Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
08-08-2020, 01:46 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट 97

नलिनी भाभी ने फुसफुसाते हुए ही जवाब दिया- चुप करके केवल अपनी जोरू की चुदाई देख !और वो बाथरूम से बाहर फिर से मेहता अंकल के कमरे में चली गई.
मैंने बाथरूम के दरवाजे को भिड़ा दिया और इतना गैप कर लिया कि कमरे की हर वस्तु देख सकूँ.सामने ही उनका किंग साइज़ बेड पड़ा था… और वहाँ का दृश्य देखते ही मैं भौचक्का सा खड़ा रह गया.यह तो वही सब हो रहा था जिसे मैं कबसे देखना चाह रहा था !
मेहता अंकल काफी अमीर व्यक्ति हैं, उनके घर सभी ऐशो आराम की वस्तुएँ हैं. जिस बाथरूम मैं था वो भी बहुत बड़ा है, बड़े बाथटब से लेकर चमकीली लाइट तक सभी कुछ है वहाँ पर मैंने इस समय बाथरूम की सभी लाइट बंद कर दी थीं.
उधर मेहता अंकल के कमरे की सभी लाइट ओन थीं, इस समय शादी का घर होने के कारण कमरा बहुत चमक रहा था. उनके कमरे में भी सभी आधुनिक वस्तुएँ थीं, एक नजर में ही कमरे को देखकर पता लग जाता था कि यह किसी रईस की ऐशगाह है.
दीवारों पर महंगी वाल पेंटिंग्स, किंग साइज़ राउंड मूविंग बेड, बड़े बड़े मिरर और फैंसी लाइट.. सभी उस माहौल को सेक्सी बना रहे थे.
फिलहाल मेरा सपना पूरा होने जा रहा था…
मैं सलोनी को एक दूसरे मर्द के साथ मस्ती करते हुए देख रहा था, भले ही वो एक बूढ़ा मर्द हो पर मैं सलोनी के सेक्स की पराकाष्ठा देखना चाह रहा था.
जो कुछ भी सामने हो रहा था, उससे तो यही लगता था कि आज मुझे एक बहुत ही गर्म चुदाई दिखने वाली थी.
और शायद नलिनी भाभी भी जानती थी, वो मेहता अंकल से चुदवा भी चुकी होंगी, तभी उन्होंने मुझसे ऐसा कहा भी है कि चुपचाप अपनी जोरू की चुदाई देख !
मैंने बाथरूम की लाइट बंद करके दरवाजा बिल्कुल ऐसे कर लिया था ..कि मैं तो सब कुछ देख सकता था… पर कोई मुझे नहीं देख सकता था.
पहला दृश्य ही मुझे बहुत गर्म दिखा… सलोनी बेड के किनारे पैर लटका कर बैठी थी, उसके बदन पर भी नलिनी भाभी जैसे ही केवल ब्लाउज और पेटीकोट ही था.
इस दोनों की साड़ी शायद मेरे यहाँ आने के दौरान ही उतरी थी. सलोनी के ठीक सामने मेहता अंकल खड़े थे, ख़ास यह था कि उनके बदन पर केवल एक आस्तीन वाला बनियान था, बाकी नीचे तो वो पूरे नंगे थे, मुझे साइड से वो दिख रहे थे, अपनी कमर पर दोनों हाथ रखे वो तनकर सलोनी के सामने खड़े थे और सलोनी अपने हाथों में उनके लण्ड को पकड़े थी, पता नहीं वो क्या उलट-पुलट कर देख रही थी.
मैंने जब ध्यान से देखा तो मेरी आँखें भी फटी की फटी रह गई…
यह क्या है भई…??
सांप जैसा उनका लण्ड देख मेरा भी बुरा हाल हो गया… 11-12 इंच से कम नहीं होगा, बिल्कुल काला और बहुत ही मोटा…
सलोनी के दोनों हाथों में होने के बावजूद वो काफी बाहर को निकला हुआ नजर आ रहा था.
कमरा काफी बड़ा होने के बावजूद मुझे उनकी हर बात साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी, मैं ध्यान से उनकी मस्ती भरी बातें सुनने लगा…
सलोनी- वाओ अंकल आपका ये तो बहुत प्यारा है… मैंने तो आज तक ऐसा हथियार नहीं देखा…
अंकल का सीना गर्व से तना हुआ था- तभी तो मैंने तुझसे कहा था… मुझे अपने लण्ड पर बहुत गर्व है… इसी की तो ऋतू और रिया भी दीवानी हैं…
सलोनी चमकती हुई आँखों से उनके लण्ड को घूर रही थी और उसके हाथ अंकल के लण्ड को ऊपर से नीचे तक सहला रहे थे…
मेहता अंकल- कब तक सहलाती रहेगी, अब जरा इसको अपने मुँह से पुचकार भी दे, फिर देखना यह तेरी चूत की कैसी सेवा करता है… हरी कर देगा तेरी तबियत… अंदर तक खुश कर देगा तुझको…
सलोनी- नहीं अंकल जी… बस थैंक्यू आपका… मेरी तबियत पहले से ही बहुत खुश है… बस इतना ही काफी है.
सलोनी अभी भी खुलकर हाँ नहीं कह रही थी परन्तु उसकी हरकतें और आँखें उसकी जुबान से बगावत कर रही थी, साफ़ पता चल रहा था कि वो सब कुछ चाहती है मगर कह नहीं पा रही थी.
मेहता अंकल भी पूरे घाघ ही थे, वो शायद सब कुछ समझ रहे थे.
मेहता अंकल- चल कोई बात नहीं !
और उन्होंने अपनी कमर को आगे करते हुए सलोनी के चेहरे के पास कर दिया, उनका लण्ड सलोनी के गालों से छूने लगा.

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08-08-2020, 01:46 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी

