Ghar Pe Chudai एक और घरेलू चुदाई
08-25-2018, 04:06 PM,
#18
RE: Ghar Pe Chudai एक और घरेलू चुदाई
अब सौरभ ने अपना हाथ सुधा की चूत पर रख दिया और कच्छी के उपर से ही उसको दबाने लगा सुधा के पूरे बदन मे बिजली ही दौड़ गयी थी वो ही जानती थी कि कैसे उसने अपनी सिसकारी को रोका था सौरभ ने पैंटी को थोड़ा सा साइड मे किया और अपना हाथ अंदर घुसा दिया कई सालो बाद अपनी चूत पर पुरुष का हाथ पाकर सुधा का बदन हिलने लगा उसकी टाँगे अपने आप खुल गयी ताकि सौरभ अच्छे से उसकी चूत को मसल सके 



गहरे बालो से भरी चूत को सहला कर सौरब पूरी तरह से मस्त हो गया था पर उसमे अभी इतनी हिम्मत नही थी कि सीधा ताई को चोद दे तो उसने एक हाथ से अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ को सुधा की चूत की दरार पर फिराने लगा चूत से गाढ़ा पानी रिसने लगा था सौरभ की उंगली फिसल कर चूत मे घुस गयी थी सुधा ने अपनी टाँगो को भीच लिया तो सौरभ को लगा कि कहीं ताई जी जाग तो नही गयी है तो उसने जल्दी से अपनी उंगली को बाहर निकाल लिया और फॉरन ही उधर से दूर होकर सो गया सुधा सोचने लगी काश उसे ऐसा नही करना चाहिए था लेटी रहती चुपचाप पर उसकी चूत मे हलचल मची गयी थी

इधर उषा प्रेम के लंड पर अपने होटो का कहर ढाए हुए थी प्रेम को लगने लगा था कि बस थोड़ी देर मे वो ढेर होने ही वाला है तो उसने उषा को अपने लंड से हटा दिया और उषा को बिस्तर पर लिटा दिया उसकी कच्छी की इलास्टिक मे हाथ डाला और उस एकमात्र बचे हुए वस्त्र को भी उषा के जिस्म से आज़ाद कर दिया उषा बोली- लाइट तो बंद कर लो प्रेम बोला नही देखने दो मुझे इस जिस्म को आज इस को अपना बना लेना चाहता हूँ मैं उषा ने शरम से अपने चेहरे को अपने हाथो मे छिपा लिया पर ये रात कोई शरमो हया वाली रात तो थी नही 

प्रेम ने अपनी बहन की टाँगो को खोला और अपने लंड को उसकी चूत के दरवाजे पर लगा दिया चूत बहुत ज़्यादा गीली हो रही थी और उपर से लंड की गर्मी तो उषा की बदन मे चींटिया रेंगने लगी थी , अब बस दो जिस्म एक होने मे कुछ ही देरी थी उषा ने कहा भाई अब डाल भी दे अंदर अब रहा नही जा रहा है बना दे मुझे लड़की से औरत प्रेम तो वैसे ही बेकरार हो रहा था उसने लंड पर थूक लगाया और उसको चूत के छेद पर लगा कर कर दिया कसकर प्रहार

चूत की नाज़ुक दीवार के कवच को तहस नहस करते हुए लंड का सुपाडा उषा की चूत मे घुस गया जहा उषा मस्ताई पड़ी थी, अब उसके जिस्म को दर्द की लहर ने अपनी गिरफ़्त मे ले लिया उसके होठ उसकी चीख को रोक ना पाए आँखो से आँसू बह चले उसकी आवाज़ गले मे अटक गयी लगा कि जैसे किसी ने चूत मे चाकू चला दिया हो वो कुछ बोल पाती उस से पहले ही प्रेम के अगले शॉट से उसका लंड और आगे को सरक गया उषा की आँखे बाहर ही निकल आई उस पल

