Hindi Antarvasna - चुदासी
11-13-2021, 01:23 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
दीदी की बात सुनकर मुझे निराशा हुई। वो अपनी मर्जी से जीजू को मुझे चोदने की छूट नहीं दे रही थी, वो । मजबूरी में कह रही थी। जीजू कुछ बोले बगैर दीदी को जोरों से चोदने लगे। मेरा दिमाग दीदी की बातों के बारे में सोच रहा था, जिससे मेरे बदन की तपिस गायब हो चुकी थी।

दीदी के मुँह से धीरे-धीरे सिसकारी न निकल रही होती तो वो एक लाश ही लगती, न उन्होंने अपने पैरों को। ज्यादा चौड़ा किया था, ना उन्होंने जीजू का टी-शर्ट निकलवाया था, एक बार भी उन्होंने जीजू को सामने से किस नहीं किया था। वो दोनों हाथों को फैलाए चुदवा रही थी। थोड़ी ही देर में दोनों झड़ गये और मैं बिस्तर पे जाकर लेट गई। सुबह मैं और दीदी किचन में काम कर रहे थे। मैं सब्जी बना रही थी और दीदी आंटा गूंध रही थी।

तभी जीजू की आवाज आई- “मीना अंदर आना, मेरे शर्ट का बटन टूटा हुवा है...”

दीदी- “निशा, जाओ तुम लगा आओ...” दीदी ने मेरी तरफ देखकर कहा।

मैं- “आप जाओ...” मैंने कंधे उचकाते हुये कहा।

दीदी- “मेरे हाथ अच्छे नहीं है, अनिल को देरी हो रही होगी, तुम जाओ...” दीदी ने उनके हाथ को थोड़ा ऊपर करके कहा।

मैं- “सूई और धागा?”

दीदी- “अनिल, सूई और धागे का डिब्बा निकालकर रखना, निशा जा रही है...”

मैं बेडरूम में गई, जीजू ने मेरे हाथों में शर्ट और डिब्बा थमा दिया, और पैंट पहनने लगे। मैं सूई में धागा पिरोकर बटन लगाने लगी। बार-बार मेरा ध्यान जीजू के चौड़े सीने पे जा रहा था, मन करता था की मैं वहां सिर रखकर सो जाऊँ।

जीजू- “कल रात देखा था?” जीजू पैंट पहनकर मेरे बाजू में बैठते हुये फुसफुसाए।

मैं- “क्यों आपने मुझे नहीं देखा था?” तबत क बटन लग गया था तो मैंने शर्ट जीजू को दिया।

जीजू- “मैंने खिड़की की तरफ देखा ही नहीं था, डर रहा था की कहीं तेरी दीदी को मालूम पड़ गया तो हंगामा करेगी। लेकिन अब कोई टेन्शन नहीं। अब तो वो खुद चाहती है की मैं तुझे चोदूं...” दबी आवाज में बात करतेकरते जीजू शर्ट पहनकर कह रहे थे।

मैं- “दीदी मन से नहीं, मजबूरी से कह रही हैं..” मैंने कहा।

जीजू- “जैसे भी कहा, पर हाँ तो कहा ना... और तुमने भी तो उस दिन कहा था...” जीजू शायद ये समझ रहे थे। की मेरी भी इच्छा नहीं है।
Reply
11-13-2021, 01:23 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
जीजू- “जैसे भी कहा, पर हाँ तो कहा ना... और तुमने भी तो उस दिन कहा था...” जीजू शायद ये समझ रहे थे। की मेरी भी इच्छा नहीं है।

मैं- “मैं कहां ना बोल रही हूँ? पर दीदी का दिल दुखाकर करना नहीं चाहती...”

जीजू- “चाहे कोई भी औरत हो या मर्द सामने से अपने जीवनसाथी को दूसरों से सेक्स करने की अनुमति दे दे, इतना तो हमारा देश अभी मार्डन नहीं हुवा है। तुम्हारी दीदी आज तो क्या कभी भी अपनी मर्जी से मुझे तुम्हें चोदने के लिये हाँ नहीं बोलेगी..” जीजू ने कहा।

मैं- “पर जीजू वो मेरी दीदी है, उसे दर्द होगा तो मुझे बुरा तो लगेगा ना..” मैंने कहा।

जीजू- “और अपने जीजू के दर्द की कोई कीमत नहीं?”

मैं- “अच्छा, आप कहते हैं तो ठीक है पर अंतिम बार..” मेरे मन में तो जीजू से चुदने की बात से ही लड्डू फूटने लगे थे।

जीजू, अंतिम बार... साथ में मेरी भी एक शर्त है..."

मैं- कहिए...”

जीजू- “पहले मंजूर करो तो ही कहूंगा...”