मैंने देखा नलिनी भाभी एक ओर कुर्सी पर बैठकर मुझे और सलोनी को देखकर मजा ले रही थी, उनका बैठने का स्टाइल भी बहुत सेक्सी था, उन्होंने एक पैर कुर्सी के नीचे रखा था और दूसरा घुटने से मोड़कर ऊपर, तो उनका पेटीकोट बहुत ऊपर हो गया था, उनकी खुली हुई चूत साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी जिसको वो अपने दायें हाथ की उँगलियों से सहला रही थी.
फिलहाल तो मेरा ध्यान केवल सलोनी की ओर ही था.
अंकल ने सलोनी को पकड़ते हुए कहा- चल तू इससे खेलती रह, मैं तुझको तैयार कर देता हूँ.और उन्होंने सलोनी के ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए.
सलोनी थोड़ा ना नुकुर तो कर रही थी मगर कुछ ही देर में अंकल ने उसके ब्लाउज को उतार दिया.सलोनी को उनका लण्ड इतना प्यारा लग रहा था कि वो उसको एक पल के लिए भी नहीं छोड़ रही थी.
अंकल ने सलोनी को आगे को झुकाया, मुझे ऐसा लगा जैसे सलोनी ने उनका लण्ड अपने मुख में ले लिया हो, पर अंकल ने उसकी पीठ पर लगा ब्रा का हुक निकाला था.
उन्होंने बहुत ही प्यार से सहलाते हुए उसकी ब्रा के कप को सलोनी के गोल और तने हुए उरोजों से हटाकर एक ओर डाल दिया तो अब सलोनी केवल एक पेटीकोट में ही वहाँ बैठी थी, उसकी नंगी चूची किसी सफेद गेंद जैसी ऊपर को उठी हुई बहुत ही मस्त दिख रही थी.
अंकल की नजर उनसे हट ही नहीं रही थी.
सलोनी के निप्पल अभी भी गुलाबी रंगत लिए थे… इस समय तने हुए निप्पल अपनी उत्तेजना के चरम की कहानी साफ़ साफ़ बयां कर रहे थे.
अंकल ने एक हल्का सा अपनी हथेली को उसके निप्पल से सहलाते हुए सलोनी को पेट से पकड़ नीचे खड़ा किया.
सलोनी- अह्ह्हाआआआ…
सलोनी हल्के से सिसकारी पर उसने कुछ नहीं कहा और वो अंकल के बराबर में बेड के नीचे खड़ी हो गई.
अंकल ने उसको बिस्तर के ऊपर चढ़ा दिया और सलोनी बेड पर अधनंगी खड़ी किसी खजुराहो की मूरत सी दिख रही थी.
अंकल ने सलोनी की कमर को सहलाते हुए बहुत ही सेक्सी तरीके से सलोनी के पेटीकोट के अंदर हाथ डाल उसके नाड़े को बाहर निकाला, फिर धीमे से उसको खींच कर खोल दिया… केवल एक पल लगा और सलोनी का पेटीकोट उसका साथ छोड़ गया, पेटीकोट सलोनी के चूतड़ों से सरकता हुआ उसके पैरों में सिमट गया.
एक सेक्सी मूरत सी सलोनी सम्पूर्ण नग्न बिस्तर पर खड़ी थी…
उसको इस तरह सिमटता हुआ देख किसी का भी लण्ड पानी छोड़ दे.
अंकल बिस्तर के नीचे खड़े हुए सलोनी की पतली कमर को थामे हुए थे, उनकी नजर ठीक सलोनी की सबसे सेक्सी और सुंदर भाग, उसकी बेशकीमती चूत पर थी…
अंकल अपने हाथो को सरकाते हुए सलोनी के साफ़ सफ्फाक उठे हुए मुलायम चूतड़ों तक ले गए और अब उनकी हथेली और उँगलियाँ सलोनी के चूतड़ों पर किसी पियानो प्लेयर की तरह ही नाच रही थी.
मेहता अंकल- अह्ह्ह सच सलोनी बेटा, तेरी चूत तो बहुत ही प्यारी है… ऐसी तो ऋतू और रिया की बचपन में भी नहीं थी. कितनी छोटी सी और कोमल लग रही है, लगता ही नहीं कि इस पर कभी बाल आएं हों. मुझे इतना अनुभव है, बिल्कुल सच बोल रहा हूँ, तेरी चूत को देखकर कोई यह नहीं कह सकता कि तेरी शादी को इतना समय हो गया और तू इतने मजे ले चुकी है. सच यह तो गॉड गिफ्ट है जो तुझे इतनी प्यारी चूत मिली है.
सलोनी अपने दोनों हाथो से अपना चेहरा छुपाये बिस्तर पर खड़ी थी, उसको वैसे भी अपनी तारीफ सुनना बहुत ही पसंद है, अंकल की बातें सुनकर जरूर वो बहुत ही खुश हो रही होगी.
उसको अपनी चूत पर ही बहुत गर्व है, उसको खुद पता है कि यह उसका बेशकीमती खजाना है इसीलिए वो इसको दिखाने से जरा भी परहेज़ नहीं करती और कच्छी तक नहीं पहनती!
और अबकी बार तो उसने कमाल ही कर दिया, उसने अपनी हथेलियों के बीच से जरा सा अपना चेहरा निकालते हुए जवाब दिया- सच अंकल… वैसे आपका हथियार भी कोई कम नहीं है… सच मैंने आज तक ऐसा नहीं देखा.
बस उसकी यह बात सुनते ही अंकल खुश हो गए, उन्होंने सलोनी के चूतड़ों से अपने सीधे हाथ को हटाकर आगे लाये और अपनी उँगलियों से उसकी चूत को सहलाते हुए अपना चेहरा सलोनी की जांघों के बीच रखकर उसकी चूत का एक चुम्मा ले लिया.
सलोनी- अह्ह्हाआ… आआआ प्लीज मत करो अंकल…
मेहता अंकल- अरे बेटा… जब तेरी चूत और मेरा लण्ड जब सबसे अच्छे हैं ..तो क्यों ना दोनों का मिलन करवा दो?
सलोनी- नहीईइइइ प्लीज…
मेहता अंकल- ओह चलो चुदाई ना सही… कम से कम दोनों का एक चुम्बन तो करवा ही दो…
सलोनी- पर सब बाहर हमारा इन्तजार कर रहे होंगे, फिर कभी…
मेहता अंकल- अरे सब नाच गाने में बिजी हैं… दो मिनट ही तो लगेंगे.
और अंकल ने सलोनी को मना ही लिया… सलोनी उनसे मना नहीं कर पा रही थी, उन्होंने सलोनी को बिस्तर पर लिटा दिया, पता नहीं वो क्या करने वाले थे !
मैं तो सांस रोके देख रहा था कि ना जाने कौन से पल !!!

कहानी जारी रहेगी.

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08-08-2020, 01:47 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट. 98

मेहता अंकल- अरे बेटा… जब तेरी चूत और मेरा लण्ड जब सबसे अच्छे हैं ..तो क्यों ना दोनों का मिलन करवा दो?
सलोनी- नहीईइइइ प्लीज…
मेहता अंकल- ओह चलो चुदाई ना सही… कम से कम दोनों का एक चुम्बन तो करवा ही दो…
सलोनी- पर सब बाहर हमारा इन्तजार कर रहे होंगे, फिर कभी…
मेहता अंकल- अरे सब नाच गाने में बिजी हैं… दो मिनट ही तो लगेंगे.
और अंकल ने सलोनी को मना ही लिया… सलोनी उनसे मना नहीं कर पा रही थी, उन्होंने सलोनी को बिस्तर पर लिटा दिया, पता नहीं वो क्या करने वाले थे !
मैं तो सांस रोके देख रहा था कि ना जाने कौन से पल !!!
मेरा ध्यान कमरे में अब कहीं नहीं था, मैं ना तो नलिनी भाभी को देख रहा था और ना अपने बारे में सोच रहा था कि कोई देख लेगा…
बस दम साधे मैं सलोनी को देख रहा था, वो पूरी नंगी थी, एक भी वस्त्र नहीं था उसके चमचमाते जिस्म पर, उस बड़े से बेड पर लेटी थी, उसके एक-एक अंग से मस्ताना सा रस टपक रहा था.
मेरी ही हालत उसको देखकर खराब हो रही थी, फिर मेहता अंकल का तो कहना भी क्या, वो बौराये से उसको देख रहे थे.
उन्होंने शायद वो सेक्सी गोली भी खा रखी थी जो उनके अनुसार उनकी अपनी ही बड़ी बेटी रिया लंदन से लाई थी.
मुझे यह अहसास उनके खड़े, टनटनाए मोटे लण्ड को देखकर हो रहा था.सलोनी ने तो क्या मैंने भी आज तक इतना मूसल सा लण्ड नहीं देखा था.बहुत ही जानदार हथियार था मेहता अंकल के पास जो उनकी जवानी में की हुई अय्याशी की पोल खोल रहा था.
जिन्होंने अपनी दोनों मासूम बेटियों तक को नहीं छोड़ा, वो अब ऐसी हालत में सलोनी को कहाँ छोड़ने वाले थे.सलोनी भी मस्ती भरी आँखों से हिलते हुए उनके लण्ड को देखे जा रही थी.
अंकल ने भी बिस्तर पर ऊपर चढ़ने के बाद अपनी बनियान भी उतार फेंकी, बहुत घने बाल थे उनके शरीर पर और सभी सफ़ेद थे.
वो बहुत ही बूढ़े लग रहे थे मगर उनके लण्ड को देखते ही उनका शरीर झूठा सा प्रतीत होता था.
वो घुटने के बल सलोनी के दोनों पाँव के बीच बैठ गए और उसके दोनों पैरों को खोलकर ध्यान से चूत को देखने लगे, फिर अपनी एक हथेली से उसकी चूत को पौंछी, शायद उस पर सलोनी का कामरस लगा था.
फिर अंकल ने एकदम से नीचे झुककर अपने होंठ सलोनी की चूत पर रख दिए.
यही तो उसकी सबसे बड़ी कमजोरी थी… अब सलोनी की हालत देखने लायक थी, वो बुरी तरह मचल रही थी, उसकी कमर चारों ओर घूम रही थी.मुझे यह तो पता था कि चूत को चुसवाते समय सलोनी बिल्कुल पागल हो जाती है मगर आज पहले बार ही मैं उसको लाइव देख रहा था क्योंकि खुद चूसते समय तो मुझे उसको बैचेनी ज्यादा दिखाई नहीं देती थी क्योंकि उस समय तो मैं खुद भी पागल हो जाता था.
इस समय सलोनी का हर एक कोण और उसकी हर हरकत पर मेरी नजर थी, बहुत ज्यादा आनन्द आ रहा था उसको इस तरह देखने में…
दस मिनट तक सलोनी की चूत और गांड को अच्छी तरह चाटने के बाद अंकल ने सलोनी के चूतड़ों के नीचे हाथ लगाकर उसको अच्छी तरह से एडजस्ट किया.
अब वो क्षण था जब मुझे कोई दूसरा लण्ड सलोनी की चूत में जाता हुआ दिखने वाला था, मैं बहुत गौर से केवल वहीं पर नजरे गड़ाये था…
मेहता अंकल ने बहुत ही अच्छे ढंग से सलोनी की चूत को सहलाया, फिर अपने लण्ड के टोपे को उसकी चूत के छेद पर सेट किया और अपनी कमर को धक्का दिया.
इस दौरान सलोनी ने एक बार भी उनका, किसी भी बात का विरोध नहीं किया.
मुझे ज्यादा ठीक से तो नहीं दिखा पर उन दोनों के चेहरे जो कहानी बता रहे थे, उससे साफ़ जाहिर था कि मेहता अंकल का लण्ड सलोनी की कोमल चूत को भेद चुका था.
.!
अब कितना अंदर गया, यह तो वही जाने, मैं तो उनकी सिसकारियाँ सुन रहा था.
सलोनी- अह्ह्ह्हा… आआआआ… बहुत बड़ा है… धीरे से… आःह्हाआआआ…
मेहता अंकल- आअह्हाआआ… बहुत टाइट है तेरी फ़ुद्दी… अह्ह्ह बस हो गया… अह्हा अह्ह…
उनके धक्कों से या फिर हिलने से बेड धीरे धीरे घूम रहा था और अब वो ठीक मेरे सामने रुका, दोनों मुझे साइड से चुदाई करते हुए बहुत साफ़ साफ़ दिखाई दिए.
मेहता अंकल के चोदने का स्टाइल बहुत अलग था, उन्होंने सलोनी के निचले हिस्से को अपने दोनों हाथो में उठा रखा था, उनके दोनों हाथ सलोनी के चूतड़ों और कमर पर थे, वो खुद अपने घुटनों पर खड़े थे.हाँ, वो बहुत ही धीमे धीमे चोद रहे थे.
अब मुझे उनका सांप जैसा लण्ड साफ़ साफ़ दिख रहा था.
इतनी दूर से भी दिखाई दे रहा था, जैसे कोई डण्डा सलोनी की चूत में जा रहा हो.
वो बहुत ही आराम से लगभग पूरा लण्ड ही बाहर निकाल लेते या फिर जरा सा ही अंदर रहने देते, फिर से पूरा अंदर सरका देते.
सलोनी की कमर को देख मुझे पता चल गया कि उसको बहुत मजा आ रहा है क्योंकि उसकी कमर भी अंकल के धक्कों के साथ ही हिल रही थी, वो इस चुदाई में पूरा साथ दे रही थी.
सलोनी के दोनों हाथ अपनी तनी हुई चूचियों पर थे जिनको वो खुद ही मसल रही थी.

