Gandi Sex kahani भरोसे की कसौटी
11-17-2019, 12:46 PM,
#8
RE: Gandi Sex kahani भरोसे की कसौटी
आज अचानक से मेरा सब्र का बाँध टूट गया | मैंने सोच लिया की आज कुछ तो पता लगा कर ही रहूँगा | ऐसा ख्याल आते ही मैं लपका अपने रूम की तरफ़, तैयार होने के लिए.... पाँच मिनट से भी कम समय में मैं तैयार हो कर ताला लगा कर बाहर निकला... सामने रोड की ओर देखा.. चाची नहीं दिखी... सामने ही एक मोड़ था... शायद चाची उस मोड़ पे मुड़ चुकी हो.. ऐसा सोचते हुए मैंने झट से अपना स्कूटी निकाला और दौड़ा दिया उस मोड़ तक... मोड़ पर पहुँच कर मैंने स्कूटी रोक कर इधर उधर नज़र दौड़ाया.. देखा सामने एक कनेक्टिंग रोड पे कुछ आगे एक लाल रंग की वैन खड़ी है और चाची उसमें घुस रही है ! उनके घुसते ही वैन का दरवाज़ा बंद हुआ और चल पड़ा | मैंने भी अपना स्कूटी लगा दिया उस वैन के पीछे पर एक अच्छे खासे डिस्टेंस को मेन्टेन करते हुए | बहुत जल्द ही वो वैन हवा से बातें करने लगा; पर मैंने भी आज हर कीमत पर चाची का पीछा करने का ठान रखा था |

सो, स्पीड मैंने भी बढ़ा दिया | रास्ते में लोग और दूसरी गाड़ियाँ भी थीं पर वैन जिस खूबसूरती के साथ सबके बीच से अपने लिए रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ रहा था, उससे वैन का चालक कोई बहुत ही बढ़िया पेशेवर मालूम हो रहा था | वैन का चालक जिस तरह से वैन को सबके बीच से आसानी से ले जा रहा था; वैसा तो मैं अपने स्कूटी से भी नहीं कर पा रहा था | एक तो मुझे काफ़ी दूरी बना कर चलना पड़ रहा था और ऊपर से रोड पर मौजूद भीड़ |

खैर, थोड़ी ही देर में, मैंने खुद को एक बहुत ही अजीब सी, या यूँ कहें की एक गरीब सी बस्ती में पाया... एक मोहल्ले की छोटे तंग रास्तों से हो कर गुज़रते हुए वह वैन एक जगह रोड के बायीं तरफ़ रुका,... बहुत दूर एक पान दुकान थी... और मेरे आस पास बहुत से टूटे फूटे झोंपड़ी या कच्चे मकान के घर थे, जिनमें शायद अब कोई नहीं रहता होगा | हाँ, जिस जगह वैन रुकी थी उसके ठीक सामने ... मतलब रोड के दूसरी तरफ़ एक टेलर की दुकान थी | मैंने अपने स्कूटी को बहुत पीछे एक चाय वाले के पास छोड़ कर वापस वहां पहुँचा.. देखता हूँ की सब के सब वैन से उतर कर रोड के उस पार, उस टेलर की दूकान की तरफ़ बढ़ रहे हैं.. दो काफ़ी लम्बे अधेड़ उम्र के आदमी थे जो चाची को अपने बीच में रख कर उनके (चाची) के दाएँ-बाएँ हो कर चल रहे थे .. दोनों आदमी के दाढ़ी बढ़ी हुई थी और उन दोनों ने थोड़े मैले से कुरते और पजामे पहन रखे थे | दोनों की बीच चलने वाली औरत मेरी चाची ही थी ये मैंने पहचाना उनके साड़ी से... मेरा मतलब चाची जब घर से निकली थी तो साड़ी में थी पर अभी जब वो उतरी तो उन्होंने एक बुर्का पहन रखा था | इसका मतलब बुर्का उन्होंने वैन में ही पहना होगा | मैंने उन्हें पहचाना उनके बुर्के के नीचे से झांकती उनकी साड़ी, उनके सेंडल और धूप में चमचम करके चमकती उनकी अंगूठियों की सहायता से | सिर से लेकर पैर तक मैं अतुलनीय आश्चर्य से भरा हुआ था की आखिर माजरा क्या है..

सब उस टेलर की दूकान में प्रवेश कर गए | इधर वैन के चालक वाले सीट से एक और आदमी उतरा.. ज़रूर यही चालक होगा ... हाइट में बाकी दोनों से कम था, थोड़ा मोटा भी था ... दाढ़ी नहीं थी उसकी पर मूछें बहुत लम्बी थीं ... उसने भी कुरता पजामा पहन रखा था | वैन से उतर कर थोड़ी अंगड़ाईयाँ ली और कुरते के पॉकेट से एक बीड़ी निकाल कर सुलगा लिया और लम्बे लम्बे कश लेते हुए गाड़ी के आस पास ही टहलने लगा | मैं एक टूटे झोंपड़े की एक टूटी खिड़की के पीछे से ये सब देख रहा था और बड़ी ही बेसब्री से उन लोगों के, खास कर चाची के लौट आने की प्रतीक्षा करने लगा... दिल भी बहुत घबरा रहा था मेरा ये सोच कर की न जाने क्या सलूक हो रहा था अन्दर चाची के साथ | आस पास के दुर्गन्ध और मच्छरों के डंक से परेशान मुझे वहाँ बैठे बैठे करीब चालीस मिनट हो गए | टेलर की दूकान के दरवाज़े में आवाज़ हुआ.. दरवाज़े पर बड़ा सा पर्दा भी था...जो अब थोड़ा उठा... और अन्दर से वही दोनों आदमी चाची को बुर्के में लेकर बाहर निकले.. और वैन की तरफ़ चल दिए | रोड पार कर वैन के पास जाकर खड़े हो गए | मुझे लगा की अब फिर इनका पीछा करना पड़ेगा ... अभी वे लोग वैन के पास आकर खड़े ही हुए थे की दो – तीन मिनट बीतते बीतते एक और ग्रे रंग की वैन आ कर उनके बगल में रुकी ! फिर उन दो में से एक आदमी उस वैन में चढ़ा, फिर मेरी चाची और फिर दूसरा आदमी चढ़ा | तीनो के वैन में बैठते ही, वैन तेज़ी से दूसरी तरफ़ निकल गयी | मैं हैरत और भौचक्का सा उन्हें जाते देखता रहा | वैसे भी इस परिस्तिथि में मेरे पास करने के कुछ ना था | थोड़ी बहुत जासूसी कर रहा हूँ तो इसका मतलब ये थोड़े है की मैं भी कोई व्योमकेश बक्शी या सुपर कमांडो ध्रुव हूँ ...|


उस वैन के जाने के बाद टेलर दूकान से एक अधेड़ उम्र का आदमी निकला... सच कहूं तो उसकी उम्र कुछ ज़्यादा ही लग रही थी | उसने दुकान के दरवाज़े बंद किये, ताले लगाए और उस वैन में जा कर बैठ गया | उसके बैठते ही वैन भी वहाँ से चल दिया |
Reply


Messages In This Thread
RE: Gandi Sex kahani भरोसे की कसौटी - by sexstories - 11-17-2019, 12:46 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 14,221 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 6,835 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,687 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,757,022 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,521 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,343,813 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,171 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,805,336 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,206,409 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,168,847 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)