RE: Hindi Chudai Kahani हिटलर को प्यार हो गया
रीत-विकी प्लीज़ छोड़ो ना मुझे भूख लगी है.
विकी रीत को गोद में उठा लेता है और बेडरूम में ले जाता है. और वहाँ ले जाकर बेड पे उसे लेटा देता है और उसके होंठों पे अपने होंठ टिका कर एक जबरदस्त किस करता है और फिर उसे छोड़ कर सीधा खड़ा हो जाता है.
विकी-तुम यहीं बैठो जानू मैं कुछ खाने को लेकर आता हूँ फ्रीज़ में से.
विकी बेडरूम से बाहर निकलता है और सीधा बाथरूम में जाकर ड्रग्स ले लेता है. फिर वो फ्रीज़ में से कुछ खाने की चीज़े निकाल कर रीत को देता है और दोनो खाने लगते है.
खाने ख़तम होते ही विकी रीत के उपर चढ़ जाता है और उसे बेड पे लिटा कर खुद उसके उपर आ जाता है और रीत के होंठ चूसने लगता है. रीत नीचे कसमसाने लगती है. विकी के दोनो हाथ रीत की कमीज़ में क़ैद मम्मो पे पहुँच जाते है और वो उन्हे मसल्ने लगता है. वो एक हाथ नीचे ले जाता है और सीधा रीत की चूत पे फिराने लगता है. रीत अपनी टाँगों को आपस में कस लेती है. विकी हाथ को थोड़ा उपर करता है और झटके से रीत का नाडा खोल देता है.
(विकी ने हाथ उपर करते हुए रीत की सलवार का नाडा झटके के साथ खोल दिया)
नाडा खुलते ही रीत एकदम से चौंकी और उसने विकी को अपने उपर से एक साइड को धकेल दिया और बेड से उठ कर खड़ी हो गई और अपना नाडा बाँधने लगी. अब विकी बेड पे बैठा था और रीत उसकी तरफ पीठ किए खड़ी थी और अपनी सलवार का नाडा बाँध रही थी. विकी ने अपनी दोनो टाँगें बेड से नीचे लटका दी और रीत की कमर में हाथ डालकर उसे अपनी और खींच लिया रीत अब अपना नाडा बाँध चुकी थी अब विकी के सामने रीत की सलवार में क़ैद उसके गोल गोल कसे हुए चूतड़ थे जो कि कमर के नीचे से पीछे की तरफ कुछ ज़्यादा ही निकले हुए थे और रीत के शरीर का यही वो पार्ट था जो कि चलने से जब थिरकता था तो अच्छों अच्छों के लंड की पिचकारियाँ छूट जाती थी.
विकी ने अपना चेहरा रीत के चुतड़ों के पास किया और उन्हे हल्के हल्के चूसने लगा. अपने चुतड़ों पे विकी के मुख का स्पर्श पाते ही रीत फिर से कामुक होने लगी. वो अपने हाथों से विकी के हाथों को खोलने का प्रयास कर रही थी जिन्होने उसकी कमर को जाकड़ रखा था मगर विकी के मर्दाना हाथो के आगे उसके नरम हाथों की पेश नही चल रही थी. विकी ने उसकी कमर को जाकड़ रखा था और अपना चेहरा रीत के चुतड़ों में घुसा रखा था और उसके चुतड़ों का बाहर को निकला हुआ भाग अपने होंठों में दबा दबा कर चूस रहा था.
रीत की आँखें बंद होने लगी थी और उसके हाथ भी अब विकी के हाथों को हटाने की बजाए उसके हाथों के उपर थम से गये थे. रीत की चूत उसके खुद के प्रेम रस से भीगने लगी थी. वो इतनी ज़्यादा मदहोश हो चुकी थी कि उसके दिमाग़ ने काम तक करना बंद कर दिया था. ऐसा एहसास उसे आज से पहले कभी नही हुआ था विकी ही एक मात्र एसा मर्द था जिसे उसके रस भरे जिस्म को चखने का मौका मिल रहा था.
विकी तो अब पूरी तरह से पागल हो चुका था.
उसके दोनो हाथ अब रीत की कमर की उपर से हट कर पीछे रीत के गोल गोल चुतड़ों पे पहुँच चुके थे और बेदर्दी से उन्हे मसल्ने लगे थे. विकी के हाथ ऐसे रीत के चूतड़ मसल रहे थे जैसे कोई आता गूँध रहा हो. रीत की दोनो टाँगें काँपने लगी थी अब उसके लिए ये सब सह पाना मुश्किल हो रहा था वो अपने आप थोड़ा आगे को झुक गई थी जिसकी वजह से विकी के सामने उसके चूतड़ एक मटके की शेप में आ गये थे.