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08-08-2020, 01:47 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
सच कहूँ तो मैंने सेक्स तो बहुत किया है, पर उस सबमें मैं हमेशा खुद ही हीरो रहता था पर इस तरह लाइव ब्लूफिल्म वो भी अपनी बीवी की, मैं पहले बार देख रहा था.
सलोनी को पूरी नंगी होकर इस तरह मेहता अंकल के लण्ड से चुदवाते देख मेरी हालत ख़राब हो रही थी.
मैंने अपना लण्ड पैंट से बाहर निकाल लिया था और अपने ही हाथों से सहला रहा था.
अब मैंने नलिनी भाभी को देखा, लगता था वो भी पहली बार ही ऐसे लाइव शो देख रही थी, उनकी हालत भी पतली थी, अपनी शर्म के कारण वो बिस्तर पर तो नहीं जा रही थी लेकिन कुर्सी पर बैठे हुए ही, उनका हाथ अपने पेटीकोट के अंदर था, साफ़ पता चल रहा था कि वो अपनी चूत के साथ खेल रही हैं.
मैं अभी नलिनी भाभी को ही बुलाकर उन्हीं को चोदने का प्लान बना रहा था कि तभी मुझे अपनी ओर वाले कमरे में कुछ आहट सी हुई.
ओह इस समय कौन आ गया?
मैं अभी बाथरूम का दरवाजा बंद करने की सोच ही रहा था कि वो तो एकदम से दरवाजे पर ही आ गया.
मुझे कुछ नहीं सूझा.. बाथरूम बहुत बड़ा था और मोटे मोटे परदे भी थे, मैं वहीं पास के एक मोटे परदे की ओट में हो गया.
तभी बाथरूम की लाइट ओन हुई और एक बहुत ही सुन्दर लड़की मेरे सामने प्रकट हुई.
क्या खूबसूरती थी उसकी… बहुत लम्बी, 6 फुट से 2-3 इंच ही कम होगी, बहुत ही ज्यादा गोरी, दूध से भी ज्यादा साफ़ रंग था उसका… उस पर रंगत गुलाबी, आँखें तो ज्यादा खूबसूरत नहीं थी, उनको काजल से बड़ा बनाया हुआ था पर होंठ बहुत चौड़े, मोटे और लाल थे. कपड़े भी बहुत सेक्सी पहने थे, अमूमन महिला संगीत में लड़कियाँ लहंगा-चोली जैसे वस्त्र ही पहनती हैं, जो उसने भी पहना था परन्तु उसकी हाइट ज्यादा होने के कारण वो इन वस्त्रो में बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
उसका लहंगा कमर से बहुत नीचे बंधा था जो उसकी पतली कमर की पूरी ख़ूबसूरती को दिखा रहा था और चोली इतनी छोटी थी कि ऊपर से उसके भरी मम्मों की पूरी गोलाई बाहर थी और चोली के निचले भाग से भी गोलाई का कुछ अंश बाहर था, चोली के कप उसकी चूची की पूरी गोलाई को दिखा रहे थे.
फिर चोली के नीचे से लहंगे तक का भाग नंगा था जो सफेद लाइट में चमक रहा था.
एक तो गोरा रंग, ऊपर से बहुत पतली कमर, उस पर उसकी गहरी नाभि जिस पर उसने कोई चमकता हुआ नाग लगा रखा था और फिर नाभि के नीचे का भी काफी हिस्सा नंगा ही था, उसने अपना लहंगा शायद अपनी चूत से 2-3 इंच ही ऊपर बाँधा हुआ था.
कुल मिलाकर सेक्स के रस से सराबोर थी वो हसीना.मेरे देखते ही देखते वो ठीक मेरे ही सामने आई..अरे वहाँ तो कमोड था… ओह यह तो मूतने के लिए आई है.
और बिना कुछ सोचे उसने अपने लहंगे को कमर तक उठा लिया, अब उसकी दोनों लम्बी नंगी टाँगें मेरे सामने थी, बिल्कुल चिकनी और केले के तने जैसी !
वो अपने लहंगे को बहुत ही संभालकर अपनी कमर के ऊपर को समेट रही थी कि कहीं वो गन्दा ना हो जाए.
पर उसकी इस हरकत से मुझे बहुत ही सेक्सी दृश्य के दर्शन हो गए थे.
उसने लहंगा कमर से भी ऊपर उठ जाने से उसकी कमर में फंसी छोटी सी कच्छी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी.
उसने एक हाथ से लहंगे को पकड़, दूसरे से अपनी कच्छी नीचे सरका दी और जल्दी से कमोड पर बैठ गई.
मुझे उसकी चिकनी चूत साफ नजर आ रही थी… बिल्कुल चिकनी, बाहर को निकले हुए होंठ !
मैंने देखा चूत का दाना और उसके होंठ हल्के से कांपे और उसमें से मूत निकलने लगा.
एक हसीना मेरे सामने बैठी मूत रही थी और मैं उसको देख रहा था, बड़ा ही मनोहारी दृश्य था.
तभी वहाँ सलोनी की तेज आवाज आई- अह्ह्ह्हाआआ… अह्ह्ह्ह आःह्हाआआआआ आह्ह्हा तेज अंकल और तेज अह्हा अह्हा
और ये आवाजें सुनकर वो हसीना चौंक गई, आश्चर्य के भाव लिए कमोड से उठी, बहुत ही सेक्सी अंदाज़ से अपनी फैंसी कच्छी जो उसके खड़े होने से पंजों तक पहुँच गई थी, उसको अपने पाँव से बाहर किया.
इस दौरान भी वो लहंगे को वैसे ही अपने दोनों हाथों से अपनी कमर तक ऊँचा किये पकड़े रही.
फिर वो उसी दरवाजे की ओर गई जहाँ से मैं अभी कुछ देर पहले सलोनी को चुदवाते हुए देख रहा था.
मैंने पहली बार उसकी आवाज सुनी- ओह गॉड… यह क्या… डैड तो सलोनी भाभी को चोद रहे हैं… घर में इतने मेहमान हैं… अगर किसी ने देख लिया तो?
…ओह…
मेरी समझ में एकदम से आ गया… अरे यह तो रिया है… मेहता अंकल की बड़ी बेटी.
उफ्फ… मुझे तो पहले ही समझ जाना चाहिए था इसको देखकर… आखिर लंदन से आई है, तभी ऐसी है.
उसने अपना लहंगा अभी तक नहीं छोड़ा था और उसके झुके खड़े होने से मुझे वो दिख गया जिसे देखकर मेरे लण्ड ने बगावत कर दी…
अब मैं भी नहीं रुक सकता था और…???

