RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
मासी
अपनी स्टोरी लिख रहा हूँ और मुझे आशा हे की आप को मेरी यह स्टोरी जरुर पसंद आयेगी तो अब स्टोरी पर आते हे तो दोस्तो मेरा नाम संजय है, में अजमेर मे एक कम्पनी मे जॉब करता हु , पर ये बात तब की है जब में स्कूल मे था ओर अपने
घर पर था , मेरे होमटाउन मे ही मेरी मौसी भी रहती थी ओर तब उनकी शादी नही हुई थी में आपको बता दूँ मौसी बहुत खूबसूरत है में तो उनका ज़माने से दीवाना था बस मोके नही मिल रहे थे, मौसी बी.एड कर रही थी ओर दिन मे उनका कॉलेज रहता था ओर दोपहर को वापस घर आती थी, मौसी के साथ माँ, नाना, नानी भी रहते है, पर वो तीनो जॉब करते है तो सब अपने ऑफीस निकल जाते है सुबह ओर दोपहर मे ही मौसी अकेली रहती है.
में अक्सर उनके यहा किसी भी टाइम चला जाता था, पर 12वी मे मैने कोचिंग उनके घर के पास ही लगा ली, वैसे मौसी के साथ मेरा रिश्ता शुरू से ही दोस्त जैसा है क्योकि उनकी ओर मेरी उम्र मे सिर्फ़ 3 साल का ही अन्तर था, हम दोनो काफ़ी मज़ाक मस्ती, डांस भी करते थे, ओर कभी वो मस्ती मे मुझे गालो पर किस भी कर दिया करती थी, में जब उनके यहा पढाई करता था तो हमेशा मौसी के साथ ही सोता था, ओर जब रात को सब सो जाते थे तो मौसी मेरे से चिपक जाया करती थी, क्या बताऊँ दोस्तो मेरा तो लंड खड़ा हो जाया करता था।
कभी वो मेरे पेरो पर अपने पेर रख लेती ओर कभी लंड पर हाथ ओर मे अंदर ही जल पड़ता था, पर डर से कुछ करता नही था, क्योकी मुझे लगता था की वो नींद मे है एक दिन सर का कॉल आया की कल कोचिंग दोपहर मे 3 से 5 रहेगी क्योकि शाम को उन्हे कुछ काम है, मैने ओके बोल कर फोन काट दिया अगले दिन में कोचिंग के लिये लेट हो गया तो सर ने मुझे डाटा ओर सर थोड़े सनकी है तो उन्होने मुझे क्लास से भगा दिया, मैने भी सोचा अच्छा है वैसे भी मन नही था दोपहर मे पढ़ने का, तो लौटते टाइम मे मौसी के घर चला गया.
मौसी घर मे अकेली थी मैने बेल बजाई तो मौसी ने डोर खोला ओर मुझे देख कर काफ़ी खुश हो गई में अंदर गया ओर पानी पी कर आराम से मौसी के साथ सोफे पर बैठ गया, मौसी मुझसे बाते करने लगी इधर उधर की क्या चल रहा, कैसे हो, ओर ये सब बस, पर उनके दिमाग़ मे कुछ चल रहा था जिससे मे अंजान था बात करते करते अचानक मौसी उठी ओर बेडरूम मे जाकर लेट गई, तो
मैने उनसे पुछा की क्या हुआ, थक गई हो, नींद आ रही है क्या तो
मासी बोली नही बस थोड़ा पेरो में दर्द है तो आराम करना चाहती हूँ.
मैने कहा ठीक है आप आराम करो में जा कर टी.वी देखता हूँ शाम को जब नाना नानी आ जायेगे तो उनसे मिल कर चला जाऊंगा इतना कह कर में वहा से जाने लगा इतने मे
मौसी ने आवाज़ दी ओर कहा की संजय सुनो तो
मैने कहा हाँ मौसी बोलो तो वो कहने लगी की अगर बुरा ना मानो तो मेरे पेर थोड़ी देर दबा दो मैने कहा ठीक है ओर मैं उनके पेर दबाने लगा मौसी ने बिना दुप्पटे के सलवार-कुर्ता पहना हुआ था.
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