वो सुबह मैं उठ नही पाया था.

ड्रस्टी.... सुबह उठ नही पाए, या परसो की बात कल तक दिमाग़ पर स्ट्राइक करती रही....

मानस.... हां कह सकती हो ड्रस्टी...

ड्रस्टी.... मानस ये पूर्वी और तुम्हारे बीच क्या चक्कर है.

मानस.... बोला तो था उसी दिन, जब हम आमने सामने बात करेंगे... वेट आ मोमेंट, तुम्हे तो मैने पूर्वी के बारे मे नही बताया, फिर कैसे पता.

ड्रस्टी.... दीवान अंकल को ढूँढना तुम उनके जिस दोस्त से मिले वो मेरे अब्बू हैं.

मानस.... ओह्ह्ह्ह ! तो तुम नबाव साहब की बेटी हो. अब सब समझ गया, तुम्हारी नाराज़गी की वजह . वही मैं सोच मे था की बिना जाने, बिना कोई बात के तुम क्यों इतना मुझ से खफ्फा थी.

ड्रस्टी.... नही वो बात नही थी... (कहते हुए ड्रस्टी की नज़रें नीचे हो गयी)

मानस.... झूट बोल रही हो तुम्हारे चेहरे पर लिखा है. तुम्हे जो भी मेरे बारे मे सोचना है सोचो, मैं तुम्हारी राई थोड़े ना बदल सकता हूँ... मैं तुम्हे थोड़े ना कहूँगा, अपने घर वालों की बात पर विस्वास ना करो. लेकिन एक बात मैं बता दूं सभी सुनी हुई
बातें सच नही होती..

ड्रस्टी.... आइ बिलिव ऑन यू मानस. हां मैं अम्मी-अब्बू की बात सुन कर पहले कुछ और ही सोच रखी थी. लेकिन जान'ने के बाद मेरी थोट चेंज हो गयी. तुम्हारा दर्द क्या है वो मैं नही जानती, और मुझे कुछ पूछना भी नही, क्योंकि मेरा दिल जानता है तुम बुरे नही. आज 2पीयेम बजे मेरे घर आ जाना. वहाँ तुम्हे पूर्वी और दीवान दोनो मिल जाएँगे.......

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11-17-2020, 12:16 PM,
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
नताली & पर्थ....

कांट्रॅक्ट लेने के लिए कैसे-कैसे दिन देखने पड़ रहे थे. नताली ने फिर से पार्थ से कॉंटॅक्ट किया. दोनो आमने सामने....

नताली.... ब्लडी रास्कल्स, इन सब को तो चौराहे पर नंगा कर के फासी दे देना चाहिए.

पर्थ.... इतनी पॅनिक क्यों हो रही हो नताली. वैसे भी ग़लत तो नही कहा ना उन्होने. तुम्हे भी तो बॅक डोर से ही ये कांट्रॅक्ट चाहिए था.

नताली.... डॉन'ट फेवर हिम पार्थ. कोई रास्ता छोड़ते हैं क्या? सही से काम करने वालों को कुछ भी हासिल होने देते हैं ये लोग. ऐसा महॉल क्रियेट करते हैं कि ईमानदारी से काम करने वालों को भी इनके दरवाजे तक जाना ही पड़ता है. बिना कुछ लिए दिए काम कहाँ होने देते हैं. तभी देश का ये हाल है.

पार्थ.... हा हा हा, तुम लोगों को देश का भी ख्याल है. आज पता चला.

नताली.... वेरी फन्नी. क्या हम लोगों मे पोलिटिशियन वाली फीलिंग नही होती.

पार्थ.... होता भी है क्या, याद नही कोई ऐसा केस... अभी तो मौका भी है. शो युवर पॅशन...

नताली..... कैसे शो करूँ पॅशन बताओ....

पार्थ..... पॅशन कैसे शो करना है वो तो मैं बता दूँगा, लेकिन सोच लो इस मामले मे तुम्हारी जान भी जा सकती है...

नताली..... मैं कोई राह चलती लड़की नही, जो मुझे मार दे. मुझे मारने के लिए भी उनको लंबी प्लॅनिंग करनी होगी. बात तो अब ईगो की है,जो होगा देखा जाएगा...

पार्थ.... आश्चर्य है, ये कांट्रॅक्ट तुम्हारा नही, फिर भी अपनी जान ज़ोख़िम मे डाल रही हो. वर्जिन नही, फिर भी सेक्स से परहेज. कोई लॉजिक नही पॅशन दिखाने का फिर भी तैयार हो गयी.... ब्रावो...

नताली.... व्हाट डू यू मीन पार्थ. मैं वर्जिन नही वो मेरा डिसिशन है. जो भी किया अपनी मर्ज़ी से किया, उसका कोई अफ़सोस भी नही. लेकिन अभी तक वो मोरल दिल मे नही आया कि कोई फोर्स करे तो ये सोच लूँ कि क्या फ़र्क पड़ता है ... सेक्स
वित वन ऑर एनी वन. कोई फोर्स करे तो उसकी औकात भी दिखा दूँगी.... ये बात अभिमान और आत्मसम्मान की है.