कहानी जारी रहेगी.

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08-08-2020, 01:47 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट. 99

अच्छी तरह से मूतने के बाद वो हसीना उठने ही वाली थी कि उसको सलोनी और मेहता अंकल की चुदाई की सिसकारियाँ और आवाजें सुनाई दी, वो संभालकर ही अपने लहंगे को पकड़े हुए कमोड से उठी, उसे तो यही लग रहा था कि वो बाथरूम में अकेली है, उसने अपने लहंगे को नहीं छोड़ा, ऊपर ही पकड़े रही या फिर उसको इस बात का ख्याल ही नहीं रहा क्योंकि वहाँ चुदाई कि आवाजें ही ऐसी आ रही थी..
जिज्ञासावश ही वो कमोड से उठकर आगे बढ़ी, उसकी कच्छी जब पैरों में फ़ंसी तो अपनी कच्छी को भी पैरों से निकाल अलग कर दिया.
फिर वो उसी दरवाजे की ओर गई जहाँ से मैं अभी कुछ देर पहले सलोनी को चुदवाते हुए देख रहा था.
मैंने पहली बार उसकी आवाज सुनी- ओह गॉड… यह क्या… डैड तो सलोनी भाभी को चोद रहे हैं… घर में इतने मेहमान हैं.. अगर किसी ने देख लिया तो… ओह?
मेरी समझ में एकदम से आ गया… अरे यह तो रिया है, मेहता अंकल की बड़ी बेटी.
उफ्फ्फ मुझे तो पहले ही समझ जाना चाहिए था इसको देखकर, आखिर लंदन से आई है, तभी ऐसी है.
उसने अपना लहंगा अभी तक नहीं छोड़ा था और उसके झुक कर खड़े होने से मुझे वो दिख गया जिसे देखकर मेरे लण्ड ने बगावत कर दी.
अब मैं भी नहीं रुक सकता था, रिया के झुकने से उसके मस्त नंगे चूतड़, कुछ ज्यादा ही उठे हुए थे रिया के चूतड़… क्या मस्त गद्देदार चूतड़ थे, पूरे गोल और आपस में सटे हुए, इतने खूबसूरत लग रहे थे कि मैं सब कुछ भूल गया.
मैंने अपना लण्ड तो पहले ही बाहर निकाला हुआ था, लण्ड उस दृश्य को देख और भी ज्यादा तन चुका था, मैंने पैंट का बटन भी ढीला कर दिया और रिया के ठीक पीछे पहुँच गया.
मैंने चुपके से ही उसके चूतड़ों से अपना लण्ड चिपका दिया !
रिया ने एक दम से पीछे मुड़कर देखा और मुझे देखते ही उसका चेहरा भक्क हो गया.
रिया- अरे भैया आप?
ओह… मैं भले ही उसको ना जानता हूँ पर वो मुझे अच्छी तरह से जानती है, तभी तो उसने सलोनी को भी पहचान लिया.
रिया ने तुरंत मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने कमरे में ले जाने लगी, वो नहीं चाहती थी कि मैं सलोनी को उस कमरे में मेहता अंकल से चुदते हुए देखूं… उसको शायद डर था कि वहाँ सलोनी को मेहता अंकल के साथ देख मैं हल्ला न कर दूँ.
इसलिए वो मुझे वहाँ से हटाना चाहती थी, मैंने भी इस स्थिति का फ़ायदा उठाने की सोची- क्या हुआ? यहाँ क्या हो रहा है?
मैंने उसके नंगे चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए पूछा.
उसने मेरा हाथ झटका- उफ्फ यह क्या कर रहे हो भैया? मैं तो बस पेशाब करने आई थी, और आप यहाँ क्या कर रहे हो???
मैं- मैं भी तो बस सलोनी को ढूंढ रहा था, फिर मुझे भी प्रेशर लगा और यहाँ आ गया.
रिया- वो तो ठीक है, फिर ये सब क्या कर रहे थे? वो लगातार मेरे लण्ड को देख रही थी.
मैं- अरे मेरी हसीना… जब सामने इतना सेक्सी चूतड़ दिखे तो मैंने तो खुद को संभाल लिया… मगर यह नहीं माना… हा हा हा…
मैंने अपने लण्ड को हिलाते हुए कहा- रुको मैं भी फ्रेश हो लेता हूँ.
अब वो डर गई… रिया नहीं चाहती थी कि मैं फिर से बाथरूम में जाऊँ, उसको डर था कि मैं सलोनी को देख लूंगा.
बस यही बात मेरे लिए फायदे का सौदा साबित हुई.
रिया- ओह तो इसको क्या ऐसे ही लेकर जाओगे? ऐसे तो इसकी धार कमोड की बजाए छत पर जायेगी.
उसने मेरे छत की ओर तने हुए लण्ड को देखकर कहा.
मैं भी उसकी बात से मासूम बन गया- हाँ यार रिया… बात तो तेरी सही है… वैसे इसे खड़ा भी तूने किया है तो इसको बैठा भी तू ही.
रिया- हा ह अ हा… कैसे बैठते हैं आपके ये जनाब?
मैं- यार शादीशुदा हो.. अब यह भी क्या मैं बताऊँगा? तुम्हारे पास तो कई जगह है जहाँ यह आराम से बैठ सकता है.
रिया- जी नहीं… वो सभी जगह बुक हैं… वहाँ इसको कहीं जगह नहीं मिलेगी.
मैं- ओह… क्या यार? चलो छोड़ो… कम से कम वो जगह दिखा तो सकती हो… ये जनाब तो देखकर ही काम चला लेंगे.
रिया- अरे नहीं बाबा… अभी आपने देखा तो था… सीधे कब्ज़ा करने ही आ गया था… मैं यह रिस्क नहीं ले सकती.
मैंने फिर से अपना वही हथियार अपनाया- ठीक है.. फिर हम छत पर ही मूत कर आ जाते हैं.
और मैं फिर से बाथरूम की ओर बढ़ा, मेरा आईडिया काम कर गया.
रिया- अरर्रऐ नहींईईईई वहाँ नहीं… उफ़्फ़्फ़ आप भी नहीं मानोगे ना… चलिए ठीक है… पर सिर्फ देखना… ओके… और इसको दूर ही रखना…
मैंने एक ठंडी सांस ली- हाँ हाँ… अब जल्दी करो…
वो लहंगा फिर से ऊपर करने लगी…
मैं- ओह ऐसे नहीं… इसको उतार कर सही से… हमारे साहबजादे को कोई रूकावट पसंद नहीं.
और मैंने खुद ही उसके लहंगे के हुक को निकाल दिया, रिया ने धीरे से अपना लहंगा नीचे को उतार दिया, उसने कोई विरोध नहीं किया, अब रिया केवल एक छोटी सी चोली पहने मेरे सामने खड़ी थी.