मैं- “ओके बाबा मंजूर है बताओ?” मैं भी तो जल्दी से जीजू की बाहों में जाना चाहती थी।

जीजू- “मैं तुम्हें मीना के सामने चोदूंगा...” जीजू ने मेरे सामने बाम्ब फोड़ा।

मैं- “ये कभी नहीं हो सकता जीजू..” मैंने कहा।

जीजू- “तूने मेरी शर्त मंजूर की हुई है.”

मैं- “मंजूर की, इसका मतलब ये नहीं की आप कुछ भी बोलें और मैं करूं.” मेरा सारा मूड खराब हो चुका था।

जीजू- “निशा, मुझे भी कोई शौक नहीं है तुझे मीना के सामने चोदने में। मैं सोचता हूँ की तुम्हारी बेकरारी देखकर मीना में वो बेकरारी आ जाय, तुझसे वो थोड़ा भी सीख जाय ना तो मुझे और कहीं मुँह मारना न पड़े..." बोलते हुये जीजू भावुक हो गये।

मैं- “जीजू, दीदी नहीं मानेगी...”

जीजू- “वो तुम मुझ पर छोड़ दो, और रात की तैयारी चालू कर दो..." इतना कहकर जीजू मुझे उनके नजदीक खींचकर मेरे होंठ पे चुंबन अंकित करके मुझे दुविधा में डालकर बाहर निकल गये।
Reply
11-13-2021, 01:23 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
रात को दस बजे थे। मैं, दीदी और जीजू बातें कर रहे थे। जीजू अपनी कालेज लाइफ में किए हुये अफेयरों के बारे में बताकर दीदी को चिढ़ा रहे थे। पर मेरा ध्यान उन लोगों की बातों में नहीं था, मैं पूरी तरह से बेखबर थी। सुबह जीजू से बात हुई उसके बाद पूरा दिन मुझे डर और आनंद की मिली-जुली अनुभूति हुई। दीदी को किसी का भी फोन आता था तो मुझे हर वक़्त यही लगता था की जीजू का फोन आया होगा, और वो दीदी को हमारी । चुदाई देखने की बात कर रहे होंगे, और मैं दीदी का चेहरा देखकर उनके मनोभाव पढ़ने की कोशिश करती। दीदी ने आज भी कल की तरह बाहर दो बिस्तर लगाए, तब मेरा मन खट्टा हो गया और मैंने आज जल्दी सोने का मन बना लिया। नींद तो आने वाली नहीं थी, पर मेरा मूड खराब हो गया था।

पवन के सोते ही जीजू अंदर गये और मैं चादर लेकर सिर से पाँव तक ओढ़कर सो गई।

दीदी- “निशा...” दीदी की आवाज आई।

मैंने जल्दी से चादर में से अपना मुँह निकाला और उम्मीद भरी नजरों से दीदी की तरफ देखा।

दीदी- “कुछ काम है? कुछ चाहिए?” दीदी ने पूछा।

तब मैंने मेरा सिर ‘ना' में हिलाकर शुतुरमुर्ग की तरह फिर से अंदर ले लिया।

दीदी- “निशा..” फिर से दीदी की आवाज आई।

मैंने जरा सा भी हीले बगैर झल्लाकर पूछा- “क्या है?”

दीदी- “पहले देखो तो सही?” दीदी ने कहा।

तब मैंने चादर को हटाकर उनके सामने देखा।

दीदी- “तुम अंदर जाओ, ये बिस्तर मैंने अपने लिए लगाया है...”

दीदी की बात सुनकर मेरे बदन में करेंट सा दौड़ गया- “नहीं दीदी..” न चाहते हुये भी मेरे मुँह से ये निकल गया।

दीदी- “शर्माना छोड़कर उठ और अंदर जा...”

बिस्तर से रूम दस कदम ही दूर था। पर दीदी के सामने रूम के अंदर जाने में वो दस कदम मुझे दस मील जैसे लगे। जीजू दरवाजे के पीछे ही खड़े थे, मेरे अंदर जाते ही वो मुझे बाहों में लेकर मेरी गर्दन को चूमने लगे। मेरे भी सबर का बाँध टूट गया, मैं भी जीजू के नंगे सीने को चूमने लगी। थोड़ी देर बाद जीजू ने मेरा चेहरा ऊपर उठाया, और हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे।

मैं- “दीदी ने ना बोला ना?” मैंने जीजू के नीचे के होंठ को काटते हुये पूछा।

जीजू- “आहह... हाँ, कह रही थी की मैं तुम दोनों की चुदाई देखना नहीं चाहती...” जीजू ने मुझे अलग करके दरवाजे पर स्टापर लगाई।

मैं- “दीदी आपसे बहुत प्यार करती हैं...” मैंने खिड़की चेक की कि कहीं खुली तो नहीं?

जीजू- “सिर्फ प्यार ही करती है...” जीजू ने मुझे बाहों में उठाकर बेड पे लेटा दिया और वो भी ऊपर आ गयेआज तो तुम गजब की खूबसूरत लग रही हो..."