पार्थ.... ओह्ह्ह्ह ! ग्रेट नताली. क्लॅप्स फॉर युवर थिंकिंग. वैसे मुझे ये बताओ तुम क्या करने क्या वाली थी अपने इस
आत्मसम्मान के लिए.

नताली..... पैसे देते हुए उस मंत्री को पकड़वा दूँगी, और मीडीया के सामने पॉल उसकी खोल दूँगी...

पार्थ.... यू फूल... कुछ नही होगा उनका. तुम्हे मैं जैसा कहता हूँ वैसा करो. इनकी तो ऐसे बजेगी कि मुँह छिपाते फिरेंगे.

नताली..... मुझे करना क्या होगा.....

पार्थ ने उसे पूरी प्लॅनिंग बता दिया.... पूरा प्लान सुन'ने के बाद नताली पूरे जोश मे आ कर कहने लगी..... "थॅंक्स पार्थ, अब देखो इनका क्या हाल करती हूँ"

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11-17-2020, 12:16 PM,
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
मनु & वंश इन ऑफीस....

वंश.... कहिए मनु सर, हमे कैसे याद कर लिया.

मनु.... क्या वंश अंकल टॉंट कर रहे हैं क्या...

वंश.... आप तो बॉस हैं, आप को कैसे टॉंट कर सकते हैं...

मनु.... छोड़िए इन सब बातों को, मैं एक कांट्रॅक्ट साइन कर रहा हूँ उस पर आप के सजेशन चाहिए.

वंश.... मेरी खुसकिस्मती जो तुम ने मुझे इस लायक समझा. दिखाओ वो कांट्रॅक्ट.

मनु, वंश को अश्यूर इंडिया के कांट्रॅक्ट फाइल दिखाते हुए कहने लगा.... "घोसल वालों ने हमारे इतना पुराना साथ छोड़ दिया, वैसे भी मिल्स बंद पड़ी है क्यों ना अश्यूर इंडिया वालों को कांट्रॅक्ट कर लिया जाए".

वंश.... लेकिन वंश घोषाल केवल केमिकल के रॉ मेटीरियल ही हमे सप्लाइ नही करता बल्कि उसकी बहुत सी मनुफुक्तुरिंग प्रॉडक्ट हम मार्केटिंग भी करते हैं. इस कांट्रॅक्ट से पूरे ग्रूप पर असर पड़ेगा. वैसे भी दूसरे से रॉ मेटीरियल ले कर प्रोडक्षन शुरू नही कर सकते अभी तो स्टे लगा हुआ है.

मनु.... हां पता है. पहले कांट्रॅक्ट कॅन्सल हो गया और बाद मे आलिगेशन लगा कि हमारे एक्विपमेंट्स अप टू मार्क नही इसलिए सरकार. का स्टे ऑर्डर आ गया "नो फर्दर प्रोडक्षन विदाउट सरकारी. अप्रूवल". ईवन स्ट्रेंज, 3 बार सर्वे करने आए और सर्वे करने वालों ने आलिगेशन को वॅलिड बताते हुए प्रोडक्षन शुरू नही होने दिया.

वंश..... हां यही तो मैं भी कहना चाह रहा हूँ....

मनु.... वंश अंकल सपोज़ करो अश्यूर इंडिया वालों से हम ये कांट्रॅक्ट साइन करते हैं, और किसी जादू से हमे प्रोडक्षन की अप्रूवल मिल जाए तो कैसा रहेगा.

वंश.... तुम क्या पूरी मॅन्यूफॅक्चरिंग यूनिट चेंज करने वाले हो. पर ये तो अपने पोस्ट का ग़लत फ़ायदा उठाना होगा. पहले भी 3 मीटिंग हो चुकी है इस बारे मे. जीतने पैसे हम उस के मॅन्यूफॅक्चरिंग यूनिट चेंज करने मे लगाएँगे उस से कयि गुना ज़्यादा प्रॉफिट तो हमे टेलीकॉम इनवेस्टमेंट से मिल जाएगा.

मनु..... नही अंकल मैं कंपनी के डिसिशन के अगेन्स्ट कैसे जा सकता हूँ. कांट्रॅक्ट के बाद प्रोडक्षन कैसे शुरू हो वो हमारी समस्या नही है, मुझे बस ये पूछना था... कांट्रॅक्ट मे ₹1 रुपया पर यूनिट बढ़ा देने से क्या इंपॅक्ट पड़ेगा.