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08-08-2020, 01:47 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
मैंने चोली के ऊपर से ही उसने मस्त मम्मो को दबाया, रिया ने तुरंत मेरे हाथ को झटक दिया, वो वहाँ रखी एक आराम कुर्सी पर बैठते हुए बोली- इस सबका समय नहीं है… जल्दी से देखो… मुझे और भी बहुत से काम हैं.
उसकी इस जल्दबाजी पर मुझे मजा आ गया…
रिया ने आराम कुर्सी पर पीछे को लेटते हुए अपने दोनों पैरों को फैलाकर दोनों हथ्थों पर रख लिया.
क्या पोज़ बनाया था उसने… लगता है ये कुर्सी चुदाई के लिए ही बनी है और दोनों बहनें यहीं अपने पिता से चुदवाती होंगी.
मैं रिया के पास गया और अपना मुँह ठीक उसकी चूत पर ले गया. मैं उसके इतना पास था कि मेरी साँसें रिया की चूत के ऊपर जा रही थी.
मैंने फिर से उसके चूत के बाहर निकले हुए होंठों को कांपते हुए महसूस किया.
रिया- बस देख ली ना? जल्दी करो, घर में बहुत मेहमान हैं, कोई भी इधर आ सकता है.
मुझे भी इसी बात का अंदेशा था पर मैं अब उसको छोड़ना नहीं चाहता था, मेरा लण्ड तो पहले से ही तैयार था, सलोनी की चुदाई देखने के बाद तो वो बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था.
मैंने रिया के दोनों पैरों को वहीं हथ्थे पर ही अपने दोनों हाथों से जाम कर दिया, अपनी कमर को हल्का सा नीचे किया और मेरा लण्ड अपने निशाने पर पहुँच गया.
रिया की चूत अभी बिल्कुल सूखी थी, पर फिर भी मुझे पता था कि वो आसानी से मेरे लण्ड को ले लेगी, आखिर वो लंदन से आई थी और मेहता अंकल जैसे बड़े लण्ड लेने की आदी थी.
मैंने लण्ड को रिया की चूत के मुख पर रखा और मेरा सोचना सही साबित हुआ जब एक ही धक्के में मेरा लण्ड रिया की चूत में समा गया.
मेरा लण्ड पूरा का पूरा रिया की चूत के अंदर था, रिया का मुँह खुला का खुला रह गया- अह्ह्हाआआआ ये क्या कर रहे हो भैया?
वो जोर लगाकर निकलने ही वाली थी कि मैंने वहाँ एक और धमाका कर दिया- वही जो वहाँ तेरा बाप मेरी सलोनी के साथ कर रहा है…
बदला… !!!
रिया- ओह अह्ह्हाआआ अह्हा इसका मतलब अपने देख लिया था… अह्हा अह्हा अह्हा अह्हा अर्रे रुको तो… आप कर लेना… पर पहले कंडोम तो लगा लो…
मेरी बात सुनते ही वो शांत हो गई.
मैं- अब इस समय कंडोम कहाँ से लाऊँ?रिया- अरे यहीं रखा है… वो उस ड्राअर में…
मुझे उसकी बार पर विश्वास करना पड़ा और मेरे लिए भी सही था, आखिर वो विदेश में भी चुदवाती होगी.
मैंने वहाँ से कंडोम निकाला, रिया ने एक और अच्छा काम किया, उसने खुद मेरे हाथ से पैकेट लिया और खोलकर बड़े ही प्यार से मेरे लण्ड पर चढ़ा दिया.
मैंने इस बार और भी अच्छे ढंग से खड़े होकर लण्ड को फिर से उसकी चूत में सरका दिया और अपना काम शुरू कर दिया.
मैं लगातार धक्के पर धक्के लगा रहा था और अब वो आराम से चुदवाने लगी.
अह्ह्ह आह्ह… और मेरी मेहनत सफल हुई, अचानक धक्कों से फच फच की आवाजें आने लगी, रिया की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.
मुझे जोश आ गया और मैं अब और भी तेजी से धक्के लगाने लगा. 15 मिनट तक वहाँ बहुत अच्छा समां बंध गया था, मुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा था.
और फिर?

कहानी जारी रहेगी.

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08-08-2020, 01:47 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट. 100

