Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 03:23 PM,
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
फोन की घंटी फिर बज उठी थी कामेश था कामया का हाथ किसी तरह से भोला को छोड़ कर वापस फोन तक पहुँचा था कि भोला के हाथों से फोन उसके हाथों पर आया कामया को होश नहीं था पर हाँ… भोला के हाथों का टच जो उसे हुआ था वो बहुत ही सुंदर था और अभी तो बहुत ही अच्छा लगा था थकि हुई थी और ऊपर अभी भोला लेटा हुआ था और उसके हाथों में फोन लिए हुए कामया ने एक बार फिर से 
कामया- हाँ… 
कामेश- सुनो वो ऋषि दोपहर तक आ जाएगा तुम तैयार रहना 4 बजे की फ्लाइट है और भोला को ट्रेन से आने को कह देना ठीक है 
कामया- जी 
कामेश- उठ गई हो की सो रही हो 
कामया- उठ गई हूँ 
कामेश- चलो रखता हूँ कल मिलेंगे 
कामया- जी 
और फोन कट गया अपने हाथों में फोन लिए हुए कामया ने थोड़ा सा जोर लगाया था अपने शरीर में ताकि भोला उसके ऊपर से हटे पर भोला उसे और भी अपनी बाहों में कसे जा रहा था जैसे की आख़िरी बार उतरने से पहले कस रहा था 
उसके कसाव में एक अनोखी बात थी एक अजीब सी जान थी और एक अजीब सा प्यार था वो उसके शरीर को कसता हुआ एक एहसास उसके अंदर तक उतर रहा था कि वो उसे कितना प्यार करता है या फिर उसके शरीर को कितना चाहता है यार फिर उसे छोड़ना नहीं चाहता जो भी हो एक अजीब सा मजा था उसे कसते हुए बाहों में अपनी रात भर की थकान को मिटाने का रात भर और सुबह के सेक्षुयल एन्काउन्टर का 


और सुबह सुबह अपने शरीर को आराम देने का कामया चुपचाप भोला के कंधों को धीरे से अपनी बाहों में भरकर चुपचाप लेटी रही कुछ देर तक फिर खुद भोला ही धीरे से उसके ऊपर से हट-ते हुए गहरे गहरे कुछ किस करता हुआ उसके ऊपर से उतर गया और बेड पर पड़े हुए चद्दर से उसे ढँकता हुआ भहर चला गया था 

कामया वैसे ही कुछ देर लेटी रही आखें अभी भी बंद थी पर पूरा तन जाग गया था 

उसका रोम रोम पुलकित सा था और हर अंग उसे अपने होने का एहसास दिला रहा था हर अंग में मस्ती थी हर अंग उसके शरीर में अपने जगह पर तने हुए थे आज सुबह का खेल बहुत ही मजेदार था कामया सोचती हुई धीरे से अपनी आखें खोलकर एक बार पूरे कमरे की और देखा सबकुछ वैसा ही था कुछ नहीं बदला था 

लेकिन कुछ तो जरूर बदला था वो शायद कामया की नजर ही थी उसके देखने का तरीका ही था थोड़ी देर बाद वो उठी और बाथरूम में जाकर नहा दो कर बाहर निकली बाथरूम में उसने एक बार अपने आपको देखा था बहुत करीब से उसके शरीर में हर कही लाल और काले दाग थे भोला के एक एक किसका और दबाने की निशान साफ-साफ दिख रहे थे उसके शरीर में वो अजीब सी मुश्कान उसके होंठों पर दौड़ गई थी और हर निशान को एक बार ध्यान से देखती हुई वो बाथरूम 
से बाहर आ गई थी घड़ी में 11 बज चुके थे बाहर कुछ हलचल थी कमरे के पर क्या पता नहीं थोड़ी देर बाद एक नॉक हुआ था डोर में कुछ कहने से पहले ही भोला हाथों में चाय का ट्रे लिए अंदर आ गया था जैसे कुछ कहने की या पूछने की जरूरत ही नहीं थी उसे आते ही बेड के पास वाले टेबल पर ट्रे रखते हुए नीचे नजर किए 
भोला- मेमसाहब चाय पी लीजिए 
और उसकी नजर एक बार फिर से कामया से टकराई थी पर कहा कुछ नहीं उसकी नजर में अब तक भूख साफ-साफ देखी जा सकती थी कामया जिस तरह से मिरर के सामने बैठी थी उसका गाउन जाँघो से फिसल गया था एक नजर उसपर डालते हुए भोला बाहर चला गया था 


कामया ने चाय की ट्रे की ओर देखा और बाहर जाते हुए भोला को पीछे से एक मुस्कुराहट की एक हल्की सी लाइन उसके होंठों पर फिर से दौड़ गई थी 

जानवर कही का रात भर क्या कुछ तो नहीं किया फिर भी मन नहीं भरा था अब भी देख रहा था मुस्कुराती हुई उठी थी कामया और चाय पीने लगी थी अब क्या करना है उसे पता नहीं था धीरे-धीरे अपने काम से निपटने लगी थी नहा धो कर एकदम फ्रेश थी वो कोई डिस्टर्बेन्स नहीं था और ना ही कोई घटना जिसे लिख सके ऋषि भी जल्दी ही आ गया था और फिर दोपहर का खाना खाकर सभी तैयारी में थे जाने की पर भोला की नजर बार-बार कामया के ऊपर रुक जाती थी पर कामया ने एक बार भी उसकी ओर नजर नहीं किया था और नहीं उसकी ओर देखने की हिम्मत ही थी उसमें 


ऋषि के साथ वो एरपोर्ट की ओर भी रवाना हो गई और जल्दी ही घर भी घर पर मम्मीजी के साथ बहुत सी बातें और फिर रात कामेश के ना आने से कामया थोड़ा सा बिचालित थी पर एक सुखद सा एहसास उसके अंदर अब तक जीवित था कल का भोला का और उस रात की हर घटना का घर पर सभी कुछ नार्मल था एक अजीब सी तैयारी का महाल था गुरुजी के आने का बहुत दिनों बाद उनके घर पर आ रहे थे इसलिए बहुत काम था सभी को घर का हर कोना साफ और चमकदार बना हुआ था हर कोई उनके आने से पहले फ्री हो जाना चाहता था 


भीमा की खेर नहीं थी वो तो शायद सांस लेने तक की फ़ुर्सत नहीं थी उसे फिर भी कोई शिकायत नहीं थी उसे एक नजर उसने भी कामया पर डाली थी और एक आह भरकर ही रह गया था कामया अपने आप में थी पता नहीं कितनो का दिल तोड़ कर और कितनो का दिल जोड़ कर बैठी है शायद उसे भी पता नहीं था हाँ… पर रात को वो खूब सोई थी जैसे बहुत दिनों की नींद पूरी की हो पर रात भर सपने में भोला की याद उसे आती रही थी एक अजीब सी कसक उसके शरीर में पैदा हो गई थी वो ना चाह कर भी अपनी हाथों को अपने जाँघो तक ले जाने से रोक नहीं पाई थी 
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 03:23 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 2,193 10 hours ago
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 1,062 11 hours ago
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 879 11 hours ago
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,743,105 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 575,015 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,337,339 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,020,673 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,795,167 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,198,694 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,155,068 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 10 Guest(s)