वंश, मनु की बात सुन कर उसका मुँह देखने लगा, उसे कुछ समझ मे ही नही आया कि क्या कहे.... "यदि ऐसा है तो अच्छा है"

मनु वहाँ से मुस्कुराते हुए चल दिया.... मनु के जाते ही वंश को पसीने आने लगे.... "मैं फालतू मे उन सब की बात मे आ गया.... अब जो होगा सो होगा. पता नही उस वक़्त नही लालच आया जब आना था, पर अब काहे लालच के चक्कर मे मैं इन सब की बातों मे फस गया. जो हो गया सो होया, अब मैं इन से सब से दूर ही रहूँगा. लगता है मनु इस मुद्दे पर बहुत बवाल मचाने वाला है.
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11-17-2020, 12:16 PM,
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
रजत अपने दोस्त सॅम से बात करते हुए....

रजत.... हॉलिडे पर मथुरा जाना फिक्स हो गया है. तुम अपना वादा याद रखना.

सम.... हां दोस्त याद है तुम टेन्षन ना लो. बेचारा कुँवारा ही मर जाएगा....

रजत.... मज़ाक नही करो और ध्यान से सुनो कल नही हुआ ये काम तो तुम देख लेना....

रजत फोन पर बात कर रहा था, तभी अमृता वहाँ पहुँच गयी....

अमृता.... कौन सा काम रजत..

रजत.... फोन रख बाद मे बात करता हूँ.... (फोन रखते हुए) .... मनु के रिश्ते की बात करने की तैयारी मॉं. मैं क्या सोच रहा था, कल उन दोनो का एंगेज्मेंट हो जाए तो एक पार्टी नाइट ऑर्गनाइज़ करूँ यहाँ, उसी के तैयारी की बात.

"इसे क्या हो गया, मनु से नफ़रत करने वाला उसकी शादी तय होने की खुशी मे नाच रहा. कहीं काया ने तो इसे कोई पट्टी नही पढ़ा दी".... अमृता अपने बेटे को आश्चर्य से देखती हुई..... "पार्टी तू ऑर्गनाइज़ कर रहा है"

रजत.... तुम इतना शॉकिंग एक्सप्रेशन क्यों दे रही हो मोम...

अमृता.... माँ हूँ तेरी, अब मुझे बताएगा कि ये चक्कर क्या चल रहा है. मुझ से झूट क्यों बोल रहा है.

रजत.... चौको मत ज़्यादा. ये पार्टी उसकी खुशी के लिए नही, बल्कि उस दो टके की लड़की और उस नाजायज़ मनु को सब के सामने बेज़्जत करने के लिए है....

अमृता.... ऐसे बोला कर ना. तूने पार्टी का नाम लिया तो मैं सच मे शॉक्ड हो गयी. अच्छा है जब तुमने प्लान कर ही लिया है तो मैं भी अब इनकी एंगेज्मेंट करवा ही दूं...

अमृता ने तुरंत स्नेहा को कॉल लगा दिया...... स्नेहा कॉल देख कर.... "नमस्ते आंटी"

अमृता.... फोन अपने पापा को दो, उन से बात करनी है...

स्नेहा.... पापा नही है, मोम हैं, रुकिये उन्हे देती हूँ...

स्नेहा की माँ.... नमस्ते बहन जी...

अमृता.... नमस्ते को रहने दीजिए, और बेटी के एंगेज्मेंट की तैयारी कीजिए, कल हम आ रहे हैं रिस्ते की बात करने....

स्नेहा की माँ.... आप का स्वागत है, आप सब आइए तो पहले...

अमृता.... ठीक है कल ही हम आ रहे हैं.....

"पूअर कपल.... पता नही तुम दोनो के साथ क्या-क्या होना है... कल मैं तुम दोनो पर बिजलियाँ गिराउन्गी और बचा-खुचा परसो मेरा बेटा पार्टी मे पूरा कर देगा"
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11-17-2020, 12:16 PM,
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
कानपुर नवाब के घर....

ड्रस्टी ने अपने घर पर पूरा महॉल जमा लिया था. पूर्वी, उसके पिता शेखर दीवान, शौकत आवाँ (नवाब) उसकी बेगम और इन सब को होस्ट कर रही थी ड्रस्टी....

दीवान.... नवाब साहब कहीं आप ने दूसरी शादी तो नही कर ली जिसकी खुशी मे आप हमे यहाँ बुलाए हैं.

नवाब.... एक से तो निजाद नही मिल पा रहा दीवान साहब, कहाँ आप दूसरी को गले बाँध रहे हो.

पूर्वी.... अच्छा है ना अंकल नयी आंटी आने से सब बॅलेन्स हो जाएगा.

ड्रस्टी'स मोम.... आप दोनो को शर्म नही आती, जवान बेटियों के सामने ऐसी बातें करते...

पूर्वी.... अंकल, आज लगता है आप कि उपर बेलन पक्का टूटेंगे. अभी तो इनडाइरेक्ट हम सब का नाम ले कर चुप करा रही है, ज़रा अकेले कमरे मे जाना... आज तो आप की कुटाई पक्की है... वैसे कोई मुझे बताएगा हमे यहाँ बुलाया क्यों गया है...