रिया के कहने पर ही मुझे सुरक्षा का ध्यान आया, मैंने उसके बताने पर एक विदेशी कंडोम का उपयोग किया, उसको पहनने पर भी उसके होने या ना होने का अहसास नहीं हो रहा था और बहुत ही अच्छी खुशबू भी आ रही थी उससे…
रिया ने खुद ही अपने हाथों से उसको मेरे लण्ड पर चढ़ाया और उसको 3-4 बार चूसकर लण्ड को फिर से टाइट किया.मैंने इस बार और भी अच्छे ढंग से खड़े होकर लण्ड को फिर से उसकी चूत में सरका दिया और अपना काम शुरू कर दिया.
मैं लगातार धक्के पर धक्के लगा रहा था और अब वो आराम से चुदवाने लगी थी.नई बात यह थी कि वो मेरे द्वारा ब्लू फिल्मों में देखी गई विदेशी लड़कियों की तरह ही मस्ता रही थी और बिल्कुल ऐसा व्यवहार कर रही थी जैसे पहली बार चुदवा रही हो जबकि उसकी चूत में मेरा लण्ड बहुत ही आराम से आ-जा रहा था.
उसकी सिसकारियों में दर्द के साथ साथ चुदवाने की तीव्र इच्छा भी थी.
रिया- आह्ह अह्हा अहा अह्ह्ह फ़क मी हार्ड… (तेजी से चोदो मुझे)… अह्ह्ह नहीईईईई ईई ओह अह्हा अह्हा फ़क मी हार्ड… ओह्ह अह्हा आह्ह और कस के… अह्हा अह्हा अह्हा अह्हाआआआ अह्हा अह्ह्ह… उफ्फ्फ आह्ह…इस तरह उसको चोदने में बहुत ही मजा आ रहा था…
अह्ह्ह आह्ह और मेरी मेहनत सफल हुई, अचानक धक्कों से फच-फच की आवाजें आने लगी, रिया की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.मुझे जोश आ गया और मैं अब और भी तेजी से धक्के लगाने लगा, 5 मिनट में वहाँ बहुत अच्छा समां बन्ध गया था, मुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा था.
और फिर मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया, आखिर बहुत समय से बेचारा रोके पड़ा था.उधर रिया ने भी अपनी कमर उचकाई और बहुत तेज सिसकारियाँ लेने लगी- अह्ह्हाआआ अह्ह्हाआआ अह्ह्ह ओह हो गया… बस्स्स स्स्सस…थैंक्स गॉड वो भी झड़ गई थी, उसके झड़ने से मुझे बहुत सुकून मिला वरना मुझे बहुत ग्लानि होती.
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया, फिर कंडोम निकालकर वहीं डाला और वहीं रखे एक तौलिये से लण्ड को पौंछ लिया.रिया कुछ देर वैसे ही लेटी हुई मेरे लण्ड को देख रही थी- वैसे भैया, आप चोदते तो अच्छा हो… पर आपके हथियार को देखते हुए लगता है कि सलोनी भाभी को भी थोड़ा बहुत मजा तगड़े हथियार से लेने का पूरा हक़ है, आपका हथियार तो नार्मल ही है.
मैं- हाँ जानेमन, तेरे बाप के हथियार के सामने तो बहुत छोटा है(मेरे लंड की लंबाई सात इंच मोटाई 2.५ इंच है) तेरी चूत देखकर तो मुझे भी ऐसा ही लगता है… लगता है तूने तो खूब तगड़े तगड़े डलवाये हैं इसमें?
रिया- इसकी छोड़ो.. इसने तो पूरी दुनिया देखी है…
मैं- तेरा पति कुछ नहीं कहता?
रिया- वो क्या कहेंगे?? उनको तो ग्रुप सेक्स का चस्का है… वो तो खुद अपने ही हाथों से अपने दोस्तों का लण्ड पकड़कर मेरी चूत में डालते हैं, वो तो बहुत एडवांस और मॉडर्न हैं.
मैं- अच्छा जी… फिर तो ठीक है… और अगर मुझे ऐतराज होता तो मैं तभी हल्ला कर देता जब सलोनी को तुम्हारे पापा से चुदवाते हुए देखा !रिया अब उठकर बैठ गई थी, उसने भी उसी तौलिये से अपनी चूत और आस पास का हिस्सा साफ़ किया और लहंगा पहनने लगी.
रिया- ओह… अच्छा… तो वैसे ही डरा रहे थे… मतलब फ्री में मुझे चोद दिया… हा हा हा…
मैं- अरे अगर मुझे पता होता कि तू भी नाटक कर रही है… तो मैं ऐसा क्यों करता? आराम से वहीं चोद देता सलोनी को देखते हुए…हा हा हा…रिया ने भी हंसी में मेरा साथ दिया… उसने ड्रेसिंग टेबल के सामने खुद को व्यवस्थित किया और मुझसे बोली- चलो भैया… बाहर कार्यक्रम में… आपको मजेदार डांस दिखवाते हैं.
मुझे तो वैसे भी देखना था कि सलोनी और नलिनी भाभी कैसा प्रोग्राम करती हैं.मैंने रिया को अपनी बाहिओं में भर कर उसके लबों को चूमा और फ़िर मैं तुरंत तैयार हो गया, मैंने ध्यान दिया कि रिया ने अपनी कच्छी नहीं पहनी- रिया, तुम्हारी कच्छी? पहनोगी नहीं?
रिया मुस्कुराते हुए- वाह जी.. बहुत ध्यान रखते हो.. छोड़ो उसको… आज ऐसे ही आपको अपना डांस दिखाते हैं.
और वो तेजी से घूमी, उसका लहंगा कमर तक उठ गया, ऐसा तो मैंने महंगे होटल में बार गर्ल को भी नहीं देखा था…मजा आ गया… अब तो और भी मजा आने वाला था.
लहंगा बहुत ही महंगा और और घूम वाला था, जरा सा घूमने से ही पूरा उठ जा रहा था, मुझे उसकी गोल गाण्ड पूरी नजर आ गई थी.अब यह देखना था कि केवल इन कुछ पर ही मस्ती चढ़ी थी या कुछ और भी कलियाँ थी वहाँ जो इसका मजा ले रही थी.
मैंने एक बार और रिया को अपने सीने से लगाया, उसके कसे हुए मम्मों का अहसास होते ही दिल में उनको देखने की इच्छा हुई.मैंने रिया के सीधे मम्मे को अपनी हथेली में भर लिया- अरे जानेमन.. एक बार इनको तो दिखा दो वरना सपने में आते रहेंगे.
रिया- ओह… तभी क्यों नहीं कहा? अब देर हो जाएगी… फिर देख लेना…

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08-08-2020, 01:48 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी

मैं- फिर कब? पता नहीं मौका मिले या नहीं?
रिया- क्यों अब नहीं आओगे? अरे सात दिन बाद शादी है और कई फंक्शन यहाँ भी हैं, आपको सभी में आना है, ओके… और हाँ शादी में जरूर साथ चलना, वहाँ बहुत मजा आएगा.
मैं- क्यों? कहाँ जाना है? क्या बरात यहाँ नहीं आएगी?
रिया- नहीं.. हमको वहीं जाना है… होटल में सब अरेंजमेंट है… तो आपको तो आना ही होगा.मैं अब इस मस्ती के बाद मना तो कर ही नहीं सकता था.
बात करते हुए ही हम दोनों हॉल में आ गए, बहुत भीड़ थी वहाँ, हर उम्र का माल था, एक से एक चमकीले कपड़ों में…मैंने देखा, सभी लेडीज ही थी… मुझे कुछ अजीब सा लगा.तभी रिया मुझे हाल के सामने एक कमरे में ले गई, वहाँ मेहता अंकल अपने चार दोस्तों के साथ बैठे थे, अरविन्द अंकल भी थे.ओह इसका मतलब अरविन्द अंकल यहाँ थे और नलिनी भाभी अंदर चुदाई करवा रही थी.
मैं भी एक कुर्सी पर बैठ गया जहाँ से पूरा हाल नजर आ रहा था.वो सब भी ऐसे ही बैठे थे, कुर्सी सभी ऐसे ही पड़ी थी कि सब सामने कार्यक्रम का मजा ले सकें. सामने एक मेज पर खाने पीने का सामान और कुछ ड्रिंक भी रखी थी.
खास बात यह थी कि केवल मैं ही युवा था, बाकी सभी बुड्ढे ही थे लगभग मेहता अंकल की उम्र के ही !
मेहता अंकल- और बेटा कैसा चल रहा है तुम्हारा काम?
मैं- बहुत अच्छा अंकल… बधाई हो आपको… अब आप भी अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए.
बस ऐसे ही कुछ फॉर्मल बातें हो रही थी, तभी बाहर एक लड़की डांस के लिए खड़ी हुई.18-19 साल की, गोरी थी पर थोड़ी पतली थी… उसने फ्रॉक जैसी कुछ फैंसी गुलाबी ड्रेस पहन रखी थी… फ्रॉक का घेरा… किसी गुड़िया की तरह कई फरों वाला था और उसके घुटनों से थोड़ा ऊपर तक ही था जिसमें से उसको गोरी गोरी टाँगें जांघों तक ही नुमाया हो रही थी.वो अपना गाना सेट करा रही थी, तभी मुझे पता चला कि… ओह ये तो साले सभी बुड्ढे बहत ही कमीने हैं.
उनमें से एक बोला- रुको यार देखो, अब ध्यान से देखना… उसने काली नेट वाली कच्छी पहनी है.दूसरा- हाँ हाँ, हम भी यही देख रहे हैं, और ना हुई तो 5000 तैयार रख.ओह साला… ये तो शर्त लगाकर मस्ती कर रहे हैं, उनको मेरे से भी कोई फर्क नहीं पड़ा, शायद मुझे ज्यादा नहीं जानते थे.क्या हो गया है इन बुड्ढों को… कमीने अपनी पोती की उम्र की लड़की की कच्छी पर शर्त लगा रहे थे.
और तभी मैंने सोचा मैं भी क्या सोचने लगा, ये तो साले कमीने होंगे ही, आखिर अरविन्द और मेहता अंकल जैसों के दोस्त हैं जिन्होंने अपनी बेटी को भी नहीं छोड़ा.तभी उस लड़की ने डांस शुरू कर दिया… रॉक इन रोल बेबी रॉक इन रोल…गाना भी ऐसा था… और उस पर घूमती हुई वो बिल्कुल बेबी डॉल जैसी ही लग रही थी.
और यह क्या? वो सामने वाला बुड्ढा बिल्कुल सही था… लड़की ने काली नेट वाली कच्छी ही पहनी हुई थी… कच्छी भी इतनी उसके चूतड़ों से चिपकी हुई थी कि उसके चूतड़ और चूत के सभी उभार साफ़ पता चल रहे थे.
वैसे तो वहाँ कोई मर्द नहीं था और हम लोग उसको नहीं दिख रहे होंगे पर फिर भी कुछ वेटर तो थे ही, वो सब ड्रेस में सर्विस दे रहे थे.मगर उनको किसी की चिंता नहीं थी, तभी दूसरे ने 5000 का चेक उसको तुरंत ही दे दिया- ले यार तू जीत गया.. पर यह बता कि तूने कब देख ली इसकी कच्छी? क्योंकि कलर तक तो सही था पर नेट भी पता होना संदेह में डालता है?
वो जोर से हंसा, बोला- हाँ, अभी जब आया था.. तभी देख लिया था, यह वहाँ कोने में उकड़ू बैठी कुछ कर रही थी, तभी साफ़ साफ़ दिख गई थी.दूसरा- ओह तभी साले इतना उछल रहा था… चिड़िया के दर्शन पहले ही कर लिए… डबल फ़ायदा… फ़ुद्दी भी देख ली और पैसे भी… सही है.. कोई बात नहीं !!
मैं उनकी बातें सुनकर सोच रहा था कि यार यहाँ तो कमाई भी हो सकती है, बस अरविन्द और मेहता अंकल चुप रहें.मैं यहाँ बहुत ही मस्ती और फिर कुछ शर्त लगाने की भी योजना बनाने पर विचार करने लगा था, देखता हूँ कितनी सफलता मिलती है.फिलहाल बहुत ही मजा आने वाला था.