जीजू ने अपना हाथ मेरी कमीज के अंदर डालते हुये कहा।

मैं- “झूठी तारीफ करना तो कोई आपसे सीखे। कल आप यही बात दीदी से कह रहे थे..” मैंने जीजू के कान को खींचते हुये कहा।
Reply
11-13-2021, 01:23 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
जीजू फिर से मेरे होंठ को चूमने लगे और मेरी सलवार का नाड़ा ढूंढ़ने लगे। मैं भी जीजू के होंठों का मस्ती से रसपान करने लगी और उनकी पीठ को सहलाने लगी। जीजू के हाथ में नाड़ा आते ही उन्होंने खींचा और गांठ
खोल दी। वो सलवार पकड़कर नीचे सरकाने लगे, तो मैंने मेरी गाण्ड ऊपर करके उन्हें निकालने में आसानी कर दी। सलवार निकालने के बाद जीजू ने मेरी कमीज भी निकाल दी और मैं ब्रा पैंटी में हो गई। जीजू से अब शायद सबर नहीं हो रहा था तो उन्होंने जल्दी से मेरी ब्रा और पैंटी भी निकाल दी।

मैं- “कल दीदी की ब्रा तो आपने नहीं निकाली थी..” मैंने जीजू के ट्रैक पैंट को पाँव से नीचे करते हुये कहा।

जीजू- “तेरी दीदी पूरी नंगी कभी नहीं होती, बदन पे एक कपड़ा न हो तो लाज से मर जाएगी...” जीजू ने अपना ट्रैक पैंट अंडरवेर के साथ निकालकर कहा।

फिर जीजू ने झुक के मेरी बाईं निप्पल को मुँह में भर ली और चूसने लगे और साथ में मेरी चूत को सहलाने लगे। उनका लण्ड मेरी कमर को छू रहा था, जो मुझे उत्तेजित कर रहा था। मैं जीजू के बालों को सहला रही थी। तभी दरवाजे को ठोंकने की आवाज आई और हमारे रंग में भंग हुवा।।

जीजू- “तेरी दीदी होगी जा खोल..” जीजू ने कहा।

दीदी होगी ये सुनकर ही मेरा दिल डर और संकोच के मारे जोरों से धड़कने लगा- “आप जाकर खोलो...”

जीजू- “तुम्हें क्या प्राब्लम है?" जीजू ने कहा।।

मैं- “क्या कहूँ मैं जीजू को? कैसे जा सकती हूँ मैं दीदी के सामने इस अवस्था में? मुझे दीदी के सामने नंगी। जाने में शर्म आती है...”

जीजू- “मैं भी तो नंगा हूँ..." जीजू ने कहा।

मैं- “पर आपको तो दीदी हर रोज नंगा देखती ही होगी ना?” मैंने कहा।

जीजू- “तो क्या तुम्हें कभी नंगी नहीं देखा है मीना ने?” जीजू के पास हर बात का जवाब था।

मैं- “आपसे तो बात करना ही बेकार है...” मैंने मुँह फुलाकर कहा।

जीजू- “अरे, अभी नंगी जाने में ही शर्माएगी तो मीना की नजर के सामने चुदवाएगी कैसे? जा शर्म छोड़कर दरवाजा खोल मेरी रानी..” जीजू की बात कुछ हद तक तो सही भी थी।
Reply
11-13-2021, 01:24 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
जीजू- “तो क्या तुम्हें कभी नंगी नहीं देखा है मीना ने?” जीजू के पास हर बात का जवाब था।

मैं- “आपसे तो बात करना ही बेकार है...” मैंने मुँह फुलाकर कहा।

जीजू- “अरे, अभी नंगी जाने में ही शर्माएगी तो मीना की नजर के सामने चुदवाएगी कैसे? जा शर्म छोड़कर दरवाजा खोल मेरी रानी..” जीजू की बात कुछ हद तक तो सही भी थी।

दरवाजा खोलते ही सामने का नजारा देखकर मेरी आँखें फट गई। दीदी अपने अंदरूनी कपड़े छोड़कर सारे कपड़े निकाल चुकी थी। दीदी ने जालीदार, पारदर्शक रेड कलर की ब्रा और पैंटी पहनी थी, जो दीदी की खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे। मैं संकोच के मारे हिचकिचा रही थी जो दीदी की मुश्कुराहट देखकर कम हो गई।

दीदी- “मैं आज देखना चाहती हूँ की अनिल तुम्हारा दीवाना क्यों है?” दीदी ने शोख आवाज में कहा।

मैं कोई जवाब दिए बगैर बेड पर बैठ गई। पर दीदी दो कदम आगे होकर खड़ी रह गई और वो अपने लिए जगह ढूँढ़ने लगी। उनकी असमंजस देखकर जीजू बाहर गये और चेयर लेकर आए और बेड से चार कदम दूर रखकर दीदी को बैठने का इशारा किया।