ड्रस्टी.... मतलबी लोग, कोई कारण हो तो ही बुलाएँगे क्या, वैसे नही बुला सकती. बाइ दा वे एक सर्प्राइज़ के लिए बुलाया है...

पूर्वी.... कैसा सर्प्राइज़, आंटी तुझ पर बेलन ना तोड़ें इसलिए हम सब के सामने अपने बाय्फ्रेंड को बुला ली घर...

ड्रस्टी.... कैंची की तरह चलती है तेरी ज़ुबान. चुप कर पागल.... 2 मिनट वेट करो अभी सर्प्राइज़ भी दिखेगा...

4/5 मिनट वैसे ही खींचा तनी का महॉल चला, तभी ड्रस्टी के मोबाइल पर रिंग हुआ और वो मानस को लेने बाहर चली गयी, और जब लौट कर मानस के साथ हॉल मे आई........

4/5 मिनट वैसे ही खींचा तानी का महॉल चला, तभी ड्रस्टी के मोबाइल पर रिंग हुआ और वो मानस को लेने बाहर चली गयी, और जब लौट कर मानस के साथ हॉल मे आई........

मानस को देखते हे वहाँ मौजूद सभी लोग अवाक रह गये गये. किसी को विस्वास नही हो रहा था की ड्रस्टी ऐसे शॉकिंग सर्प्राइज़ देगी. वहीं जहाँ सब लोग शॉक्ड थे, पूर्वी का अलग ही एक्सप्रेशन था....

पूर्वी.... कौन हैं ये माशूर हस्ती, जिसे देख कर सब खड़े हो गये.

जैसे ही पूर्वी ने ऐसा कहा, अब तो नवाब साहब और उनकी बेगम, दोनो दुगने शॉक्ड हो गये. वो दोनो बस दीवान की ओर देखने लगे.

नवाब.... ये सब क्या है दीवान साहब. आप ने तो कहा था कि ये लड़का पूर्वी को छेड़ता था, परेशान करता था, और इसी वजह से आप ने इनके घर की नौकरी छोड़ दी. इन्होने आप को इतना तंग किया कि आप पुरखों की ज़मीन बेच कर दर-दर भटकने पर मजबूर हुए. लेकिन यहाँ तो पूर्वी इसे पहचानती तक नही.

मानस.... ओफफफफफ्फ़ ओ' दीवान साहब ने ऐसा कहा था, लेकिन इन्होने तो मुझ पर ये इल्ज़ाम लगाया था कि "मैने इनकी बेटी के साथ रेप किया है". क्यों दीवान साहब आप ने इन लोगों को बताया नही. और ज़रा देखिए तो जिनका का रेप हुआ है, वो मुझे जानती तक नही.... कितनी बड़ी ट्रॅजिडी है....

पूर्वी.... क्या ???? .. मानस...

मानस... जी हां मानस. एक अटकी पड़ी गुत्थी सुलझाने के लिए पिच्छले काई सालों से भटक रहा हूँ....

नवाब.... दीवान साहब आप बोलते क्यों नही. चुप क्यों हैं...

दीवान, गहरी सांस लेता.... "देखो मानस उस दिन जो हुआ वो ग़लत हुआ पर जो कुछ भी हुआ वो मुझ से करवाया गया था, मुझे माफ़ कर दो".

मानस..... उस दिन जो हुआ... उस दिन जो हुआ..... क्या नही हुआ था उस दिन. मुझ पर रेप का इल्ज़ाम लगाया, मेरी माँ का कतल हो गया, और उसे स्यूयिसाइड का नाम दे दिया गया. मेरे सिर पर खून सवार है. मुझे उन सब के नाम चाहिए जो-जो इस खेल शामिल थे वरना जैसे मैं अपनी माँ बिना तड़प रहा हूँ, ठीक वैसे ही आप अपनी बेटी के बिना तड़पेंगे.

इतना कह कर मानस ने अपनी कमर से गन निकाल लिया और पूर्वी को गन पॉइंट पर लिया... ये देख सारे लोग डर से थर्राँने लगे......

ड्रस्टी... मानस, प्लीज़ आराम से बात करते हैं, ये गन हटा लो प्लीज़....

मानस..... कोई कुछ नही बोलेगा, आज सिर्फ़ दीवान बोलेगा.... दीवान बकना शुरू करो, वरना मैं जिस आग मे जल रहा हूँ तुम्हे भी जला दूँगा...

दीवान.... प्लीज़ मेरी बेटी को कुछ मत करो, उसे छोड़ दो. मैं तुम्हे सब का नाम बताता........

"बताता" पर ही रेकॉर्डर अटक गयी दीवान की, और देखते ही देखते उसके सीने से खून बहने लगा. कहीं दूर से निशाना लगा कर गोली मारा गया था. खिड़की के काँच से गोली सीधा दीवान के सीने मे, और वो सीना पकड़ कर नीचे गिर गया..... "काव्या... काव्या"..... और इतना बोलते-बोलते दीवान ने अपना दम तोड़ दिया.