कहानी जारी रहेगी.

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08-08-2020, 01:48 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
अपडेट 101

और तभी मैंने सोचा मैं भी क्या सोचने लगा, ये तो साले कमीने होंगे ही, आखिर अरविन्द और मेहता अंकल जैसों के दोस्त हैं जिन्होंने अपनी बेटी को भी नहीं छोड़ा.
तभी उस लड़की ने डांस शुरू कर दिया… रॉक इन रोल बेबी रॉक इन रोल…गाना भी ऐसा था… और उस पर घूमती हुई वो बिल्कुल बेबी डॉल जैसी ही लग रही थी.और यह क्या? वो सामने वाला बुड्ढा बिल्कुल सही था… लड़की ने काली नेट वाली कच्छी ही पहनी हुई थी… कच्छी भी इतनी उसके चूतड़ों से चिपकी हुई थी कि उसके चूतड़ और चूत के सभी उभार साफ़ पता चल रहे थे.
वैसे तो वहाँ कोई मर्द नहीं था और हम लोग उसको नहीं दिख रहे होंगे पर फिर भी कुछ वेटर तो थे ही, वो सब ड्रेस में सर्विस दे रहे थे.मगर उनको किसी की चिंता नहीं थी, तभी दूसरे ने शर्त हारते ही 5000 का चेक उसको तुरंत ही दे दिया- ले यार तू जीत गया.. पर यह बता कि तूने कब देख ली इसकी कच्छी? क्योंकि कलर तक तो सही था पर नेट भी पता होना संदेह में डालता है?
वो जोर से हंसा, बोला- हाँ, अभी जब आया था.. तभी देख लिया था, यह वहाँ कोने में उकड़ू बैठी कुछ कर रही थी, तभी साफ़ साफ़ दिख गई थी.दूसरा- ओह तभी साले इतना उछल रहा था… चिड़िया के दर्शन पहले ही कर लिए… डबल फ़ायदा… फ़ुद्दी भी देख ली और पैसे भी… सही है.. कोई बात नहीं !!
मैं उनकी बातें सुनकर सोच रहा था कि यार यहाँ तो कमाई भी हो सकती है, बस अरविन्द और मेहता अंकल चुप रहें.मैं यहाँ बहुत ही मस्ती और फिर कुछ शर्त लगाने की भी योजना बनाने पर विचार करने लगा था, देखता हूँ कितनी सफलता मिलती है.लेकिन सभी बहुत अमीर और डीसेंट भी थे, उनकी बातें कितनी सेक्सी थी, फिलहाल बहुत ही मजा आने वाला था.
मैंने वहाँ चारों ओर देखा, बहुत ही हाई क्लास पार्टी थी… क्योंकि मेहता अंकल भी शहर के जाने माने अमीर व्यक्तियों में आते थे्.वहाँ सभी अमीर घरों की तितलियाँ बहुत ही सेक्सी अंदाज में मंडरा रही थी.तभी उन बुड्ढों में से एक बोला- यार वो देखो उधर… वो गुलाबी घाघरे में… यह तो जान है यार मेहता… क्या मस्त चूतड़ हैं इसके यार… मेरा तो बिना गोली खाए ही तन गया.
मेहता अंकल- रुक यार मैं अभी आया…और वो उठकर चले गए, अरविन्द अंकल भी कुछ देर पहले चले गए थे.
अब वहाँ वो तीनो बूढ़े और मैं ही था और जैसे ही मैंने उनकी बताई हुई जगह देखा तो एकदम से समझ गया कि मेहता अंकल क्यों उठकर गए.ये तो मेरी सलोनी को देख रहे थे. और हो भी क्यों नहीं, सलोनी इतनी सारी लेडीज़ में भी अलग ही नजर आ रही थी, उसने गुलाबी लहंगा और चोली पहनी थी, हालाँकि उसने चुनरी बाँध रखी थी पर उसकी एक चूची, नंगा पेट उसकी नाभि तक और एक कन्धा पूरा नंगा ही दिख रहा था, चोली भी काफी कसी हुई और छोटी थी जो केवल डोरी से ही उसके कंधों और शायद कमर से बंधी थी, उसके गोरे सुडौल कंधे और बाहें सब नंगे नजर आ रहे थे.. उसका लहंगा भी नाभि से काफी नीचे बंधा था और उसके घुटनों से जरा सा ही नीचे होगा… कुल मिलाकर उसका सुन्दर बदन ढका बहुत ही कम था और दिख ज्यादा रहा था.
मुझे खुद पर गर्व महसूस हुआ कि मुझे इतनी सुन्दर बीवी मिली है जो यहाँ सबसे ज्यादा सेक्सी लग रही है.वो एक कुर्सी पर बैठी थी, एक पैर दूसरे के ऊपर रखा था जिससे उसकी एक जांघ भी थोड़ी दिख रही थी.तभी सलोनी ने अपने पैरों को बदला और अपना लहंगा दोनों हाथों से आगे से उठाकर ठीक किया जैसे साधारणतया लड़कियाँ करती हैं.
हम कुछ दूर थे तो साफ साफ़ तो कुछ नहीं दिखा, अगर पास होते तो दावे के साथ कह सकता हूँ कि उसकी चूत तक साफ़ साफ दिख जाती.मगर सोच कर ही उन बुड्ढों को मजा आ गया था, वे बहुत ही गन्दी बातें करने लगे थे जो शायद वो हमेशा आपस में करते ही होंगे.जो शर्त में हारा था, उसने तेज आह भरी- आःह्हाआआ हाय यार… काश मैं वहाँ होता… क्या चिकनी जांघें हैं.
सलोनी बराबर में बैठी नलिनी भाभी से झुककर कुछ बात कर रही थी तो उनके चूतड़ एक ओर से बाहर को निकले हुए थे.दूसरा बूढ़ा- अरे यार… इस जैसी मलाई कोफ्ता को तो तीनो छेदों में एक साथ लण्ड डालकर चोदना चाहिए.. तभी इसको मजा आएगा.तीसरा जीभ निकाले बस घूरे जा रहा था- यार… यह कब नाचेगी?पहला बूढ़ा- तू चाहे कहीं भी डालना पर मैं तो इसके मोटे मोटे चूतड़ों के बीच ही डालूँगा… जब से देखें हैं साले मस्त मस्त, तभी से सपने में आते हैं.
बाकी दोनों बुड्ढों ने एक साथ ही पूछा- क्या कह रहा है बे… तूने कब देखे?पहला बूढ़ा- अरे बताया नहीं था उस दिन… वो यही थी.. यहीं पर ही तो देखे थे.. यार क्या मस्त लग रही थी उस दिन ! मैंने तो तभी सोच लिया था कि इसकी तो जरूर मारूँगा यार…तीसरा बूढ़ा- अरे मुझे नहीं पता यार, बता न, कैसे देखे थे?