जीजू मेरे पास आकर मेरे होंठ को उनके होंठ के बीच लेकर चूसने लगे, साथ में मेरे उरोजों को बारी-बारी सहलाने लगे, बीच में वो मेरी जांघ के साथ मेरी चूत को भी सहला देते थे।

दीदी आई उसके पहले मैं पूरी तरह से गरम तो हो ही चुकी थी पर दीदी को देखते ही ठंडी हो गई थी। पर जीजू की इन हरकतों के करण मैं फिर से गरम हो चुकी थी और मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी। लेकिन दीदी को । सामने देखकर ना तो मेरे मुँह से सिसकारी निकल रही थी, ना मैं कोई हरकत कर रही थी। कल चुदाई के वक़्त दीदी जिस तरह से लाश हो गई थी वैसे मैं आज हो गई थी।

जीजू ने मेरी चूत में दो उंगली डाली और उंगलियों को अलग-अलग तरफ खींचा और मेरे मुँह से दर्द के मारे हल्की चीख निकल गई।

जीजू- “मुझसे नहीं शर्माती और अपनी दीदी से शर्मा रही है?” कहकर जीजू झुके और मेरी चूत के नजदीक अपना चेहरा ले गये और हथेली से चूत को सहलाने लगे।

तब एक बहुत ही छोटी सी सिसकारी मेरे मुँह से निकली। जीजू ने उनकी जबान निकाली और चूत के बाहर के हिस्से को चाटना चालू किया। मेरे हाथ खुद-ब-खुद उनके बालों पे पहुँच गये और सहलाने लगे। तभी मुझे चूत में कुछ गीला-गीला जाता महसूस हुवा और मैंने नीचे नजर की तो जीजू की जबान उसके अंदर दाखिल हो चुकी । थी।

जीजू- “यहां आओ मीना, निशा के पास बैठो...” जीजू ने कहा।
Reply
11-13-2021, 01:24 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
जीजू की बात सुनकर दीदी आए उसके पहले मैंने आँखें बंद कर ली। जीजू ने उनकी जबान से मेरी चूत को धीरेधीरे चाटना शुरू किया। मैं आँखें बंद करके एक हाथ से जीजू के बाल सहला रही थी और दूसरे हाथ से चादर को मजबूती से पकड़कर सिसकारी लेने लगी। मैं अब अपना नियंत्रण खो चुकी थी। बेड पर दीदी आ गई है और वो मुझे अच्छी तरह से देख रही हैं, वो मुझे बंद आँख से भी आभास हो रहा था। थोड़ी ही देर में जीजू की जबान की स्पीड और मेरी सिसकारियों की आवाज बढ़ने लगी, साथ में जीजू मेरी चूचियां भी सहला रहे थे।

थोड़ी देर के बाद मेरी सांसें भारी होने लगीं, मैंने मेरे दोनों हाथ जीजू के सिर पर रख दिए थे। मैं अब सहला नहीं रही थी, जीजू को ऊपर खींच रही थी।

जीजू भी मेरी हरकत समझकर ज्यादा से ज्यादा जबान को अंदर डालने की कोशिश कर रहे थे। मैं मेरी चूत नीचे की तरफ दबाने लगी और कुछ पल के बाद मैं असीम आनंद पाकर झड़ने लगी। कुछ पल बाद मैंने मेरी
आँखें खोली, तो मुझ पर झुका हुवा दीदी का चेहरा देखकर मैं मुश्कुराई। क्योंकि मुझे दीदी की आँखों में वासना का तूफान साफ दिखाई दे रहा था।

थोड़ी देर पहले जहां मैं लेटी हुई थी, वहां इस वक़्त दीदी पूर्ण नग्न अवस्था में लेटी हुई थीं। दीदी की ब्रा और। पैंटी मैंने ही थोड़ी देर पहले हटाए थे। एक बार दीदी ने मेरा हाथ पकड़कर रोका भी था, पर मैंने उनकी बात को ध्यान दिए बगैर मेरा काम जारी रखा और उन्हें नंगा कर दिया। दीदी की आँखों में सेक्स का खुमार देखकर मैंने सोच लिया की आज मैं दीदी को साथ लेकर बिंदास होकर जीजू के साथ चुदाई का खेल खेलूगी और तभी जीजू का मकसद पूरा होगा।