सभी हैरान..... और अपने पापा का खून देख कर पूर्वी बेहोश सी हो गयी. नवाब ने तुरंत पोलीस को कॉल कर दिया. पोलीस जब आई तो पूर्वी ने सारा इल्ज़ाम मानस पर मढ़ते हुए रोती-रोती कहने लगी.... "गन ले कर आया है ये, मेरे पापा को मार डाला, मुझे भी मार देगा"

मानस को किसी भी इल्ज़ाम की चिंता नही थी, वो तो बस खुद से झल्लाया हुआ था, उसकी आत्मा जैसे रो रही थी. जिस दीवान की तलाश मे दिन रात एक कर दिया वो दीवान मिला तो सही पर बिना कुछ बताए मर गया. आतमा जैसे कल्पी हो और सीने मे आग भड़क गयी थी. एक बार फिर खेल, खेला जा चुका था.
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11-17-2020, 12:16 PM,
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सनडे की सुबह...

पूरा परिवार तैयार था शादी की बात करने जाने के लिए. एक पर्फेक्ट फॅमिली हॉलिडे की ओर. जहाँ एक ओर हर्षवर्धन, अमृता और सुकन्या मनु के जीवन का नया तमाशा देखने जा रही थी. वहीं रजत और श्रेया भी इनके साथ जा रहे थे.

रजत की खुशी इस मे थी कि वो मनु और काया को मरते देखना चाहता है, वहीं श्रेया इस इरादे से थी कि स्नेहा और मनु का रिस्ता टूट जाए. वहीं मनु के इस रिस्ते के लिए दो मायूस प्रेमी भी जाने वाले थे.

अखिल ने जो काया के साथ उसे जला कर अपने प्यार के एहस्सास करने का दाव खेला था, उसमे बेचारा खुद फस गया. प्लॅनिंग ये थी कि तड़पती काया की रूह को शांति उसके घर रात मे जा कर दी जाए. लेकिन उफ़फ्फ़ ये पोलीस की नौकरी केस के सील-सिले मे देर रात हो गयी.

और सुबह जब अखिल ने काया से कॉंटॅक्ट किया तो उसके मिज़ाज देख कर अखिल का मंन रोने-रोने जैसा करने लगा. आशिक़ी और दोस्ती का पुराना नाता. फॅमिली सेक़ुरिटी के नाम पर एस.पी साहब भी साथ जाने की तैयारी करने लगे, जिसका अप्लिकेशन उसने मनु से लिखवाया.

बड़ी सी बस और एक ही बस मे पूरी फॅमिली चल दिए मनु के रिस्ते की बात करने के लिए. रास्ते मे सारे लोग अपने-अपने प्लान मे लगे हुए थे, वहीं काया चुप-चाप पिछे बैठी थी. अखिल, काया को पिछे से देख-देख अपनी फूटी किस्मत पर रो रहा था...

सभी लोग बस मे आपस मे बात करते हुए जा रहे थे.. अखिल ने मौका देख कर काया के गले पर पिछे से अपनी उंगली फिरा दिया.... काया खा जाने वाली नज़रों से पिछे घूमी, अपनी एक उंगली अखिल के ओर दिखा दी. मानो कहना चाह रही हो.... "डॉन'ट डेर".

काया फिर से चुप-चाप सीधी बैठ गयी..... तभी काया के मोबाइल पे मसेज बीप हुआ..... "सूऊ सॉली, प्लीज़ एक बार बात कर लो, मैं सब समझाता हूँ... प्ल्ज़, प्ल्ज़, प्ल्ज़," .....

काया रिप्लाइड.... "गो टू हेल".... मनु ने दोबारा मेसेज किया.....

"प्लज़्ज़्ज़्ज़ एक बार बात तो सुन लो"

इस बार काया ने मेसेज का रिप्लाइ नही किया. वो गुस्से मे चुप-चाप सीधी बैठी थी. अखिल एक बार फिर काया के ठीक पिछे आया. गले के ठीक उपर अपने नाक लगा कर, तेज साँसे खींचा और अपने होंठ काया के गले से लगा कर उसे चूम लिया.

काया का बदन जैसे सिहर गया हो. मीठा सा अहसास उसके बदन मे जैसे तैर गया हो, और गर्दन अपने आप झुक गयी. लेकिन अगले ही पल, काया गुस्से मे तम-तमाई सीट पर चढ़ि, और अखिल का कॉलर पकड़ कर उसे घूर्ने लगी.....