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08-08-2020, 01:48 PM,
RE: Hindi Chudai Kahani मेरी चालू बीवी
पहला बूढ़ा- हाय.. क्या याद दिला रहा है तू यार… अरे ये सामने से कुछ उठा रही थी या पता नहीं क्या कर रही थी, मैं इसके पीछे ही था, इसने छोटी वाली मिनी स्कर्ट पहन रखी थी, तभी पूरे गोल गोल चूतड़ नजर आ गए थे.तीसरा बूढ़ा- अरे तो कच्छी में ही देखे होंगे ना? मैं समझा कि नंगे देख लिए…
पहला बूढ़ा- अरे नहीं यार, मुझे तो पूरे नंगे से ही दिखे… अगर कच्छी होगी भी तो वो पतली वाली होगी जिसकी डोरी चूतड़ों की दरार में घुस जाती है… और इसके तो इतने गद्देदार हैं कि डोरी भी नहीं दिखी, सच बहुत मजा आया था उस दिन…उनकी बातें सुन कर मुझे ना जाने क्यों बहुत मजा आ रहा था… मेरे ही सामने वो सलोनी के बारे में, जो मेरी प्यारी सेक्सी बीवी है… ऐसी गन्दी गन्दी बातें कर रहे थे.
उसकी बातें सुनकर मुझे साफ़ लग गया कि इसने सलोनी ने नंगे चूतड़ ही देखे होंगे और सलोनी जानबूझकर ही इसके सामने झुकी होगी… ऐसा तो वो ना जाने कितनी बार कर चुकी होगी, उसको तो अपना जिस्म दिखाने में बहुत मजा आता है.
इस साले को पता चलेगा तो साला अपना सर पीट लेगा कि ‘अगर जरा सा झुककर देखता तो सलोनी की छोटी सी प्यारी सी चूत भी देख लेता…’ जो मैंने कई बार ऐसे ही मौकों पर देखी है.पीछे से दोनों चूतड़ों के गैप से उसकी गोरी चिकनी हल्की सी झांकती हुई चूत बहुत ही प्यारी लगती है.दूसरा बूढ़ा- अरे सालों, तुम तो ऐसे बात कर रहे हो जैसे इसकी मिल ही जाएगी?
अब तीनों मेरे सामने इतना खुलकर बात कर रहे थे जैसे उनको कोई चिंता ही नहीं हो क्योंकि नशा उन पर पूरी तरह हावी हो चुका था.पहला बूढ़ा- अरे यार.. मेहता ने कहा है ‘बहुत चालू है…’ और शादी में साथ ही चलेगी, वहाँ तो बहुत समय होगा, वहीं पटाकर चोद देंगे यार…
मैंने सोचा कि इन सबका परिचय तो ले ही लिया जाए यार कि साले हैं कौन जो इतना खुलकर सलोनी के बारे में बात कर रहे हैं.मैं- वाह अंकल, आप सच कह रहे हो… वैसे मैं साहिल… और… इस कंपनी में काम करता हूँ.अब उन्होंने मेरी ओर कुछ ध्यान से देखा और सभी ने अपना परिचय दिया.
शर्त हारने वाला रिटायर्ड बैंक मैनेजर था… नाम अनवर… ओह वो मुस्लिम था तभी सलोनी की गांड मारने की बात कर रहा था.दूसरा वाला जोजफ.. वो ईसाई रिटायर्ड जज था.और तीसरा वो कुछ ज्यादा ही बूढ़ा दिख रहा था, गोल मटोल सा, पेट बाहर निकला हुआ, उसका नाम राम कपूर था, वो कोई बड़ा बिज़नेसमैन था.उन तीनों से जरा सी देर में ही मेरी दोस्ती हो गई.
मेहता अंकल और अरविन्द अंकल अभी तक नहीं आये थे, वो शायद डर गए थे या फिर हो सकता है कि साले किसी के साथ मस्ती कर रहे हों, पर मुझे चिंता नहीं थी.सलोनी, नलिनी भाभी और अनु तीनों ही मेरे सामने हाल में ही थी.अब अगर किसी और की बजा रहे हो तो मुझे उससे क्या !!
विराज अंकल काफी बूढ़े लग रहे थे, उन्होंने मुझसे कहा- देख बेटा, बुरा मत मानना… बस ऐसे ही थोड़ी बहुत मस्ती कर लेते हैं… और फिर थोड़ा नशा भी हो गया है.मैं- अरे क्या बात कर रहे हो आप अंकल… ये सब तो चलता है… और जीवन में सेक्स ना हो तो जीने का फ़ायदा ही क्या !
विराज अंकल- बिल्कुल ठीक कहा बेटा… ये सब हमारे लिए किसी दवाई से काम नहीं… देखो हम सब ही अभी तक फिट हैं… अगर ये सब नहीं होता तो कहीं अस्पताल में या बिस्तर पर पड़े होते या मर खप गए होते.जोजफ अंकल- और नहीं तो क्या… इन हसीनाओं के मस्ताने अंग देख कर सेक्सी बात करने के लिए तो हम इतनी सुबह टहलने के लिए उठ भी जाते हैं और कितना चल भी लेते हैं, वरना कौन साला उठता… हा हा हा…और तीनों जोर जोर से हंसने लगे.
अभी बाहर हॉल में कुछ साधारण महिलाएँ ही नृत्य कर रही थी पर वो उन पर भी सेक्सी कमेंट्स मार रहे थे.‘देख यार, क्या मोटे चूतड़ हैं… कैसे हिला रही है..’और जब किसी का पल्लू नीचे गिर जाता तब तो उनके मजे आ जाते और उनकी गहरी चूचियों की घाटी देख आहें भरने लगते.और सलोनी को भी देखे जा रहे थे और कमेंट्स भी कर रहे थे.
जोजफ अंकल- यार अनवर इस पीस से मिलवा तो दे यार, जरा पास से भी देख लेंगे, देख कितनी छोटी चोली पहन रखी है… वो भी बिना किसी बंधन के… छू नहीं सकते तो जरा इन कबूतरों को देख ही लें ! नाच भी तो नहीं रही, वरना चुनरी हटाकर नाचती तो मजा आ जाता… इसका तो चोली का गला भी इतना बड़ा है कि जरा सा भी झुकेगी तो पूरे नंगे ही दिखेंगे..!!!
विराज अंकल- अरे वो तू सही कह रहा है जोजफ… मैं तो इसकी टाँगें देख रहा हूँ और लहंगा भी ऐसा है कि जरा भी घूमेगी तो पूरा उठेगा… हाय पता नहीं अंदर कितनी लम्बी निकर या फिर पजामी होगी?
जय अंकल- हाय यार, क्या बात कही.. यह भी तो हो सकता है कि केवल कच्छी ही पहनी हो… और भी छोटी वाली उस दिन की तरह…और मैं मन ही मन हंस रहा था कि अगर इनको पता चल गया कि सलोनी ने लहंगे के अंदर कुछ नहीं पहना तो इनकी क्या हालत होगी.
तभी वो लोग सलोनी पर भी शर्त लगाने लगे- …चल हो जाए 5000 की… इसने कितनी लम्बी निकर पहनी होगी?विराज अंकल- मेरे अनुसार तो एक छोटी पजामी होगी… जो एक-सवा फ़ीट की होती है.जोजफ अंकल- हम्म्म्म शायद निकर ही होगी… जो लड़कियों की छोटी-छोटी स्किन टाइट रंग बिरंगे जो आते हैं.जय अंकल- यार मुझे तो लगता है इसने एक छोटी सी कच्छी ही पहनी होगी… हा हा…
मैंने तुरंत सोचा कि मैं भी इनसे फ़ायदा उठा ही लेता हूँ.मैं- क्यों अंकल? क्या मैं इस शर्त में भाग नहीं ले सकता?विराज अंकल- अरे क्यों नहीं बेटा… हम भी तो देखें तुम्हारा अनुमान… बताओ तुमने क्या सोचा?
मैं- हा हा… अब सब कुछ तो अपने बता ही दिया… चलिए अगर इसने कुछ नहीं पहना होगा तो मैं जीत गया.सभी जोर से हंसने लगे.जय अंकल- अरे यार अगर कुछ नहीं पहना होगा तो वैसे ही पैसे वसूल हो जायेंगे… हा हा…

कहानी जारी रहेगी.

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