Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 03:21 PM,
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
भोला जान गया था कि कामया का अंत निकट है सो वो अपने आपको और भी तेजी से चलाने लगा था कामया एक झटके से अपने होंठों को आजाद करते हुए एक लंबी सी आह भरकर अपने हाथों से पिल्लो को खींचकर अपने सामने की ओर जोड़ लिया था और अकड़ कर फिर से भोला की स्पीड से स्पीड मिलाने लगी थी भोला जो कि अभी तक झडा नहीं था अपनी स्पीड को बरकरार रखे हुए था पर कामया के थोड़ा सा ढीला पड़ जाने सी उसे दिक्कत होने लगी थी अब कामया उसका साथ नहीं दे पा रही थी शायद थक गई थी पर भोला नहीं थका था वो थकेगा भी नहीं वो अपने मन के प्रीत के साथ आज आनंद ले रहा था और बहुत दिनों की अपनी तमन्ना को कंप्लीट करना था उसे वो आज किसी भी हालत में कामया को अपने से दूर नहीं होने देना चाहता था सो उसने कामया को धक्का देकर बेड पर उल्टा लिटा दिया और उसको फिर से पीछे की ओर से धक्कों के साथ साथ निचोड़ने लगा था अब उसके अंदर का रहम पता नहीं कहाँ खो गया था वो एक दारिन्दा बन गया था 


उसे अब कामया के चिकने और मुलायम हुश्न की ताजगी और कोमलता को वो भूल गया था और अपनी हवस को मिटाने के लिए वो अब उसपर हावी होने लगा था उसके पलटने से कामया की कमर के नीचे वो तकिया भी आ गया था जो कि उसके हाथों से खिचा हुआ था अब उसकी कमर थोड़ी सी ऊँची हो गई थी और भोला के लिए थोड़ा सा आसानी हो गया था कामया अपना चेहरा नीचे किए भोला के हर धक्के को झेल रही थी पर जान तो जैसे चूस गई थी वो सब उसकी योनि से निकल गया था एक उत्तेजना जो उसके अंदर थी वो खतम हो गई थी वो अब अपने आपको संतुष्ट कर लेना चाहती थी 


भोला के अंदर एक उमंग जो उसके अंदर जनम जनम से हिचकोले ले रही थी वो अब और इंतजार नहीं कर पा रही थी वो जानता था कि जिस जानवर को वो अब तक अपने बस में करे हुए था वो अब उसके हाथों से छूटने वाला था वो निरंतर अग्रेसिव होता जा रहा था और हर चोट के साथ-साथ वो कामया के ऊपर अपने भार को और बढ़ा रहा था उसके नीचे पड़ी कामया की जान तो पहले ही जा चुकी थी पर इस तरह से अचानक ही अपने ऊपर बढ़ते हुए दबाब से वो थोड़ा सा बिचलित जरूर हुई थी पर एक चीज जो उसके अंदर थी वो सबकुछ भुला देती थी वो अब भी हर झटके के साथ-साथ उसके मुँह तक आ जाता था अंदर कही ऐसी जगह पर चोट करता था कि वो फिर से मदहोशी के आलम में खोने लग जाती थी जान तो बची नहीं थी कि अपने आपको उठाए और उस जानवर का साथ दे पर पड़े पड़े ही अपने ऊपर के भार को नजर अंदाज करते हुए अपनी योनि के अंदर की हलचल पर ज्यादा ध्यान देने लगी थी वो और भोला की हरकतें लगा तार बढ़ती हुई अब एकदम वहशी पन तक पहुँच गई थी 


उसने कामया को बेड पर इतने जोर से दबा रखा था कि कामया की सिर्फ़ टाँगें ही हिल पा रही थी और कुछ नहीं मुख से सिर्फ़ उउंम्म की आवाज निकालती हुई हर धक्के के साथ-साथ थोड़ा सा सांस लेती थी और फिर दबाब के आगे झुक जाती थी, 

भोला की पकड़ भी इतनी मजबूत थी कि, उसकी चुचियों पर उसके उंगलियों के निशान अब साफ तरीके से दिखने लगे थे और वो उन्हें किसी आटा मथने जैसे लगातार मथे जा रहा था कोई नर्मी अब उसके अंदर नहीं बची थी और नहीं कोई रहम था कामया के लिए था थी तो सिर्फ़ एक हवस जो कि उसे पूरी करनी थी सो वो लगातार अपने आपको उसके शरीर के ऊपर रौंदने लगा था और उसकी चुचियों को बेड और कामया के बीच में दबाते हुए अपनी कमर को चला रहा था कामया काफी कोशिस करते हुए अपने चहरे को थोड़ा सा ऊपर करते हुए 

कामया- प्लीज छोड़ो प्लीज रूको 

भोला- हाँ… हाँ… रुका मेमसाब हब रुका 

कामया- नहीं प्लीज ईई बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज 

भोला- अऔर जोर से करो हाँ… और जोर से ईयीई 

और उसकी स्पीड और बढ़ गई थी और उसके हाथों का जोर भी उसके चुचों को निचोड़ कर शायद खून भी निकाल देता अगर कामया के मुख से एक जोरदार चीख नहीं निकल जाती पर भोला को कोई फरक नहीं पड़ा वो निरंतर कामया को बेड पर और भी दबाता हुआ अपने आपको उसके अंदर और बाहर तक बहुत ही तेजी से ले जा रहा था कामया बेड पर लगभग चिपकी हुई सी थी हाथ पाँव एकदम से बँधे हुए से लग रहे थे और हिलने तक की जगह नहीं मिल रही थी बड़ी मुश्किल से अपने चहरे को थोड़ा सा ऊपर करते हुए सांसें भर रही थी एक तो इतना दबाब और उसपर उस जानवर के इतने तेज धक्के कामया की हालत खराब थी पर एक बात जो उस पूरी प्रक्रिया में थी वो थी कि उसके शरीर का निचोड़ फिर से उसकी योनि की ओर मुड़ गया था हर धक्के में उसकी जान तो जा रही थी पर एक मजबूत पकड़ के साथ उसकी योनि के अंदर भी एक हलचल मचती हुई उसकी उत्तेजना को निरंतर बढ़ाने की कोशिश करती जा रही थी भोला की आवाज के साथ-साथ उसकी सांसें भी कामया के कानों तक साफ-साफ सुनाई दे रही थी 

भोला- आआह्ह मेमसाहब आज नहीं 

कामया- प्लीज छोड़ो मर जाउन्गी प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज रूको थोड़ा उूउउम्म्म्म आआह्ह 

भोला उसकी बातों को अनसुना करता हुआ और भी तेजी से अपने पिस्टन की तरह आगे पीछे करता रहा और उसके शरीर का हर दबाब को और भी बढ़ता रहा कामया पिसती रही रही और हर धक्के में एक नये शिखर की रचना करती रही 

भोला- आज नहीं मेमसाहब आज नहीं आज करलेने दीजिए अपने मन की नहीं तो मर जाउन्गा 

और झट से अपने होंठों को कामया के चहरे को मोड़ कर उसके होंठों में रख दिया और जोर से चूसने लगा था 

कामया- उउउम्म्म्म प्लीज ए ए ए ए इतनी जोर से नहीं आआह्ह ईईईईए प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज 

पर भोला पर कोई फरक नहीं था उसकी रिक्वेस्ट का अपने दोनों हाथो से चुचियों को निचोड़ते हुए अपनी मनमानी किए जा रहा था 

कामया की सांसें फूल रही थी और योनि के दरवाजे पर कोई उसके अंदर से दस्तक देने लगा था 
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