RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
अब में अपना हाथ उसके बड़े बड़े बूब्स पर धीरे धीरे फेरने लगा। क्या बूब्स थे? काफ़ी बड़े और टाईट थे। अब में उसके बूब्स को दबाने लगा, बहुत मज़ा आ रहा था। में ऐसा सोच रहा था, जैसे कि ये सफ़र ख़त्म ही ना हो, मेरा लंड काफ़ी टाईट हो चुका था और वो भी बार बार उसे छूने की कोशिश कर रही थी, तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया। ऐसा करते ही वो बहुत कामुक हो चुकी थी। फिर अचानक से उसने अपनी शाल अच्छे से ओढ़ ली और थोड़ी मेरी तरफ शाल दे दी, ताकि मेरा लंड उस शाल में ढक जाये, वो चाहती थी कि में अपना लंड बाहर निकालूँ। मैंने भी ऐसा ही किया और अपनी चैन खोली और अंडरवियर में से अपना लंड बाहर निकाला। वो उसे टच करते ही बहुत खुश हो गयी और उसने अपने ब्लाउज के बटन भी खोल दिए। ताकि में भी उसके खुले बूब्स का लुप्त उठा सकूँ। क्या निप्पल थी उसकी? बड़ी बड़ी और एकदम टाईट थी। मन तो कर रहा था कि उसे अपने मुँह में लेकर मसल डालूँ, लेकिन में बस में होने के कारण ऐसा नहीं कर सकता था।
में उसके बूब्स को खूब ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और वो मेरे लंड को मसल रही थी, हम दोनों बहुत उत्तेजित थे और उसने अपनी साड़ी नीचे से थोड़ी ढीली कर दी, ताकि में उसकी चूत में अपना हाथ डाल सकूँ। में धीरे धीरे अपना हाथ उसके नीचे पेट पर ले जाने लगा और हाथ फेरने लगा, मुझे धीरे धीरे सब करना बहुत पसंद है। में उसके पेट पर हाथ फेर रहा था और उसकी चूची को भी सहला रहा था। फिर मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया और में पेंटी के ऊपर से हाथ फेर रहा था। उसकी पेंटी भी काफ़ी गीली हो चुकी थी। उसकी चूत में से काफ़ी पानी निकल चुका था और अब भी निकल रहा था। वो सिसकियाँ ले रही थी, आअहह उहाआअ। अब मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया और अपनी उंगली को उसकी चूत में डाल दिया, वो एकदम कराह उठी। अब में उसकी चूत में अपनी उंगली डाल कर उसे चोद रहा था और वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी।
अब हम लोग इतने एग्ज़ाइटेड हो चुके थे कि दोनों अब झड़ने वाले थे। वो अब झड़ चुकी थी और मेरे हाथ पर उसका पानी लग चुका था और मेरे लंड में से भी अब पानी निकल गया और पूरा पानी उसके हाथ में निकल गया। फिर उसने धीरे से नीचे आकर एक कागज उठा लिया और अपने हाथ साफ कर लिए और फिर एक टुकड़ा मैंने भी लिया और अपने लंड और हाथ को साफ कर दिया और मैंने दोनों कागज के टुकड़े खिड़की से बाहर फेंक दिए। अब हम दोनों अच्छे से शांत हो चुके थे। फिर हमने एक दूसरे को अपना परिचय दिया और फोन नंबर दिया। फिर हम अपने स्थान पर पहुँच गये और अपनी अपनी गली निकल गये, लेकिन एक दिन मैंने उसे कॉल किया और बोला कि में उसके बिना नहीं रह पा हूँ और उसके साथ कहीं सेक्स करना चाहता हूँ। हम दोनों ने प्रोग्राम बनाया और हम एक दिन एक रिसोर्ट में मिले और एक दिन वही रहने का प्रोग्राम बना लिया था। उस दिन वो इतनी हॉट साड़ी पहनकर आई थी कि में तो देखकर पागल हो गया और में उसे सीधा रिसोर्ट में ले गया और हम अपने रूम में चले गये, जो मैंने पहले ही बुक कर रखा था, जैसे ही हम रूम में पहुंचे तो मैंने रूम को अन्दर से बंद कर लिया और सीधा उसके पास गया और उसे टाईट से हग किया। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
मुझे लड़कियां साड़ी में बहुत अच्छी लगती है और उसने उस दिन बहुत अच्छे से साड़ी पहन रखी थी, जैसे हिन्दी फिल्म में या धारावाहिक में लड़कियां पहनती है, तो में उसे हग करते करते उसे स्मूच करने लगा और उसके होठों को 15 मिनट तक चूसा और वो भी मेरा साथ दे रही थी। फिर मैंने अपना एक हाथ साड़ी के ऊपर से ही उसके बूब्स पर रखा और दबाने लगा, वो भी मस्त होने लगी थी। में उसे इतनी जल्दी नंगा नहीं करना चाहता था, क्योंकि मुझे धीरे धीरे सेक्स बहुत पसंद है तो में साड़ी के ऊपर से ही उसके बूब्स से खेलने लगा। उसने पिंक ओरेंज मिक्स कलर की साड़ी पहनी हुई थी।
फिर उसके बूब्स से खेलते खेलते मैंने धीरे से उसके पल्लू को हटाया और उसके ब्लाउज के हुक को खोल दिया। अब वो ब्रा में थी। में बहुत देर तक ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाता रहा, अब वो गर्म हो गई थी और अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और बोली कि प्लीज मुझे चोदो, में अब नहीं रुक सकती। ये सुनते ही मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी ब्रा खोल दी और उसकी साड़ी खोलने लगा। फिर में अपना मुँह उसके पेटीकोट के अन्दर ले गया और उसकी पेंटी खोलकर पेटीकोट के अंदर ही उसकी चूत को किस करने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसका पेटीकोट खोल दिया और वो पूरी नंगी हो गई, उसने पहले ही मेरे लंड को हाथ से हिला हिलाकर इतना टाईट कर दिया था कि वो उसकी चूत के अंदर जाने के लिए बिल्कुल तैयार था।
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