फिर मैं जहां लेटी थी वहां मैंने दीदी को सोने को कहा और बाद में उन्हें नंगा कर दिया। दीदी का बदन मुझसे थोड़ा भारी था। शादी से पहले भी उनकी ब्रा की साइज मुझसे एकाध साइज बड़ी ही रहती थी। पर अभी तो। उनकी ब्रा मुझसे काफी बड़ी हो गई थी। उनकी कमर का घेरा और जांघ का फैलाव भी ज्यादा ही था। फिर भी दीदी बहुत ही सेक्सी दिख रही थी। क्योंकि उनका पेट सपाट था, बच्चा होने के बाद ज्यादातर औरतों के पेट थोड़े तो बढ़ ही जाते हैं। पर दीदी ने उनकी बाडी अच्छी तरह से मेंटन करके पेट को समतल रखा हुवा था।
Reply
11-13-2021, 01:24 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
फिर मैं जहां लेटी थी वहां मैंने दीदी को सोने को कहा और बाद में उन्हें नंगा कर दिया। दीदी का बदन मुझसे थोड़ा भारी था। शादी से पहले भी उनकी ब्रा की साइज मुझसे एकाध साइज बड़ी ही रहती थी। पर अभी तो। उनकी ब्रा मुझसे काफी बड़ी हो गई थी। उनकी कमर का घेरा और जांघ का फैलाव भी ज्यादा ही था। फिर भी दीदी बहुत ही सेक्सी दिख रही थी। क्योंकि उनका पेट सपाट था, बच्चा होने के बाद ज्यादातर औरतों के पेट थोड़े तो बढ़ ही जाते हैं। पर दीदी ने उनकी बाडी अच्छी तरह से मेंटन करके पेट को समतल रखा हुवा था।

जीजू ने दीदी के होंठों को चूमा और फिर झुक के दाहिने उरोज को मुँह में लेकर चूसा, बाद में थोड़ा झुक के नाभि को चूमा, मेरी तरह दीदी भी मुझसे ही शर्मा रही थी, वो शायद अपने मुँह से निकलने वाली सिसकारियां रोक रही थी।

जीजू ने हाथ नीचे करके दीदी की जांघ को सहलाया, दीदी की भारी मांसल जांघे उनके बदन का सबसे सेक्सी हिस्सा था। जीजू ने अपना हाथ जब दीदी की चूत पे रखा तब दीदी के साथ मेरी भी धड़कनें तेज हो गईं, और जब जीजू ने हाथ हटाकर दीदी की चूत का चूमा तब तो मुझे ऐसा लगा की जीजू दीदी की नहीं मेरी चूत चूम रहे हैं।

दीदी- “प्लीज़... नहीं..." दीदी इतना ही बोल पाई और उन्होंने जीजू के बाल पकड़कर ऊपर उठने को कहा।

जीजू ने मेरी तरफ देखकर दीदी की तरफ इशारा किया।

दीदी- “नहीं प्लीज़, मुझे नहीं पसंद..” दीदी फिर से बोली।

जीजू ने फिर से इशारा करके मुझे पूछने को कहा।

मैं- “क्या हुवा दीदी...” मैंने झिझकते हुये पूछा।

जीजू- “तेरी दीदी ये कभी नहीं करने देती...” दीदी के बदले जीजू ने जवाब दिया और मुझे बात जारी रखने का इशारा किया।

मैं- “क्यों दीदी, आपको ये अच्छा नहीं लगता?” मैंने पूछा।

दीदी- “अच्छा तो लगता है, पर मुझे तेरे जीजू का चूसना नहीं पसंद। अब जो मैं नहीं कर सकती वो अनिल से करवाना मुझे अच्छा नहीं लगता...” दीदी ने कहा।

मैं- “मतलब की दीदी आपको लण्ड चूसना पसंद नहीं, इसलिए आप जीजू से चूत नहीं चटवाती?”

मेरी खुली बातें सुनकर दीदी को थोड़ा अचरज तो जरूर हुवा होगा, पर उन्होंने कुछ बोला नहीं।

जीजू- “मुझे तो दोनों तरफ से नुकसान है निशा, एक तो मेरा लण्ड चूसती नहीं, ऊपर से मुझे उसकी चूत चाटने देती नहीं..” जीजू ने दीदी को उसकाते हुये कहा।

मैं- “क्यों दीदी, आपको लण्ड नहीं पसंद?” मेरा सवाल सुनकर दीदी हँसने लगी।

दीदी- “वो तो पसंद है, पर उसकी गंध नहीं पसंद..”

मैं- “दीदी आपकी सोच कुंवारी लड़कियों जैसी है, मुझे भी शादी के शुरुआती दिनों में लण्ड की गंध से घिन आती थी। मैं झूठ बोल रही थी, सिर्फ शुरुआती दिनों में नहीं थोड़े दिन पहले तक मुझे भी ये सब कुछ नहीं अच्छा । लगता था। लेकिन दीदी उसकी गंध गंदी नहीं, मादक होती है...”

दीदी ने मेरी बात का कोई जवाब तो नहीं दिया, पर उन्होंने हाथ अपनी चूत पर से हटा लिया था।

जीजू तो कब से इसी पल का इंतेजार कर रहे थे। उन्होंने तुरंत दीदी की चूत को बाहर से चाटना चालू कर दिया। थोड़ी देर बाहर से गीला करने के बाद जीजू ने उनकी जबान को दीदी की चूत में दाखिल किया।

इतने नजदीक से ऐसा उत्तेजक नजारा देखकर मैं फिर से मस्त होने लगी थी। जीजू पूरे जोश से दीदी की चूत चाट रहे थे। दीदी कामातुर होकर सिसकारियां भर रही थी और साथ में जीजू के बाल सहला रही थी। जीजू ने उनका हाथ ऊपर करके दीदी के उरोजों को सहलाते हुये मुझे इशारा किया की चूसो इसे।
Reply
11-13-2021, 01:24 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
मैं हिचकिचाते हुये झुकी और दीदी के दाहिने निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगी, बारी-बारी दोनों निप्पल चूसकर ये जानने की कोशिश करने लगी की मर्यों का सबसे पसंदीदा खिलोना ये क्यों है?