अखिल, छोटा सा मुँह बनाए..... "सॉली"

काया के एक्सप्रेशन मे कोई चेंज नही, और वो कॉलर पकड़े अब भी घूर रही थी. अखिल फुसफुसाते हुए..... "सॉली ना, बहुत तड़प रहा था मैं भी. वो मिश्रा जी ने ऐसा कहा था करने के लिए... उसी का आइडिया था तुम्हे जलाऊ. सॉली काया... तुम्हे तडपा कर मैं भी बहुत तडपा हूँ.... आइ लव यू ना"

काया सुनती रही, सुनती रही. जैसे ही अखिल ने आइ लव यू कहा, काया उसकी शर्ट को खींची, और उसके होंठ को अपने होंठ मे दबा कर चूमने लगी. काया मदहोशी की सांस खींचती, अपनी आखें मुन्दे अपने प्यार के अहसास वाले किस मे खोती चली गयी....

वहीं अखिल की आखों के सामने पूरा मूलचंदानी परिवार बैठा हुआ था. फटी सी आखों से वो नज़रे घुमा कर सब को देख रहा था. अखिल की साँसे अटकी थी, और काया तो जैसे होंठ को चूमते हुए उसमे खो चुकी थी. वो ना तो होंठ छोड़ने का नाम ले रही थी, और ना ही कॉलर.

तभी अखिल को लगा हर्षवर्धन पिछे मूड रहा है. वो झट से अपने सीट पर बैठ गया, और काया अब भी होंठो को गोल किए आखें मुन्दे उसी पोज़िशन मे थी.

हर्षवर्धन.... काया पिछे क्यों मूडी हो.

काया, अपनी आखें खोलती हल्का मुस्कुराइ..... "डॅड, मैं एस.पी सर से उनके इंटरेस्टिंग केस के बारे मे पूछ रही हूँ".....

हर्षवर्धन फिर से अपने काम मे लग गया...... "तुम पागल हो क्या, मरवाओगी. यूँ सब के सामने कोई किस करता है क्या".

काया.... किसी से प्यार करो तो टूट कर, किसी से नफ़रत करो तो वो भी टूट कर. ये बीच वाला काम अपने से नही होता है एस.पी सर.

काया की बात सुन कर, अखिल अपनी बड़ी सी आखें किए काया को देखने लगा... "टूट कर प्यार... वॉववववव"

अखिल भी अब उठा, काया के गले पर पिछे से हाथ डाला. दोनो की नज़रें मिली, होंठ खुद-व-खुद पास आते चले गये. आखें बोझिल हो कर धीरे-धीरे बंद होती चली गयी. और लबों से लब टकरा गये. दोनो एक दूसरे मे डूब कर, एक दूसरे को चूमने लगे.

कोई फ़िक्र नही थी कि वो कहाँ थे, बस दोनो डूब कर एक दूसरे को चूम रहे थे. तभी अखिल के कनपटी पर एक तमाचा पड़ा. दोनो की किस टूटी, और अखिल टुकूर-टुकूर उपर देखने लगा.

काया ने जब अपने सामने मनु को देखी तो वो शर्मा कर विंडो साइड खिसक गयी और कंबल से अपना मुँह ढक लिया. वहीं मनु ने गुस्से भरी नज़रों से देखते उसे अपने साथ अपने सीट पर ले गया.

अखिल बेचारा मनु को क्लरिफिकेशन देना चाहता था, पर जब भी मनु की तरफ घूमता तो मनु उसे खा जाने वाली नज़रों से देखता और अखिल चुप-चाप फिर सीधा बैठ जाता.....

अखिल की हालत देख कर काया हँसने लगी.... "आज तो लगता है एस.पी सर गियो"

पूरा कारवाँ आख़िर कार पहुँचा मथुरा. स्नेहा उन सब को देख कर इतनी खुश थी कि मानो उसका दिल उच्छलने का कर रहा हो. वो अपने कमरे मे जा कर "यॅ.. यॅ" करती अपनी हाथ उच्छल रही थी.

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11-17-2020, 12:16 PM,
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
पूरा परिवार बैठा डाइयनिंग टेबल पर. मनु और स्नेहा, एक दूसरे को देखते, हल्का मुस्कुराते और फिर अपनी नज़र फेर लेते. दोनो के अंदर अजीब सी खुशी थी, और दिल मे गुदगुदी सी हो रही थी. बहुत ज़्यादा इधर-उधर की बातें नही हुई, सीधे मुद्दों पर आते मनु और स्नेहा के रिस्ते की बात शुरू हो गयी.

स्नेहा के पापा को बड़ा अच्छा लगा, बिल्कुल एक अच्छे रिश्तेदार की तरह पूरा मूलचंदानी पदीवार अपने लड़के की शादी की बात करने आया था, भला उसे क्यों इनकार हो. सब राज़ी थे, और पंडित जी को बुलावा भेजा गया.

इतने मे ही पूरे मूलचंदानी खानदान के पास मेसेज आने लगे. "चेक न्यूज़, चेक न्यूज़"

हर्षवर्धन.... न्यूज़ ज़रा लगाइए तो, पता नही हमारे असोसीयेट और बिज़्नेस पार्ट्नर्स क्यों बार-बार मेसेज कर रहे... चेक न्यूज़, चेक न्यूज़.