रीत की टाँगें काँप रही थी और उसे लग रहा था जैसे उसके अंदर से कुछ लावा की तरह उठ रहा है और उसकी चूत की तरफ बढ़ रहा है. जैसे ही वो लावा रीत की चूत के रास्ते बाहर आने लगा तो उसे अपनी टाँगों पे खड़े रहने मुश्क़िल हो गया और वो सिसकिया भरती हुई पीछे हट कर विकी की गोद में बैठ गई और झड़ने लगी. पूरी तरह से झड़ने के बाद जब उसने थोड़ी राहत महसूस की तो उसे अपने चुतड़ों पे कुछ चुभता महसूस हुए. जब उसके दिमाग़ में आया कि वो विकी का लंड है तो उसका चेहरा फिर से शर्म से लाल हो गेया. और वो फटाक से खड़ी हो गई.
विकी ने फिर से उसे पहले की तरह जाकड़ लिया और फिरसे उसके चूतड़ चूसने लगा. रीत को अब बहुत शरम आ रही थी और वो बोली.
रीत-विकी प्लीज़ छोड़ दो ना.
विकी-उम्म्म जानू चुप चाप खड़ी रहो आगे तो असली मज़ा है.
रीत ने सोचा कि विकी को समझाने का कोई फ़ायदा नही है.
विकी ने अपने हाथ आगे किए और रीत की सलवार का नाडा खोल दिया और नाडा खुलते ही सलवार थोड़ी ढीली होकर नीचे सरक गई और रीत ने अपने हाथ नीचे लेज़ाकर उसे पकड़ने की कोशिश की मगर उसके हाथों के वहाँ पहुँचने से पहले ही विकी ने सलवार खींच कर रीत के पैरों में कर दी और फिर उसके कमीज़ का पल्ला उठाया तो उसके सामने वाइट पैंटी में क़ैद रीत के सुडौल चूतड़ उसके सामने आ गये.
विकी ने पैंटी के किनारों में हाथ डाला और उसे भी सरका कर सलवार के पास पहुँचा दिया. रीत अब नीचे से बिल्कुल नग्न हो चुकी थी. उसके नीचे का नज़ारा देख कर विकी मदहोश हो गया और जब रीत ने सोचा कि नीचे से वो बिल्कुल नंगी एक मर्द जो कि उसका प्रेमी है उसके सामने खड़ी है तो वो एक बार फिर से शरम से भर गई.
विकी ने अब अपना चेहरा फिर से उसके चुतड़ों में घुसा दिया और उसके गोरे और मुलायम चुतड़ों को अपने दाँतों से काटने लगा. रीत के मूह से दर्द की और आनद की मिली जुली सिसकियाँ निकलने लगी. विकी एकदम से खड़ा हुआ और रीत को अपनी तरफ घुमा लिया और उसके होंठ चूसने लगा और अपने हाथों से उसके चूतड़ मसल्ने लगा.
कुछ देर चूतड़ मसल्ने के बाद उसने रीत के कमीज़ को दोनो तरफ से पकड़ा और झटके के साथ बाहर निकाल दिए. अब रीत के शरीर पे केवल ब्लॅक ब्रा थी जिसमे उसके गोरे और गोल गोल मम्मे क़ैद थे जिन्हे आज तक किसी मर्द ने छुआ तो क्या देखा तक नही था. विकी ने हाथ पीछे किया और उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसकी ब्रा निकाल दी अब रीत बिल्कुल नंगी अपने प्रेमी के सामने खड़ी थी. विकी इस हुस्न की मालिका को पीछे हटकर ध्यान से देखने लगा.
वाह क्या नज़ारा था. रीत ने क्लिप लगाकर अपने बालों को बाँध रखा था. उसके नीचे उसका चेहरा जो कि शरम से लाल था. नीचे उसके गोरे और गुलाबी निपल्स वाले मम्मे जो कि पूरे टाइट थे नीचे कमर के पास से दोनो तरफ को निकले हुए उसके नितंब जो कि पीछे की तरफ फैले हुए थे. उसके नीचे रीत की गुलाबी चूत जिसपे फिलहाल रीत ने दोनो हाथ रखे हुए थे.
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