दीदी- “अनिल्ल्ल
क्या कर रहे हो? निशा मैं मर जाऊँगी छोड़ो मुझे..." दीदी पागलों की तरह कराह रही थी।

मैं और जीजू उनकी बात पर ध्यान दिए बगैर हमारा काम कर रहे थे। थोड़ी देर बाद दीदी झड़ गई। झड़ते वक़्त दीदी ने मेरे बाल पकड़कर इतनी जोर से खींचे की उनके साथ मैं भी कराहने लगी। इस वक़्त रूम के अंदर का जो नजारा था वो देखकर कामदेव भी शर्मा जाएं, और उन्हें जीजू की तकदीर से ईर्षा आए ऐसा हसीन नजारा था। मैं और दीदी घुटनों के बल बैठी थी और जीजू लण्ड पकड़कर हमारे सामने खड़े थे।

ब्लू-मूवी जैसा दृश्य था, मैंने लण्ड पकड़कर सहलाया और मैंने उनके और नजदीक जाकर दीदी से पूछा- “दीदी आपको इसमें से किस चीज की गंध आ रही है?”

दीदी भी मेरी तरह थोड़ा नजदीक आई- “पेशाब और पसीने की..”

दीदी की बात सुनने के बाद मैंने जीजू के लण्ड को मुँह में ले लिया और तीन-चार बार कुल्फी की तरह चूसा, चारों तरफ से अच्छी तरह चूसकर मेरे थूक से लण्ड को गीला कर दिया- “अब बताओ किस चीज की गंध आ रही है?”

मेरे कहने पर दीदी फिर से नजदीक आई और बोली- “समझ में नहीं आ रहा...”

मैं- “कैसी आ रही है?"

दीदी- “अब पहले जितनी बुरी नहीं लग रही, अच्छी लग रही है...” दीदी ने कहा।

मैंने मेरी जबान निकाली और दीदी की तरफ देखते हुये लण्ड के सुपाड़े को चाटा और फिर आगे के छेद को सहलाया।

अब दीदी की आँखों में अलग सी तरस दिखने लगी थी।

मैं- “दीदी आप भी लो ना...” कहकर मैंने लण्ड को दीदी के हाथ में दे दिया।

दीदी ने लण्ड पकड़कर मेरी ही तरह उसके सुपाड़े को चूसा, थोड़ी देर ऐसे ही चूसने के बाद दीदी लण्ड को ज्यादा अंदर लेने लगी, और मैं खड़ी होकर जीजू को किस करने लगी। जीजू ने अपने दोनों हाथों से दीदी का सिर पकड़ लिया था और बड़े ही चाव से दीदी से अपना लण्ड चुसवा रहे थे। जीजू ने मुझे फिर से बैठने को कहा।

मैंने नीचे बैठकर देखा तो दीदी जीजू का पूरा लण्ड मुँह में लेकर फिर बाहर निकालती थी।

जीजू- “दोनों एक साथ चूसो...” कहकर जीजू ने दीदी के मुँह से लण्ड निकालकर अपने हाथ में पकड़ लिया और खड़े हो गये।

फिर एक तरफ से मैं और दूसरे तरफ से दीदी, हम दोनों एक साथ जीजू के लण्ड को चाटने लगीं। जीजू का स्टेमिना गजब का था, उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगी थीं, पर वो आउट हो जायें ऐसा लग नहीं रहा था।

मैं- “दीदी आप लण्ड के इस छेद को चाटो, जिससे जीजू की मस्ती बढ़ जाएगी...”

मेरी बात सुनकर दीदी जीजू के लण्ड के छेद को सहलाने लगी।

मैंने पूछा- “मजा आ रहा है ना दीदी?”