सभी ने हर्षवर्धन की बात का समर्थन करते हां मे हां भर दिया. टी.वी ऑन हुआ न्यूज़ चॅनेल खुला... और ब्रेकिंग न्यूज़ नीचे बोल्ड फ्लश और उपर एक आदमी गला फाड़ रहा था.....

"पैसों के दम पर क़ानून को ताक पर रखने वाले मूलचंदानी हाउस के लोग. इनके एम.डी मिस्टर. मनु मूलचंदानी जहाँ पूरी कॉमपार्टमेंट को बेहोश करवा कर अपनी सेक्रेटरी के साथ वयभिचार का नंगा नाच नाचते हैं, वहीं इसके बारे भाई मानस मूलचंदानी को कल पोलीस ने उसके ही एक एक्स-एम्पॉलय शेखर दीवान के खून के इल्ज़ाम मे कानपुर मे आरेस्ट किया"

मनु और स्नेहा के सेक्स वीडियो को बार-बार टी.वी स्क्रीन पर प्ले किया जा रहा था. अपने परिवार के सामने ऐसी वीडियो, शर्मिंदगी से उस को मर जाने का मन करने लगा. वो रोती हुई भाग गयी अपने कमरे मे. इधर मूलचंदानी फॅमिली अंदर से मज़े लेती, स्नेहा के पापा को कहने लगी, "नही ये सब फेक दिखाया जा रहा है".

वहीं एक आदमी की इज़्ज़त उच्छल गयी थी सरे आम. स्नेहा के पिता ने तैश मे आते हुए सब को अपने घर से बाहर का रास्ता दिखाया. आज एक बार फिर मनु की रूह तक रोई थी. अमृता ने ऐसा प्लान किया था कि रिपोर्टर्स स्नेहा के घर के बाहर तक पहुँचे ....

तरह-तरह के सवाल... पहले मूलचंदानी फॅमिली से, जिस पर चुप्पी साधे वो लोग निकल गये. फिर सवाल एक लड़की के पिता से, जिसकी लड़की की वीडियो बार-बार प्ले हो रही थी. उस बाप की आखों मे आँसू थे, कोई जबाव नही था बस अपने घर के दरवाजे को बंद कर लिया......

दोनो भाइयों की रूह तक रो रही थी, और सीने मे आग लगी थी. मानस जिसे पागलों की तरह ढूँढ रहा था, जब वो मिला तो उसकी तलाश को दीवान की मौत से ख़तम कर दिया. वहीं मनु को आज बहुत दिनो बाद अंदर से खुशी मिली थी. लेकिन उसे इस कदर रौंदा गया कि उस से उसकी सब से प्यारी चीज़ दूर हो गयी.

मनु ने खुद को संभाला और वो तुरंत अखिल के साथ निकला....

अखिल.... ये सब क्या है मनु, ऐसी बचकाना हरकत....

मनु..... अखिल कुछ मत पूछ अभी. ऐसी जगह मारा है कि ज़ख़्म नही दिखेंगे किसी को, पर ये ज़ख़्म मुझे जीने नही देगा. मेरे भाई तू छान बीन शुरू कर, जितने पैसे लगने है लगा दे बस तू उस टेप को फर्जी साबित कर, और किसने करवाया उसका नाम ढूंड निकाल. बाकी का मैं देख लूँगा.

मनु ने फिर तुरंत अपने लॉयर को कॉल किया. केस उसे पहले से पता था. उसने मनु को सब सजेस्ट कर दिया. टेप का केस वो यहाँ हॅंडल कर लेगा. मानस के केस के लिए उसने कानपुर के ही एक क्रिमिनल लॉयर से कॉंटॅक्ट कर लिया.

सारी बातें होने के बाद..... "कंप्लेन पहुँच गयी है अखिल. मैं चाहता हूँ इस केस को तुम पर्सनली हॅंडेल करो. बाकी बातें कानपुर से लौटने के बाद मे करते हैं".

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11-17-2020, 12:16 PM,
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
मनु, तुरंत वहीं से कानपुर पहुँच गया. मनु, सीधा पोलीस स्टेशन पहुँचा. कई सालों बाद दोनो भाई ने एक दूसरे को देखा था, लेकिन देखा भी तो कैसे..... दोनो भाइयों के आँखों मे आसू थे, और खड़े बस एक दूसरे को ही देख रहे थे...

सनडे का दिन था, मानस के केस मे बैल लेने मे टाइम लग गया. लेकिन पैसे हो तो कुछ भी मुस्किल नही. लॉयर बैल पेपर ले आया, और मनु अपने भाई को ले कर चल दिया.....

मनु... ठीक हो भाई...

मानस.... सब जानते हुए भी पूछ रहा है...

मनु.... ह्म ! मैं समझ सकता हूँ. छोड़ो भी, जिनको जो करना था वो कर गये. सब भूल जाओ अब हमे नयी शुरुआत करनी है, बिल्कुल नये तरीके से. तुम्हारी ज़रूरत है भाई...

