RE: Hindi Chudai Kahani हिटलर को प्यार हो गया
अमित ने जीन्स को प्रीति की कमर के पास से पकड़ा और नीचे करने लगा. अमित को ऐसा करता देख प्रीति ने अपनी जीन्स दोनो हाथो से पकड़ी और उपर की तरफ खीचने लगी और बोली.
प्रीति-तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है अमित यहाँ खुले में मेरी पॅंट उतरने में लगे हो.
अमित-अब छोड़ो भी नखरे प्रीति. अब रुका नही जा रहा.
प्रीति-मैं नही उतारने दूँगी.
अमित-ओके चलो पूरी नही उतारूँगा थोड़ी नीचे तो करने दो.
और अमित ने पॅंट को पकड़ा और नीचे सरका कर घुटनो तक कर दिया. नीचे प्रीत ने ब्लॅक पैंटी पहन रखी थी जिसके उपर उसकी चूत के गीलेपन के निशान छपे हुए थे. अमित ने पैंटी को भी किनारों से पकड़ा और उसे भी खीच कर प्रीति की जांघों में अटका दिया. प्रीति को अपनी नंगी चूत का आभास होते ही उसने अपने दोनो हाथों से अपनी चूत ढक ली. अमित ने उसके हाथ हटाया तो प्रीति ने अपनी जांघों को कस कर भींच लिया. अमित ने अपने होंठ उसकी गीली चूत पे धीरे से फिराए तो प्रीति के शरीर में कंप कपि सी दौड़ गई.
अमित ने उसकी जांघों को अलग करना चाहा मगर प्रीति ने उन्हे और कस कर भींच लिया. अमित ने अपना एक हाथ उसकी जांघों के बीच फसा दिया और पूरे ज़ोर से उसकी जंघें अलग कर दी और जंघें अलग होते ही अपना मूह उन के बीच प्रीति की चूत पे टिका दिया और अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत के होंठों में घुसाने लगा. प्रीति अपनी जांघों से उसके सिर को भींचने लगी. उसका पूरा शरीर एक मीठे से आनंद में खो गया. वो सोचने लगी कि ऐसा मज़ा तो पहले उसे कभी नही आया था. धीरे उसकी टाँगें खुलती चली गई.
अब उसकी चूत पूरी उभर कर अमित के सामने आ चुकी थी और अमित अपनी जीभ से उसके अंदर हलचल मचा रहा था. प्रीति के शरीर में एक लावा सा उठने लगा था. और उसने अमित का सिर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ दबा रखा था. फिर उसका पूरा शरीर काँपने लगा और एक गरम गरम प्रेमरस उसकी चूत में से निकला जिसने कि अमित का चेहरा भिगो दिया. प्रीति के पूरी तरह से झड़ने के बाद अमित ने अपना चेहरा उठाया तो उसके चेहरे पर प्रीति की चूत से निकले प्रेमरस के निशान थे.
जिन्हे देखकर प्रीति हँसने लगी और अमित के चेहरे की तरफ इशारा करते हुए उसे चिडाने लगी. अमित ने अपना चेहरा सॉफ किया और अपनी पॅंट भी नीचे सरका दी उसकी अंडरवेर में उसका लंड पूरे उफान पर था जिसे देख कर प्रीति का दिल जोरो से धड़कने लगा. फिर अमित ने अंडरवेर नीचे काइया और फन फनाता हुआ उसका लंड प्रीति की आँखो के सामने झूलने लगा. अमित ने प्रीति को उठाया और उसे झुकने के लिए कहा. प्रीति थोड़ी ना-नुकर के बाद उसके सामने झुक गई.
अब प्रीति के घुटने और हाथ ज़मीन पे थे और उसकी गान्ड अमित के सामने थी. प्रीति की जीन्स और पैंटी उसकी जांघों में अटकी हुई थी. और उसकी गोरी और नंगी गान्ड देखकर अमित का लंड और टाइट होता जा रहा था. अमित ने अपने दोनो हाथ प्रीति की कमर पे टिकाए और अपना लंड उसकी चूत पे रखकर एक धक्का मारा और उसका आधा लंड अंदर घुस गया. प्रीति के मूह से हल्की चीख निकली मगर इस चीख में मज़ा ज़्यादा था और दर्द कम था. फिर अमित ने एक और ज़ोर से धक्का मारा और अपना लंड जड़ तक अंदर पहुँचा दिया और धीरे धीरे प्रीति को चोदने लगा. प्रीति भी धीरे धीरे सिसकने लगी.
अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी अमित के लंड के साथ अपने शरीर को आगे पीछे करने लगी. अमित अब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और प्रीति उसके धक्को को ना सहती हुई एक बार फिर झड गई. फिर उसने प्रीति को खड़ी किया और एक पेड़ के सहारे प्रीति खड़ी हो गई अमित ने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया प्रीति दर्द और आनद की मिली जुली आहें भरने लगी. जब अमित को लगा कि अब वो झड़ने वाला है तो उसने प्रीति को कस कर पकड़ लिया और पूरी ताक़त के साथ उसे चोदने लगा. फिर कुछ ही जोरदार प्रहार अमित ने किए और अपना सारा वीर्य प्रीति की चूत में भर दिया. और उधर प्रीति की चूत ने भी हथियार डालते हुए अपना प्रेमरस छोड़ दिया. अमित कुछ मिनिट तक प्रीति को चूमता रहा और फिर वो दोनो वहाँ से निकले और अपने घर की तरफ रवाना हो गये.
दिन बीत ते गये और अमित और प्रीति की शादी हो गई. अब प्रीति ने घर में अपने मम्मी पापा को विकी और रीत के बारे में बता दिया. उसके मम्मी पापा बहुत खुश हुए और कहने लगे कि अगर इतनी समझदार लड़की हमारे घर की बहू बने तो इसमे हमे क्या इतराज़ हो सकता है. और फिर देखते ही देखते विकी और रीत की शादी भी फिक्स हो गई.
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