RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
में इतना ज्यादा उत्तेजित था कि कुछ ही देर में उसके मुँह में झड़ गया। उसने पूछा कि मज़ा आया.. तो मैंने कहा कि मज़ा तो आया.. लेकिन अधूरा। वो हँसी और बोली कि कल सुबह हम दोनों ऑफीस नहीं जायेंगे और वो मेरे घर 9 बजे आ जायेगी और पूरे दिन हम साथ रहेंगे। फिर जितना चाहो चूत की पूजा और दर्शन करना। मैंने फिर उसे घर छोड़ दिया और घर पहुँच कर में सुबह का ही इंतज़ार कर रहा था। में सुबह 6 बजे ही जाग गया और उसे फोन किया तो वो बोली कि अभी तो 6 ही बजे है। मैंने कहा कि बस जल्दी आ जाओ बस.. अब इंतजार ही नहीं हो रहा है। सुबह करीब 8:30 बजे बेल बजी और मैंने दरवाज़ा खोला.. तो सामने वो खड़ी थी।
उसने एक सिल्क की साड़ी पहन रखी थी और वो ग़ज़ब का माल लग रही थी। वो अंदर आई और बात करने लगी। में उसके पास गया और उसे किस करना शुरू कर दिया। उसने कहा कि आराम से और में किस किये जा रहा था। फिर में एक हाथ से उसकी निप्पल और दूसरे हाथ से उसकी चूत रगड़ रहा था। अब वो भी धीरे-धीरे गर्म हो रही थी। मैंने उसे बेड पर लेटाया और नंगा कर दिया.. फिर मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और चोदन क्रिया को तैयार थे। मैंने लंड को पकड़ा और उसकी चूत में लंड डाला.. काफ़ी टाईट चूत थी उसकी.. लगता था कि बहुत कम चुदी हुई है। में धीरे-धीरे धक्के मार रहा था और वो भी धीरे-धीरे मधहोश हुये जा रही थी। उसकी चूत एकदम साफ थी.. मैंने पूछा कि बड़ी चिकनी है तेरी चूत.. तो वो बोली सुबह-सुबह तेरे लिए ही साफ की है.. वरना कल तो बालों से भरी हुई थी। अब मैंने धक्को की स्पीड बड़ा दी.. वो कहने लगी कि चूत के बाहर झड़ना.. वरना कहीं बाद में गड़बड़ ना हो जाये। में इतनी ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था कि साला लंड अंदर ही झड़ गया.. वो एकदम उठी और भागी और मूतने लगी। में बाहर खड़ा हो कर उसे मूतते हुए देख रहा था।
मैंने कहा कि इतनी जल्दी क्या थी मूतने की.. तो वो बोली ताकि बाद में ज्यादा गड़बड़ ना हो.. वो खड़े होकर मेरे पास आई और मेरे लंड को पकड़कर बोली.. अब तो भूख मिट गई होगी तेरे लंड की। मैंने उसके दोनों बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा। पहला सेक्स किये हुये हमे 15 मिनट ही हुए थे और में दूसरे राउंड के लिये तैयार था। हम बाथरूम में ही थे.. में उसके पीछे गया और उसके बूब्स बहुत ज़ोर से दबाने लगा। उसके निप्पल रगड़ने में तो बहुत ही मज़ा आ रहा था। उसके बूब्स भी एकदम तन गये थे। अब मैंने उसे आगे की और झुकाया और पीछे से लंड उसकी चूत में प्रवेश कराया.. जैसे जैसे लंड अंदर जा रहा था वैसे वैसे उसकी सिसकियाँ तेज हो रही थी। में धक्के पर धक्के मारे जा रहा था और वो सिसकियाँ लेती जा रही थी। लगभग 15-20 मिनट के बाद लंड झड़ने को तैयार था और इस बार मैंने लंड उसके बूब्स पर झाड़ दिया।
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