मानस.... मनु, तेरी आँखें कुछ और कहानी बयान कर रही, क्या हुआ है. तू रोया है...

मनु.... कुछ नही भाई... छोड़ो भी ये सब. अब बस मेरे साथ रहो. हम मिल कर उन सब के हर किए का बदला लेंगे बिल्कुल अलग अंदाज़ मे.

मानस.... ह्म्‍म्म्म ! यार दिल मे बोझ है... चल, चल कर कुछ पीते हैं....

.................................................
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11-17-2020, 12:17 PM,
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )


मूलचंदानी हाउस.....

अमृता.... क्यों सुकन्या.. ये दाव कैसा लगा. अब तो मैं कह सकती हूँ ना, "अब देखो तमाशा".

सुकन्या.... वाहह ! मज़ा आ गया. मनु के साथ तुम ने उसके भाई को भी क्या खूब लपेटा है. और उस काव्या भक्त, आस्तीन के साँप दीवान को भी ठिकाने लगा दी. क्या बात है अमृता, हॅट्स ऑफ.

अमृता.... नही मानस के बारे मे मुझे नही पता था. मुझे भी न्यूज़ से ही पता चला. शायद हर्ष का प्लान हो.

हर्षवर्धन..... मानस की इन्फर्मेशन मेरे पास कहाँ से आई. वैसे भी मैं जल्लाद नही, जो किसी का मडर करवा दूं... मानस के साथ उधर क्या
हुआ मुझे भी न्यूज़ से ही पता चला.

अमृता.... छोड़ो, लेकिन खुश तो हो ना. आह्ह्ह्ह ! उसका तड़पता चेहरा देख कर ऐसा लगा जैसे उसकी कमिनि माँ तड़प रही हो. तुम सोच नही सकते कितनी सुकून मे हूँ....

सुकन्या..... सेम हियर अमृता. लेकिन दोनो भाई को एक साथ लपेट गया. उन्हे भनक भी पड़ी तो हमे छोड़ेगा नही.

अमृता.... तो बिगाड़ क्या लेगा. उसे तो यकीन है कि उसके साथ किसने बुरा किया... लेकिन जब वो अपने प्यारे दोस्त से इस केस को फॉल्स साबित करने कहेगा तो फिर भगवान जाने कि कौन सा नाम सामने आएगा. और तब मैं अपने बेटे मनु के लिए एक एननोसेंट माँ रहूंगी. मनु
खुद पर धिक्कार करेगा और कहेगा... "मैने इस देवी जैसी माँ पर शक़ किया"... हा हा हा.

सुकन्या.... चलो अब कहीं जा कर दिल को चैन मिला. अब मुझे लग रहा है कि कहीं कोई प्लान था. अब अगला मूव क्या होगा....

अमृता.... वेट & वॉच. पहले मनु के एम डी पोस्ट से रेसिग्नेशन की डिमॅंड तो आने दो, फिर हम उसे अपने कदमों तले दबाएँगे.....

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11-17-2020, 12:17 PM,
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
रजत... सम की बातचीत....

रजत.... साले, कमिने तू है किधर.... हरामजादे तूने तो कहा था कि दोनो का काम तमाम हो जाएगा, फिर क्या हुआ.

सॅम..... साले तू क्या पागल है. एक तो बस से पूरा परिवार एक साथ जाते हो, उपर से एस.पी भी उस बस मे. तेरी ग़लत इन्फो थी, इसमे हम क्या करेंगे.

रजत..... हां-हां ठीक है समझ गया. तू ये बता मेरा काम कब होगा.

सॅम.... काम तो कर दिया. देखा नही क्या, उस मानस को कैसे फसा दिया. मुझे लगा किसी को तो मार कर अपने दोस्त को खुश कर ही दूं...

रजत..... तो क्या तूने वो करवाया था...

सॅम.... हां मैने करवाया था. अब तो खुश है ना....

रजत..... वाहह ! अब लग रहा है मेरा पैसा सही हाथों मे है. कल जो उस कुत्ते का एक्सप्रेशन था वो उसके मरने से ज़्यादा मज़ेदार था. उसे दर्द तो दे दिया, अब उस से मुक्ति भी करवा दे....

सॅम.... हां वो भी हो जाएगा.... लेकिन दोस्त एक मर्डर की डील तो पूरी हो गयी, अब बस एक का ही होगा... तू बता टारगेट किसे करना है... मनु या काया....

रजत.... मनु, काया और उसके भाई मानस तीनो.... आज शाम पैसे ले जाना.....

सम ने ओके कहा और कॉल कट हो गया...... दीप्ति..... "बड़े कामीने हो, बिना कुछ किए वसूली"

सॅम.... इस बार 1 करोड़ लूँगा. अपना कोटा पूरा, फिर इधर से कटने का टाइम आ जाएगा....

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