दर्द से पागल हुई वो प्रेम के चेहरे को खुद से दूर हटा ने लगी पर प्रेम की मजबूत बाहों मे क़ैद थी वो चूत फट गयी थी उसकी खून की बूंदे टपकती हुई चादर पर अपने निशान छोड़ने लगी थी जितना वो प्रेम को खुद से दूर करना चाहती थी उतना ही वो उसके अंदर समाता जा रहा था उषा का दर्द बहुत ही बढ़ गया था पर प्रेम लगातार लंड को अंदर की तरफ सरकाए जा रहा था उषा अपने विरोध स्वरूप प्रेम के कंधो पर अपने लंबे नाखूनों से खरोचने लगी थी पर उसको कोई फ़र्क नही पड़ रहा था 

और ऐसे थोड़ा थोड़ा करके उषा की चूत के अंदर पूरा का पूरा लंड सरका दिया गया था चूत मे बहुत तेज टीस मार रही थी अब प्रेम पूरी तरह से दीदी के उपर झुक गया और उषा के गालो पर लुढ़क आए आँसुओ को अपनी गरम जीभ से चाटने लगा दीदी को सुकून मिला वो अब दीदी को चूमता कभी गालो पर कभी होंठो पर धीरे धीरे उषा को भी आराम सा होने लगा अब प्रेम धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाते हुए धक्के लगाने लगा था उषा का दर्द अब उसको मज़ा देने लगा था 

अपने भाई की बाहों मे पिसते हुए उसको बड़ी शांति मिल रही थी आख़िर उसने अपना कुँवारा पन आज खो जो दिया था प्रेम ने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला और फिर तेज शॉट मारा तो उषा की सांस अटक सी ही गयी प्रेम के कंधे पर अपने दाँतों के काट ते हुए वो बोली अया जान ही निकाल डाली है कतल ही करो गे क्या मेरा पर अब वो कहाँ रुकने वाला था गरम खून उसकी नसों मे उबल रहा था बड़ी बेदर्दी से उसने अपनी बहन को रोंदना शुरू किया और धीरे धीरे उषा की चीखे मस्ती भरी आहों मे बदल ती चली गयी 

उषा ने अपनी टाँगो को खोला और भाई की कमर पर उठा कर रख दिया और खुद भी नीचे से धक्के लगाने लगी उषा इतनी गरम और मदमस्त हो गयी थी कि वो किसी ख़ूँख़ार जंगली बिल्ली की तरह प्रेम के कंधो और उसकी पीठ पर अपने नाख़ून चला रही थी आज हर उस पर्दे की दीवार ढह गयी थी दोनो भाई बहन ने दुनिया के सबसे पवित्र रिश्ते की धज्जिया उड़ा डाली थी, उस बंद कमरे मे एक नये रिश्ते की इबारत लिखी जा रही थी जिसके गवाह बस ये दोनो ही थे भाई बहन ने आज एक दूजे को बिस्तर का साथी स्वीकार कर लिया था

प्रेम के धक्को की रफ़्तार अब बढ़ती ही जा रही थी और उसके साथ ही उषा भी अपने चरम सुख की ओर बढ़ने लगी थी उषा की आँखे अपने आप बंद होती जा रही थी ना जाने कैसा वो नशा था जिसने उसको अपनी गिरफ़्त मे ले लिया था उसकी बाहें भाई की पीठ पर कस्ति जा रही थी बस उसे इसी तरह पिसना था अपने भाई की बाहो मे उसकी छोटी सी चूत को तहस नहस करता हुआ लंड पूरी रफ़्तार से आगे पीछे होते हुए उसको जन्नत की सैर करवा रहा था उषा ने अपने मुँह को थोड़ा सा उपर की तरफ किया और प्रेम के होटो को फिर से अपने होटो से जोड़ लिया
Reply


Messages In This Thread
RE: Ghar Pe Chudai एक और घरेलू चुदाई - by sexstories - 08-25-2018, 04:06 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 7,725 Yesterday, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 5,474 Yesterday, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 17,344 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 8,385 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 5,726 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,762,559 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 578,233 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,346,425 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,030,715 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,809,453 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 4 Guest(s)