दीदी- “हाँ निशा। तेरे जीजू के लण्ड को खा जाने का मन हो रहा है...” दीदी ने लण्ड को काटते हुये कहा।

मैंने ऊपर जीजू की तरफ देखा तो उन्होंने मुझे होंठ फड़फड़ाकर बैंक्स कहा।

मैं और दीदी फिर से पहले की तरह जीजू के लण्ड के अलग-अलग साइड को चाटने लगीं। मुझे अब डर लग रहा था की जीजू कहीं झड़ न जायें, नहीं तो हमारा खेल सिमट जाएगा। तभी अचानक जीजू पीछे हो गये और हम दोनों के बाल पकड़कर हमारे चेहरे एक दूसरे से चिपका दिए। मेरी और दीदी की जबान जीजू के लण्ड पे थी जो ऐसा करते ही एक दूसरे की जबान से मिल गई।

जीजू- “किस करो...” जीजू ने कहा।

मैं और दीदी एक दूसरे की जीभ से जीभ सहलाने लगीं। मैंने थोड़ा आगे होकर दीदी के सिर को पकड़ लिया और उनके मुँह में मैंने मेरी जीभ डालकर पूरे मुँह का जायजा ले लिया और फिर बाहर निकालकर उनके होंठों को मेरे होंठों की गिरफ्त में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर चूसने के बाद मैंने इरते हुये दीदी को छोड़ा। डर था की दीदी को बुरा लगा होगा, लेकिन दीदी के मुँह पे मुश्कुराहट देखकर वो डर गायब हो गया। दीदी ने टांगों को चौड़ी । करके जीजू की कमर को पकड़ लिया था, और जीजू अपने चूतड़ों को आगे-पीछे करके दीदी की चुदाई कर रहे थे। वो बीच-बीच में झुक के दीदी का चुंबन कर रहे थे।
Reply
11-13-2021, 01:24 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
मैं उन दोनों के करीब बैठकर ध्यान से जीजू का लण्ड किस तरह से अंदर और बाहर हो रहा है, वो देख रही थी। जीजू जब लण्ड को अंदर पेलते थे, तब दीदी सरक के थोड़ा ऊपर होती थी और जब जीजू लण्ड पीछे लेते थे तब दीदी उनके साथ नीचे सरक रही थी। चुदवाना तो औरतों की तकदीर है, लेकिन इतने करीब से चुदाई देखना हर किसी के तकदीर में नहीं होता।

जीजू पहले मेरी चुदाई करना चाहते थे, और दीदी भी मेरी चुदाई पहले देखना चाहती थी। लेकिन मैंने जीजू को पहले दीदी की चुदाई करने को कहा। क्योंकि मेरे बदन की तपिस और बेकरारी के आगे जीजू ज्यादा टिकते नहीं
और दीदी की चुदाई रह जाती।

जीजू- “निशा, मीना की चूचियों को चूस..." जीजू ने कहा।

मैं तो कब से यही सोच रही थी। मुझे दीदी के उरोजों का कोई आकर्षण नहीं था, लेकिन मेरे चूसने से वो जल्दी से झड़ जाएगी ऐसा मेरा मानना था। मैंने झुक कर दीदी का दाहिना उरोज मुँह में भर लिया और बायें उरोज को सहलाने लगी। दीदी के मुँह से एक करारी सिसकी निकल गई, और उनके हाथ जो अब तक कोई काम नहीं कर रहे थे, वो मेरे बालों को सहलाने लगे।

जीजू- “मीना हर रोज से ज्यादा मजा आ रहा है ना?” जीजू ने धक्का मारने की स्पीड तेज करते हुये कहा।

दीदी- “हाँ, अनिल आया... ऐसे ही करते रहो..” दीदी ने मेरे बालों को खींचते हुये कहा।

मैंने मेरा हाथ नीचे किया और जब जीजू का लण्ड बाहर निकलता था, तब मैं दीदी की चूत के बाहरी भाग को सहलाने लगती और लण्ड अंदर आता था तब हाथ खींच लेती थी।

जीजू अब जोर-जोर से दीदी की चुदाई करने लगे और मैंने उनके मम्मों की चुसाई तेज कर दी थी। और जिस स्पीड से अब दीदी कराहने लगी थी, उससे ये लग रहा था की वो उनकी मंजिल के बहत करीब हैं।

दीदी- “आअह्ह्ह.. मैं मर गई..” कहते हुये दीदी झड़ने लगी।

मैं दीदी की निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगी।

जीजू- “अब तेरी बरी है मेरी रानी...” जीजू ने चहकते हुये मेरी तरफ देखकर कहा।

मैं जीजू से खड़े रहकर चुदवाना चाहती थी, लेकिन जीजू ने मुझे दीदी की तरह ही लेटने को कहा- “तुम खड़ी रहोगी तो मीना तुम्हारी चूचियां चूस नहीं पाएगी, और ऐसा डबल मजा फिर तो न जाने तुम्हें कब मिलेगा...”

जीजू की बात सही भी थी। मैं दीदी की तरह लेट गई। जीजू मेरी टांगों के बीच आकर मेरी चूत पर लण्ड रगड़ने लगे, और फिर उन्होंने लण्ड को चूत के मुँह पर रखकर धीरे से धक्का मारा। उनका लण्ड एक-दो इंच जितना अंदर गया।

मैं- “लगता है जीजू आप थक गये हैं...” मैंने मजाक करते हुये कहा।

जीजू- “नहीं रे... मैं मीना की चूत में ऐसे ही धक्का लगाता हूँ, फिर भी पूरा अंदर तक घुस जाता है। मेरे दिमाग में वही रह गया था.." जीजू ने ये कहते हुये पूरा लण्ड अंदर तक घुसेड़ दिया था।
Reply
11-13-2021, 01:24 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
मैं- “जीजू, दीदी तो कम चुदवाती हैं फिर भी उनकी चूत ज्यादा चौड़ी क्यों है?” मैंने दीदी की तरफ देखकर कहा।

दीदी हमारी बात सुनकर मंद-मंद हँस रही थी।

जीजू- “बच्चा आने के बाद कोई भी औरत की चूत भोसड़ा बन जाती है। तुझे भी बच्चा होगा ना तब तेरी चूत भी भोसड़ा बन जाएगी..." जीजू बोलते हुये झुके और मुझे किस किया।

मैं- “तो मैं बच्चा पैदा नहीं करूंगी जीजू। मैं मेरी चूत का भोसड़ा नहीं बनाना चाहती...” मुझे मजा आ रहा था चुदवाते हुये ऐसी बातें करने में।

दीदी- “क्यों तुझे बच्चे नहीं पसंद?” दीदी मेरी बात सच मान बैठी।

मैं- “मैं तो मजाक कर रही हैं दीदी, बच्चे के बिना तो हमारा औरत होने का अहसास ही पूरा नहीं होगा...” मैं बहुत कुछ कहना चाहती थी, लेकिन उससे कहीं जीजू का जोश कम न हो जाय इसलिए मैं ज्यादा न बोली।

उसके बाद जीजू ने खूब जोरों से और मस्ती से मेरी चुदाई शुरू की। दीदी ने मेरे मम्मे चूसे साथ में कई बार होंठ भी चूसे, दस मिनट की चुदाई के बाद मैं और जीजू एक साथ झड़े।

सुबह उठते ही मम्मी का फोन आ गया- “कितने बजे आ रही हो?”

मैं- “दस बजे तक आ जाऊँगी...” मैंने कहा जो दीदी सुन रही थी।

तब दीदी ने पूछा- “किसका फोन है?”

मैं- “मम्मी का...” मैंने जवाब दिया।

दीदी- “मुझे दो..” कहते हुये दीदी ने मोबाइल मेरे हाथ से ले लिया और मम्मी को कहने लगी- “मम्मी, निशा और दो दिन यहीं रुकेगी...”

लगता था मम्मी ना बोल रही थी, क्योंकि दीदी उन्हें समझा रही थी। दीदी के गोरे चेहरे पे कल से ज्यादा कोमलता और चमक आज दिख रही थी। कोई अलग सा आनंद और पूर्ण संतोष झलक रहा था उनके चेहरे पर। कुल मिलकर वो मुझे आज जितना खूबसूरत कभी नहीं दिखी थी।

दीदी- “तुम्हें जाना होगा निशा, मम्मी को बुखार है...” दीदी ने मोबाइल मेरे हाथ में देते हुये कहा।

दीदी और जीजू में से किसी की भी इच्छा नहीं थी मुझे जाने देने की। लेकिन मैं जाना चाहती थी, क्योंकि मैं दूसरे दिन सुबह उनसे ये जानना चाहती थी की उन्होंने मेरे बिना भी सेक्स किया है की नहीं?
* *

घर पहुँचते ही मैंने मम्मी को आराम करने को कहा और मैं काम में लग गई। थोड़ी देर बाद खुशबू आई पर मुझे किचन में देखकर वापस चली गई। दोपहर को फ्री होते ही मैंने नीरव को मोबाइल किया, कोई खास बात नहीं हुई। फिर मैं सब्जी लेने गई और जब वापस आ रही थी तब मेरे पास एक चमचमाती गाड़ी आकर रुकी। मैंने गाड़ी की तरफ देखा तो अंदर अब्दुल बैठा हुवा था।

मैंने उस पर से नजर हटाई और आगे निकलने लगी।

अब्दुल- “अइ लड़की..” उसने आवाज लगाई।

मैंने ध्यान नहीं दिया।

अब्दुल- “सुन लड़की, ये बात तेरी अम्मी की है..”

मैं ठहर गई उसकी बात सुनकर।

अब्दुल- “दो दिन में मेरे नीचे लेटने के लिए आ जा, नहीं तो ऐसा खेल खेलूंगा की तुम्हारी अम्मी और अब्बू मर जाएंगे..."

मैं- “क्या करोगे तुम?” मुझे गुस्सा आ गया उसकी बात सुनकर।

अब्दुल- “तुम्हारी अम्मी को बदनाम कर दूंगा, सबको बता दूंगा की वो मेरी रखैल है। अगर दो दिन के अंदर तुम मेरे नीचे सोने नहीं आई तो यही करूंगा...” कहकर अब्दुल निकल गया और मुझे गहरी दुविधा में डाल गया।
*
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,557,676 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,821 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,257,056 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 950,198 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,686,412 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,108,423 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,998,396 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,214,158 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,089,080 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,414 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)